मेरे पास मेरे फ्लैट की दूसरी चाभी थी तो मैंने अपने भाई अजय को नहीं जगाया और ना ही कोई लाईट जलायी सीधा अपने रूम में जाकर अन्धेरे में ही सारे कपड़े निकाल कर नंगी ही सो गयी।
सुबह अजय मेरे लिये चाय बना कर ले आया तो मेरी नीन्द खुली देखा कि मैंने पेंटी और ब्रा पहनी हुई है।
मैंने चादर के अन्दर से ही अजय को चाय टेबल पर रखने को बोल दिया और वो रख कर चला गया।
मैं सोचने लगी कि रात को मैं बिल्कुल नंगी सोयी थी फिर मुझे ब्रा और पेंटी किसने पहनाई?
मुझे अजय पर शक हुआ कि अजय रात को मेरे कमरे में आया था।
मैं फ्रेश हुई और कपड़े पहन कर चाय लेकर हाल में आ गई और न्यूज़ पेपर देखने लगी।
अजय सामने बैठ कर मोबाइल में देख रहा था।
मैं- अजय, मुझे एक बात पूछनी है।
अजय- हाँ दीदी, पूछो।
मैं- तुम रात को मेरे कमरे में आये थे क्या?
अजय- नहीं दीदी आप रात को बाहर से आयी तो सीधा मेरे कमरे में आ गयी थी और वहीं पर सो गयी थी।
मैं- और तुम कहाँ सोये थे?
अजय- आपके बराबर में।
मेरी आँखें फट गयी थी… इसका मतलब अजय ने मुझे पूरी नंगी देख लिया।
मैं गुस्से में- तुमने मुझे मना क्यों नहीं किया वहाँ सोने के लिये?
अजय- दीदी, मैं सो रहा था पर रात में जब मैंने करवट बदली तो मेरा हाथ आपके ऊपर गया।
इतना बोल कर अजय चुप हो गया।
तो मैंने फिर गुस्से में बोला- फिर क्या किया तुमने? मुझे सब कुछ बताओ नहीं तो मैं तुमको यहाँ से भगा दूंगी, वापिस घर चले जाना।
अजय- नहीं दीदी, आप ऐसा मत करना, मैं सब बता रहा हूँ। रात को जब आप आई तब मैं सो रहा था। आपको पता नहीं क्या हुआ… आपने मुझे कस के पीछे से पकड़ लिया।
मैं- कहाँ पकड़ा था मैंने?
अजय- दीदी वो…
मैं गुस्से में- बताओ कहाँ?
अजय- दीदी रात को बहुत गर्मी लग रही थी और आप थी नहीं… तो मैं अपने सारे कपड़े निकल कर सो रहा था और आपने मेरे नीचे पकड़ लिया था।
यह सुन कर मैं शॉक्ड रह गयी।
मैं- फिर?
अजय- फिर मैं दूसरे साइड मुड़ा तो पता चला आप बिना कपड़ों के सोयी हो।
मैं- तुमने क्या लाईट जला कर देखा था?
अजय- नहीं दीदी।
मैं- फिर?
अजय- मैंने हाथों से छू कर देखा था।
मेरी चूत टाइट हो गयी थी अजय की बातों से- कहाँ पर छुआ था तुमने?
अजय चुप रहा और नीचे देखने लगा।
मैं- बताओ मुझे?
अजय- दी, मैंने पहले आपके ऊपर हाथ लगाया और फिर नीचे छुकर देखा था… और तुरन्त हाथ को हटाने लगा मगर…
मैंने देखा कि अजय का लंड पैंट में ही टाइट होने लगा था।
मैं- मगर क्या?
अजय- दीदी आप बहुत नशे में थी तो आपने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को अपने नीचे रखवा कर रगड़ने लगी। फिर आपने मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया और मेरे नीचे कस कर पकड़ लिया और फिर कुछ बोलने लगी।
मैं- क्या बोल रही थी मैं?
अजय- दी, आप बोल रही थी राहुल प्लीज फ़क मी… चो…
मैं- पूरा बताओ।
अजय- आप बोल रही थी राहुल फ़क मी, चोदो मुझे… जोर से चोदो।
अपने भाई के मुँह से ये सब सुन कर मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी। और मैंने देखा अजय का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया है।
मैं- फिर तुमने क्या किया?
अजय- मैं वैसे ही लेटा रहा। आप मेरे हाथ की 2 उंगली को अपने नीचे डाल और निकाल रही थी और अपने दूसरे हाथ से मेरे नीचे कुछ कर रही थी। फिर आप शांत हो गई और मैंने अपना हाथ हटा लिया। फिर आपको उठा कर आपके कमरे में ले गया और वहाँ आपको कपड़े पहना कर सुला दिया और अपने कमरे में आ गया।
मैं- तो तुमने लाईट जला कर नहीं देखा? और कैसे उठाया था मुझे?
अजय- नहीं दी, लाईट नहीं जलाई… आपको बांहों में उठा कर ले आया था।
मैं सोच रही थी मेरा भाई कितना अच्छा है। उसकी बहन उसकी बांहों में नंगी होकर सिमट गयी है और वो खुद भी नंगा होकर अपनी बहन को उठा रहा है। फिर भी कुछ नहीं किया अपनी बहन के साथ।
मैं सोच कर ही अन्दर से उसके लिये प्यार महसूस करने लगी, मैंने अजय को अपने पास बुलाया और उसे गले लगा कर रोने लगी।
अजय- दी, आप प्लीज रोओ मत, मैंने कुछ नहीं किया सच में… प्लीज आप माफ कर दो, मैंने ऐसे आपको छुआ।
मुझे उसकी इस बात से और रोना आ गया ये सोच कर कि मेरी गलती के लिये वो सॉरी बोल रहा है।
अजय- बताओ ना दी, क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं।
अजय- आप सोच रही हो कि मैं किसी से कहूंगा कुछ.. आपके बॉय फ्रेंड के बारे में और आप ड्रिंक की इसके बारे में?
मैं और जोर से रोने लगी और अजय को कस कर पकड़ लिया।
अजय- प्लीज दी, आप चुप हो जाओ, मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा, प्रोमिस! और आप जैसे चाहो रह सकती हो, ये आपकी लाइफ है दी।
मैं अजय की इस बात से बहुत खुश हुई और अब अजय सोफे पर बैठ गया और मैं उसके पास बैठ गई।
अजय ने मुझे पानी पिलाया और दुबारा चाय बनाने के लिये चला गया।
फिर मैं नहाने चली गयी और नहा कर अपने बैडरूम में कपड़े पहनने के लिये जाने लगी।
मैं पेंटी को हाथ में लेकर दर्पण में खुद के जिस्म को देख कर सोच रही थी कि कल रात में कितना कुछ हो गया।
मैं दरवाजा लॉक करना भूल गयी थी, इतने देर में अजय चाय लेकर अन्दर आ गया और मुझे देख कर शॉक्ड हो गया फिर वापिस जाने लगा।
मैं- रूको अजय।
अजय ने अपनी आँखें बंद की हुई थी, हाथ में चाय का ट्रे लेकर खड़ा था और सॉरी बोल रहा था।
मैंने ट्रे लेकर बैड पर रख दिया और बोली- एक शर्त पर माफ करूंगी।
अजय- दी, आप माफ कर दो, मुझे हर शर्त मंजूर है।
मैं झुकी और अजय के हाथ में ब्रा देकर बोली- बिना मुझे देखे इसे मुझे पहनाओ जैसे रात को पहनाई थी।
अजय- पर दी..
अजय कुछ बोलता उससे पहले मैंने उसके होंठों पर उंगली रख दी और बोली- जैसे कहा, वैसा करो।
और उसका हाथ पकड़ कर उसे दर्पण के सामने ले गयी जहाँ पर मैं खुद का नंगा जिस्म अपने भाई के हाथों में देख सकूँ।
मैं- पहना दो।
अब मेरे भाई ने एक हाथ मेरे नंगे कन्धे पर रख दिया और दूसरे हाथ को मेरे चेहरे पर लगा कर छूने लगा। फिर उंगलियों से मेरे आँखों को फिर होंठों को छूते हुए नीचे जाने लगा। उसके बाद उसने दोनों हाथों को मेरी नंगी चुचियों पर रख दिया और सहलाते हुए ब्रा का कप मेरे चुचियों पर लगा दिया। फिर एक हाथ से मेरे एक चुची पर ब्रा को दबा कर अजय मेरे पीछे आ गया। जिससे मेरे दूसरी चुची का कप हट गया।
अजय ने मेरे पीछे से मेरी दूसरी चुची को पकड़ लिया और ब्रा को दुबारा लगा कर उसका हुक बंद करने की कोशिश करने लगा।
मेरे भाई का लंड बिल्कुल खड़ा हो गया था जो मेरी गांड में छू रहा था। अब मैंने अपनी गांड को थोड़ा पीछे किया और अजय के लंड पर रगड़ दिया जिससे अजय थोड़ा सा असामान्य हो गया और कसकर मुझे पीछे से पकड़ लिया और अपने लंड को मेरी गांड पर दबा दिया।
मेरी ब्रा नीचे गिर गयी थी। मेरा भाई मेरे नंगे जिस्म को पीछे से पकड़ कर सहला रहा था, मेरी चुचियों को दबा रहा था और अपना लंड मेरी गांड में रगड़ रहा था।
मेरी चूत पानी छोड़ रही थी, मैंने अजय का हाथ अपनी चूत पर रख लिया और बोली- जैसे रात में किया था, वैसे करो।
अब अजय ने मेरे चेहरे को घुमा लिया और मेरे होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा और अपने हाथ की दो उंगली मेरी गीली हूई चूत में डाल दी।
मैं सिहर गई और कसकर अपने भाई की बांहों में सिमट गयी। मेरा भाई तेज तेज मेरी चूत में उंगली डाल रहा था।
अब मैंने अपना हाथ पीछे ले जाकर भाई की पैंट को खोल दिया। मेरे भाई ने चड्डी नहीं पहनी थी जिससे उसका खड़ा लंड मेरे गांड से टकरा गया। मैंने अपने चूतड़ों को फैला कर अपने भाई का लंड अपनी गांड में फंसा लिया।
मैं- अजय, मेरा नंगा जिस्म देखोगे?
अजय ने आँखें बंद किये हुए ही हां में सर हिलाया।
मैं अजय के होंठों को चूम कर बोली- आँखें खोलो।
मेरा भाई धीरे धीरे आँखें खोल रहा और दर्पण में देख रहा था उसकी बहन बिल्कुल नंगी उसकी बांहों में है। उसका एक हाथ अपनी बहन की नंगी चुचियाँ दबा रहा है और दूसरा हाथ अपनी बहन की चूत में उंगली डाल रहा है। उसकी बहन हाथ पीछे ले जाकर अपने भाई का लंड हिला रही है और अपनी गांड पर सेट कर रही थी।
अजय- दी, आप बहुत खूबसूरत हो अन्दर से।
मैं- क्या अच्छा लग रहा है मेरे भाई को?
अजय- आपके दूध, आपकी नंगी कमर, आपकी नंगी जांघें… आपकी नंगी चू…
मुझे ये सब सुन कर बहुत उत्तेजना होने लगी थी- अजय, क्या करना चाहते हो अपनी बहन के नंगे जिस्म के साथ?
अजय- चाटना चहता हूँ दी… आपके निप्पल चूसना चहता हूँ।
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं अजय की तरफ घूम गई उसके होंठों को मुँह में ले लिया और उसका टीशर्ट निकाल कर उसे बेड पर लिटा दिया और खुद नंगी ही उसके ऊपर लेट गयी। अपना निप्पल उसके मुंह में दे दिया जिसे मेरा भाई आँख बंद करके चूसने लगा।
मैं- आह्ह्ह… जोर से चूसो अजय, निकाल दो इसमें से दूध और पी जाओ।
अजय मेरी एक चुची को दबा रहा था और दूसरी को पी रहा था।
मैं- आहह आहह आहह जोर से अजय।
अब मैंने चाय का कप उठा लिया, अब तक चाय ठंडी हो चुकी थी, उसमें निप्पल डाल कर अजय को अपने निप्पल से चाय पिलाने लगी। मेर भाई मेरे निप्पल पर लगी हुई चाय को चाट रहा था।
मैं- आह्ह्ह आह्ह्ह… जोर से काट लो मेरी चुचियों को। आह पी लो मेरे भाई!
अब अजय ने मुझे बेड पर सीधा लिटा और मेरे टांगों के बीच आ गया।
मैं- अजय मुझे जोर से चोदो आज, अपनी बहन की चुदायी करना चाहते हो ना?
अजय- हां दी, मैं तो आपको रात में ही चोदना चाहता था पर आप होश में नहीं थी।
मैं- तो जगा कर चोद देते मेरे राजा, मेरी चूत तो लंड की प्यासी रहती है हमेशा।
अजय- दीदी और आप लंड की प्यासी नहीं हो?
मैं अजय का लंड अपनी तरफ खींचती हुई- मैं तो हमेशा रहती हूँ।
अब मेरा भाई मेरे चुचियों पर बैठ गया और अपनी बहन के मुँह में लंड डाल कर चुसवाने लगा।
अजय- आहह आहह दीदी, आप बहुत अच्छा लंड चूसती हो। राहुल जीजू ने सिखाया है?
मैं मन में सोच रही थी इसको पूरी सचाई बताने की जरूरत नहीं है। इसी बहाने से अब राहुल को अपने घर बुला सकती हूँ इसलिये मैंने हां में सर हिला दिया।
अजय- दी, क्या आपके मुँह को चोद सकता हूँ?
मैंने मुंह से लंड बाहर निकल कर बोला- जो मन हो वो करना बिना कुछ पूछे।
अब अजय मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा, उसका लंड मेरे गले में जाने लगा… मैं गुं गुं गुं गुं करते हुए अपने भाई का लंड चूस रही थी।
अजय मेरी टांगों के बीच आ गया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर मेरी चूत पर लंड रख दिया- नेहा दीदी, आप बहुत मस्त माल हो।
मैं- दीदी को माल बना दिया चोदने के लिये।
अजय मेरी चूत में लंड धीरे धीरे घुसाते हुए बोला- मैं तो अपको जोर जोर से चोदना चाहता हूँ। आपका जिस्म सबका लंड खड़ा कर देता होगा।
मैं- आअह्ह आहह… लंड को जोर से घुसा दे।
अजय- लो मेरी जान!
और एक झटके में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया।
मैं- आअह्ह मम्मी… मर गयी… उम्म्ह… अहह… हय… याह…
अजय का लंड काफी लम्बा था जो मेरी बच्चेदानी से सीधा टकरा गया और मेरी चूत को अन्दर तक खोल दिया।
अब अजय मेरी चूत में लंड डाल कर मुझसे बात करने लगा- दीदी, आपकी चूत बहुत टाइट है। राहुल जीजू चोदते नहीं हैं क्या?
मैं- चोदते हैं… पर उनका तेरे जितना लम्बा नहीं है। हां पर मोटा बहुत है।
अजय- तो कल रात में चोदा था जीजू ने आपको?
मैं- नहीं।
अब मैं कमर हिलाने लगी जिससे अजय समझ गया और मुझे चोदने लगा।
अजय- इसी लिये आप इतना तड़प रही थी?
मैं- हां, राहुल तो बस छूकर और लंड चुसवा कर चला गया।
अजय को जब पता चला मैं लंड बहुत चूसती हूँ तो उसका जोश और बढ़ गया, वो मुझे तेजी से चोदने लगा।
मैं- आअह्ह आह्ह्ह जोर से अजय और जोर से… आह्ह्ह चोदो मुझे! आहह आह्ह्ह मेरी चूत को फाड़ दो मेरे भाई! आह्ह्ह आअह्ह!
अजय- लो दीदी, और तेज… और तेज… आपकी वो बहुत अच्छी है दीदी… आपका मुँह और भी मस्त है। रोज मुँह में लंड लेकर रहोगी ना?
मैं- आह्ह्ह आअह्ह्ह… जोर से चोदो मेरे भाई। रोज मुझसे अपना लंड चुसवाना और मुझे चोदना। मेरी चूत को मजा आ रहा है।
अजय- आहह आहह मेरी बहन की वो बहुत टाइट है।
मुझे अजय की इस बात पर हंसी आ गयी। बहन ‘चूत’ बोल रही है और भाई ‘वो’ बोल रहा है। मुझे लगा अजय को सेक्स में थोड़ा सा खोलना पड़ेगा। इसलिये मैंने अजय के होंठों को अपने मुँह में ले लिया और नीचे से गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी।
मैं- जोर से चोदो अपनी बहन को… अपनी बहन की वो फाड़ना चाहते हो ना?
अजय- हां दी दी… आज आपको चोद चोद कर फ़ाड़ दूंगा आपकी वो।
मैं- क्या फाड़ोगे मेरी?
अजय- दीदी आपकी चूत फाड़ दूंगा। आपकी चूत को खूब चोदूँगा.
मैं- आह आह फ़ाड़ दो मेरे भाई। मेरी चूत को फाड़ो।
अब अजय मुझे जोर जोर से चोद रहा था, मैं टांगों को हवा में उठा कर अपने भाई का लंड ले रही थी।
मुझे अच्छा लगा मेरा भाई जवान हो गया है और अपनी बहन को चोद रहा है। यह सोच कर मैं झड़ गयी और मेरी चूत की गर्मी से अजय ने भी पानी छोड़ दिया।
अब अजय मेरे नंगे जिस्म पर लेटा हुआ था, मैं उसको बांहों में लेकर सहला रही थी।
अजय- दीदी आप बहुत अच्छी हो।
मैं- तुम भी मेरे भाई।
अब अजय उठ कर बाथरूम में गया और फिर लंड धो कर चड्डी पहन लिया।
मैंने एक ट्रान्स्परेन्ट नाईटी पहन ली जिससे मुझे देख कर अजय हर वक्त मुझे चोदना चाहे।
अब हम दोनों ने साथ में खाना बनाया।
मैं थोड़ी देर बेड पर लेटी रही तो अजय मेरे लिये जूस बना कर ले आया जिसे हम दोनों ने साथ में पिया।
फिर भाई ने बोला- दीदी, भूख लग रही है।
तो मैं किचन में खाना बनाने के लिये चली गयी और अजय बेड पर लेट गया।
मैं खाना बनाते हुए सोच रही थी कि कैसे मेरे भाई ने मेरी चूत को चोद दिया और अब आगे कैसे कैसे चोदेगा। अब तो हर रात मेरा भाई मेरी चूत मारेगा… या फिर मैं खुद ही उसके लंड से दूर नहीं रह पाऊंगी। कैसे मैं बॉस को बुलाऊंगी फ्लैट पर? और अब नया लंड कैसे मिलेगा मुझे?
सोचते सोचते खाना भी रेडी हो गया।
तो मैं अजय को खिलाने के लिये अपने बेडरूम में गयी तो देखा मेरा भाई नंगा होकर सोया हुआ है और उसकी चड्डी साइड में रखी हुई है और वो अपने दोनों पैर खोलकर अपने लंड को हवा लगवा रहा है।
उसका सोया हुआ लंड भी बहुत प्यारा लग रहा था.
5 इंच का सोया हुआ लंड देख कर मेरे मुँह में पानी आने लगा, मैंने अजय के लंड को पकड़ लिया और उसे ध्यान से देखने लगी, उसे सूँघने लगी। अजय के लंड से उसके सुसु और मेरे चूत के पानी की महक आ रही थी जो मुझे और मदहोश कर रही थी।
मेरी चूत टाइट हो गयी और अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ, मैं अपनी नाईटी निकाल कर नंगी हो गई और 69 की अवस्था में अपने भाई के मुँह पर चूत रख कर लेट गयी और अब जीभ निकाल कर अपने भाई का लंड चाटने लगी।
फिर भाई के लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
जब मेरे भाई को महसूस हुआ कि उसकी बहन उसका लंड चूस रही है तो वो जग गया और सामने मेरी नंगी चूत देखा। फिर अजय ने मेरे सिर पर एक हाथ रख दिया और मेरी नंगी पीठ, मेरी नंगी चुचियों और मेरी नंगी कमर को सहलाते हुए मेरे चूतड़ों पर ले आया।
अब अजय ने मेरे चूतड़ों को फैला दिया और मेरी गांड के छेद को सहलाने लगा। तो मैं खुद अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत और गांड का छेद अपने भाई को दिखाने लगी। मैं पूरा मन लगा कर अजय का लंड चूस रही थी जो अब 8 इंच का हो चुका था।
अजय मेरी गांड को अपनी उंगली से सहला रहा था। फिर मेरी चूत पर नाक रख कर सूँघने लगा जिससे उसकी गर्म सांसें मेरी चूत को और गर्म करने लगी।
मैंने अजय के लंड मुँह से बाहर निकाल कर एक लम्बी आह भरी और तुरन्त अजय ने मेरी चूत को फैला कर उसमें जीभ घुसा दी।
मैं आअह्ह आअह्ह आहह करते हुए अपनी चूत चटवा रही थी।
मैंने देखा कि अजय का लंड बिल्कुल टाइट खड़ा है और मुझे भूखी नजरों से देख रहा है और मेरा भाई मेरी चूत को आंखें बंद करके चाट रहा है।
मैं- आहह आहह अजय… मेरी चूत में जीभ डाल कर चोद दो।
अजय- दी, आप मेरा लंड मुँह में ले लो, नहीं तो आपकी चीख निकल जायेगी।
जैसे ही मैंने अजय का लंड होंठों पर लगाया, अजय ने कमर उछाल कर मेरे गले तक अपना लंड ठूस दिया और मुझे घुमा कर अपने नीचे लिटा लिया।
अब मैं अपने भाई का लंड मुँह में लिये बेड पर लेटी हुई थी और मेरा भाई 69 की अवस्था में मेरी चूत में जीभ डाल कर चोद रहा था, अब मैं नीचे खुद की चूत और मुँह को चुदवा रही थी।
मैं समझ गयी अब अजय जवान हो गया है इसे कुछ भी समझाने की जरूरत नहीं है, ये अब मुझे अच्छे से चोदेगा।
अजय ने मेरी टांगों को और उठा लिया जिससे मेरी गांड उसके मुंह के पास आ गयी।
अब अजय मेरी गांड को सूंघने लगा और अपनी उंगलियों से फैला कर चाटने लगा, साथ में कमर उछाल उछाल कर मेरे मुँह में लंड से चोद रहा था।
अजय की जीभ मेरी गांड को गीला कर रही थी और मेरे जिस्म में सिहरन भर रही थी। मुझे अपनी गांड में अजय की जीभ बहुत अच्छी लग रही थी।
मैं गुं गुं गुं करते हुए अपना मुँह चुदवा रही थी और कमर उछाल उछाल कर भाई के मुँह में अपनी गांड दे रही थी।
अब अजय मेरे ऊपर से हट गया और बेडरूम से बाहर जाने लगा।
मैं हैरान होकर चुदास में बोली- कहाँ जा रहे हो भाई? रुको अजय, प्लीज मुझे चोदो! अजय प्लीज मुझे चोद दो! ऐसे मत तड़पाओ!
अजय मुस्कुरा कर बोला- दीदी, भूख लगी है, आओ बाहर आप लंड खा लेना, मैं खाना खा लूँगा।
मैं खाना लेकर हाल में गयी तो देखा अजय सोफे पर बैठा हुआ है बिल्कुल नंगा और उसका लंड खड़ा होकर मुझे बुला रहा है।
अजय अपने लंड से- देखो लंड बेटा, प्यासी चूत आ रही है।
मैं मुस्कुराते हुए गांड मटकाती हुई चल रही थी बिल्कुल नंगी होकर एक रन्डी की तरह और मेरा यार भाई अपना लंड हिलाते हुए इस रन्डी की चूत को बुला रहा था।
मैं प्लेट को टेबल पर रख कर अजय के पास गयी और अपना एक पैर सोफे पर रख कर अजय के बालों को पकड़ लिया- बहुत भूख लगी है तुझे?
अजय- हां दीदी, और मेरे लंड को आपके चूत की भूख है।
मैंने अजय के बालों को खींच कर उसका मुंह अपनी चूत पर रख लिया और बोला- पहले मेरी चूत से अपनी भूख मिटा ले, फिर लंड की सारी भूख मैं मिटा दूंगी।
अजय ने फिर से मेरी चूत में जीभ घुसा दी और चाटने लगा।
मैं- आअह्ह आहहह आहह… जोर से चाट मेरी चूत को! बहुत प्यासी है मेरी चूत! उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से चाटो, और जोर से, अपनी जीभ घुसा कर चोद दे मेरी चूत।
अब अजय ने मेरे चूतड़ों को फैला कर उसमें उंगलियाँ घुसा दी और उंगली से मेरी गांड मारने लगा।
मैंने एक टांग सोफे पर रखी थी इसलिये अपना बैलेंस खोने लगी और अजय के ऊपर गिरने लगी।
मैं अजय के ऊपर गिरते हुए- आआह्ह आहह जोर से मेरे राजा… सम्हाल ले मुझे!
अजय ने मेरी एक चुची को मुँह में ले लिया और मुझे सोफे पर पटक दिया और मेरी टांगों को फैला कर एक झटके में लंड मेरी चूत में पेल दिया।
मैं- आअह्ह्ह मर गई मेरे राजा, आराम से चोदो, तुम्हारी बहन हूँ, कोई रन्डी नहीं हूँ।
अजय ने लंड को बाहर खींचा और मेरी चुचियों को जोर से दबा कर लंड दुबारा से ठूँस दिया और बोला- दीदी, कोई रन्डी भी आपके जैसी सेक्सी नहीं हो सकती।
मुझे अजय के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर अच्छा लगा और मैंने उसके गले में बाहें डाल दी और अजय को अपनी चूत चोदते हुए देखने लगी।
मैं- आहह आहह जोर से चोद मेरे भाई।
अजय- लो दीदी, मेरा लंड आपकी चूत फ़ाड़ रहा है।
मैं बहुत प्यार से अपने भाई के लंड से चुद रही थी और मेरा भाई मेरी चुचियों को मुँह में लेकर चूसते हुए अपनी बहन को चोद रहा था।
मैं- अजय कोई रन्डी होती तेरे नीचे तो ऐसे ही चोदता क्या उसको?
अजय- नहीं दीदी।
मैं- फिर कैसे चोदता किसी रन्डी को?
अजय मेरी चूत को चोदते हुए बोला- दीदी रन्डी तो मेरे लंड की प्यास बुझाने के लिये आती ना।
मैंने टांगों को उपर उठा लिया और अजय की कमर में लपेट लिया जिससे मेरे भाई का लंड और अन्दर तक घुस जाये।
मैं- अपनी बहन को चोद कर प्यास नहीं मिट रही है तेरे लंड की?
अजय- दीदी रन्डी होती तो उसको मारता उसके चुचे जोर से काट लेता। उसकी गांड मारता और उसको गालियाँ दे देकर जंगली की तरह चोदता।
मैं- कैसी गाली देता उसको?
अजय ने एक जोर का शॉट मेरी चूत में मार कर बोला- माँ बहन की देता और रन्डी बोलता।
मैं- ऐसे नहीं, मुझे देकर बताओ।
अजय मेरी चूत में लंड डाल कर रुक गया और बोला- पर आप मेरी दीदी हो।
मैं- मुझे पता है… पर मैं देखना चाहती हूँ क्या क्या गाली देते हैं और उससे क्या मजा आता है।
अजय ने लंड को पीछे खींचा और मेरे चुचों को दबा कर पकड़ लिया, एक जोर का शॉट मेरी चूत में मारते हुए बोला- ले रन्डी मेरा लंड अब तेरा भोसड़ा बना देगा।
मैं अजय की गाली सुनकर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गयी और बोलने लगी- आआह्ह आहह आहह मेरी चूत फ़ाड़ दे मेरे राजा। अपने रन्डी बहन की चूत का भोसड़ा बना दे अपने लंड से।
अजय- हां रन्डी, मेरा लंड तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। ले मादरचोद लंड ले चूत में।
अजय ने मेरे चुचियों को कस कर दबा दिया और जोर जोर से मुझे चोदने लगा। मुझे ऐसे चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था।
मैं- आहह आह… जोर से चोद अपनी रन्डी को… और जोर से, पूरी ताकत से लंड घुसा दे मेरे भोसड़े में। आह आह आहह!
अजय- तेरी चूत मस्त है रन्डी, तू बहुत मस्त रन्डी है।
मैं- आहह इस रन्डी की प्यास बुझा दे राजा!
अजय- ले मादरचोद मेरी रखैल बनेगी तू… और जोर से ले लंड अपनी चूत में।
मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं टांगों को हवा में उठा कर लंड को अपनी चूत में घुसवा रही थी। अब मैंने अजय को कस कर पकड़ लिया और उसके कान को मुंह में लेकर चूसने लगी, बोलने लगी- जोर जोर से चोद मेरे राजा, और जोर से… मैं आ रही हूँ। मुझे आज रन्डी बना दे। आह आह फ़ाड़ दे मेरा भोसड़ा। आअह्ह्ह मैं गयी।
मैं अब झड़ गयी थी जिससे मुझे चूत में फील होने लगा।
अजय- और तेज ले रन्डी! मेरा निकलने वाला है, चूत भर दूँ तेरी?
मैं- मुँह में गिराना मेरे।
अब अजय खड़ा हो गया और मैं बैठ कर अजय का लंड मुँह में ले लिया, अजय ने मेरे सिर को पकड़ लिया और अपने लंड का पानी मेरे मुँह में गिराने लगा।
मैं अपने भाई के लंड का पूरा पानी पी गयी और फिर लंड को चाट कर साफ कर दिया।
अब वो सोफे पर बैठ गया नंगा ही… और मैं उसके गोद में नंगी ही बैठ गयी।
अजय ने अपने एक हाथ को मेरी कमर में लपेट लिया और दूसरे हाथ को मेरी चूत पर रख कर सहलाने लगा। मैं अजय को अपने हाथ से खाना खिला रही थी और खुद भी खा रही थी।
मैं किचन में प्लेट रख कर बेडरूम में गई जहाँ अजय पहले ही आ गया था। मैं अजय की बांहों में नंगी ही लेट गयी और उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर सो गयी।
हम दोनों 2 घन्टे तक सोते रहे।
फिर फूफा जी का फ़ोन आया तो हमारी नीन्द खुली, पता चला कि फूफा जी की माता जी बीमार हैं तो अजय को जल्दी घर जाना होगा।
मैं उदास हो गयी यह सुनकर की अजय एक सप्ताह के लिये घर जायेगा।
अजय- क्या हुआ दी, आप उदास क्यों हो गयी?
मैं- तुम जाओगे तो मैं अकेले कैसे रहूंगी इतने दिन?
अजय- दी, बस एक सप्ताह की ही तो बात है।
मैं और अजय दोनों नंगे थे, मैं अजय से चिपक कर रोने लगी, अजय ने मुझे चुप कराया फिर मेरे होंठों को चूम कर बोला- आप और मैं दोनों प्यासे हो जायेंगे दीदी। फिर जब मिलेंगे तो एक दूसरे की प्यास मिटाएंगे।
अजय- दीदी, मेरा भी तो मन नहीं कर रहा है पर जरूरी है जाना।
मैंने अजय के लंड को पकड़ लिया और बोली- इसको यहीं पर रहने दे।
अजय ने अपना लंड मेरे होंठों पर लगा दिया और मेरे मुँह में लंड डाल कर खडा हो गया- दीदी, मेरा लंड भी हर वक्त आपके मुँह में रहना चाहता है, आपका मुँह तो मेरे लंड का घर है।
मैं अब अजय के लंड को चूतस रही थी।
अजय का लंड बहुत टाइट हो गया और मेरे गले में घुसने लगा। अजय ने मेरे सर को पकड़ लिया और जोर जोर से मेरे मुँह को चोदने लगा। फिर मैं थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उठ कर दूसरे कमरे में चली गयी।
अजय मेरे पीछे पीछे आया और मुझे उठा कर अपने गोद में ले लिया और मैंने अपनी दोनों टांगें अजय के कमर में लपेट दी।
अब अजय ने अपने लंड को पकड कर मेरी चूत पर लगा दिया। मैं अजय को देख रही थी… अजय मुझको।
मैं- मत चोदो मुझे… वर्ना तुम्हारे लंड की आदत पड़ जायेगी।
अजय- दी, क्या आपको मेरे लंड से प्यार नहीं है?
मैं अपनी कमर नीचे करते हुए अजय का लंड चूत में डलवाने लगी और आंखें बंद करके बोली- इसके लिये तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ।
अजय ने नीचे से तेज धक्का मारा जिससे उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया और मेरी चीख निकल गयी.
अजय- प्यार है तो मेरे लंड को अपने चूत में खा जाओ दीदी।
मैंने अजय के मुँह को अपने मुँह में ले लिया और उछल उछल कर चूत चुदवाने लगी- आअह्ह्ह आअह्ह्ह जोर से चोद मुझे। मैं इतने दिन कैसे बिना चुदे रह पाऊंगी?
अजय- ले मेरी जान, मेरा लंड तेरी चूत में इतने दिन तक फील होगा।
अजय जोर जोर से शॉट मार रहा था और मुझे जोर जोर से चोद रहा था।
अब अजय ने मुझे नीचे उतार दिया जिससे मैं बेड पर हाथ रख कर झुक गयी और अजय ने मेरी नंगी कमर को पकड़ कर अपना लंड एक ही झटके में मेरी चूत में पेल दिया।
मैं- आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह जोर से भाई… और जोर से। मेरी चुचियों को दबा दबा कर चोद।
अजय ने एक हाथ से मेरी एक चुची को पकड़ लिया और दूसरे से मेरे बालों को पकड़ कर ऐसे चोदने लगा जैसे घोड़े की सवारी कर रहा हो।
मुझे अच्छा लग रहा था कि मेरा भाई मुझे घोड़ी बना कर चोद रहा है। मैं आहह आहह सी सी करके चुदवा थी थी।
फिर अजय ने मेरे चुची को छोड़ दिया और अपने हाथ से मेरी गांड का छेद सहलाने लगा।
अजय- दीदी आपकी गांड बहुत प्यारी है।
मैं- क्या प्यारा है मेरी गांड मे?
अजय- दी, आपककी गांड का छेद गुलाबी है, मुलायम है। कोई देख ले तो बिना चाटे और बिना आपकी गांड मारे नहीं रह सकता है।
मैं अजय से गांड मरवाना चाहती थी पर मुझे लगा कि अगर आज मैं अजय को अपने गांड के लिये प्यासा रखूंगी तो अजय जल्दी ही घर से लौट कर आयेगा और मेरी गांड मारेगा। मैं अजय से चूत मरवा रही थी और बोल रही थी- तेरा लंड को मेरी चूत को ही फ़ाड़ देता है, गांड का क्या हाल करेगा। मुझे नहीं मरवानी है गांड तुझसे।
अजय- दीदी, एक बार मारने दो ना प्लीज!
मैं- नहीं… पहले मेरी गांड को चाट कर दिखाओ।
अब अजय ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मेरी गांड में जीभ लगा दी।
मैं- सी ई ई ई आअह्ह्ह आहह करके गांड चटवाने लगी और मेरा नशा अब ज्यादा बढ़ने लगा।
मैंने एक हाथ पीछे ले जाकर अजय के सिर पर रख दिया और उसके मुंह में अपनी गांड का छेद रगड़ रही थी।
मैं- आह्ह्ह आह्ह्ह चाट ले मेरे राजा, मेरी गांड बहुत टेस्टी है। और जोर से चाट जीभ घुसा कर… आह्ह्ह आहह अजय! जोर से प्लीज!
अजय मेरी गांड में दाँतों से काट रहा था और फिर जीभ को चूत में लगा कर गांड तक रगड़ रहा था।
मैं- उत्तेजना के सातवें आसमान पर चली गयी और अजय के मुंह को अपने चूत में लगा कर झड़ने लगी।
अजय मेरी चूत में जीभ डाल कर चूत का पानी चाट रहा था।
जब मैं पूरी तरह से झड़ गयी तो बिस्तर पर उल्टा ही लेट गयी और अजय भी मेरे ऊपर लेट कर मेरी चुचियों को मसल रहा था।
अजय- दीदी, मजा आया आपकी गांड को?
मैं नखरे दिखाते हुए- कोई मजा नहीं आया, जाओ तुम अपने घर!
अजय ने मेरे निप्पल्स को मसल दिया और बोला- आपकी गांड तो मारूँगा ही चाहे कुछ भी हो जाये।
मैं- एक शर्त है।
अजय- क्या?
मैं- मुझे ज्यादा दिन प्यासा नहीं रखोगे।
अजय- बिल्कुल दी, मैं खुद आपको चोदे बिना नहीं रह पाऊँगा।
मैं- ठीक है, अगर जल्दी आ गये तो गांड तुम्हारी… वरना भूल जाओ।
अजय- मुँह बनाता हुआ दूसरे कमरे में चला गया तैयार होने के लिये और मैंने भी अब नाईटी पहन ली।
शाम को 4 बजे अजय चला गया और मैं अकेले बैठ कर सोचने लगी कि अब क्या करुँ।
फिर मैंने चाय बनाई और टीवी देखने लगी।
मैं दो दिन से ऑफ़िस नहीं जा रही थी तो बॉस का फ़ोन आ गया मेरी तबियत पूछने के लिये।


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