श्लोक, रीना, मेरे (राजवीर) और सीमा के उस सामूहिक चुदाई के हसीन दौर की शुरूआत करने के बाद हमने ये खेल 8 महीनों तक कई बार खेला। मियां-बीवी का रिश्ता चारों के बीच में ऐसा बना कि कोई भी किसी के भी साथ चुदाई कर लेता था। हम अपने-अपने कमरों में बीवियां बदल कर सोते तो कभी-कभी अपनी बीवियों के साथ। कभी-कभी हम सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम करके अपने मन की मुराद पूरी करते।
इन सब के अलावा एक और महत्वपूर्ण पहलू था हमारा व्यापार … जो कि सफलता के आयाम जल्दी-जल्दी स्पर्श कर रहा था।
राजस्थान के बाद श्लोक की नजर गुजरात में अपने व्यापार के पांव जमाने पर थी। अतः अहमदाबाद में हमारे नए ऑफिस के आरम्भ के कुछ महीनों में ही शानदार परिणामों के कारण मैंने श्लोक को गुजरात में व्यापार के मालिकाना हक प्रदान किए।
व्यापार तो गुजरात में अच्छा शुरू हुआ लेकिन बुरा ये हुआ कि मेरे पिताजी के आदेशानुसार श्लोक को अब गुजरात में ही शिफ्ट होना पड़ा। अतः 8 महीनों के इस स्वर्ग स्वरूपी जीवन को जीने के बाद हमारे बिछड़ने की बारी आ गई थी। रोज की अदला-बदली की चुदाई की आदत से ऐसे दूर हो जाना जैसे एक सदमा था। मगर पैसों के लिए इस त्याग को अपनाना आवश्यक था।
शुरूआत में हमें एक-दूसरे की काफी कमी महसूस हुई पर धीरे-धीरे हमने अपने-अपने माल (बीवी) के साथ चुदाई में खुश रहना सीख लिया। यहाँ रीना और मैं, वहां सीमा और श्लोक अपने में ही रम गए।
श्लोक का काम मैंने सीख लिया था लेकिन एक मालिक और मैनेजमेंट का काम संभालना बहुत ही दिमागी थकान वाला काम था। मुझे श्लोक वाला काम संभालने वाले एक व्यक्ति की जरूरत थी। अतः पिताजी की सलाह पर मैंने विक्रम को अपने पास बुलाया जो कि अपनी बिज़नेस मैनजमेंट की पढ़ाई पूरी कर चुका था।
मेरे लिए बीती रात एक पहेली थी जिसे मैं सुलझाना चाहता था और इसीलिए मैंने अपने घर की छत पर विक्रम (अपने छोटे भाई) को बात करने के लिए बुलाया। मैं उसका इंतज़ार कर रहा था और इंतजार करते-करते बीते हुए समय की घटनाओं को याद करने लगा।
विक्रम यानि कि मेरा छोटा भाई. उसकी आयु 27 साल की थी. वह 3 साल पहले ही बैंग्लोर से अपनी पढ़ाई पूरी करके घर लौट था और वहाँ हमारे उत्पाद के उत्पादन के काम को देख रहा था। विक्रम की शादी वीणा (24) से हुई थी। वीणा मेरे पिताजी के मित्र की पुत्री थी। मेरे पिता और वीणा के पिता पक्के मित्र थे।
एक कार दुर्घटना में वीणा के पिता चल बसे और उसके दुख में 2 महीने बाद ही वीणा की माँ का भी देहांत हो गया था। अतः वीणा की माँ की अंतिम इच्छा थी कि 14 साल की वीणा को उसके परिवार वालों के भरोसे न छोड़कर हमारे पिता की छत्रछाया में ही रखा जाए। वीणा हमारे साथ ही बड़ी हुई। कुछ सालों में विक्रम पढ़ाई करने बंगलूरू चला गया।
उसके बाद मेरा विवाह रीना से हुआ। मेरे रीना से विवाह के 3 साल बाद हम घरवालों को पता चला कि विक्रम और वीणा एक दूसरे से प्रेम करते हैं और विवाह करना चाहते हैं। अतः पिताजी ने उनकी इच्छा पूरी की और वीणा की माँ की इच्छा के अनुसार वीणा को हमारे घर में रखने की जिम्मेदारी भी पूरी हो गयी क्योंकि वीणा शायद ही इस घर से ज्यादा कहीं और दूसरे घर में खुश रह पाती।
वीणा-विक्रम अब शादीशुदा थे और अब हमारे यानि रीना-राजवीर के पास जयपुर आ रहे थे।
वीणा और विक्रम दोनों बेहद सुंदर थे और साथ मिलकर परफेक्ट कपल का उदाहरण प्रस्तुत करते थे। वीणा का शरीर रीना की तरह ही भरा-पूरा था जो कि टीवी ऐक्ट्रेस रश्मि देसाई से मेल खाता है। 35 के स्तन, 26 की कमर और 35 के कूल्हे. चेहरा भी रश्मी देसाई की तरह ही गोल, सुंदर, नशीली आंखों वाला था। विक्रम भी आजकल के दाढ़ी भरे चेहरे वाले मर्दों के जैसे ही मॉडल की तरह का लुक रखता था।
दोनों जयपुर आए और साथ रहने लगे। अब यहाँ दो भाई (मैं और विक्रम) अपनी बीवियों के साथ रहते थे जिनमें कोई वासना या गलत सोच का स्थान नहीं था। हम एक साधारण परिवार की तरह अपने जीवन का यापन करने लगे थे। हँसी-मजाक एक परिवार की तरह होता और सब हँसी-खुशी रह रहे थे।
विक्रम ने व्यापार में श्लोक की भूमिका ले ली थी और उसका भली-भाँति निर्वाह कर रहा था। उधर श्लोक भी गुजरात में व्यापार को लेकर सफल था। विक्रम को यहां आए करीब 3 महीने गुजर गए थे।
सब कुछ ठीक चल रहा था। तभी एक शाम श्लोक और सीमा का फ़ोन आया। वो हम दोनों को कुछ दिन के लिए अहमदाबाद बुलाना चाहते थे।
मगर व्यापार को छोड़कर जाना मुश्किल था। उनका मकसद शायद वही सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम हो या अदला-बदली वाली चुदाई रहा होगा। ये भी सच था कि हमें उस अदला-बदली की काफी याद आती थी। सीमा को चोदने के लिए कभी भी लंड फड़फड़ा उठता था। शायद यही हाल श्लोक का रीना के लिए हो रहा होगा। सीमा और श्लोक के द्वारा काफी मिन्नतें करने के बाद मैंने रीना को उनके पास भेजने की अनुमति दे दी। यहां मेरे पास विक्रम और वीणा थे।
एक बहन का भाई के पास रहने चले जाना साधारण बात थी और इसमें किसी को कोई शक नहीं था। लेकिन वास्तविकता क्या थी इससे मैं अच्छे तरीके से परिचित था। अगले दिन रीना अहमदाबाद के लिए निकल गयी।
विक्रम महंगी शराब का शौकीन था। उसकी इस आदत का पता मुझे उनके यहाँ शिफ्ट होने के बाद ही चला। एक बड़े भाई का लिहाज करके विक्रम मेरे सामने नहीं पीता था लेकिन जब मुझे इसका पता चला तो मैंने उसे इसकी अनुमति दे दी। विक्रम एक सभ्य शराबी था। जिसके पीने न पीने का कोई अंदाजा न लगा सकता था। उसको कभी-कभी पीने में मैंने भी कंपनी दी। मगर मैं शराब का ज्यादा शौकीन नहीं था।
बीती रात कुछ ऐसा हुआ था कि जिसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया था कि जो अदला-बदली का खेल मैं दूसरों के साथ खेल रहा था क्या वही खेल नियति मेरे साथ खेलना चाहती थी? या जो बीती रात हुआ था वो एक सोची समझी साजिश थी?
वह रीना के बिना मेरी पहली रात थी। इसलिए विक्रम ने शराब पार्टी का माहौल बना लिया। वीणा हमें जरूरी स्नैक्स परोस कर खाने का इंतजाम कर अपने कमरे में सोने चली गयी थी।
विक्रम और मैंने हँसी-मजाक में शराब पार्टी पूरी की और कब नींद आ गई इसका पता भी न चला।
सुबह नींद हल्की सी खुली तो अपने साथ बिस्तर पर नंगी सोई रीना को मैंने अपनी तरफ खींचा और उससे चिपक कर सो गया। नींद में ही दिमाग की घँटी बजी और याद आया कि रीना तो अहमदाबाद चली गयी है! फिर यहां मेरे साथ बिस्तर पर नंगी कैसे सो सकती है?
मैं झटके से उठ गया और देखा तो चक्कर खा गया। वीणा मेरे कम्बल में पूरी तरह से नंगी गहरी नींद में सोई हुई है। ध्यान दिया तो पता चला कि कमरा भी मेरा नहीं बल्कि वीणा और विक्रम का है। बेशक वीणा का नंगा शरीर नजारे लूटने जैसा होगा पर मैं उस समय मजे लेने की हालत में बिल्कुल नहीं था।
मैं अपने कम्बल में न झांक कर, अपने कपड़े संभाल कर सीधा बाहर आया तो देखा कि विक्रम उसी सोफ़े पर गहरी नींद में सोया पड़ा है जहाँ हमने शराब पी थी। खाना वैसे का वैसे ही रखा है, मतलब हमने शराब के बाद खाना भी नहीं खाया था। मैं सीधे अपने कमरे में गया और तेज धड़कते हुए दिल के साथ शॉवर लेने लगा और तैयार होकर सीधे ऑफिस चला गया।
दिमाग समझ नहीं पा रहा था कि कैसे, क्या हुआ, ये सब?
मैंने मन में ही अंदाजा लगा लिया कि शायद शराब पीने के बाद जब विक्रम सो गया होगा तो मेरे अंदर का पाप जाग गया होगा और मैं विक्रम के कमरे में जाकर वीणा के पास सो गया होंगा। अंधरे के कारण वीणा ने भी मेरे साथ मुझे विक्रम समझकर सम्बंध बना लिए होंगे क्योंकि जब मैं उठा तो रोशनी तो खिड़की से आए उजाले की थी। लाइट्स तो सारी बन्द थीं।
या फिर क्या पता मैंने उसे सीमा-श्लोक का कमरा समझा हो, क्योंकि इतने दिनों से हम साथ थे और कभी भी किसी भी कमरे में जाकर चुदाई करके सो जाते थे। शायद मैंने वीणा को सीमा समझ कर ही शराब के नशे में चोद दिया हो और वीणा ने विक्रम समझकर मेरे साथ ये सब किया हो! तभी तो रात को कोई बवाल नहीं हुआ। या शायद रीना समझ कर ही वीणा को चोद दिया हो। मेरा मन तरह-तरह के कयास लगाकर खुद ही अपने आप को शांत करने की कोशिश कर रहा था.
मगर यह सोचते-सोचते दिमाग के 12 बज गए थे। रात को हुई घटना समझ से परे थी। कैसे नजर मिलाऊँगा विक्की (विक्रम) और वीणा से, समझ नहीं आ रहा था।
मैंने अपनी सारी मीटिंग्स कैंसिल की और अपने केबिन में दुबक कर बैठा रहा। रोज समय पर आने वाला विक्रम आज ऑफिस नहीं आया था जिससे मैं समझ गया था कि विक्रम को भी इस बात का अब पता चल गया होगा। उस वक्त ‘काटो तो खून नहीं’ जैसी हालत थी।
सुबह से शाम हो गई लेकिन विक्रम आज ऑफिस नहीं आया था. अब तो उल्टा मेरे घर जाने का समय हो गया था लेकिन घर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी. कैसे दोनों से नजरे मिलाऊंगा? रीना को इस घटना के बारे में क्या बताऊंगा?
मुझे तो कल रात क्या हुआ था यह पता भी नहीं था. अतः ऑफिस से मैं सीधा होटल गया और वहां पर खाना खाया और देर रात 10:00 बजे घर की तरफ मेरे कदम बढ़े।
घर जाते-जाते मैंने यह सोच लिया था कि कल रात जो भी हुआ है उसके लिए विक्रम को बुलाकर उससे बात करूंगा और अपने किए की माफी मांग लूंगा। अदला-बदली कर चुदाई का खेल मेरे, सीमा, श्लोक, रीना के बीच ही सहज था लेकिन यह विक्रम था, जिसको कि हमारे इस तरह के अदला-बदली वाले जीवन के बारे में कुछ भी नहीं पता था।
जब मैं अपने फ्लैट पर पहुंचा तो गेट वीणा ने खोला. उसने मुझसे नजर नहीं मिलाई, न मैंने उससे। मैं सीधा अपने फ्लैट के ऊपर वाले कमरे में चला गया और विक्रम को ऊपर आने के लिए फोन किया।
तो दोस्तो, यह सब हुआ मेरे साथ बीती रात। रात की किताब में जो पन्ने अनपढ़े और अनसुलझे रह गए थे उन्हें खोलकर पढ़ने की कोशिश कर ही रहा था कि विक्रम की आवाज आई – भैया!
मेरी तंद्रा टूटी … सोच के सागर से मैं बाहर निकला और बिना नजरें मिलाये मैं विक्रम से बोला- भाई जो कल रात हुआ मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता। शायद यह यकीन करना ना करना मुश्किल हो, लेकिन सच यही है कि जो हुआ मुझे उसका आभास केवल सुबह ही हुआ। मैं वैसे भी शराब का इतना आदी नहीं था कि खुद को संभाल सकूं और शायद शराब का ही कमाल था कि मेरे कदम बहक गए होंगे।
इस पर विक्रम बोला- अगर आपको अपनी की हुई गलती के बारे में पता ही नहीं है तो आप किस बारे में माफी मांग रहे हैं भैया! किसी भी सजा पाने वाले व्यक्ति को उसकी गलती का एहसास ना हो तो वह सजा किस काम की? उसी तरह, जिस तरीके से आप माफी मांग रहे हैं और आपको आपकी गलती का ही पता नहीं तो यह माफी किस काम की?
विक्रम आगे बोला- मैं बताता हूं बीती रात क्या हुआ।
जब हम दोनों नशे में धुत्त हो गए तो आप बहकी-बहकी बातें करने लगे। नशे में मैं भी था पर मैं इसका आदी हूं इसलिए मुझे थोड़ा होश है, बीती रात शराब पीने के बाद आप ने मुझसे कहा- बहुत चढ़ा ली शराब। अब मुझे खुद सीमा पर चढ़ाई करनी है।
मैंने आपसे नशे में पूछा- कौन सीमा?
तो आपने कहा- साले तेरी बीवी सीमा।
मैंने आपको कहा- भैया, मैं श्लोक नहीं हूं, आपका विक्रम हूं। मेरी शादी सीमा से नहीं हुई है. मेरी बीवी वीणा है।
आपने मुझे गाली दी और मेरे कमरे की तरफ बढ़े. आप सीमा के बारे में अनाप-शनाप बोले जा रहे थे कि बहुत दिन हुए चुदाई किए। आज सीमा तेरी फाड़ डालूंगा। आप और मैं दोनों नशे में धुत थे। मैंने आपको हाथ पकड़ कर रोकना चाहा लेकिन रोक नहीं पाया।
वैसे भी जब हम कल शराब पी रहे थे तो मेरी शराब की मात्रा आप से दोगुना थी।
अतः मैं वहीं सोफे पर गिर गया. सुबह जब नींद खुली तो 11:00 बजे थे। रात की आपकी और मेरी की हुई बातें मैं सब भूल गया था। अपने आप को संभाल कर जब कमरे में गया तो देखा कि वीणा कमरे में बैठे हुए रो रही है।
वह अपने इतने आंसू बहा चुकी थी कि पूरा तकिया आंसुओं से गीला था। उसकी हालत और आंखें बता रही थीं कि वह गरीब 2 या 3 घंटे से लगातार रो रही है।
मैंने इसके बारे में वीणा से पूछा तो उसने रोते हुए बताया कि कल रात उसने किसी के साथ भयंकर चुदाई की थी. उसके लिए वह विक्रम ही था यानि कि मैं उसका पति। सुबह जब उसकी नींद खुली तो उसके पास कोई नहीं सोया था, वह पूर्ण रूप से नग्न अवस्था में थी।
लेकिन जब उठ कर बरामदे की तरफ आई तो मुझे सोफे पर सोया देखकर उसने रात का अंदाज़ा लगा लिया कि आप समय से पहले ऑफिस चले गए थे। शराब पीकर रात में सोफे पर ही सो जाना मेरी आदत थी। तभी रीना समझ गई थी कि रात में उसने आपके साथ चुदाई की है. बस यही सब सोचकर वह परेशान हो गई थी। सच बताऊं भैया तो गुस्सा मुझे भी बहुत आया।
आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? मगर फिर मेरा दिमाग ठनका. मुझे रात को की हुई आपकी बातें धुंधली-धुंधली याद आने लगी और धीरे-धीरे सब बातें पूरे दिन में सोचता रहा कि आपके दिमाग में उस वक्त सीमा थी। जो कि आपके साले की बीवी है।
आप उसके बारे में ऐसा कैसे सोच सकते हैं? आपने भले ही चुदाई वीणा के साथ की हो लेकिन आपके ख्यालों में सीमा ही थी। इतना मुझे समझ में आ गया था मगर सीमा के बारे में ऐसा सोचना मेरी समझ से परे था।
अब आप मुझे बताइए कि आप सीमा के बारे में ऐसा क्यों सोचते हैं? क्या आप भाभी से खुश नहीं है? या सीमा भी आपसे बहुत प्यार करती है? कैसे सीमा और श्लोक को भी इसके बारे में पता है?
मुझे पता है कि मेरे आने से पहले आप लोग यहां लगभग साल भर साथ रहे। तो शायद आप दोनों के बीच में प्यार हो गया हो या ऐसा कोई संबंध पनपा हो।
मैं दिन भर सोचता रहा कि शायद श्लोक और सीमा को इसके बारे में सच पता चला हो, तभी वह लोग आपसे जुदा हो गए।
आप लोग अब अलग रह रहे हैं। शायद आपने इसीलिए श्लोक को अहमदाबाद वाला मालिकाना हक प्रदान कर अलग किया है। बताइए भैया मुझे इसका जवाब चाहिए और फिर मैं अपना फैसला आपको बताऊंगा कि वीणा और मैंने आप को माफ करना है या सजा देनी है?
हमारा सारा चुदाई का खेल विक्रम के सामने सवाल बन कर खड़ा था. मेरे पास विक्रम की इस बात का कोई जवाब नहीं था। मैं डर गया था कि अब मुझे विक्रम को अदला-बदली करके चुदाई के खेल का पूरा सच बताना पड़ेगा। उसे बताना होगा कि मैंने ये सब किसी को धोखा देकर नहीं किया।
ये सब की इच्छा से था. सबकी खुशी और मजे के लिए था। लेकिन मुझे डर था कि विक्रम मेरे और रीना के बारे में क्या सोचेगा? अगर विक्रम ने इसे सामान्य सामाजिक जीवन के नज़रिये से देखा तो उसका भाई और भाभी दोनों ही उसकी नजरों से गिर जाएंगे। किंतु मैं अब उसे क्या जवाब दूं. ये मुझे समझ नहीं आ रहा था।
विक्रम मुझ पर गिरी हुई सोच होने के इल्जाम लगा रहा था और सीमा को इस नज़रिए से देखने का कारण पूछ रहा था कि ऐसा क्या था कि मैं सीमा की बुरी तरह चुदाई करना चाहता था।
अतः मैंने मन ही मन फैसला लिया कि अब मुझे अदला बदली की चुदाई का सच विक्रम को बताना होगा।
मैंने हिम्मत करके कहा- देखो विक्रम अगर तुम सुनना ही चाहते हो तो सुनो। तुम्हें सब बताता हूं। मैं सीमा के बारे में ऐसा सोचता हूं, मानता हूँ। लेकिन मैंने रीना और श्लोक यानि कि मेरे साले से कोई धोखा नहीं किया। लेकिन अगर मैं तुम्हारे सामने पूरा सच बताऊंगा तो मैं तुम्हारी नजरों से गिर जाऊंगा। शायद तुम्हारी भाभी रीना भी तुम्हारी नजरों से गिर जाए। शायद तुम्हें यकीन भी न हो लेकिन जो मैं बोलने जा रहा हूं वही सच है।
विक्रम- ऐसा क्या है भैया जो मेरे नज़रिए में इतना बदलाव ला देगा?
मैंने कहा- तुम्हें तो पता ही है जयपुर में जब से हमारा बिज़नेस शुरु हुआ तब से श्लोक और मैं अपनी बीवियों के साथ यहीं रहे हैं। कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा किन्तु कुछ दिनों के बाद हम चारों बहुत घुल-मिल गए और पक्के दोस्त बन गए। हम दोस्तों के बीच दोस्ती के साथ आकर्षण भी आ गया। मैं सीमा के करीब आ गया और रीना श्लोक के काफी करीब आ गयी।
विक्रम- करीब? भाभी और श्लोक तो भाई-बहन हैं। वो तो करीब हो सकते हैं लेकिन आप सीमा से कैसे करीब हो गए।
मैं- श्लोक और रीना का करीब आने का मतलब भाई-बहन वाला करीब नहीं था। भाई-बहन के रिश्ते को भूल कर करीब आने जैसा था।
मेरा और सीमा का रिश्ता साली-आधी घरवाली जैसा था।
हम एक दूसरे के शरीर को पसंद करने लगे थे। शरीर को पसंद करने का मतलब एक दूसरे के शरीर के प्रति इतने सम्मोहित हो गए थे कि एक दूसरे के शरीर को पाना चाहते थे। मैं सीमा के साथ तथा श्लोक रीना के साथ संभोग करना चाहता था।
विक्रम- यह क्या बकवास है भैया! मुझे आपकी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है।
मैं- विक्रम! मेरे भाई, एक बात मुझे बताओ। जब से तुम्हारी शादी वीणा के साथ हुई है, क्या उस क्षण के बाद से तुमने किसी अन्य पराई स्त्री के साथ संभोग करने के बारे में नहीं सोचा? क्या तुमने कभी ख्यालों में भी किसी अन्य स्त्री को नग्न नहीं देखा और उसकी चुदाई नहीं की?
विक्रम- भैया! यह तो आदमी के चरित्र में है। आज के इस कलियुग में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं जो कि किसी भी पराई स्त्री के बारे में नहीं सोचता हो। आपका और सीमा का मैं एक पल के लिए मान भी सकता हूं लेकिन श्लोक और रीना भाभी जो कि भाई-बहन हैं उनके इस नए रिश्ते के बारे में मुझे विश्वास नहीं हो रहा है जो कि आप मुझे बता रहे हैं।
मैं- विक्रम क्या हम एक-एक बियर पीते हुए यह बात करें?
मैंने विक्रम से कहा- क्या हम एक-एक बोतल बीयर पीते हुए इस बारे में बात करें?
मेरी बात सुनकर थोड़ी देर विक्रम नीचे चला गया और अपने हाथों में दो बीयर और थोड़ा मुंह साफ लेकर आया। हमने थोड़ी थोड़ी बियर लेकर वापस अपनी बात शुरू की।
मैं- देखो विक्रम, मुझे बड़ा भाई नहीं, अपना दोस्त समझो और मेरी बात सुनो। सामाजिक जीवन के चश्मे को उतार कर नीचे रखो और इस दुनिया को देखो। इस दुनिया में सब सम्भोग करते हैं। रिश्तेदारी को छोड़ो तो हर औरत और मर्द का रिश्ता एक ही डोर से बंधा हुआ नजर आएगा और वह डोर वासना की डोर है, सब रिश्ते इसी ग़रज से बंधे हैं। बाकी सब झूठ है. मानते हो कि नहीं?
विक्रम- जी मानता हूं।
मैं- बस … हम भी उसी डोर में बंध गए और बाकी रिश्तेदारी वाली डोर को हमने तोड़ कर पीछे छोड़ दिया क्योंकि हमारा रहन-सहन काफी मॉडर्न था। रीना-सीमा का छोटे कपड़े पहनना। हमारा और उनका एक-दूसरे के सामने चुम्बन करते हुए गुड मॉर्निंग गुड नाईट विश करना।
सीमा और रीना हालांकि अच्छी ननद-भाभी थी लेकिन महिलाओं में सेक्सी और दूसरे से सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा तो होती ही है। कुछ और भी कारण थे जिसकी वजह से हम इतने करीब आए लेकिन सब तुम्हें नहीं बता पाऊंगा। हम चारों के एक दूसरे के साथियों के साथ जिस्मानी संबंध थे। जिसे हम चारों ने भरपूर मजे के साथ बिताया।
अब यह बताओ कि वीणा कल की वारदात से कितनी नाराज है?
विक्रम- नाराजगी का तो पता नहीं लेकिन उसे समझ में नहीं आया कि कल क्या हुआ? शायद वह सदमे में हो. लेकिन उसने ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी। अभी तो मुझसे ही इस सवाल का जवाब पूछने के लिए कहा कि आखिर भैया ने ऐसा क्यों किया?
मैं- देखो प्यारे भाई विक्रम! माना कल मुझसे गलती हो गई है, इस बात को एक बार साइड में रखो और स्वयं रात भर रुक कर सोचो कि जो हम करते रहे क्या वो जीवन की सबसे आनंददायक चीज नहीं है? स्वयं को मेरी जगह रख कर सोचना कि तुम अपनी पत्नी रीना के साथ तथा सलहज सीमा के साथ भी चुदाई का आनंद ले रहे हो और सीमा और उसका पति श्लोक भी मजे से अपने चुदाई वाले जीवन का आनंद उठा रहे हैं।
उसके बाद सोचना कि हम जो कर रहे थे वह क्या गलत था? कल फिर शाम को हम दोनों यहां बैठकर उस घटना के सही गलत के बारे में बात करेंगे जो कि गलती से मुझसे बीती रात वीणा के साथ हुई। आज रात के लिए कैसे ना कैसे करके वीणा को समझा लो।
मैं उसकी नजर में ना खटकूं इसलिए मैं अभी बाहर होटल में जाकर रात बिता लेता हूं। कल ऑफिस मत आना और दिन भर सोच कर शाम को मिलते हैं।
विक्रम- ठीक है भैया, बहुत रात हो गई है। हम सुबह बात करते हैं।
मैं विक्रम को छत पर छोड़ कर होटल चला आया और वहीं पर रूम लेकर रात में रुका।
मैंने विक्रम को स्वयं की जगह पर रखकर यह सोचने के लिए कहा था कि हमारे चारों के द्वारा अपनी मर्जी से किए गए अदला-बदली के कार्यक्रम में क्या गलत है?
और मुझे पूर्ण विश्वास था कि कल शाम को विक्रम का जवाब क्या होगा। क्या हमारे द्वारा की गई अदला-बदली को वह गलत बताएगा? मुझे लगता था- बिल्कुल नहीं. इसके पीछे कारण था क्योंकि यह सब सोचने के लिए उसे यह भी सोचना पड़ेगा कि वह रीना की अपनी बीवी की तरह चुदाई कर रहा है। उसके बाद सीमा की चुदाई कर रहा है और वह भी दोनों की मर्जी से, अपने पूर्ण रूप के मजे के साथ.
अब बताइए मित्रो! जिसे चोदने के लिए तमन्ना भाटिया जैसे शरीर की रूप की मालकिन तथा सीमा के रूप में कृति सेनन जैसी हीरोइन वाले शरीर की मालकिन की संपूर्ण चुदाई करने का मौका मिल रहा हो उसे यह बुरा कैसा लग सकता है। अतः मैं विक्रम की तरफ से चिंतित नहीं था। मैं तो वीणा की तरफ से चिंतित था कि शायद वह समझेगी या नहीं, किंतु यह समझकर मैं निश्चिंत हो गया था कि जब पति समझ जाएगा तो वह अपनी बीवी को समझा ही लेगा।
एक बार की हुई गलती को शायद ही इतना तुक देकर वे अपनी नाराजगी को बरकरार रखे।
अगले शाम हम निश्चिंत हो करके होटल में ही मिले।
आते ही मैंने विक्रम के हाव-भाव देखे और मुझे लगा कि वह मुझसे नाराज नहीं है. हमने बात शुरू की।
विक्रम- वाह भैया! वाह मान गए आपको। जीवन के असली मजे तो आपने ही लिए हैं। साली ना मिली तो साले की बीवी को ही घरवाली बना लिया। हम घर वाले तो सोच रहे थे कि भैया वहां पर अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन यहां की तो कहानी ही अलग है। यहां तो रोज अय्याशी और साथ ही बदल-बदल कर चुदाई चल रही थी। साथी बदल कर चुदाई करना इतना अजीब नहीं लगा, यह तो आम बात है। लेकिन बस भाई-बहन की चुदाई का किस्सा मुझे थोड़ा दिमाग में खटका लेकिन जब जवान भाई बहन ही एक दूसरे से चुदाई चाहते हों तो क्या गलत है।
खुशनसीब हो आप कि आपको सीमा जैसी सेक्सी महिला की भरपूर चुदाई करने का मौका मिला। सच बताता हूं कि जब सीमा की शादी में मैं गया था तब मेरे दिल में भी उसे देख कर खलबली मची थी कि आपका साला श्लोक लंबी पतली कमर वाली अप्सरा की चुदाई का मजा किस प्रकार लेगा।
मैं- चलो, विक्रम तुम तो समझे। लेकिन वीणा की इस पर क्या प्रतिक्रिया है? क्या उसे भी तुमने इसी प्रकार सब कुछ सच बता दिया? वह कहीं नाराज तो नहीं? और ऐसा तो नहीं सोच रही है कि वह कहां फंस गई है।
विक्रम- सच बताऊं भैया, जब मैंने वीणा को बताया कि यह गलती आपसे सीमा श्लोक से अदला-बदली करके चुदाई करने के कारण हुई है तो वह काफी आश्चर्य चकित हुई. एक बार तो वह मानने को भी तैयार नहीं थी कि ऐसा हो सकता है। फिर मैंने बातों-बातों में उसे कल्पना कर के सोचने को कहा और खुद को सीमा की जगह रख कर सोचने को कहा तो एक बार यह बात उसे उत्तेजित कर गयी। अंत में उसने मुस्कुरा कर कहा कि राज भैया से ग़लती हो गयी है इसके लिए अब उनसे नाता तो तोड़ नहीं सकते। वे काफी अच्छे हैं इसलिए उनको माफ कर देना चाहिए।
इस कश्मकश में हम भले ही रात भर नहीं सो पाए हों लेकिन परिणाम ये ही निकला कि न वीणा आपसे नाराज है और न मैं। चलिए अब घर चलते हैं।
अतः हम दोनों ने होटल से चेक आउट किया और घर चले गए।
वीणा ने दोनों के लिये खाना रखा और हमने साथ में खाना खाया। इस दौरान वीणा की नजर झुकी रही। मैंने वीणा से बीती रात के लिए माफी मांगी। उसने मुस्कुरा कर ‘इट्स ओ.के.’ कहा। फिर हम अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए।
अगला पूरा दिन ऑफिस में साधारण रहा। शाम को विक्रम ने मुझे बात करने के लिए छत पर बुलाया। वीणा नीचे अकेली ही रसोई का काम देख रही थी।
विक्रम- राज भैया! जब से आपकी अदला-बदली की चुदाई की बात सुनी है, मेरी हालत खराब हो गयी है। कल की रात और आज का पूरा दिन … एक क्षण भी ऐसा नहीं कि ये बात मेरे दिमाग से निकली हो। उत्तेजना से लन्ड का हाल बुरा हो गया है। ऐसी उत्तेजना मैंने अपने जीवन में कभी अनुभव नहीं की।
मैं- हां विक्रम, मैं समझ सकता हूं। बीवियों की अदलाबदली, वाइफ स्वैपिंग चीज़ ही ऐसी है जो कि एक बार दिमाग मे चढ़ जाए तो फिर उतरती नहीं है।
विक्रम- बुरा न मानिएगा भैया। रीना भाभी के लिए भी मन में बड़े वासना वाले ख्याल आ रहे हैं। वो वास्तव में बड़ी ही उत्तेजित करने वाली महिला है। बिल्कुल जैसे तमन्ना भाटिया या हिंदी सीरियल की नागिन अदा खान।
मैं- हा … हा … हा … ऐसा तो रीना के लिए हर कोई कहता है कि रीना हूबहू इन दोनों के जैसी लगती है।
विक्रम- राज भैया! क्या हम दोनों भी आपकी इस अदला-बदली वाली मंडली में शामिल हो सकते हैं? अगर ये नहीं हो सकता तो लग रहा है कि जीवन अधूरा रह जाएगा मेरा।
मैं- यार इसके लिए मैंने कल बीती रात एक बार विचार किया था। लेकिन इसमें काफी समस्यायें हैं। मुझे माफ़ करना विक्रम तुम्हारे साथ ऐसा नहीं कर पाएंगे।
विक्रम- क्यों? क्या वीणा में कोई कमी है? वह भी बला की खूबसूरत है और क्या भाभी को मैं अच्छा नहीं लगूंगा?
मैं- नहीं, ऐसी बात नहीं है विक्रम! वीणा तो बहुत खूबसूरत है. जबकि तुम भी तो बिल्कुल मॉडल वरुण सोबती जैसे लगते हो। मैंने कभी वीणा को वासना की नजरों से नहीं देखा। मेरे ख्याल से शायद ही रीना ने भी तुम्हारे बारे में ऐसा सोचा हो। मगर सबसे पहले ये बताओ कि क्या तुमने इस बारे में वीणा से बात की है? उसने एक बार गलती समझ कर मुझे माफ़ किया है। कल को वही सोचेगी कि मैंने ही तुम्हें बिगाड़ दिया है और ये सब मेरी ही करामात है।
विक्रम- आप वीणा की चिंता मत कीजिये भैया। उसकी जिम्मेदारी मेरी।
मैं- नहीं विक्रम, तुम ये विचार अपने दिमाग से निकाल दो। भाई हो मेरे तुम छोटे। ये गलत होगा तुम्हारे जीवन के लिए। तुम्हें नहीं झोंक सकता इस गन्दी नाली में थोड़े दिन के मजे के लिए। रीना तो मेरी खुद की है। हम अपने जीवन के साथ अपनी मर्जी से खेले हैं। तुम परिपक्व होकर सोचो।
इतना बोलकर मैं विक्रम को अकेले छोड़कर नीचे कमरे में आकर सो गया।
अगले दिन ऑफिस में विक्रम मेरे केबिन में आया और आकर मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठकर बोला- क्या भैया … सारा बिगड़ने का ठेका क्या आपने ही लिया है? इस मजे के लिए थोड़ा अपने छोटे भाई को बिगड़ने दो ना!
मैं- देखो विक्रम! बीवी की अदला-बदली एक मझधार में फंसने जैसा है। अपनी बीवी कितनी ही अच्छी हो लेकिन फिर अपनी बीवी की चुदाई करने से मन नहीं भरता।
विक्रम- अरे तो भैया कोई और थोड़ी न है यहां कि मुझे बीच मझधार में छोड़कर चला जाएगा। आप हो ना निकालने वाले. इस मझधार का मजा दिलाने वाले। वैसे भी मझधार जब इतनी खूबसूरत हो तो कौन निकलना चाहेगा ऐसे समन्दर से?
क्या भैया! रीना भाभी को उनके खुद के भाई से चुदवा सकते हो, लेकिन अपने भाई से चुदवाने में आना-कानी कर रहे हो। उनका सेक्सी चेहरा याद करके ही मेरा लन्ड चिकनाई छोड़ने लगता है। चिंता न करो भैया, वीणा की चुदाई करोगे तो पता चलेगा कि ये कोई घाटे का सौदा नहीं है। वीणा अपनी गांड उठा-उठा कर आपका लंड लेगी। बहुत प्यासी है वो सेक्स की।
मैं- एक बार रीना से और वीणा से मुझे बात करनी होगी, फिर देखते हैं।
विक्रम- उनसे बात करने और उनकी हां कहलवाने में शायद कठिनाई हो क्योंकि आपको वो बात नहीं पता है जो मुझे पता है। लेकिन जब आप वो बात जानोगे तो आप भी सौ प्रतिशत पक्के मान जाएंगे कि ये अदला-बदली वीणा और रीना भाभी दोनों के लिए जरूरी है।
मैं- अच्छा, मेरे प्यारे छोटे भाई! ऐसा क्या पता है तुमको?
विक्रम- मेरी कहानी जो मेरे जीवन में घटित हुई। आपको आधा सच पता है, अब आप पूरा जान लो।
मैं- ठीक है चलो। अगर तुम्हारी कहानी सुनने के बाद मुझे लगा कि वीणा और रीना के लिए ये अदला-बदली वाली चुदाई जरूरी है तो कुछ भी हो जाए हम अदला-बदली करके रीना और वीणा को जरूर चोद देंगे।
विक्रम- भैया जैसा कि आपको पता है कि बारहवीं कक्षा पूरी करने के बाद मैं आगे की पढ़ाई करने के लिए बेंगलूरू गया था। प्रथम वर्ष तो जैसे तैसे पूरा हो गया। कॉलेज के द्वितीय वर्ष में मेरी मित्रता कॉलेज की सबसे प्रसिद्ध सुन्दरियों में से एक, उस लड़की से हुई जिसका नाम रीनल था। वह फाइनल वर्ष की छात्रा थी। गोरी चिट्टी और आकर्षक देह वाली थी। पूरे कॉलेज के लड़के उसका नाम ले कर मुट्ठ मारते थे। उस कच्ची उम्र में उसके 34 के स्तन, 26 की पतली कमर और 34 की गांड पूरे कॉलेज पर कयामत बरसाया करती थी।
चूंकि मैं दिखने में ठीक था और पिताजी के पैसों का थोड़ा फायदा मिल रहा था जिसकी वजह से कॉलेज की लड़कियों में मेरा भी बोल-बाला हो गया था। किसी तरह में रीनल से बात करने में कामयाब रहा और रीनल ने भी मुझे अच्छा रिस्पॉन्स दिया. उसका परिणाम ये हुआ कि 3-4 महीनों की मेहनत में रीनल ने मेरा ‘आई लव यू’ का इज़हार स्वीकार कर लिया।
रीनल काफी मॉडर्न और समझदार युवती थी। उसके मेरे साथ होने से कॉलेज में मेरी एक अलग ही पहचान बन गई थी। कुछ सीनियर लड़कों ने इस मामले में मुझे पीटना चाहा लेकिन आपने ही बैंगलोर आकर उन सबको सबक सिखाया था।
मैं- अच्छा लेकिन तुमने तो कहा था कि वो लड़के तुम्हारी रैंगिंग के लिए तुम्हें परेशान करते हैं। इसलिए मैंने बैंगलोर आकर उनकी पिटाई करवाई थी।
विक्रम- नहीं भैया, असली कारण तो यही था। पर आपको तब कैसे बताता कि लड़की का चक्कर है!
अब आगे की कहानी सुनो।
हमारे, मतलब रीनल और मेरे रिश्ते को लगभग आधा साल हुआ था। हमने इस दौरान पार्क में, कॉलेज में मौका देखकर खूब चुम्मा चाटी की। फिर एक बार की बात है जब मेरा जन्मदिन आया। मैंने कॉलेज से बाहर आकर होटल में एक शानदार कमरा बुक किया और वहीं जन्मदिन मनाने के बहाने रीनल को बुलाया। आज मैं जन्मदिन के तोहफे के बहाने कॉलेज की सबसे सुंदर परी को चोद-चोद कर लाल करना चाहता था। अतः मेरे प्यार की खातिर रीनल आयी। उसने नीली जीन्स और सफेद टी-शर्ट पहनी थी।
भूरे और सुनहरे रंग किए हुए बाल थे उसके जो कि अच्छे खासे संयम वाले आदमी का भी लंड खड़ा कर दें।
टाईट जीन्स में उसकी गांड का आकार और सफेद टी-शर्ट में उसके उभरे हुए सन्तरे लंड में झनझनाहट पैदा करने लगे थे।
उसने मुझे किस करके जन्मदिन की शुभकामना दी. उसके बाद हमने केक काटा। उसने मुझे केक खिलाया पर मैंने मना किया और पहले उसे खाने को कहा। मैं अपने हाथ में लेकर उसे केक खिलाने लगा। लेकिन चालाकी से मैंने उस केक को उसके पूरे चेहरे पर रंग दिया और कहा कि अब मुझे तुम्हारे गालों से केक खाना है। रीनल नीचे चेहरा करके मुस्कुराने लगी और इसी मुस्कुराहट को उसकी हां समझ कर उसके गालों से अपनी जीभ लगाकर मैं केक को खाने लगा।
फिर इसी तरह से मैंने उसके पूरे चेहरे को साफ किया। फिर उसने भी अपने हाथों में केक लेकर मेरे गालों पर लगाया और मेरे चेहरे को अपने प्यारे से होंठों से साफ करने लगी।
हमने एक दूसरे के होंठों को अपने अपने होंठों में दबाकर उन्हें चूसना चाटना शुरू कर दिया। फिर मैंने अपनी जीभ को रीनल की गर्दन पर घुमाना शुरू किया। रीनल मेरी इस हरकत से सिहर उठी। उसने भी मेरे चेहरे पर चुम्बन की बरसात कर दी।
मैंने अपने हाथ को उसके स्तनों पर ले जाकर टी-शर्ट के ऊपर से दबाना शुरू किया। इस पर रीनल का गोरा चेहरा पूरा लाल हो गया। मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी। रीनल ने अपना चेहरा शर्म से झुका लिया। लेकिन अब जो नजारा मेरी आँखों के सामने था उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता क्योंकि यह नजारा कुछ शीघ्रपतन वाले मर्दों के पानी की पिचकारी, बिना लंड पर हाथ लगाए ही छुड़वाने के लिए काफी था।
काले रंग की ब्रा में सफेद और गुलाबी रंग की मिश्रित चमड़ी वाली हसीना जिसकी कमर पर उसकी अति उत्तेजक नाभि थी। ब्रा के इलास्टिक ने उसके सफेद गोरे जिस्म पर जो गुलाबी रेखा बनाई थी उसने मेरे शरीर की नस-नस के खून के एक-एक कतरे को एक नई सरसराहट से सिरमौर कर दिया था। मैंने आव देखा न ताव, ब्रा सहित रीनल के स्तनों को मुंह में दबा लिया। रीनल भी अपने स्तन मेरे मुंह में जोर से दबाने लगी.
थोड़े समय बाद उससे रहा नहीं गया. उसने स्वयं ही अपनी ब्रा से अपने दोनों कबूतरों को आजाद कर दिया। रीनल के स्तनों के ऊपर के चूचुक गुलाबी रंग के थे। मैं उसके एक चूचुक को अपने हाथ में तथा दूसरे चूचुक को अपने मुंह में लेकर अपनी भड़ास उसके स्तनों पर निकालने लगा।
रीनल उत्तेजना में पागल होकर अपने पूरे शरीर को मेरे मुंह के अंदर दबाने की कोशिश करने लगी थी। मैंने रीनल के स्तनों के साथ उसके पेट और कमर को भी काफी चूमा और चाटा। जब मुझे लगा कि अब काफी समय तक फोरप्ले हो गया है और रीनल भी काफी उत्तेजित हो गई है, मैंने अपना हाथ उसके जींस के बटन पर लगाया तथा उसे खोलने का प्रयत्न करने लगा, लेकिन रीनल ने मेरे हाथ को उसके जींस के बटन से हटा दिया।
मैं फिर अपना हाथ रीनल के जींस के बटन पर ले कर गया किंतु रीनल ने मेरा हाथ फिर हटा दिया। मैंने रीनल से कहा- माय डार्लिंग रीनल, आई वांट टू फक यू. प्लीज़ कोऑपरेट मी। (प्रिय मैं तुम्हारी चुदाई करना चाहता हूँ, कृपया मेरा साथ दो)।
इस पर रीनल ने जवाब दिया- डार्लिंग, वी ऑलरेडी क्रॉस्ड आवर लिमिट (प्रिय हम पहले ही हमारी सीमा पर कर चुके हैं) अब इससे ज्यादा मैं साथ नहीं दे पाऊंगी।
विक्रम- प्लीज रीनल, मैं इतना करके अधूरा नहीं रह सकता. मुझे तुम्हारी चुदाई करनी है।
रीनल- ओह मेरे विक्रम। मेरी कुछ सीमाएं हैं जो मैंने तय की हैं। मैं शादी से पहले ये नहीं कर सकती। मैं तुमसे प्यार करती हूं और शादी करने के लिए तैयार हूं। उसके बाद मैं पूरी तुम्हारी हो जाऊंगी जान।
उस वक्त मेरे सिर पर हवस का शेर सवार था। कोई रीनल के साथ इतना बढ़कर पीछे नहीं हट सकता था क्योंकि रीनल चीज ही ऐसी थी। अतः पता नहीं क्यों मुझे रीनल पर गुस्सा आ गया और मैंने उसे गुस्से में भला-बुरा कह दिया।
मैंने रीनल से कहा- अगर मेरे जन्मदिन के दिन तुम एक अच्छी गर्लफ्रेंड बन कर मेरे मन की इच्छा पूरी नहीं कर सकती तो तुम क्या एक अच्छी बीवी बन पाओगी? इस पर मुझे शक है। धन्यवाद जो तुमने मुझे इतना सब करने का मौका दिया. न जाने कितनों के साथ ऐसी टेस्ट ड्राइव करके मुझे शादी का ज्ञान दे रही हो।
मैंने यह बात गुस्से-गुस्से में गलत कह दी थी जिसका मुझे उसी क्षण अहसास हो गया था किंतु अपने घमंड वाले रवैये के कारण मैं उसे मना नहीं सका और उससे माफी नहीं मांग सका। रीनल की आंखों में आंसू थे और वह रोते-रोते अपने कपड़े पहनने लगी और मुझसे सॉरी बोल कर चली गई।
जब मेरे सिर से हवस का भूत उतरा तब मुझे अहसास हुआ की रीनल वास्तव में कितनी अच्छी लड़की है. ऐसी लड़की पत्नी के रूप में किसी भाग्य वाले को ही मिलेगी जो कि इतनी आगे बढ़ कर भी अपने यौवन को भंग होने से बचा ले।
उसके बाद मैंने रीनल से माफी मांगने की काफी कोशिशें कीं किंतु रीनल ने मुझे कभी भाव नहीं दिया. वह मुझसे बुरी तरह से नाराज हो गई थी। अब मुझे रीनल से सच्चा प्यार होने लगा था। लेकिन उसने कभी मेरी एक बात नहीं मानी. मैंने उसे चिढ़ाने के लिए कॉलेज के काफी लड़कियां पटाईं। लेकिन रीनल का दिल कभी नहीं पिघला।
मैंने गुस्से में कई लड़कियों से संबंध बनाए लेकिन उसकी कमी को पूरी नहीं कर पाया और एक दिन ऐसा आया जब फाइनल वर्ष पूरा होने पर रीनल चली गयी।
फिर क्या था, मैंने उस से अपना मन हटाया और पढ़ाई में लगाया।
फिर राजवीर भैया ! मेरे फाइनल वर्ष में आपकी शादी तय हुई और छुट्टी लेकर मैं अपने घर आपकी शादी में आया।
जब स्टेज पर आपकी दुल्हन देखी तो मेरे होश उड़ गए। मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि आपके साथ बैठी आपकी दुल्हन और कोई नहीं बल्कि मेरी प्रेमिका रह चुकी रीनल ही है।
मैं आश्चर्यचकित होते हुए- क्या? क्या कह रहे हो विक्रम?
विक्रम- हां भैया हां। किस्मत का ये अजीब खेल था। जब शादी में आने से पहले मेरी माँ से बात हुई थी तो उन्होंने बताया था कि आपकी सगाई किसी रीना से हुई है। तब मेरे दिमाग में ये बात नहीं आई थी। फिर मैंने लड़की वालों से पूछताछ की तो पता चला कि भाभी का नाम कॉलेज और स्कूल में रीनल है। किंतु घर में उनको सब रीना ही बुलाते हैं।
राजवीर- जब तुमने ये कहानी शुरू की थी तब मैंने भी यही सोचा भी कि ये कोई और रीनल होगी। अच्छा फिर क्या हुआ?
विक्रम- रीनल यानी रीना ने भी मुझे शादी में ही देखा। वह भी मेरी तरह ही आश्चर्यचकित थी कि मैं इस घर में कैसे? उन्हें भी नहीं पता था कि मैं आपका भाई हूं। एक पल तो वह काफी डर गई थी।
फिर एक दिन हमारी अकेले में बात हुई. उन्होंने मुझे बताया कि अगर उन्हें पता होता कि मैं इस घर में रहता हूं तो मैं तुम्हारे भैया से शादी कभी नहीं करती।
इस पर मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि मेरी वजह से उनके वैवाहिक जीवन पर कभी कोई आपत्ति नहीं आएगी। भाभी ने मुझे बताया कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती थी लेकिन तुमने मेरा विश्वास तोड़ दिया, इस वजह से मैं तुमसे दूर हो गई. लेकिन अब मैं केवल राज से प्यार करती हूं और मेरे मन में तुम्हारे प्रति कोई गलत विचार नहीं है।
इस पर मैंने भाभी को बोला कि आप जैसी ईमानदार लड़की को भाभी के रूप में पाकर मुझे खुशी हुई। जितना हमारे बीच होटल के कमरे में हुआ था कोई उसके बाद भी संभल जाए ये बड़ी बात है।
आज के बाद हम भाभी-देवर की तरह ही रहेंगे और बाकी हमारे बीच पुराना जो भी था उसे भूल जाएंगे. हमने अपने वादे को ईमानदारी से निभाया भैया!
हमारे बीच में फिर कोई गलत बात नहीं हुई।
मेरे यानि राजवीर के शब्दों में-
तो मेरे प्यारे याराना के पाठको, अभी विक्रम की कहानी पूरी नहीं हुई है। उसमें काफी कुछ ऐसा बाकी है जो आपको उत्तेजना के चरम पर ले जाएगा।
दोस्तो, याराना का पहला भाग तो आपने पढ़ा ही होगा जिसमें कि रीना ने स्वीकार किया था कि उसका पहले कोई बॉयफ्रेंड था जिसके साथ उसने चुदाई तो नहीं की थी किन्तु चूमना-चाटना और स्तनपान करवाने जैसे फॉरप्ले को अंजाम दिया था। जब विक्रम ने मुझे उसके कॉलेज की रीनल यानि मेरी बीवी रीना और उसके संबंध की कहानी सुनी तो मुझे विश्वास हो गया था कि विक्रम सच बोल रहा है। जब रीना ने खुद मुझे उस वक्त यह बात बताई थी तो मुझे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में कुछ नहीं पता था. मगर आज पता चल गया कि वो बॉयफ्रेंड मेरा भाई ही था।
विक्रम- तो क्या मेरी अभी तक की कहानी ने आपको हैरान किया भाई?
राजवीर- हां विक्रम, मैं सचमुच हैरान हूं। एक स्त्री अपने मन में कितना कुछ दबाए हुए रह सकती है। मुझे तो लगता था मैं रीना को अच्छी तरह जानता हूं।
विक्रम- आगे आपके लिए और भी सरप्राइज़ है मगर मैं चाहता हूं आगे की कहानी आपको मैं अकेला नहीं अपितु वीणा और मैं साथ में सुनाएं क्योंकि वह कहानी वीणा और मेरे जीवन की सम्मिलित कथा है।
हम दोनों भाइयों ने अपने लैपटॉप बैग समेटे और घर की तरफ चल दिए। खाना खाने के बाद हम तीनों यानि कि मैं, विक्रम और वीणा फ्लैट की बैठक में बैठ गए।
विक्रम- मेरी प्यारी वीणा, अब जैसा कि तुम्हें पता ही है कि यहाँ भैया-भाभी का जीवन कैसे भोग विलास से भरा हुआ है. इन्होंने अपनी बीवियां बदल-बदल कर महीनों तक चुदाई की है, हो सकता है हम भी कल को इस मण्डली में शामिल हो कर जीवन का मजा लें जैसा कि तुम भी चाहती हो. तो आज ही उसकी शुरूआत करते हैं। बिना किसी लाज-शर्म के वो कहानी भैया को सुनाओ जिससे कि राज भैया अनजान हैं।
मेरी प्यारी वीणा इस कहानी में कृपया लिंग शब्द के स्थान पर ‘वो’ या योनि के स्थान पर ‘भाभी की वो’ कहकर कहानी का मजा किरकिरा नहीं करना। लंड चूत जैसे शब्दों का इस्तेमाल वैसे ही करना जैसे उनकी जरूरत हो।
मेरी इस बात पर वीणा थोड़ी मुस्कराई और कहानी बताने लगी:
राज भैया, जैसा कि आपको पता है कि माँ की मौत के बाद मैं आपके ही घर पर रही। वैसे तो घर में सब अच्छे हैं और सबने मेरा बहुत ख्याल रखा। लेकिन मुझे सबसे प्यारे आप लगते थे। आप ने मुझे बहुत प्यार दिया। इनमें बहुत छोटी-छोटी बातें शामिल थी। जैसे कि मेरे लिए टॉफी लाना। पैसे दे देना। मेरे पसंदीदा कपड़े लाना। आप मेरे टीवी सीरियल के लिए अपने क्रिकेट मैच तक को छोड़ देते थे।
हमारे बीच की उम्र में 7 साल का अंतर था। फिर मेरे कॉलेज में जाने की बारी आई। उम्र के इस पड़ाव पर मैं यौन सम्बन्धों के बारे में समझने और जानने लगी थी। बायोलॉजी विषय होने के कारण सहेलियों में कभी कभी अश्लील मजाक भी हो जाया करती थी। राज भैया से मुझे काफी लगाव था लेकिन मैंने कभी राजवीर भैया के बारे में ग़लत नहीं सोचा था।
फिर राज भैया की शादी रीना भाभी से हुई। सब बहुत अच्छे से चल रहा था। फिर राज भैया की शादी के साल भर बाद विक्रम बैंगलोर से अपनी पढ़ाई पूरी करके घर आए. चूंकि मैं विक्रम भैया के कमरे में रहती थी इसलिए मुझे विक्रम के आने के बाद दूसरा कमरा मिला जो कि राज भैया के कमरे से सटा हुआ था।
देर रात में जब मैं पढ़ाई करके लाइट बन्द करके सोई तो थोड़ी देर बाद तक मुझे नींद नहीं आई थी। तभी अचानक से मुझे किसी की सिसकारियां और आह-आह की आवाज़ आई। ध्यान दिया तो मालूम हुआ कि ये रीना भाभी की आवाज़ है जो कि आपके कमरे के रोशनदान से आ रही थी। यह रोशनदान मेरे कमरे के ऊपर की बुखारी में खुलता था। इतना तो मैं समझ गयी थी कि ये सेक्स में मजे के कारण आयी हुई सिसकारियां हैं। भाभी की आवाज़ काफी देर तक आती रही जो कि मेरे हृदय की धड़कनों को बढ़ाये जा रही थी। जब आवाज़ आना बन्द हुई तो जैसे-तैसे मुझे नींद आयी।
लेकिन पहली बार ऐसी आवाज़ सुनने के बाद ये बात मेरे दिमाग से नहीं निकल रही थी। मैं क्या करती, मेरी भी तो चढ़ती जवानी थी। मैं उस वक्त 19 साल की थी। दिन भर मेरे दिमाग में वो आवाज चलती रही सो मैंने फैसला किया कि आज मैं आप दोनों को चुदाई करते हुए देखूंगी। मैंने दिन में ही कमरे के रोशनदान वाली बुखारी से सामान इधर उधर इस तरह व्यवस्थित किया कि रात में बिना शोर करे मैं रोशनदान से आपके कमरे में आपकी चुदाई देख सकूं।
जैसे तैसे रात के 12 बजे और रीना भाभी की सिसकारियां सुनाई देने लगीं और मैं टेबल पर स्टूल लगाकर अपने कमरे की लाइट बन्द कर आपको देखने लगी। मेरे कमरे की लाइट बन्द होने के कारण आप दोनों मुझे नहीं देख सकते थे किंतु मैं आपके क्रियाकलाप कम रोशनी वाली लाइट में आसानी से देख सकती थी। मेरी आंखों के सामने आप का पलंग था। जैसे ही मेरी नजर आपके कमरे के पलंग पर पड़ी मेरा कलेजा जोर-जोर से धड़कने लगा. सांसें तेज हो गईं।
मैंने देखा कि रीना भाभी और आप पूर्ण रूप से नग्न होकर एक दूसरे के साथ 69 की पोजीशन में एक दूसरे के गुप्तांगों को बड़ी शिद्दत से चूस चाट रहे हैं। आप दोनों ही अपने आप में इस तरह खोए थे कि आपको दुनिया की कोई खबर नहीं थी। यह पहला क्षण था जब मैंने किसी भी जोड़े को सेक्स करते हुए देखा था। उसके बाद जब रीना भाभी ने आप की तरफ अपनी टांगें चौड़ी कीं और आप सीधे हुए तब मैंने आपका लंड देखा।
वाह ! क्या नजारा था आपके लंड का. वह दृश्य ऐसा लग रहा था जैसे मेरे गले में अटक गया हो। रीना भाभी ने आपके लंड को अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी और उसके थोड़ी देर बाद आपने रीना भाभी की चूत में अपना लंड पेल कर उनकी चूत में जोरदार धक्के देना शुरू कर दिए। रीना भाभी के बड़े स्तन आपके लंड के झटकों से ऊपर नीचे हो रहे थे। करीब 15-20 मिनट की जोरदार घमासान चुदाई के बाद आप दोनों निढाल होकर एक दूसरे से चिपक कर सो गए।
आप दोनों तो सो गए लेकिन आपके इस दृश्य ने मेरी चूत में एक अजीब सी आग लगा दी थी। मैंने खड़े-खड़े कब अपनी उंगलियां अपनी चूत में डाल दीं थी मुझे पता ही नहीं चला और इस तरह मैंने अपनी चूत की आग को अपनी उंगलियों से शांत किया. यह मेरा पहला हस्तमैथुन था। उस दिन के बाद मुझे आपको देखने का नजरिया बदल गया. आप में मुझे बस केवल वासना नजर आती थी राज भैया।
रीना भाभी खुशनसीब थी कि उसे आप जैसा पति मिला। मैं हर रोज आप दोनों के चुदाई घमासान को देखती और अपने आप को उंगलियों से शांत करती।
फिर एक दिन पिताजी द्वारा घर का जरूरी सामान उस बुखारी में रख दिया गया और मेरा आप लोगों को देखने का जरिया बंद हो गया। लेकिन तब तक मेरे सीने में एक आग जल गई थी जिसने दिन रात मुझे वासना में डुबा दिया था।
आप लोगों को तो देख नहीं सकती थी तो फिर मैंने अपनी एक सहेली से अपनी वासना मिटाने का एक जरिया सीखा। मैंने फेसबुक पर नकली नाम से एक खाता बनाया और उस खाते से मैंने अपने कई पुरुष मित्र बनाए और उनसे गंदी-गंदी चैट करने लगी। मेरे कहने पर लड़के अपने नग्न चित्र और वीडियो मुझे मैसेज में भेज देते थे। जिससे कि मैं अपनी पूर्ण उत्तेजना में होकर खुद को उंगली से शांत कर लिया करती थी।
विक्रम- फिर एक दिन मुझे इंटरनेट पर कुछ देखना था। मेरे फोन में रिचार्ज नहीं होने पर मैंने वीणा से उसका फोन लिया। वीणा अपने फोन से हिस्ट्री मिटाना भूल गई थी और उसने अपनी फेसबुक आईडी भी लॉगआउट नहीं की थी क्योंकि वैसे भी उसका फोन कोई नहीं छेड़ता था। जब मेरी नजर उसके नकली नाम वाली आईडी पर पड़ी तो मैंने उसके इनबॉक्स को चेक किया और जो देखा वह देखकर दंग रह गया। हमारी वीणा एक नकली नाम से प्रोफाइल बनाकर लड़कों से इस प्रकार की चैट करती है।
एक पल तो मुझे उस पर गुस्सा आया और मन किया कि उससे जाकर लडूं। फिर शांति से सोचा कि क्यों न इसके बिगड़ने का फायदा मैं ही उठा लूं। कॉलेज में तो काफी लड़कियां पटाई थीं लेकिन यहां गांव में आकर मेरा सेक्स जीवन सूखा था। मेरे मन में वीणा के प्रति वासना घर कर गई और उसे देखने का नजरिया बदल गया। मैंने भी फेसबुक पर एक नकली नाम से एक प्रोफाइल बनाई तथा वीणा को रिक्वेस्ट भेज कर खुद ही उसे स्वीकार कर लिया था. मैं उसकी मित्र सूचि में सम्मिलित हो गया और जैसा कि वीणा की मित्र लिस्ट में काफी सारे लोग थे तो मुझे विश्वास था कि उसे यह भी याद नहीं रहेगा कि ये मेरा मित्र कब बना। मैंने वीणा को उसका फोन लौटा दिया।
अगले दिन वीणा जब ऑनलाइन आई तो मैंने उसे मैसेज किया। फिर उसका मुझे जवाब आया. हमने थोड़ी देर इधर-उधर की बातें कीं और उसके बाद हम सेक्स चैट में लिप्त हो गए। मैंने अपनी सेक्सी चैट से उसे पूर्ण रूप से उत्तेजित कर दिया था और उसे यह नहीं पता था कि मैं उसके बगल वाले कमरे से ही उसके साथ गुफ्तगू कर रहा हूं। उसने काफी उत्तेजित होकर मुझसे मेरा गुप्तांग अर्थात मेरे लंड का फोटो मांगा जो कि मैंने भेज दिया और वह इस फोटो को देखकर काफी मग्न हो गई।
हम एक दूसरे को बिना देखे एक दूसरे से सेक्सी चैट करते थे और हमारी दोस्ती दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही थी।
एक दिन जब मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने कभी किसी को चुदाई करते हुए देखा है तब उसने चैट में ही बताया कि मैंने अपने घर में भैया-भाभी को चुदाई करते हुए देखा है
मैंने उससे पूछा कि अपने भाई-भाभी के बारे में तुम ऐसा कैसे सोच सकती हो?
तब वीणा ने मुझसे चैट में कहा कि वो मेरे सगे भाई नहीं हैं। वीणा ने कहा कि जब से मैंने उन दोनों (राजवीर और रीना) को चुदाई करते देखा है मैं भाई की फैन हो गयी हूं। मन करता है कि कैसे न कैसे एक बार मुझे वो चोद दें और वैसा ही हाल कर दें जैसा कि वो भाभी का करते हैं।
वैसे तो मेरी असली पहचान से अनजान वीणा यह चैट मुझसे ही कर रही थी और उसके लिए मैं एक अजनबी था. लेकिन यह बात हो मुझे मालूम हो गयी थी कि वीणा में ऐसा बदलाव क्यों आया है। वह राजवीर भैया! यानि कि आपसे चुदाई करवाना चाहती थी. एक बार देर रात वीणा और मैं फेसबुक पर चैटिंग कर रहे थे। हम इतनी उत्तेजित बातें कर चुके थे कि उस समय हमारी उत्तेजना चरम पर थी। वीणा ने मुझसे मेरे लिंग का फोटो मांगा जो कि मैंने उसे भेज दिया। उस फोटो से वह बहुत सम्मोहित हुई. उसके बाद मैंने उससे उसके स्तनों का फोटो मांगा।
वीणा ने भी मेरी बात मान कर बिना चेहरे के मुझे अपने स्तनों का फोटो भेजा। उसके अति उत्तम आकार वाले गोरे स्तनों को देखकर मेरा हाल बुरा हो गया। उत्तेजना की आग दोनों तरफ लगी थी। तब वीणा ने मुझसे कहा कि अब मुझे चैट बन्द करनी होगी क्योंकि उसे हस्तमैथुन करना है।
तब मैंने उससे कहा कि अगर अपनी उंगलियों की जगह तुम्हें अभी कोई असली लिंग मिल जाए तो?
इस पर वीणा ने कहा कि ऐसी मेरी किस्मत कहां। अगर मिल जाए तो क्या बात हो, मैं उस लिंग को खुद में निचोड़ लूंगी। मगर ऐसा नहीं हो सकता यार, हस्तमैथुन ही करना होगा।
इस पर मैंने कहा- अच्छा चलो, जब दरवाज़ा बजे तो चुपचाप उसे खोल देना। जो भी हो उसे अंदर आने देना ताकि कोई और न जग जाए। जो बात करनी है अंदर ही करना। वीणा का चैट में जवाब आया कि क्यों मज़ाक़ करते हो यार?
इतने में मैं अपने कमरे से निकल कर वीणा के कमरे की तरफ गया. रात के करीब डेढ़ बजे थे। इसीलिए सब सो चुके थे। जैसे ही मैंने गेट बजाया, वीणा ने दरवाजा खोला। मैंने बिना कोई बात किए उसे कमरे के अंदर धकेल कर कमरे का दरवाजा लगा लिया और वीणा से कहा- लो वीणा, आ गया असली लंड लेकर … कर लो अपने मन की।
वीणा- ओह माय गॉड … ये कैसे सम्भव है। मैं विक्रम तुमसे ये सब बातें कर रही थी? और तुम्हें कैसे पता चला कि वो मैं ही हूं।
विक्रम- वीणा, अब मौका मिला है तो क्या ये बातें करने में समय निकाल दोगी। राजवीर भैया का तो तुम्हें शायद ही मिले। आज मेरा ही लन्ड ले लो।
अब वीणा के लिए शर्म और नखरे करने की कोई गुंजाइश तो रह नहीं गयी थी। हमने करीब 1 महीने तक सेक्स संबंधी क्या क्या बातें की थी यह हम ही जानते हैं। हम दोनों ने तो एक-दूसरे से अपनी सेक्स संबंधी कल्पना भी जाहिर की थी कि कैसे मैं अपने साथी के स्तन और चूत को चूसूंगा और चुदाई करूंगा। वीणा ने भी ऐसी कई बातें की थीं कि वह कैसे अपने साथी के लन्ड को चाट-चाट कर मजे देगी।
अतः हमने आव देखा न ताव एक दूसरे को कसकर चूमने चाटने लगे। जब चुम्बनों कि बरसात खत्म हुई तो हमने एक दूसरे के सारे वस्त्र उतारने में जरा भी समय बर्बाद नहीं किया। उस वक्त मैंने अपने सामने वीणा को खड़ा किया और उसे अच्छे से ऊपर से नीचे तक निहारा। उस समय वीणा के 32 के स्तन और 26 की कमर और गांड का आकार भी 32 का ही था। गोरे रंग के जिस्म पर ये छरहरी काया। क्या खुशबू थी वीणा के जिस्म की।
वीणा और विक्रम राजवीर को यानि मुझे उस वक़्त की कहानी सुना रहे हैं.
वीणा- मैंने भी जब विक्रम का लंड देखा तो इसकी कायल हो गई। फ़ोटो में इसका वो आकार नजर नहीं आया था जो वास्तव में था। ये फोटो से ज्यादा आकर्षक था। करीब साढ़े 7 इंच का लन्ड खड़ा-खड़ा मेरी चूत के लिए चिकना पानी छोड़ रहा था। मुझे तो विक्रम के साथ वो सब करना था जो कि मैंने इतने दिनों तक आपको रीना भाभी के साथ करते देखा था। मुझमें सेक्स की भूख भरी पड़ी थी। मेरा बदन यह सोच-सोच कर सिहर उठा था कि आज उंगलियों की जगह असली का लिंग मेरी चूत में धक्के देगा।
मैंने विक्रम से मेरी सबसे पसंदीदा चुदाई के आसन में आने को कहा। विक्रम जानता था कि मैं 69 की बात कर रही हूं। अतः मेरे बिस्तर पर हम दोनों 69 के आसन में आकर एक दूसरे के गुप्तांगों को चूसने लगे।
विक्रम- वीणा की चूत के पानी ने मेरे पूरे चेहरे को गीला कर दिया था और तभी वीणा मेरे मुंह में अपनी लाल चूत को दबाती रही। उसने मेरा लन्ड अपने मुंह में पूरा अंदर ले लिया और बड़ी बेदर्दी से चूस चूस के ऊपर नीचे करती रही।
मैंने वीणा के स्तनों को चूसने की इच्छा जताई तो वीणा ने सीधे होकर अपना एक स्तन मेरे मुंह में दे दिया और अपने हाथ से मेरे सिर को उसके स्तनों में दबाने लगी। मैंने उसके दूसरे स्तन को हाथ में लेकर अपने हाथों से मसलना शुरू किया। करीब 20 मिनट के इस फोरप्ले के बाद वीणा ने अपनी गीली चूत मेरे सामने करके अपनी टांगें चौड़ी कर दीं।
मैंने उसके ऊपर आते हुए अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया जो कि एक बार में गुप्प से अंदर चला गया क्योंकि उत्तेजना में चिकनाई ही इतनी थी। मैंने अपनी पूरी जान लगाकर वीणा की चूत में धक्के दिए जिसे वीणा बड़ी ही शिद्दत से ग्रहण कर रही थी। कोई नहीं कह सकता था कि यह वीणा की पहली चुदाई है।
लेकिन राजवीर और रीना भाभी की चुदाई देख देख कर वीणा इतनी परिपक्व हो गयी थी। वीणा स्वयं अपने आपको मेरे लन्ड में रगड़ दिलवा रही थी. उसकी इस अदा ने मुझे उसका दीवाना बना दिया था। करीब 20 मिनट की घमासान चूत चुदाई के बाद हम दोनों साथ में स्खलित हुए और एक दूसरे से कसकर लिपट गए।
10 मिनट बाद वीणा ने फिर से मेरा लिंग चूसना शुरू किया और खड़ा करके फिर से उस पर बैठ गयी और अपनी चूत में मेरा लन्ड ले कर अपनी गांड को ऊपर नीचे करके लेने लगी। उसके उचकते हुए स्तनों को मैंने अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू किया। जब वह गांड हिलाते हिलाते थक गई तो मैंने उसे पेट के बल लेटाकर उसके ऊपर आकर उसकी गदराई गांड के नीचे चूत में लन्ड ठेल कर पीछे से उसकी चूत चुदाई शुरु की और फिर से दोनों झड़ गए।
अब हम दोनों का हाल बुरा था। करीब 3 बजने वाले थे इसलिए कपड़े पहन कर मैं अपने कमरे में आ गया।
इस तरह की चुदाई का मजा मैंने अपने जीवन में कभी नहीं लिया था। कॉलेज के समय में चुदाइयाँ तो बहुत की थीं मगर वीणा ने जिस तरह से अपनी चूत चुदवाई मैं उसका कायल हो गया था.
वीणा- और मेरी तो यह पहली चुदाई थी। मैं तो उस खुमारी से दिन-रात बाहर निकल ही नहीं पा रही थी।
विक्रम- फिर ये हमारे लिए लगभग रोज की बात हो गई। सबके सोने के बाद हमारा ये चुदाई घमासान रोज होता।
वीणा- हम दोनों एक दूसरे से इतने खुश थे कि हमने एक दूसरे से शादी का मन भी बना लिया।
विक्रम- और इस से पहले कि पिताजी वीणा के लिए लड़का देखना शुरू करते उससे पहले ही मैंने मां के द्वारा उनके कान में यह बात डाल दी कि मैं वीणा से शादी करना चाहता हूं क्योंकि वीणा पिताजी के दोस्त की बेटी थी और आज के इस युग में अच्छा लड़का ढूंढना मुश्किल था जो कि किसी लड़की को दुख ना दे, अतः पिताजी को यह प्रस्ताव अच्छा लगा और हम दोनों की शादी पिताजी ने करवा दी।
राजवीर- वाह … अब पता लगा कि तुम दोनों की प्रेम कहानी के पीछे इतनी बड़ी कहानी है। मुझे तो लगा तुम दोनों में आंखों ही आंखों में प्यार हुआ होगा और तुमने एक दूसरे से शादी के लिए हामी भर दी। यह सचमुच मेरे लिए हैरानी की बात है। मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरे आस-पास इतना सब कुछ घटित हो रहा है और मैं इन सब खबरों से बेखबर हूं।
विक्रम- यह तो कुछ नहीं भैया, लेकिन अब जो खबर मैं आपको सुनाने जा रहा हूं वह तो आपके होश उड़ा देगी।
राजवीर- क्या कहा?? अभी भी कुछ ऐसा बाकी है जो मेरे होश उड़ाने वाला है? मेरे लिए तो यह सब ही बहुत है।
वीणा- अभी तो देखते जाइए राज भैया! हमने आपके लिए कितने सारे राज का पिटारा बंद कर रखा था. एक-एक करके खोले जा रहे हैं।
राजवीर- तो खोलिए पिटारा … मैं भी तैयार हूं सारे राज का सामना करने के लिए। आखिर मेरा नाम राजवीर है। बड़े-बड़े राज पर वीरता प्राप्त करने वाला हूं मैं।
वीणा- तो सुनिए, बीती रात जो हुआ मतलब विक्रम और आपके शराब पीने के बाद गलती से मेरे कमरे में आ जाना और मेरे साथ यौन संबंध बनाना। ऐसा कुछ हुआ ही नहीं. यह सब मेरा और विक्रम का किया हुआ नाटक था ताकि हम इस स्थिति में पहुंचे कि साथी अदला-बदली की बातें आसानी से कर सकें।
मैं वीणा की यह बात सुनकर स्तब्ध रह गया। जिस घटना के लिए मैं 2 दिन से ग्लानि महसूस कर रहा था वह कुछ घटित हुआ ही नहीं था। मैंने विक्रम से पूछा- ऐसा नाटक करने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी?
विक्रम- भैया, मुझे माफ करना। हमारी शादी के कुछ समय बाद जब रीना भाभी और आप जयपुर आ गए तब हमारे बिजनेस की भागदौड़ मुझे संभालनी पड़ी। बिजनेस के सिलसिले में मुझे हमारे पुराने दुश्मन और आपके पुराने दोस्त रणवीर से मुलाकात करनी होती थी क्योंकि आप दोनों अब दोस्त थे तो मैंने भी उनसे अच्छा व्यवहार किया और उन्होंने भी मुझसे अच्छा व्यवहार किया।
इस तरह हमारी थोड़े दिनों में अच्छी दोस्ती हो गई हम कहीं बाहर घरवालों से छुप कर शराब पार्टी करते थे। रणवीर आपको बहुत याद करता था। एक बार हम शराब के नशे में थे। रणवीर के मुंह से निकला कि राजवीर के साथ रीना भी बहुत अच्छी है। लेकिन जहां तक मेरे ज्ञान का सवाल था मुझे यही पता था कि रणवीर और रीना भाभी की कभी मुलाकात नहीं हुई है। इस पर मैंने रणवीर से पूछा कि आप रीना भाभी से कब मिले?
पहले तो रणवीर ने मुझे कुछ ना बता कर बात को टालने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर जब मैंने उन्हें दोस्ती का वास्ता दिया तो जो पता चला उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए। रणवीर ने मुझे आप दोनों के पहले वाले
सुनाई मतलब कि किस तरह आप ने घर से दूर जाकर अपनी बीवियों की अदला-बदली करके मजे लिए। रणवीर ने मुझे कसम दी कि मुझे यह बात पता है लेकिन यह बात मेरे अलावा किसी तीसरे व्यक्ति को पता नहीं चले।
रणवीर की और आप की पहली अदला-बदली की चुदाई वाली घटना को सुनकर मेरी रातों की नींद उड़ गई थी। मैं सोच में पड़ गया था कि क्या राजवीर भैया ऐसा कर सकते हैं? इस बात पर मुझे कभी विश्वास नहीं हो रहा था और इस कार्यक्रम में रीना भाभी भी शामिल हुई। सच बताऊं तो रीना भाभी है ही इतनी सेक्सी कि उनके बारे में यह बात सुनकर मेरे मन में उनके प्रति एक बार फिर से वासना ने घर कर लिया। मैं दिन-रात रीना भाभी के बारे में सोचने लगा कि मैं प्रेमी होकर भी रीना भाभी की चुदाई नहीं कर सका किंतु आपने बड़ी होशियारी से रणवीर की पत्नी को चोदने के लिए रणवीर को रीना भाभी को सौंप दिया।
सच बताऊं तो आपकी पहली अदला-बदली वाली घटना इतनी रोमांचक थी कि उसके बारे में जितना सोचो कम था। जब भी रणवीर और हम मिलते तो हम उस घटना के बारे में जरूर बात करते। एक दिन पता चला कि आपकी फोन पर रणवीर से बात हुई है। रणवीर ने मुझे बताया कि राजवीर बड़ा खुशनसीब है जो उसे शादी के बाद इतनी अच्छी अच्छी सुंदरियों की चुदाई करने का भरपूर मौका मिल रहा है। उसने मुझे बताया है कि पहले वाले अदला-बदली के याराना के बाद अब राजवीर जयपुर में अपने साले श्लोक और सीमा की अदला-बदली वाली चुदाई का आनंद ले रहे हैं।
समझ नहीं आ रहा था कि मेरे जीवन में इतने सरप्राइज़ एक के बाद एक कैसे सामने आ रहे हैं। मेरी प्रेमिका रीना जो कि एक पतिव्रता नारी थी वह अपने साथी बदल-बदल कर चुदाई करवा रही थी और बड़ी हैरानी की बात तो यह थी कि अबकी बार वह अपने भाई से ही अपनी चूत की खुजली मिटवा रही थी।
आप भी राज भैया! मान गए आपको … आपने एक भाई को बहनचोद बनवा दिया और यहां जिंदगी के मजे ले रहे थे।
तब मैंने भी ठान लिया कि अब कुछ भी हो जाए यह अदला-बदली का सुख मुझे भी अपने जीवन में ग्रहण करना है। वैसे भी वीणा तो आपके लंड की दीवानी थी ही। रीना भाभी को भी अगर पुराना प्यार मिल जाए तो बात ही क्या हो क्योंकि अब तो वह पतिव्रता नारी बिगड़ गई है तो क्यों न प्रेमी-प्रेमिका का अधूरा मिलन पूरा हो जाए।
अतः मैंने पिताजी से बात की और कहा कि यहां बिजनेस के उत्पादन के कार्य में मेरी पढ़ाई काम नहीं आ रही है अतः मुझे भी राज भैया की तरह मार्केटिंग करने के लिए जयपुर जाना है। पिताजी ने चंद पैसे लगवा कर बिजनेस को अहमदाबाद में शुरू करवाया और मैंने बड़ी चालाकी से श्लोक और सीमा को वहां भिजवाया। ताकि यहां उनकी अदला-बदली चुदाई मंडली की जगह हम दोनों ले सकें। जैसे जैसे मुझे आपके राज रणवीर से पता चलते गए यह सब वीणा को बताता गया क्योंकि हम पति-पत्नी कम और दोस्त ज्यादा थे।
मुझे जब से आपके, श्लोक और सीमा की अदला-बदली की चुदाई की बात पता चली तभी मैंने वीणा को यह सब बता दिया था।
पता है? जब हम रात की चुदाई करते हैं तो मैं वीणा को रीना और रीना मुझे राजवीर कहकर बुलाती थी और हम अपने ख्यालों में आपके साथ ही बदल कर चुदाई करते थे। इस चुदाई कार्यक्रम में हमें जो मजा आता था उसे हम बयान नहीं कर सकते। हमने कई बार ख्वाबों में आपके साथ साथी बदल कर चुदाई की है। फिर जब हम जयपुर आए तो हमें लगा कि हमारा सपना साकार होने वाला है किंतु हमने जैसा सोचा था वैसा बिलकुल नहीं हुआ। यहां आने के महीनों तक आपने ऐसी कोई बात नहीं की जिससे कि अदला-बदली संभव हो।
हमें हमारे अरमानों पर पानी फिरता नजर आने लगा। आप कभी भी वीणा को गंदी नजरों से नहीं देखते थे और रीना भाभी भी उस प्रेमी प्रेमिका वाले किस्से को भूलकर पतिव्रता होने का पूरा नाटक कर रही थी।
अतः हमने इस नाटक को अंजाम देने का फैसला किया ताकि कैसे ना कैसे करके सच्चाई बाहर आए और हम इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें. किस्मत ने हमारा साथ दिया और रीना भाभी अपने भाई श्लोक के वहां चली गई और फिर जो हुआ वह तो हम सबको पता है।
भैया आप हमसे नाराज तो नहीं हैं ना? हमने आपके साथ इतना बड़ा खेल खेला।
राजवीर- मेरे प्यारे छोटे भाई विक्रम! तुम दोनों से नाराज होकर तुम्हारे इतने बड़े अरमानों पर पानी कैसे फेर सकता हूं? दूसरों की बीवियों की चुदाई करने के लिए मैंने दूसरों के साथ कितने खेल खेले हैं, अगर मुझे और मेरी रीना को पाने के लिए कोई मेरे साथ खेल खेलता है तो मैं इसे कैसे इंकार कर सकता हूं। ओ मेरे प्यारे अदला बदली के नए साथियों, तुम्हारा इस मंडली में स्वागत है। दो याराना के बाद अब तीसरे याराना की बारी आ गई है।
वीणा- ओ भैया … आप कितने प्यारे हैं।
हम तीनों अपनी जगह से उठे और एक दूसरे को गले लगाया।
विक्रम- तो बताइए भैया! कैसे शुरू करना है। मैं तो उत्तेजना में पागल हुआ जा रहा हूं। क्या आज हम दोनों वीणा की थ्रीसम चुदाई करके इस कार्यक्रम का शुभारंभ करें?
राजवीर- वैसे यह अच्छा विचार है विक्रम, किंतु मुझे लगता है कि वीणा को पहले ही भोग लेने से अदला-बदली करके चुदाई करने का मजा नहीं आएगा। याराना का मजा तो तब ही है जब मैं इधर तुम्हारी बीवी की चुदाई करूं और तुम मेरी बीवी की। एक साथ, साथ-साथ!
विक्रम- तो भैया अब ज्यादा इंतजार नहीं होगा. जल्दी से जल्दी रीना भाभी को यहां बुलाइए।
राजवीर- लेकिन रीना को अभी हमारे इस प्लान के बारे में कुछ नहीं पता है। जब वह जानेगी तो हैरान हो जाएगी और पता नहीं क्या प्रतिक्रिया देगी। मुझे इसके बारे में कोई अंदाजा नहीं है.
अतः मेरे दिमाग में एक विचार आया है कि हमें किस प्रकार इस अदला-बदली की शुरुआत करनी है।
वीणा- वाह! आज तो मेरे सपने पूरे हो गए। मैं राजवीर भैया के उन विचारों का हिस्सा बनने जा रही हूं जो काफी मजेदार होते थे। तो बताइए कैसे बकरा बनाना है रीना भाभी को?
राजवीर- अभी काफी रात हो गई है, रीना भी सो गई होगी और हमें भी सो जाना चाहिए। सुबह जब मैं रीना से फोन पर बात करूंगा तब इस बात का अनुमान लगाना कि हम क्या करने जा रहे हैं। सच बताता हूं यह काफी मजेदार होगा।
विक्रम- ओ भैया! आपके करामाती दिमाग की नई कारस्तानी देखने के लिए मैं बहुत व्याकुल हूं।
हो जाए याराना का तीसरा अध्याय शुरू।
इतना कहकर विक्रम खुशी-खुशी, जोर-जोर से यह गीत गाने लगा-
यारा तेरी यारी को मैंने तो जहां माना, याद करेगी दुनिया तेरा मेरा याराना …
ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे, छोड़ेंगे दम मगर यह साथ ना छोड़ेंगे।
राजवीर के शब्दों में
तो मेरे प्यारे पाठको! हो जाइए तैयार उस उत्तेजना वाले क्षण के लिए जिसका आप बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
अब विक्रम, वीणा और मेरी राजदार बीवी रीना के बीच में क्या खेल खेला जायेगा उसको बताने का समय बहुत करीब आ गया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप भी मेरे खुराफाती दिमाग में चल रहे प्लान को जानने के लिए बेताब होंगे.
अगली सुबह हम नाश्ते की मेज पर तीनों मिले। तीनों के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी। इधर वीणा और विक्रम दोनों जानना चाहते थे कि अदला-बदली संपन्न करने के लिए मेरे दिमाग में क्या चल रहा है?
मैंने दोनों के सामने ही रीना को फोन लगाया और बात करने लगा। उधर रीना को पता नहीं था कि हम दोनों की बातें विक्रम और वीणा भी सुन रहे हैं. इधर मैंने अपना फोन स्पीकर पर लगा दिया, रीना ने फोन उठाया.
मैं- हैलो जान, कैसी हो?
रीना- मैं ठीक हूं, आप कैसे हो राज! यहां भेजने के बाद आप तो मुझे भूल ही गए।
मैं- ऐसा कैसे हो सकता है कि मैं तुम्हें भूल जाऊं रीना। अपने भाई श्लोक के पास तो तुम गई हो और वहां पर शायद थ्रीसम चुदाई का आनंद भी ले रही हो। मैं तो यहां अकेला हूं।
रीना- जोर से हंसते हुए- हाहाहा … तुम्हें इतनी जलन हो रही है तो तुम भी आ जाओ राज। थ्रीसम क्या हम फोरसम कर लेंगे!
मैं- हां, विचार तो यही है, लेकिन सीमा और श्लोक के साथ नहीं। कल तुम्हारा जन्मदिन है और मैंने तुम्हारे लिए यहां एक सरप्राइज़ रखा है। तुम्हें सब कुछ छोड़-छाड़ कर आज ही जयपुर आना है।
रीना- अरे यार, आज एकदम से क्या हो गया? यहां श्लोक और सीमा ने भी मेरे लिए पार्टी रखी है। वे भी मेरे जन्मदिन की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे एकदम से कैसे आ जाऊं?
मैं- ऐसे एकदम से इसलिए आ जाओ क्योंकि मैं तुम्हारा पति हूं। तुम्हारे जन्मदिन को मनाने का पहला अधिकार मेरा है। पहले मेरा मन इस तरह का कार्यक्रम करने का नहीं था, लेकिन अब मेरे दिमाग में एक विचार आया है जिससे कि मैं तुम्हारा यह जन्मदिन सबसे ज्यादा यादगार बना दूंगा, इसलिए तुम्हें आज आना ही होगा।
रीना- ऐसा क्या यादगार देने वाले हो प्रिय राज? जरा हमें भी तो बताइए।
मैं- तो सुनो, मैं तुम्हें वही देने जा रहा हूं जो हम दोनों को अपने जीवन में सबसे ज्यादा लजीज है।
रीना- और वो क्या?
मैं- पति बदल कर चुदाई।
रीना आश्चर्यचकित होते हुए- ओ गॉड और वह किसके साथ? सीमा और श्लोक तो यहां हैं, तो फिर तुम मुझे वहां क्यों बुला रहे हो?
मैं- सीमा और श्लोक के साथ तो तुम थ्रीसम चुदाई कर ही रही हो, उसमें क्या सरप्राइज़ है। मेरे पास यहाँ तुम्हारे लिए यहां एक नया जोड़ा है।
रीना- क्या? कौन सा नया जोड़ा?
मैं- सुनो मेरी बात। विक्रम और वीणा घूमने के लिए शिमला चले गए हैं। यहां मैं अकेला हूं और शाम तक तुम आ जाओ। रात में मैंने एक नए जोड़े का इंतजाम किया है जिसके साथ मिलकर हम अदला-बदली की चुदाई करके तुम्हारा जन्मदिन मनाएंगे।
रीना- अच्छा विक्रम और वीणा दोनों घूमने चले गए हैं, तो कहीं तुमने रणवीर और प्रिया को तो नहीं बुला लिया?
मैं- नहीं यार, मैंने कहा न जोड़ा नया है। जिसके साथ हमने पहले कभी चुदाई नहीं की है।
रीना- यार किसको बुला लिया आपने राज? वह भी अपने घर पर! कल को यह बात दूसरे लोगों को पता चली तो कहीं दिक्कत तो नहीं हो जाएगी? आप मुझे बताइए पहले कि वह कौन है? पता नहीं कोई अनजान जोड़ा हमारी इज्जत के लिए खतरा न बन जाए।
मैं- क्या यार जानू, तुम्हें मुझ पर इतना भी भरोसा नहीं? सारी चिंताएं अपने दिमाग से निकाल दो और केवल मजे पर ध्यान दो कि आज रात जब तुम्हारा जन्मदिन शुरू हो तब हम किसी नए जोड़े के साथ बीवियां और पति बदलकर चुदाई कर रहे होंगे। क्या तुम्हारे लिए उत्तेजना की बात नहीं है?
रीना- जी, उत्तेजना की बात तो है, चलो ठीक है. सारी चिंता मैं आपके जिम्मे छोड़कर केवल अदला-बदली की चुदाई के आनंद के बारे में सोचती हूं। आशा है आपका सरप्राइज उतना ही बेहतर होगा जितना कि मैं सोच रही हूं और थैंक्यू राज! इस तोहफे के बारे में तो मैंने नहीं सोचा था अब देखते हैं कि आपका तोहफा कितना मजेदार है!
मैं- तो ठीक है रीना। श्लोक और सीमा को इस चुदाई के बारे में अभी पता नहीं चले। उनसे बस यह कह देना कि राजवीर ने मेरे लिए कोई सरप्राइज़ रखा है इसलिए वह मुझे आज रात जयपुर में चाहते हैं। श्लोक से बोलो कि वह दोपहर की फ्लाइट पकड़ा दे. इस तरह तुम शाम को यहां पहुंच जाओगी.
रीना- ठीक है जानू जी, शाम को मिलते हैं. बाय … आई लव यू!
मैं- आई लव यू टू रीना!
जैसे ही फोन काटा विक्रम और वीणा दोनों जोर से चिल्लाकर मेरे करीब आए और मुझे गले लगा लिया और ‘शाम को क्या करना है’ इसके बारे में पूछने लगे।
मैंने वीणा से कहा- तुम घर को अच्छी तरह से सजा दो। खुशबू का माहौल बना दो। शाम 7:00 बजे तक रीना यहां आ जाएगी, अतः तुम्हें यहां से निकलना होगा। विक्रम तुम्हें रीना के आने से पहले यहां से होटल ले जाएगा, वहां तुम दोनों तैयार होकर करीब रात 11:30 बजे घर पर आ जाना।
अभी विक्रम और मैं दोनों ऑफिस जा रहे हैं. रात को 11:30 बजे आकर तुम्हें क्या करना है वह मैं विक्रम को समझा दूंगा और विक्रम तुम्हें शाम को होटल में सब समझा देगा।
नाश्ता करने के बाद मैं और विक्रम दोनों ऑफिस के लिए निकल गए और फ्लैट को सुंदर और संवारने की जिम्मेदारी वीणा पर छोड़ गए।
ऑफिस में:
विक्रम- तो भैया, आपने भाभी से झूठ क्यों बोला कि हम दोनों घूमने चले गए हैं।
मैं- अगर ऐसा नहीं कहता विक्रम, तो रीना समझ जाती कि वह दूसरा जोड़ा और कोई नहीं, तुम ही हो। उसके दिमाग में तरह-तरह के सवाल और ख्याल आते कि ऐसा कैसे संभव हो गया और क्या पता आज की रात का मजा किरकिरा हो जाता। अब उसे मुझ पर विश्वास है अतः अब वह केवल मजे पर ध्यान देगी। आज रात 11:30 बजे आकर तुम्हें क्या करना है वह मैं तुम्हें बताता हूं और तुम होटल में जाकर वीणा को सब समझा देना।
मैंने विक्रम को रात के प्लान के बारे में बताया। विक्रम करीब 6:00 बजे ऑफिस से घर की तरफ चला गया और वहां से वीणा को लेते हुए होटल चला गया। शाम 7:00 बजे एयरपोर्ट जा कर मैंने रीना को रिसीव किया और दोनों घर की तरफ गए।
रास्ते में:
रीना- ओ जानू, प्लीज बताओ ना वह दूसरा जोड़ा कौन है जो आज हमारे साथ अदला-बदली करने वाला है? कौन है वह खुशनसीब जो आज मुझे चोदेगा?
मैं- जानू अगर बता दिया तो सरप्राइज़ का मजा कैसे आएगा? पहले तुम यह बताओ कि अहमदाबाद में तुम्हारी सीमा और श्लोक के साथ थ्रीसम चुदाई का अनुभव कैसा रहा?
रीना- ओ मेरे प्यारे राज, यह एक लंबी कहानी है जिसे मैं तुम्हें बाद में सुनाऊंगी। पहले वह याराना तो पूरा कर लें जिसके बारे में सोच-सोच कर आज पूरे दिन से मेरी चूत गीली हो रही है।
इन बातों को करते हुए हम घर पहुंचे.
जैसे ही रीना ने फ्लैट का दरवाजा खोला वह बोली- वाह राज, क्या बात है! इस चुदाई मंच को तो तुमने बड़ा ही मनमोहक बना रखा है, शानदार खुशबू और क्या सफाई है, रंग बिरंगी रोशनी। बिल्कुल वैसा ही जैसा कि हमने सीमा और श्लोक के साथ सामूहिक अदला-बदली करते वक़्त सजाया था।
मैं- जी रीना जी, बातों को एक तरफ रखिए. फ्रेश हो लीजिए। सज लीजिए और चुदाई के लिए जरा संवर लीजिए। धमाकेदार जन्मदिन की शुरुआत के लिए बिल्कुल तैयार हो जाएं अब आप। तैयार हो जाइए, हम खाना वाना खाते हैं उसके बाद तुम्हें सरप्राइज देते हैं।
रीना मुस्कुराती हुई बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर में पानी गिरने के साथ उसके नहाने की आवाज आने लगी।
मैं भी दूसरे बाथरूम में आ गया और नहाते-नहाते आज जो होने वाला था उस घमासान के बारे में सोचने लगा।
मैं आपका राजवीर, आप सब मुझसे तो परिचित हैं ही। आकर्षक छवि और ठीक-ठाक सूरत वाला व्यक्ति हूं जो लड़कियो को पसंद है. उनके लिए करीब 7 इन्च का सामान्य लिंग है जो मोटाई में सामान्यतः और व्यक्तियों के लिंग से मोटा है।
रीना ‘याराना’ की पुरानी खिलाड़ी और पात्र है। इसलिये आप उससे परिचित होंगे। अदा खान के जैसे चहरे और तमन्ना भाटिया के जैसी शरीर की मालकिन है रीना। लंबाई में और कमर व पेट से बिल्कुल जैसे तमन्ना भाटिया ही है। उसके आकर्षक पेट के नीचे शानदार आकार लिए हुए फैली हुई गांड आंखों से लेकर लंड तक सुरसुरी पैदा कर देती है। बिल्कुल गोरा रंग और गुलाबी स्तन। मेरी रानी की ग़ुलाबी चूत है और उसकी चूत की दरार भी गुलाबी है। सांचे में ढली हुई काम की देवी है रीना। 34-26-34 कुछ यूं ही उसके शरीर का माप है।
विक्रम यूं तो दिखने में वरुण सोबती के जैसा लगता है. उसने भी अपने शरीर को काफी संभाला हुआ है। पतली कमर और वी शेप के सीने के कारण वह किसी मॉडल से कम नहीं लगता जैसा कि वीणा ने बताया था, उसके लिंग की लंबाई साढ़े सात इंच थी जो कि मेरे लिंग से थोड़ी ज्यादा है. इसका मतलब यह था कि रीना को आज नया स्वाद मिलने वाला है।
दोस्तो, अगर वीणा के शरीर और सुंदरता के बारे में जानना है तो आप टेलीविजन अभिनेत्री रश्मि देसाई की कल्पना कर सकते हैं। वीणा केवल शरीर से ही नहीं बल्कि अपने चेहरे से भी रश्मि की तरह लगती है। गोल भरा हुआ चेहरा, भारी स्तन, भारी गांड और पतली कमर। आज से कुछ साल पहले जब वीणा और विक्रम की शादी हुई थी तब वीणा ऐसे शरीर की मालकिन नहीं थी। लेकिन चढ़ती जवानी और विक्रम के स्तन और गांड इस्तेमाल से वीणा का वर्तमान शरीर 35-27-36 हो गया था।
ऐसी अप्सरा मेरे लंड की दीवानी थी इस बात को सोच-सोच कर मुझे घमंड होने लगा था।
इसमें कोई शक नहीं कि आज विक्रम रीना की चुदाई करके उसकी हालत खराब कर देगा क्योंकि वह रीना के लिए भरा पड़ा है। एक तो रीना गुजरे हुए समय में उसकी प्रेमिका थी तथा दूसरा कारण यह था कि उसके अलावा वह रणवीर और श्लोक से चुदी थी। यह बातें उसे उत्तेजित करने के लिए काफी थीं। वह अपनी भड़ास रीना पर निकालना चाहता था। यह बात मैं अच्छी तरह समझ सकता था।
फिर मैं भी कहां कमी रखने वाला था. रीना के जन्मदिन के मौके पर मुझे भी वीणा जैसे शरीर की मालकिन की चुदाई करने का भरपूर मौका मिल रहा था। मैंने भी मन ही मन ठान लिया था कि आज वीणा को जब उसका पसंदीदा लंड मिलेगा तब उसे चोद-चोद कर उसका बुरा हाल कर दूंगा।
बाथरूम से बाहर निकलकर रीना और मैंने खाना खाया। करीब 11:30 बज गए थे. अतः मैं अपने प्लान का शुभारंभ करते हुए रीना को हमारे शयनकक्ष में लेकर गया। रीना ने बहुत उत्तेजित करने वाली नाइटी पहन रखी थी जिसे कि मैंने उतरवा दिया और कहा- मेरे पास इससे भी ज्यादा कुछ नया है।
रीना को पता नहीं था कि मैं क्या करने वाला हूं।
मैंने उससे उसकी नाइटी खोलने की गुजारिश की. इस पर रीना ने मुझसे इंकार किया कि अदला-बदली वाले जोड़े को मैं पहले देखना चाहूंगी और इस तरह सीधे ही ब्रा और पेंटी में उन्हें नजर नहीं आना चाहती।
इस पर मैंने रीना से कहा- प्लीज मेरी जान, मेरी बात मानो. मैं जो करने जा रहा हूं वह बहुत ही उत्तेजित, उत्साहित करने वाला और रोमांच से भरपूर है। अतः अपने कपड़े उतार कर पूर्ण रूप से नंगी हो जाओ।
इस पर रीना ने मुझे कहा- प्लीज यार राज, पूर्ण रूप से नंगी नहीं। ब्रा और पेंटी में ठीक रहेगा.
लेकिन मेरे दिमाग में करामाती विचार थे। अतः मैंने ब्रा और पेंटी के लिए हामी भर दी। मैंने रीना को बेड पर लेटने के लिए कहा इस पर रीना ने अपनी नाइटी उतारी और लाल रंग की खूबसूरत ब्रा और पेंटी में पलंग पर सीधी पीठ के बल लेट गई और इंतजार करने लगी कि मैं क्या करने वाला हूं।
मैंने अपने लैपटॉप बैग से रबड़ वाली वह रस्सियां निकाली जो कि आज मैंने इस मौके के लिए खरीदी थीं।
जैसे ही रीना ने यह देखा तो वह समझ गई कि मैं उसे बांधने वाला हूं।
इस पर वह उठ बैठी और बोली- नहीं नहीं … जब तक मैं दूसरे जोड़े को देख ना लूं, मैं तुम्हारे जाल में बंधने वाली नहीं हूं।
मैंने रीना से कहा- यार जान … तुम बार-बार यह सवाल करके जन्मदिन का पूरा मजा खराब करने वाली हो। देखो 12:00 बजने वाले हैं और तुम्हारा जन्मदिन शुरू होने वाला है और मैं चाहता हूं कि तुम्हें तुम्हारा जन्मदिन शुरू होने का पता कुछ नए अंदाज में चले। जब आज 12:00 बजें और तुम्हारा जन्मदिन शुरू हो तो यह सबसे नई और खास बात से शुरू होना चाहिए जैसा किसी ने पहले नहीं किया हो।
इस पर रीना ने मुझ पर विश्वास करते हुए हामी भर दी। मैंने पहले रीना की टांगें बेड के दोनों सिरों से इस तरह बांधीं कि रीना की टांगें पूर्ण रूप से चौड़ी हों और उसकी गुलाबी चूत के खुले दर्शन आसानी से हो सकें।
जैसे-जैसे मेरी रीना को मैं बांध रहा था तब वह बोल रही थी- मुझे तो सोच-सोच कर ही उत्तेजना हो रही है कि आज मैं किसके सामने इस तरह नंगी लेटने जा रही हूँ। कोई आते ही मुझे इस रूप में देखेगा! यह सोच-सोच कर ही मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है।
इस तरह मैंने रीना के हाथ भी बेड के दोनों सिरों से बांध दिए। अतः रीना के दोनों हाथ और पांव खुली फैली हुई अवस्था में बंधे हुए थे। एक प्रकार से देखो तो रीना पूर्ण रूप से असहाय थी कि कोई भी उसके साथ कुछ भी कर सकता है किंतु यह सब तो रीना की मर्जी से ही हो रहा था, यह किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं थी।
वह इस अवस्था में बंधी थी कि कोई सामने से आकर रीना की चूत को चाट सकता है, चोद सकता है, उसके स्तन चूस सकता है, दबा सकता है, उसके कंधों के नीचे वाली जगह, हम अंग्रेजी में जिसे अंडर आर्म कहते हैं, वहां चुम्बन कर सकता है, उनकी भीनी-भीनी खुशबू ले सकता है।
यह वास्तव में एक गजब ही उत्तेजक करने वाला दृश्य था।
अब मैंने अपने लैपटॉप बैग में से आंखों की एक पट्टी निकाली तथा उसे रीना की आंखों पर बांध दिया।
राजवीर के शब्दों में
दोस्तो, मैं समझ सकता हूँ कि मैं अपनी बीवी को अपने ही भाई से चुदवाने का जो प्लान बना रहा हूँ वह मेरे मर्द भाइयों और गर्म चूतों में गीलापन लाने के लिए शुरुआत कर चुका होगा.
मुझे अपनी प्यारी कामुक पत्नी रीना को अपने से बड़े लंड से चुदते हुए देखने का नजारा प्राप्त होने वाला है. मेरी हालत भी आप जैसी ही है. बल्कि वीणा की चूत के बारे में सोच कर तो और ज्यादा बुरी हो रही है.
अगले भाग में आपका और मेरा यह इंतजार खत्म हो जायेगा. उस आनंद के लिए आप तैयार रहें जो आपको याराना के अगले भाग में आने वाला है.
अपने जोश को बचाकर रखें क्योंकि कहानी अभी बाकी है.
रीना को पट्टी बांधने के बाद कुछ पता नहीं चल सकता था कि अब कमरे में क्या हो रहा है? वह किसी को देख भी नहीं सकती थी।
12:00 बजने में अब केवल 10 मिनट बाकी थे। वीणा और विक्रम दरवाजे के बाहर ही खड़े मेरी हरी झंडी का इंतजार कर रहे थे। मेरे निर्देशानुसार दोनों चुपचाप कमरे में आ गए। दोनों को प्लान के अनुसार कुछ बोलना नहीं था.
जैसे ही वीणा ने अंदर रीना को इस तरह बिना कपड़ों के नंगी पड़े हुए देखा तो उसकी धीरे से हंसी छूट गई।
इस पर मैंने उसे आंखें दिखा कर डांटा और इशारे से कहा कि वह चुप रहे।
जब विक्रम को देखा तो मैंने पाया कि विक्रम तो बड़े ही ध्यान से रीना को घूर रहा है। उसका हाथ अनायास ही उसके लंड पर चला गया और वह अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगा. इस पर मैंने चुटकी बजाते हुए उसकी तंद्रा तोड़ी और अब जोर से बोला जिससे कि रीना भी सुन सके।
मैं- जैसा कि मेरे प्यारे अदला-बदली बदली के साथियो! आप सबको पता है कि हम यहां मेरी सुंदर सेक्सी बीवी रीना के जन्मदिन के मौके पर उसे बहुत ही भिन्न और मजेदार तरीके से मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
मैंने रीना को संबोधित करते हुए कहा- मेरी प्यारी जान रीना! अब वे दोनों हमारे साथ हमारे कमरे में है, जो आज हमारी अदला बदली चुदाई का हिस्सा बनने वाले हैं। क्या तुम उत्तेजना महसूस कर रही हो?
इस पर शर्म से गुलाबी चेहरा लिए हुए रीना ने बिना देखे मुस्कुराते हुए धीमे से हां कही।
फिर मैंने साथ में खड़े विक्रम और वीणा से कहा- मेरे प्यारे साथियो! जैसा कि मेरी बीवी रीना पूर्ण रूप से नग्न बिस्तर पर लेटी हुई है, हमें भी उसी प्रकार से पूर्ण रूप से नग्न हो जाना चाहिए। ताकि जब हम उसकी आंखें खोलें तो वह केवल अपने आप को नग्न देख कर असहज महसूस ना करे।
मेरे यह कहने पर वीणा और विक्रम ने मुस्कुराते हुए हामी भरी और जल्दी से अपने आप को अपने कपड़ों से आजाद कर दिया।
विक्रम ने जब अपने पूरे कपड़े उतारे तो मैंने देखा कि उसका लंबा लिंग पहले से ही रीना को इस अवस्था में देखकर पूर्ण रूप से कड़क हो कर खड़ा है।
विक्रम ने आंखों ही आंखों में देख कर मुझसे पूछा कि मेरा लंड कैसा है?
मैंने भी अपनी उंगलियों से उसकी तरफ इशारा किया- एक नंबर!
अब नग्न होने की बारी वीणा की थी। वीणा ने जब अपने वस्त्र उतारे तो मैंने देखा कि उसने बड़े ही आकर्षक और महंगे लाल ही रंग के अंतः वस्त्र अर्थात ब्रा और पेंटी पहन रखे हैं जो कि मुझे उत्तेजित करने के लिए थे। लेकिन मैंने ब्रा और पेंटी का काम बिगाड़ दिया और सीधा ही वीणा को नग्न होने के लिए कह दिया था क्योंकि 12:00 बजने वाले थे इसलिए सबने अपना यह काम फुर्ती से किया।
जब वीणा को मैंने पूर्ण रूप से नग्न अवस्था में देखा तो ऐसा लगा कि मेरे पैरों से जमीन ना खिसक जाए। सच कहूं तो मुझे उस वक्त ऐसा लगा कि वीणा के शरीर के आगे रीना का शरीर भी कमतर है। वीणा के सुंदर गोल चेहरे के नीचे उसके भारी गोल स्तन जो कि रीना से भी बड़े और गोल आकार में थे बिल्कुल सीने पर लदे हुए थे। उन सीधे और लदे हुए स्तनों पर बिल्कुल भी झुकाव नहीं था। वीणा के स्तन पूर्ण रूप से सामने की तरफ इस तरह लटके हुए थे कि उनमें बिल्कुल भी ढीलापन नहीं था।
ऐसा लग रहा था कि किसी पोर्न फिल्म की नायिका ने आपको आकर्षक और सेक्सी दिखाने के लिए किसी प्रकार के ऑपरेशन से इस प्रकार के स्तन तैयार करवाए हों। सच बताता हूं मित्रो, मेरी इस बात में लेश मात्र भी झूठ नहीं है। वीणा का शरीर कुछ ऐसा ही था।
उसके बाद उसका गोरा पेट, क्या बताऊं! आज तक मैंने केवल रीना का ही सबसे उत्तेजित करने वाला पेट देखा था, लेकिन वीणा का फैला हुआ बड़ी नाभि वाला पेट देखकर ऐसा महसूस हुआ कि अब मेरा लंड उत्तेजना में दर्द की वजह से मेरी हालत खराब कर देगा।
नीचे वीणा की गुलाबी चूत और शानदार आकार वाले गोल-गोल कूल्हे और भरी हुई मोटी जांघें. उसकी जांघें ऐसा दृश्य बना रही थीं कि एक बार तो मन किया कि रीना का जन्म दिन छोड़ कर वीणा को मसलने लग जाऊं।
उसके बाद अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए मैंने आगे का कार्यक्रम जारी रखा और इस तरह दोनों को निर्देश दिया कि रीना भी सुन सके क्योंकि रीना की आंखें बंधी हुई थीं। अतः उसे पता नहीं था कि आखिर यह अदला-बदली के लिए तैयार हुआ दूसरा जोड़ा है कौन। उसकी आंखों पर पट्टी बंधा हुआ उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था।
मैंने कहा- साथियो, शुरू हो जाओ। मैं यहां पर, इस चुदाई मंच पर आप लोगों को निर्देश दूंगा और रीना के आंखें खोलने तक आपको उन निर्देशों का पालन करना है।
मैंने निर्देश देते हुए कहा- आप में से महिला साथी रीना की चूत चाट कर उसे चिकना बनाएगी तथा पुरुष साथी रीना के स्तनों को अपने मुलायम हाथों से मलमल कर अपने मुंह में उसके स्तनों को दबाकर रीना को उत्तेजना के चरम पर पहुंचाने की कोशिश करेगा।
फिर मैंने रीना को संबोधित करते हुए कहा- मेरी प्यारी जान रीना, जब तुम्हारी चूत उत्तेजना के कारण चिकनाई से लबालब हो जाएगी, तब हमारा पुरुष साथी तुम्हारी चूत में अपना लंड डाल देगा और जब तुम्हें तुम्हारी चूत में कोई लंड घुसता हुआ महसूस हो तो समझ जाना 12:00 बज गये हैं और तुम्हारा जन्मदिन शुरू हो गया है. अर्थात ठीक 12:00 बजे तुम्हारी चूत में तुम्हारे पति के अलावा किसी और मर्द का लिंग होगा जो कि तुमने पहले कभी नहीं लिया हो।
उसके बाद चूत में इस नए लंड के कुछ मखमली धक्के खिलाकर हम तुम्हारी आंखें खोल कर तुम से साक्षात होंगे कि यह नए साथी हैं कौन। उसके बाद तुम्हारे मन के कुछ सवालों को हल करके हम आज ऐतिहासिक बीवियों और पतियों की अदला-बदली कर चुदाई को अंजाम देंगे।
मेरा इशारा पाकर वीणा और विक्रम, रीना की तरफ लपके। विक्रम ने रीना के गोरे-गोरे स्तनों पर अपना हाथ रखा और उसके गुलाबी निप्पलों को उंगलियों से छेड़ने लगा। उसके बाद उसने रीना की गर्दन पर चुम्बन करते हुए अपनी जुबान को रीना के स्तनों पर घुमाया। विक्रम का खड़ा लिंग यह बयां कर रहा था कि वह कितना उत्तेजित है।
थोड़ी देर रीना के स्तनों को आराम से चूसने और चाटने के बाद विक्रम अपने होश खो बैठा और बड़े जोर-जोर से दरिंदों की तरह रीना के स्तनों को नोंचने लगा और मुंह से काटने लगा। 2 मिनट भी नहीं हुए थे कि उसने रीना के गोरे-गोरे स्तनों को अपने हाथों, नाखूनों और दांतों से काट काट कर पूर्ण रूप से लाल कर दिया। लेकिन रीना दर्द से नहीं, उत्तेजना से सिसकारियां भरने लगी थी।
उधर वीणा अपनी जुबान को रीना की साफ-सुथरी गुलाबी चूत की फांकों पर घुमा रही थी। कभी-कभी वह रीना की चूत का दाना अपनी जुबान में लेकर दबा देती, इस तरह अपने शरीर पर हो रहे दोहरे प्रहार को रीना उत्तेजना की वजह से संभाल नहीं पा रही थी और अपनी गांड उठाकर सीने को यथासंभव विक्रम के मुंह पर दबाकर अपनी असहाय हालत बयान कर रही थी।
ऐसी उत्तेजना के कारण रीना की चूत से उत्तेजना का पानी बहने लगा।
चूंकि 12:00 बजने वाले थे और उसमें केवल एक ही मिनट बाकी था इसलिए मैंने विक्रम को ताली बजाकर इशारा किया कि वह अपनी जगह ले ले। अतः वीणा और विक्रम ने अपनी जगह बदली इस तरह वीणा अब रीना के स्तनों पर तथा विक्रम रीना की चूत के वहां पर अपनी स्थिति जमा कर बैठ गये।
12:00 बजने से आधा मिनट पहले विक्रम अपना लौड़ा रीना की चूत के बाहर रगड़ने लगा और उसके लिंग मुंड को रीना की चूत की चिकनाई से चिकना करने लगा।
विक्रम का लंड जब रीना की चूत पर रगड़ता तो रीना उत्तेजना में अपनी चूत को विक्रम के लंड की तरफ आगे करती, लेकिन विक्रम अपने लंड को पीछे हटा लेता.
जैसे ही 12:00 बजे, मैं जोर से चिल्ला उठा- हैप्पी बर्थडे डार्लिंग रीना!
और इसी आवाज के साथ विक्रम ने अपना लौड़ा एक ही बार में रीना की चिकनी चूत में गप्प से डाल दिया।
मेरी बीवी रीना की चूत में जैसे ही इतना बड़ा लंड एकदम से गया, रीना उत्तेजना और दर्द से कराह उठी।
विक्रम ने प्लान के अनुसार रीना की चूत में धीमे-धीमे से धक्के दिए. उधर वीणा भी रीना के स्तनों के साथ खेल रही थी। रीना ने उत्तेजना के कारण अपने होंठों को अपने दांतों के नीचे दबा रखा था।
मैं अपना खड़ा लंड लिए यह सब नजारा अपनी आंखों में कैद कर रहा था. वास्तव में पहले की दो अदला-बदली वाली चुदाई में ऐसा नजारा मैंने नहीं देखा था।
अब जैसा कि प्लान का हिस्सा था. हमें रीना की आंखें खोल कर उसे यह ज्ञात करवाना था कि दूसरा अदला-बदली वाला जोड़ा आखिर है कौन?
अतः पहले मैंने रीना के पास जाकर उसके गालों पर चुंबन देकर उसे जन्मदिन की शुभकामना दी. उसके बाद पहले उसके पांव और फिर उसके हाथ खोलकर उसे बैठाया। अब हम चारों पूर्ण रूप से नग्न एक ही बिस्तर पर बैठे हुए थे. फिर मैंने रीना की आंखों से पट्टी हटाई। हमें पता था कि यह पट्टी हटते ही एक बार रीना चौंक जाएगी. मगर यह कहना मुश्किल था कि वह पट्टी के खुलने के बाद शायद शर्माए या पता नहीं क्या प्रतिक्रिया दे किंतु उसे बातों से ठंडा करना ही होगा।
हम तीनों इसके लिए तैयार थे।
रीना ने जैसे ही अपनी आंखें खोलीं, अपने देवर तथा देवरानी को पास में नग्न बैठे हुए देख कर चौंक गई, उसके मुंह से अनायास ही निकला- ओ माय गॉड!
और उसने अपने चेहरे को अपने हाथों से छुपा लिया और बोलने लगी- राज आपने यह क्या किया? इट्स रियली शॉकिंग फॉर मी (मेरे लिये यह बहुत ही हैरत भरी बात है)
माफ कीजिएगा दोस्तो, उस वक्त हमारा वार्तालाप कुछ इंग्लिश भाषा में हुआ जिसे मैं यथासंभव हिंदी में लिखने का प्रयत्न कर रहा हूं। फिर भी वास्तविकता का अहसास कराने के लिए थोड़े अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल कर रहा हूं।
मै- ओ कम ऑन रीना … टेक इट इजी! (रीना इसे सामान्य ही समझो)
रीना- हाउ कैन यू डू दिस राज? (आप ऐसा कैसे कर सकते हैं राज)
मैं- मैंने तो केवल 4 प्रेमियों को आपस में मिलाया है। मेरी जान मुझे पता चला कि तुम और विक्रम एक दूसरे से एक समय पर बेहद प्यार करते थे. उस प्यार की तड़प विक्रम ने भी देखी और तुम ने भी। तुम्हें जानकर खुशी होगी कि मैं तुम्हारे प्रेम संबंध से नाराज भी नहीं हूं क्योंकि तुमने तो पूरी ईमानदारी से अपना पत्नी धर्म उस वक्त निभाया था जब तुम किसी की पत्नी थी ही नहीं।
मुझे तुम पर गर्व है रीना और जब हम ऐसा जीवन जी ही रहे हैं तो उस सुख से क्यों वंचित रह जाना जिसकी कभी तुमने कामना की थी। विक्रम को देखो वह इतनी शिद्दत से तुम्हें चाहता है, लेकिन भाभी होने के कारण उसने सब कुछ भुला दिया। लेकिन जब उसे हमारी अदला-बदली की चुदाईयों के बारे में पता चला तो उससे रहा नहीं गया। जब मेरा दोस्त रणवीर और तुम्हारा भाई श्लोक तुम्हें भोग सकता है तो तुम्हारा पुराना प्रेमी क्यों नहीं? क्या तुमने कभी विक्रम के बारे में नहीं सोचा?
अगर कभी भी मन में विक्रम के प्रति वासना आई हो तो आज पूरी कर लो। तुम्हारे इस जन्मदिन को खास बना लो, क्योंकि वाइफ स्वैपिंग अर्थात अदला-बदली करके चुदाई करने का मजा साधारण नहीं है। यह तो हर आम मौके को खास बना देता है. तो आज तो मौका भी खास है, फिर क्यों न उसे बेहद खास बनाया जाए? एक दूसरे की बीवी और एक दूसरों के पतियों से चोदा-चोदी कर अपने जीवन का एक और याराना बनाया जाए।
मेरी प्यारी रीना, क्या तुम्हें पता है कि वीणा भी कई सालों से मुझे वासना की नजरों से देखती आई है? उसने कई बार हमें हमारे कमरे में चुदाई करते देखा है और हमेशा मन में यही सोचा है कि काश रीना की जगह वह (वीणा) मेरे (राजवीर) साथ मेरा लंड अपनी चूत में डलवा कर अपनी प्यास बुझा पाती। क्यों वीणा सही कहा ना मैंने?
वीणा- हां भाभी, राज भैया सही कह रहे हैं। सच बताऊं तो मैं आपकी शादी के वक्त से ही राज भैया का लंड अपने हर छेद में डलवा कर तांडव करना चाहती हूं।
रीना- इट्स रियली अनबीलिवेबल! (यह वास्तव में अविश्वसनीय है) किंतु मेरे पीछे से आप सबके मन में इतने पापड़ बेले जा रहे थे यह तो मुझे पता भी नहीं था।
मैं- जानू कुछ समय पहले मुझे भी इसके बारे में कुछ नहीं पता था और मैं भी तुम्हारी तरह ही हैरान था लेकिन थोड़ी देर बाद हैरानी की जगह वासना ने ले ली। यह सोच कर खुश हूं कि वीणा जैसी शानदार शरीर वाली स्त्री के साथ संबंध बनाने में कितना मजा आएगा और तुम भी सोचो कि विक्रम के लंबे लंड का स्वाद कैसा होगा.
मैं रीना को समझा ही रहा था कि विक्रम उत्तेजना वश बोल पड़ा- तो भाभी जान, क्या आप तैयार हैं?
रीना- हां मेरे देवर जी, आज हो ही जाए आपका इंतकाम और पुराने प्यार की इंतहा।
रीना के इस डायलॉग पर हम चारों हंसने लगे।
विक्रम- तो क्या इसी पलंग को चुदाई का महा मंच बनाया जाए? क्या सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम रखा जाए?
रीना- जीवन बहुत बड़ा है देवर जी, सब कुछ अगर एक ही रात में कर लेंगे तो कल क्या करेंगे? मेरी अनुपस्थिति में दोस्ती आपकी और आपके भाई राजवीर और वीणा की हुई है। मैं आपकी इस दोस्ती में शामिल नहीं थी इसलिए मैं आप सब से खुली नहीं हूं. इस तरह पति और देवरानी के सामने खुलकर तुम्हारे लंड को गांड उठा उठाकर नहीं ले पाऊंगी।
वीणा- सच कहा भाभी. पति के सामने जेठ जी का लंड चूसने में शर्म तो आएगी ही।
वीणा की इस बात पर हम चारों की हँसी एक बार फिर कमरे में गूंज उठी।
मैं- तो ठीक है. आज की चुदाई केवल अपने बदले हुए साथी के साथ अर्थात एक रात के लिए बदले हुए पति के साथ कीजिए। हम भी एक रात के लिए बदली हुई बीवी को चोद लेते हैं। सामूहिक याराना अगली बार करेंगे।
अतः सबकी सहमति के अनुसार आज हमने अलग-अलग ही चुदाई करने का फैसला किया इस तरह मैं वीणा को अपनी गोद में उठाकर दूसरे कमरे अर्थात विक्रम और वीणा के कमरे में ले गया. इस कमरे में विक्रम और रीना को युद्ध स्तर पर चुदाई करने के लिए अकेले छोड़ दिया।
चुदाई का महासंग्राम शुरू हो गया है दोस्तो, अपनो लौड़ों और चूतों को संभाल कर रखें. सामूहिकर याराना तो रीना की बात मानने के बाद नहीं संभव हो पा रहा है मगर अलग-अलग तो चुदाई का मजा बदली हुई बीवियों और बदले हुए पतियों द्वारा लिया ही जा सकता था.
राजवीर और वीणा के कमरे से निकलते ही विक्रम ने दरवाजे को अंदर से लॉक किया तथा रीना को मुस्कुराते हुए देखा।
रीना- वाह रे मेरे आशिक! मैं कुछ दिन के लिए घर से दूर क्या गई तुमने तो मुझे मेरे ही जन्मदिन पर नंगी करने की व्यवस्था कर ली। कैसे हुआ यह सब?
विक्रम- तुम क्या सोचती हो मेरी जान? रीनल उर्फ रीना उर्फ भाभी। अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए दुनिया भर के लंड लेती फ़िरोगी और हम अपना लंड पकड़े हुए ऐसे ही बैठे रहेंगे?
सच बताता हूं, जब मुझे पता चला कि रणवीर ने तुम्हें बुरी तरह से चोदा है तब से मेरे कलेजे पर छुरियां चल गईं थीं। मैंने तभी फैसला किया था कि तुम्हें रणवीर से भी बुरी तरह से चोद दूंगा। अपने भाई को बहनचोद बनाया है तो अपने देवर से चुद कर आज मुझे भी भाभी चोद बनना है।
रीना- ओह … तो तुम्हें सब पता है। वैसे सच बताऊं तो जब तक तुम्हारे भाई राजवीर ने मुझे अपने दोस्त रणवीर से नहीं चुदवाया था तब तक मैंने राजवीर के अलावा किसी और के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था। लेकिन जब पति अदला-बदली करके नए-नए लंड लेने का चस्का लगा तो फिर मैंने अपने ख्यालों में किसी से भी चुदाई करना नहीं छोड़ा।
जब हमने यहां श्लोक और सीमा के साथ चुदाई की और उसके बाद वे चले गए और तुम दोनों यहां आए तो मैंने कई बार मन में सोचा कि कैसे ना कैसे राजवीर तुम्हें भी अदला-बदली की चुदाई के लिए राजी कर ले।
कभी-कभी रात में जब मैं राजवीर से चुद रही होती थी तुम मेरे ख्यालों में तुम मेरी चुदाई कर रहे होते थे। असल में राजवीर का लंड मुझे चोद रहा होता था लेकिन मैं ख्यालों में तुम्हारे लंड पर तांडव करती रहती थी।
विक्रम- मैं भी सब कुछ छोड़-छाड़ कर केवल तुम्हारे लिए ही यहां आया हूं। यहां आने के बाद तुम्हें देख-देख कर मेरा हाल बुरा हो जाता था। हमेशा तुम्हें चोदने के ख्वाब देखे हैं। तुम मेरे जीवन की सबसे सेक्सी महिला हो जिसे देखकर हमेशा मैंने उत्तेजना महसूस की है। भले ही वीणा का शरीर तुमसे ज्यादा भरा हुआ व उत्तेजना पैदा करने वाला हो किंतु तुम्हारी नजर ही काफी है जो कि किसी पर भी पड़ जाए तो उस पर तुम्हारी वासना का जहर चढ़ जाए।
रीना- ओह बस भी करो विक्रम! बहुत कर लिया वासना का इजहार। निकालो अपनी तलवार करते हैं प्यार!
रीना और विक्रम पलंग के पास खड़े हुए थे।
रीना ने विक्रम के गले को अपने नाखूनों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और खुद से चिपका लिया। रीना के नाखूनों से विक्रम की चमड़ी थोड़ी छिल गई। विक्रम ने रीना की इस हरक़त की प्रतिक्रिया में अपने दोनों हाथ रीना के कूल्हों के नीचे लगाए और रीना को उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया। खड़े-खड़े विक्रम की गोद में बैठी रीना विक्रम के मुंह को चूमने लगी।
विक्रम ने भी अपने होंठों को रीना के होंठों के बीच में दबा दिया और दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे। थोड़ी देर बाद विक्रम ने पलंग के पास जाकर रीना को जोर से पलंग पर गिरा दिया। रीना को इससे झटका लगा किंतु वह गुस्सा होने की बजाए, बैठकर मुस्कराई और अपनी एक उंगली का इशारा करते हुए विक्रम को आमंत्रण दिया।
विक्रम अपना आपा खोते हुए रीना की तरफ झपटा। रीना को सीधे कूल्हों के बल लेटा कर विक्रम रीना का स्तनपान करने लगा.
अपने स्तन उठाकर रीना भी विक्रम के मुंह में दबाने लगी। कब से बिछुड़े दो प्रेमियों ने एक दूसरे के साथ गहरी चुम्मा चाटी की। विक्रम ने रीना को घोड़ी बनाकर उसके कूल्हे के छेद में अपनी जीभ डाली और जीभ लगाकर गांड के छेद को वह जीभ से चोदने लगा।
रीना की सिसकारियां अब कमरे में गूंजने लगी थीं। रीना ने विक्रम का सिर पकड़ कर अपनी गुलाबी चूत पर लगा दिया और अपनी चूत की फांक पर विक्रम के होंठों को रगड़वाने लगी।
विक्रम ने रीना की चूत के दाने को अपने दांतों से काट कर रीना के साथ शरारत की जिससे कि रीना स्स्स्स्स … की आवाज के साथ चहक उठी। विक्रम अब रीना की चूत को मुंह में दबा-दबा कर गुदगुदाने लगा और रीना ने अपने बढ़े हुए नाखूनों वाले हाथ को विक्रम के सिर में गड़ा कर अपनी चूत की तरफ दबाने लगी।
करीब 10 मिनट तक अपनी चूत चटवाने के बाद रीना ने विक्रम को धक्का दिया तथा पीठ के बल सीधा लिटा कर गप्प से विक्रम का लंड मुंह में ले लिया। रीना द्वारा विक्रम का लंड चाटना कोई औपचारिकता नहीं थी. वह तो पूर्ण रूप से मग्न होकर विक्रम का लिंग आइसक्रीम की तरह चूस और चाट रही थी। रीना विक्रम के लंड को पूरा मुंह में अंदर लेती और फिर एकदम से बाहर निकालती।
विक्रम को अपना लंड रीना के गले तक लगा हुआ महसूस होता। विक्रम को ऐसा लग रहा था कि रीना अपने मुंह में ही विक्रम की पूरी ताकत निचोड़ लेगी। कभी किसी भी बाला ने विक्रम के लंड को ऐसे वहशीपन से नहीं चूसा-चाटा था।
मन भरने तक रीना विक्रम का लंड चूसती रही तथा उसके बाद लेटे हुए विक्रम के ऊपर आकर अपने कूल्हे विक्रम के लंड के ऊपर रखकर बैठ गई। अपने स्तनों को रीना ने विक्रम के सीने के पास झुका कर उसके स्तनों का कोमल अहसास विक्रम के सीने पर करवाया तथा अपने होंठों को विक्रम के होंठों में देकर वापस चूसने में मग्न हो गई। लेकिन अब विक्रम से इंतजार नहीं हो रहा था.
उसने अपना एक हाथ अपने लंड के पास ले जाकर उसे सीधा किया और रीना की चूत पर टिका दिया। रीना ने विक्रम की भावनाओं को समझते हुए अपनी गांड को व्यवस्थित किया और अपनी चूत में विक्रम के लंड को गप्प से ले लिया। विक्रम सीधा लेटा हुआ था और रीना उसके ऊपर बैठी हुई थी।
अब रीना ने वैसा ही किया जैसा कि उसने राजवीर और वीणा के सामने कहा था। रीना अपने नितंबों को उठाकर तथा फिर गिराकर विक्रम के लिंग को अपनी चूत से अंदर बाहर करने लगी.
करीब 4 से 5 बार धीरे-धीरे यह कार्य करने के बाद रीना ने अपनी गति बहुत तेज कर दी और वह अपनी गांड को विक्रम का लंड अपनी चूत में समाहित किए हुए जोर-जोर से उठा कर गिराने लगी।
रीना के कूल्हे और विक्रम की जांघों के बीच टकराने के कारण पूरे कमरे में पट-पट की जोरदार ध्वनि आने लगी। यह ध्वनि इतनी तेज थी कि बगल के कमरे में चुदाई कर रहे राजवीर और वीणा भी आसानी से सुन सकते थे. इस उत्तेजना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई से विक्रम की भी अति उत्तेजना में आह-आह की आवाज कमरे में गूंजने लगी।
रीना ने थोड़ी देर के बाद अपनी स्थिति बदली। अपने चेहरे को उसने विक्रम की टांगों की तरफ किया। जैसा कि विक्रम पहले की तरह ही सीधा लेटा था, अब उसे रीना की नंगी गोरी पीठ और गांड नजर आ रही थी। रीना ने केवल अपना चेहरा दूसरी तरफ करके वापस विक्रम के लंड को अपनी चूत में रखा और अपनी गांड को जोर-जोर से विक्रम का लंड अंदर लिए हुए ही उठाने व गिराने लगी।
विक्रम ने रीना को उठाया और डॉगी पोजिशन में व्यवस्थित कर अपना लंड रीना की चूत में फिर डाल दिया। अपने एक हाथ से वह रीना की गांड पर जोर-जोर से मारने लगा और रीना की गांड को लाल करते हुए अंग्रेजी भाषा में ओ यस … ओ यस … करने लगा। थोड़ी देर के बाद जब विक्रम को अहसास हुआ कि रीना की इस तरह की चुदाई से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं है और वह पहले की तरह सिसकारियां नहीं ले रही है तब उसने रीना की कमर को पकड़कर अपने लंड की तरफ जोर से दबाया और अपने लंबे लिंग की चोट रीना की चूत की गहराई तक की।
रीना दर्द से कराह उठी लेकिन उत्तेजना के कारण उत्साहित होकर अपनी गांड मटकाती रही। विक्रम ने एक हाथ से रीना की गांड पर अपने हाथ जोर से मसले तथा एक हाथ में रीना के बालों को लेकर उन्हें पीछे खींचने लगा, यह काफी उत्तेजित करने वाली अवस्था थी। इस तरह की ‘सजा और मजा’ का आनंद दोनों ने तब तक उठाया जब तक रीना की कमर दर्द न करने लगी।
रीना ने कहा- विक्रम बहुत हो गया. मैं अब झड़ने वाली हूँ। तुम भी यह बारी खत्म करो।
इस पर विक्रम ने रीना को सीधे लिटाया और उसकी टांगें चौड़ी कर दीं। रीना ने स्वयं को सहज महसूस करने के लिए अपनी गांड के नीचे तकिया रखा और अपनी चूत को थोड़ा ऊपर व्यवस्थित किया।
विक्रम ने सामने से आ कर रीना की गुलाबी चूत, जो कि अब विक्रम के लंड की चोट खा-खा कर लाल हो गई थी, में अपना लन्ड ठेल दिया और पूरी जान लगाकर 5 झटके प्रति सेकेंड की रफ्तार से रीना की चूत को चुनौती देने लगा। रीना की गर्म गीली भट्टी जैसी चूत ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए विक्रम के लंड से निकला सारा लावा अपने आप में समाहित कर लिया।
वातानुकूलित कमरे में दोनों पसीने में भीगे हुए जोर-जोर से सांस ले रहे थे।
जोर-जोर से सांस लेने के कारण रीना के स्तन ऊपर नीचे हिल रहे थे जिन्हें देखकर विक्रम ने कहा- वाह! क्या नजारा है इन पर्वतों को हिलते हुए देखने का।
इस पर रीना मुस्कुराने लगी और विक्रम का अध-लटका हुआ लंड अपने हाथ में लेकर बोली- कुछ भी कहो, दम है तुम्हारे लंड में। मजा आ गया इसकी सवारी करके … राज का लन्ड थोड़ा मोटा होने के कारण चूत के चारों तरफ की दीवार में घर्षण उत्पन्न करता है जिसका अहसास आज तुम्हारी बीवी वीणा करेगी और चूत की गहराई तक चोट करने का अहसास जो तुम्हारी बीवी वीणा करती थी आज मैंने किया।
क्या मस्त अहसास है पति बदलकर चुदाई करने का! लगता है जैसे स्वर्ग का भोग इसी फ्लैट में कर लिया है।
अपने लंड की तारीफ रीना जैसी अप्सरा से सुनकर विक्रम का लंड फिर कड़क होने लगा। विक्रम ने जैसे ही कुछ बोलने के लिए मुंह खोला उससे पहले ही रीना ने विक्रम के मुंह पर हाथ रखते हुए कहा- मुझे पता है कि तुम मेरी गांड की चुदाई करने वाले हो.
रीना की इस बात पर विक्रम हंसने लगा और बोला- वाह यार भाभी, सेक्स में आपकी होशियारी का कोई जवाब नहीं. मैं आपसे सम्मोहित हो चुका हूं।
विक्रम ने रीना की गांड को पकड़कर उसे उल्टा किया तथा रीना को स्तनों के बल लेटा कर पीछे आया और लगभग डॉगी स्टाइल में ही रीना को फिर से तैयार किया. किंतु रीना का सिर ऊपर नहीं बल्कि पलंग पर टिका हुआ था और गांड ऊपर उठी हुई थी। विक्रम ने अपने मुंह से थूक निकाल कर रीना की गांड के चारों तरफ लगाया तथा थोड़ा थूक निकाल कर खुद के लिंग पर लगाया।
उसके बाद वह अपने लंड को रीना की गांड के छेद पर स्पर्श कराने लगा। जैसा कि आपको पता है कि पहले रणवीर, फिर श्लोक और मैं … सब मेरी बीवी रीना की गांड मार चुके थे. अतः गांड मरवाने में रीना काफी अनुभवी हो गई थी।
विक्रम ने धीरे-धीरे करके अपना पूरा लिंग रीना की गांड में घुसेड़ दिया तथा शुरूआती धीमे धक्कों के बाद जोर जोर से रीना की गांड चुदाई शुरू कर दी। रीना की कसाव भरी गांड के कारण विक्रम ज्यादा देर रीना की गांड चुदाई में नहीं टिक सका.
उसकी कसी हुई गांड को चोदते हुए दस मिनट बाद लगातार झटके देते हुए वह रीना की गांड में ही झड़ गया।
रीना को अपने कॉलेज के दिनों का यार मिल गया था और विक्रम को अपने कॉलेज के दिनों का प्यार मिल गया था.
देवर भाभी दोनों ही इस चुदाई के बाद तृप्त हो गये. उनकी जिंदगी में जो कुछ भी अब तक घटा था वह सब बहुत ही हैरान कर देने वाला था जिसकी भरपाई आज हो गई थी.
इसके बाद करीब आधा घण्टा अपने बीते कॉलेज के बीते दिनों की बातें करने के बाद दोनों ने एक बार फिर चुदाई की और फिर एक दूसरे को आलिंगन में लिए गहरी नींद में वो दोनों सो गए।
दोस्तो, मेरे छोटे भाई विक्रम ने अपनी भाभी की चूत को चोदने की कामना पूरी कर ली थी. या यूं कहें कि रीना ने अपने बीते समय के बॉयफ्रेंड और वर्तमान समय के देवर के दमदार लंड से चुद कर पति की अदला-बदली का भरपूर मजा ले लिया था.
अब मेरी बारी थी अपने छोटे भाई की बीवी वीणा की चुदाई करने की. उसका वर्णन मैं आपको कहानी के अगले भाग में सुनाऊंगा.
मेरे छोटे भाई की नंगी पत्नी वीणा मेरी बांहों में थी जिसे उठाकर मैं दूसरे कमरे में लाया था। मेरा खड़ा लिंग वीणा के कूल्हों पर स्पर्श कर रहा था जिसे महसूस करके वीणा मुस्कुरा रही थी।
मैंने वीणा को प्यार से बिस्तर पर लेटाया और कमरे को अंदर से लॉक कर दिया। जैसे ही मैंने वीणा की तरफ देखा, वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी। उसके हाव-भाव से लग रहा था कि वह बहुत ही खुश है। मैं जाकर उसके बगल में लेट गया। फिर हम दोनों में कुछ वार्तालाप हुआ जो कि इस प्रकार है:
वीणा- राज भैया, आज मैं बहुत खुश हूं। इतनी खुशी मुझे अपनी शादी के दिन भी नहीं हुई थी। मैं आपसे प्यार करती हूं। शायद आप इसे वासना कहें लेकिन जब मैंने आपको और रीना भाभी को कई रातों तक आपस में संभोग करते देखा तो मेरे मन में आपको पाने की लालसा जाग उठी।
मैं तब से आपके सपने देख रही हूं. मुझे आपके अलावा और कोई गवारा नहीं। हालांकि आपकी शादी हो चुकी थी इसलिए मैं आपकी साथी बन जाऊं, ऐसा तो संभव नहीं था लेकिन एक पल के लिए भी मैं आपको भुला नहीं पाई।
मैं- देखो वीणा, मेरे और रीना के संभोग में कुछ खास नहीं था. यह तो सब करते हैं किंतु वह तुम्हारी कच्ची उम्र थी जब तुमने हमें संभोग करते देखा। यह केवल एक बार नहीं अपितु बार-बार था।
इस उम्र में जब किसी को पॉर्न फिल्म देखने को मिलती है तो उसका हाल भी यही होता है किंतु तुमने तो पॉर्न फिल्म को जीवन्त रूप में देखी थी. अतः तुम्हें मुझसे आकर्षण हुआ।
अपनी शादी के बाद भी तुम मेरे सपने देखती हो? क्या विक्रम तुम्हें प्यार नहीं करता? क्या वह तुम्हें संभोग में संतुष्टि प्रदान नहीं करता?
वीणा- ऐसी बात नहीं है राज भैया! विक्रम संभोग करने में बहुत अच्छा है. वह तो चूत की एक-एक नस खोल देता है। पर न जाने क्यों मेरे दिमाग में आपकी ही तस्वीर संभोग करते हुए बनी हुई है। आप इसे नहीं समझोगे। औरत का प्यार ऐसा ही होता है। अगर किसी के लिए चढ़ जाए तो आसानी से नहीं उतरता। मैं अभी तक आपके मोटाई वाले लंड को नहीं भूली हूं. उसकी तस्वीर मेरे दिमाग से कभी नहीं उतरी है।
माना कि शादी के कुछ समय बाद तथा शादी के कुछ समय पहले विक्रम ने मुझे चोद-चोद कर आप का लंड भुलाने में मेरी मदद की किंतु जब मुझे विक्रम द्वारा आप की और रणवीर, प्रिया की अदला-बदली वाली चुदाई के बारे में पता चला तो मैं फिर बहक गयी। पतियों की अदला-बदली करके भी चुदाई की आती है यह सुनकर मैं उत्तेजना की वजह से पागल हो गई। दिन रात मुझ पर अदला-बदली का ख्याल चढ़ा रहता।
फिर मेरे सामने एक समस्या आई कि रणवीर तो दोस्त था और हम तो रिश्तेदार हैं। रीना विक्रम की भाभी है और आप मेरे जेठ … तो हमारी अदला-बदली तो कभी नहीं हो सकती। लेकिन जब विक्रम ने आपकी और आपकी सलहज की अदला-बदली के बारे में बताया तो मुझे विश्वास हो गया था कि मैं आपको पा सकती हूं और तब से आपके साथ संभोग करने के सपने मजबूत होते गए क्योंकि विक्रम और मैं दोस्त थे। हम एक दूसरे से यह बातें आसानी से कर लेते थे कि राजवीर भैया जब अपनी बीवी को उसके सगे भाई से चुदवा सकते हैं तो अपने भाई से क्यों नहीं? फिर जो हुआ वह तो आपको पता ही है।
मैं- जो हुआ बहुत अच्छा हुआ। तुम्हारे सपनों का लन्ड तुम्हारी चूत की खुजली मिटाने के लिए तत्पर है।
वीणा- क्या कभी आपके मन में मेरे लिए वासना जागृत नहीं हुई?
मैं- सच बताऊं तो जब तक हम हमारे गांव में रहते थे तब तक तो नहीं। फिर इस बदलाव वाले जीवन अर्थात अदला-बदली वाले जीवन की शुरुआत करने के बाद दिल काफी बिगड़ गया। यह एक ऐसा नशा है जो कभी दिमाग से नहीं उतरता। एक भी ऐसी सुंदर वैवाहिक स्त्री नहीं बची होगी जिसे मैंने देखा होगा और उसके साथ अदला-बदली करके चुदाई के बारे में नहीं सोचा होगा।
अदला-बदली करके चुदाई करने में जो सुख है वह चोरी छुपे महिला मित्र और पुरुष मित्र से चुदाई करने में नहीं। इसका नशा कुछ अलग ही है। श्लोक और सीमा के बाद जब तुम उनकी जगह यहाँ आए तो तुम्हारे बारे में भी ऐसे विचार आना स्वाभाविक था। लेकिन विक्रम को देखते हुए मैंने उनको अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। मुझे लगा कि विक्रम को इस खेल में शामिल न ही किया जाए तो सही रहेगा क्योंकि वह सीधा है। लेकिन मुझे क्या पता था वह जलेबी की तरह सीधा निकलेगा!
एक बार तुम नहाने के बाद छत पर कपड़े सुखाने टॉवल में ही चली गई थी। यह दिन का समय था जिस वक्त मैं ऑफिस में हुआ करता था. लेकिन उस दिन मैं ऑफिस नहीं गया था. इसके बारे में तुम्हें पता नहीं था। तुमने सोचा घर पर केवल रीना और तुम ही हो। तुमने अपने स्तनों पर टॉवल लपेटकर अपने कूल्हे व स्तन ढक रखे थे। उस वक्त मैं ऊपर वाले कमरे में ही था. तुम्हें इसके बारे में पता नहीं था। लेकिन जब मैंने अंदर से तुम्हें देखा तो देखता ही रह गया।
उस दिन मैंने तुम्हारे उभरे हुए स्तनों का आकार तथा गोरी भरी हुई मोटी जांघें देखीं। जिसने मेरे लंड में हलचल मचा दी। मैं तब तक तुम्हें निहारता रहा जब तक तुम मेरी नजरों से ओझल नहीं हो गई। तुम्हें देख कर मुझे टेलीविजन अभिनेत्री रश्मि देसाई को इस प्रकार देखने की अनुभूति हुई। मैंने इंटरनेट पर उसका एक भी वीडियो नहीं छोड़ा और सब तुम्हारी दीवानगी में देखता गया। बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाने पर मैंने रीना को वीणा समझकर जोरदार तरीके से चोदा और ऐसा मैं सप्ताह में कम से कम 4 बार करता था।
इसीलिए रीना और मेरा संभोग जीवन सफल है क्योंकि मुझे भी पता है कि वह भी ख्यालों में किसी और से चुदाई करवाती है और मैं भी ख्यालों में किसी और की चुदाई करता हूं। जिसके बारे में हम एक दूसरे को नहीं बताते। हम तो केवल रणवीर और श्लोक तक की ही बातें करते हैं। बाकी किसे पता कि रीना कितनों से खयालों में चुदी है और मैंने न जाने कितनी चूतों को खयालों में चोदा है।
वीणा- जी, यह बहुत ही अनोखा तरीका है, अपने ख्यालों में किसी और के साथ चुदाई करके अपने मन की इच्छा पूरी करने का। इसका मजा मैंने और विक्रम ने भी काफी लिया है। मुझे बहुत खुशी हुई भैया कि आपने भी मेरे लिए वासना महसूस की. अब तो मजा जरूर आएगा इस चुदाई का।
देखो मेरी चूत गीली हो गई है. मुझे भी आपके लंड को खड़ा हुआ देखा नहीं जा रहा। आओ शुरू करते हैं आज का घमासान।
मैं- घमासान तो आज होगा ही। पहले सोच रहा हूं कि तुम्हारी कुछ ख्वाहिशें पूरी कर लूं क्योंकि तुम्हारा भरा हुआ शरीर है. इसे देखकर मुझे नहीं लगता कि मैं ज्यादा देर अपने आप पर काबू कर पाऊंगा और अगर मुझ पर एक बार उत्तेजना हावी हो गई तो फिर मैं केवल अपने मन की करूंगा।
वीणा- ठीक है राज भैया! आज मैं अपने मन की करवाती हूं। मैं अपने सबसे पसंदीदा सेक्स आसन 69 में आपके लन्ड को अपने मुंह में निचोड़ना चाहूंगी. उसी समय आप भी मेरी चूत का रसपान कीजिए। मेरी पहली ख्वाहिश तो यही है क्योंकि मैंने आपको रीना भाभी के साथ सबसे पहले यही करते देखा था।
नग्न तो हम दोनों थे ही … एक दूसरे के शरीर को स्वयं से चिपका कर हमने एक दूसरे को आलिंगन में लिया था तथा एक दूसरे के शरीर को स्वयं के शरीर पर स्पर्श कराकर मजे की अनुभूति कर रहे थे। उसके बाद हमने एक दूसरे के होंठों को मुंह में लेकर उनका रसपान किया।
वीणा बहुत ही सुंदर गोल चेहरे वाली तथा शानदार भरे-पूरे शरीर वाली स्त्री थी, जिसके प्रतिरूप का उदाहरण तो मैं दे ही चुका हूं। वीणा की शारीरिक संरचना जिससे मिलती है, इस कहानी को पढ़ते वक्त उसे आप इंटरनेट पर देखेंगे तो कहानी का रोमांच और ज्यादा आएगा।
वीणा ने अपने बाल क्लिप से समेटे हुए थे जिन्हें मैंने पूरी तरह से खोल दिया। अब वह खुले बालों में नग्न अप्सरा लग रही थी।
मैंने वीणा के चेहरे से अपना मुंह हटा कर उसके उभरे हुए स्तनों पर अपने मुंह से प्रहार बोल दिया तथा उसके गोल, बड़े, सफेद रंग के स्तनों को चूस कर … चाट कर तथा दांतों से काट कर लाल कर दिया। रीना की हल्के गुलाबी रंग की चूचियां जो कि पूर्ण रूप से तनी हुई थीं, मेरे चेहरे पर स्पर्श करके मेरे शरीर में एक अलग ही गुदगुदी उत्पन्न कर रही थीं।
उत्तेजना में मैंने वीणा के चूचुक को भी काट लिया। मेरी हरकतें वीणा को उत्तेजित कर रही थीं लेकिन उसका मकसद कुछ और था. उसने मुझे जोरदार धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और अपने कूल्हों को मेरे मुंह पर रख कर अपनी चूत मेरे मुंह पर टिका कर उसे मेरे मुंह पर रगड़ने लगी।
यह देख कर मुझे विक्रम के द्वारा बताई गई विक्रम और वीणा की पहली चुदाई की दास्तान याद आ गई। मैंने विक्रम की कहानी से मन हटा कर वीणा की गुलाबी चूत पर ध्यान लगाया और अपनी जीभ का पूरा इस्तेमाल करते हुए मैंने अपने छोटे भाई की पत्नी की चूत और उसके गांड के छेद को चाट चाट कर गीला कर दिया।
वीणा मेरा लिंग पूर्ण रूप से अंदर लेकर अपने मुंह को ऊपर नीचे करने लगी। हमने करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को सिक्स नाइन की मुद्रा में मुंह से चोदा. उसके बाद वीणा ने अपनी अगली इच्छा जाहिर की।
उसने मुझे कमरे में रखी लकड़ी की कुर्सी पर बिठाया जिस पर हाथ का सहारा रखने वाले हत्थे नहीं थे बल्कि केवल पीछे ही पीठ का सहारा लेने के लिए व्यवस्था थी। मैं वीणा के कहे अनुसार उस कुर्सी पर अपना खड़ा लिंग लिए बैठ गया. उसके बाद वीणा अपनी गांड मटकाती हुई मेरे पास आई और अपने स्तन को मेरे सीने पर दबाते हुए मेरे लिंग को अपनी चूत में समाहित किए हुए मेरी तरफ मुंह करके मेरी गोद में बैठ गई।
अब वीणा के स्तन मेरे सीने पर स्पर्श कर रहे थे। वीणा ने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर अपनी टांगों को नीचे फर्श पर लगाकर अपनी टांगों के इस्तेमाल से अपने आप को ऊपर नीचे करना शुरू किया जिससे कि मेरा खड़ा लिंग वीणा की चूत में अंदर-बाहर होने लगा।
मुझे वीणा की चुदाई का यह तरीका बेहद खास लगा।
थोड़ी देर में वीणा के पांव की गति तेज हो गई. उसके गोल-गोल बड़े-बड़े स्तन मेरे सीने से टकराने लगे। वीणा ने गति इतनी तेज कर ली कि वह अब अपनी सांसों पर संयम नहीं कर पा रही थी।
उसने अपने मुंह को मेरे मुंह से अलग किया और अति उत्तेजना में आह … आह … की ध्वनि निकाल कर मेरे लंड पर उछल-कूद करने लगी।
वीणा अपनी गांड का इस्तेमाल इस प्रकार कर रही थी कि जब भी ऊपर होकर नीचे की तरफ आती तो मेरी जांघों पर टकराकर पट-पट की जोरदार ध्वनि उत्पन्न करती।
जब वीणा के पांव जवाब देने लगे तो मैंने अपनी टांगों का इस्तेमाल करते हुए वीणा की चूत की गहराई तक अपने लंड को पहुंचाना शुरू किया और करीब 5 से 7 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों की टांगों ने जवाब दे दिया. अब हमने अपनी सेक्स स्थिति बदलने की सोची।
वीणा ने अपनी गीली चूत में से सना हुआ मेरा लंड बाहर निकाला और कमरे की स्टडी टेबल पर अपने स्तनों को टिका दिया। वीणा अपने पांव पर खड़ी होकर अपने पूरे शरीर को टेबल पर लेटा चुकी थी.
उसने अपनी गर्दन और स्तनों को टेबल पर लेटा कर अपने हाथों को पीछे मोड़कर अपने कूल्हे को अपने हाथ से जोर से थपथपाया और कहा- कम ऑन राज! माय ऐस्स इज वेटिंग फॉर यू। (आओ राज, मेरी गांड का छेद तुम्हारा इंतजार कर रहा है)
वीणा की यह अदा मुझे भा गई। मैं कुर्सी से उठकर उसकी तरफ गया और उसके पीछे खड़े होकर उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा। दोस्तो, वास्तव में क्या गांड थी वीणा की! गोलाकार गोरे रंग की गांड. अगर कोई टाइट कपड़ों में ऐसे ही देख ले तो उससे मुट्ठ मारे बिना नहीं रहा जाए और यह तो मेरे सामने अपने असली रंग को दर्शाती हुई नंगी गांड थी।
मैंने वीणा के बालों को पीछे खींचते हुए उसकी चूत में अपना लंड ठेल दिया और अपनी पूरी जान लगा कर वीणा की चूत को चोदने लगा. कमरे में जोरदार फच-फच की आवाज गूंजने लगी। जब मेरा लिंग वीणा की चूत के चिकने पानी से पूर्ण रूप से चिकना हो गया तब मैंने उसे वीणा की गांड के छेद पर टिका कर अंदर डालने का प्रयास किया।
वीणा भी अपनी गांड का उद्घाटन विक्रम से शादी से पहले ही करवा चुकी थी इसलिए मेरे लंड ने वीणा की गांड में जाने में ज्यादा समय नहीं लगाया. मेरा लंड वीणा की गांड में तो चला गया था लेकिन मैं उसमें अभी तक धक्का नहीं मार पाया था क्योंकि लंड को अंदर बाहर करने में मुझे वीणा की गांड का कसाव कुछ ज्यादा ही महसूस हो रहा था।
वीणा बोली- राज, तुम्हारा लंड विक्रम से ज्यादा मोटा है। इसलिए मुझे अपनी गांड में दर्द की अनुभूति हो रही है. कृपया थोड़ा आराम से करना।
वीणा ने तो मुझसे अपना लंड अंदर-बाहर आराम से करने की गुजारिश की किंतु विक्रम से थोड़ा ज्यादा मोटा होने की तारीफ मुझे कुछ ज्यादा ही उत्तेजित कर गई। अतः मैंने दरिंदे की तरह अपने लिंग को वीणा की गांड के छेद के बाहरी मुंह तक निकाला और एकदम से जोर से अंदर पेल दिया। वीणा यह झटका संभाल नहीं पाई और उसके मुंह से ‘ओ बहन चोद …’ की गाली निकल गई।
मुझे उसके द्वारा निकाली गई गाली ने और उत्तेजित किया और मैंने फिर अपने लंड को बाहर निकाल कर फिर जोर से उसकी गांड में ठेला। इस बार उसने मुझसे मादरचोद कहा और जोर-जोर से कहने लगी कि अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकालो।
जैसा कि मैंने कहा था, मैंने अपनी उत्तेजना में अपना आपा खो कर अपने धक्कों की गति और तेज कर दी इस तरह मेरी कमर और वीणा की गांड की टकराहट से जोरदार आवाजें आने लगी।
थोड़ी देर बाद वीणा की गांड के छेद ने मेरे लंड को एडजस्ट कर लिया और वीणा भी इस गांड चुदाई का मजा लेने लगी। वीणा की कसमसाई गांड में झटके लगा-लगा कर मुझे अहसास हुआ कि अब मैं झड़ने वाला हूं। अतः मैने अपना लिंग वीणा की गांड से निकाल कर इसी स्थिति में उसकी चूत में पेल दिया और उसकी चूत को अपने लंड से फाड़ने लगा।
वीणा जोर से अंग्रेजी में फक फक फक … बकने लगी। थोड़ी देर में वीणा की चूत ने मेरे लंड पर हल्का सा फव्वारा छोड़ दिया तथा मैंने भी अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया.
वीणा की इस धुआंधार चुदाई से हम दोनों की टांगों ने जवाब दे दिया था क्योंकि ज्यादातर चुदाई हमने हमारे टांगों के बल पर ही की थी. जिसके कारण हम थक कर बिस्तर पर आकर लेट गए।
हम दोनों बिस्तर पर नंग-धड़ंग पड़े हुए थे और हमारी सांसें तेज चल रही थीं। हमारी चुदाई रुकने से जैसे ही शांति हुई तो पास वाले कमरे से रीना और विक्रम के कमर और कूल्हों की टकराहट की जोरदार पट-पट वाली आवाज हमारे कमरे तक आ रही थी जिसे सुनकर हम दोनों की हंसी छूट गई।
वीणा ने कहा- देवर और भाभी की जोरदार चुदाई चल रही है। विक्रम आज रीना को बुरी तरह चोद देगा।
इस पर मैंने वीणा से कहा- मेरी प्यारी जानू! तुम रीना को नहीं जानती। विक्रम रीना को नहीं बल्कि रीना विक्रम की इस प्रकार चुदाई करेगी कि सुबह अगर विक्रम ने दर्द से अपना लंड नहीं पकड़ लिया तो मेरा नाम बदल देना।
इस प्रकार दोनों की हंसी फिर छूट गई।
वीणा बोली- विक्रम का लंबा लन्ड रीना की चूत की इतनी गहराई तक जाएगा कि आपका वहां तक नहीं पहुंचता होगा।
इस पर मैंने वीणा को जवाब दिया कि मेरा लंड भी तो तुम्हारी चूत की चौड़ाई को बढ़ाता हुआ अंदर गया है. इतना चौड़ा कि विक्रम पहले कभी नहीं कर पाया होगा।
इस तरह की उत्तेजना भरी बातों के कारण हम दोनों के गुप्तांगों ने एक बार फिर हमारे दिमाग को इशारा दिया कि एक घमासान चुदाई फिर हो जानी चाहिए।
इसलिए मैंने जैसे ही वीणा के स्तनों को पकड़ते हुए अपने लंड को उसकी चूत के पास बढ़ाया, इस पर वीणा ने मुझे रोकते हुए कहा- आप की पहली चुदाई ने मजे के साथ दर्द भी दिया है। अबकी बार इस तरह से चुदाई करते हैं कि चुदाई के साथ सिकाई भी हो जाए।
वीणा उठ खड़ी हुई और अपनी मादक चाल से चलते हुए बाथरूम के अंदर घुस गई। उसने बाथटब को गुनगुने पानी से भर दिया और मुझे बाथरूम में बुला लिया। मैं अपना खड़ा लंड लेकर बाथरूम में गया जहां वीणा ने मेरा लंड पकड़ते हुए मुझे बाथटब के अंदर खींच लिया। मैं बाथटब में बैठ गया जिसका पानी मेरे सीने तक आ रहा था। वीणा ने भी अपने आप को बाथटब में गिरा लिया।
अब हम दोनों के नंगे जिस्म झाग वाले गुनगुने पानी में एक दूसरे से घर्षण करने लगे। हमने एक दूसरे को चुंबन करते हुए एक दूसरे के गुप्तांगों को सहलाना शुरू किया। उत्तेजना के चरम पर पहुंच कर वीणा मेरी गोद में आकर बैठ गई और उसने अपनी चूत में मेरा लंड फंसा लिया। अब हम दोनों की टांगें विपरीत दिशा में थीं और वीणा मेरी गोद में बैठे हुए मेरे लिंग की सवारी मानो इस तरह कर रही थी जैसे किसी घोड़े पर बैठने के बाद सवारी करते हुए घुड़सवार ऊपर नीचे होता है।
हम दोनों की तेज चुदाई से बाथटब का पानी छपाछप करने लगा।
हमारी चुदाई इतनी तेज थी कि बाथटब का पानी बाहर तक बहने लगा। अब हम दोनों अपने कूल्हों का इस्तेमाल करके एक दूसरे के अंदर समाने का प्रयत्न करने लगे। काफी देर तक इस तरह चुदाई करने के बाद मैंने अपनी सेक्स पोजिशन बदलनी चाही किंतु वीणा इस चुदाई से इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसने मुझे छोड़ा ही नहीं और मेरे लिंग पर लगातार उचकती रही।
इसी तरह की अवस्था में हम एक-दूसरे से बेहद जकड़न वाला आलिंगन करके एक दूसरे के अंदर समाते हुए झड़ गए। करीब 5 मिनट तक हम बाथटब में अपनी थकान मिटाते रहे. उसके बाद हल्का सा शावर लेकर गीले बदन ही अपने बिस्तर पर पहुंचे। वीणा आकर मेरे सीने से चिपक गई और हल्की सी मुस्कुराहट के साथ आंखें बंद करके सो गई. थोड़ी देर के बाद उसे थकान होने के कारण गहरी नींद आ गई थी।
रात के करीब 3:00 बजे थे। विक्रम और रीना के कमरे से आने वाली चुदाई की आवाज भी रुक गई थी। शायद वो दोनों भी सो गए थे।
इस तरह आज भाइयों ने अपनी बीवियों को बदल कर भोगा था, देवर ने भाभी और जेठ ने बहू की चूत चुदाई की.
यह सोच कर ही मन रोमांचित हो रहा था। मैं लेटे-लेटे सोचने लगा कि अब कल क्या होगा? अब तो ये खेल शुरू हो गया है. अब तो सीमा और श्लोक की तरह ही रोजाना अदला-बदली करके इस चुदाई के आनंद को काफी समय तक भोगना है।
इस तरह के याराना के अब हम कुल 8 यार हो गए थे जिन्होंने अपनी साथियों को बदल कर याराना में भोगा था।
मेरा मन यह कल्पना करने लगा कि क्या हमें कभी रणवीर-प्रिया, सीमा-श्लोक को यहां बुला कर आठ लोगों की सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम का आयोजन करना चाहिए?
वह पल कितना सुखद होगा जब एक ही लंड को अपनी बीवी के साथ चार अन्य लोगों की बीवियां मुंह में लेकर चूसेंगी और अपनी चूत में ग्रहण करेंगी।
कुछ इस तरह की कल्पना करते हुए मेरी आंख लग गई और मैं गहरी नींद में सो गया।
अंतर्वासना के प्यारे दोस्तो, याराना के इस अध्याय पर यहीं विराम लगाते हैं। आगे की कहानी हमारे सुबह उठने के साथ से ही शुरू होगी।
रीना-राजवीर, रणवीर-प्रिया, श्लोक-सीमा और विक्रम-वीणा के याराना के बाद कोई नया जोड़ा है जो हमारे साथ अदला-बदली की चुदाई करने वाला याराना बनाने वाला है।
एक नई शुरुआत होने का रोमांच अभी बाकी है। उस नए जोड़े को अपनी चालाकी से इस याराना में शामिल करने का किस्सा सुनाना अभी बाकी है।

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