यह कहानी भी मेरी शादी से पहले की ही है। जैसा कि मेरी पिछली कहानी
मेरी चोदन कथा: पांच लफंगों से पार्क में चुदी
में आपने पढा कि किस तरह से गली के लफंगों ने मेरी ज़बरदस्ती चुदाई करी… और न जाने कितनी बार करी! मैं तो चुदते चुदते बेहोश हो गई थी।
मुझे जब होश आया तो मैं बेसुध सोई थी। पार्क में बिल्कुल अंधेरा था। फिर जैसे तैसे हाथ पांव मारते मारते मोबाईल को खोजा। जब मैंने मोबाईल में समय देखा तो सुबह के तीन बज रहे थे। फिर मैं मोबाइल की रोशनी में अपने कपड़े ढूंढने लगी। जब मैंने अपने कपड़े देखे तो मुझे रोनी आ गई… सालों ने जैम कर मेरी चूत तो चोदी ही… और साथ ही साथ सारे कपड़े के चीथड़े चीथड़े कर दिए थे।
अब मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। अब क्या करूँ… सुबह होने वाली थी और मैं पब्लिक पार्क में नंगी थी। कुछ देर में लोग आने लगते! मेरे दिमाग ने भी काम करना बंद कर दिया था।
तभी मुझे शनि की याद आयी।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये शनि कौन है।
तो मैं आपको बता दूँ कि शनि मेरी मौसी का बेटा है, वो इसी शहर में रह कर पढ़ाई करता है, वो मेरे से छह महीने छोटा है लेकिन एक नम्बर का चोदू है।
उसने मुझे कभी भी बहन समझा ही नहीं… हमेशा हवस भरी नजरों से मुझे घूरता रहता और जब भी मेरे घर आता तो हमेशा मुझे छूने की कोई न कोई बहाना ढूंढता रहता… जब अकेले मिल जाती तो मेरी गांड, चूची भी मसल देता कभी कभी तो चुम्मी भी ले लेता। मैंने कितनी बार उसे रोकने की कोशिश भी की कि ‘ऐसा मत करो, हम भाई बहन हैं’ लेकिन वो नहीं मानता उसने कई बार मेरी चुदाई करनी चाही। मैं भी चुद लेती… लेकिन भाई था और मुझे लंड की कमी नहीं थी इसलिए मैं उसे अनदेखा कर देती थी।
अब मेरे पास शनि को फोन के अलावा कोई चाड़ा नहीं था। मैंने तुरंत शनि को फोन किया, पहली बार में उसने नहीं उठाया, दूसरी बार में उठाते ही बोला- क्या हुआ? इतनी सुबह सुबह? सब ठीक है?
मैं बोली- नहीं, कुछ ठीक नहीं है। तू एक काम कर… जल्दी से *** पार्क में आ जा!
मैंने उसे पार्क का नाम बताया.
वो बोला- लेकिन बताओ तो कि क्या हुआ?
मैं बोली- इतना समय नहीं है, तू जल्दी आ… और मेरे लिए एक जीन्स और टी-शर्ट लेकर आ।
वो बोला- बताओ तो आखिर हुआ क्या है?
मैं बोली- तू जल्दी आ, सब बताती हूँ।
शनि बोला- आप कहाँ हो?
मैं बोली- पार्क में!
शनि बोला- ठीक है, आप पार्क के बाहर इंतज़ार करो, मैं 10 मिनट में पहुँच रहा हूँ।
मैं बोली- यार, पार्क बन्द है और मैं पार्क के अंदर नंगी हूँ।
तो वो बोला- बस मैं निकल रहा हूँ।
और फोन काट दिया।
फिर मैं पार्क में मोबाइल की रोशनी में गेट की ओर जाने लगी तो रास्ते में एक नल दिखा। मैंने सोचा कि जब तक शनि आ रहा है, तब तक थोड़ी साफ हो जाऊं… मेरे पूरे शरीर पर मिट्टी लगी थी।
मैंने मोबाइल को साइड में रखा और पाइप के सहारे खुले पार्क में नहाने लगी और अपने आप को अच्छे से साफ चूत, गांड, चूची को रगड़-रगड़ के साफ किया और एकदम तरोताजा हो गयी।
तभी मुझे बाइक की आवाज सुनाई दी, मैं पानी बंद कर के गेट की तरफ चल दी। जब तक मैं पहुँचती शनि दीवार कूद कर अंदर आ गया।
मैंने तो सोचा था कि भाई को बोलूंगी कि कपड़े अंदर फेंक… लेकिन यह साला मुझे नंगी देखने अंदर आ गया।
भाई के आते ही मैं झाड़ी में छुप गयी और बोली- शनि कपड़े दे!
वो बोला- बाहर आओ दीदी!
मैं बोली- मैं कुछ नहीं पहने हूँ।
तो शनि बोला- तब तो और मज़ा आएगा दीदी, आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी होगी।
मैं कुछ बोलती कि वो मेरे पास आ गया और मेरे नंगे जिस्म को मोबाइल की रोशनी में ताड़ने लगा।
मैं शर्म से सिमट गई थी।
फिर उसने मुझे गले से लगा लिया और अपने हाथों से मेरी गांड मसलने लगा और जीभ से मेरी गर्दन पर से पानी की बूंदें चाटने लगा जिससे मेरे बदन में एकदम से सनसनी सी फैल गयी।
फिर वो अपने जीभ से कुत्ते की तरह मेरी गर्दन, गाल, होंठ चाटने लगा। मैं फिर से मदहोश होने लगी परन्तु अपने आप को काबू में करके मैं उसे अपने से दूर करके बोली- बेशर्म… छोड़ मुझे! बहन हूँ मैं तेरी।
फिर वो गुस्से में बोला- दीदी, ये गलत है, आप सारी दुनिया से चुदती हो और मुझे बेशर्म बोलती हो? ये गलत है। आज आप जो चाहे बोलो… आज मैं आपकी एक नहीं सुनूंगा! आज तो मैं तुझे चोद कर ही रहूँगा!
मैं बोली- शनि, पागल मत बन, चल घर चल!
वो बोला- आज तो तुझे चोदने के बाद ही जाँऊगा, चाहे जो हो जाये।
और वो फिर मेरे से लिपट गया।
मैं कुछ बोल पाती, उससे पहले वो लिपलॉक (स्मूच) किस करने लगा और मेरी चूची को बड़े ही बेदर्दी ढंग से मसलने लगा। मुझे आज तक यह बात समझ में नहीं आई कि सारे मर्द अपना जोश चुचियों पर ही क्यों निकालते हैं।
वो जोर जोर से अपनी नंगी बहन की चूची को ऐंठने लगा और फिर एक हाथ से मेरी चूत में उंगली करने लगा जिससे मैं कामुकता वश एकदम व्याकुल सी हो गयी। मुझे फिर से चुदास चढ़ने लगी। मुझे खुद पर यकीन नहीं हो रही थी कि अभी 5 लड़कों ने मेरी चूत हर संभव तरीके से चोदी और मैं फिर से चुदने को तैयार हो गयी।
मुझे लगा कि मैं चुदक्कड़ बनती जा रही हूँ।
फिर मैंने सोचा कि ये जवानी दुबारा मिलने वाली तो है नहीं… तो क्यों ना पूरे मजे लूं और सोचा कि चलो आज भाई के लन्ड का भी स्वाद चख ही लेती हूँ।
लेकिन पार्क में नहीं… क्योंकि पार्क खुलने का समय हो गयी थी।
फिर मैंने अपने ऊपर कंट्रोल किया और जैसे तैसे भाई को अपने नंगे जिस्म से अलग किया और बोली- देख शनि, मैं तुम से चुदूँगी लेकिन आज नहीं फिर कभी!
शनि बोला- नहीं दीदी, आज तो मैं चोद कर ही रहूँगा।
वो मानने के मूड में नहीं था।
फिर मैं बोली- ठीक है, आज ही चोद लेना… लेकिन घर तो चलो, यहाँ कोई आ जायेगा।
शनि बोला- कोई नहीं आएगा दीदी, पार्क 4:30 बजे खुलता है और अभी 3:50 ही हुए हैं। तब तक तो मैं आपकी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।
उसे क्या पता कि उसकी बहन को पूरी रात 5 लड़कों ने चोद चोद कर उसकी चूत की हालत खराब कर दी है। और मैं बता भी नहीं सकती थी।
फिर वो नीचे अपने घुटनों पर बैठ गया और अंधेरे में ही मेरी चूत के ऊपर अपनी जीभ फेरने लगा और पानी की बूंदों को अपने जीभ से चाटने लगा.
धीरे-धीरे वो मेरी नंगी जांघों को भी चाट रहा था और एक हाथ से मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
अब मेरी कामवासना मेरे बर्दाश्त से बाहर थी, फिर मैं बोली- ठीक है, आज तू भी अपनी बहन की जवानी टेस्ट कर के बहनचोद बन जा!
इतना सुनते ही भाई ने मुझे गले से लगाया और मेरे गाल, होंठ, गर्दन को चूमने लगा।
मैं बहुत गर्म हो गयी और उसकी हर हरकत का जवाब देने लगी। मैं भी उसे चूमने लगी। यह देख शनि को और जोश आ गया और मेरी चूचियों को पीने लगा, काटने लगा।
फिर वो बोला- दीदी लेट जाओ, टाइम कम है।
मैं बोली- नीचे?
तो वो बोला- लेट जाओ यार, घास है। आज मैं आपको खुले आसमान में चुदाई का आनंद दूँगा।
मैं मन ही मन बोली ‘बेटे, पूरी रात मैं यही करवा रही हूँ।’
फिर भाई ने मुझे नीचे लेटा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा। फिर उसने अपना लन्ड निकाल कर मेरे मुंह पे रख दिया। मैं भी अपने भाई का लंड चूसने लगी और वो मेरी चूत चाटने लगा।
शनि का लन्ड बिल्कुल अमित की तरह था और वो चूत भी अमित की तरह ही चूस रहा था। मैं उसके लन्ड को भी अमित का ही लन्ड समझ कर चूस रही थी।
करीब 10 मिनट बाद मेरी चूत पानी छोड़ दिया और उसने सारा पानी जीभ से चाट कर साफ किया और फिर लन्ड को मेरे चूत के द्वार पर टिकाया और जोरदार झटका मारा और एक बार में लन्ड को मेरी बच्चेदानी तक पहुंचा दिया. जैसे ही उसके लंड ने चोट की, मेरी तो जैसे दर्द के कारण एक बारगी आवाज़ ही बंद हो गयी। लेकिन अगले ही पल मैं जोर से चिल्लायी- हाय मेरी चूत साले भाई ने फाड़ दी।
और मैं बोलने लगी- ओह्हह हह आह हहह ओह माँ… मेरी चूत फट गई।
मेरी चीख से मेरा भाई बहुत खुश हुआ। मैं जोर से छटपटाई लेकिन वो लन्ड आगे पीछे करने लगा। करीब 5 मिनट बाद मुझे भी मजे आने लगे, मैं भी मूड में आ गयी थी और कमर उचका-उचका कर चुदवा रही थी और मदहोशी में बोलने लगी- फाड़ दो मेरे भाई अपनी बहन की चूत को!
वो भी पूरे जोश से गाली देने लगा- आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा साली।
मैं बोली- बहनचोद साले, अपनी बहन को रंडी बना दे।
फिर शनि बोला- आज तुझे रंडी की तरह ही चोदूंगा साली।
इसी तरह एक दूसरे को गालियां के साथ चुदती रही।
तकरीबन 10 मिनट बाद मैं झरने को आई, फिर मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी- और तेजज्ज… उम्म्ह… अहह… हय… याह… फाड़ दे इस चूत को… साली में बहुत गर्मी है। भोसड़ा बना दे अपनी बहन की चूत को!
और मैं झर गयी।
करीब 5 मिनट बाद वो भी झरने को आया और बोला- दीदी मैं भी झड़ने वाला हूं। पानी कहाँ छोड़ूँ?
मैं बोली- भाई जहाँ तेरी मर्ज़ी हो!
फिर उसने चूत से लन्ड निकाला और मेरे मुँह में लन्ड डाल दिया और मेरे मुँह में आगे पीछे करने लगा। कुछ देर बाद तेज पिचकारी मेरे मुँह में निकली। मेरा मुँह उसके माल से भर गया था और भाई का वीर्य मेरे गले से नीचे उतरने लगा।
भाई के लंड से अभी भी वीर्य निकल रहथा… अब वीर्य मेरे मुँह से निकल कर मेरी चूचियों पर गिरने लगा था। फिर मैंने उसके लन्ड को अपने मुँह से निकाला और वीर्य को मुँह से निकालने लगी।
अब वीर्य मेरी पूरी चूचियों से होते हुए पेट और नाभि के रास्ते चूत तक जा पहुँचा।
अभी भी भाई के लन्ड से पानी निकल ही रहा था, वो लन्ड हाथ में लेकर मेरे चेहरे पर वीर्य निकालने लगा और अब मेरे पूरे शरीर पर मेरे भाई के लन्ड का वीर्य था।
फिर शनि ने मुझे गले लगाया और बोला- दीदी, आज मजा आ गया!
और मेरे वीर्य वाले गाल पर पप्पी कर दी।
मैं हँसती हुई बोली- बहनचोद बन कर खुश है ना?
तो वो बोला- तेरी जैसी बहन हो तो हर भाई ख़ुशी-ख़ुशी बहनचोद बन जायेगा।
और फिर हम दोनों हँसने लगे।
मैं सन्नी से हँसती हुई बोली- बहनचोद तो तुम बन ही गए हो, अब मेरे कपड़े तो दे दो, पार्क अब खुलने वाला है।
मोबाइल में वक्त देखा तो 5:20 हो रहे थे।
सन्नी बोला- दीदी, कपड़े तो बाइक के डिकी में ही भूल गया।
फिर मैं बोली- भूलेगा कैसे नहीं साले? तू तो मुझे चोदने आया था।
फिर हम दोनों हँसने लगे।
मैं बोली- जा बहनचोद कपड़े लेकर आ!
तो सन्नी बोला- यार दीदी, ऐसे ही बाहर चलो ना, अभी कोई नहीं होगा।
मैं बोली- अच्छा अगर किसी ने इस हाल में हमें देख लिया तो फिर वो भी चोद देगा।
तो सन्नी बोला- कुछ नहीं होगा, चलो।
फिर हम दीवार के पास आये तो सन्नी बोला- दीदी, आप चढ़ो, मैं आपको धक्का देता हूँ।
मैं दीवार पर चढ़ने लगी लेकिन सन्नी तो मेरे नंगे जिस्म से खेल रहा था, कभी वो मेरी चूचियों को ऐंठ देता तो कभी धक्का देने वक़्त गांड में दाँत चुभो देता।
मुझे अच्छी लग रही थी और मैं भी खेल रही थी। मैं भी जान बूझकर उसकी गोद में गिर जाती फिर मजे करती।
ये सब करते करते समय का ख्याल ही नहीं रहा।
तभी एक 20-22 साल के लड़के ने सन्नी को पीछे से थपथपाया और बोला- भाई, ये क्या हो रहा है?
सन्नी डर गया।
वो लड़का पार्क का गार्ड था।
सन्नी हकलाते हुए बोला- वो भाईई वो…
उस लड़के ने मोबाइल का टोर्च ऑन किया तो मुझे नंगी देखकर बोला- अच्छा तो ये कहानी है।
फिर मैं सन्नी को बोली- तू जा और बाइक स्टार्ट कर… मैं आती हूं।
सन्नी बोला- दीदी, आप अकेली?
मैं बोली- जा तू… मैं 2 मिनट में आती हूँ।
तो सन्नी चला गया।
उसके जाते ही मैंने उस गार्ड को गले लगाया और एक चुम्मी दे दी और बोली- आज के लिए इतना ही! और पार्क में ब्रा पेंटी तेरे लिए छोड़ कर जा रही हूँ।
और मैं जाने लगी तो लड़का बोला- मैडम जी, एक बार और गले मिल लो।
मैं जैसे ही मिलने गयी, उसने मेरी चूची पर किस किया.
मुझे उसकी ये बात अच्छी लगी, मैंने अपनी चूची उसके मुँह में रख दी और बोली- ये लो पी लो।
और फिर उसको अपनी दुधु पिलाकर सन्नी के पास चली गयी।
तसन्नी बोला- आप ठीक तो हो दी?
मैं बोली- बिल्कुल!
फिर उसने मुझे कपड़े दिये, मैं कपड़ों को लेकर उसके पीछे नंगी ही बैठ गयी और बोली- चल!
तो सन्नी बोला- दीदी कपड़े तो पहन लो?
मैं बोली- आज नंगी ही जाऊँगी।
तो सन्नी बोला- वाह दीदी, क्या बात है!
फिर हम दोनों सन्नी के रूम की ओर निकल पड़े।
सन्नी बोला- काश आप मेरी बीवी होती!
मैं बोली- साले भाई होकर भी पति वाला काम तो कर ही लिया।
फिर सन्नी बोला- ठीक है, आज से मैं आपका पति हूँ और आपकी रोज चुदाई करूँगा
और हँसने लगा।
सन्नी मेरी चूचियों के मजे लेने के लिये रास्ते ब्रेक में जानबूझकर अचानक ब्रेक मारता तो मैं बोली- ब्रेक क्यों मार रहा है? सीधे क्यों नहीं बोलता कि तेरे से चिपक कर बैठूँ।
फिर सन्नी बोला- दीदी, आप बहुत अच्छी हो।
हम पहुँचने ही वाले थे तो सन्नी बोला- दीदी, आप पार्क में अकेली वो भी नंगी क्या कर रही थी?
अब मैं सोच में पड़ गयी- क्या बोलूं?
फिर मैंने झूठ बोल दिया- यार वो सहेली की बर्थडे पार्टी से लौट रही थी, तभी कुछ लड़के जबरदस्ती करने लगे और मेरा रे प करने की कोशिश करना चाह रहे थे लेकिन मैं जैसे तैसे भाग निकली और पार्क के छुप गयी।
उसे क्या मालूम कि पाँचों लड़कों ने मेरी जम कर चूत मारी।
फिर हम सन्नी के यहाँ पहुँच गए। जैसे ही रूम में गयी, सन्नी ने लाइट जलाई। फिर अपने आप को देखा, मेरे पूरे शरीर पर सन्नी की वीर्य थी जो बिल्कुल सूख गया था, समय देखा तो 6 बज गये थे। मेरे पास कपड़े भी नहीं थी कि मैं घर जा सकती।
फिर मैंने मॉम को फोन करके कहा- मैं सन्नी के यहाँ हूँ, आने में थोड़ी देर लगेगी।
मॉम को मेरे पे शक हो गयी कि मैं झूठ बोल रही हूँ तो मॉम बोली- सन्नी से बात करवा?
तो मैंने सन्नी को फोन दे दिया, मॉम से सन्नी बोला- मासी, आप टेंशन मत लो, मैं शाम को आऊंगा तो मधु को अपने साथ ले आऊंगा।
मॉम मान गयी।
मैं रात भर चुद चुद कर बिल्कुल थक गई थी और बिस्तर पर लेट गयी। सन्नी भी मेरे पास लेट गया और मुझे किस करने लगा, मेरे बूब्स चूसने लगा, वो मेरे बदन के साथ खेल रहा था। और मैं पता नहीं कब नींद की आगोश में चली गयी।
जब मेरी नींद खुली तो देखा कि सन्नी मेरे पास बिल्कुल नंगा सोया हुआ है और लन्ड भी बिल्कुल ढीला सोया था। मैं उठकर जैसे ही बैठी तो वीर्य मेरी चूची से नीचे टपक रहा था।
फिर मैंने आईने के सामने जाकर देखा तो मेरी चुचियाँ एकदम लाल थी और लव बाईट भी थी। मैं समझ गयी कि सन्नी ने मेरी दुधु पर मुठ मेरी है।
मैंने समय देखा तो शाम के 4 बज रहे थे।
फिर मैंने सन्नी को उठाया और बोली- उठ बहनचोद, मुझे कपड़े भी लेने हैं और घर भी जाना है।
सन्नी ने उठते ही मुझे अपनी ओर बिस्तर पर खींच लिया और बोला- दीदी, आज रात रुक जाओ ना?
मैं बोली- अच्छा, आज रात ही क्यों, तेरे बच्चे की माँ बनने तक रुक जाती हूँ।
और हम दोनों भाई बहन हँसने लगे।
सन्नी हँसते हुए बोला- काश, तू मेरी बीवी होती।
मैं बोली- चल उठ और बाज़ार जाकर मेरे लिए कपड़े लेकर आ, तब तक मैं स्नान कर लेती हूँ।
तो सन्नी बोला- दीदी, मैं भी आपके साथ नहाऊंगा!
मैं बोली- पागल मत बन, जल्दी जा, मुझे देर हो रही है।
लेकिन सन्नी जिद करने लगा।
फिर मैं बोली- ठीक है, जल्दी उठ!
और मैं जाने लगी। वो वहीं लेटा मेरी लचकती गांड देख रहा था।
वो अचानक उठा और मुझे पीछे से दबोच लिया, उसका लन्ड मेरी गांड में चुभने लगा था।
वो बोला- दीदी, आपकी गांड बहुत सेक्सी है। एक बार गांड मारने दो ना?
मैं बोली- पागल हो गया है क्या? बहन हूँ तेरी रंडी नहीं… जब से मिला है चोदे ही जा रहा है।
मैंने थोड़ा गुस्सा दिखाया और बाथरूम में चली गयी। वो भी पीछे-पीछे आ गया और बोला- गुस्सा मत हो दीदी!
और बाथरूम में घुस गया और मैंने झड़ना शुरू किया और वो दोनों नहाने लगे। वो मुझे बड़े प्यार से स्नान करवा रहा था, मेरी चूची को मसलने लगा.
मैं फिर से थोड़ी उत्तेजित होने लगी, मैं कुछ नहीं बोली. वो फिर आगे बढ़ा और मेरे होंठों को जीभ से चाटने लगा। मेरे शरीर मे झनझनाहट सी फैल गयी। वो मेरे गाल, गर्दन, चूची सिर्फ चाटे जा रहा था जोकि मेरे लिए बिल्कुल नया और अलग अनुभव था। आज तक मैंने बाथरूम में ऐसे नहीं करवाया था।
फिर वो अचानक ऐसी जगह पहुँच गया जिसकी मैं कभी कल्पना भी नहीं की थी… वो मेरे दोनों हाथों को ऊपर करके मेरी आर्मपिट चाटने लगा। मेरे मन में एक अजीब सी गुदगुदी सी हुई कि ‘ये क्या कर रहा है’ और मेरी आँखें बंद हो गयी और सब कुछ भूलकर बस मैं आंनद लेने लगी।
इससे पहले मैं कुछ समझ पाती, वो मेरी चूत में उंगली करने लगा और ये पानी तो आग में पेट्रोल छिड़कने का काम कर रही थी।
मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और मेरे मुँह से अपने आप सिसकारियां निकलने लगी- ओह्हह हहहह… आहह…
मैं अपना आपा खो चुकी थी और वो पूरे जोश से कभी मेरी चूची चाटता तो कभी गाल… तो कभी तो कभी होंठ, तो कभी गर्दन, तो कभी मेरी गांड और बीच-बीच में अपनी दाँत चुभो कर और पागल कर देता।
मैं तो बस आँखों को बंद कर एक अजीब सी दुनिया में खोई थी।
तभी उसने अचानक मेरी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चूत चाटने लगा। मेरी आँख अचानक से खुली और मैं मदहोशी से बोली- सन्नी … अब बस कर! बस मेरी चूत को फाड़ दे।
यह बात सुनते ही जैसे सन्नी पागल हो गया और मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया और अपने जीभ से मेरी चुदाई करने लगा। मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। करीब 5 मिनट बाद मैं उसके मुँह में झर गयी लेकिन वो अभी भी अपने जीभ से चोद रहा था।
फिर मैंने जैसे तैसे उसको अलग किया और बोली- हो गया… बस कर… बहुत नहा ली! अब चल!
और मैं बाथरूम से निकल गयी।
वो मेरे पीछे आया और बोला- दीदी, ये गलत है। आपका काम तो हो गया लेकिन मेरा लन्ड तो अभी भी खड़ा है।
तो मैं बोली- तो मैं क्या करूँ? मुझे देर हो रही है।
फिर वो गिड़गिड़ाने लगा- प्लीज दीदी, एक बार गांड मारने दो।
मैंने सोचा कि ये बिना चोदे मानेगा नहीं और देर भी हो रही थी, इससे चुद ही लेती हूँ तो मैंने हामी भर दी।
यह सुनते ही उसने मुझे गोद में उठाया, बेड पर पटक दिया और मुझे कुतिया की तरह मेरी गांड को उचका दिया. फिर मेरी गांड पर क्रीम लगा कर फिर उसने अपने लन्ड को मेरी गांड पे टिकाया और इतना जोरदार झटका मारा कि मैं दर्द के कारण लेट गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी- साले… बहनचोद निकाल लन्ड… मेरी गांड को फाड़ दिया।
लेकिन उसने नहीं सुना और लन्ड धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा. करीब 5 मिनट बाद उसने फिर एक जोर का झटका मारा और लन्ड पूरा अंदर चला गया। मेरे तो जैसे प्राण निकल गये। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी, जोर से रोने लगी और गाली देने लगी- साले, मादरचोद, बहनचोद मेरी गांड से लन्ड निकाल!
और छटपटाने लगी।
फिर सन्नी ने मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद किया और मुझे बोला- शांत हो जा मेरी रानी।
और फिर धीरे धीरे वो लन्ड आगे पीछे करने लगा। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड में कोई मोटा सरिया डाल कर मेरी गांड की गहराई नाप रहा हो।
मेरी तो आंखों से आंसू आने लगे लेकिन सन्नी लन्ड आगे पीछे कर रहा था।
करीब 5 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा मुझे!
फिर मैं भी धीरे-धीरे गांड उचकाने लगी। यह देखकर सन्नी ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और अपने हाथों से मेरा भाई मेरी चूचियों को मसल रहा था। फिर उसने मेरी चूत के नीचे तकिया लगाया और स्पीड और बढ़ा दी और खचाखच अपनी बहन की गांड चोदने लगा. मैं भी तेजी से गान्ड उछाल उछाल कर लन्ड ले रही थी और सिसकारियां लेने लगी।
तकरीबन 10 मिनट बाद उसने मेरी गान्ड में तेज पिचकारी मारी और मेरे ऊपर निढाल हो पड़ गया। उसका वीर्य बहुत समय तक मेरी गान्ड से रिस रिस कर निकलता रहा। फिर सन्नी मेरे गले लगकर बोला- थैंक यू दीदी! आज आपने अपने भैया को सैंया बनने का मौका दिया।
और एक पप्पी करी।
फिर मैं बोली- अब तो घर चलें बहनचोद?
तो सन्नी बोला- घर नंगी जाओगी मेरी जान?
मैं खिलखिला कर हंस पड़ी, बोली- मेरा बस चले तो मैं कभी कपड़े पहनूँ ही नहीं!
फिर मेरा भाई बाजार से जींस टॉप लाया, मैंने बिना ब्रा पेंटी के वो पहने और अपने भाई की बाइक पर उसकी कमर में अपनी चूचियां गड़ाती हुई, उसके लंड को पकड़ कर अपने घर आयी.
इस चुदाई के बाद हम दोनों भाई बहन ने बहुतों बार मौके खोज खोज कर चुदाई की।


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