यह कहानी सच्ची घटनाओं को थोड़ा तोड़-मरोड़ कर पिरोई गयी है। इस कहानी के पूर्ण रूप से काल्पनिक या वास्तविक होने का मैं दावा नहीं करता हूं। यह कहानी याराना का तीसरा दौर अर्थात् वीना-विक्रम के साथ हम दोनों पति पत्नी अर्थात् राजवीर-रीना की अदला-बदली वाली चुदाई के बाद की कहानी है.
वीना की चुदाई की अगली सुबह जब मैं उठा तब वीना मेरे साथ उनके बेडरूम में पूरी तरह नंगी पड़ी हुई थी। खिड़की से हल्का सा प्रकाश आ रहा था जिसमे मैं वीना के गोरे रंग के चमकते हुए नंगे बदन को देख सकता था। यह दृश्य बिल्कुल उसी तरह था जिस तरह कि वीना और विक्रम ने एक झूठी घटना को मुझे अदला-बदली में शामिल करने के लिए गढ़ा था।
लेकिन जहां उस वक्त में मुझे अपनी आंखें खोलते ही एक घबराहट का अहसास हुआ था वहां उस घबराहट की जगह मन्द मुस्कराहट ने ले ली थी। सुबह उठकर हम चारों यानि विक्रम-वीना और मैं तथा रीना एक साथ नाश्ते की टेबल पर मिले। जहां एक दूसरे ने हमारे इस नए जीवन का स्वागत मुस्कराहट के साथ किया।
उस घटना को करीब एक सप्ताह हो गया था। विक्रम और मैं सुबह ऑफिस जाते और शाम को घर आकर खाना खाकर एक दूसरे की बीवियों के साथ सोते। यानि रीना अपने कॉलेज के दिनों के प्रेमी विक्रम के साथ पति-पत्नी का जीवन जी रही थी और विक्रम जो कि रिश्ते में अब रीना का देवर हो चुका था, वह रोज अपनी भाभी की चुदाई करता। इधर मैं विक्रम की पत्नी वीना की चुदाई करता। इस प्रकार जीवन एक दूसरे की बीवियों के साथ अदला बदली करके मजेदार चल रहा था।
करीब सात दिन बाद रीना ने आज मेरे साथ यानि अपने असली पति के साथ सोने की इच्छा जताई और आज हम दोनों साथ थे।
रीना और मैं अपने बैडरूम में:
राजवीर- आखिर प्रेमी के साथ रहकर भी असली पति की याद आ ही गयी तुम्हें?
रीना- कम से कम मुझे आई तो? तुम तो मुझे भूल ही गये। ऐसे डूब गए वीना की चूत की गहराइयों में कि कभी मेरे बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई।
राजवीर- नहीं यार। मैं तो कब से तुम्हारे पास आने वाला था। मगर सोचा कि बिछड़े प्रेमियों को साथ रहने देकर प्रेम में बाधा न बनूं।
रीना- सच बताऊं तो राज, मुझे प्यार तो है लेकिन विक्रम से नहीं, केवल तुमसे। मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल नहीं रह सकती। विक्रम अच्छा है लेकिन कॉलेज के समय जो हुआ वह एक आकर्षण था जोकि तब ही खत्म हो गया था। शादी के बाद विक्रम के बारे में मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा।
मगर उसके बाद फिर जो अदला बदली हुई तो मैं जज्बातों में बह गई। हवस में आकर मैंने सोचा कि क्यों न पुराने प्रेमी के लंड का स्वाद भी लेकर देखा जाये. देखना चाह रही थी कि देवर भाभी जो कभी प्रेमी-प्रेमिका वाले आकर्षण से गुजरे हों अगर उनको एक मौका दिया जाये तो वो किस हद तक चुदाई का मजा ले पाते हैं.
उसकी इस बात पर हम दोनों हंसने लगे।
शुरूआत में रीना और मेरे बीच में आज तक कभी ऐसे खुल कर बातें नहीं होती थी। ये इन तीनों अदला बदली की चुदाई का ही कमाल था कि वह इतनी बोल्ड हो गयी थी। वह अब बेहिचक अपनी इच्छाएं और अपने मन के भाव मेरे साथ शेयर कर लेती थी. लंड और चूत जैसे शब्द तो उसके लिए सामान्य हो गये थे.
रीना- तुम्हारी बात सबसे अलग है राज। प्यार तो मुझे बस तुमसे है। कितना भी चोद ले कोई मुझे, लेकिन मेरे जिस्म को बस जैसे तुम्हारी बांहों का ही इंतजार रहता है। रीना की ये बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और उस पर बहुत प्यार आया।
उस पर आ रहे इस प्यार को जाहिर किये बिना ही मैं बोला- चलो माना कि विक्रम के लिए वो प्यार न रहा हो लेकिन श्लोक??? उसके बारे में क्या टिप्पणी करना चाहोगी आप?
वो तो प्यारा भाई है तुम्हारा. ऊपर से उसका वो अंदाज जो चूत को उधेड़ देने वाली चुदाई करके रख देता है, वो तो किसी भी औरत को अपना दीवाना बना सकता है।
रीना- सच कहा राज! श्लोक की चुदाई किसी भी औरत को अपना दीवाना बना दे और चुदाई के मामले में तो मैं उसकी दीवानी हूं। श्लोक भी बहनचोद बनकर अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता है कि उसे ऐसी कमसिन औरत की जी भर के चुदाई करने का सौभाग्य मिला।
राजवीर- तो फिर बताओ, विक्रम वीना से चुदाई के पहले और तुम्हारे जन्मदिन के पहले जब तुम अहमदाबाद श्लोक के पास थी तो तुमने कैसे कैसे मजे किए?
रीना- ओह हां … मैं तो तुम्हें बता ही नहीं पायी कि वहाँ क्या हो रहा था। श्लोक और सीमा हमारी सोच से काफी आगे बढ़ गए हैं।
मैं- अच्छा? वो कैसे?
रीना- अरे यार, श्लोक और आप दोनों दोस्त हो, तो आप श्लोक से ही जानिए इस बारे में। वो बड़े रोचक ढंग से आपको ये बात बता पाएगा।
मैं- अच्छा। अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो यह किस्सा श्लोक से ही सुना जाएगा और वैसे भी अब हम दोनों को ऑफिस के सिलसिले में गोवा जाना है तो रास्ता और समय इन चुदाई की बातों में अच्छा कट जाएगा। चलो अब सोते हैं।
इस तरह बातें करते हुए हम सोने की तैयारी करने लगे। बीते सप्ताह में रीना ने विक्रम से और मैंने वीना से इतनी चुदाई की थी कि हम पति-पत्नी के मन में चुदाई का ख्याल बिल्कुल न था। मुझे नहीं पता कि यह मेरे साथ ही हो रहा था या रीना भी ऐसा ही सोच रही थी.
किंतु सोने से पहले जब रीना ने अपने सारे कपड़े उतारे तो उसकी गोरी पतली कमर पर चमकदार कुल्हे देख कर मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगा। दोस्तो, रीना के शरीर का बखान तो मैं सब ही कहानियों में कर चुका हूं. अदा खान सा चेहरा और तमन्ना भाटिया से शरीर वाली रीना को जब मैंने देखा तो उसकी चुदाई का ख्याल मन में आखिरकार जाग ही गया।
जैसे ही सफेद व गुलाबी देह की मालकिन मेरे बिस्तर में आकर गिरी तो उसे चूमे बिना नहीं रहा गया। मैंने अपना मुंह अति आकर्षण पैदा कर रहे कूल्हों में घुसा दिया और उसके कूल्हों को दांतों से काट कर लाल कर दिया। उसने मेरी उत्तेजना को समझते हुए अपनी गांड का छेद मेरे मुंह पर दबा दिया. अतः मैंने उसके उभरे हुए गांड के छेद को अपनी जीभ से ऊपरी भाग तक चोदना शुरू कर दिया।
रीना अपनी गांड को मेरे मुंह पर जोर-जोर से दबाने लगी। हम दोनों इतने उत्तेजित हो गए थे कि एक दूसरे में समाने के लिए बेसुध हो पड़े थे। रीना ने मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरे तने हुए लन्ड को चूसना शुरू कर दिया और अपने थूक से लपेटते हुए उसे चूस-चूस कर उसे चिकना बना दिया।
उसके बाद उसने मुझे पीठ के बल सीधा लेटा दिया और ऐसा करने के बाद मेरी रानी ने मेरे खड़े लिंग को अपनी गांड के छेद के अंदर लेते हुए उसको आहिस्ता से हौले-हौले भीतर लेते हुए बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर नीचे हो कर लपालप … लप-लप की आवाज करते हुए मेरे लिंग का भोज अपनी गांड को कराने लगी।
मेरी हुस्न परी बीवी के गोरे गुलाबी स्तन मेरे सामने उचकते हुए एक अलग ही दृश्य पैदा कर रहे थे। अतः मैंने अपने दोनों हाथों से उन्हें दबाकर मसलना शुरू कर दिया। उसके आकर्षक शरीर ने मुझे इतना दीवाना बनाया कि मैं जाहिल और हवस के प्यासे मर्द की तरह उसके स्तनों को नोंचने लगा। रीना ने सिसकारियां भरते हुए अपने स्तनों को मेरे मुंह पर जोर डालते हुए दबाया और अपना एक स्तन मेरे मुंह में दे दिया।
इसका अर्थ यह था कि अब रीना की जोरदार चुदाई चालू हो गई और तेज पट-पट की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी. करीब 15 से 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं रीना की गांड में ही झड़ गया. दोनों बेसुध होकर एक दूसरे की बांहों में गिर गए और पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई।
अगले दिन मैंने श्लोक को मेल किया कि कल बिजनेस मीटिंग के लिए हमें गोवा के लिए निकलना है, इसलिए मैं तुम्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मिलूंगा. वहां पर मुझे तुम तैयार मिलना. वहां से हम दोनों 5 दिन के लिए गोवा चलेंगे।
कुछ देर बाद श्लोक ने मेरे मेल के उत्तर में हां करते हुए मुझे गोवा जाने के लिए हरी झंडी दिखा दी।
अगली सुबह मैं अहमदाबाद के लिए निकल गया। करीब सुबह 10 बजे श्लोक और मैं आमने सामने थे। दोनों जीजा-साले पुराने यारों की तरह गले मिले।
श्लोक- क्या यार जीजू, कितना दूर कर दिया मुझे अपने से! बड़े दिन लगे सामान्य जीवन में ढलने के लिए।
हंसते हुए मैंने उसको छेड़ने के इरादे से पूछा- यह मुझसे बिछड़ने का दुख है या अपनी बहन रीना से?
श्लोक- अरे … माना कि याद उनकी भी सताती है लेकिन आप भी मेरे लिए कम नहीं। आप मेरे सबसे अजीज़ दोस्त, सबसे प्यारे साथी और सबसे प्यारे जीजू हो। मुझे आपकी कंपनी की बहुत याद आती है। दोस्त बहुत नए मिल गए लेकिन आप जैसा कोई नहीं है।
मैं (राज)- चलो अच्छा है कि मेरी इतनी कद्र है तुम्हें। खुशी हुई यह जानकर। वैसे श्लोक मुझे भी तुम्हारी काफी याद आती है और साथ ही सीमा की भी। वैसे तुम बुरा मत मानना. तुम्हारी याद पर सीमा की जाँघों की याद ज्यादा भारी है. उसकी लंबी टांगें मुझे सबसे ज्यादा याद आती हैं।
इस पर हम दोनों हँसने लगे। फिर हमने अगली फ्लाइट पकड़ी। दोनों साथ बैठे और याराना के यारों का बातचीत का दौर शुरू हुआ।
श्लोक- और बताइए, कैसी चल रही है हमारे बिना आप दोनों की जिंदगी?
खैर, मैं आपसे नाराज हूं जो आपने रीना दीदी को उनके जन्मदिन पर एकदम से बुला लिया. हमने उनके जन्मदिन का खास इंतजाम किया था जिसे हम पूरा नहीं कर सके।
राज- यार मैं भी पति हूं उसका। मेरा भी हक़ बनता है उसका जन्मदिन मनाने का।
श्लोक- वैसे क्या था वो विशेष प्लान जो कि आपने रीना दीदी के साथ संपन्न करके उनका जन्मदिन खास तरीके से मनाया?
राज- वो कभी बाद में बताऊंगा।
(मैं फिलहाल श्लोक को, विक्रम-वीना के साथ हुआ याराना नहीं बताना चाहता था और श्लोक से उस किस्से की बात निकलवाना चाहता था जिसके बारे में रीना बात कर रही थी)
श्लोक- अच्छा… चलो ठीक है.
राज- यार श्लोक, मैं अबकी बार कुछ बड़ा आयोजन करने के बारे में सोच रहा हूँ।
श्लोक- वाह! सेक्सी जीजू के मन में एक और नया प्लान! आईं एम एक्साइटेड। (मैं उत्साहित हो रहा हूं)
राज- मुझे लगता है कि अब छोटे-छोटे याराना बहुत हुए। अब समय है कि सभी यारों को मिलाकर यारों का याराना बनाया जाए।
श्लोक- ओह… मुझे लगता है आप सबको इकट्ठा करने के बाद सामूहिक चुदाई सम्मेलन आयोजित करना चाहते हैं। क्यूं सही पहचाना न मैंने जीजू?
राज- हम्म्म्म! सही समझे श्लोक … अब हम आठों को मिलकर एक दूसरे से सम्भोग का सुख ले ही लेना चाहिये।
श्लोक- क.. क.. क्या… क्या? आपने आठ कहा?
आपने गलत अंक कहा है या फिर मेरा गणित गलत है?
राज- नहीं मैंने तो कोई गलत अंक नहीं कहा।
श्लोक- तो फिर हम आठ कैसे हुए? आप और रीना दीदी, मैं और सीमा,
आपका दोस्त रणवीर और उनकी बीवी प्रिया. कुल मिला कर हम तो छह ही हुए।
राज- हम्म। ये तो छह ही हुए लेकिन बाकी के दो सदस्य तुम्हारे लिए सरप्राइज़ के रूप में सामने आयेंगे।
श्लोक- क्या बात करते हो जीजू? इतने लोगों का सामूहिक चुदाई के लिए मिलना ही एक बड़ी उत्तेजना का विषय है. उसके ऊपर से आप मुझे सरप्राइज़ और देना चाहते हैं! आखिर कौन है वहा जोड़ा… प्लीज बताइए न!
मैं- श्लोक इस याराना में मैंने सभी चरित्रों के लिए सरप्राइज़ रखा है और उनमें तुम भी शामिल हो. चिंता मत करो. समय आने पर तुम्हें सब पता चल जाएगा और जब पता चलेगा तब तुम्हारी खुशी का ठिकाना नहीं होगा।
(मैं श्लोक से विक्रम और वीना के जोड़े को याराना में सम्मिलित होने की बात को छुपा रहा था और यही उसके लिए सरप्राइज़ था)
श्लोक- चलिए ठीक है। मैं इंतजार का मजा लेता हूं। वैसे कहां आयोजन होगा इस महा-याराना का?
राज- मालदीव कैसी जगह रहेगी? वहाँ हम 4 कमरों का एक कॉटेज बुक करेंगे और लम्बे समय तक एक दूसरे की बीवियों की चूत चुदाई का मजा लेंगे। अलग से चुदाई, अलग-अलग लोगों से चुदाई, सामूहिक चुदाई … बड़ा मजा आएगा!
श्लोक- सच जीजू? मेरा लंड तो इसके बारे में अभी से सोचकर ही खड़ा हो गया। लेकिन सारे सरप्राइज़ केवल आप देंगे तो यह आपके साथ नाइन्साफी है।
मेरे पास भी आपके लिए एक सरप्राइज़ है। आप वहां 4 कमरों वाला नहीं 5 कमरों वाला कॉटेज बुक कीजिए। वह भी समंदर के किसी टापू पर, जहाँ हम लोगों के अलावा और कोई न हो। ताकि दस के दस उस अदला बदली की दुनिया में खो जाएं वहां जाकर।
(ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया था। श्लोक द्वारा मुझे उनके अहमदाबाद के उस किस्से की शुरूआत का हिंट मिल गया था)
राज- 5 कमरे? लेकिन क्यों? हम तो आठ ही हैं।
श्लोक- नहीं जीजू, हम 10 लोग होंगे इस महा-याराना में। बाकी के दो का राज मैं आपको बताता हूं। लेकिन फिर आपको बताना होगा कि वो सातवें और आठवें सदस्य का क्या राज़ है!
राज- ठीक है। वादा रहा।
श्लोक- तो सुनिए जीजू। याराना का वो दौर जिससे आप अन्जान हैं। मेरे और सीमा के साथ किसी नए जोड़े की अदला बदली की चुदाई की कहानी से अब मैं पर्दा उठाने जा रहा हूं। आपका लंड अभी खड़ा न कर दिया तो कहना.
राजवीर के शब्दों में- तो मेरे प्यारे दोस्तो, अब समय आ गया है श्लोक के मुंह से याराना के चौथे दौर की पहली घटना सुनने का, जब मेरी बीवी रीना मेरे साले श्लोक के साथ अहमदाबाद में थी. इन भाई-बहन की चुदाई के बीच वो दूसरा जोड़ा कौन था जिसको लेकर मुझे अभी तक भनक भी नहीं लग पाई थी!
अब श्लोक के मुंह से सुनिये अहदाबाद में भाई-बहन की चुदाई वाले याराना की घटना.
श्लोक- हमारे यहां अहमदाबाद आने के बाद बिजनेस का सारा भार मुझ पर था। मुझे ऑफिस के मालिकाना कार्य भी करने थे तथा मैनेजमेंट भी संभालना था। बिजनेस के सिलसिले में बड़े-बड़े लोगों से मीटिंग करनी पड़ती थी. इतना सारा काम एक अकेले आदमी से नहीं हो सकता था। जिस तरह आपने अपनी सहायता के लिए मेरे स्थान पर वहां विक्रम को बुला लिया था ताकि वह मैनेजमेंट का काम देख कर आपका भार हल्का कर सके मुझे भी यहां पर एक मैनेजर की जरूरत थी।
अतः मुझे मेरे कॉलेज के समय के पक्के दोस्त नील की याद आई जो कि मुंबई में किसी बड़ी कंपनी में इसी तरह का कार्य कर रहा था। अतः मैंने उसे अपनी कंपनी छोड़ कर हमारी कंपनी में शामिल होने का ऑफर दिया क्योंकि वह जिस कंपनी में कार्य कर रहा था उस कंपनी का नाम हमारी कंपनी से बहुत बड़ा था.
उसने पहली बार में तो मुझसे अपनी कंपनी में शामिल होने से मना कर दिया किंतु दूसरी बार उसे मैंने अच्छा पैकेज ऑफर किया जो कि उसके वर्तमान वेतन से करीब 50000 रूपये महीना ज्यादा था। ऊपर से अहमदाबाद में रहना मुंबई में रहने से सस्ता था. अतः उसने यह ऑफर स्वीकार कर लिया।
नील ने अपनी पुरानी कम्पनी को त्याग पत्र तो दे दिया किंतु उसे उसकी कम्पनी ने छोड़ा नहीं। उसे दो महीने तक ऑफ़िस में न सही किन्तु इन्टरनेट पर उपलब्ध रहने की शर्त पर छोड़ा गया। अतः वह हमारे साथ अहमदाबाद तो रह सकता था किंतु दो महीने तक अपना समय मेरी कम्पनी को नहीं दे सकता था।
इसी के चलते नील और मेरे बीच में यह पक्का हुआ कि दो महीने जब तक वह हमारी कम्पनी के काम के बारे में समझ नहीं जाता, वह मेरे ही साथ मेरे ही फ्लैट में रहेगा ताकि शाम के समय तथा छुट्टी के दिन उसे बिना कहीं आने जाने की जरूरत के कम्पनी के बारे में समझने का मौका मिल जाए।
अब आपको नील के बारे में बताता हूं।
नील 30 वर्षीय सुंदर, गोरे रंग वाला जवान है जिसकी शादी 3 साल पहले 28 वर्षीय रकुल से हुई थी। वे दोनों ही पति-पत्नी घरवालों से दूर मुम्बई में रहते थे क्योंकि नील की नौकरी मुम्बई में ही थी।
कॉलेज में साथ होने के कारण और आपस में पक्के दोस्त होने से हमें एक दूसरे की बेहद करीबी बातें पता थीं जोकि जरूरत होने पर मैं आपको बताता जाऊंगा।
अहमदाबाद में मैंने 2 बेडरूम वाला फ्लैट ले लिया था क्योंकि मुझे लगा कि जब भी आप लोग या घर से माता-पिता यहां मिलने आया करेंगे तो आसानी से रह सकेंगे। अतः कुछ दिन के लिए हमें अपना फ्लैट नील और रकुल के साथ बांटना था।
इससे पहले मैंने नील की बीवी रकुल को वास्तव में देखा नहीं था तथा उसके फेसबुक और वाट्सएप पर ही फोटोज़ देखे थे। रकुल दिखने में काफी सुंदर थी।
फिर वह दिन आ ही गया जिस दिन नील और रकुल हमारे घर रहने के लिए आए।
मैं और सीमा दोनों ने बड़े अच्छे मन से उनका स्वागत किया। सीमा खुश थी कि उसे यहाँ एक नई दोस्त मिल रही है।
हम चारों हालांकि शादी के बाद पहली बार मिले थे लेकिन चारों की गर्मजोशी से लग रहा था कि सारे काफी खुश हैं।
सीमा के बारे में तो आपको पता ही है। लम्बी टाँगें, पतली कमर, जीरो फिगर वाली मेरी बीवी सीमा, जिसे देखते ही कृति सेनन की याद आती है।
रकुल भी बेहद सुंदर थी। गोल सा सुंदर चेहरा, कद काठी में बिल्कुल जैसे अभिनेत्री रकुल प्रीत। नाभि के नीचे साड़ी बांधकर और लाल रंग के ब्लाउज में वह कयामत लग रही थी। उसके वस्त्र उसके आकर्षक शरीर को छुपा कम और दिखा ज्यादा रहे थे।
चारों ने मुस्कान के साथ एक दूसरे का अभिवादन किया और सीमा ने रकुल को उनका नया कमरा दिखाया। फिर दोनों को फ्रेश और सहज होने के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया। सीमा ने चारों के लिए खाना बनाया और शाम के खाने के वक्त हम चारों खाने की टेबल पर मिले. यह हमारे बीच में पहला मौका था जब चारों औपचारिकता को छोड़कर बातचीत शुरू करने वाले थे।
रकुल- सीमा आप अकेले क्यों परेशान हुई? मुझे भी आपकी मदद के लिए आना चाहिये था।
सीमा- नहीं, आप आज सफर की थकान मिटा पाओ, वही काफी है।
श्लोक- कैसा लगा फ्लैट और आपका कमरा? आर यू कम्फर्टेबल? (तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है?)
नील- फ्लैट काफी अच्छा है. कंफर्ट की चिंता मत करो आप. यह मेरे मुंबई वाले फ्लैट से ज्यादा कंफर्टेबल है।
श्लोक- और रकुल आपको कैसा लगा?
रकुल- अच्छा है लेकिन एडजस्ट होने में थोड़ा समय लगेगा। मुझे खुशी है कि सीमा यहां पर है। हम दोनों नए दोस्तों की अच्छी कटेगी।
श्लोक- वैसे नील बहुत होशियार है, उसे इतनी सुंदर बीवी मिली इसीलिए उसने मुझे शादी में नहीं बुलाया।
नील हंसते हुए- नहीं यार, ऐसी बात नहीं है. किसी पारिवारिक मजबूरी की वजह से शादी एकदम से करनी पड़ी. मैंने तो खुद रकुल को शादी से पहले देखा नहीं था।
सीमा- ऐसे कैसे हुआ?
नील- बस दादा जी का अंतिम समय आने वाला था और उन्होंने अपनी इच्छा रख दी कि जल्दी से जल्दी नील की शादी करवाओ. अतः आनन-फानन में हम दोनों की शादी हुई।
श्लोक- वाह यार नील, बिना देखे भी तुम्हारी किस्मत तो चमक गई. तुम देख कर भी शादी करते तो भी रकुल से ज्यादा खूबसूरत लड़की तुम्हें नहीं मिलती।
इस पर हम चारों हंसने लगे।
नील- सही कहा श्लोक, शादी होने से कुछ समय पहले ही सुना था कि रकुल बहुत खूबसूरत है लेकिन मुझे मलाल था कि मैं बिना किसी को देखे कैसे किसी से शादी कर सकता हूं, लेकिन शादी के बाद जब मैंने रकुल को सुहागरात के समय देखा तो मेरी सारी शिकायतें दूर हो गईं।
इस पर हम चारों फिर हंसने लगे।
रकुल- बस भी करो नील।
सीमा- नहीं यार रकुल। बहुत ही क्यूट चेहरे वाली हो तुम।
नील- वैसे तेरी शादी में ना आने का मुझे काफी मलाल है श्लोक। कहां से ढूंढी ये कृति सेनन की जुड़वा बहन?
श्लोक- बस नसीब अपना-अपना!
चारो फिर हंसने लगे।
चारों के बीच दोस्ताना वाला माहौल बन चुका था और समय गुजरने लगा था। शाम को हम चारों जब भी फ्री रहते मस्ती मजाक करते थे, खेल खेलते थे। कभी बाहर खाना, कभी सिनेमा देखने जाना। जीवन बड़े मजे से चल रहा था।
नील अपनी पुरानी कम्पनी को अब कम समय देकर हमारी कम्पनी को समय देने लगा था और कम्पनी के बारे में समझने भी लगा था।
विदेश में हमने साथ पढ़ाई की थी और जैसा कि आपको बताया था वहां हम गोरी वेश्याओं के पास भी जाते थे। कभी अपने फ्लैट में बुलाकर चुदाई करते थे. कभी जब पैसे कम होते थे तो दोनों पूरी रात एक ही वेश्या के साथ पूरी रात चुदाई करते थे।
वहीं से मुझे पता चला था कि नील का लन्ड सामान्य लन्ड से काफी बड़ा है। उसका लिंग करीब साढ़े 9 इंच लम्बा और अच्छा चौड़ा था। इधर मेरी लम्बी चुदाई वाली खूबी का भी उसे पता था। हम जब भी किसी वेश्या को बुलाते तो वह जाते वक्त हमेशा कहती थी कि तुम जैसे पैसा वसूल करते हो वैसे आज तक किसी ग्राहक ने नहीं किया।
एक शाम हम दोनों हमारे विदेश के पुराने दिन याद कर रहे थे कि कैसे हमने वहां मजे किए।
नील- यार बड़े मजे किए हमने. वो दिन भी काफी याद आते हैं। बड़ी बड़ी एस्कार्ट हमसे परेशान थी।
श्लोक- हां यार, क्या दिन थे वो भी।
नील- साले तेरा तो ऑर्गाज़्म भी बड़ी मुश्किल से होता था।
श्लोक- और तेरा लम्बा लन्ड देख कर कोई भी वेश्या पैसा बढ़ाने की मांग करती थी।
दोनों जोर से हंसने लगे।
नील- और बता कैसा है तेरा वैवाहिक जीवन? सीमा कैसे झेलती है तुझे?
श्लोक- हां-हां। वैसे ही जैसे तेरे लम्बे तगड़े लन्ड को रकुल झेलती है।
नील- उसे तो आदत हो गयी है मेरे लन्ड की। मजे से चल रहा है जीवन। पूरी लम्बाई वसूल करती है।
श्लोक- और सीमा भी लम्बे समय तक चुदाई को वसूल करती है।
नील- अच्छा चल एक बात कहता हूं। जब तूने मुझे तेरी इस कम्पनी का इतिहास सुनाया कि ये कैसे शरू हुई और कैसे इतनी बड़ी हुई तो सब ऐसे लग रहा था कि जैसे सब पहले सुना हुआ हो। जाना पहचाना हो कि कैसे एक गाँव से बढ़कर ये एक शहर में आई और कैसे जीजा-साले ने इसे इस मुकाम पर पहुंचाया। इस कम्पनी के मालिक भी तो तुम्हारे जीजा ही हैं!
श्लोक- हां … लेकिन तुम्हें सब जाना पहचाना क्यों लगा?
नील- मैंने भी ये सोचा मगर समझ नहीं आया.
श्लोक – मैं कुछ समझा नहीं।
श्लोक राजवीर से- सच बताऊं तो जीजाजी, मुझे नहीं पता था कि आपने अपने साथ घटी हुई घटनाओं को कहानी बनाकर किसी सेक्स कहानी वेबसाइट पर डाला हुआ था। बस नाम बदल कर हूबहू वही बातें और वही घटनाएं जो हमारे साथ हुईं।
मुझे उस वक़्त आप पर बहुत गुस्सा आया कि आपने इसे कहानी बना कर पूरी दुनिया को परोस दिया और मैंने आनन-फानन में नील से मना किया कि ये हम नहीं है। केवल इत्तेफाक से इस कहानी और कम्पनी की शुरुआत में समानता है. फिर मैं अपने कमरे में आ गया।
मैंने रीना दीदी से इसके बारे में फोन पर बात की और बात करने पर पता चला कि उन्हें आपके याराना कहानी लिखने का पता है।
उन्होंने मुझे समझाया और सामान्य होने में भी मदद की क्योंकि इससे हमारे वास्तविक जीवन पर कोई प्रभाव नहीं था. बात भी सच ही लगी क्योंकि वास्तविक पहचान बदली हुई थी।
लेकिन जो सवाल नील का था उसका सही जवाब देना मुश्किल काम था क्योंकि उस कहानी में मैंने अपनी बहन के पति के साथ अदला-बदली करके चुदाई की थी। मैं कैसे स्वीकर करता कि मैं बहनचोद हूं और मेरी बीवी सीमा ने भी मेरे जीजू के साथ चुदाई की है! मगर नील के साथ गहरी दोस्ती ने यह असलियत उसके सामने स्वीकार करना आसान किया।
अब नील पुरानी कम्पनी पूरी तरह से छोड़कर मेरे साथ हमारी कम्पनी में आ गया था। हम अपनी तरह एक ही केबिन में बैठते थे।
श्लोक- नील! आज एक दोस्त से मैं अपना राज बांटने जा रहा हूं। वह याराना वाली कहानी हमारी ही है … भाई बहन जीजा सलहज की चुदाई तक!
राजवीर के शब्दों में-
यह बोलते-बोलते नील तालियां बजाने लगा और खुशी से मेरे गले लग गया फिर बोला- मेरी प्रिय कहानी के चरित्र को सामने देखकर आज मजा आ गया। यार जो मैं मुंबई जैसे बड़े शहर में न कर सका तुमने जयपुर में कर लिया।
श्लोक- नहीं कर सका मतलब? क्या तुम भी वाईफ स्वैपिंग के शौकीन हो?
नील- हाँ, याराना पढ़कर ही तो मन में ये ख्वाब पाल लिया। वाह रे मेरी किस्मत, याराना के चरित्र से ही मेरा साक्षात्कार हो गया। सीमा को देखकर लगता नहीं कि वो भी याराना की यार है। वाह यार श्लोक…
श्लोक- तो अब क्या इरादा है जनाब?
नील- यार जो मजा सबकी रजामंदी से बीवी बदलकर चुदाई करने में है वो किसी भी तरह की चुदाई में नहीं। बस अब तो हमें भी याराना का यार बना ले।
श्लोक- मतलब मेरी बीवी सीमा पर नजर थी तुम्हारी? कमीने दोस्त!
नील- नहीं यार, नजर तो नहीं थी लेकिन बात माननी पड़ेगी कि सीमा गजब का माल है। हम भी तो देखें कि कितनी नमकीन है हमारी कृति सेनन? और चिंता मत करो, रकुल प्रीत की चुदाई करना भी तुम्हारे लिए फायदे का ही सौदा है।
श्लोक- तो रकुल मेरा लन्ड घण्टे भर तक ले तो लेगी न?
नील- हां … बिल्कुल वैसे ही जैसे सीमा मेरा लम्बा लन्ड अपनी चूत में ले लेगी।
दोनों का ही लंड एकदम सख्त हो गया था. माहौल ही ऐसा हो चला था. एक दूसरे की बीवियों के बारे में ऐसी बाते करने से हमारा लन्ड फनफना गया था।
ये सच था कि एक दूसरे की बीवियों को चोदने के लिए हम काफी उत्तेजित हो गए थे।
मुझे नहीं पता था कि सच्चाई बताने का प्रभाव ऐसा होगा कि हम दोनों बीवी की अदला बदली की बात के लिए इतनी जल्दी बात पक्की कर लेंगे।
श्लोक- तो क्या आज हमें अपनी बीवियों से इस बारे में बात करनी चाहिए?
नील- नहीं यार … सीमा के लिए भले ही ये अजीब न हो पर रकुल के लिए ये सब नया है। सीमा ने ये पहले किया है लेकिन रकुल से तो इस बारे में बात करने की मेरी हिम्मत भी नहीं है।
मैं(श्लोक)- सीमा ने भले ही पहले किया हो लेकिन उसके साथ भी इसके लिए बात करना आसान नहीं है।
नील- तो फिर हमें क्या करना चाहिए?
श्लोक- वही जो बिना प्लान किए हो सकता है।
नील- क्या मतलब!
श्लोक- मतलब तुम सीमा को पटाओ और मैं रकुल को। वो भी ऐसे कि हमारी बीवियों को इसके बारे में पता न चले। अगर वो शिकायत भी करेंगी तो अपने पतियों से ही तो करेंगी और हम तो हैं ही खलनायक!
दोनों हंसने लगे।
नील- मतलब हम अलग-अलग दोनों को चोद लेंगे पटा कर? अदला बदली भी हो जाएगी और उन्हें पता भी नहीं चलेगा?
श्लोक- नहीं। केवल पटा लेते हैं। चुदाई तो बताकर ही करेंगे क्योंकि मेरे राजवीर जीजू कहते हैं कि ‘जो मजा बीवियों को उनकी मर्जी से बदलकर चुदाई करने में है वो मजा और किसी में नहीं।’
श्लोक- तो नील! अब तू मेरी बीवी सीमा को पटा और मैं तेरी बीवी रकुल को।
“मेरे पास एक आइडिया है!” श्लोक ने नील से कहा.
श्लोक ने राजवीर से बताते हुए सुनाया-
जीजू जैसा कि हम चारों की रात काफी मजेदार होती थी। हम कभी ताश खेलते, कभी लूडो, कभी साथ में फ़िल्म देखते थे। उसी तरह हम चारों (श्लोक, सीमा, नील व रकुल) ने आपस में नक्की लड़ा रखी थी। नक्की लड़ाने का मतलब होता था कि हम चारों को हमारे हाथ पर पेन से एक निशान हर समय बना के रखना था जोकि किसी दूसरे के चाहने पर दिखाना होता था। अगर सामने वाले के हाथ पर वो निशान न हो तो वह हार जाता था।
हम हारने वाले से कोई भी एक चीज़ मांग सकते थे। शुरुआत में जब कोई भी हारता तो बात एक डेयरी मिल्क की चॉकलेट से खत्म होती थी। लेकिन अब समय इस शर्त का पूरा इस्तेमाल करने का था।
एक वक्त रात के समय अकेले में जब रकुल बाहर थी तो मैंने अचानक से उससे निशान के बारे में पूछा लेकिन रकुल के हाथ में वह निशान नहीं था। यानी रकुल हार गई। उसने कहा- कल मेरी तरफ की चॉकलेट आपको मिल जाएगी।
मैंने कहा- चॉकलेट की ही शर्त है ऐसा कब नियम बना? मुझे कुछ और चाहिए।
रकुल- क्या चाहिए?
श्लोक- एक किस!
रकुल चौंक कर- क्या?
श्लोक- हाँ।
रकुल हंसते हुए बोली- कल चॉकलेट मिल जाएगी.
और हंसते हुए चली गयी।
अगले दिन शाम को जब हमारे पास सीमा और नील नहीं थे तब रकुल मेरे लिए चॉकलेट लेकर आई। लेकिन मैंने चॉकलेट के लिए उसे मना कर दिया और कहा जो कल बोला था वही चाहिए।
रकुल- यार वो तो नहीं मिल सकता, सॉरी!
और ये बोलकर चली गयी।
अब मैंने रकुल से बात करना बंद कर दिया। सबके सामने जब वो कुछ कहती तो बिना कुछ बोले गर्दन हिलाक़र उसकी बात का जवाब दे देता ताकि सीमा और नील को हमारे बीच चल रहे इस विवाद का पता न चले।
इसी तरह नील भी सीमा को पटाने की कोशिश कर रहा था। इसलिए ज्यादा से ज्यादा वक्त हम एक दूसरे को देते थे अपनी बीवियों के साथ अकेले में, ताकि बात जल्दी बने। साथ ही साथ जानबूझ कर अगर हम एक दूसरे की बीवी के साथ होते तो हम उस ओर नहीं जाते थे।
अगले दिन रकुल मेरे पास आकर बोली- यार श्लोक ऐसे कैसे चलेगा? तुमने तो बात ही करना बंद कर दिया। जब ये शुरू हुआ था तो ऐसा थोड़ी न था कि हम कुछ भी करवा सकते हैं?
श्लोक- बात ये हुई थी कि हारने वाले को एक बात जीतने वाले की माननी होगी। अब मुझे चॉकलेट नहीं चाहिए। मुझे तुम्हारे होंठों का रस पीना है।
रकुल- यार ये गलत है। सीमा और नील को पता चला तो?
श्लोक- यार दोस्त हैं हम। इतना तो चलता है और उन्हें कौन बताएगा जो उनको पता लगेगा इस बाते के बारे में? न तुम बताने वाली हो और न मैं बताने वाला हूं. फिर उनको कैसे पता लग जायेगा कि मैंने तुम्हारे होंठों पर किस किया है!
रकुल को एकदम से पता नहीं क्या हुआ कि उसने बिना कुछ कहे एकदम से मेरे गालों पर एक चुम्बन किया और भाग गई।
इससे मुझे अपनी जीत का अहसास हुआ।
मगर गालों पर चुम्बन लेने से मेरा मकसद पूरा नहीं होने वाला था. इसलिए मैं उसके पीछे गया.
वो एक तरफ जाकर खड़ी थी.
मैं बोला- ये तो बेइमानी है. मुझे तुम्हारे होंठों का रस चाहिए था और तुम ऐसे गाल पर सूखी सी पप्पी देकर भाग आईं? ये तो बहुत नाइंसाफी है. मैं तुमसे कभी बात करूंगा ही नहीं. तुम चाहे कुछ भी कहो.
इतना कहना था कि रकुल मेरे पास आई और अपने होंठों को मेरे होंठों से लगा दिया और आंखें बंद कर लीं।
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया और एक लम्बा चुम्बन उसे किया। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो गये थे।
सीमा और नील के आने के डर से वो वहां से निकल गयी।
अब अगले दिन से मैंने नोटिस किया कि रकुल अब अपने हाथ पर निशान बनाना भूलने लगी थी. जिसका मतलब साफ था कि अब मेरी प्लानिंग कामयाब हो चुकी थी और मौका पाकर मैं रकुल के होंठों का रस पीने लग जाता था. अब वो भी मेरा साथ देने लग जाती थी.
ऑफिस में नील से बातें करके पता चला कि सीमा और नील भी अब चूमा-चाटी तक पहुंच चुके हैं. मतलब दोनों ही तरफ से हम प्रगति पर थे अपने मिशन में. मैंने रकुल की चुदाई के मिशन के लिए और नील मेरी बीवी सीमा की चुदाई के लिए.
एक दिन मैंने नक्की में जीत जाने पर रकुल से उसके स्तनपान की इच्छा जताई जो कुछ मिन्नतों के बाद उसने बाथरूम में सीमा और नील से छुपते हुए पूरी कराई। नील को सीमा के स्तनों तक पहुचने में मुझसे ज्यादा दिन लगे। लेकिन वह भी आखिर सीमा के स्तनपान तक पहुंच ही गया।
सीमा ने अपने स्तन रसोई में हमसे छुपते छुपाते नील से चुसवाये। अब हमारी बीवियां पराए मर्दों के साथ खुल चुकी थीं। जिसका पता हम दोनों को था क्योंकि ऑफिस के केबिन में हम एक दूसरे की बीवी के साथ कहां तक पहुंचे हैं इस बात की जानकारी ले लेते थे.
रात में जब हम अपनी अपनी बीवी की चुदाई करते तो एक अलग ही उत्तेजना हमारे अंदर होती थी कि ये मेरे दोस्त के साथ गुलछर्रे उड़ा रही है इसलिए चढ़ाई में घमासान जोरदार होता था। कुछ दिन तक तो ऐसे ही चलता रहा. मगर अब इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने की बारी थी.
हमने एक प्लान बनाया और उसके क्रियान्वयन के लिए पूरी तैयारी में जुट गए। आने वाला सप्ताहांत इस के कार्य के लिए सही समय चुना गया। हमने अपनी बीवियों से कह दिया था कि आने वाला सप्ताहांत अच्छे से मस्ती करते हुए मनाएंगे।
श्लोक राजवीर से-
जीजाजी, जब हम चारों यानि कि सीमा मैं, आप और रीना दीदी जब साथ में रहते थे तो मैंने एक बात जानी थी कि सीमा और रीना दीदी चाहे कितनी भी अच्छी दोस्त और ननद भाभी हो लेकिन उनके बीच एक अजीब सी प्रतिस्पर्धा रहती थी। सुंदर दिखने की। सेक्सी दिखने की।
जब दो नारी साथ में हों तो उनके बीच में कभी न कभी ये भावना अवश्य आती है कि वो एक दूसरे से सुंदर दिखें चाहे उनका आपसी रिश्ता कुछ भी क्यों न हो.
अतः इस प्लान में हमें इसी प्रतिस्पर्धा को आधार बनाना था जो कि अक्सर सभी महिलाओं के बीच अपने आप पनप जाती है।
कहानी निर्णायक मोड़ पर आने वाली है इसलिए अब जरूरी बातें इसके पात्रों के बारे में बता देता हूं।
श्लोक दिखने में सुंदर और आकर्षक चेहरे वाला, न मोटे न पतले शरीर वाला था.
नील भी कुछ ऐसी ही आकर्षक देह वाला था।
हम दोनों की एक विशेषता थी कि नील का लन्ड खड़ा होने के बाद लगभग 10 इंच का लंबा और काफी मोटा था और मैं आसानी से न झड़ने वाला लगभग घण्टे भर तक लगातार चुदाई कर सकता था।
सीमा के बारे में आप जानते ही हो। 32-26-34 के साइज की देह की मालकिन सीमा लम्बी सेक्सी टांग वाली कृति सेनन की छवि है और रकुल बिल्कुल रकुल प्रीत सिंह जैसी क्यूट चेहरे वाली। 33-27-35 की साइज़ की देह की मालकिन है।
अतः वह शाम आ ही गयी। ऑफिस से आकर हम दोनों नहा धोकर मेरे कमरे में इकट्ठे हुए।
रकुल और सीमा भी तैयार थी।
खाना और बियर हम साथ में लेकर आये थे।
एक एक बियर अपने हाथ में लेकर हमने ताश के पत्ते बांटे और खेलने लगे। एक एक बियर मेरे और नील के लिए सामान्य थी लेकिन सीमा और रकुल को नशे का सुरुर आने लगा था. हमने भी अपने प्लान के मुताबिक हल्की हल्की चढ़ने का दिखावा करते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया।
श्लोक- यार आज बियर के नशे में सीमा बड़ी प्यारी लग रही है। मन कर रहा है ताश छोड़कर सीमा से प्यार करने लग जाऊं।
सीमा- मैं तुम्हें प्यारी लगी, इसके लिए तुम्हें बियर की जरूरत है?
श्लोक- नहीं यार प्यारी तो तुम हो। मैंने कहा कि बियर के नशे में इतनी बेसब्री है कि मन कर रहा है तुमसे प्यार करने लग जाऊं।
नील- प्यारी तो मेरी जान रकुल भी बहुत लग रही है। मेरा मन भी ऐसा ही कर रहा है।
श्लोक- मगर तेरी रकुल मेरी सीमा से ज्यादा प्यारी नहीं लग रही है।
नील- अरे नहीं पगले। रकुल ज्यादा प्यारी है। क्यूट भी है और सेक्सी भी।
दोस्तो उस वक्त हमारे बीच कुछ संवाद अंग्रेजी में हुए जो कि ज्यादा भद्दी न लगे। मैं वास्तविक स्थिति को प्रकट करने के लिए वही भाषा यहां लिख रहा हूं।
नील- देख श्लोक, मेरी रकुल बेहतर है। हर बूब्स बिगर देन सीमा।
(उसके स्तन सीमा से बड़े हैं)
श्लोक- नो, सीमा हेव बिग बूब्स। (नहीं सीमा के स्तन बड़े हैं)
सीमा- व्हाट आर यू सेयिंग गाइज। (ये क्या बात कर रहे हो यार)
रकुल- नील इज राइट।
सीमा- रकुल तुम भी इनके साथ?
नील- सीमा हार रही है रकुल से। इसलिए वह बात पूरी नहीं होने देना चाहती।
सीमा- अरे यार हम ताश खेल रहे हैं या ब्यूटी कम्पीटिशन?
श्लोक- कुछ भी हो सीमा इज विनर।
नील- नो सीमा के स्तन छोटे हैं।
सीमा- अरे ऐसे कैसे।
अब सीमा को भी गुस्सा आ गया था। एक बियर का कमाल अब नजर आने लगा था। हमने ये बात करते-करते दोनों को दूसरी बियर थमा दी। और पीते हुए उन दोनों को और ज्यादा उकसाने लगे.
अधिकतर वार्तालाप और शब्द अंग्रेजी के इस्तेमाल किए गए थे लेकिन यहां मैं उन्हें हिंदी में लिख रहा हूं.
रकुल- यार साफ सामने दिखता है कि मेरे स्तन बड़े हैं।
सीमा- नहीं मुझे लगता है मेरे स्तन बड़े हैं। तुम लंबाई में मुझसे छोटी हो इस वजह से तुम्हारे स्तन थोड़े बड़े नजर आते हैं किंतु मेरी लंबाई अधिक होने के कारण ऐसा लगता होगा कि मेरे स्तन छोटे हैं लेकिन मेरे स्तन तुमसे बड़े हैं।
श्लोक- हां सीमा सही कहती है।
रकुल- नहीं नहीं। मेरे स्तन बड़े हैं।
सीमा- तुम ऐसा कैसे कह सकते हो? हमारी ब्रा का साइज़ तो एक ही है।
नील- अच्छा चलो, यह प्रतियोगिता रही कि सीमा और रकुल में किसके स्तन ज्यादा बड़े हैं। जो जीतेगा उसे एक पॉइंट मिलेगा और जो हारेगा उसे जीरो. फिर उसके आगे अगली प्रतियोगिता में हारने वाले के पास जीतने का एक मौका होगा।
रकुल- हां तो टेप लेकर आओ, आज पता चल ही जाए कि किसके स्तन ज्यादा बड़े हैं।
नील हॉल में जाकर टेप निकाल कर लेकर आया और रकुल के टीशर्ट के उपर से ही उसके स्तन का माप लेने लगा।
श्लोक- अरे यार, तू अगर तेरी बीवी के स्तनों का माप लेगा तो बेशक उन्हें ज्यादा ही बताएगा। दिखने में इन दोनों के स्तन का आकार लगभग एक जैसा लगता है। अतः मापन में काफी करीबी जीत और हार होगी। अतः ऐसे में तो तुम बेइमानी कर लोगे।
सीमा- हां श्लोक सही कह रहा है। श्लोक को रकुल की स्तनों को मापना चाहिए।
नील- तो फिर सीमा के स्तनों का मापन मैं करूंगा ताकि तुम्हारी तरफ़ से भी कोई बेइमानी ना हो।
हमारे इन विवादों के बीच में बीयर का घूंट गले से उतरना लगातार जारी था और सुरूर चढ़ते चढ़ते चढ़ता ही जा रहा था।
श्लोक- पहले मैंने टेप लेकर रकुल के स्तनों का मापन किया और इस काम में मुझे इतना मजा आया कि जिसका मैं बखान नहीं कर सकता। उसके उभरे हुए स्तनों को टी शर्ट के ऊपर से मैंने जैसे ही नापने के लिए हाथ लगाया मेरा लन्ड अकड़न के चरम पर पहुंच गया।
मैंने रकुल के स्तनों का आकार 34 बताया जो वास्तविक था।
उधर नील ने सीमा के स्तनों को टी-शर्ट के ऊपर से मापा उसके अंदर के भाव को भी मैं समझ सकता था कि उसके लन्ड में कितना बड़ा तूफान उत्पन्न हो रहा होगा।
अतः हमें यह पता था कि सीमा के स्तन रकुल से छोटे ही होंगे किंतु हमारे पहले किए हुए प्लान के मुताबिक नील ने सीमा के स्तनों का आकार 34 ही बताया।
सीमा इस पर खुश हुई किंतु रकुल को इस मापन से खुशी नहीं हुई। एक औरत की नजर इन चीजों में बड़ी काम करती है। उसे पूरा विश्वास था कि उसके स्तन सीमा के स्तनों से बड़े हैं। अतः उसने विरोध प्रकट किया और कहा कि मापन सही नहीं हुआ है।
मैंने कहा कि शायद टी-शर्ट होने की वजह से मापन में त्रुटि रह गई हो अतः असली निर्णय के लिए तुम दोनों को अपनी अपनी टी-शर्ट उतार कर ब्रा में आना होगा।
रकुल और सीमा को अगर बियर का नशा न होता तो वह शायद इसके लिए अपने दिमाग को इस्तेमाल कर लेती कि हम दोनों (श्लोक और नील) का ही कोई प्लान हो सकता है लेकिन बियर के सुरूर में उनको अपना दिमाग चलाने का मौका नहीं मिला और बाकी की कसर उनकी सुंदर दिखने की आपसी प्रतिस्पर्धा ने पूरी कर दी थी.
एक तो हम चारों के ऊपर शराब का सुरूर था. उसके ऊपर दोस्ती का जो सुरूर हमने नक्की लड़ा कर बनाया था यह असर उसका भी था कि वो दोनों ही अपने टीशर्ट को उतार कर अपने स्तनों का माप देने के लिए हमारे सामने ही तैयार हो गईं.
सीमा ने अपनी टीशर्ट उतार दी और रकुल ने अपनी टीशर्ट उतार दी. दोनों के ही क्लिवेज अब लाइट की रोशनी में उजाला करने लगे.
अगला कदम सीमा ने उठाया और अपनी टीशर्ट उतार कर काले रंग की ब्रा में हमारे सामने खड़ी हो गई। अवश्य इस दृश्य ने नील को बेचैन कर दिया था, सीमा को ब्रा में देख कर उसके होंठ जैसे मारे हवस के एकदम से खुल से गये। उसका हाथ अनायास ही उसके लन्ड पर चला गया था।
गुलाब की पंखुड़ियों जैसी ब्रा में रकुल के गोरे रंग के स्तन जो कि ब्रा से बाहर झांकते हुए लग रहे थे और काले रंग की ब्रा में सीमा के स्तन अपने वास्तविक रंग से और ज्यादा गोरे नजर आ रहे थे।
यह दृश्य हमारी जीत का पहला प्रतीक था। मैंने फीते को लेकर फिर से रकुल के स्तनों का मापन किया। उसके मुलायम और भरे हुए स्तन जब मेरे हाथों में आए तो ऐसा लगा कि मेरा लिंग सुन्न हो गया है। मगर अपनी भावनाओं को काबू रखते हुए मैंने उसके स्तनों को नाप कर उनका आकार एक बार फिर बताया जो था 34 ही।
नील ने टेप लेकर सीमा के स्तनों को मापा जोकि 32 के थे. जैसे ही रकुल ने 32 सुना रकुल खुशी से चिल्लाकर बोली- यस!! मैं जानती थी कि मैं ही जीतने वाली हूं. मेरा अंदाजा कभी गलत नहीं हो सकता था.
उसकी इस खुशी पर सीमा ने नकली रोनी सूरत बनाकर कहा- नो! ये नहीं हो सकता था. ऐसा कैसे हो गया. इसके स्तन मेरे स्तनों से बड़े कैसे हो सकते हैं.
रकुल जोर से चिल्लाने लगी- मैं जीत गई, मैं जीत गई।
इस पर मैंने कहा- अभी तुम्हें केवल एक पॉइंट मिलना है।
सीमा के पास जीतने का एक और मौका है।
रकुल- वो कैसे?
श्लोक- वी हैव टू मेजर योर एस (हमें तुम्हारी गांड का मापन करना पड़ेगा)
रकुल- नहीं, ये नहीं होगा।
सीमा यह सुनकर चहक उठी और खुशी से बोली- यस… यस… यस… माय डियर हस्बैंड!! आई नो माय एस इज़ बिग देन रकुल। (हां मेरे प्रिय पति मुझे पता है कि मेरी गांड रकुल से ज्यादा बड़ी है)
रकुल- नहीं यार, मुझे नहीं नपवाना है।
नील- मान भी जाओ यार रकुल वरना सीमा कहेगी कि उसे जीत का मौका नहीं मिला। और तुम्हारी जीत दुश्मन की हार के बिना अधूरी रह जाएगी।
हालांकि सीमा और रकुल को इतना होश तो था कि उन दोनों के कपड़े उतरते जा रहे हैं लेकिन वह प्रतिस्पर्धा की इस दौड़ में इस बात से अन्जान थीं कि उनके सामने दो जवान मर्द भी हैं. इसलिए उनका ध्यान इस बात पर नहीं जा रहा था कि वो दो भूखे शेरों के सामने अपने आप को शिकार के रूप में प्रस्तुत करने के मार्ग पर चल पड़ी हैं.
पहले तो आनाकानी हुई लेकिन अगले कुछ समय में हमारे समझाने के बाद दोनों रूप की परियां हमारे सामने मात्र चड्डी और ब्रा में थी।
दोनों के अर्धनग्न गोरे गुलाबी शरीर को देखकर क्या दृश्य बन रहा था, यह मैं बखान नहीं कर सकता किंतु आप कल्पना जरूर कर सकते हैं यह कितना उत्तेजक दृश्य रहा होगा।
मैंने रकुल के कोमल कूल्हों को चड्डी के ऊपर से मापा और उसका आकार बताया 35″ और नीला ने सीमा के कूल्हों का आकार बताया 34″
यानी कि इस बार भी सीमा हार गई थी और रकुल 2-0 से आगे हो गई थी।
इससे पहले कि सीमा के हालात बिगड़ते, मैंने तीसरा प्वाइंट दोनों पर दाग दिया और कहा- निश्चित रूप से तीसरे खेल में सीमा ही जीतेगी क्योंकि साफ देखा जा सकता है कि सीमा की कमर रकुल से ज्यादा पतली है और सेक्सी महिला वही होती है जिसकी कमर पतली हो।
मैंने रकुल की शानदार कमर में फीता लगाया और उसकी कमर का आकार बताया 27।
इधर नील ने सीमा की मुलायम कमर को स्पर्श करते हुए फीते से मापन लेकर उसका आकार बताया 26।
अतः अब सीमा को भी एक अंक मिल गया था किंतु सीमा अभी भी हार रही थी। इसलिए सीमा का खेल को जारी रखना जरूरी था।
नील- तीन में से दो अंक रकुल को मिले हैं, इसका मतलब रकुल विजयी हुई है जिसका सीधा सा मतलब है कि मेरी बीवी ज्यादा सेक्सी है।
श्लोक- ऐसा कैसे, अभी खेल पूरा खत्म नहीं हुआ है और जब तक खेल पूरा खत्म नहीं होता तब तक हारने वाला हारा नहीं माना जाता और जीतने वाला विजेता नहीं माना जाता।
नील- अब क्या बाकी है?
श्लोक- हम भी हमारी बीवियों के एक अंग हैं। हमारी बीवी हमसे मिलकर ही तो हमारी बीवी बनती हैं, तो यह प्रतिस्पर्धा हमारे बीच जारी रहेगी। हमें भी देखना होगा कि तुझमे और मुझमे कौन ज्यादा बेहतर है।
जब मैंने ये बात कही तो सीमा के चेहरे पर एक आस सी बंध गई क्योंकि वो किसी भी हाल में रकुल से हारना नहीं चाह रही थी. मगर हमारा मकसद तो कुछ और ही था.
बीवियों के कपड़े तो उतारे ही जा चुके थे. अब पतियों के कपड़े उतरवा कर हमें चारों के बीच में उत्तेजना की चिंगारी को भड़काना था. जब सामने औरत ब्रा और पैंटी में हो तो मर्द के लिंग में तनाव आ जाना बहुत ही स्वाभाविक है.
इसी मौके का फायदा मैं और नील उठाना चाह रहे थे कि जैसे हमें उन दोनों के स्तन और गांड को देख कर जो उत्तेजना हो रही थी वैसे ही वो दोनों भी हमारे नंगे जिस्मों को देख कर उत्तेजित होकर खुद ही इस अदला बदली के खेल को अंजाम तक पहुंचा दें.
(हालांकि हमें पता था कि नील का लिंग मेरे लिंग से बड़ा था किंतु हमें तो हमारे खेल को आगे बढ़ाना था और बीवियों की अदला-बदली करनी थी)
श्लोक- जब हमने हमारी बीवियों को अर्धनग्न करके खड़ा ही कर दिया है तो क्यों न खेल पूरा खेला जाए और देखा जाए कि किसका लन्ड बड़ा है! तेरा या मेरा?
नील- वाह, क्या बात है, मैं इसके लिए तैयार हूं।
हम दोनों की बीवियां नशे के सुरूर में नशीली आंखों से हमारी इस प्रतिक्रिया को देख रही थी।
ऐसा नहीं था कि वह इस खेल में रुचि नहीं ले रही थी। उन्हें भी अब इस बात की जिज्ञासा थी कि आगे क्या होने वाला है और दोनों चाहती थीं कि इस खेल में वह ही जीते।
हम दोनों ने लगभग एक समय पर अपनी चड्डी नीचे उतारी तो सीमा और रकुल दोनों ही एकटक नजर से घूरते हुए ललचाई आंखों से एक दूसरे के पतियों का लन्ड ताड़ने लगीं।
सीमा के लिए बड़े ही आश्चर्य की बात थी कि नील का लन्ड काफी ज्यादा बड़ा था। लगभग 10 इंच का लिंग उसके सामने फनफनाता हुआ झूल रहा था।
उसके लन्ड को देखकर वह अपनी हार भूल गई और उसका पूरा ध्यान नील के लन्ड पर जा ठहरा।
वह एकटक नजर से नील के लन्ड पर नजरें जमाए हुए थी।
इधर माना मेरा लन्ड नील से छोटा था किंतु रकुल भी मेरे लिंग पर नजरें जमाए हुई थी और उसकी भी नजर मेरे लिंग से हट नहीं रही थी।
यह भी स्वाभाविक सी बात थी क्योंकि वो दोनों अपने अपने पतियों के लिंग तो रोज ही देखती थीं मगर आज उनके सामने किसी गैर मर्द का लिंग था इसलिए उनका ध्यान इस तरफ आकर्षित होना लाजमी था. ऊपर से बियर का नशा था जो उनको किसी तरह की शर्म महसूस करने से रोक रहा था.
काफी देर तक नील के लम्बे लौड़े को देखने के बाद जब सीमा को जब होश आया तो उसने कहा- ओह … हम फिर हार गए।
नील- अब मान भी लो कि हम विजेता हैं और तुम हारे हुए हो। हम मियां बीवी तुमसे चुदाई के सारे चरणों में शीर्ष पर हैं।
अब सीमा ने भी हार मान ली थी और रकुल खुशी से विनर विनर चिकन डिनर चिल्लाने लगी।
लेकिन अब नील और मेरा आखिरी दांव खेलने का समय था।
अतः मैंने ताली बजाकर सबका ध्यान अपनी और खींचा और कहा- अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। आखिरी खेल बाकी है जो कि बाजी को पलट सकता है. यहां पर इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि किसी ने कहा है कि हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं। इस खेल का बाजीगर कौन है, वह आखिर में इस खेल के बाद पता चलेगा।
सीमा को फिर से जीत की आस जगी। इस रणभूमि में मर्द पूर्ण रूप से नग्न और महिलाएं अपने अंतर्वस्त्रों अर्थात ब्रा और पेंटी में बैठी हुई थीं और मेरे अगले वक्तव्य का इंतजार कर रही थीं।
फिर मैंने कहा- देखो रकुल और सीमा! सेक्स के खेल में असली विजेता वह है जो कि लंबे समय तक सेक्स कर सके, चाहे वह महिला हो या पुरुष। जो लंबे समय तक इस खेल का आनंद उठाते हैं वही होते हैं सेक्स के खेल के असली विजेता।
नील- मतलब तू कहना चाहता है कि कौन सेक्स में ज्यादा देर तक टिक सकता है? किसका स्टेमिना ज्यादा है?
श्लोक- हां मेरा मतलब यही है।
सीमा चहक उठी क्योंकि उसे पता था कि इस खेल में उसके पति श्लोक से जीतना किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं है। अतः उससे बिना पूछे ही इस खेल के लिए उसकी हामी तैयार थी। वह जोर से चिल्ला उठी- हो जाए यह खेल!
नील- तो रकुल द्वारा सीमा को दो क्षेत्रों में तथा मेरे द्वारा तुम्हें एक क्षेत्र में हराने के बाद इस क्षेत्र में भी तुम्हें हराना पड़ेगा। किंतु ठीक है, मैं व्याकुल हूं तुम्हें चारों खाने चित करने के लिए। जितना बड़ा मेरा लिंग है उतना ही लंबा मेरे सेक्स का समय भी। आज बता ही देते हैं कि कौन ज्यादा देर तक मजे लेता है और कौन ज्यादा देर तक मजे देता है। रकुल क्या तुम इस खेल के लिए तैयार हो? नील ने अपनी रकुल की तरफ देखते हुए जैसे उसको चैलेंज किया.
रकुल- वैसे यह काफी अजीब लग रहा है, लेकिन हां अगर चारों खाने चित करना ही है तो मैं तैयार हूं।
तो तय हुआ कि हम अपनी-अपनी बीवियों के साथ करीब 20 मिनट यानि कि 9:30 बजे तक फ़ॉरप्ले करेंगे ताकि हमारी बीवियां गर्म हो जाएं और हम भी तैयार हो जाएं और उसके बाद 9:30 बजे अपनी अपनी बीवियों की चूत में अपना लन्ड डालकर धक्के देना शुरू करेंगे और देखते हैं कि कौन ज्यादा देर तक टिक सकता है।
हम दोनों की बीवियां जाल में फंस चुकी थी। अतः वह भी इस खेल को अंजाम देने के लिए तत्पर थीं।
हमने अपनी-अपनी बीवियों को अपने करीब किया और चारों एक ही कमरे में एक दूसरे के होंठों को चूसने और चाटने लगे।
काफी देर तक होंठों को चूसने व चाटने के बाद मैंने सीमा की छातियों को ब्रा से आजाद कर दिया और उसके स्तनों को पूर्ण रूप से नग्न कर दिया।
उधर नील ने भी ऐसा ही किया और गुलाब की पंखुड़ियों जैसी ब्रा से रकुल के शानदार गोरे गुलाबी स्तनों को आजाद कर दिया।
अब हम अपनी-अपनी बीवियों के स्तनों को चूसने चाटने लगे। लेकिन हमारी नजरें एक दूसरे की बीवियों के स्तनों पर ही थीं।
नील ने अपने एक हाथ को रकुल की अंडरवियर में घुसा कर उसकी चूत में उंगली की और उसे सहलाना शुरू किया।
इधर मैंने भी ऐसा ही किया।
मैंने सीमा को बेड पर धक्का देकर उसके शरीर को अंडरवियर से आजाद कर दिया और पूर्ण रूप से उसको नग्न कर दिया।
नील ने भी उसी पलंग पर रकुल को धक्का देकर उसे पूर्ण रूप से नग्न कर दिया।
अब हम चारों कमरे में पूर्ण रूप से नग्न थे. एक दूसरे के शरीर का नजरों से मजा ले रहे थे।
सीमा को मैंने कई बार नील के लन्ड को निहारते हुए महसूस किया और इधर रकुल की नजरें भी मुझसे कई बार मिलीं जो कि पहले मेरे लिंग को देखती और उसके बाद मेरी आंखों की तरफ।
हम चारों के मुंह पर एक दूसरे को देखकर हल्की हल्की मुस्कान थी और हम एक दूसरे में खोने लगे थे। एक ही बिस्तर पर हमने अपनी बीवियों को लेटा कर उनकी टांगें ऊपर करके उनकी चूत के साथ जीभ से खेलना शुरू किया और हमारी बीवियां अपनी चूत को हमारे मुंह पर दबाकर हमारे मुख चोदन का स्वागत करने लगीं।
दोनों की बीवियों ने पहल करते हुए घोड़ी बनकर हमारा लिंग मुंह में लिया और उसे चूसने चाटने लगी और पूर्ण रूप से इस आखिरी खेल के लिए हमारे घोड़े को तैयार किया जो कि इस रेस में दौड़ने वाला था।
9:30 बजने ही वाले थे. हमने अपनी बीवियों को पीठ के बल सीधा लिटाया और उनकी टांगें ऊंची करके अपना लन्ड अपनी-अपनी बीवियों की चूत में डाल दिया जो कि अति उत्तेजना और चिकनाई के कारण एक बार में ही अपनी बीवियों की चूत में चला गया।
यह उत्तेजना सामान्य उत्तेजना से काफी बड़ी थी क्योंकि एक ही बिस्तर पर जब दो जोड़े चुदाई करते हैं तो एक दूसरे के सामने उत्तेजना कितने चरम पर होती है यह वह जोड़ा ही समझ सकता है जिसने की बीवियों की अदला-बदली की हो और जिसने ऐसा नहीं किया हो, वह दो जोड़ों की एक बिस्तर पर चुदाई की पोर्न फिल्म देख कर इस उत्तेजना को महसूस कर सकता है।
अब हमने अपनी बीवियों की चूत में धक्के लगाना शुरू किया और हमारी बीवियां हमारे धक्कों का आह… आह… की कामुक सिसकारियों के साथ स्वागत करने लगीं।
रकुल की चूत में धक्के देते देते नील ने कहा- यार, यह तो गलत बात हो गई है।
श्लोक- क्या गलत बात हो गई है?
नील- जैसा कि मेरा लिंग तुमसे बड़ा है तो यह प्रतियोगिता तो मेरी बीवी रकुल के लिए मुश्किल हो गई है क्योंकि उसे तो तुमसे बड़ा लिंग अपनी चूत में काफी देर तक लेना है। इस तरह से तो रकुल जल्दी थक जाएगी। अब रही बात सेक्स के खेल में ज्यादा टिकने की तो वैसे भी हमारे अंक तुमसे कहीं ज्यादा हैं, तो अगर फिर भी इसी खेल से जीत और हार का फैसला होना है तो सीमा को थोड़ी कठिन परीक्षा मिलनी चाहिए क्योंकि यह प्रतियोगिता तो सेक्स के खेल में ज्यादा देर टिकने की है। वे 3 अंक जो हमने मिलकर जीते हैं उनके बदले सीमा की परीक्षा को हम थोड़ी सी कठिन नहीं बना सकते? यही तो बराबर का सौदा होगा और इससे पता भी चलेगा कि सीमा अपने उस लिंग जो कि वह रोजाना लेती है से बड़े लिंग को अधिक देर तक ले पाएगी कि नहीं! यही तो इस खेल की सही कसौटी बनेगी. तुम्हारे लिंग को तो वह रोज ही लेती है, उसको तुम्हारा मुझसे छोटा लिंग लेने में क्या परेशानी हो सकती है! बात तो मुकाबले की तब होगी जब वह मेरे साइज के लिंग को झेल कर दिखा दे कि वह कितनी देर तक मेरे जितने बड़े लिंग को बर्दाश्त कर सकती है. बताओ अगर मैं गलत कह रहा हूं तो? नील ने सीमा के मदहोशी भरे चेहरे की तरफ देख कर कहा.
नील- यही तो बराबर का सौदा होगा और इससे पता भी चलेगा कि सीमा अपने उस लिंग जो कि वह रोजाना लेती है से बड़े लिंग को अधिक देर तक ले पाएगी कि नहीं!
रकुल- तो क्या तुम सीमा की चुदाई करोगे?
श्लोक- नील, बात तो तुम्हारी सही है। इस निर्णायक प्रतियोगिता में तुम्हारे अंक हम से तीन अंक ज्यादा हैं। इस वास्ते सीमा को थोड़ी कठिन परीक्षा मिलनी चाहिए।
मैंने सीमा की तरफ देखते हुए कहा- लेकिन मुझे मेरी जान की क्षमता पर पूरा विश्वास है कि वह मेरा लिंग जब घंटे भर तक ले सकती है तो तुम्हारे लिंग को 30-40 मिनट तक तो ले ही पाएगी।
मेरी जान सीमा क्या तुम्हें खुद पर यकीन है?
सीमा ने कहा- इस जीत के लिए मुझे खुद पर यकीन है। मैं जानती हूं कि मैं नील का लिंग ले सकती हूं. मैं मुकाबले के लिए तैयार हूं.
हमें पता था कि सीमा इस अदला-बदली के लिए इतना जल्दी मान जाएगी क्योंकि एक तो रकुल ने उसे इतना चिढ़ा दिया था कि वह मन ही मन यह सोच रही थी कि उसे रकुल से किसी भी प्रकार जीतना है.
दूसरा वह पतियों की अदला बदली के खेल में पहले भी अनुभवी थी। अतः उसने बिना कोई नखरे किए यह खेल स्वीकार कर लिया और वैसे भी अकेले में वह नील को अपने स्तनपान का सुख दे चुकी थी तो फिर अब चूंकि उनके पतियों की सहमति भी तो अब किसी भी तरह की औपचारिकता की जगह ही नहीं बची थी.
रकुल के लिए यह सब अकस्मात था किंतु शराब के नशे तथा मेरे प्रति प्यार ने उसको इस खेल के लिए राजी कर लिया।
ऐसे ही कोई स्त्री किसी छोटे से नक्की के खेल के लिए अपने स्तन किसी को भी नहीं चुसवाएगी और न ही किसी को चुंबन देगी, इस बात का अंदाजा तो मुझे भी हो चला था।
उसके मन में मेरे लिए कुछ तो प्रेम था ही और अंत में एक बिस्तर पर दो जोड़ों का पूर्ण रूप से नग्न होने का यह माहौल किसी भी सेक्स खेल को कर गुजरने के लिए उत्तेजना पैदा कर ही देता है। ऐसा हो और लिंग बदलकर चुदाई हो जाए तो यह कोई बड़ी बात नहीं है.
रकुल ने भी खेल को जारी रखने की हामी भरी।
अतः मैंने और नील ने एक दूसरे की जगह बदल ली अब सीमा की चूत में नील अपना मोटा तगड़ा लन्ड घुसाने जा रहा था और मैं रकुल की चूत में।
लगभग 9:45 पर हमने अदला बदली करके एक दूसरे की बीवियों की चूत में अपना लन्ड डाला।
जैसे ही सीमा की चिकनी चूत में नील का लन्ड गया तो वह जोर से चिल्ला उठी। उसने बेड की चादर को अपने हाथों में खींच लिया। यह उसके जीवन में उसकी चूत को मिलने वाला सबसे बड़ा लन्ड था जिसे आज उसने भोग लिया था। नील ने थोड़ी देर के सामान्य धक्कों के बाद अपनी गति तेज कर दी।
इधर मेरा लिंग जो कि नील के लिंग से छोटा था, इसके कारण रकुल की चूत में वो आसानी से प्रवेश कर गया।
अब हम चारों की एक ही बिस्तर पर जोरदार चुदाई वाली मशीन चालू हो गई। हम जानवरों की तरह अपनी बीवियों को बदलकर उनकी चूतों में धक्के दिए जा रहे थे। पूरा बेड हमारे जोरदार धक्कों से हिलने लगा था।
हम दोनों की चुदाई की उत्तेजना में ओ यस… यस… की आवाजें निकलने लगी थीं। उधर सीमा और रकुल भी जोर जोर से यस… ओ यस… करते हुए अपनी चूतों में हमारे लौड़ों का मजा ले रही थीं।
फक मी… फक्क मी हार्डली… कहते हुए वो दोनों बार-बार चिल्लाने लगीं।
ऐसा लग रहा था कि मानो किसी वाइल्ड फकिंग पोर्न फिल्म की शूटिंग चल रही हो।
उस वक्त उस वातानुकूलित कमरे में भी हम चारों पसीने से भीगने लगे थे और जोरदार चुदाई करने लगे।
करीब 10:05 बजे वही हुआ जो कि हमें पता था। सीमा के अपनी चूत में बड़ा लिंग लिए हुए नील के झटके अपने सामान्य झटकों से तेज हो गए।
उनकी गति काफी तेज हो गई, अतः यह नील के द्वारा उसकी चुदाई का अंतिम चरण था। उधर इतने मोटे लिंग से चुदाई होने के कारण सीमा भी अपने सामान्य समय से पहले झड़ गई। नील और सीमा दोनों इतनी गहरी खतरनाक चुदाई से थक कर निढाल होकर एक दूसरे के ऊपर गिर गए।
इधर अब मुझे रकुल और नील को अपनी ताकत का अंदाजा कराना था। रकुल भी मेरी चुदाई के धक्कों से एक बार छूट गई किंतु मैंने उसकी छूट के बावजूद भी अपने जोरदार धक्के उसकी चूत में चालू ही रखे.
रकुल की चूत से फच-फच-फच की जोरदार आवाजें आने लगीं और करीब अगले 15 मिनट के अंदर वह मेरी जोरदार चुदाई से दो बार और झड़ी।
किन्तु मेरा अंतिम चरम-सुख अभी भी दूर था। इधर नील और सीमा भी अपनी थकान उतार कर बैठ गए और हमारी चुदाई का घमासान देखने लगे।
करीब उसके 5 मिनट बाद जब मैंने सीमा और नील को देखा कि वह हमारी चुदाई घमासान को देख रहे हैं तो मुझे यह देखकर काफी उत्तेजना हुई कि एक पति अपनी पत्नी की चुदाई होते हुए कैसे देख रहा है और एक बीवी अपनी सहेली की चुदाई अपने पति के लंड से अपनी ही आंखों के सामने कैसे देख रही है।
इस उत्तेजना से आखिर में मेरा गति वेग बढ़ गया और मैंने अपने अंदर का गर्म लावा रकुल की चूत में उड़ेल दिया। रकुल की चूत मेरे लन्ड की चोटों से बाहर तक लाल हो गई थी।
अब निढाल होकर गिरने की बारी हमारी थी।
करीब 10 मिनट तक सांसें सामान्य होने के बाद नील ने तालियां बजाकर मुझे विजेता घोषित किया।
सीमा अबकी बार चहक उठी।
मैंने कहा- विजेता केवल मैं नहीं विजेता रकुल भी है, जिसने की इतनी देर तक की असामान्य चुदाई का सामना बिना किसी विरोध के इतनी देर तक किया है। जैसे मैं जीता हूं उसी तरह रकुल भी विजयी है। यानि हम दोनों ही जोड़ें विजेता हैं अतः इस खेल में कोई नहीं हारा। सब जीते हैं।
सीमा- हां बस यह हुआ कि हमें अपने पतियों के अलावा पराए मर्दों ने भी चोद लिया।
रकुल- यार सीमा, तेरे पति की एक्सप्रेस ट्रेन तो वास्तव में बहुत तेज निकली।
इस पर दोनों हंसने लगीं और उनकी हंसी का साथ हम लेते हुए हम चारों भी हंसने लगे।
अतः इस तरह पहली बार हमने एक दूसरे की बीवियों की चुदाई की।
लेकिन जब रात में बीयर उतरी और हमने खाना खाया तो दोनों की बीवियों ने ऐसा व्यवहार नहीं किया कि उनके साथ कुछ गलत हो गया। वह सामान्य थी क्योंकि उनके मन में कहीं न कहीं हम दोनों के लिए प्यार तो पनप ही रहा था।
मतलब कि हमारी अदला-बदली की चुदाई उनके लिए सामान्य थी।
और हमारे लिए उनकी चुदाई सामान्य।
अतः इस तरह हमारी बीवियों की अदला-बदली करने की शुरुआत हुई और हमने अपने इस जीवन का भरपूर आनंद उठाना शुरू कर दिया और अभी भी इस जीवन को भोग रहे हैं।
श्लोक राजवीर से- हमारा पहला सेक्स ही ग्रुप सेक्स हुआ। पता है ज्यादातर हमारा एक बेडरूम तो खाली ही रहता है। हम चारों रोजाना साथ ही सोते हैं। ग्रुप चुदाई के हमने सारे आसन पूरे कर लिए हैं जिसका मैं कभी बाद में बखान करूंगा।
इस घटना के कुछ दिनों के बाद नील ने ऑफिस में मुझसे कहा- यार, मैं याराना की प्रमुख नायिका रीना से मिलना चाहता हूं। जितना उनके बारे में सुना है क्या वह उतनी ही खास है?
श्लोक- हां … रीना दीदी सबसे ज्यादा खास है। हालांकि सीमा, रकुल भी कम नहीं। लेकिन जो मजा रीना दीदी की चुदाई में है वह मजा शायद ही किसी और महिला की चुदाई में आज तक मुझे मिला हो।
नील- तो क्यों न तुम्हारे जीजा जी और रीना को यहां बुलाकर अदला बदली की जाए!
श्लोक- यह एक अच्छा विचार है नील। किंतु जीजा जी से एकदम से आप लोगों को नए जोड़े के रूप में परिचित करवाना उनके लिए शायद अजीब हो सकता है। पहले मैं रीना दीदी को यहां कुछ समय के लिए बुला लेता हूं। उनकी तुम लोगों से जान पहचान करवाता हूं और उसके बाद रीना दीदी, जीजा जी को यहां आने के लिए मना लेगी।
श्लोक राजवीर से –
अतः हमने रीना दीदी को कुछ समय के लिए अहमदाबाद बुलाया था। रीना दीदी नील और रकुल से काफी घुल-मिल गई थी। उन्हें भी हमारे इस जीवन के बारे में पता चल गया था। किंतु वह आपकी आज्ञा के बिना इस चुदाई संग्राम में शामिल नहीं होने वाली थी।
जब उनका जन्मदिन आ रहा था तब सीमा रकुल और मैंने उन्हें जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए उनसे साथ में चुदाई में शामिल होने का आग्रह किया।
उन्होंने सोचने के लिए कुछ समय लिया।
नील और मुझे लगा कि रीना दीदी की हरी झंडी अब हमें मिल ही जाएगी।
नील, रीना दीदी को देखकर वैसे ही बड़ा उत्तेजित था और क्यों न हो, रीना दीदी है ही ऐसी बला की खूबसूरत।
किंतु अचानक से रीना दीदी के पास आपका फोन आ गया और उनके जन्मदिन को मनाने के लिए आपके पास जयपुर चली गई। हमारा ख्वाब यहीं अधूरा रह गया। बस यही था रीना दीदी के जन्मदिन को मनाने का हमारा प्लान।
राजवीर- वाह यार श्लोक … मजा आ गया तुम्हारा किस्सा सुनकर। क्या तरीके से शामिल किया तुमने सीमा और रकुल को अपनी इस बदला बदली की चुदाई में।
श्लोक- बस राजवीर जीजू, सब आप की संगत का नतीजा है। तो अब हम चार नहीं कुल 5 जोड़े हैं जो कि मालदीव में महायाराना का आनंद लेने के लिए तैयार हैं। तो बताइए कैसे क्या प्लानिंग करनी है?
कृपया यह भी बताइए कि वह जोड़ा कौन है जिसके लिए मैं अन्जान हूं। मैं भी आप की अदला-बदली की वह कहानी सुनना चाहता हूं जिससे कि आपने उस अज्ञात नए जोड़े को इस खेल में शामिल किया।
श्लोक मुझसे याराना का तीसरा दौर की कहानी जानने के लिए बेताब था. अतः इस रास्ते में मैंने विस्तार से उसे याराना का तीसरा दौर की कहानी सुनाई जिसमें कि मैंने उसे बताया कि कैसे विक्रम और वीना ने मुझे अपने साथ अदला-बदली के खेल में शामिल किया और कैसे हमने रीना के साथ उसका जन्मदिन मनाया.
यह उसके लिए बहुत बड़ा आश्चर्य था लेकिन जानने के बाद वह बहुत खुश हुआ क्योंकि उसने भी वीना को देखा हुआ था और वह भी वीना की चुदाई के सपने देखने लगा था।
अब तो श्लोक इस महा याराना के लिए और भी बेताब हो गया था।
राजवीर श्लोक से-
श्लोक! इस महा याराना का आयोजन जो मैं करने जा रहा हूं, उसकी सबसे बड़ी विशेषता यही है कि सबको इसमें कुछ ना कुछ आश्चर्य मिलने वाला है। लेकिन तुम्हें यह सब इसलिए बताया है क्योंकि मैं अकेला इतना सब कुछ आयोजित नहीं कर सकता। अतः मुझे तुम्हारी सहायता की आवश्यकता होगी।
श्लोक- बताइये क्या सरप्राइज़ होगा सबके लिए?
राजवीर ने पूरी योजना समझायी:
देखो जब मैं और रीना मालदीव के लिए निकलेंगे, तब रीना और वीना को पता नहीं होगा कि वहां हम चारों एक बार फिर इकट्ठा हो जाएंगे। यानि विक्रम और वीना से हम यह कहेंगे कि हम शिमला घूमने जा रहे हैं और तुम मालदीव चले जाना।
किंतु विक्रम को सच पता होगा कि मैं और रीना उसे मालदीव में ही मिलेंगे। इस तरह वीना के लिए मालदीव में हमारा मिलना सरप्राइज़ होगा।
इधर मैं अपने सबसे पहले वाले याराना के साथियों रणविजय और प्रिया को भी मालदीव बुलाऊंगा। उन्हें लगेगा कि मालदीव में उन दोनों को केवल हम, यानी राजवीर और रीना ही मिलेंगे अतः वह यह सोचकर मालदीव आएंगे कि एक बार फिर चारों का याराना हो जाएगा।
लेकिन रणविजय और प्रिया को मालदीव में हमारे साथ-साथ तुम दोनों और विक्रम और वीना भी मिल जाओगे। यह उनके लिए बड़ा सरप्राइज़ होगा. विक्रम के लिये भी तुम्हारा और रणविजय तथा प्रिया का मिलना सरप्राइज होगा।
इधर तुम अपने अदला-बदली के साथियों रकुल और नील को भी मालदीव बुलाना। वे सोचेंगे कि मालदीव में केवल तुम चारों की अदला-बदली की चुदाई का मजा लोगे किंतु जब वह मालदीव में रीना और मुझे पाएंगे तो उनकी मनोकामना भी पूरी हो जाएगी।
इधर जब सीमा को वहां विक्रम, रणविजय और हम सब मिलेंगे तो उसके लिए भी यह एक सरप्राइज़ होगा। इधर मेरी पत्नी रीना को भी मालदीव में तुम सबके तथा विक्रम वीना के होने की जानकारी मैं पहले नहीं दूंगा और सबसे बड़ा धमाका तो तब होगा जब वह अपने याराना के पहले अदला-बदली के साथियों यानि रणविजय और प्रिया से मिलेगी।
यानि कि कुल मिला कर याराना के इन चार चरणों के बाद एक महा याराना वहां पर मना कर एक बड़ा धमाका करेंगे।
हम अलग अलग समय पर एक ही होटल में अपनी बीवियों के साथ कमरा लेंगे और जब रात होगी तो किसी बहाने से बाहर आकर सारे मर्द एक जगह इकट्ठा होकर अदला-बदली कर लेंगे।
मर्दों के बीच में बात में को पक्का करके सब अलग-अलग बीवियों के कमरे में जाएंगे और जब हमारी बीवियों का सामना अलग-अलग लेकिन जाने पहचाने मर्दों से होगा तो उनकी उत्तेजना कुछ और ही होगी।
जब सब बीवियों को पता चल जाएगा कि हमारे साथ यह सब भी हैं फिर हम मालदीव के 5 कमरों वाले टापू पर एक बड़ा होटल लेंगे और वहां पर महा याराना का आयोजन करेंगे।
तो कैसा लगा मेरा प्लान?
श्लोक- वाह यार जीजू! यह सुनने में ही इतना उत्तेजक है तो उस समय क्या होगा जब हम सब एक साथ इकट्ठा होंगे। मजा आएगा… बहुत। इस महा याराना को जल्दी से शुरू करो।
राजवीर- करते हैं. करते हैं श्लोक! अभी इतनी जल्दी भी क्या है। अभी तो एक और याराना इस महायाराना से पहले हमारा इंतजार कर रहा है।
श्लोक- क्या कहा एक और याराना? इस महा याराना से पहले? वह कैसे? क्या आपके पास अभी भी मेरे लिए कोई सरप्राइज़ है?
राजवीर- हां और क्या? तो तुम्हें क्या लगता है गोवा में हम यहां किसी बिजनेस की मीटिंग के लिए आए हैं? तुम ही बताओ हमारे बिज़नेस का अभी तक तो गोवा से कोई संबंध ही नहीं है फिर गोवा में कौन सी मीटिंग हो सकती है?
श्लोक- लेकिन हमारे साथ हमारी बीवियां तो हैं ही नहीं, फिर हम कैसे याराना मनाएंगे? क्या किसी वैश्या के साथ?
राजवीर- अरे नहीं यार श्लोक, जब जिंदगी इतनी हसीन अदला-बदली से गुजर रही हो तो वेश्याओं की क्या जरूरत होती है। आओ गोवा में याराना बनाते हैं और इस का मजा लेते हैं।
राजवीर के शब्दों में-
तो मेरे प्यारे याराना के पाठको। याराना का चौथा चरण यहीं समाप्त होता है।
शायद यह चरण आपको पहले के याराना से कमतर लगे किंतु पहले के याराना सब मेरी आंखों देखी घटनाएं थी और इस याराना को मैंने श्लोक के शब्दों में सुना था तथा उसी के शब्दों में आपको इस घटना का परिचय करवाया। लेकिन कुछ चीजों को छोड़कर घटना सत्य थी और आशा है आपको याराना का चौथा चरण भी बहुत पसंद आया होगा।
दोस्तो, आपने मेल पर हमें ढेर सारा प्यार दिया है उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया. आपके मेल ही मुझे हमारी अगली घटना ‘गोवा में याराना’ और ‘यारों का महायाराना’ लिखने के लिए प्रेरित करेगी।
दोस्तों यारों का ये महायाराना सब कहानियों से ज्यादा आनंदित और उत्तेजना भरा होगा जिसमें कि मैं आपको यह बताऊंगा कि हम 10 लोगों ने मालदीव में जाकर किस तरह 10 दिन गुजारे।
यह एक अत्यधिक उत्तेजित घटना है जिसमें हमने बहुत मजे किए।

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