मेरा नाम निखिल है. मेरे डैड एक सफल बिज़नेसमैन हैं. जब मैं छोटा था, तभी मेरे मम्मी की मौत हो गयी. मेरे डैड बहुत व्यस्त रहते थे तो मेरी पढ़ाई के लिए मुझे बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया. बोर्डिंग स्कूल के सख्त अनुशासन के कारण मेरा मन कभी वहाँ लगा नहीं. वहाँ कुछ पसंद था, तो स्पोर्ट्स. बॉक्सिंग मुझे बहुत पसंद था. अपनी फ्रस्ट्रेशन दूसरों पे निकल पाता था. शुरू से फिज़िकल एक्टिविटी में इन्वॉल्व होने के कारण मैं बहुत ही स्ट्रॉंग था बाकी लड़कों से.
यह तो रहा मेरा बचपन, अब मैं घर वापस आ गया था. डैड ने मेरी वापसी के खुशी में बड़ी पार्टी रखी थी. शाम को पार्टी शुरू हुए, बहुत से लोग आने लगे, पापा के फ्रेंड्स और उनकी परिवार. सब मेरे से बहुत ही गर्मजोशी से मिल रहे थे. डैड और उनके दोस्त थोड़ी देर बाद ड्रिंक्स और अपनी बातों में बिज़ी हो गये. अब मैं हमउम्र लोगों के बीच में था. सब मेरे से बड़ा फ्रेंड्ली बात कर रहे थे. स्पेशली गॅल्स कुछ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड थी मेरे से बात करने को. मुझे इतने अटेंसन की आदत नहीं थी, बॉयज हॉस्टल में पढ़ने के कारण लड़कियों के साथ पार्टी की ऐसी आदत नहीं थी. वैसे मैं कोई वर्जिन नहीं था, लेकिन यहाँ का माहौल कुछ नया था.
बीच में मैंने अपने पहले सेक्स की कहानी बता दी थी. अब आगे:
पार्टी ज़ोर पे थी अब… मेरी सौतेली बहन डॉली पास आई, बोली- वेलकम बैक टू होम!
असल में मेरी माँ की मौत के बाद डैड ने दूसरी शादी कर ली थी, अपनी सेक्रेटरी के साथ. डॉली मेरी सौतेली माँ जसमीत कौर के पहले पति से थी. उसकी उमर कोई 21 साल की थी. मुझसे वो दो साल बड़ी थी. मेरी उससे बिल्कुल नहीं बनती थी. बोर्डिंग में रहने के कारण मेरी उससे कभी ख़ास बातचीत भी नहीं रही.
मैं थैंक्स बोल कर दूसरी ओर चला गया. मैं शर्मा अंकल की बेटी आलिया से बात करने लगा. आलिया भी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ी थी. पार्टी में आए सभी लागों में से मैं सिर्फ़ उस से ही कनेक्ट कर पा रहा था.
उसने मुझे पार्टी में आए लोगों के बारे में बताना शुरू किया… वो मुखर्जी बाबू… उनकी बीवी के काफ़ी किस्से मशहूर हैं और मुखर्जी बाबू काम में ही बिज़ी रहते हैं. वो रानी शुक्ला, शुक्ला जी के बेटी, सी इज अल्कोहोलिक.
ऐसे भी सभी के बारे में.
इसी तरह टाइम बीता और पार्टी ख़त्म हुई. सब एक एक कर अपने घर को जाने लगे. मैं थका सा अपने रूम की ओर चल पड़ा.
जैसे ही मैंने अपने रूम का डोर ओपन किया, वहाँ रानी शुक्ला को लेटी पाया. लग रहा था कि नशे से धुत्त वो सो गयी मेरी रूम में आकर शायद. उसकी उमर कोई 35 की होगी, लेकिन जवानी पूरे शवाब पे थी. उसके कपड़े बिखरे पड़े थे, साड़ी एक साइड पड़ी थी, उसका कसा ब्लाउज किसी तरह उसके खरबूजे जैसे बूब्स को ढक पा रहा था. उसकी आधी चूचियाँ बाहर थी.
उसे देख मेरा दिमाग़ गर्म हो गया. मैंने पास जाकर उसे थोड़ा हिलाया, बोला- मिसेस रानी, वेक अप!
उसने अधखुली आँखों से मुझे देखा और मेरा हाथ पकड़ लिया. वो होश में नहीं थी, कुछ बड़बड़ा रही थी- वाइ डोन्ट यू लव मी ऐनीमोर? (तुम मुझे अब प्यार क्यों नहीं करते?)
रानी ने मुझे खींच कर अपने ऊपर ले लिया.
मैं उसके विशाल वक्ष पर गिर पड़ा. मेरा लंड खड़ा हो गया. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ. मेरा सर पकड़ उसने अपनी ओर खींचा और मुझे चूमने लगी, बोली- लव मी लायक यू युज्ड टू डू!(जैसे तुम पहले करते थे, वैसे ही मुझे प्यार करो!)
मैं किसी तरह उससे अलग हुआ और उसके कंधे पकड़ ज़ोर से हिलाया. मेरे हिलने से उसके खरबूजे छलकने लगे. उसका ब्लाउज सरक कर उसके निप्पल के नीचे तक खिसक गया. गोरे गुदाज़ बूब्स सुनहरे भूरे निप्पल… उफ़!
वो अभी भी होश में नहीं आई थी. मैं पूरा गर्म हो चुका था उसे देख कर. उसने फिर हल्की से आँखें खोली और मुझे खींच कर अपनी बांहों में भींच लिया. मेरा तना हुआ लंड उसकी जांघों पे दबा जा रहा था. मुझे दर्द होने लगा था.
वो बोले जा रही थी- फक मी, प्लीज़ फक मी लाइक यू युज्ड टू डू.(चोदो मुझे… जैसे तुम पहले चोदते थे, अब भी चोदो मुझे!)
बांहों में ज़ोर से मुझे दबाने से उसकी निप्पल ब्लाउज से बाहर आ गई. मेरा सर पकड़ कर अपनी चूचियों पे दबाते हुई बोली- सक इट, सक इट!
अब मेरा कंट्रोल जा चुका था, मैं दोनों हाथों से उसके बूब्स ज़ोर से दबाए और पूरे मुँह में भर के चूसने लगा. उसका दूध निकल आया मेरे मुँह में. मैं और उत्तेजित हो गया और ज़ोर से दांतों से काट काट के उसके निप्पलों को चूसने लगा. नशे में मिसेज़ रानी को दर्द का एहसास भी नहीं हो रहा था.
मेरा लंड बेकाबू हो गया था, मैंने पैंट की ज़िप नीचे करके अपना लंड आज़ाद किया. मुझे लग रहा था कि कहीं उसे होश ना आ जाए. अब वापस जाना मेरा बस में नहीं था, मैंने एक हाथ से उसका पेटिकोट ऊपर उठाया, उसकी पैंटी में हाथ अंदर डाला, उसकी गुद्देदार चूत मैं अपने हाथों में महसूस कर पा रहा था.
मैं उसकी चूत सहलाने लगा और अपनी बड़ी उंगली उसकी चूत में घुसा डाली. उसकी चूत सूखी थी. मुझे उसके होश आने का डर लग रहा था. इतनी उत्तेजना में था कि अब लंड शांत किये बिना नहीं रह सकता था.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पे टिकाया और ज़ोर लगा कर लंड का टोपा धीरे से उसकी सुखी चूत में घुसा दिया. नशे में पड़ी वो, आह कर बैठी. मैंने उसका मुँह एक हाथ से बंद करके ज़ोर से धक्का मार के पूरा लंड उसके चूत में पेल दिया. दर्द के मारे वो कराह उठी, लेकिन नशे के कारण वो कमजोर हो चुकी थी, अपने को छुड़ा नहीं पाई.
मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किया, उसकी सूखी चूत में मेरा लंड भी घिस रहा था, मुझे जलन हो रही थी. अब रानी को होश आ रहा था, उसकी आँखें दर्द के मारे फटी जा रही थी. मैं उसका मुँह बंद किए चोदे जा रहा था.
अपने मुँह में उसका पूरा बूब ले लिया और जलन के मारे उन्हें ज़ोर के काटे जा रहा था.
थोड़ी देर बाद उसकी चूत गीली हो गयी, मेरा लंड अब आसानी से अंदर जा बाहर जा रहा था. मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह से आज़ाद किया और उसकी ओर देखा. वो पूरा चेहरा पे पसीने की बूँदें टपक रही थी. रूम की लाइट में बूँदें चमक रही थी. उसकी आँखें नॉर्मल थी अब… शायद नशा उतर गया था.
मैं थोड़ा थक गया था, मैंने स्पीड धीमी कर दी, धीरे धीरे अब मैं अपना लंड उसके चूत में पेल रहा था. रूम में सिर्फ़ लंड और चूत की चप चप चप की आवाज़ आ रही थी. उसके हाथ जो मुझे दूर धकेलने की कोशिश में मेरे पेट पे थे, ढीले पड़ गये. उसका हाथ अब मेरी कमर से होते मेरी गान्ड पे था. अब वो मेरी गान्ड अपनी ओर खींचे जा रही थी. वो अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी चूत में मेरा लंड घुसाने लगी.
मैंने अब उसके मुँह से अपना हाथ हटाया. वो मुस्काई और मुझे खींच के स्मूच करने लगी. मैंने एक हाथ उसकी गर्दन पे डाला और उसे प्यार से चूमने लगा.
अब मैंने तेज़ी से अपना लंड चूत में डालना शुरू कर दिया. मेरे टट्टे उसकी जांघों से टकरा कर थपथप की आवाज़ कर रहे थे. मैं चरम पर पहुँच गया, आह करते हुए अपना लंड खींचा और सारा पानी उसके पेटिकोट पे गिरा दिया.
वो थोड़ी होश में थी शायद… मुझे धीरे से अलग किया, वो बोली- यह कब कैसे शुरू हो गया, मुझे कुछ याद नहीं?
मैंने उसे सारी बात बताई, वो बोली- ओह, सॉरी. मेरे कारण यह सब शुरू हुआ.
मैं बोला- कोई बात नहीं… मुझे कोई अफ़सोस नहीं. आपके जिस्म में भला कौन मर्द ना जाना चाहे!
वो मुस्काई, बोली- मैंने भी जब पार्टी में तुम्हें देखा तो तुम्हारा चौड़ा बदन देख कर मन मचल गया था. चलो जब अनजाने में शुरू हो ही गया, तो इसे एक अच्छा मुकाम दिया जाए.
हम दोनों बेड से नीचे उतरे. उसने मुझे सोफे के पास नीचे बिठा दिया. चादर बेड से निकाल के मेरे हाथ पीछे कर के बाँध दिया. उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये, रूम की लाइट में उसका जिस्म चमक रहा था, अपना ब्लाउज उसने मेरी आँखों पे बाँध दिया.
तभी हमें बाहर से कुछ गिरने के आवाज़ आई. मैं डर गया, किसी ने देख तो नहीं लिया.
वो धीरे बोली- रूको, मैं देखती हूँ!
मुझे अब सिर्फ़ उसके कदम की धीमी आहट सुनाई दे रही थी रूम से जाते!
मेरी आँखों पे पट्टी बन्धी थी और दोनों हाथ बँधे थे. मैं नंगे नीचे फर्श पर बैठा था. मुझे उसके वापस के आने की आहट सुनाई दी. वो चुपचाप मेरे पास आई. मुझे तो सब अंधेरा दिख रहा था. पास आकर उसने मेरे मुँह पर अपनी गान्ड रख दी, उसके गान्ड की गहराई मैं महसूस कर पा रहा था.
उसकी चूत की खुशबू मदमस्त करने वाली थी. मैं अपनी ज़ुबान निकाल कर उसकी चूत चाटने लगा. मेरे थूक से उसकी चूत गीली हुई जा रही थी. वो आहें भरने लगी. उसकी आवाज़ बदली सी थी. वो झुकी जिससे उसकी पूरी चूत और खुल के मेरे मुँह पे आ गयी. मैं और तेज़ी से उसकी चूत चाटने लगा. उसने झुक के मेरा तना हुआ लंड अपने मुँह में ले लिया. मेरी उत्तेजना बढ़ी जा रही थी. अब वो अपने चूतड़ हिला हिला कर मेरे मुँह पे अपनी चूत घिसने लगी.
मेरा लंड छोड़, वो उठ खड़ी हुई, मैं मतवाला हुआ जा रहा था, उसने मेरे मुँह से अपनी चूत हटाई, मेरे हाथ खोले और धीरे से मेरी पट्टी हटाई.
जो मैंने देखा, मैं हैरान था, यह तो मेरी सौतेली बहन थी.
मैं सकपका गया, मैं बोला- डॉली! तुम यहाँ?
मैं कुछ और बोलता उससे पहले ही वो मुझे स्मूच करने लगी, थोड़ी देर तो मैं हतप्रभ सा ही रह गया था.
मुझसे अलग होकर वो बोली- पनिश मी फॉर माई डर्टी ऐक्ट.( मुझे मेरी बुरी हरकत की सजा दो!)
मेरी बहन मेरे बाल ज़ोर से पकड़ के मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी. मेरे होंठ दर्द कर रहे थे. फिर मैं भी शुरू हो गया. अब मैं इतना गर्म हो चुका था कि सारी मर्यादा भूल चुका था. उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी. मैंने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. मैं उसकी गर्म सांसें अपने चेहरे पे महसूस कर रहा था.
वो मेरे से अलग हुई, तो मेरी नज़र उसकी पके आम जैसे चूचियों पे गयी. ऐसे गदराई जवानी की देख के किसी का दिल मचल जाए.
मैंने पूछा- वेयर इज़ मिसेस रानी?
वो बोली- मेरी आहट सुन जब वो बाहर आई, मैं छिप गयी. वो टायलेट की ओर जा रही इथी कि उसका मूत वहीँ निकल गया और वो वहीं दरवाजे के पास लेट गयी. शायद अभी भी नशे में है.
मैं तुम दोनों को देख इतना गर्म हो चुकी थी कि मेरा खुराफाती दिमाग़ मुझे तुम्हारे पास ले आया.
मैं बोला- यू डर्टी बिच! (तुम गन्दी कुतिया हो!)
वो बोली- येह, आई अम फक्किंग डर्टी बिच. प्लीज़ पनिश मी. (हाँ, मैं चुदक्कड़ गन्दी कुतिया हूँ, मुखे सजा दो!)
वो बिल्ली के जैसे फर्श पे रेंगती हुई मेरी ओर आई, उसकी पतली कमर के पीछे उसकी चौड़े चूतड़ मैं उपर नीचे होते देख पा रहा था.
पास आकर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और नशीली आँखों से मुझे देखती मेरा सुपारा चूसने लगी. फिर इतना मोटा लंबा लंड उसने पूरे गले तक उतार लिया. उसकी नाक मेरी झान्टों में घुसी थी.
उसने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला और ज़ोर से खाँसी. पूरा लंड मुँह में लेने से उसकी साँस उखड़ गई थी.
अब उसने तेज़ी से मेरा लंड मुँह में लेकर चोदना शुरू किया. मैं आह आह करने लगा. मेरा लंड उसके थूक से सना चमक रहा था. मैंने उसे अपने से अलग किया और सोफे के पास पटक दिया. उसका सर सोफे में टिका के मैं सोफे पे चढ़ गया, उसका सर अपनी टाँगों के बीच रख कर अपनी बहन का मुँह चोदने लगा.
जब मुझे लगा मैं पानी छोड़ दूँगा तो मैं रुका, उसका सर पकड़ कर पूरा लंड ज़ोर से उसके गले तक घुसा दिया. मेरे टट्टे तक उसके मुँह में घुसे जा रहे थे.
मेरी बहन टांगें पटक पटक कर छटपटाने लगी, उसने अपने सर को तेज़ी से एक ओर मोड़ कर अपने मुँह को मेरे लंड से आज़ाद किया. वो ज़ोर से खांसने लगी.
मैं वासना के शिखर पे था, वो हार मानने वालों में नहीं थी, मेरे मोटे लंड को मेरी बहन पूरा निचोड़ना चाहती थी. उसने दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़ कर लंड का टोपा चूसना शुरू कर दिया, साथ ही अपने दोनों हाथ मेरे लंड पे भी फिरा रही थी.
मैंने उसे खड़ा किया और सोफे साइड पे झुका के डॉगी पोज़िशन में ले आया. उसकी उभरी चूत मेरे सामने थी. मैंने अपना लंड उसकी चूत पे सेट किया और तेज़ी से पूरा लंड घुसा दिया. वो ज़ोर से आह करके चिल्लाई.
मैंने उसके बालों को पकड़ के खींचा और एक हाथ से उसका मुँह बंद कर के तेज़ी से चोदने लगा.
अब मेरा लंड फिसलता हुआ मेरी बहन की चूत के अंदर बाहर जा रहा था. मैंने उसके मुँह से हाथ हटा दिया, उसकी कमर पकड़ के तेज़ी से चोदने लगा.
वो बोली- येस येस, ओ माइ गॉड. हार्डर हार्डर. (हाँ हाँ… हे भगवान्… जोर से जोर से!)
मेरा जोश भी बढ़ता जा रहा था, मैं दनादन अपनी बहन की चूत चुदाई करने लगा. उसके चूतड़ उछल उछल कर मेरी कमर से टकरा रहे थे. पूरे कमरे में थप थप की आवाज़ गूँज रही थी.
वो सी सी उफ़ उफ़ करती दांतों से अपने होंठ दबा रही थी.
मैं उससे अलग होकर सोफे में बैठ गया. वो आकर मेरी गोद में बैठ गयी, मेरा लंड उसकी गान्ड से दबा था. उसने अपने पैर मेरी जाँघों पर रखा, थोड़ी कमर उठाई, मेरा लंड अपने हाथ में लिया, अपनी गान्ड के छेद पे मेरा लंड टिकाया और धीरे से अपनी गान्ड नीचे कर के मेरे लंड का टोपा पूरा घुसा लिया, धीरे धीरे अपनी गान्ड ऊपर नीचे करने लगी.
मैं आह आह करने लगा. उसकी गान्ड बहुत टाइट थी. अब मैंने भी उसकी कमर पकड़ी और उसके रिदम में रिदम मिला के चोदने लगा. वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… बोल कर मेरा लंड चोदे जा रही थी.
मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पे डाला और चूत के दाने सहलाने लगा. थोड़ी देर मैं उसकी गान्ड मारते अपनी दो उंगलियाँ उसकी भभकती चूत में घुसा दी. तेज़ी से अपनी उंगलियों से चूत चोदने लगा. उसकी चूत इतनी गर्म हो चुकी थी कि काँपते हुए उसने पानी छोड़ दिया. मेरा पूरा हाथ उसके चूत की पानी से भीग गया.
वो मेरे पे निढाल हो गयी. उसका सर मेरे कंधे पे था, लंड अभी भी उसकी गान्ड में घुसा था.
मैंने अपनी दोनों उंगलियाँ उसके मुँह में डाली और उसे उसकी चूत का पानी चखाया. वो गहरी सासें ले रही थी. मैंने उसके दोनों चुचियाँ मसलाना शुरू कर दिया. वो आहें भरने लगी. मैंने उसकी गान्ड से अपना लंड निकाला और उसे सोफे पे लिटाया. उसकी दोनों टाँगें उपर कर के उसकी गान्ड पे फिर से अपना लंड सेट किया. धीरे से लंड का टोपा बहन की गान्ड में डाला और चोदना शुरू किया. अब मैं उसकी गान्ड मारते उसे देख भी पा रहा था.
मैं झुका और उसे स्मूच करते उसकी गान्ड में तेज़ी से उसे चोदने लगा. हम दोनों पसीने से सने थे. मेरी उत्तेजना अब चरम पे थे, मैं बोला- आह! आह! मैं छूटने वाला हूँ.
मैंने झटके खाते उसकी गान्ड में पानी छोड़ दिया. मैंने अपनी बहन की गान्ड से अपना लंड निकाला और सोफे पे उसके बगल में लेट गया.
वो बोली- क्यूँ भाई, तू तो बहनचोद बन गया आज?
मैं बोला- काहे की बहन, ना तो हमारी माँ एक है, ना ही पिता. मैं ऐसे रिश्ते नहीं मानता. तूने धोखे से मुझे गर्म कर दिया, वरना मैं ये ऐसा कभी ना करता!
वो बोली- खुली चूत देख के जिसका लंड ना मचले, वो मर्द नहीं!
मैं बोला- हाँ, जब तूने मेरी पट्टी हटाई, चेहरे के सामने तुम्हारी शानदार चूत देख कर मान मर्यादा सब भूल गया.
वो बोली- और तेरा मोटा मूसल देख कर मैं सब भूल गयी. अब तो घर में ही दुनिया का सबसे शानदार लंड हाज़िर है. मज़ा आ जाएगा.
मैं बोला- नहीं, बार बार ऐसे करना ठीक नहीं. डैड को पता चल गया तो वो बहुत दुखी होंगे.
वो बोली- दुखी? उन्हें तो हार्ट अटॅक आ जाएगा. सही कहा तुमने, हमें कंट्रोल में रहना चाहिए.
उसने अपने कपड़े पहने और मुझे गुडबाइ किस किया, बोली- ऐसा नहीं होना चाहिए था.
मैं बोला- शायद!!
और चली गयी.
मैं बाहर जाकर मिसेज़ रानी को गोद में उठा अंदर लाया. मैंने रूम अंदर से बंद कर लिया और दोनों साथ में सो गये चादर डाल के!
सुबह किसी ने दरवाज़ा नॉक किया. साथ ही रामू काका की आवाज़ आई. मैं डर गया.
मिसेज़ रानी अभी भी नंगी सोयी हुए थी, मैं बोला- काका अभी टायलेट में हूँ, थोड़ी देर बाद आना.
वो चले गये.
मैंने मिसेज़ रानी को जगाया, वो अपना सर पकड़े उठी, बोली- हैंग ओवर से सर फटा जा रहा है. मुझे चलना चाहिए अब!
मैंने ओला कैब बुक कर दिया, वो कपड़े पहन कर पीछे के दरवाज़े से निकल गयी. जाते हुए मुझसे बोली- किसी दिन फ़ुर्सत से बचा हुआ काम पूरा करूँगी.
मैं सिर्फ मुस्कुरा दिया.
तैयार होकर मैं ब्रेकफास्ट के लिए टेबल पे बैठा. वहाँ डॉली और उसकी माँ पहले से बैठी थी. मैं मुस्कुराते हुए डॉली को गुड मॉर्निंग बोला. उसने वही पहले जैसे रूखा सा जवाब दिया. वो टेबल पे ऐसे व्यवहार कर रही थी जैसे कल कुछ हुआ ही नहीं हमारे बीच… वही उसका पुराना रयूड सा बिहेवियर मेरी ओर…
मुझे हैरानी हुई. सारा दिन उसका बिहेवियर वेसा ही रहा जैसे पहले हर दिन होता था. मुझे वो फिर पहले वाली डॉली दिखने लगी. लड़कियों का नेचर आप कभी प्रिडिक्ट नहीं कर सकते. कल रात जो लड़की मेरे लंड पे उछल उछल के चुद रही थी, आज ऐसे जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
मैं अपने कमरे में जा के नेट ब्राउज़ करने लगा. फेसबुक पे देखा कि कीकु ने फ्लाइयिंग क्लब ज्वाइन कर लिया, वो शुरू से पाइलट बनाना चाहता था.
किसी तरह दिन कटा. डाइनिंग टेबल पर पूरा परिवार साथ बैठा था. डॉली मेरे बगल वाली कुर्सी पर थी. उसका बिहेवियर बाकी दिन जैसा ही था, ना कुछ बातचीत, ना हाय हेलो… सारा दिन में उसी के बारे में सोच रहा था. मैं अब उसे पहले की तरह हेट नहीं करता था, कल के बाद सब बदल गया मेरे अंदर. लेकिन उसके बिहेवियर से मैं पागल हुए जा रहा था.
मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके जाँघ पे रखा, टेबल के नीचे से. उसने मेरा हाथ हटा दिया. मैं खाना खाकर अपने कमरे में चला गया और सोने की कोशिश कर रहा था मगर अपनी सौतेली बहन डॉली के बर्ताव की ओर दिमाग़ जा रहा था. मैंने सोचा, उससे बात करनी पड़ेगी मुझे.
उसका बेडरूम भी मेरी तरह पहले फ्लोर पे था, मैं उसके कमरे के दरवाजे पर गया, दरवाजा थोड़ा सा खुला था, वो बेड पे लेटी सोई हुई थी, उसने सफेद पैंटी और सफेद बनियान जैसी टॉप पहनी हुई थी. दरवाजे से मेरी बहन के बड़े बड़े हिप्स ही दिख रहे थे.
मैं धीरे से रूम में गया, और उसकी जाँघ पर हाथ रखा कर हिला कर देखा, वो पूरी नींद में थी. उसकी चिकनी जाँघ पर हाथ रखते ही मुझे कल की याद आ गयी. उसकी यही सुडौल गान्ड मेरे कमर पे थप थप कर रही थी.
मैं अपना हाथ उसके चूतड़ों की ओर ले गया, उन्हें सहलाने लगा. मेरा दिमाग़ अब कल वाले मोड में जा रहा था.
मैं बेड पे चढ़ के उसके पास गया, उसे पास से देखा. उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसके खड़े हुए चूचुक टॉप से दिख रहे थे.. वो बाईं करवट सोई थी. बहुत ही प्यारी लग रही थी ऐसे सोये हुए वो!
मैं पीछे हटा और उसके कूल्हों को सहलाने लगा. धीरे से उसकी गान्ड भी चूम ली. कल जो मुझे बिच (कुतिया) लग रही थी, आज उतनी ही प्यारी लग रही थी. मैं धीरे से अपना सर उसकी दोनों जांघों के बीच ले गया. उसकी चूत की भीनी खुशबू मुझ तक आने लगी. मैं उसे जगाना नहीं चाहता था, बस प्यार करना चाहता था.
पैंटी के ऊपर से ही मैंने उसकी गान्ड चूम ली. अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था, मैं और पास जाके उसके पेट पे हाथ फिराने लगा. उसकी नाभि से होते हुए अपना हाथ धीरे से उसकी पैंटी में डाला. मेरा हाथ अब उसकी चिकनी चूत पे था.
मैंने सहलाना शुरू किया, थोड़ा ‘उन्ह उन्ह…’ की आवाज़ करी उसने तो मैं रुक गया. वो अभी भी सोई थी, शायद कोई सेक्सी सपना देख रही थी. मैंने उसकी प्यारी सूरत देखी, उसके कान को किस कर लिया.
उसने गर्दन उचकाई और जाग गयी. अचानक किसी को पास देख वो झट से दूर हटी, वो बोली- अरे तुम कब आए?
मैं बोला- अभी ही… तुम्हें सोती देख जगाया नहीं, तुम्हारे उठने का वेट करने लगा.
वो मुस्कुराई, बोली- अच्छा! तो सुबह तक ऐसे ही वेट करने का इरादा था क्या?
मैं बोला- हां शायद!
वो बोली- अच्छा जी, तो मेरे बेड पे क्यूँ आए?
मैं बोला- तुम्हारी खूबसूरती निहारने!
वो बोली- क्यूँ? कल ही तुमने बोला, सही नहीं हुआ तो अब क्यूँ आए?
मैं बोला- तुम्हारा बिहेवियर रयूड था दिन भर मेरे साथ. मैं हर्ट था, बात करने आया था.
वो बोली- तुम लड़के भी ना, बड़े बुद्धू होते हो. अचानक से क्या मैं माँ के सामने फ्रेंड्ली हो जाती. उन्हें अजीब नहीं लगता. कहाँ हम कभी बात भी नहीं करते थे. और वो तुम क्या बेवकूफी कर रहे थे डाइनिंग टेबल पे?
मैं बोला- सॉरी. तुमसे दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी. दिन भर तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था.
वो मुस्कुराई- इतना मत सोचना, प्यार ना हो जाए कहीं अपनी बहन से ही!
मैं भड़क गया- तुम मेरी बहन नहीं हो!
वो हँसने लगी- ओह, लगता है मैंने कुछ ज़्यादा ही तड़पा दिया दिन में… मेरे पास आओ!
मैं बेड से उठ कर उसके पास गया. वो बोली- सच बोलूं तो मैं तुम्हें ही सपने में देख रही थी.
मैं मुस्कुराया.
उसने मेरे उंगली पकड़ी और सोफे की तरफ मुझे ले जाने लगी. फिर उंगली छोड़, मेरी ओर पलटी, इशारा कर मुझे अपनी ओर बुलाया.
मैं पास गया वो मुझे किस करने लगी. मैंने अपनी दोनों बांहें उसकी कमर पे डाली और उसके कामुक बदन को सहलाने लगा. उसके तने हुए चूचुक टॉप के ऊपर उभरे साफ दिख रहे थे.
मैंने उसका टॉप उपर उठाया और उसके बूब्स बाहर निकाल लिए.
उसने मुझे किस करते अपने हाथों से मेरे हाथ नीचे कर दिए और अपने बूब्स टॉप्स से फिर छिपा लिया. मुझे आज उसका दूसरा ही रूप दिख रहा था… बड़ा ही प्यारा. मैं जब ही टॉप ऊपर करने लगता, वो उसे नीचे कर देती.
मैंने अब टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए. उसका पके आम जैसे बूब्स प्यार से दबाने लगा. हमारे चूमने की आवाज़ रूम में सुनाई दे रही थी. उसने फिर मेरे हाथ अपने बूब्स से हटा दिया और मुस्कुराई.
मैं अपने हाथ से उसकी पीठ सहलाने लगा. प्यार से मैं उसे स्मूच किए जा रहा था.
अब मैं सोफे पे बैठ गया और उसे अपनी जांघों पे बिठा लिया. उसका चेहरा पास लाकर उसके सुर्ख गुलाबी होंठों को चूमने लगा. मैंने फिर उसका टॉप उठाने की कोशिश करी, उसने फिर से नीचे कर दिया.
मुझे इस प्यार भरे गेम में मज़ा आने लगा. मैंने इस बार थोड़ा ज़ोर लगाकर उसका टॉप उपर किया, उसके बूब्स अपने मुँह में ले लिए. वो आह कर बैठी, अब वो मुझे नही रोक रही थी. मैंने उसके दोनों बूब्स हाथ में लिए और बारी बारी उन्हें चूसने लगा.
उसने अब खुद से अपनी टॉप निकाल दी, वो सिसकारी मार मार कर मेरे चूसने का मज़ा लेने लगी. मैंने उसके निप्पल अपने दांतों से धीरे से दबाना शुरू कर दिया. वो और गर्म हुए जा रही थी. वो अपने होंठ काटते हुए, उम्म उम्म की आवाज़ें निकाल रही थी.
मैं उसे दोनों बांहों में उठा कर खड़ा हुआ और उसे बेड पे लिटा दिया. उसके पैर को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर उसके ऊपर जाकर उसके बूब्स दबाते उसे किस किया. मैंने अब अपने हाथ उसके पैंटी पर डाले और उसे निकालने की कोशिश करी लेकिन उसने अपनी पैंटी ज़ोर से पकड़ ली. वो मुझे भड़काये जा रही थी. उसने मेरे हाथ पैंटी से हटाए और अपनी ओर खींच कर स्मूच करने लगी.
मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था. किसी तरह मैंने नोकझोंक करते उसकी पैंटी उतारी. उसकी दोनों टाँगें ऊपर करके उसकी चूत में उंगली करने लगा. साथ ही उसके चूत के दाने चाटने लगा.
वो ‘आहह आहह उम्म उम्म…’ कर के सिसकारियाँ मार रही थी. वो बोली- आह, अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा.
उसने अपनी दोनों टाँगों से मेरे सर को पकड़ के चूत पे दबा दिया, बोली- उम्म!!! चोद दो मुझे!
मैंने अपनी जीभ उसके चूत में डाल दी और उसे जीभ से चोदने लगा. वो इतना गरम हो चुकी थी, उसका पूरा रस में मुँह में आ रहा था.
मेरा लंड अब हिचकोले मार रहा था. मैंने उसे उठा के खड़ा किया, उसकी एक टाँग उठा कर बेड में किया और उसे थोड़ा झुकाया, इसी पोज़िशन में मैंने अपना लंड उसके चूत के मुहाने पे सेट किया. चूत इतनी गीली थी, लंड घप्प से अंदर चला गया. वो चिंहुक उठी.
मैंने अब दनादन लंड पेलना शुरू कर दिया अपनी बहन की चूत में! वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ मार रही थी- उहह!! ओहोहो!! उम्म!!!
उसे मैंने अब बेड पे लिटा दिया, उसकी एक टाँग उठा के गान्ड के छेद का फैलाया, और धीरे से अपने लंड का टोपा घुसा दिया. मैंने उसके दोनो बूब्स पकड़े और लंड उसकी गान्ड में पूरा घुसा कर बहन की गांड मारनी शुरू कर दी.
वो उम्म उम्म कर रही थी, सिसकारियाँ ले रही थी. मुझे उसकी सूरत देख बहुत प्यार आ रहा था. मैं झुका और उसकी दोनों टाँगों को बॉडी से चिपका कर उसे कमर से पकड़ के बेड से उठा लिया. अब उसका चेहरा मेरे सामने था. मैंने उसे ऐसे ही गोद में उठाए गान्ड मारने लगा. उसे स्मूच करते उसे तेज़ी से चोदने लगा.
अब उसे बेड पे लिटाया, और उसके चूत में अपना लंड डाल दिया. उसकी चूत आग की भट्टी बन चुकी थी. वो ‘फक मी हार्ड… चोदो मुझे… फाड़ दो मुझे!’ बोल के सिकसकारियाँ भरने लगी.
वो ज़ोर से चिल्लाई- आह! मैं छूटने वाली हूँ. हार्डर हार्डर!
मैं और ज़ोर धक्के मारने लगा.
उसकी चूत के रस से मेरी झान्टें भी भीग गयी. वो आह आह कर काम्पी और उसके चूत ने लावा छोड़ दिया.
इसी बीच मैं भी चरम पर पहुँच गया और मैंने पूरा रस बहन की चूत में उड़ेल दिया.
मैं उसकी बगल में जाकर लेट गया और गहरी साँस लेने लगा. वो पलट के मेरे छाती पे अपनी ठोड़ी गड़ा के मुझे देखने लगी. वो इतनी प्यारी लग रही थी. आज उसका ऐसा रूप देखा, मुझे उससे प्यार हो गया.
मैंने उसकी दोनों बाजू पकड़ी और उसे अपनी ओर खींचा, धीरे से उसे किस करते बोला- आई एम फॉलिंग इन लव विद यू!
उसने बोला- डोंट… इट विल ओन्ली हर्ट अस बोथ. लेट्स जस्ट हॅव फन अंटिल वी केन. कीप एमोशन असाइड.(ना ना… इससे हम दोनों का नुकसान होगा. जब तक हम करा सकते हैं, मजा लेटे रहेंगे. भावनाओं को बीच में मत लाओ!)
उसके मुँह से ऐसी बातें सुन मेरा प्यार और बढ़ रहा था. मैंने अपने दिमाग़ पे कंट्रोल किया, मन ही बोला ‘सी इज़ राइट!’ (ये सही कह रही है!)


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