मैं गुजरात के जामनगर शहर से हूँ. कॉलेज ड्रॉप आउट हूँ. मेरी उम्र 23 साल है, दिखने में भी अच्छा हूँ. हाइट पांच फुट नौ इंच है, बॉडी एवरेज है. लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं है, बस 7 इंच का ही है.
यह कहानी 3 साल पहले की है. मैं जामनगर में एक छोटा सा रूम ले कर रहता था. मेरे पेरेंट्स गांव में रहते हैं और हमारा परिवार बहुत गरीब है. मैं बचपन से ही अपने पापा से बहुत डरता हूँ.
यह कहानी बयान करेगी कि एक औरत की वासना कितनी हद तक बढ़ सकती है. एक औरत में कितनी कामुकता होती है और वो अपनी अनबुझी प्यास कामवासना बुझाने के लिए क्या क्या कर सकती है. मुझे उम्मीद है कि औरतें मेरी बात को समझेंगी.
यह खेल शुरू हुआ था 3 साल पहले… मुझे जुए की बहुत खराब लत पड़ गई थी और इसकी वजह से मुझ पर पचास हजार की उधारी हो गई थी.
जिन लोगों से मैंने पैसे लिए थे, वो लोग बहुत खतरनाक थे. काफी दिनों तक तो मैं उनको टालता रहा, पर फिर वो मुझे जान से मारने की धमकी देने लगे थे.
एक दिन मेरे रूम के दरवाजे पर दस्तक हुई, जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो 3 आदमी गन लिए हुए अन्दर घुस गए और मेरी कनपटी पे बंदूक रख दी. मेरी फट गई.
उनमें से एक बोला- तेरे को दिया हुआ टाइम खत्म हो गया, अब पैसे दे या मरने को तैयार हो जा.
मैं- भाई दो दिन का वक्त और दे दो…
“अब कोइ वक्त नहीं… तू बस पैसे दे.”
थोड़ी देर मैं उन लोगों के सामने ऐसे ही गिड़गिड़ाता रहा, पर उन लोगों पर मेरी बातों का कोई असर नहीं हुआ. उनमें से एक ने मेरा कॉलर पकड़ के दो थप्पड़ मेरे गाल पे जड़ दिए… और दूसरा मेरी बैट उठा के मेरी तरफ़ बढ़ने लगा.
इतने में “तुम लोगों की हिम्मत कैसे हुई कुत्तो…” कहते हुए सेजल भाभी रूम में आ गईं. सेजल भाभी मेरे सामने वाले बड़े से घर में रहती थी, काफी अमीर थी.
उनको देख के वो लोग मुस्कुराने लगे… और उनमें से एक बोला- तू कौन है छमिया?
इसके बाद वे लोग मेरी तरफ देख कर बोले- ओये हीरो तेरी आईटम है क्या??
उतने में सेजल भाभी बोलीं- तुम सबकी बाप हूँ मैं… क्यों परेशान कर रहे हो इसको?
उनमें से एक आदमी बोला- ये तू अपने इमरान हाशमी से पूछ कुतिया.
“बता हीरो इसको… हम कौन हैं और क्यों आए है यहां…?”
मैंने रोते हुए उनको पूरी बात बताई… तो उन्होंने उस आदमी को देख कर कहा- चलो मेरे पीछे.
उनका घर मेरे घर के सामने ही है. हम सब वहां पहुँचे… तुरंत ही उन्होंने तिजोरी खोली, पचास हजार रुपए निकाले और उनको दे दिए- अब निकलो यहां से और कभी वापस मत आना!
भाभी ने गुस्से में बोला.
“तेरे जैसी को छोड़ कर नहीं चोद कर जाते मेरी जान… पर क्या करें भाई का पैसों का ऑर्डर है तो खैर… कभी तेरी अकड़ भी निकालेंगे रंडी.”
मेरे से रहा नहीं गया और मैं चिल्ला कर बोला- भेनचोद भाभी है मेरी… जुबान सम्भाल के बात कर.
वो गुस्से से मेरी तरफ़ बढ़ने लगा.
सेजल भाभी बोलीं- निकलो यहां से, वरना पुलिस को फोन करती हूँ.
पुलिस का नाम सुन के उन लोगों की फटने लगी… उनमें से जो ज्यादा ऐंठ रहा था, वो बोला- हाँ अभी तो जा रहा हूँ, पर किसी दिन तेरी चूत चखने जरूर आऊंगा.
ऐसा बोल कर वो लोग वहां से निकल गए. सेजल भाभी ने मेरी तरफ़ नाराज़गी से देखा- शर्म नहीं आती ऐसी हरकत करते हुए?
उन्होंने गुस्से में आकर कहा तो मैं डर गया.
भाभी अपना मोबाइल उठा के नम्बर डायल करने लगीं, मुझे समझने में देर ना लगी कि वो किसको फोन लगा रही हैं.
सही सोचा आप लोगों ने, वो मेरे पापा को फोन कर रही थीं.
मैं सीधा उनके पैरों पे गिर के रोने लगा और मिन्नतें करने लगा- भाभी, प्लीज पापा को कुछ मत बताना, वो हार्ट के पेशेंट हैं.
भाभी ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा- ये बात पहले याद नहीं आई बहन के लौड़े…
उनके मुँह से ये सुनकर मेरे को अजीब लगा, लेकिन अभी मुझे ये सब सोचने का वक्त सही नहीं लगा. मैं फ़िर गिड़गिड़ाने लगा- भाभी आप जो बोलोगी वो मैं करूँगा.
वो थोड़ी देर मुझे घूरने के बाद बोलीं- सोच लो… जो मैं बोलूँगी वो तुम्हें करना पड़ेगा.
मैं बोला- हाँ भाभी… जो भी आप बोलो.
फ़िर उन्होंने कहा- अभी तुम घर जाओ और शाम को ठीक 5 बजे जिम सूट में वापस यहां आना… क्या करना है वो तब बताऊंगी.
मैं वहां से शर्म के मारे जल्दी जल्दी निकल गया और घर जा कर सीधा बेड पर गिर गया. इसके बाद जो हुआ था, वो सब मेरे दिमाग में घूमने लगा.
फ़िर सेजल भाभी की बातें याद आने लगीं. खास करके आज उनका व्यवहार मुझे ज्यादा खटकने लगा.
सेजल भाभी एक खूबसूरत चेहरे की मालकिन थीं, वो हमेशा ट्रेडिशनल कपड़े पहनती थीं तो उनके फिगर का अन्दाजा लगना बहुत मुश्किल था.
वो हमारे ही गांव से एक बहुत ही इज्जतदार परिवार से थीं. उनका और हमारा परिवार काफ़ी क्लोज्ड था. उनके पापा को कैंसर होने की वजह से छोटी उम्र में ही सेजल भाभी की शादी करवा दी गई थी.
सेजल भाभी के पति रमन भैया बड़ी कम्पनी में इंजीनियर हैं. उनका पूरा परिवार राजकोट में रहता है.
रमन भैया अक्सर काम के सिलसिले में टूर पर जाते रहते हैं. भाभी बहुत ही बहादुर औरत हैं, तो उनको अकेले रहेने में डर नहीं लगता है. उनके पास पैसों की तो कोई कमी नहीं है. उनको तो सब ऐशोआराम की चीजें मिल जाती हैं, बस कमी थी… तो संतान की.
उनकी शादी को 8 साल हो चुके थे, पर उनको कोई औलाद ना थी. इसी वजह से अक्सर उन दोनों पति पत्नी के बीच झगड़े होते थे. मैं अपने रूम से अक्सर उनके झगड़े सुनता रहता था.
लेकिन इतनी तमीज़दार औरत के मुँह से ऐसे शब्द सुन कर आज मैं हैरान था और मुझे डर भी लग रहा था कि पता नहीं भाभी शाम को क्या करने को बोलेंगी.
जैसे तैसे शाम के 5 बजे और मैं उनके घर के लिए अपने रूम से निकला. जैसे ही बाहर निकला, वो बाहर ही मेरा वेट कर रही थीं. मुझे देख के उनके चेहरे पर चमक आ गई.
मेरे पहुंचते ही वो तुरंत बोलीं- आओ मेरे पीछे…
और इतना कह कर वो तुरंत अन्दर को चल दीं.
वो सीधा मुझे जिम में ले गईं, जो एक बड़ा सा हॉल जैसा था. वहां एक दीवार पे सामने बड़ा सा मिरर लगा हुआ था. और वहां हर तरह के एक्सर्साइज के इक्विप्मेंट थे.
सेजल भाभी बोलीं- बैठो वहां कुर्सी पे.
मैं चुपचाप बैठ गया
सेजल भाभी ने एक लैपटॉप में एक वीडियो चालू करके मेरे सामने रख दिया. उस वीडियो में जो सुबह मेरे रूम पे हुआ था, उसकी रिकॉर्डिंग थी, जो उन्होंने चुपके से रिकॉर्ड कर ली थी.
फ़िर वो वीडियो बंद करके बोलीं- अगर तुम चाहते हो कि मैं ये वीडियो अंकल को ना दिखाऊं, तो तुम वही करोगे जो मैं करने को कहूँगी, वो भी बिना कोई सवाल किए…
मैंने डरते हुए बोला- जो आप कहोगी, मैं वो ही करूँगा, लेकिन प्लीज ये वीडियो डैड को मत दिखाना.
उनके चेहरे पे एक शैतानी मुस्कुराहट फैल गई और उन्होंने बोला- अपने सब कपड़े निकालो, एक भी कपड़ा तुम्हारी बॉडी पर नहीं होना चाहिये.
यह सुन कर मैं एकदम अवाक रह गया.
उन्होंने चिल्लाते हुए बोला- मूव फास्ट…
मैं डर गया और अपने कपड़े उतारने लगा, पर मन में वासना का कीड़ा रेंगने लगा. मैंने सोचा आज साली ये मुझसे चुदेगी, मजा आएगा आज.
पर मुझे कहां पता था कि मुझे मेरी ज़िंदगी की भयानक सजा मिलने वाली है.
अब मैं उनके सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था और धीरे धीरे मेरे लंड में जान आ रही थी. केवल 40 सेकंड के अन्दर ही मेरा लंड पूरी तरह खड़ा होकर भाभी को सलामी दे रहा था.
उनके चेहरे पे फ़िर से वही डेविल स्माइल आ गई, वो मेरे करीब आईं और मेरे लंड को घूर कर देखा. फिर वो अपने कमरे की तरफ़ तेज़ी से चल दीं. इधर मैं खुश हो रहा था कि ये तो सज़ा के बदले मज़ा मिल गया.
इतने में ही वो वापस आईं और उनके हाथ में 50 ग्राम का एक तोला(वजन तोलने वाला बाट) और एक सेलोटेप था.
वो मेरे करीब आईं और भाभी मेरे लंड को पकड़ कर उसमें सेलोटेप से 50 ग्राम का तोला बाँधने लगीं.
उफ्फ… उनके मुलायम हाथ का वो स्पर्श पाकर मेरा हथियार और फूलने लगा.
उन्होंने मेरे लंड पे तोला बाँध कर मुझे बोला- अब तू ट्रेडमिल पे जा स्पीड को 20 पर सैट करके दौड़ना स्टार्ट कर.
मेरे सपने टूट गए थे और मैं उनको सवालिया नज़र से देखने लगा.
वो चिल्लाईं- जो बोला है… वो कर…
मैं डर गया और मन मार के वो करने लगा जो उन्होंने बोला, क्योंकि आज उनका दिन था.
इसके बाद उन्होंने मेरे सामने ब्लू फ़िल्म चालू करके लैपटॉप रख दिया.
दस मिनट तक उसी स्पीड में दौड़ने के बाद वो मेरे करीब आईं, मशीन को बंद किया और मुझको सहारा देकर चेयर पे बिठाकर बोलीं- बैठो यहां पे… मैं तुम्हारे लिए प्रोटीन शेक लाती हूँ.
इस बार उनकी आंखो में प्यार था. मैं उनको समझ नहीं पा रहा था कि वो क्या चाहती हैं. मेरी हालत बहुत खराब थी मेरी साँसें बहुत तेज चल रही थीं, पाँव सुन्न पड़ गए थे और लंड सिकुड़ के लटक गया था.
इतने में भाभी आईं और अपने हाथ से मुझे प्रोटीन शेक पिलाने लगीं.
दस मिनट के आराम के बाद फ़िर से एक्सर्साइज करवाने लगीं. तकरीबन 3 घंटे तक उन्होंने मुझे अलग अलग तरह की एक्सर्साइज करवाई. कभी वो बेरहम बन जातीं, कभी प्यार दिखातीं.
फ़िर भाभी बोलीं- जाकर नहा लो.
मैं कपड़े उठा के धीरे धीरे बाथरूम की तरफ़ बढ़ने लगा. मैं इतना थक गया था कि मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था.
बाथरूम में गीजर पहले से ही चालू था. जैसे ही मैंने शावर चालू किया, गर्म पानी मेरे जिस्म पे गिरने लगा, जो मुझे बहुत आराम पहुंचा रहा था. आधे घंटे तक मैं नहाता रहा और फ़िर नहा कर कपड़े पहन के जैसे ही बाहर निकला, सेजल भाभी दरवाज़े के पास ही खड़ी थीं.
मुझे देखते ही बोलीं- चल मेरे शेर खाना खा ले, आज तूने बहुत मेहनत की है.
उनके मुँह से इतने प्यार भरे लफ्ज सुन के दिल को खुशी मिली.
फ़िर हम दोनों ने खाना खाया और फ़िर वो मुझे सहारा देकर मेरे रूम तक ले गईं. मेरे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे अस्त व्यस्त रूम को ठीक करने लगीं.
थोड़ी देर में मुझे नींद आ गई, पता नहीं भाभी वहां से कब चली गईं.
सुबह आंख खुली तो 10 बज गए थे और मैं कॉलेज के लिए लेट हो गया था. जैसे तैसे बिस्तर से उठा, मेरा पूरा जिस्म दर्द से टूटा जा रहा था.
मैं गीजर ऑन करके ब्रश करने लगा और फ़िर गर्म पानी से 1 घंटे तक नहाने के बाद कुछ राहत मिली.
इतने में डोरबेल बजी…
मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, भाभी नाश्ते की बड़ी सी प्लेट और जूस के साथ बाहर खड़ी थीं, अपने पुराने स्टाइल में ऊपर से नीचे तक ढकी हुईं. भाभी हमेशा की तरह बहुत ही मासूम लग रही थीं.
मुझे बिना कुछ कहे वे अन्दर आ गईं और नाश्ता टेबल पर लगाने लगीं… फ़िर बोलीं- चलो फटाफट नाश्ता कर लो.
मुझे जबरदस्ती पूरा नाश्ता खत्म करवा के जूस पिला कर भाभी वापस जाने लगीं; फ़िर जैसे कुछ भूल गई हों, वैसे पलट कर बोलीं- शाम को 5 बजे भूलना मत…!
और बस चली गईं.
मैं सोचने लगा कि क्या मुसीबत है यार… पर क्या कर सकता था.
मैं फ़िर 5 बजे पहुंच गया और फ़िर वो ही सब फिर से मेरे साथ हुआ.
अब ये मेरा रोज़ का रूटीन हो गया था बस फर्क ये था कि हर 3 दिन बाद मेरे लंड पर वजन दुगना हो जाता था और 500 ग्राम के बाद वजन स्थिर हो गया था.
मैं अब भाभी के नाम की रोज़ मुठ मारता था और उनको चोदने के सपने देखता था.
ऐसे ही 2 महीने बीत गए. अब तो मुझे भी आदत लग गई. मैं खुद को काफ़ी फिट महसूस कर रहा था और मेरा लंड भी पहले से कई गुना ताक़तवर हो गया था. भाभी के बारे में अभी तक कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि उनकी हरक़तों को समझना बहुत मुश्किल था.
दो महीने बाद एक दिन सुबह भाभी का फोन आया- हैलो समीर, आज से एक्सर्साइज खत्म, आज रात का खाना साथ खाएंगे, रात को 8 बजे रेडी हो कर घर आ जाना.
मैं- ओ के भाभी.
उन्होंने फोन रख दिया.
इधर मुझे राहत की साँस मिली कि चलो जान छूट गई.
दिन कैसे गुजरा, पता ही ना चला. रात के 8 बजे मैं तैयार होकर उनके घर पहुंच गया. मैंने डोरबेल को बजाया, उन्होंने दरवाजा खोला. मैं उनको देखता ही रह गया. आज उन्होंने रेड कलर का डीप नेक का सेक्सी सा गाउन पहना हुआ था, जो कमर तक एकदम फिट था और कमर के नीचे थोड़ा सा ढीला सा, बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहा था.
भाभी इस वक्त काम की देवी लग रही थीं, उनका जिस्म किसी अनजानी खुशबू से महक रहा था. आज मुझे उनके फिगर का काफ़ी हद तक अंदाज़ा लगाने का मौका मिला था. उनकी 32 इंच की चुची, जो डीप नेक के गाऊन से बाहर निकलने को बेताब दिख रही थीं. नीचे 28 इंच की पतली सी कमर थी.
उन्होंने चुटकी बजाई और बोलीं- क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं भाभी… आज आप काफ़ी सेक्सी लग रही हो.
सेजल भाभी- तुम भी कुछ कम नहीं हो. यहीं खड़े रहोगे या अन्दर भी आओगे?
वो मुड़ीं और जाने लगीं. इस वक्त वो किसी मॉडल तरह गांड मटकाते हुए जा रही थीं. यह मादक नजारा देख कर मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया. उनकी गांड 34 इंच की एकदम गोल गोल और उठी हुई थी.
मैं भी उनके पीछे चल दिया. उन्होंने सोफे पे बैठने को कहा, मैं बैठ गया.
वो बोलीं- आज तुम्हारे भैया कम्पनी के काम से 4 दिन के लिए बाहर गए हैं.
मैंने अपने लंड को तसल्ली दी कि माल चुदाई के लिए मिल सकता है.
फ़िर उन्होंने फोन पे खाना ऑर्डर किया.
मैं उनको देखता रहा.
भाभी दारू पीने का इशारा करते हुए बोलीं- कुछ पीयोगे??
मैं- हाँ जरूर…
वो अन्दर गईं और रम की एक बोतल उठा कर आईं और 2 गिलास भी थे. फ़िर भाभी ने दो लार्ज पैग बनाए और मेरी आशा के विपरीत आकर मेरी गोद में बैठ गईं.
उनकी इस हरकत से मैं हड़बड़ा गया.
वो बोलीं- डरो मत…
भाभी अपने हाथ से मुझे रम पिलाने लगीं.
सेजल भाभी- अभी तक तुम्हारी ट्रेनिंग चल रही थी, इसलिए तुमको छूने नहीं दिया… अब ट्रेनिंग खत्म हो गई. अब मैं पूरी तुम्हारी हूँ. बिल्कुल भी मत शर्माना और ना ही कोई रहम खाना.
मैं- ओके भाभी.
सेजल भाभी- खाना खाने से पहले वार्मअप कर ले मेरे शेर!
अब मेरा डर बिल्कुल खत्म हो गया था, मैं बोला- क्यों नहीं मेरी रानी.
हम दोनों एक ही घूँट में अपने अपने गिलास खत्म किए… और फ़िर किस करने के लिए एक दूसरे की तरफ़ होंठ आगे किए.
जैसे ही मेरे होंठों ने उनके होंठों को छुआ, अजीब सा मज़ा आया और मैं पागलों की तरह भाभी के होंठों को चूसने लगा. मैं कभी उनके होंठ चूसता, कभी उनकी गर्दन चूमता. अब मेरे हाथ उनके जिस्म पर घूमना शुरू हो गए थे. मैं एक हाथ से उनकी गांड सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चुचियां दबा रहा था.
उनके मुँह से ‘आहह उफ्फ्फ्फ सीईईईईउ…’ जैसी आवाज आ रही थी.
मैं अपना हाथ भाभी की चूचियों से हटा के धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ़ ले गया. जैसे ही मैंने उनकी चूत को छुआ कि डोरबेल बजी.
हम दोनों चौंक गए और दूसरे की तरफ़ देखने लगे और फ़िर हम दोनों हँसने लगे जैसे कि भाभी की चूत में डोरबेल का स्विच लगा हो और मेरे चूत छूने से बेल बज उठी हो!
सेजल भाभी- मैं खाना लेकर आती हूँ.
वो उठीं, खुद को ठीक ठाक किया और गांड मटका कर दरवाज़े की तरफ़ चल दीं. उन्होंने दरवाज़ा खोला तो एक छोटा सा क्यूट सा लड़का खाना देने आया था.
खाना देने आए लड़के को बिल का पैसा दिया और 100 रुपये एक्स्ट्रा दिए और बोलीं- ये लो बेटा आपकी टिप
वो लड़का जाने लगा तो सेजल भाभी पीछे से बोलीं- बेटा कुछ भूल रहे हो तुम…!
उस लड़के ने पलट कर अपने सर पर हाथ मारा और बोला- सॉरी मौसी, भूल गया… आई लव यू मौसी!
ये बोल कर वो जाने लगा.
यह नजारा देख के उनके लिए दिल में और इज्जत बढ़ गई.
फ़िर वो आईं और गुनगुनाते हुए टेबल पर खाना सजाने लगीं.
मैं- क्या गा रही हो भाभी, जोर से गाओ ताकि मैं भी सुन सकूं.
उन्होंने सुर तेज कर दिया… और मुस्कुराते हुए गाने लगीं.
आज दिखा दे मुझे लव करके…
ओ बेबी बांहों में भर के…
जो भी सोचा सपनों में,
आज दिखा दे मुझे सब करके…
तू इश्क है मेरा तू इश्क मेरा…
तू ही मेरी रातों का नशा…
वो मेरे सामने देख कर मुस्कुरा रही थीं. मैं भी उनके सामने मुस्कुरा रहा था. उनकी आंखों में मुझे वासना स्पष्ट नजर आ रही थी.
खाना टेबल पर परोसने के बाद वो बोलीं- चलो पहले खाना खा लो.
मैं सोफे से उठा और खाना खाने के लिए बैठ गया. वह भी सीधा आकर मेरी गोद में बैठ गईं. मेरा लंड पहले से ही खड़ा था. जैसे ही वो मेरी गोद में बैठीं, मेरा लंड मुड़ गया और मुझे दर्द हुआ. वो थोड़ा ऊपर को उठीं और मेरा लंड अपनी गांड की दरार में सैट करके फ़िर से बैठ गईं.
अब सेजल भाभी, अपने हाथों से मुझे खिलाने लगीं. हम दोनों खाना कम खा रहे थे और खेल ज्यादा रहे थे. वह मुझे अपने हाथों से खाना खिलाए जा रही थीं और फिर मेरे मुँह पर लगा खाना चाटे जा रही थीं. जिंदगी में खाना खाने में इतना मजा कभी नहीं आया था.
मुझे खाना खिलाते हुए वो अपनी मक्खन गांड को मेरे लंड पे रगड़ रही थीं… जिससे मुझे दोहरा मज़ा मिल रहा था.
हम दोनों ने जैसे-तैसे खाना खत्म किया और फिर हाथ धोए. मैं सीधा बाथरूम में फ्रेश होने चला गया. मैं जैसे ही बाथरूम से बाहर आया तो देखा वो सोफे पर बैठी थीं और उंगली से इशारा करके मुझे अपने पास बुलाने लगीं.
मैं सोफे की तरफ़ बढ़ा और उनके पास जाकर बैठ गया और उनको अपनी तरफ़ खींच कर उनको किस करने लगा.
थोड़ी देर उनको किस करने के बाद उनको गोद में उठाया और सीधे उनके बेडरूम की तरफ बढ़ने लगा. रास्ते में वह मेरे शरीर से ऐसे लिपटी हुई थीं, जैसे चंदन के पेड़ से सांप लिपटा हुआ होता है.
मैंने उनको जाकर सीधा बेड पर पटक दिया और अपनी टी-शर्ट उतार के फेंक दी. मैं बेड पर उनके बाजू में लेट गया. आज मेरे पास लाल कलर के डीप नेक के गाउन में मेरे सपनों की रानी लेटी थी. मैंने धीरे से उनके बालों पे हाथ फिरा दिया, वो आंखें बंद करके साथ देने लगीं.
मैंने एक उंगली उनके सर पे रखी और धीरे धीरे नाक से लेते हुए उनके होंठों पर ले आया. सेजल भाभी ने अपना मुँह थोड़ा सा खोल दिया. मैंने जैसे ही उंगली उनके मुँह में डाली, उन्होंने मेरी उंगली को हल्का सा काटा… मुझे दर्द हुआ लेकिन मजा भी आया.
फ़िर वो मेरी उंगली को चूसने लगीं. मैंने उंगली उनके मुँह से निकाली और हाथ सीधा उनके मम्मों पर रख दिया.
उनके मुँह से सीत्कार निकली- सीईईईई…
अब मैं उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से सहला रहा था.
वो बड़बड़ा रही थीं- आह सैम… मेरे सपनों के राजकुमार… आआहह… उफ्फ… क्या जादू है तुम्हारे हाथ में… उफ्फ… अगर हाथ में इतना जादू है, तो लंड में कितना होगा!
थोड़ी देर उनके जिस्म को कपड़ों के ऊपर से सहलाने के बाद मेरी नज़र एक कैंची पे पड़ी. मैं उठा और टेबल पर से वो कैंची उठा कर बिल्कुल उनके पैरों के पास बैठ गया.
फ़िर झुक के उनके लेफ्ट पैर के अँगूठे को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, उनको एक झटका सा लगा. उनके मुँह से एक लंबी सिसकारी निकली- सईईई… ईईई…
फ़िर थोड़ी देर उनके पैर का अंगूठा चूसने के बाद मैं उठा और उनकी ड्रेस को पकड़ कर दोनों टांगों के बीच से काटना शुरू किया. वो सर उठा कर मुझे देखने लगीं. मैंने ड्रेस को उनके घुटनों के थोड़ा ऊपर तक काटने के बाद छोड़ दिया और उनके दोनों घुटनों को चूसने लगा. उन्होंने बिस्तर पर अपना सर पटका और जोर जोर से लेफ्ट राइट मूव करने लगीं.
थोड़ी देर उनके घुटनों को चूसने के बाद में मैंने फ़िर से कैंची उठाई और 2″ ड्रेस और काटने के बाद फ़िर से किस करने लगा. ऐसे करते करते मैं उनकी चूत तक पहुंच गया.
जैसे ही मैंने उनकी चुत के ऊपर की ड्रेस काटी, उनकी ब्लैक कलर की पैंटी दिखी. वो सेजल भाभी के कामरस से बहुत ही गीली हो चुकी थी और उनकी चूत से एक बहुत मादक खुशबू आ रही थी. शायद उन्होंने अपनी चूत पे कोई परफ्यूम लगाया हुआ था.
मैंने पैंटी के ऊपर से ही सेजल भाभी की चुत को चूमा, नमकीन चिपचिपा सा पानी मेरे होंठों पे लग गया.
वो झटके से सर उठा कर मेरी ओर देखने लगीं, मैं भी उनको देखने लगा; हम दोनों की आंखें मिलीं और उन्होंने कामुक अंदाज़ में अपने होंठों को दाँत के बीच काटा और ‘आहहह्ह्ह…’ किया.
मैं पागल सा हो गया और जोर जोर से सेजल भाभी की चुत को पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगा. मुझे सेजल भाभी के काम रस का टेस्ट बहुत ही अच्छा लगा.
थोड़ी देर उनकी चूत चूसने के बाद में ऊपर की ओर बढ़ने लगा… और उनकी ड्रेस नाभि के ऊपर तक काट दी.
सेजल भाभी की नाभि बहुत सेक्सी थी, एकदम गोल गोल और गहरी… मैंने जीभ को नुकीला करके उनकी नाभि में जीभ को घुसा दिया, वो मजे से उछल गईं.
सेजल भाभी की नाभि को चूसने के बाद मैं आगे बढ़ा और सम्भाल कर उनकी ब्रा बचाते हुए पूरी ड्रेस काट दी. उनकी 32″ की चूचियां ब्रा के अन्दर कैद किसी कबूतर की तरह कैद तड़फती हुई सी लग रही थीं. उनके मम्मे एकदम सफेद मक्खन से गोरे गोरे लग रहे थे. मैं उठा और कैंची टेबल पर रख कर उन्हें निहारने लगा.
भाभी ने मुझे अश्लील इशारा किया और एक आँख मारी.
मैंने वापस आकर उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से अपने मुँह में भर लिया और एक एक करके दोनों मम्मों को चूसने लगा. फ़िर सेजल भाभी के होंठों पे किस करके उनको घुमा कर उल्टा लेटा दिया. अब मैं उनकी गोल गोल गांड पर हाथ रगड़ने लगा और फ़िर नीचे जाकर उनके दोनों चूतड़ों को किस किया.
अगले ही पल मैंने भाभी के एक चूतड़ पर जोर से काट लिया. भाभी की दर्दनाक चीख निकल गई. वो बोलीं- मादरचोद… ये क्या कर रहा तू??
मैंने इग्नोर किया और उनके दूसरे चूतड़ पर भी जोर से काटा. इस बार वो फ़िर चिल्लाई और खड़ी हो गईं.
फ़िर पता नहीं उनको क्या हुआ, उन्होंने धक्का देकर मुझे बेड पे गिरा दिया. उनका नाखून मेरी छाती में गड़ गया था और वहां से थोड़ा खून निकलने लगा.
अब भाभी मेरे ऊपर आ गईं और मेरी छाती पर निकले खून को चाट गईं. फ़िर जोर जोर से मेरी छाती पर किस करने लगीं, साथ में मेरी छाती पर काटने लगीं. मैं अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को सहलाए जा रहा था.
भाभी के चूतड़ काफी मस्त थे, गोल-गोल और मुलायम थे… एकदम रुई के गद्दे की की तरह थे.
फिर भाभी उठीं और उन्होंने बैठ कर मुझे हाथ पकड़ कर खींच लिया. हम दोनों बेड के किनारे खड़े हो गए. भाभी मुझे धक्का देते हुए दीवार के सहारे टिकने तक ले गईं. उनके सर पर कोई भूत सवार था. वह मुझे गालों पर चाटें मारने लगीं और फ़िर जोर जोर से मुझे किस करते हुए काटने भी लगीं. वह एकदम वाइल्ड हो गई थीं.
बदले में मैंने जवाबी कार्रवाई करते हुए उनको खींचकर दीवार के बाहर खड़ा कर दिया. फिर जोर से खींच के उनकी ब्रा फाड़ने लगा. शायद ब्रा की लेस उनकी पीठ को चुभ रहा था, इसलिए उनके मुँह से एक तेज चीख निकल गई ‘आआ… आहहह्ह्ज…’
मैंने जैसे तैसे करके उनकी ब्रा फाड़ कर उतार दी थी. अब उनकी 32 इंच की चूचियां मेरे सामने थीं. उनके मम्मों पर गुलाबी रंग के निप्पल थे. वह बहुत ही सेक्सी लग रहे थे. मेरा मन कर रहा था कि मैं इन निप्पलों को चबा कर खा जाऊं. इसीलिए मैंने उनके एक चूचे को मुँह में लिया और दूसरे के चने को ऐसे दबाने लगा, जैसे वह कोई गुब्बारे की टोंटी हो.
हम दोनों वासना की आग में जल रहे थे और ऐसे एक दूसरे से खेल रहे थे, जैसे कोई जंगल में शेर और शेरनी सेक्स करते वक्त खेलते हैं. अगले 15 मिनट तक मैं उनके मम्मों को चूसता रहा और वो दीवार के सहारे खड़ी कामुक आहें भरती रहीं.
भाभी के निप्पल खड़े होने लगे थे. फिर मुझे लगा कि अब मुझे नीचे की तरफ बढ़ना चाहिए, इसलिए मैं उनके पेट की तरफ बढ़ने लगा.
वह लगातार बोले जा रही थीं- ओह मेरे राजा… उफ्फ्फ इतना मजा लाइफ में कभी नहीं आया… आहह उफ्फ कम ऑन सक माइ बॉडी… उफ्फ्फ…
अब मैं सेजल भाभी के सपाट पेट को चाट रहा था और वो धीरे धीरे पेट को कभी बाहर फुलातीं, कभी अन्दर कर लेतीं. सेजल भाभी की वासना चरम पर थी. वो मेरे बालों को नोंच रही थीं और सहला रही थीं.
तभी मुझे नजर आया कि उन्होंने अभी तक पेन्टी पहन रखी थी.
मैं उठा और टेबल पर रखी कैंची उठाई और धीरे-धीरे उनकी तरफ करने लगा. वह मेरा इरादा समझ गईं, इसलिए वह भी आनन्द की किलकारी मारने लगीं.
सेजल भाभी- यू आर रॉकिंग माइ जानू उफ्फ्फ्फ…
उन्होंने अपने दोनों घुटने मोड़ कर टांगों को चौड़ा कर दिया. मैं बिल्कुल सेजल भाभी की टाँगों के बीच बैठा और चुत के छेद के ऊपर से पैंटी को पकड़ कर खींचा और कैंची को खोल के एक तरफ की नोक को पैंटी में घुसाने लगा.
चर्रर… की आवाज़ के साथ कैंची का एक हिस्सा पैंटी में घुस गया और फ़िर मैं धीरे धीरे उनकी पेंटी काटने लगा.
जैसे जैसे सेजल भाभी की पैन्टी कट रही थी, उनकी गुलाबी चूत बाहर झाँकने लगी. अब पैंटी पूरी बीच में से कट चुकी थी लेकिन दोनों टांगों में फंसी हुई थी.
फ़िर मैंने दोनों टांगों से पैंटी को काट दिया और पैंटी कटी फटी हालत में नीचे गिर गई. अब सीधा उनकी मुलायम नन्हीं सी गोरी चुत मेरे सामने आ गई.
मैंने नीचे से लेकर ऊपर तक सेजल भाभी को वासना से देखा.
सेजल भाभी ने अपना सर दीवार के सहारे सटा रखा था और छत की तरफ़ आंखें बंद करके अपने होंठ दांतों से चबा रही थीं. उनके दोनों हाथों की हथेलियां दीवार से सटी हुई थीं. वो तेज़ आहें भर रही थीं. जिसकी वजह से उसकी 32 इंच की कठोर चुचियां ऐसे ऊपर नीचे हो रही थीं, जैसे दो पहाड़ हिल रहे हों.
उनका सर दीवार के सहारे टिका हुआ था और पीठ दीवाल से 5 इंच दूर थी. भाभी की गांड दीवार से सटी हुई थी और नीचे टाँगें लेफ्ट राइट मुड़ कर खड़ी हुई थीं. मैं नीचे बैठ कर उनको देख रहा था, इसलिए वो बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थीं. इस वक्त उनकी चुचियां काफ़ी बड़ी दिख रही थीं.
मैंने उनके चूतड़ों को अपने मजबूत हाथों से पकड़ा और उनकी चूत पे नज़र डाली. उन्होंने आज ही चूत के बाल साफ़ किए थे. उनकी चूत थोड़ी फूली हुई और एकदम कली जैसी गुलाबी थी, जैसे कोई अधखिला गुलाब हो. उनकी चुत के छेद पे चने जैसा दाना उभरा हुआ था, जो सीएफएल की रोशनी में चमक रहा था.
मैं भाभी की चूत देख कर पागल सा हो गया. मैंने अपनी जीभ निकाली और कुत्ते की तरह नीचे से ऊपर तक उनकी चूत को जोर देकर चाटी. सेजल भाभी ने मेरे बालों को पकड़ के जोर से नोंचा और एक आह भरी ‘उम्म्म… आह्ह्ह… ऐसे ही उफ्फ…’
मैं यह सुन कर जोश में आ गया और भाभी के कूल्हों को मैंने जोर से भींचा और उन्हें मेरे मुँह की ओर खींच लिया. अब मैं जोर जोर से सेजल भाभी की चूत चूसने लगा और जीभ को नुकीला करके उनकी चूत की फांकों में घुसाकर मुँह से उनकी चुत चोदने लगा.
कुछ देर भाभी की चूत चूसी तो वो अकड़ने लगीं, उनका जिस्म काँपने लगा. मैं नहीं चाहता था कि वो इतनी जल्दी झड़ जाएं, इसलिए मैंने चूत चूसना छोड़ दिया और ज़मीन पर लेट गया.
वो गुस्से से पगला गईं और चिल्लाईं- बंद क्यों किया चूसना?
मैंने कोई जबाव नहीं दिया तो वो मेरे ऊपर बैठ गईं और मेरे जिस्म को अपने बड़े नाखूनों से नोंचने लगीं. फ़िर मेरी पैंट की तरफ़ देखा और अपने दोनों हाथों से पकड़ के झटके मारते हुए खींचने लगीं. करीब 3 ही झटकों के बाद फट्टट्ट की आवाज़ के साथ मेरे पैंट का बटन टूट गया.
सेजल भाभी ने मेरी तरफ़ देख कर एक शैतानी स्माइल दी और एक और झटका मारा. चर्रर की आवाज़ के साथ मेरी ज़िप टूट गई और उन्होंने किसी सायको की तरह झटके से खींच कर मेरी पैंट उतार दी.
अब भाभी मेरी अंडरवियर खींचने लगीं और जैसे ही मेरा अंडरवियर मेरे लंड से हटा, मेरा 7″ का लंड किसी गुस्साए हुए नाग की तरह फन उठा कर हवा में झूलने लगा.
लंड देख कर भाभी पागल होकर लंड पर टूट पड़ीं… मेरे लंड पे किस करने लगीं फ़िर मेरे लंड की चमड़ी को खींच कर टमाटर जैसे लाल सुपारे को बाहर निकाल कर चारों तरफ़ जीभ से चाटने लगीं. अपना पूरा मुँह खोल कर मेरे लंड को धीरे धीरे निगलने लगीं. जैसे जैसे मेरा लंड उनके मुँह की गहराई में जा रहा था. मेरा आनन्द उतना ही बढ़ रहा था. फ़िर वो जोर जोर से चूसने लगीं.
करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद मैंने उनका मुँह लंड से हटाया और खड़ा होकर उनको अपनी गोद में उठा लिया. इसके बाद मैंने बिस्तर से 3 फिट दूर खड़ा होकर वहां से उनको बिस्तर पर फेंका.
वो बिस्तर पर गिरते ही किसी गेंद की तरह उछलीं और वापस बिस्तर पर गिर गईं- यू आर वाइल्ड…
भाभी अपनी आवाज़ को तीखी करके बोलीं.
‘यस आई एम टारजन…’ मैं बोला.
वो बिस्तर पे सीधी लेट गईं. भाभी अपनी कामुक अदाएं दिखा रही थीं, जैसे हम फिल्मों में देखते हैं. वैसे ही अपनी दोनों टांगों को आपस में रगड़े जा रही थीं… साथ ही अपने होंठों को अपने दांतों से काटे जा रही थीं.
भाभी को ऐसा देख कर मैं बिस्तर पर कूद पड़ा और सेजल भाभी के पैरों की तरफ़ मुँह करके एक साइड पे लेट गया. लेटते ही मैंने उनको खुद के ऊपर खींच लिया.
वो किलकारी मार के चूत को मेरे मुँह पे सैट करके मेरा लंड चाटने लगीं. मैं भी जोर जोर से सेजल भाभी की चूत चाटने लगा.
करीब 10 मिनट की चुसाई के बाद मेरी नज़र उनकी गांड के गुलाबी छेद पे पड़ी. मैंने भाभी की गांड के छेद पर उंगली रखी… तो उन्होंने लंड को मुँह से बाहर निकाल कर बड़ी सी आह भरी- आहह…
मैं अब उनकी गांड के छेद पे उंगली घुमा रहा था और उनकी चूत चाट रहा था. वो भी मेरा लंड चूसने में बिजी हो गईं. मैंने जोर लगा कर उनकी गांड में उंगली डाल दी. उनकी गांड में जैसे ही उंगली डाली, भाभी बहुत छटपटा कर बोलीं- क्या कर रहे हो यार?
“मैं बेरहम बन रहा हूं… आपने ही तो कहा था ना… बिल्कुल रहम मत खाना!”
वो मुझे देखकर हंस पड़ीं और फ़िर से मेरा लंड मुँह में भर लिया.
अब मैं भी सेजल भाभी की चूत चाट रहा था और उनकी गांड को उंगली से चोद रहा था. भाभी मेरे लंड को चूसते हुए मुझे असीम आनन्द प्राप्त करवा रही थीं. सच में मुझे बहुत मजा आ रहा था. वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं, जैसे छोटे बच्चे दूध की बोतल चूसते हैं… और खास करके उनके पतले होंठों का अहसास मेरे लंड को लोहे सा कठोर बना रहा था.
थोड़ी देर बाद उनका जिस्म कांपने लगा. मुझे लगा कि वह जाने वाली हैं. मैं जोर जोर से उनकी चूत को जीभ से चोदने लगा.
तभी उनके जिस्म ने एक झटका सा खाया, मुँह से एक खुशी की किलकारी निकली और सेजल भाभी मेरे मेरे मुँह में झड़ने लगीं. मैंने उनका नमकीन सा रस अपने मुँह में भर लिया.
मुझे लगा कि जैसे मैं कोई बियर पी रहा हूं. हम दोनों नशे में तो थे लेकिन यह चुत रस पीने के बाद मुझे और भी नशा चढ़ गया.
वो झड़ने के बाद थोड़ी देर मेरे ऊपर लेटी रहीं, फ़िर साइड में लुढ़क गईं और जोर जोर से साँस भरने लगीं. वो थोड़ा थकी हुई और सैटिस्फाइड लग रही थीं. मैं अभी भी प्यासा शैतान बना हुआ था. मैं उठा और सीधा हॉल में गया और इधर उधर देखने लगा. तभी मुझे एक कोने में पतली सी रस्सी दिखी और मैं वो उठा के सीधा बेडरूम में वापस आया.
सेजल भाभी अभी भी आंखें बंद करके बिस्तर पे पड़ी हुई थीं. मैंने एक नज़र उनको देखा और फ़िर दीवार के पास पड़ी कैंची उठा कर रस्सी के चार टुकड़े करके बेड के नीचे रखे और भाभी को उठा के सीधा लेटा दिया.
फ़िर वो रस्सी के टुकड़े उठा के अपने पास रखे और एक टुकड़ा लेकर उनको बेड के किनारे बाँधा और फ़िर झटके के साथ उनके हाथ को खींच के उनको रस्सी से बाँधने लगा.
वो मुझे देख रही थीं. मैंने सेजल भाभी के हाथ को कसके बाँधा तो वो चिल्लाने लगीं- दुखता है… ज़रा धीरे बांधो…
फ़िर मैंने ऐसे ही कसके उनका दूसरा हाथ बाँधा, तो वो रोने लगीं. रस्सी उनकी कोमल कलाइयों में बैठ गई थी. फ़िर मैं नीचे सेजू डार्लिंग के पैरों की तरफ़ गया और जितना हो सकता था, उतना चौड़ा करके बाँध दिया.
“भोसड़ी ना तारी माने चोदे खोल मने दुखे छे…” वो दर्द के मारे गुजराती भाषा में बड़बड़ा रही थीं.
फ़िर मैं ऊपर उनकी कमर के पास एक साइड बैठा और उनकी चूत सहलाने लगा. भाभी आंखें बंद करके मज़ा लेने लगीं.
तभी मैंने जोर से उनकी चूत पे चांटा मारा… सेजू डार्लिंग के मुँह से एक घर को हिला देने वाली चीख निकली, दर्द से कराहते हुए वो बोलीं- भैनचोद आ शु कर छो तू? तारी माँ ने चोदूँ… खोल मने…
मैंने 8-10 थप्पड़ उनकी चूत पर मारे. उनकी चूत लाल हो चुकी थी, वो रोने लगी थीं.
अब मैं भाभी की टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड को उनकी चूत पे रगड़ने लगा. मेरे लंड के सुपारे पर उनकी चूत के कोमल होंठों का अहसास पा कर मुझे एक अलग ही नशा चढ़ गया. उसी नशे में मैंने लंड सेजल भाभी की चूत के छेद पे रख के एक ज़ोरदार धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड फच की आवाज़ के साथ भाभी की चुत में अन्दर तक घुस गया.
भाभी फ़िर से चिल्लाईं- ओ मारी माडड़ड़ड़ड़ड़ी मारी पिकी फाटी गययययययई.. मारे नथी चोदावु तारो लोडो काढ बारे कयू छू.
मैंने भाभी की चिल्ल पों को इग्नोर करते हुए एक और तेज धक्का दे मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर घुस के उनकी बच्चेदानी को ठोकर दे गया
“ओये रे ओये रे.. तारी माँ नो पिको मारे लंड भड़वा फाड़ी नाखी मारी पिकी आहहह्ह्ह उफ..” वो फ़िर चिल्ला के मुझे गालियां देने लगीं.
अब मैंने एक ही झटके में अपने लंड को बाहर खींच लिया और उसको पोंछ कर दोबारा चूत के छेद पे रखा और फुल फोर्स से धक्का दे मारा. इस बार मेरा लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर चला गया.
“आह.. मर गई समीर प्लीज छोड़ दो अभी नहीं.. कल चोद लेना प्लीज मेरी चूत बहुत दुख रही है.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.”
लेकिन मैं कहां मानने वाला था. वो रोने लगीं और मैं उनकी सूखी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा. मेरे सर पर वासना का भूत सवार हो गया था. मैं अपना पूरा लंड बाहर निकालता और फ़िर झटके के साथ वापस डाल देता. मेरे हर धक्के के साथ भाभी चिल्ला उठतीं. मुझे उनके दर्द से कोई लेना देना नहीं था.
थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद वो अब मुझे सामान्य लगीं तो मैंने उनको खोल दिया.
जैसे ही मैंने भाभी को खोला वो उठ कर बैठ गईं और बहुत ही जोर से मेरे गाल पे थप्पड़ जड़ दिया.
मैंने गुस्से से उनके बाजू पकड़े और उनको बेड पे पटक कर लंड फ़िर से उनकी चूत में डाल दिया और जोर जोर के झटके देने लगा. वो दर्द से कराह रही थीं.
मैं उनके होंठ बेरहमी से काटने और चूसने लगा. मैं किसी प्यासे शैतान की तरह उनको चोद रहा था. मैं हर धक्का इतनी जोर से मार रहा था, जैसे मेरे लंड को उसके मुँह से निकाल देना चाहता हूँ. उसके साथ साथ मैं उनके निप्पल अपनी चुटकी में लेकर बेरहमी से मसल रहा था.
भाभी के निप्पल एकदम लाल हो चुके थे.. और उनके होंठ भी सूजने लगे थे.
थोड़ी देर बाद उनको भी इस जंगली सेक्स में मज़ा आने लगा और वो मेरे लंड का स्वागत चूतड़ उठा कर करने लगीं. अब सेजल भाभी के हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे और वो मेरे कंधों में अपने दाँत गड़ाए जा रही थी.
फ़िर वो मेरे कान में बोलीं- थोड़ी मेहनत मुझे भी करने दो अब!
मैं तुरंत रुक गया और उनके ऊपर से उतर कर साइड में बैठ गया और एक तेज थप्पड़ फ़िर से उसकी चूत पे जड़ दिया.
वो चीख के बोलीं- जंगली छो तू तो साव यार..
भाभी मुझे लेटा कर मेरे ऊपर आ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत पे सैट कर के धीरे धीरे बैठने लगीं. लंड को लीलने के बाद भाभी ने अपने पैरों को सीधा कर दिया. अब उनके पैर मेरे कंधों के पास थे.
फ़िर सेजल भाभी ने मुझे कंधों से पकड़ के बैठा कर दिया और अपनी टांगों को मेरी कमर पे लपेट कर धीरे धीरे धक्के लगाने लगीं. साथ ही मेरे मुँह को अपने मम्मों से लगा दिया.
मैं भाभी का एक दूध मुंह में भर के पीने लगा. वो धीरे धीरे चुत से धक्के लगा रही थीं और मेरे बालों को सहला रही थीं. गजब का रगड़ सुख मिल रहा था.
फ़िर थोड़ी देर बाद वो बोलीं- तुम अपने हाथों के बल बैठ जाओ.
मैं अपने हाथ पीछे ले गया और हाथ के बल बैठ गया और वो मेरे घुटनों पे हाथ टिका कर बैठ गई और जोर जोर से आगे पीछे होने लगीं.
उनके चेहरे के भाव लगातार एक्साइटमेंट में चेंज होते देख मुझे जोश आ गया. मैंने उनको उठने को बोला.
वो उठ कर बिस्तर के नीचे उतर के खड़ी हो गईं, मैं बिस्तर के नीचे उतरा, उनको एक पैर बिस्तर पे रख के घोड़ी बनने को कहा.
उन्होंने ठीक वैसा ही किया.
फ़िर एक थप्पड़ जोर से उनकी चूत पर मारा, इस बार वो कुछ नहीं बोलीं, सिर्फ उनके मुँह से एक दर्द भरी आहह निकली. फ़िर मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया.
भाभी जरा से चिल्लाईं और फिर लंड का मजा लेने लगीं. अब मैं जोर जोर से भाभी की चूत चोदने लगा.
इसके बाद तो बस आऽऽह.. धीरे.. आऽऽह.. आऽऽह..आऽऽह.. रुक जरा.. हाँ.. आऽऽह… जोर से.. आऽऽह.. आऽऽह.. आऽऽह.. ह्म्म.. हाँऽऽअः का मधुर संगीत गूँजने लगा. हम दोनों की एक जैसी आवाजें निकल रही थीं.
भाभी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और मेरा लौड़ा बड़े आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था.
मेरा पूरा लंड अन्दर-बाहर हो रहा था. भाभी के चूतड़ों को मजबूती से पकड़ के बहुत जम के मैं भाभी की चुत की चुदाई कर रहा था. सेजल भाभी की मीठी-मीठी सिसकारियां निकल रही थीं.
सेजल भाभी एक हाथ से नीचे से मेरे लंड की गोटियों को सहला कर जोश में “उम्म्ह… अहह… हय… याह…” कह देतीं, तो मैं अपनी स्पीड बढ़ा देता.
मैंने उनसे कहा- सेजल भाभी, आपकी चूत बहुत कसी हुई है?
उन्होंने कहा- तेरे जैसा कोई मिला नहीं जो इससे फाड़ डाले.
मैंने कहा- अब तो आप मेरी रखैल बन गई हैं और अब मैं आपको रोज़ रंडी की तरह चोदूँगा.
सेजल- इसीलिए तो मैंने तुझे ट्रेंड किया है मेरे राजा..
मैं 20 मिनट तक उनको चोदता रहा, इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थीं.
अब मैं भी चरम तक पहुंचने लगा था. मैं सुपर फास्ट स्पीड से सेजल भाभी के मुलायम चूतड़ों में अपनी उंगलियां घुसेड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
वो फिर से अकड़ने लगी थीं. कुछ 10-15 धक्कों के बाद वो झड़ गईं और उनके थोड़ी देर बाद मैंने एक जोरदार धक्का मारा और वो बेड पर गिर गईं.. तभी मेरा वीर्य भी सेजल भाभी के चूतड़ों पे गिरने लगा.
भाभी पूरी तरह थक चुकी थीं और उनमें खड़े होने की भी ताक़त नहीं थी. वो ऐसे ही लेटी रहीं, मैं भी उनपे गिर गया.
थोड़ी देर मैं उनपर ही लेटा रहा. फ़िर उठा और सेजल भाभी को उठाने लगा.
मैं- उठिये सेजल भाभी.. ठीक से सो जाईए!
“उम्म्म्मम छोड़ो ना.. सोने दो ना…”
भाभी ऐसा बोल के फ़िर से सो गईं.
फ़िर मैंने उनको अपनी बांहों में उठाया और बेड पे सीधे लेटा दिया, वो बहुत ही मासूम लग रही थीं. उनके बेडरूम से अटैच बाथरूम है. मैं बाथरूम में गया, एक टावल गीला करके वापस आकर सेजल भाभी के जिस्म को साफ़ करने लगा. जैसे ही गीला टावल उसके जिस्म को टच हुआ, वो थोड़ी सी कसमसाई, फ़िर सामान्य हो गईं.
मैं उनके पूरे जिस्म को पोंछ रहा था. उनके दूध से गोरे जिस्म पे जगह जगह लाल निशान पड़ गए थे. भाभी की चूत सूज गई थी, उनके मम्मों पर मेरे दाँत के निशान पड़ गए थे.
सेजल भाभी के जिस्म को साफ़ करने के बाद मैंने उनको कंबल ओढ़ाया और उनके पास लेट के उनके मासूम चेहरे को देखने लगा.
सोते हुए में कितनी मासूम और भोली लग रही थीं मेरी सेजू डार्लिंग.. उनको देखते देखते मैं कब नींद के आगोश में चला गया, पता ही नहीं चला.
सुबह उठा तो नंगा ही बेड पे लेटा हुआ था. सेजल भाभी नहीं थीं. मैं उठा और सीधा बाथरूम में चला गया. वहां पे एक पैकेड ब्रश रखा था, मैं समझ गया कि ये सेजल भाभी ने मेरे लिए रखा है.
मैंने दूसरा ब्रश इस्तेमाल किया, नहाया और रूम में वापस आके कपड़े देखे. मेरे पैंट की जिप और बटन दोनों टूट चुके थे. मैंने भैया के कपड़े अल्मारी से निकाले और पहन कर हॉल में आ गया. वहां से किचन साफ़ दिखता है. वहां सेजल भाभी चाय बनाती दिखीं.
उन्होंने एक फिट नाइट ट्रैक पहना हुआ था. मैंने जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया, वो कसमसाने लगीं- उफ्फ्फ्फ समीर.. छोड़ो ना… कल रात को इतनी जोर से बजाने के बाद भी तुम्हारा दिल नहीं भरा क्या??
मैं- जान, तुम चीज़ ही ऐसी हो कि दिल नहीं भरता.
मेरा लंड खड़ा होके उनकी गांड की दरार में घुसा जा रहा था. उन्होंने अपना सर पीछे झुका कर मेरे कंधे पे रख दिया और आंखें बंद कर लीं. मैं उनकी नेक और कंधों पे अपने होंठ घुमाने लगा.
सेजल भाभी- चाय तो बना लेने दो.
मैं- चाय छोड़ दो भाभी.. दूध पिला दो.
सेजल भाभी- कल इतना दूध पीकर तुम्हारा दिल नहीं भरा.. दूध पी कर मेरे बूब्स सुजा दिए हैं.. साले जंगली कहीं के..
मैं- तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या??
सेजल भाभी- सच कहूँ तो इतना मज़ा लाइफ में कभी नहीं आया यार.
इतना सुनते ही मैंने गैस ऑफ़ कर दी और उनको थोड़ा सा पीछे खींच कर झुका कर खड़ा कर दिया.. अब उनकी पेंट को नीचे खिसका दिया. उनकी चूत पर एक जोर का थप्पड़ मारा वो चिल्लाईं- जंगली कुत्रा दुखे छे मने..
मैंने अनसुना करके अपनी पेंट उतार दी और अंडरवियर भी निकाल दी, अपना लंड भाभी की चूत पर सैट किया और एक ही झटके में उनकी चूत में पूरा पेल दिया.
वो चिल्ला उठीं- साले धीरे डाल.. कल रात की रगड़ से चुत सूज चुकी है.
मैं लंबे लंबे धक्के देने लगा और वो चिल्ला रही थीं. मैंने धक्का देते हुए ही पास पड़ी एक छोटे स्टूल को खिसका कर उनके आगे रखा और उनका एक पैर उठा के उसपे रख दिया. अब मैं जोर जोर से भाभी को चोदने लगा.
दस मिनट ऐसे ही उनको चोदने के बाद वो झड़ गईं. मैं रुका, उनको ऐसे ही खड़े रहने को बोला. फिर फ्रिज खोल के उसमें से एक आइसक्यूब लिया और उनके पास जाकर आइस क्यूब उसकी चूत में जल्दी से डाल दिया.
अभी भाभी कुछ समझ पातीं कि मैंने जल्दी से अपना लंड उनकी चूत में ठेल दिया. जब तक उनको अंदाज़ा हो कि क्या हुआ, उससे पहले ही बर्फ का टुकड़ा उनकी चूत की गहराई में उतर गया.
मैंने उनके कूल्हे मजबूती से पकड़ लिए.
पहले तो वो नॉर्मल रहीं, फ़िर ठंडक का अहसास होते ही भाभी उछल पड़ीं- भैनचोद, क्या डाला तूने चूत में.. आआहहब माडी जलन हो रही.. निकाल जल्दी भैनचोद प्लीज निकाल!
पर मैं कहां सुनने वाला था, मैंने धक्के मारना स्टार्ट कर दिया. थोड़ी देर में बर्फ उनकी चूत में पिघल गई.
वो फ़िर गर्म होने लगी थीं और मैं जोर जोर से उनकी चूत चोद रहा था. थोड़ी देर में वो फ़िर से अकड़ने लगी और मेरा लावा भी फटने को था.
मैंने स्पीड बढ़ा दी, करीब 20-25 धक्कों के बाद वो चीख कर झड़ने लगीं और कुछ मुझे भी लगा कि मैं भी जाने वाला हूँ, तो मैंने उनको पलट कर बैठा दिया और उनके मुँह में लंड पेल दिया कर जोर जोर से सजा भाभी का मुँह चोदने लगा. कुछ ही मिनट में मेरे लंड में से वीर्य की पिचकारी निकल पड़ी. थोड़ा उनके मुँह में चला गया.. बाक़ी का उनके चेहरे पर गिरा दिया.
उनका पूरा चेहरा वीर्य की बूँदों से सन गया और उनके होंठों पर लगे माल को वो जीभ निकाल कर चाटने लगीं. मैंने उनको खड़ा किया और किस करने लगा.
सेजल भाभी- मैं मुँह धोके आती हूँ.
मैं- ओके.
फ़िर वो थोड़ी देर बाद आईं और चाय बनाने लगीं. मैं भी अपने कपड़े पहन चुका था.
वो चाय बनाते हुए बोलीं- सुनो.
मैंने बोला- जी बोलिए भाभी.
सेजल भाभी- तुम बहुत बेदर्द हो.. मुझे ऐसी चुदाई अच्छी लगती है. आज रात को मुझे इतना दर्द चाहिये, जो बर्दाश्त के बाहर हो. क्या ये करोगे मेरे लिए??
मैं- जैसी आपकी इच्छा भाभी.
सेजल भाभी ने दो चाय के कप भरे और एक मुझे दिया और एक से खुद चाय पीने लगीं.
हम दोनों चुपचाप चाय पी रहे थे. मैं खामोशी तोड़ते हुए बोला- भाभी आपको ये दर्द भरी चुदाई क्यों चाहिये?
सेजल भाभी मुस्कुराईं.
सेजल भाभी- इसके पीछे एक कहानी है.. कहानी सुनोगे?
मैं- ओके.
सेजल भाभी- यह कोई कहानी नहीं है, मेरी लाइफ की दुख भरी दास्तान है. इसलिए अगर मन हो तो ही सुनना.
मैं- मैं सच में सुनना चाहता हूँ.
सेजल भाभी- तो सुनो.
उस वक्त मेरी उम्र 18 साल की थी, जब मेरी शादी करवा दी गई. इस कच्ची उम्र में एक लड़की को सेक्स की बहुत ज़्यादा लालसा होती है, मुझे भी थी.
रात को मैं अपनी सुहागसेज़ पर बैठी अपने पति की प्रतीक्षा कर रही थी. मैंने तो कभी इनसे बात भी नहीं की थी, मुझे इनके स्वभाव के बारे में कुछ पता ही नहीं था.
जैसे ही रमन कमरे में आए, मेरा दिल धक धक करने लगा. उनके साथ मेरी ननद रिद्धि भी थी, दूध का लोटा लेकर आई थी. वो दूध रख के बाहर गई और उसने कमरे का दरवाज़ा बन्द कर दिया और शायद बाहर से कुण्डी भी लगा दी थी.
ये आकर मेरे पास बैठे, मेरे कन्धे पर हाथ रखा और बोले- सेजु..
फ़िर बोले- सेजु आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.
वो उठे और अलमारी को खोला और उसमें से एक गुलाबी कलर की नाइटी निकाली, जो बहुत ही उत्तेजक थी.
वे बोले- इसे पहन कर आओ.
मैंने उनके कहे अनुसार बाथरूम में जा के नाइटी पहनी और बाहर आ गई.
वो दरवाज़े के पास ही खड़े थे, मुझे गोद में उठाया और फ़िर बिस्तर पे ले आए.
बिस्तर पे वो अचानक मुझ पे किसी भेड़िये की तरह टूट पड़े, मुझे बहुत बुरी तरह मसल रहे थे.. उनके हाथ मेरे पूरे जिस्म पर घूम रहे थे. मैं बहुत गर्म हो गई थी और सिस्कारियां भर रही थी.
उन्होंने एक ही झटके में मेरी नाइटी फाड़ दी और अपने कपड़े भी उतार फेंके.
मैं शर्म के मारे आंखें बंद करके लेटी रही.. वो मेरे जिस्म से बच्चे की तरह खेलने लगे. वो मेरे मम्मों को मसल रहे थे. पूरा कमरा मेरी सीत्कारों से गूंजने लगा. फ़िर मेरे पेट पर किस करने लगे.. और धीरे धीरे मेरी चुत की तरफ़ बढ़ने लगे.
इधर मेरी धड़कनें रुकने लगी थीं.. फ़िर धीरे से उन्होंने मेरी चूत को हाथ से सहलाया, मेरे मुँह से आनन्द भरी किलकारी निकल पड़ी. रमन मेरी जांघों पर किस करने लगे और जीभ निकाल कर मेरी चूत की फांकों पर रख दी.. मेरी आंखें एकदम से खुलीं और फ़िर आनन्द के मारे बंद हो गईं.
रमन किसी कुत्ते की तरह मेरी पूरी मुनिया को चाटने लगे, मेरा फर्स्ट टाइम था ये.. इसलिए मेरा सब्र टूट गया और मैं चीख मार के झड़ने लगी.. वो चुस्कियां लेकर मेरा रस पीने लगे.
मेरी आंखें फ़िर एक बार खुल गईं. मैं आंखें बड़ी बड़ी करके छत को देख रही थी और गहरी साँस ले रही थी. तभी मेरी चूत से एक दर्द की लहर उठी, जो मेरे पूरे जिस्म में दौड़ गई. मेरे मुँह से दर्द भरी आह्ह्ह्ह्ह निकली.. मुझे अहसास हुआ कि मेरी चूत में कुछ है. मैंने सर उठा के चूत की तरफ़ देखा.. मेरे पति मेरी चूत में उंगली डाल के कुरेद रहे थे. फ़िर धीरे से उन्होंने दूसरी उंगली भी डाल दी. दर्द के मारे मेरे मुँह से ‘आउउउउउच..’ निकला.
मैंने झटके से फ़िर से सर बिस्तर पर पटक दिया और सर लेफ्ट राइट घुमाने लगी. अब मुझे मेरी चूत मैं उनकी उंगलियां मज़ा देने लगी थीं.
अचानक रमन ने मेरा हाथ पकड़ा और झटके से मुझे खींच लिया. मैं बैठ गई और आंखें खोल कर रमन के चेहरे को देखने लगी.
रमन बोले- मज़ा आया???
मैंने आंखें बंद करके शर्मा कर कहा- हाँ बहुत…
रमन बोले- और मजे करने हैं??
मैंने शर्मा के हाँ में सर हिलाया.
रमन बोले- जैसा मैं बोलता हूँ, वैसा ही करो.. चलो बिस्तर के नीचे उतर के बेड के नजदीक बैठ जाओ.
मैंने ठीक वैसा ही किया जैसा उन्होंने बोला. वो बिस्तर पर किनारे बैठ गए और बोले- मेरा लंड मुँह में लो.. खेलो इससे.
मैं अवाक रह गई और अपनी बड़ी सी आंखें फाड़ कर उनके चेहरे को देखने लगी.
वो बोले- डरो मत कुछ नहीं होगा.
मैं- इसको भी कोई मुँह लगाता क्या??
वो बोले- हाँ.. जो बोला, वो करो..
इतनी देर से वो नंगे थे लेकिन अभी तक मैंने उनका लंड ठीक से नहीं देखा था.
अब मैंने उनके लंड पे नज़र डाली वो 4″ का मध्यम आकार का किसी लोहे की रॉड की तरह सीधा खड़ा था. मैं उसको ध्यान से देखने लगी. ऊपर लाल टमाटर जैसा सुपारा.. पतली सी चमड़ी से थोड़ा सा मुँह निकाल कर जैसे मुझे देख रहा हो.. ठीक ऊपर उसके छोटे से छेद में एक पानी की बूँद जमी हुई थी. लंड को मैंने अपनी ज़िंदगी में पहली बार देखा था.
लंड को देख कर मुझे अच्छा भी लग रहा था और डर भी लग रहा था.
वो बोले- इसको हाथ में पकड़ो!
मैंने छोटे बच्चे की तरह उनकी बात मान कर लंड हाथ में ले लिया.
वो फ़िर बोले- इसको छेद पे लिक करो.
मैंने बहुत ही संभाल उनके लंड पर जमी वो पानी की बूँद को जीभ की नोक से चाट लिया. उसका स्वाद अजीब नमकीन सा था. मैंने उनके सामने देख के मुँह बनाया.
वो बोले- थोड़ी देर के बाद ठीक हो जाएगा.
फ़िर वो उठे और मुझे वहीं बैठने को बोला. उन्होंने एक टेबल की दराज से शहद का डिब्बा निकाला और फ़िर वहीं आकर बैठ गए, जहां बैठे थे.
फ़िर ढक्कन खोल कर अपने पूरे लंड को शहद से भिगो दिया और मेरी तरफ़ देख के इशारा किया.. मैं समझ गई और बिना कुछ बोले उनके पूरे लंड को चाटने लगी. मैंने मुँह खोल के पूरा का पूरा लंड मुँह में भर लिया और कोई बच्चा जैसे दूध की बोतल चूसता है, वैसे लंड चूसने लगी.
करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद रमन मेरे सर को पकड़ कर लंड से मेरे मुँह में जोर जोर से धक्के देने लगे, मुझे दर्द हो रहा था, पर कुछ बोल नहीं सकती थी.
फ़िर रमन ने मेरे सर को पकड़ा और लंड को मेरे मुँह में डाले हुए ही मुझे फर्श पे लेटा दिया और वो मेरे ऊपर लेट गए. उनकी टांगें मेरी छाती के आसपास थीं उनका लंड मेरे मुँह में था और उनके लंड की गोटियां मेरी ठोड़ी पर थीं.
अब वो उछल उछल कर मेरे मुँह में लंड डालने लगे, मेरा मुँह छिल रहा था, पर मैं कुछ कर भी तो नहीं सकती थी. थोड़ी देर मेरा मुँह बेरहमी से चोदने के बाद वो झड़ने लगे. मेरा मुँह किसी लिसलिसी चीज़ से भर गया, जो ना चाहते हुए भी मुझे निगलना पड़ा.
धीरे धीरे रमन का लंड मुरझा कर मेरे मुँह से बाहर आ गया. वो उठे, पानी का गिलास भर के मुझे पिलाया और मुझे उठा कर बेड पे लेटा दिया.
मैं रो रही थी, रमन मुझसे माफ़ी माँग के मुझे चुप करा रहे थे. रमन के प्यार दुलार से मैं थोड़ी देर में नॉर्मल हो गई.
फिर हमने जी भर के एक घंटा तक बातें की और इसी बीच उनके हाथ फ़िर से मेरे जिस्म पर घूमने लगे. मैं गर्म होने लगी. वो मेरे चूचे चूसने लगे. एक चुची के निप्पल को चुटकी में भर के मसलने लगे. मुझे पूरे जिस्म पर हाथ का जोर देकर रगड़ने लगे.
अचानक वो उठे, मेरी टांगों को मोड़ कर अपने कंधों पर रखा और अपना लंड मेरी चुत पे रगड़ने लगे. उन्होंने मेरी चुत पे अपना लंड सैट किया और जोर से झटका मारा. उनका आधा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया. मैं चिल्ला उठी.. उन्होंने बिना रहम खाए 10-15 धक्के दे दिए और इतने में ही उनका माल निकल गया.
मेरी चुत से खून निकल रहा था. थोड़ी देर बाद उनका लंड मुरझा कर मेरी चुत से बाहर आ गया. उनका लंड भी मेरी सील पैक चुत की कसावट के कारण छिल गया था.
फ़िर वो बिना मेरी तरफ़ देखे सो गए. मैं थोड़ी देर रोने के बाद उठी और बाथरूम में जा कर गीजर ऑन करके बाथटब में लेट कर चुत की सिकाई देने लगी.
कुछ मिनट बाद बाहर आकर मैंने कपड़े पहने और सो गई. सुबह आंख खुली तो 9 बज गए थे.
जैसे ही खड़ी हुई, टांगों के बीच दर्द की लहर दौड़ गई. लंगड़ाते हुए बाथरूम में गई और सुसु करने बैठी. सुसु करते वक्त मेरी चुत में तेज़ जलन हो रही थी.
नित्यकर्म करने के बाद कमरे से बाहर आई तो मेरी ननद नाश्ते की टेबल पे बैठी नाश्ता कर रही थी.
मुझे देखते ही बोली- मम्मी, भाभी उठ गईं, उनके लिए नाश्ता लाओ.
मम्मी मेरे लिए नाश्ता और जूस लेकर आईं, मैं नाश्ता करने लगी.
नाश्ता करने के बाद मेरी सास ने कहा- जाओ कमरे में आराम करो, कल रात नींद पूरी नहीं हुई होगी.
मैं शर्मा के अपने कमरे में आ कर बेड पे लेट गई.
फ़िर थोड़ी देर बाद मेरी ननद रिद्धि मेरे पास आई और हम दोनों बातें करने लगीं. पूरा दिन हमने हंसी मजाक में निकाल दिया.
रात को रमन लेट से घर आए, मैंने उनको खाना परोसा, खाना खाने के बाद हम दोनों बेडरूम में गए. उन्होंने मुझे तुरंत कपड़े उतारने को बोला और खुद भी नंगे हो गए. मैं नंगी उनके सामने खड़ी हो गई.
उन्होंने मुझे बेड पे लेटा दिया और मेरी टांगों के बीच आ गए और लंड को मेरी चूत पे सैट करके एक ही झटके में मेरी चूत में ठोक दिया.
मैं चीखने लगी और वो बिना परवाह किए चोदते गए. करीब 4 मिनट बाद मुझे मज़ा आने लगा और अभी मैं कुछ करती कि वो झड़ गए. मुझे गुस्सा आ रहा था, पर अपनी मर्यादा ने मुझे कुछ बोलने नहीं दिया. वो मुँह फेर कर सो गए और में प्यासी तड़पती रह गई.
अब ये रोज़ मेरे साथ होने लगा था. वो आते, कपड़े खोल कर मेरी चूत में तुरंत लंड डाल देते. जब तक मैं गर्म होती, तब तक वो झड़ जाते.
फिर हम यहां शिफ्ट हो गए और मैंने अपनी वासना शांत करने के लिए तुमको फंसाया… सॉरी समीर.
इतना कह कर सजल भाभी रोने लगीं. मैं उनको चुप कराने लगा- नहीं भाभी ऐसा मत बोलो.. मैं पहले से ही फंसा हुआ था और आपने तो मेरी मदद की, मुझे बचा लिया.. इसके बदले यदि आपने मुझे अपना जिस्म शांत करने को यूज किया तो क्या हुआ, मुझे भी तो आपका शरीर भोगने को मिला.. आय लव यू भाभी!
वो मुस्कुरा उठीं, मुझे किस किया और बोलीं- जाओ, मेरे लिए दर्द की तैयारी करो.
मैं उठा और अपने रूम पर गया और वहां कपड़े बदले.
फ़िर अपनी बाइक ले के मार्केट गया और रात के लिए कुछ चीजें लीं और उसके बाद अपने दोस्त नीरज के रूम पे गया. मैंने दस्तक दी. उसने दरवाज़ा खोलने में काफ़ी देर लगाई.
जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला.. मैं गुस्से में बोल पड़ा- भेनचोद गांड मरवा रहा था क्या??
नीरज- अरे समीर तू यहां.. साले बहुत गलत टाइम पे आया है.
मैं- क्यों क्या हुआ बे??
नीरज – साले मैं प्रीति की बजा रहा था बे..
मैं- वो.. अपने क्लास वाली प्रीति.. वो साली बहन जी को कब पटा लिया तूने बे??
नीरज- वो सब छोड़.. तुझे काम क्या है वो बता?
मैं- भाई वो सेक्स के खिलौने कहां मिलते हैं.
नीरज- क्या लेना है?? वो ऐसे हर किसी ऐरे गैरे को नहीं मिलते.
मैं- इसीलिए तो तेरे पास आया हूँ भाई.
नीरज- ओके तू रुक कुछ देर.. उसकी बजा लूँ, साली बड़ी मुश्किल से लंड के नीचे आई है.
मेरे पास और कोई चारा नहीं था और वो भेनचोद बिना चोदे आने वाला नहीं था. इसलिए मैं वेट करने को राज़ी हो गया. कमरे से निकल कर सामने चाय की दुकान पर बैठ के चाय ऑर्डर की और मोबाइल में गेम खेलने लगा.
करीब पौने घंटे बाद वो तैयार होकर बाहर आया, मैं उसको देखते ही उसके रूम के पास पहुंच गया.
नीरज- तुम्हें उसकी चूत मारनी है तो बोलूँ उसको?
मैं- नहीं यार मुझे खिलौने दिलवा दे बस अहसान होगा तेरा.
उतने में प्रीति रूम से निकली, मैंने उसको स्माइल दी, वो वहां से शर्मा के भाग गई.
नीरज ने मुझसे बाइक की चाबी ली और बोला- बैठ जा पीछे.
मैं बैठ गया और वो बातें करते हुए बाइक चलाने लगा. थोड़ी दूर वो एक घर के पास रुका और मोबाइल निकाल कर किसी को फोन करके बोला- दरवाज़ा खोल.
अन्दर से एक करीब 30 साल का आदमी निकला और तेज़ी से हमारे पास आके बोला- बोलो भाई..
नीरज- बच्चे को खिलौने चाहिये.
वो बोला- भाई ये बंदा सेफ तो है ना.. कहीं मेरी गांड तो नहीं तुड़वा देगा ना??
नीरज- अरे भाई है अपना… टेन्शन ना ले..
फ़िर वो हम दोनों को अन्दर ले गया. हम लोग अन्दर एक रूम में पहुँचे, वहां तरह तरह की आइटम रखे हुए थे.
मैंने पूछा- बाईव्रेटर वाला डिल्डो है??
वो दोनों मुझे देखते रह गए.
नीरज बोला- साले तू क्या गान्डू है??
मैंने बोला- चुप रह साले, जो बोलता वो दे..
नीरज ने मुझसे बहुत जानने की कोशिश की कि किस वजह से मैं ये डिल्डो ले रहा हूँ, मगर मुझे सेजल भाभी के बारे में कुछ भी बोलने का मन नहीं था.
फ़िर मैंने वहां से एक डिल्डो एक बेल्ट और हैंडकफ लिए और फ़िर हम दोनों वहां से निकले. मैंने नीरज को रूम पे छोड़ा, उसके और मैं अपने रूम की तरफ़ निकला.
जैसे ही अपने रूम पे पहुंचा, भाभी मेरा उनके घर के बाहर खड़ी होके वेट कर रही थीं… मुझे देख के सेजल भाभी के मुँह पे खुशी छा गई.
मैंने अपने रूम का दरवाज़ा खोला और बैग रखा; घड़ी में देखा 2 बज गए थे.
तभी भाभी का फोन आया- जल्दी घर पे आओ यार… बहुत भूख लगी है.
मैं रूम लॉक करके तुरंत उनके घर पहुंच गया. वो टेबल पे खाना लगा के बैठी थीं.
“आपने खाना नहीं खाया अभी तक?”
“तेरे बिना कैसे खा लेती मेरी जान.. चल अब टाइमपास मत कर, पेट में चूहे दौड़ रहे हैं.”
मैं खाना खाने बैठ गया, तो वो उठीं और मेरी गोद में आके बैठ गईं और हम एक दूसरे को खाना खिलाने लगे.
खाना खा कर हम बाते करते रहे, पूरा दिन ऐसे ही निकल गया. शाम के सात बजे मैं अपने रूम पर गया. नहा के रेडी हुआ और बैग उठा के भाभी के घर आ गया.
भाभी नहा रही थीं. मैं सीधा जिम में गया और दरवाज़ा बंद कर दिया और अपनी तैयारी करने लगा. आधे घंटे के बाद सब तैयारी कर के बाहर आया.
भाभी अपने बेडरूम में रेडी हो रही थीं. मैंने एक ज़्यादा देर टिक सकूं, ऐसी गोली खाई.. क्योंकि ये गोली आधे घंटे के बाद असर दिखाती है.
अब मैं जा कर सोफे पे बैठ गया, थोड़ी देर बाद बेडरूम का दरवाज़ा खुला मैं सेजल भाभी को देखता ही रेह गया. आज सेजल भाभी ने वाइट कलर की पारदर्शक नाइटी पहनी थी, जिससे उनका पूरा जिस्म साफ़ दिख रहा था.
सेजल भाभी ने बॉडी कलर की ब्रा पेन्टी पहनी थी. वो थोड़ी देर वहीं दरवाज़े पे अलग अलग पोज देके मुझे दिखाती रहीं और फ़िर मटकते हुए मेरे पास आकर मेरी गोद में बैठ गईं.
अब हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे. थोड़ी देर मेरे होंठ चूसने के बाद वो उठीं और नाइटी उतार के एक साइड फेंक दी और अपनी टांगें फैला कर मेरे पैरों के ऊपर बैठ गईं, मेरा लंड पैन्ट के अन्दर से उनकी पेन्टी पे टच करने लगा.
वो अपने हाथ पीछे ले गईं और अपनी ब्रा खोल के हवा में उछाल दी. अपने एक बोबे को हाथ में पकड़ कर मेरे मुँह में देने लगीं. मैं उनके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
हम दोनों वासना की आग में डूबने लगे. अब मैं उनकी चुचियां पकड़ के जोर जोर से दोनों को बारी बारी से चूसने लगा.
‘उफ्फ्फ्फ्फ सीईईईईई समीईर्र.. अह.. ऐसे ही चुसो मेरे शेर.. आहहह्ह्ह..’
‘ह्म्म्म्म.. प्चाआआआ मेरी जान तेरी चूचियों में जो नशा है.. वो और कहीं नहीं है..’
वो झटके से उठीं और जाने लगीं और थोड़ी देर मैं वो रम की बोटल के साथ वापस आईं, मुझे देख कर मुस्कुरा कर बोलीं- नशे को थोड़ा और बढ़ाया जाए मेरे राजा.
और रम की बोटल खोल के फ़िर मेरे ऊपर बैठ गईं और एक चूचे को पकड़ कर मेरे मुँह में दे दिया. मैंने चूचा मुँह में लिया और उन्होंने बोटल को मुँह पे लगाया और 2-3 घूंट नीट रम पी गईं.
फिर आंख मारते हुए बोलीं- आज दर्द सहने के लिए ये तो पीनी ही पड़ेगी.. बस एक बात का ख्याल रखना, मेरी बांहों और गर्दन पर कोई निशान ना पड़े.. बाकी मैं सम्भाल लूँगी.
मेरे को पीने के लिए बोला और मेरे मुँह पे बोटल लगा दी. मैंने भी 2 घूँट नीट के लिए और फ़िर उनके चूचे चूसने लगा. वो अपने मम्मों पे दारू गिराने लगीं और मैं वो पीने लगा.
थोड़ी देर बाद वो उठीं और मेरी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गईं. फ़िर वो पेन्टी को पकड़ के झुकते हुए नीचे तक ले गईं, उनके गोल गोल कूल्हे बिल्कुल खुल चुके और मुझे पागल बना रहे थे.
मैं उठा और सेजल भाभी के दोनों कूल्हों को चूमा. वो एकदम से खड़ी हुईं और सोफे के किनारे के ऊपर बैठ गईं.
उन्होंने उंगली से अपनी चूत चूसने के लिए इशारा किया.. मैं उनकी चूत पे किसी भूखे जानवर की तरह टूट पड़ा. वो अपने पेट पे रम डालने लगीं, जो बह के उनकी चूत से सीधा मेरे मुँह में आ रही थी.
मैं कभी उनकी चूत के चने को चूस रहा था.. कभी अपनी जीभ उनकी चूत में डाल देता, कभी पूरी चूत को मुँह में भर लेता. ऐसे ही थोड़ी देर चलता रहा और मुझको दारू पिलाते हुए, वो दारू खुद भी पिए जा रही थीं.
भाभी पर नशा हावी होने लगा तो मैंने उनके हाथ से बोतल छीन कर टेबल पर रख दी.
वो नीचे उतर कर मेरे लंड को पकड़ कर खींचने लगीं, फ़िर वो सोफे के नीचे घुटनों के बल बैठ के मेरा लंड चूसने लगीं. काफ़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसने और चाटने के बाद उठीं.
मैं खड़ा हो गया और भाभी को अपनी बांहों में उठा कर जिम में ले गया. मैंने पंखे से एक रस्सी बाँधी हुई थी. उसमें हैंडकफ बंधे थे.
वहां ठीक पंखे के नीचे उनको खड़ा कर दिया और हैंडकफ से उनको बाँध दिया. फ़िर अपने बैग से वाइब्रेटर निकला और उनके पास जाकर घुटनों के बल बैठ गया. मैंने भाभी की चूत को चूमा और वाइब्रेटर उनकी चूत में डालने लगा.
करीब 8″ लम्बा डिल्डो था, मैंने पूरा भाभी की चुत में डाल दिया. वो कसमसाईं, पर नशे में होने की वजह से उन पर ज़्यादा असर ना हुआ.
मैंने अपना बैग उठाया और उसमें से जैली निकाल कर अपने लंड पे मलने लगा और फ़िर उनके पीछे जाके उनकी गांड के छेद पे थोड़ी सी लगा दी.
सेजल भाभी पे शराब का सुरूर छाया हुआ था. वो नशे में झूम रही थीं, आने वाली तकलीफ़ से अनजान थीं. मैंने अपने बैग से मुँह पे बाँधने वाली पट्टी निकाली जिसमें आगे बॉल लगा हुआ था.
अब मैं उनके पास गया और उनके बाल पकड़ कर खींचे, जैसे ही उनका मुँह खुला मैंने उसमें बॉल को डाल दिया और पट्टी बाँध दी. मैंने उनकी आंखों में देखा.. उनकी आंखों में सवाल था, इन्कार नहीं.
फ़िर मैं उनके जिस्म को सहलाता हुआ उनके पीछे गया और उनकी गांड के छेद पर अपना लंड टिका दिया. उनकी पतली कमर को अपने मजबूत हाथों में पकड़ा और एक ज़ोरदार झटका मारा.
गछ्ह्ह्ह्ह.. की आवाज़ के साथ मेरा आधा लंड भाभी की गांड में घुस गया. एकदम से उनका नशा उतर गया और वो हिल सी गईं. वो चिल्लाना चाहती थीं, पर उनके मुँह में बॉल घुसा होने की वजह से चिल्ला नहीं पाईं. मैं अपना हाथ आगे ले गया और वाइब्रेटर ऑन कर दिया, वो तड़पने लगीं.
मैंने पीछे से जोर से एक और धक्का मारा.. मेरा पूरा लंड उनकी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया. उनकी आंखों से आँसू बहने लगे.
मैं पीछे से उनकी गांड को जोर जोर से चोदने लगा और उनके कूल्हों पे चांटे भी मार रहा था. करीब 20 मिनट तक मैंने उनकी गांड मारी और वाइब्रेटर आगे उनकी चूत के चिथड़े उड़ाता रहा.
अब मैं उनकी गांड की गर्मी और नहीं सह पा रहा था, मैंने 8-10 धक्के और लगाये और मेरा लावा फूट पड़ा. मैं झड़ने लगा.
उनकी चूत से लगातार रस बह रहा था, जो उनकी जांघों को नहलाए जा रहा था. फ़िर मैं रुक गया और वाइब्रेटर बंद किया. उनकी गांड से अपना लंड निकाला और उनके हैंडकफ खोल दिए, वो ज़मीन पे गिर गईं.
मैंने पानी की बोतल उठाई और उनके पास गया, मैंने उनके मुँह से पट्टी खोली और उनको पानी पिलाया.. और उनको गले लगा लिया- सॉरी भाभी.. आप ये सब क्यों करवा रही हो मुझसे?
इतना बोलते ही मैं उनको गले लगा कर रोने लगा.
वो दर्द भरी आवाज़ में मुझे चुप कराने लगीं- बस पागल रो क्यों रहा है?? मुझे इतना दर्द हुआ है, फ़िर भी मैं रो रही हूँ क्या? और तुमने जो किया, मेरे कहने पर किया ना??
मैं- पर भाभी आपको दर्द देने के बाद मुझे बहुत बुरा फील होता है.
सेजल भाभी- बुरा फील मत किया कर.. जो भी हो रहा, मैं ही कर रही.. तुम नहीं.
मैं- ओके भाभी.
फ़िर मैंने उनको उठाया और बेडरूम में उनके बेड पर ले जाकर उनको लेटा दिया.
कुछ देर बाद फिर से वासना का खेल शुरू हो गया. भाभी ने अबकी बार खुद से मुझसे जैली मांगी. मैंने उनको बताया कि मेरे बैग में है. भाभी खुद जाकर जैली ले आईं और उन्होंने अपनी गांड में भर ली. फिर उन्होंने मेरे लंड पर जैली मली और खुद अपनी गांड को मेरे लंड के हवाले कर दिया.
दरअसल अबकी बार भाभी की गांड मैं नहीं मार रहा था, बल्कि वे खुद अपनी गांड मेरे लंड से मरवा रही थीं.
भाभी ने मुझे चित्त लिटा दिया और खुद अपनी गांड को मेरे लंड की नोक पर टिकाते हुए बैठने लगीं. जैसे ही लंड उनकी गांड में घुसा वे दर्द से कलप गईं. कुछ देर गांड में लंड का मजा लेने के बाद मैंने उनकी चुत में अपने लंड को घुसेड़ दिया और उनकी धकापेल चुदाई शुरू हो गई.
उस रात हमने दो बार चुदाई की.. और जब भी मौका मिलता, हम दोनों तन की प्यास बुझा लेते.


0 Comments