दोस्तो, मेरा नाम विराट सिंह है. मेरी उम्र 24 साल है, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ.
इस घटना में मैं आपके साथ साझा करने वाला हूँ कि कैसे मैंने अपनी मौसेरी बहन सोनिया की चुत मारी.
यह स्टोरी मेरी और मेरी बहन सोनिया के बीच की है. सोनिया मेरी मौसी की लड़की है. उसके बारे में मैं आपको बता दूँ कि वो बहुत ही सेक्सी माल है. उसके मम्मे तो जैसे एकदम गोल गेंदें हैं. वो जब भी सामने आ जाती है, तो मन करता है कि इसको पकड़ कर इसकी उछलती और मचलती जवानी को कच्चा ही खा जाऊं. सच में उसका फिगर बहुत ही कमाल का है. वो मुझसे उम्र में 4 साल बड़ी है.
मेरी मौसी का परिवार गांव में रहता है, जबकि हमारी फैमिली यहां शहर में रहती है. हमारे घर में 4 लोग हैं, मैं, मेरे पापा, मेरा छोटा भाई और मेरी मम्मी. हमारे घर में दो कमरे हैं और बाहर बरामदा है.
यह बात तब की है, जब मैं इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कर रहा था. मैंने अब तक बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स किया था क्योंकि मुझे सेक्स करने का बहुत शौक था.
मैं अक्सर महीने में एक दो बार सेक्स कर लेता था. लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही दिन हो गए थे. लंड के लिए कोई जुगाड़ ही नहीं लग रही थी. मेरे लंड का मेरी गर्लफ्रेंड्स की चुत चोद चोद कर मन भर गया था. अब मैं कोई नया माल ढूँढ रहा था. तभी हमारे घर पर मेरी मौसी की लड़की आई. मेरी मौसी की 3 लड़कियां हैं. ये वाली लड़की सोनिया सबसे बड़ी वाली थी. वो हमारे घर पर आई. जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया.. क्या कमाल थी. वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उसने सूट और टाइट पजामी डाली हुई थी.
जब मैंने उसे देखा तो मुस्कुरा कर उसे विश किया. उसने मुझे हाथ के इशारे से अपने करीब बुलाया और हालचाल पूछा. कुछ देर बाद वो घर में अन्दर चली गई. मैं बहुत खुश था क्योंकि मैं अपनी मौसी की लड़की से सब तरह की बात कर लेता था, वो मुझसे बहुत खुली हुई थी, वो मेरी पहले से ही अच्छी फ्रेंड थी. मैं अक्सर गांव में उनके घर जाता रहता था. इसलिए वो मेरी अच्छी फ्रेंड बन गई थी. उसको मेरे बारे में और मुझे उसके बारे में सब पता था.
जब वो घर आई तो मैं भी घर में आ गया. मैंने उससे पूछा कि यहां अचानक कैसे आना हुआ?
तो उसने कहा कि यार एक प्रॉब्लम हो गई है.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
सोनिया बोली कि वो प्रेग्नेंट है और माँ बनने वाली है.
मैं ये सुन कर हैरान रह गया था.
मैंने उससे पूछा- तेरी शादी कब हुई और ये सब क्या है?
उसने मुझे सब बताया कि वो किसी लड़के से प्यार करती थी और उसने उसी के कोर्ट में शादी कर ली, किसी को नहीं बताया है. अभी भी वो घर में जिद करके इधर आई है.
मेरे बहुत कहने पर उसने ये सब मेरी मम्मी को भी बताया तो मम्मी भी थोड़ा गुस्सा हुईं लेकिन उसको अपने कमरे में ले गईं.
कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. वो इधर ही रहने लगी. उसकी मम्मी से मेरी मम्मी ने कह दिया कि इसको इधर ही रहने दो. दरअसल मेरी मम्मी ने मौसी को अपने तरीके से समझा दिया था और अब सोनिया मेरे घर पर ही रहने लगी थी.
दो महीने बाद उसने एक लड़की को जन्म दिया. उसका हजबेंड बाहर सऊदी में था, उसने अपने पति को कॉल किया और बताया. वो भी खुश था.
सब खुश थे लेकिन मैं यहां कुछ और ही सोच रहा था.. और हो कुछ और रहा था. मुझे भी सेक्स किए अब काफ़ी समय हो गया था.
दिन निकलते गए. एकाध बार पुरानी जुगाड़ के साथ लंड चुसाई करवा कर खुद को शांत भी कर लिया था. लेकिन चूत नहीं मारी थी.
इधर सोनिया की लड़की 3 महीने की हो गई, लेकिन मेरी मौसी की लड़की अब कुछ उदास सी रहने लगी.
एक दिन मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम आजकल खुश नहीं रहती?
तो उसने मुझे बताया कि उसका हबी अब उसको फोन तक नहीं करता.. ना ही फोन उठाता है.
मैंने कहा कि वो बिज़ी होगा.. समय नहीं मिलता होगा.
तो उसने कहा कि वो मुझे छोड़ देना चाहता है. अब वो कहता है कि उसे मेरे साथ नहीं रहना है.
इतना बता कर वो रोने लगी. मुझे बहुत दुःख हुआ, उसका ये दर्द मुझसे देखा ना गया. मैं उसको चुप कराने लगा. उस वक्त माँ बाहर गई हुई थीं. मेरी माँ को ये पता नहीं था. मैंने सोनिया को थोड़ा दिलासा दिया, चुप होने को कहा.. उसके थोड़ा पास को गया, उसको अपने गले से लगाया और चुप कराया.
अब तक मेरे मन में अपनी बहन को लेकर ऐसी कोई बात नहीं थी. लेकिन जब मैंने उसे गले लगाया तो मुझे कुछ हुआ. उसको भी अच्छा महसूस हुआ.. वो और भी मुझे लिपट गई. मैंने उसको थोड़ा और ज़ोर से गले से लगाया. उसने भी मुझे अच्छे से गले लगाया.
ये एक अजीब सी फीलिंग थी, बता नहीं सकता कि मुझे क्या लग रहा था. उसके दूध मेरे सीने से चिपके हुए थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मेरा मन कर रहा था कि अभी उनको पकड़ लूँ. इससे पहले मेरी नियत खराब नहीं थी, लेकिन इस हरकत के बाद मेरा ख्याल बदल गया था. उसके मम्मों का तो मैं पहले से ही दीवाना था. मुझे वैसे भी दूध के खेलना बहुत पसन्द है.
अब मेरा मन अपनी बहन के लिए बदल रहा था. वो दुखी थी लेकिन मैं यहां कुछ और ही सोच रहा था.
कुछ दिन निकले, हम अब दोनों आपस में बात करते रहते थे. मेरे मन में मेरी बहन को चोदने का ख्याल आ गया था. वो मेरी खोपड़ी में घुस गई थी.. और मुझे अपनी बहन को चोदने का नशा चढ़ गया था. अब मैं उसके आस पास ही रहने लगा था. उसको देखता, टच करता.. जानबूझ कर उसको खुश करता. वो भी खूब हंसने लगी थी.
इसी तरह दिन निकलते रहे.
अब सर्दी का मौसम आ गया था. चूंकि हमारे घर में दो ही कमरे थे. उसकी लड़की भी थी. हम भी चार लोग थे तो तो एड्जस्ट करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. एक कमरे में मेरी मम्मी और पापा सोते और दूसरे में और मेरा भाई सोते थे. हम अपनी बहन के बिस्तर के पास ही चारपाई पर बिस्तर लगाते थे, सर्दी बढ़ गई थी इसलिए ठंड होने के कारण रज़ाई ओढ़ लेते थे. हम दोनों भाई अलग अलग रज़ाई ओढ़ते थे. इसी तरह हम सब एड्जस्ट करते रहे.
अब मैं अक्सर अपनी बहन को देखता था. वो घर पर सूट पहन कर रहती थी. चूंकि वो बहुत ही सेक्सी थी, एक बच्ची हो जाने के कारण वो और भी ज्यादा निखर गई थी उसकी चूचियों में दूध भरा रहने के कारण और भी भराव आ गया था. मेरा भी उसके बारे में ख्याल बदल गया था. मैं कॉलेज से आता और उसके साथ बात करता, उसको खुश करता. वो भी मेरे साथ खुश रहने लगी थी.
आपस में खुलापन होने के कारण मैं अक्सर उसको अपनी जीएफ के किस्से सुनाता रहता था कि आज मैंने ऐसा किया, आज मैंने कैसे अपनी जीएफ को किस के लिए पटाया. ऐसे मैं अपने बारे में उसको बता कर उसको खुश करता और उकसाता रहता था. वो भी ये सब सुन कर खुश होती.
चूंकि मैं उसके साथ मज़ा करना चाहता था और ये भी समझ रहा था कि इसकी चुत को भी लंड की खुराख की जरूरत होगी. लेकिन मैं अच्छे मौके की तलाश में था.
हम दिन भर एक दूसरे से बातें करते रहते, एडल्ट जोक भी चलते रहते. वो मेरे साथ बहुत खुश रहने लगी. जब घर पर कोई नहीं होता तो मैं उसके साथ चिपक कर बैठता, उसको टच करता. वो भी मेरे बदन से चिपकने के मज़े लेती, लेकिन मैं कुछ इससे ज्यादा ही पाने की सोच में था. अब मेरे कंट्रोल से बाहर हो रहा था.
वो भी मुझसे इतनी अधिक खुश रहने लगी थी कि वो हमेशा मेरा इन्तजार करती थी. हम दोनों खाना साथ में ही खाते थे. वो मेरी तरफ बढ़ रही थी. मैं भी अब उसकी तरफ़ बढ़ रहा था. बस हम एक दूसरे को अपनी फीलिंग नहीं बता पा रहे थे.
मैं अक्सर उसको टच करता, कभी पीठ पर, कभी गाल पर, कभी उसकी कमर पर हाथ फेर देता, वो कुछ नहीं कहती.
अब मैं इससे आगे बढ़ कर कुछ और भी करना चाहता था.
एक रात मैंने उससे कहा कि तुम बेड पर सोती हो, ये बेड बड़ा है. मैं यहां ऊपर तुम्हारे साथ बेड पर सोऊंगा, चारपाई पर 2 लोगों से सोया नहीं जाता.
ये सब मैंने सबके सामने कहा ताकि किसी को शक भी ना हो. इस पर मम्मी ने कहा कि ठीक है.. सो जाना, लेकिन उसकी लड़की छोटी है. उसको अपनी टांगों से नीचे मत गिरा देना, ध्यान से सोना.
तभी मेरी बहन सोनिया भी बोली- कोई बात नहीं मौसी.. कोई बात नहीं.. मैं लड़की को दीवार की तरफ सुला दूँगी, ये मेरे बगल में लेट जाएगा. कोई बात नहीं.
मैंने भी कहा- हां आप चिंता मत करो माँ.
माँ ने कहा- ठीक है.. तुम दोनों जानो.. तुम्हें ही सोना है.
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ.
अब रात को मैं अपनी बहन के बगल में सोया. मैं अपनी रज़ाई में था, वो अपनी रजाई में थी. मेरे मम्मी पापा दूसरे कमरे में थे. उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया. मैंने भी अपने कमरे का दरवाजा थोड़ा सा बंद कर दिया. अब मैं अपने भाई के सोने का वेट कर रहा था कि कब वो सोए और मैं कुछ कर सकूँ. कुछ देर में वो भी सो गया लेकिन मुझे नींद कहां थी, मेरे दिमाग़ में कीड़ा रेंग रहा था.
थोड़ी देर बाद सब सो गए. मैंने देखा कि मेरी मौसी की लड़की जाग रही है. वो फोन पर कुछ कर रही थी.
मैं बैठ गया और उसकी तरफ़ देखा. उसने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा दी.
मैं थोड़ा और आगे को हुआ और उसको उसकी रज़ाई में जाकर पीछे से हग करते हुए धीरे से पूछा- अब तक सोई नहीं?
उसने भी मेरी तरफ़ मुँह कर लिया. उसने कहा- तू भी तो नहीं सोया.
मैंने कहा- मुझे नींद नहीं आ रही.
उसने कहा- मुझे भी नींद नहीं आ रही है.
मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया. उसने कुछ नहीं कहा, वो फोन पर लगी हुई थी. मैंने ऐसे ही अपना हाथ रखा और धीरे धीरे फेरने लगा. वो भी कुछ नहीं बोली.
अब मैं उसकी रज़ाई में पूरा घुस गया था. तभी उसने फोन रख दिया और अपनी आँखें बंद कर लीं.
मैं धीरे धीरे उसकी कमर पर हाथ फेर रहा था. वो कुछ नहीं बोल रही थी.
मैंने उससे बात कि और पूछा- क्या हुआ बताओ?
उसने कहा- कुछ नहीं.
उसने इस वक्त टीशर्ट डाली हुई थी, नीचे सलवार थी. मैंने हिम्मत की और एक हाथ उसके ऊपर वाले दूध पर रख दिया. उसने अपनी आँखें खोल लीं, मैं डर गया. लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, बस मुझे देखने लगी.
तभी मैंने उसके दूध को धीरे से सहला दिया. वो अब भी कुछ नहीं बोल रही थी, ना ही कोई हरकत कर रही थी. मैं डर भी रहा था और मजा भी आ रहा था. मैंने अपना काम जारी रखा.
मैंने उसको धीरे से हिम्मत करके बोला- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
उसने कोई जवाब नहीं दिया.
मैंने उसे दूध से अपना हाथ नहीं हटाया. मैं धीरे धीरे उसके मम्मे को सहला रहा था. मैं यूं ही लगा रहा, वो कुछ नहीं बोली.
अब मैं थोड़ा उससे पास होकर चिपक गया और उसकी आँखों में देखने लगा. वो भी मुझे देख रही थी. मैंने फिर से उससे कहा- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
उसने मुझे धीरे से सीने से लगा लिया और बोला कि विराट तुम भी बहुत अच्छे हो.
मैंने उसको गले से लगा लिया हमने एक दूसरे को जफ्फी डाली.
मैं अब भी उसके दूध पर लगातार हाथ फेर रहा था. मैंने उससे कहा- तुम्हारे ये बहुत अच्छे हैं.
उसने कहा कि तुम्हारी जीएफ से भी अच्छे?
मैंने कहा- उसके तो छोटे से हैं लेकिन तेरे बहुत बड़े हैं.
तो वो हंसने लगी.
मैंने उससे कहा- तुम सच में बहुत सुन्दर और सेक्सी हो.
वो फिर से हंसने लगी, बोली- अच्छा… पहले तो कभी नहीं बोला.
मैंने कहा- मैं डरता था कि कहीं तुम गुस्सा ना हो जाओ.
उसने कहा- और बताओ.. तुम्हें और क्या अच्छा लगता है?
मैंने कहा- तुम सारी की सारी मुझे अच्छी लगती हो.. मैंने बहुत लड़कियां देखी हैं.. लेकिन तुम बहुत सेक्सी हो. तुम्हारे दूध मुझे बहुत पसन्द हैं.
इतना कह कर मैं टीशर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों के ऊपर बेहिचक हाथ फेरने लगा.
वो भी अपने मम्मों को सहलवाने का मजा लेने लगी.
मैंने कहा- क्या मैं तुम्हें प्यार कर सकता हूँ.. तुम्हारे दूध को पकड़ सकता हूँ?
उसने कहा कि तुम पकड़े हुए ही हो और कैसे पकड़ना है?
मैंने कहा- मतलब मैं इनको देख सकता हूँ.. प्यार कर सकता हूँ?
वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसको चूमा और उसके एक दूध को जोर से पकड़ लिया.
मैंने कहा कि टीशर्ट उतार दो.
उसने कहा कि कोई जाग जाएगा.
मैंने थोड़ा ज़ोर डाला तो मान गई.
मैंने कहा- बस थोड़ा सा करूँगा.
वो मान गई, उसने अपनी टीशर्ट ऊपर उठा दी. अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी. जैसे ही टीशर्ट उठी, सामने उसके मम्मे थे.. आह.. क्या दूध थे.. एकदम गोल.
मैंने एक को अपने हाथ में लिया और धीरे धीरे मसलने लगा. एक एक करके दोनों मम्मों को मुँह में लेने लगा. मैंने उसको नीचे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ कर उसका दूध पीने लगा.
वो सिसकारियां ले रही थी. उसके दूध बड़े बड़े थे.. मेरे मुँह में नहीं आ रहे थे. मैं दूध पीने के मजे ले रहा था. वो भी चुदास से गर्म हो रही थी. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. वो भी कामुक सिसकारियां भर रही थी. ‘ओह्ह.. हम्म अहम्म श श..’ सोनिया के मुँह से धीरे धीरे आवाजें निकल रही थीं.
मैं धीरे धीरे थोड़ा आगे बढ़ा. मैंने बहुत सारी लड़कियों के मम्मों को पिया है.. मज़े किए हैं.. मसले हैं.. लेकिन इसकी बात ही कुछ और थी. मस्त दूध आ रहा था.
मैं सोनिया को किस करने लगा. वो भी मेरा सर अपने मम्मे पर दबा रही थी और दूध पिला रही थी.
अब मैं धीरे धीरे उसके दोनों मम्मों के दूध को पीने लगा और मजा लेने लगा. उसको भी अब मज़ा आ रहा था. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं उसके साथ चिपक रहा था, वो भी मेरे साथ चिपकी जा रही थी. वो गरम हो गई थी.
अब शायद उससे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. वो कामुक सिसकारियां ले रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… श श..
धीरे धीरे मैं अपना एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर ले गया और उसके ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा. वासना के कारण उसकी चूत से रस निकलने लगा था, उसकी सलवार गीली सी हो चली थी. अब उसने मुझे ऊपर चुदाई की पोजीशन में ले लिया और अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर किस करना शुरू कर दिया.
मैं एक हाथ से दूध दबा रहा था. वो भी मेरा साथ दे रही और किस कर रही थी. हम दोनों बहुत गरम हो चुके.. और एक दूसरे से चिपकते हुए मानो घुसे जा रहे थे.
इतनी ठंड में भी गरमी लग रही थी. सच में बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसके कान में कहा कि मुझे अन्दर डालना है.
उसने बोला कि कोई जाग जाएगा.
मैंने कहा- कोई नहीं जागेगा.
उसका भी चुदाई का बहुत मन कर रहा था लेकिन हम दोनों डर भी रहे थे. उसने मुझसे कहा कि डर लग रहा है.
मैंने कहा- मुझे भी लेकिन मुझे तेरे साथ करना है.
मैं उसके मम्मों और चुत पर हाथ फेरे जा रहा था. वो भी मज़े ले रही थी. मैंने उसकी सलवार में हाथ डाल दिया, तो उसने कहा- यार कोई जाग जाएगा.. रहने दो.
उसकी इस आवाज में मना करने जैसी बात नहीं थी. आग दोनों तरफ़ लगी हुई थी. मैंने उसकी पैंटी पर से उसकी चुत पर हाथ रखा, उसकी पैंटी गीली हो गई थी. मैंने धीरे से उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया. तभी उसने मुझे खींच कर अपने सीने से लगा लिया और मुझे होंठों पर किस करने लगी.
मैंने चूमते हुए उसकी चुत पर हाथ लगाया.. आह क्या मक्खन चुत थी यार मजा आ गया. उसकी चुत पर थोड़े थोड़े मुलायम से बाल थे. एकदम गर्म और फूली हुई चूत थी. उसको भी लंड की ज़रूरत थी, वो काफ़ी समय से चुदी भी नहीं थी.
मैंने चुत के ऊपर हाथ फेरना शुरू कर दिया. अब मैं उसकी चुत में अपनी छोटी उंगली डालने लगा.
वो चुदास से भरी हुई सिसकारियां ले रही थी- ओह्ह… इश इष्ह इश उम्म्ह… अहह… हय… याह… विराट अयेए मजा आ रहा है.. सोनिया मेरी उंगली से अपनी चुत में मजा लेते हुए धीरे धीरे बोल रही थी.
मैंने उसके एक दूध को मुँह में लिया और चूसने लगा.. साथ ही नीचे उसकी चुत में उंगली करता जा रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था, वो भी मेरे साथ चिपक का मजा ले रही थी.
हम दोनों इस चुदाई के खेल में मस्त हो गए थे. उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. उसका हाथ लगते ही मेरा लंड और टाइट हो गया. मुझे मज़ा आने लगा. उसने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया और लंड को सहलाने लगी. मैं उसकी चुत में उंगली किए जा रहा था और दूध दबा दबा कर बदल बदल कर दूध को पीता जा रहा था. सच में बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ ऐसे करने के बाद वो झड़ गई. उसकी चूत का पानी मेरे हाथ पर लग गया था. हम दोनों बहुत गरम हो गए थे.
अभी रात के 2:30 बज चुके थे. मैंने उसको गले से लगाया और चूमने लगा. वो भी मुझे चूमने लगी. हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे. अब उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था, वो अपनी चुत को सलवार के ऊपर से ही मेरे लंड के ऊपर मसल रही थी. आग दोनों तरफ़ थी लेकिन हम दोनों इससे आगे कुछ करने से डर भी रहे थे. क्योंकि मम्मी अक्सर रात को उठ कर छोटी बच्ची को देखने आती थीं. रात को जब कभी मेरी आँख खुल जाती तो मैंने कई बार देखा था कि मम्मी बच्ची को देखने आ जाती हैं. ये सब ध्यान में रख कर हम दोनों ने ऐसे ही थोड़ा मज़ा किया और किस करते रहे. मैं भी उसके दूध पीता रहा.
मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी चुत मारनी है.
उसका भी बहुत मन था लेकिन हम डर भी रहे थे कि कहीं मम्मी ना जाग जाएं.
उसने मुझसे कहा कि मन तो मेरा भी बहुत है कि अभी सब कर लूँ.. लेकिन डर रही हूँ.
मैं कुछ नहीं बोला बस उसकी चूची चूसता रहा.
उसने कहा कि एक काम करते हैं, जब घर पर कोई नहीं होगा, तब हम आराम से मज़े से करेंगे.
मैंने पहले तो गुस्सा किया लेकिन मैं बाद में मैं मान गया. हम ऐसे ही किस करते रहे चिपके रहे, कुछ देर बाद मैं अपनी रज़ाई में आ कर सो गया.
ये तो आपने पढ़ ही लिया था कि मेरी बहन सोनिया मौसी की लड़की बहुत सेक्सी है और उसके बड़े बड़े मम्मे हैं. उसके मम्मों को देख कर कोई भी इंसान पागल हो सकता है. उसकी फिगर बहुत कमाल की है. मुझे उसके दूध बहुत अच्छे लगते हैं.. बहुत ही कयामत ढहाने वाले चूचे हैं.
जैसा कि आप जानते हैं कि उस रात जो भी हुआ, उसके बाद हम एक दूसरे के और करीब आ गए थे. अब हम हमेशा मौके की तलाश में ही रहते थे. सर्दियों की छुट्टियां चालू हो गई थीं. दिन में हम बस किस करते रहते, कभी कभार मैं उसके दूध पर अपना हाथ फेर कर मम्मे सहलाने का मजा ले लेता. रात को भी इसी तरह ही कुछ कुछ मजा ले लेता था.. इससे ज्यादा कुछ नहीं हो पा रहा था. हम दोनों के अन्दर चुदास की आग जल रही थी.
हमें मौका भी कम ही मिलता था, रात को भी हम दोनों छोटी बच्ची के कारण ज्यादा कुछ नहीं कर पाते थे. इसके साथ ही मेरी बुआ का लड़का भी इन दिनों सर्दियों की छुट्टियों के लिए इधर ही आया हुआ था. वो भी हमारे पास ही सोने लगा था.
दिन निकलते गए, हम ऐसे ही मज़े लेते रहे. अंततः कुछ दिन बाद हमको मौका मिल ही गया.
मैं उस दिन कॉलेज गया हुआ था. मेरी बुआ का लड़का भी आज अपने घर जा चुका था. मेरा भाई भी उसी के साथ बुआ के घर चला गया था. वो लोग आज सुबह ही निकल गए थे. मैं खुश था कि आज रात को कुछ खेल हो सकता है. लंड सहलाते हुए मैंने सोचा कि आज तो मैं उसको चोद कर ही रहूँगा. कमरे में सिर्फ हम दोनों ही होंगे. मैं ये सब सोचते हुए लंड की मुठ मारने लगा. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
दिन में अचानक मेरे फोन पर फोन आया. ये पापा का फोन था. मैंने उठाया तो पापा ने कहा कि हमें गांव जाना होगा, उधर किसी की डेथ हो गई है. तुम जल्दी घर आ जाओ.
मैं भी कॉलेज से सीधा घर आ गया. घर आया तो पता चला कि गांव में पापा के किसी ख़ास रिलेटिव की डेथ हो गई है. पापा ने कहा कि हमें अभी ही जाना है.
एक घंटे पहले तक मैं सोच और कुछ रहा था लेकिन अब कुछ और ही हो रहा था. क्या करता.. तैयार होने लगा.. जाना जो था. मैं तैयार हुआ, मम्मी भी तैयार हो गईं. पापा बाइक में पेट्रोल भराने चले गए. हम बाइक से गांव जाने का सोच रहे थे. गांव हमारे शहर से 80 किलोमीटर दूर था.. बाइक से जाने पर यही कोई तकरीबन 3 घंटे का रास्ता था.
तभी मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया, मैंने कुछ सोचा कि क्यों ना मैं घर पर ही रुक जाऊं. लेकिन मैं सोच रहा था कि कैसे रुकूं.. और बहाना क्या बनाऊं.
मैं कुछ सोचने लगा, तभी पापा भी आ गए. तभी माँ ने सोनिया से कहा कि घर का ध्यान रखना, दूध पी लेना.
वो उसको ये सब समझाने लगीं, तभी मैं बोला- पापा हम 3 लोग बाइक पर चले जाएंगे?
तो पापा बोले- कोई बात नहीं दिक्कत तो होगी, एड्जस्ट कर लेंगे.
तभी मम्मी बोलीं कि ऐसा करते हैं कि हम दोनों चले जाते हैं.. या आप दोनों बाप बेटा चले जाओ. मैं कल सुबह बस से आ जाऊंगी.
लेकिन पापा ने कहा कि नहीं तुरंत जाना ज़रूरी है.
तो मैं बोल पड़ा कि तो मैं सुबह आ जाऊंगा.. मेरा जाना तो इतना ज़रूरी नहीं है.. और घर पर भी तो कोई चाहिए. सोनिया के पास भाई भी नहीं है, वो अकेली कैसे रहेगी.
तभी माँ बोलीं कि ठीक है.. तुम्हारा जाना इतना ज़रूरी भी नहीं है, तुम सुबह आ जाना.
पापा ने भी कहा- ठीक है.. कोई बात नहीं है, हम दोनों चले जाते हैं, तुम घर पर रुक जाओ.
ये सुनकर मेरे मन में लड्डू फूट गए. मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ. उधर सोनिया भी खड़ी सब देख सुन रही थी. वो भी मेरी तरफ़ देख कर थोड़ा मुस्कुराई.
मैंने कहा- मैं सुबह आ जाऊंगा.
तभी पापा ने कहा- रहने देना.. कोई बात नहीं हम दोनों ही हो आते हैं. तुम घर का ध्यान रखना. तुम बाद में हो आना.
मैंने कहा- ठीक है.
पापा मम्मी चले गए. मैं बहुत खुश हुआ. मैं जल्दी से अन्दर गया. मैंने बाहर का दरवाजा बंद कर दिया. छोटी बच्ची सो रही थी. मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. क्या बताऊं आज बहुत मजा आने वाला था.
तभी मैं मौसी की लड़की के पास गया और उसको हग करके किस करने लगा.
मैंने उसको चूमते हुए कहा- आई लव यू.. जान..
उसने भी मुझे आई लव यू टू.. कहा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने कहा- बहुत दिनों बाद मौका मिला है.. तुम्हारे बड़े बड़े दूध को अच्छे से पियूँगा.. तेरी चुत को चोदूंगा.
मैं उसको ये सब धीरे धीरे बोल रहा था. उसने भी मुझे गले से लगाया और कहा कि बहुत दिन कहां, तुम्हें तो अभी कुछ दिन ही हुए हैं. मुझसे तो पूछो.. पूरा डेढ़ साल हो गया.. उसका स्वाद ही नहीं चखा.
मैंने कहा- आज तुम्हें खुश कर दूँगा मेरी जान.
वो भी बहुत खुश थी. मैंने उससे कहा कि शरमाना मत.. खुल कर मजे लेना.
अभी सिर्फ 5 ही बजे थे. उसने कहा कि ठीक है.. खुल कर मजे करूँगी, लेकिन ये सब बाद में करेंगे.. पहले मुझे खाना बनाने दो. आज सारी रात हमारी ही है.. जो मन हो, कर लेना.
मैंने कहा- मुझसे रहा नहीं जा रहा.
उसने कहा कि सबर का फल मीठा होता है.
मैंने कहा- ठीक है.
तभी मुझे याद आया कि उसकी चुत पर थोड़े थोड़े बाल थे. मुझे चुत पर ज्यादा बाल अच्छे नहीं लगते, इसी लिए मैंने सोनिया से कहा कि मुझे कुछ कहना है.
उसने कहा- बोलो.
मैं थोड़ा हिचकिचा रहा था.
वो बोली- अब मुझसे क्या शर्म कर रहे हो.. बोलो.
मैंने कहा- मुझे वहां बाल अच्छे नहीं लगते.
वो हंस पड़ी और बोली- बस इतनी सी बात.. कोई बात नहीं रात को वो साफ मिलेगी.
मैं बहुत खुश हुआ और बाहर घूमने चला गया.
सर्दी के दिन थे, रात जल्दी हो जाती थी. मैं भी रात का ही इन्तजार कर रहा था. आज ठंड भी थोड़ी ज्यादा ही थी. आज सोनिया भी बहुत खुश थी. मैं उसको खाना खाते वक्त टच कर रहा था. मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं उसको बोल रहा था- मेरी जान, शर्माना मत.. ऐसा मौका बार बार नहीं मिलेगा.
तो वो हंस पड़ी और बोली- नहीं शरमाऊंगी मेरी जान.. फ़िक्र मत करो.
रात को खाना खाने के बाद हम कमरे में चले गए. आज सोनिया ने सेक्सी सा सूट पहना हुआ था. वो आज कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी.
मैंने उससे कहा- आज छोटी को उसके झूले में सुला दो.
उसने भी वैसा ही किया. छोटी के सोते ही उसको झूले में लिटा दिया. अब वो समय आ गया था, जब हम मिलने वाले थे.
मैंने जल्दी से बाहर का लॉक लगा दिया. सब चैक किया कोई खिड़की आदि तो नहीं खुली है. सारी बड़ी लाइट ऑफ कर दीं और छोटा बल्ब जला दिया.
इसके बाद मैं अपनी बहन पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. वो भी मेरे साथ चिपक गई.
मैंने कहा- आज बहुत मज़ा आएगा.
वो कुछ नहीं बोली, बस मज़े ले रही थी.
मैंने उससे कहा- बोलो… कुछ बात करो न.. जैसे में बोलता हूँ.. मजे लो.
वो चूमते हुए बोली- कर तो रही हूँ मेरी जान.
मैंने कहा- आज चुदाई का पूरा मज़ा लेना है.
उसने भी मदहोश होते हुए कहा- हां मेरी जान.. आज तुहे कच्चा खा जाऊंगी.
मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया. एक हाथ से उसके बड़े बड़े दूध को दबाने लगा. वो पागल हो रही थी. आज हमें किसी का डर नहीं था. इसलिए वो भी खुल कर मेरा साथ दे रही थी.
उसको भी सेक्स किए काफ़ी समय हो गया था इसलिए उसकी चुदास भी खुल कर लंड का मजा लेने को मचल रही थी.
मैं तो चुदाई करता ही रहता था लेकिन आज चुदासी जवानी का नज़ारा ही कुछ और था. आज मैं अपनी बहन को चोदने वाला था. मैं उसे किस करता रहा और दूध दबाता रहा.
मैंने उसका शर्ट उतार दिया. उसने नीचे सफेद ब्रा डाली थी. उसके दूध ब्रा से बाहर आ रहे थे. मैंने समय ना लगाते हुए उसकी ब्रा खोल कर उसके चूचों को आज़ाद कर दिया. फिर उसके एक चूचे को मुँह में ले कर चूसने लगा. इसके बाद मैंने उसको नीचे लिटा दिया.
अब मैं उसके ऊपर उसके दूध को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था. वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी और सिसकारियां ले रही थी. वो बोल रही थीं- विराट और ज़ोर से खा जाओ इन्हें इश.. इश.. आआ उम्म्ह… अहह… हय… याह…
वो बहुत मजे से बोले जा रही थी और मेरा सर अपने दोनों आमों के बीच में दबाए जा रही थी.
मैंने उसके निप्पल को अपने होंठों से पकड़ कर चूसा तो वो फिर से आह भरते हुए बोलीं- आह.. काट खाओ विराट खा जाओ.. चूस लो..
तभी वो एकदम से उठ कर मेरे ऊपर आ गई और मेरी शर्ट उतारने लगी. मैंने भी उसकी मदद की. शर्ट के उतरते ही वो मुझ पर टूट पड़ी, मुझे किस करने लगी. मेरी छाती पर, लिप्स पर अपने दूध को मेरे साथ लगाते हुए अच्छे से मेरे साथ चिपक जाती. मैं भी उसके दूध पिए जा रहा था.
अब मैंने उसकी सलवार पर हाथ रखा. वो समझ गई और उसने खुद ही अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार उतार दी. अब वो सिर्फ़ पैंटी में ही रह गई थी. मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो गया था. वो अभी भी मेरे ऊपर थी. पैंटी के ऊपर से मेरे लंड को अपनी चुत पर रगड़ रही थी.
अब मैं उसके ऊपर आ गया. उसके दूध को ज़ोर से मसलने लगा और एक हाथ से उसकी चुत को सहलाने लगा. वो चुदास से पागल हुए जा रही थी. मादक और कामुक सिसकारियां ले रही थी- स्शह इश उश.. एयेए.. जल्दी से कर दे.. मत तड़फा..
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. वो भी बहुत गरम हो चुकी थी. मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अपना पजामा भी उतार दिया. वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. उसकी सफाचट चुत देख कर मैं बहुत खुश हुआ. उसकी चुत के ऊपर एक भी बाल नहीं था. उसने आज मेरी बात मान कर झांटें साफ कर ली थीं. उसकी क्या मस्त चुत थी.. मैंने देर ना करते हुए सीधा अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया. इस वक्त उसकी चुत थोड़ी गीली थी.
वो चुत पर मेरे मुँह को देखते हुए ही कहने लगी- ये क्या कर रहे हो विराट..!
मैंने कहा- देखती जाओ रानी…
मैंने कपड़े से चुत साफ की और उसकी चुत पर अपना मुँह रख कर चुत चाटने लगा.
वो तो जैसे पागल हो गई थी. मैं उसकी चुत अच्छे से चाटे जा रहा था. वो ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी.. और अपनी चुत को मेरे मुँह पर रगड़ने लगी. उसके मुँह से बहुत ही अधिक चुदासी आवाजें ‘आआह इष्ह इश..’ ऐसी आवाजें निकल रही थीं.
मैं भी पूरी चुत को मुँह में लेता.. कभी उसके ऊपर अपनी ज़ीभ से टच करता. वो पागल जैसे स्थिति में कराहें निकाल रही थी. उसको लंड के बिना चैन नहीं पड़ रहा था.
तकरीबन 5 मिनट बाद वो एकदम से अकड़ी और भलभला कर झड़ गई. मैंने उसका थोड़ा सा पानी टेस्ट किया.. बाकी साफ कर दिया. क्या मज़ा आया उसकी आँखों में चमक थी. ऐसा लग रहा था, ये उसके लिए पहली बार था. मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो उसने जवाब में मुझे किस करना शुरू कर दिया और मुझसे चिपकने लगी. मैंने उसको किस करना शुरू किया. जैसे ही मैं उसके दूध को ज़ोर से दबाता.. वो और मजे से सिसकारियां लेती.
उसको बहुत मजा आ रहा था. मैंने फिर से उसकी चुत के ऊपर अपना मुँह रख दिया. वो फिर से हिल गई, उसका शरीर भरपूर गर्म था. मैंने उसकी चुत फिर से चाटनी शुरू कर दी. इस बार वो मेरा सर अपनी चुत में दबा रही थी. उसके मुँह से अज़ीब सी आवाजें आ रही थीं. जैसे उसको बहुत नशा चढ़ गया हो. कुछ देर ऐसे ही उसकी चुत चाटता रहा.
तभी उसने बोला- विराट अब बस करो.. अब रहा नहीं जाता.. डाल दो अन्दर.. मेरी चुत में अपना लंड डाल दो.. मुझसे रहा नहीं जा रहा.. फाड़ दो मेरी चुत.. डाल दो अपना लंड इस प्यासी चुत में.. बहुत दिनों से लंड नहीं गया अन्दर.. आह.. आज मेरी प्यास बुझा दो.. बना लो मुझे अपनी रानी.
उसके मुँह से मैं लंड शब्द में पहली बार सुन रहा था. उसके मुँह से लंड सुनते ही मेरा लंड और टनटना गया. मैंने भी देर ना की और उसको चित लेटा दिया. मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया. अब हम दोनों नंगे थे.
मैंने देर ना करते हुए उसकी चुत पर लंड रख दिया. मैं उसकी चुत पर अपना लंड रगड़ रहा था. वो नीचे नागिन की तरह मचल रही थी.
सोनिया बोल रही थी- डाल दो विराट.. अब और नहीं रहा जाता.. आह.. जल्दी से पेल दो.
मैंने उसके एक दूध को मुँह लिया और अपना लंड अन्दर करने लगा. वो काफ़ी समय से चुदी नहीं थी, उसकी चुत थोड़ी टाइट हो गई थी. मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर किया. मेरा आधा लंड अन्दर हो गया था. वो दर्द से तड़फते हुए मुझे किस किये जा रही थी.
तभी मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा लंड उसकी चुत में उतार दिया. वो एकदम से सन्न से रह गई.. उसकी आँखें उबल पड़ीं. उसकी आवाज भी थोड़ा रुक गई. मैं भी रुक गया, शायद उसको थोड़ा तेज दर्द हो रहा था.
मैंने उसको चूमते हुए कहा- क्या हुआ?
उसने सर से इशारा करते हुए कहा- कुछ नहीं.. करते रहो मेरी जान..
अब मैंने धीरे धीरे शॉट लगाने शुरू कर दिए. वो भी नीचे से गांड उठा कर चुत चुदवाने का मजा ले रही थी और बोल रही थी- आह.. एयेए विराट.. करते रहो.. धीरे धीरे.. आह.. ऐसे ही आआह एयाया इष्ह ष्ह.. मजा आ रहा है.
वो कभी मेरे होंठों पर किस करती, कभी मेरा मुँह अपने दूध पर दबा देती. अब मैंने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी. वो भी मेरा साथ देने लगी. सच में चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था. क्या मक्खन चुत थी.
इस वक्त मैं पूरी ज़ोर से उसे चोद रहा था. अचानक उसका शरीर अकड़ने लगा. फिर 2-3 शॉट में ही वो झड़ गई. लेकिन मैं नहीं झड़ा था, मैं उसे चोदता रहा. उसको चोदते हुए दस मिनट हो गए थे.
वो एक बार झड़ने के बाद फिर से गरम हो चुकी थी.
मैंने उससे पूछा तो उसने कहा- बहुत मज़ा आ रहा है.
मैंने उससे कहा कि माल अन्दर ही निकाल दूँ क्या?
उसने कहा- नहीं मेरी जान.. अभी झड़ना मत, अभी चुदाई करते रहो.. मेरी चूत फाड़ दो.. आह क्या मस्त चोदते हो.
मैं भी ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.
अब 15 मिनट हो गए थे, मेरा भी पानी आने वाले था. मैंने उससे कहा कि मैं आना वाला हूँ.
तो उसने मुझे सीने से लगा लिया और बोला- ज़ोर से करो.. मेरे अन्दर ही डाल दो अपना पानी.. मैं बाद में गोली खा लूँगी.. अभी अन्दर ही रस डाल दो.
इतने में वो तो दो बार झड़ गई थी. वो मुझे किस किए जा रही थी. मैंने अपना पानी उसकी चुत में छोड़ दिया और उसके ऊपर ऐसे ही कुछ देर लेटा रहा. वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी, मुझे प्यार कर रही थी. वो बहुत खुश थी, उसको बहुत मज़ा आया.
मैं उसके साथ चिपका हुआ था, मेरा मन अभी भी नहीं भरा था. वो सच में कमाल की थी. मैं फिर से उसके ऊपर हाथ फेरने लगा. उसने मेरी तरफ़ देखा.
मैंने कहा- एक बार फिर से.
तो उसने कहा- जितनी बार तुम्हारा मन हो, कर लो मेरी जान.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला, उसको साफ किया. उसने भी अपनी चुत साफ की, मुझे गले से लगा लिया और बोली- आज बहुत मजा आया विराट.. पहली बार किसी ने मेरी चुत चाटी है.. सच में मुझे बहुत मज़ा आया है.
मैंने फिर से उसकी चुत पर अपना मुँह रखा और उसको चाटने लग गया. वो बहुत खुश थी.. मैं भी बहुत खुश था. अब हम ऐसे ही लगे रहे.
मैंने रात बार उसके साथ मज़े किए उसकी चुत चाटी. वो मज़े से अपनी चूत चटवाती रही, सिसकारियां लेती रही.
वो बोल रही थी- विराट तुमने मुझे जीत लिया है.
उसको चुत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे भी. वो मेरे मुँह पर बैठ कर खुद अपनी चुत को मेरे मुँह के ऊपर रगड़ती.
अब वो मेरे साथ पूरी खुल गई थी. हम दोनों में बहन भाई का पर्दा हट गया था. अब हम दोनों सिर्फ चूत और लंड के रिश्तेदार थे. हमें बहुत मज़ा आ रहा था. वो खुद मेरे ऊपर आकर खुद को चुदवा रही थी.. मेरा लंड अपनी चुत में ले रही थी. वो धीरे धीरे अपनी चुत में लंड अन्दर करती और निकालती. ऐसा करने से मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. मेरा पूरा लंड उसकी चुत में जाता और बाहर आ जाता. कभी वो अपनी स्पीड बढ़ा लेती.. कभी धीरे हो जाती. वो बहुत मजे ले रही थी, वो चुदने के बाद झड़ गई थी.
मैंने उसको अपना लंड चूसने के लिए बोला, पहले तो उसने मना किया, बाद में वो मान गई. उस रात मैंने उसको एक बार और चोदा.
अब उसको अपनी चुत चटवाने में बहुत मज़ा आता है. आज भी मैं उसकी चुत चाटता हूँ और मज़े करता हूँ.
अब उसकी लड़की 5 साल की हो गई है. उसने दूसरी शादी कर ली लेकिन अब भी जब हमें मौका मिलता है, तो हम फिर से सेक्स कर लेते हैं.. और खूब मज़े करते हैं.


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