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मामी की चूत चुदाई का आनन्द - Mami Ki Choot Chudai Ka Anand

 


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, मैं भी अपनी मामी की चुदाई की सेक्स कहानी आपको बताने जा रहा हूँ जो कि एक सच्ची घटना है।

तो दोस्तो, मैं अपने बारे में बता दूँ, मैं पूना में रहता हूँ, पढ़ाई पूरी हो गई है और में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करता हूँ। मेरी हाइट 5’6″ है और रंग गोरा, दिखने में हैंडसम हूँ।

मैं अपनी कहानी की तरफ आता हूँ जो कि आज से 3 साल पहले मेरे और मेरी मामी के साथ घटी थी। मैं उस वक़्त सिर्फ 24 साल का था। कंपनी ने मेरा ट्रांसफर मेरे मामा के शहर में कर दिया। मैंने मामा जी से कहा कि मेरा आपके गाँव में ट्रांसफर हो गया है तो वो बहुत खुश हुए और मुझे अपने घर में ही रहने के लिए कहा।

मैं अगले दिन ही वहां रहने के लिए पहुंचा, मुझे देख कर मामा मामी दोनों बहुत ही खुश हो गए।

मेरा सामान मामी जी ने मेरे कमरे में लगा दिया और कहा- कुछ भी किसी भी चीज की जरूरत पड़े तो बेझिझक मांग लेना।
मेरी और मेरी मामी जी की पहले से ही अच्छी जमती थी, हम दोनों अच्छे दोस्त की तरह बातें करते थे।

मैं अपनी मामी के बारे में बताता हूँ, वे 36 साल की हैं, रंग सांवला पर दिखने में खूबसूरत हैं, उनको देख कर लगता नहीं कि वो 36 साल की होंगी। मेरी मामी एक अच्छी और सुशील औरत हैं. उन का फिगर हैं 38 28 38
जब वो चलती थी तो उन की गांड देख कर हर किसी का लंड सलामी देता होगा।
मामी जी का एक बेटा है।

अगर मामी जी के शादीशुदा जीवन के बारे में बात करें तो शुरू के महीनों में मामा मामी ने अपनी मैरिड लाइफ़ को अच्छा एन्जोय किया। हालांकि मामा मामी से काफी बड़े थे लेकिन मामा के अच्छी जॉब की कारण मामी की शादी कर दी गयी।

बढ़ती उम्र की वजह से अब वे सेक्स करने में ज्यादा रुचि नहीं रखते और अब वो अपना ध्यान ज्यादातर अपने बिजनेस में लगाते हैं, इस कारण अब मामी का सेक्स जीवन काफी हद तक निराश हो चुका था, मामा से कहतीं तो वे उन्हें अपनी उम्र का हवाला देकर चुप करा दिया करते थे।

इस वजह से मामी एकदम उदास रहने लगीं। मैं मामी से बहुत बातें करता था और उनको खुश करने की कोशिश करता था, वो थोड़ी देर के लिए खुश हो जाती।
थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये।
मामा जी अपने बिजनेस के सिलसिले में 5 दिन के लिए विदेश गए।

एक दिन मामी की सहेली उनसे मिलने आई, मामी जी एकदम खुश हो गई; दोनों साथ में बहुत देर तक बातें करते रही.
अचानक उनकी सहेली की नज़र मुझ पर पड़ी, उसने मामी जी से कहा- वाह, राहुल तो एकदम हैंडसम दिखने लगा है!
मामी जी ने मुस्कुरा कर कहा- हाँ!

बातें करते करते उनकी सहेली ने सेक्स लाइफ के बारे में मामी से पूछा, तो मामी ने अपनी दुख भरी कहानी सुनाई।
उस पर उनकी सहेली ने कहा- अरे यार, तो तुम उदास क्यों होती हो, कोई दूसरा देख लो ना?

उस पर मामी जी ने साफ साफ कहा- मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती…
थोड़ी देर वहां शांति हो गई।

इस बात पर मामी की सहेली बोली- अरे यार, मैं दूसरा मतलब कोई पराया नहीं, तुम्हारे अपने भांजे की बात कर रही हूं।
मामी बोली- क्या? पर वो तो मेरा भांजा है?
उनकी सहेली बोली- तो क्या हुआ, देख कितना हैंडसम हैं, इसे पटा ले, घर की बात घर में रह जायेगी और तुम्हारी मौज मस्ती हो जाएगी।

मैं उनकी बात सुन कर बहुत ही खुश हुआ क्योंकि मैंने खुद कई बार सपनों में अपनी मामी को चोदा था और अपना बिस्तर गीला कर चुका था।

उस दिन से मैं मामी की चुत चुदाई करने का प्लान करने लगा।

और मैंने नोटिस भी किया कि मामी कि नजर अब मेरे प्रति बदल गई है क्योंकि वो जानबूझ कर मेरे सामने कभी अपना पल्लू गिरा कर या मेरे सामने जानबूझ कर झुक कर अपने बड़े बड़े स्तन का दर्शन करा देती।

मैंने भी उसे अपना विशाल लंड दिखाने का सोचा।

एक दिन में रात को काम से घर पर आया और मामी जी से कहा- मामी, मैं नहाने जा रहा हूँ।

मैं नहा कर निकल रहा था तो देखा कि मामी मेरे कमरे में सफाई कर रही थी। मैं सिर्फ टॉवेल लगा कर रूम में दाखिल हुआ।
मुझे देख कर मामी ने कहा- अरे… नहा कर आ गए? तुम्हारे कपड़े लो!

मैं उनकी तरफ मुड़ा और जानबूझ कर पहना हुआ ढीला टॉवेल गिर गया और उसी वक्त मेरा लंबा और मोटा लंड फनफ़नाता हुआ मामी जी के सामने आया।
मामी मेरा लंड देखती ही रह गई, उन का मुंह खुला ही खुला रह गया!

मैंने यही मौका देख कर चौका लगाया- सॉरी मामी जी, वो गलती से गिर गया।
मामी- कोई बात नहीं हो जाता है कभी कभी।

मैं- मामी जी बुरा ना मानें तो आप से एक बात कहें?
मामी- हाँ बोलो?
मैं- आप मेरा औजार देख के इतना चौंक क्यों गई थी? मामा का भी तो है।
मामी- क्योंकि तुम्हारा औजार ही इतना बड़ा है, मैंने आज तक इतना बड़ा नहीं देखा है! तुम्हारे मामा के औजार से कहीं बड़ा है, वो बहुत ज्यादा किस्मत वाली होंगी जो तुम्हारे इस औजार से चुदाई करेगी!

मैं- बुरा ना मानो पर वो नसीब वाली आप भी हो सकते हो, मैं आपको चाहता हूँ मामी।
मामी- पर मैं तुम्हारी मामी हूँ राहुल!
मैं- तो क्या हुआ, मैं मेरे मामा का कर्तव्य पूरा करूँगा, मुझे पता हैं आप कितने महीनों से प्यासी हैं। मेरा है बड़ा लंड अपनी मामी की प्यास ना बुझाये तो किस काम का मामी जी, आपकी ही प्यास मैं अपने इस मोटे लंड से पूरा कर के अपने मामा मामी को सुख दूँगा।

इसके बाद मैंने मामी के होंठों पर अपने होंठ रख दिये और मामी के होठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. मामी जी भी मेरा साथ देने लग गई थीं। धीरे धीरे मेरा हाथ मामी जी के स्तनों पर जा पहुंचा, मैं ब्लाहुज के उपर से ही स्तनों को सहलाने लगा.

वो सिसकारी भरने लगी- अहाआआ अस्सस्स शहस…
थोड़ी देर बाद मैंने मामी को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उनके ऊपर आ गया।

मैंने मामी जी के होंठ चुसाई चालू किया फिर उनके गर्दन पर चूमना चालू किया, मामी जी गरम हो गई थी वो मेरा पूरा साथ दे रहीं थीं.

धीरे धीरे मैं उनके स्तनों के सामने आ गया, वो बहुत ही बड़े और कामुक थे। मैं उनको ब्लाउज़ के ऊपर से ही चूस रहा था और धीरे से एक हाथ से दबा रहा था। मामी भी मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थी।

अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने मामीजी की साड़ी उतार कर फेंक दी। इसके बाद मैंने मामी जी के ब्लाऊज़ के बटन भी खोल दिए और ब्लाऊज़ को निकाल कर फेंक दिया। उसके अंदर मामी ने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने उसको भी उतार दिया।

अब मामी के स्तन पूरी तरह से आजाद थे. यह देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगा।
मामी एकदम से जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी।

थोड़ी देर बाद मैं स्तनों को चूसते चूसते नीचे उनकी पेट पर किस करने लगा और एक हाथ से उनके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया तो उनकी लाल रंग की पैंटी दिखने लगी।

मैं तुरंत उनकी पैंटी उतार कर उनकी काली चूत को देखने लगा.
वाह… क्या चूत थी मामी की… एक मख़मली और बहुत ही बड़ी शायद कामसूत्र में कही हुई ‘हथिनी योनि’ जैसी!

मुझसे रहा नहीं गया और मैं मामी की चूत के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा. फिर मामी जी की योनि में अपनी जीभ को डाल दिया और जोर से अंदर बाहर करने लगा और इस बीच कभी कभी कभी मैं उनकी चूत के दाने को जोर से काट लेता तो वो जोर से सिसकारियां भरने लगती।

मामी की कामुकता पूरी तरह से जाग गई थी, उन्हें बहुत मजा आ रहा था चूत चटवाने में! फिर वो जोर जोर से अपनी चूत मेरे मुँह पर मारने लगी और झट से सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने उनकी चूत को चाट कर साफ़ किया।

इसी बीच मामी ने कहा- प्लीज़ राहुल, अब ज्यादा मत तड़पाओ, प्लीज़ अब करो!
“मामी जी, प्लीज़ क्या आप मेरे लंड को थोड़ा चुसाई करके सख्त करेंगी?”
तो वो उठी औऱ मुझे लेटा दिया और मेरे लंड को पकड़ कर कहा- यह तो अभी इतना बड़ा है तो चूसने के बाद कितना खूंखार दिखेगा।
फिर वह उसे धीरे धीरे चूसने लगी।

थोड़ी देर में जोर जोर से चूसने से मेरा लंड और भी सख्त हो गया।

इसके बाद मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और मामी जी के पैर पसार कर उनकी बीचों बीच आ गया, फिर उनकी चूत की मुख पर अपना लंड सेट किया और एक जोर का धक्का दिया और इसी के साथ मेरा आधा लंड घुस गया।

मामी जी की जोर से चीख निकल गई- हआआआ… हा… उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मामी ने कहा- प्लीज़ जरा धीरे धीरे करना, आपका बहुत बड़ा है!

मैंने अपना काम जारी रखा और फिर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड मामी की चूत में घुस गया.
मामी जी जोर से चिल्लाई- अअअ अआआआ आआ… मरी… मेरे… रा…जाआआआ…
मैं थोड़ा रुक गया पर मामी बोली- चालू रखो!

फिर मैंने धक्के लगाना चालू किया और कुछ धक्के मारने के बाद उनको भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मज़ा ले रही थी और जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी- ऊफ्फ ऊऊ श्श्श्श श्श्श्ह्स म्म्म्म्म् म्म्म्म्म चोदो और चोदो मुझे राहुल, मेरी चूत की प्यास बुझा दो… फाड़ डालो मेरी चूत!
यह कहते कहते वो झड़ गई.

उसके बाद 5 मिनट तक मैं मामी की चुदाई करता रहा और थोड़ी देर में भी उनकी चूत में झड़ गया।

इसके बाद हम दोनों वैसे ही पड़े रहे, फिर थोड़ी देर बाद फिर से चुदाई चालू कर दी।

उस रात को हमने 2 बार चुदाई की।


सुबह जब मैं उठा तो देखा मामी जी तैयार हो कर किचन में खाना बना रही थी। मैं भी फटाफट तैयार हो गया और किचन में गया, मामी अब भी वहीं थी और रोटियां सेंक रही थी।

मैं धीरे से रसोई में गया और पीछे से मामी जी को कस कर अपनी बांहों में भर लिया और उनके गले को पीछे से चूमने लगा और उनके कान में धीरे से कहा- रोटियां सेंक रही हो, चलो मैं भी सेकता हूँ आपकी चूत को!
इस पर मामी जी ने कहा- कल रात को दो बार सेक चुके हो… मन नहीं भरा क्या?
मैं- मन तो संतुष्ट हो गया है पर जी करता है कि आप को चोदता ही रहूं और बस चोदता ही रहूं!
मामी जी- मैं भी तुमसे चुदाई करने के लिए बेताब हूँ राहुल! कल रात को जो तुमने मुझे मजा दिया वो तुम्हारे मामा जी ने कभी नहीं दिया और ना ही दे सकते हैं। तुमने मुझे तन का असली सुख दिया।

मैं अब मामी जी को उठा कर कमरे मे ले गया, वहां बेड पर लेटा दिया और मैं उनके ऊपर आ गया। मामी जी ने अपनी आँखें बंद कर ली। मैंने उनके होठों पर अपने होठ रख दिए, अपने होठों में उनके होंठ दबा कर मसलने और चूसने लगा।
मामी के होंठों को चूसते हुए ही मैं दूसरे हाथ से उनके स्तनों को भी सहलाने लगा, उनकी साँसें तेज हो गई।

होठों को चूमते मसलते मैं उनकी गर्दन पर चुम्बन करते हुए बड़े बड़े स्तनों के पास आ गया, मैंने उनके ब्लाउज के सभी हुक खोल दिए और उनका ब्लाउज उतार दिया। मामी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी जिसके चलते उनके बड़े बड़े स्तन आजाद हो गए।
उन बड़े बड़े स्तनों को देख कर मैं जोश में आ गया और उन पर टूट पड़ा और उन्हें जोर से दबाने लगा, मैंने मामी के एक स्तन को अपने मुंह में लेकर धीरे धीरे से चूसना शुरू कर दिया, इस तरह बारी बारी से मामी के स्तनों को चूसने लगा। एक एक स्तन को जी भर के चूसा, निपल्स की भी जोर शोर से चुसाई करता रहा। मामी जी भी अपने हाथों से मेरे सर को अपने मम्मों पे दबा रही थीं। उनके के मुँह से ‘आह्हह आह्हह..’ की आवाज निकल रही थी। वो पूरी गर्म हो चुकी थीं।

मामी जी के स्तनों को चूसते वक्त मेरा लंड सख्त हो गया था जो कि मामी जी को चुभ रहा था। मामी जी को जब वह महसूस हुआ तो मुझे कहने लगी- अरे राहुल, तुम्हारा लंड तो सख्त हो रहा है चलो ऐसे में मैं इसकी चुसाई कर देती हूं और तुम मेरी चूत की चुसाई करना।
मैंने कहा- यह तो सोने पे सुहागा है.
और मैंने अपने कपड़े उतार दिये, फ़िर मैंने मामी जी की साड़ी खोली, पेटिकोट भी उतार दिया।

अब मैं मामी के ऊपर आ गया और हम 69 की पोजिशन आ गए यानि कि मेरे सामने मामी की चूत थी और उनके मुंह के सामने मेरा लंड जो कि अब भी अंडरवीयर था।

मैंने मामी की पेंटी नीचे से थोड़ा सरका कर निकाल दी, अब वो पूरी तरह नंग थीं। मैंने धीरे से अपनी एक अंगुली उसकी योनि में डाली और धीरे धीरे से अंदर बाहर करने लगा, फिर अपने होठों से उनकी चूत की चुसाई करना शुरू कर दिया।
मामी जी की साँसें जोर जोर से चलने लगी, उनकी योनि कामरस से भीगी हुई थी।

उसी वक्त मामी जी ने अपने आप को संभाला और मेर अंडरवीयर को जोर से निकाल दिया इसी के साथ मेरा लंबा मोटा लंड नाग की तरह फनफनाता हुआ मामी जी के मुंह के सामने आ गया।
उसे देख कर मामी जी का मुंह एकदम से खुल गया- अरे रे… अभी भी इतना भयंकर दिख रहा है तो चुसाई के बाद क्या होगा!
यह कहते हुए लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

इस तरह से हम दोनों एक दूसरे की चुसाई करते रहे।

कुछ देर बाद मामी जी ने कहा- अब रहा नहीं जाता राहुल, जल्दी से चुदाई कर दे मेरी चूत की!
मैं सीधा हो कर मामी के टांगों की बीच में आ गया, उनकी टांगों को चौड़ी करके चूत के मुंह पर लंड को सेट कर एक जोरदार झटका लगाया, आधे से ज्यादा लंड चूत के आर-पार हो गया, इसी के साथ मामी जी की जोरदार चीख निकल गई- आआआ… उऊऊ उफ फफ्फ़… सस्स्स्स्सीईई…

मैं थोड़ी देर रुका और फिर से एक और धक्का लगाया, मेरा लंड अब पूरी तरह चूत में घुस गया, मामी जी जोर जोर से सिसकारियां दे रही थीं। अब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया, मामी को मज़ा आने लगा वो मुझसे कहने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओर जोर से… जोर जोर से चोदो मुझे राहुल!

मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, मामी भी अपनी कमर को, अपने चूतड़ों को उछाल उछल कर चुद रही थी।
इस तरह करीब पांच मिनट के बाद चुदाई करते हुए अचानक उनकी सासें भी जोर जोर से चलने लगी, इसी बीच मामी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और चिल्लाई- आआआ हुउऊ सस्सीईई…
करते करते अपना गर्म गर्म पानी छोड़ दिया।

लेकिन मैं जोर जोर से धक्के लगाता रहा।

कुछ देर के बाद मैंने मामी जी को कहा- अब हमें पोजीशन बदल लेना चाहिए!
फिर मैंने मामी को उल्टा लिटाया और उनके कमर के नीचे तकिया रख दिया जिससे मामी की गांड ऊपर की ओर उठ गई, उसके बाद उनकी दोनों टाँगें खुली कर दी।

उसके बाद अपने दोनों हाथों से मामी जी के चूतड़ों को पकड़ कर फैला दिया जिससे मामी की चूत खुल गयी. फिर मैंने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मामी जी की चूत के छेद पर टिका दिया और उनकी कमर पकड़ कर ज़ोरदार धक्का लगाया, मेरा आधे से ज्यादा लंड घुस गया, उनकी हल्की सी सिसकारी निकल गई।

मामी जी की चूत बहुत ही गीली थी, कल रात की और इतनी देर से हो रही चुदाई के कारण चौड़ी हो गई थी। मैंने एक और जोर से धक्का लगाया, मेरा लण्ड अब पूरी तरह से चूत के अंदर समा गया. फिर मैंने फिर से धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए।
अब उनको भी मजा आ रहा था, वो अपना कमर उछाल उछाल कर मुझसे चुदवा रही थी.

मैंने उसे और जोर से चोदना शुरू कर दिया, अब मामी जी भी मुझे कह रही थीं- और जोर से चोदो… वाह क्या लंड है क्या चुदाई करते हो… आज से पहले ज़िन्दगी में ऐसी मज़ा कभी नहीं आया! मैं धक्के पर धक्के दे रहा था और वो भी उछल उछल कर मेरा साथ दे रही थी। मैं जोर जोर से अपना लंड उनकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा और कुछ ही पलों में मामी जी फिर एक बार झड़ गई।

मैंने मामी की चुदाई जारी रखी और स्पीड बढ़ा दी। करीब दस मिनट के बाद जब मेरे झड़ने का टाईम आया तो मैंने मामी से पूछा- कहां निकालूं मामी?
मामी ने कहा- अंदर ही निकाल दे!
फिर मैंने जोर जोर से मामी की चूत में ही पिचकारियां छोड़ी और मामी जी की चूत मेरे वीर्य से भर गई। सारा वीर्य चूत से बहने लगा!

मामी जी ने कहा- राहुल, तुमने मुझे फिर एक बार आज जन्नत का मजा दिया।
कुछ समय तक हम दोनों वैसे ही पड़े रहे फिर एक दूसरे को बाथरूम में जाकर साफ किया और फिर बेड पर लेट कर बातें करने लगे।


अभी तक आपने पहले दो भागों में पढ़ा कि किस तरह मामी जी की मैंने चुदाई की।
उस दिन चुदाई करने के बाद कुछ समय तक हम दोनों वैसे ही पड़े रहे फिर एक दूसरे को बाथरूम में जाकर साफ किया और फिर बेड पर लेट कर बातें करने लगे।

मामी जी- राहुल और एक बार तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया, तुम्हारी चुदाई से तो मुझमें नई जवानी आनी लगी है; तुम्हारे लंड से मुझे जन्नत का अहसास होता है।
मैं- मामी जी, मुझे भी आपको चोदते वक़्त इतना ज्यादा मजा आता है जितना कि कुँवारी चुत चुदाई से ज्यादा, मैं आप को अपनी रानी बनाकर रखूंगा।

कुछ देर हम बातें करते रहे, फिर मामी ने कहा- चलो अब अपने काम पर जाओ और जल्दी घर लौट कर फिर से मुझे तृप्त करना।

इसके बाद में अपने काम पर चला गया, वहां पर मैंने तीन दिन की छुट्टी ले ली और सीधा घर पर गया।
तब तक दोपहर के 2 बज चुके थे।

मैं पर जल्दी से आ गया, देखा कि मामी जी ऊपर वाले कमरे में थीं। मैंने दरवाजे को लॉक किया और ऊपर कमरे आ गया।
मामी जी खिड़की के पास खड़ी थीं, मैंने झट से मामी जी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया।
मुझे देख कर मामी बोली- अरे… आ गए आप? मैं आप को ही याद कर रही थी।
मैं- जानू मुझे या मेरे लंड को?
मामी जी- आपको… मतलब आपके लंड को!
मैं- आज सुबह ही तो दर्शन करवाया था।
मामी जी- वो नीचे देखो तो कैसे वो घोड़ा उस घोड़ी पर चढ़ रहा है, उसका विशाल लिंग को देखिए कैसे तना हुआ है, बिल्कुल आपके लंड जैसा है। देखो कैसे उसकी योनि में डाल रहा है।

मैंने नीचे देखा घोड़ा ने अपने आगे के दोनों पैर ऊपर करके उछला और घोड़ी की पीठ पर चढ़ गया, उसका पूरा लंड एक झटके में घोड़ी की चूत में समा गया। यह देख कर मामी जी की सिसकारियां निकल रही थी और उनकी साँसें जोर जोर से चल रही थी।

यहाँ मेरा भी हाल कुछ वैसा ही था, मेरा लंड अब हरकत करने लगा था। मेरा लंड मामी जी के पीछे चूतड़ में चुभने लगा मैं मामी जी को कस के पकड़ लिया और अपने दोनों हाथ पीछे से उनके स्तनों को एक साथ दबा रहा था, फिर मेरा एक हाथ उनके मक्ख़न जैसे पेट को सहला रहा था, उनकी नाभि से खेल रहा था और दूसरा हाथ उनके बड़े स्तनों को मसल रहा था.

फिर ऐसे ही मसलते मसलते मैं अपना हाथ उनके बलाउज में डालकर उनके एक चूचूक को मसलने लगा उनके मुंह से सिसकारियां निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआ आह्हह….

मेरा लंड भी सख्त हो गया था और मामी के चूतड़ों पर चुभ रहा था वो भी पीछे से अपनी गांड को मेरे लंड पर दबा रही थी फिर मुझसे कहा- नीचे का घोड़े का लिंग मुझे ऊपर कैसे चुभ रहा है… ओह ये तो मेरे प्यारे भांजे का… अरे नहीं मेरे चूत के पति का है।
मैं- हाँ मेरी जान, अब बेड पर चल कर करते हैं!
मामी जी- मेरी जान, यहीं खड़े खड़े चुदाई कर लेते हैं, मुझे भी उस घोड़ी की तरह चुदवाना है. प्लीज़ राहुल मुझे घोड़ी समजो और खुद को घोड़ा समझकर मुझे चोदो!
मैं- ठीक है मेरी चुदक्कड़ मामी जी! अरे सॉरी घोड़ी…

इतना कहकर मैंने खड़े रहकर ही मामी जी की साड़ी का पल्लू उतारा और फिर कमर से साड़ी खोलने लगा, पूरी साड़ी निकाल दी और पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया, जिससे वो झट से नीचे पैरों में गिर गया। अब वो सिर्फ ब्लाऊज़ और पैंटी में ही थीं।
फिर मैं उनकी पीठ को चूमते हुए नीचे उनके बड़े बड़े चूतड़ों के पास आ गया और उनकी पैंटी उतार कर फेंक दी, फिर घुटनों के बल बैठ कर उनके दोनों बड़े चूतड़ों को अपने हाथों से मसलने लगा. वो सिसकारियां लेने लगी।

मामी के चूतड़ों को सहलाने के बाद, मैंने मामी की गांड में उंगली डाल दी, वी एकदम से चीख पड़ी- प्लीज़ उसे छोड़ कर चूत चूसो।
मामी जी को मैंने पैर थोड़ा पसारने के लिए कहा तो उन्होंने अपने दोनों पैर फैला दिए जिससे उनकी चूत के दोनों गुलाबी पंखुड़िया खुल गई.
मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ रखी और उसे धीरे धीरे से चूसने लगा।

मामी जी के मुख से एकदम से सिसकारी निकलने लगी- आह आह्ह उई… उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ ओ आह्ह… राहुल प्लीज़ मत तड़पाओ!
यह कहते हुए उन्होंने अपने पैर सिकोड़ लिए जैसे करंट लग गया हो!
उनकी सिसकारियाँ और तेज होती गई उनका शरीर अकड़ने लगा और मामी की चूत ने रस निकाल दिया और फिर मैंने उनकी चूत का सारा रस पी लिया।

अब मैं खड़ा हो गया, मामी जी को थोड़ा झुका कर उनके पैरों को थोड़ा सा फ़ैलाया और अपना लंड उनकी चूत की दोनों पंखुड़ियों के बीच में रखा और उनकी कमर को पकड़ कर एक जोरदार झटका मारा; मेरा आधा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया जिसकी वजह से उनकी सिसकारियां निकल गई. आईईईई स्सीईईई प्लीज कहती हुई मुझसे कहने लगी- अब तुम जल्दी से अपना पूरा का पूरा लंड डाल दो मेरी इस प्यासी चूत में… अहहहहाआ उईईईई…

मामी की नंगी कमर को कस के पकड़ कर मैंने एक और जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में समा गया. वो बोलने लगी- आह… ऊह…. हाय… चोदो…. जोर से चोदो…. मेरी चूत को फाड़ दो… इसको चोद चोद कर फाड़ दो और तुम मुझे आज बहुत जमकर चोदो, तुम आज मेरी इस तरह से चुदाई करो जैसे एक घोड़ी को घोड़ा चोदता है।

ये सुनकर मैंने उन्हें दोनों हाथों से खिड़की को पकड़ कर घोड़ी बनने को कहा.
वैसे ही वो कब से खिड़की को पकड़ कर ही खड़ी थी. फिर वो अपने दोनों हाथ खिड़की पर टिका थोड़ी झुक गई और घोड़ी बन गई मैं खड़े खड़े पीछे से चोदने लगा और साथ साथ उनकी बड़ी बड़ी चूची को दोनों हाथों से पकड़ लिया था और मामी जी की चूची मसलते हुए उनको धीरे धीरे से चोद रहा था। मामी जी दीवार पर हाथ टिकाकर कामुक सिसकारी लेती हुई ज़ोर ज़ोर से चोदने को बोल रही थी- आहह कसकर चोद सीइ सस्स्सी उउउ…

अब मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और बहुत ही जोर-जोर के धक्के लगाते हुए मामी जी को को चोदना शुरू कर दिया। मेरे हर धक्के के साथ उनकी आहहह ऊऊह्ह की आवाज़ आ रही थी।
थोड़ी देर के बाद उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। उनकी चूत से अब चूत रस निकल रहा था जो उनकी चूत से बाहर निकलकर उनकी जांघों से होते हुए नीचे बह रहा था. मेरा लंड जोर जोर से चूत में अंदर बाहर हो रहा था तो इससे उनकी चूत से चप-चप की आवाज़ निकल रही थी।

मैं करीब 15 मिनट से मामी जी को चोद रहा था, अब तक वह दो बार झड़ चुकी थी उनकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था। इस प्रकार अश्व चुदाई के बाद मैं चरम सीमा पर पहुँच गया और मेरे लंड ने उनकी चूत में ही झड़ गया।
कुछ देर तक हम वैसे ही चिपक कर खड़े रहे, फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों साथ ही बाथरूम गए और एक दूसरे को साफ करके बेड पर लेट गए।

कुछ समय तक बेड पर लेटे हुए हम एक दूसरे को सहला रहे थे, फिर मैं उनके होंठों पर अपने होंठ रखने ही वाला था कि दरवाजे की घंटी बजी।
हम दोनों हड़बड़ा कर अलग हो गए, इस वक्त कौन होगा, मेरे मन में सवाल उठा, मामी जी और मैं फटाफट अपने कपड़ों को पहनने लगे।

मामी जी ने कहा- राहुल, आप दरवाजा खोलने जाओ, मैं तब तक कपड़े पहन लेती हूँ।
मैंने जल्दी से अपनी पैंट पहनी तुरंत दरवाजे के पास चला गया।

मैंने दरवाजा खोल के देखा तो दरवाजे पर सामने मामी जी की वही सहेली रजनी खड़ी थी। उसने मुस्कुराते हुए कहा- अरे वाह राहुल जी आप… मेरी सहेली कहाँ है?
मैंने कहा- मामी अंदर हैं, आप अंदर तो आइए!
वो अंदर आ गई और सोफे पर बैठ गई, कुछ देर में मामी जी भी आ गई और वो दोनों सहेलियां आपस में बातें करने लग गई।

मैं अपने रूम में बैठकर सोच रहा था कि इसको भी अभी ही आना था, हमारा सारा मज़ा इसने बीच में आकर खराब कर दिया. फिर सोचा कि कुछ भी हो इसके कारण ही मामी जी मुझसे चुदाई करने की सोचने लगी और फिर मुझसे चुद गई।
आज जिस तरह वो आयी है, वैसे ही उस दिन वो आयी थी और मामी जी को मुझसे चुदाई करने के सपने दिखाकर गई थी!

यह सोचते सोचते मैं उठा और उनकी बातें छुपकर सुनने लगा कि शायद उस दिन की तरह आज फिर से कुछ हाथ लग जाए।

रजनी जी- सच बता, दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यों हुई? कहीं अपने हैंडसम भांजे के साथ कामक्रीड़ा तो नहीं कर रही थी? हाँ बता?
मामी जी- अरे यार, तुझे कितनी बार बताऊँ कि बेडरूम की सफाई कर रही थी।
रजनी जी- तो अब तक तुमने उसे पटाया नहीं, चल मैं ही पटा लेती हूँ. अच्छे से चुदाई करूंगी राहुल से तब तो मुझे नहीं बोलना… हाँ!
मामी जी- अरे रे नहीं, मेरी सेक्सी दोस्त, पहले मुझे करने दे फिर तुम कर लेना, मैं आज ही रात को राहुल को अपने अपने मायाजाल में फंसाती हूँ, ठीक है!

इतना सुनते ही रजनी जी ने मामी जी से कहा- चल ठीक है, आज जरूर कर लेना!
और फिर वो उठकर चली गई।

इसके बाद में मामी जी के पास जाकर उनसे कहा- चलो फिर से एक बार हो जाए!
मामी जी बोली- यहाँ नहीं, कमरे में!

और फिर से एक बार हमने चुदाई शुरू कर दी जो रात भर चलती रही।


मामी की गांड चोद कर सुहागरात मनायी - Mami Ki Gand Chod Kar Suhagrat Manayi

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