रणविजय और मेरे यानि राजवीर की बीवियों की अदला बदली की घटना घटित होने से पहले, मेरा साला यानि मेरी बीवी रीना का भाई श्लोक की शादी के समय की बात है। श्लोक ने विदेश में जाकर बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की थी और वह एक बड़ी कंपनी का कर्मचारी था।
शादी के लिए काफी लड़कियां देखने के बाद उसे एक लड़की पसंद आई थी जिसका नाम था सीमा। सीमा वास्तव में एक रूप की परी थी। यह श्लोक की पढ़ाई में मेहनत और अच्छी कंपनी में होने का ही नतीजा था कि उसे सीमा जैसी बीवी मिली। सीमा आजकल के चलन जीरो फिगर के अनुसार ही परफेक्ट शरीर वाली थी उसके शरीर की एक खास बात यह थी कि वह काफी लंबी थी।
उत्तेजना पैदा करने वाले चेहरे वाली सीमा लंबाई और शरीर में फिल्मों की हीरोइन कृति सेनन जैसी थी।
मैं और रीना शादी में 4 दिन के लिए सम्मिलित हुए थे। सब कह रहे थे ‘वाह… यह तो फिल्म हीरोपंती की नई हीरोइन जैसी लग रही है।’
हालांकि तब तक मैंने ना हीरोपंती देखी थी ना उसकी हीरोइन। यह बात तो उसकी शादी के काफी समय बाद मैंने महसूस की जब मैंने फिल्म देखी। तब अनायास ही मेरे मुंह से निकल गया- वाह! यह तो सीमा जैसी लगती है।
सीमा ने भी बिजनेस मैनेजमेंट का कोई कोर्स किया हुआ था लेकिन श्लोक की बड़ी जॉब की वजह से उसने नौकरी ज्वाइन नहीं की।
शादी के वक्त श्लोक ने मेरे साथ बहुत वक्त गुजारा क्योंकि मैं उसका सगा जीजा था। हमने उसकी शादी में बहुत मजे किए। रीना भी अपने भाई की शादी में कयामत ढा रही थी। जी हां, वही रीना तमन्ना भाटिया और अदा खान के मिक्स चेहरे और शरीर के मालकिन।
वधू पक्ष के काफी लड़के रीना को घूर रहे थे और बहाने बहाने से उसके पास भटक रहे थे और किसी ना किसी बहाने से उससे बात करने की कोशिश कर रहे थे और करे भी क्यों ना रीना चीज ही ऐसी थी।
श्लोक की शादी में बड़े जाने माने लोग आए थे क्योंकि वह एक बड़े परिवार का पुत्र था। सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाली हस्ती हिमाचल के पहाड़ों से प्रसिद्ध कुख्यात अनंत बाबा (बदला हुआ नाम) शादी में आए थे. उनके बारे में कहा जाता था कि वह जो भी बोलते थे वह सत्य हो जाता था, अतः बाबा व्यर्थ कुछ भी नहीं बोलते थे, केवल आशीर्वाद के लिए अपना हाथ उठाते थे।
मेरे ससुराल पक्ष वाले परिवार पर उनकी बड़ी कृपा थी जिसके कारण मेरा ससुराल पक्ष प्रतिष्ठित परिवार बना था।
श्लोक ने शादी के वक्त मेरे मेरे सामने एक प्रस्ताव रखा, उसने कहा- जीजा जी, आप जो प्रोडक्ट बनाते हैं, उसका काफी नाम है। मैं चाहता हूं कि यह प्रोडक्ट एक शहर का जाना माना नाम ही ना बनकर भारत में पहचान बनाए! और इसका पहला कदम होगा जब हम अपने पास के बड़े शहर जयपुर में इसकी शुरुआत करें क्योंकि मेरी जॉब जयपुर में ही है तो मैं वहां एक ऑफिस खोलकर, वहां कुछ कर्मचारी रख कर यह मैनेज कर सकता हूं।
मुझे उसका विचार अच्छा लगा, मैंने उसे सहमति दी।
श्लोक की शादी के कुछ समय बाद उसने मुझे एक दिन जयपुर बुलाया और हमारे नए प्रोडक्ट का नया ऑफिस बताया। मैं तो आश्चर्यचकित हो गया था उसने बिना बताए लाखों की लागत से ऑफिस खरीद लिया था और उसे चलाने की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
कुछ ही महीने के अंदर-अंदर उसके जयपुर के ऑफिस से मेरे प्रोडक्ट को 15 लाख का कारोबार मिला और अब वही हुआ, इसकी पहचान बन गई थी।
इस बीच मेरे, रणविजय रीना और प्रिया का याराना वाला वह के अदला बदली का किस्सा घटित हुआ।
एक दिन मेरे प्रोडक्ट के लिए श्लोक के जयपुर के ऑफिस में 90 लाख का ऑर्डर आया। बिजनेस फैल चुका था, श्लोक ने इसके लिए अपनी बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़ दी और वह यहां अपने ऑफिस में हेड मैनेजर बन गया था।
अब क्योंकि प्रजंटेशन और बाकी के सारे जरूरी कामों के लिए प्रोडक्ट के मालिक की बहुत जरूरत होने लगी तो अब मुझे जयपुर ही शिफ्ट होना पड़ा। घर वालों ने रीना को साथ रखने के लिए जयपुर जाने की अनुमति दे दी थी। वहां का प्रोडक्शन बिज़नेस पिताजी और छोटा भाई चला रहे थे, मैं अब अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए जयपुर आ गया था।
रहने की व्यवस्था श्लोक ने कर ली थी, उसने एक बड़ा दो बेडरूम वाला फ्लैट किराए से लिया जो कि शानदार लोकेशन पर था वास्तव में बहुत शानदार फ्लैट था। बड़ा किचन और बड़े-बड़े बाथरूम जोकि कई तरह के शावर से सिरमोर थे, जैसे कि कोई पांच सितारा होटल! विदेश में पढ़ाई करने और बड़ी कंपनी में जॉब करने से उसका लिविंग सेंस शानदार था। यह उस की ही देन थी। सीमा के हाई क्लास लिविंग सेंस की वजह से भी ऐसा था।
श्लोक और मेरा परिवार साथ ही रहने वाले थे। यानि कि हम चारों रीना और मैं तथा श्लोक और सीमा।
रीना और सीमा दोनों ननद भाभी की अच्छी मेल खाती थी, दोनों एक तरह से सहेलियां थी। रीना हालांकि एक अच्छी बहू थी लेकिन पति के साथ अलग रहना हर लड़की का ख्वाब होता है। शादी से पहले रीना काफी खुले विचारों की थी, जींस और छोटे कपड़े पहनना उसके शौक में शुमार था लेकिन उसने अपनी बहू की जिम्मेदारी को समझते हुए सबसे मोह छुड़ा लिया था।
एक महीने बाद वह दिन आ गया जब हम चारों फ्लैट में शिफ्ट हुए। रीना और सीमा फ्लैट देखकर बहुत खुश हुई, केवल 4 ही लोगों का काम होने से उन्होंने केवल सुबह फ्लैट की सफाई के लिए बाई लगाने की सहमति दी। खाना दोनों खुद बनाना चाहती थी।
शिफ्ट होने के 15 दिन तक तो ऑफिस सेट अप करने और ऑफिस के एंप्लाइज की जॉइनिंग के साक्षात्कार में ही लग गए। सुबह 9:00 बजे जाते तो आने में रात को 10:00 बज जाते। इस बीच मेरी सीमा से केवल ना के बराबर बात हुई।
क्योंकि श्लोक और रीना तो भाई बहन थे तो उनकी बातें ज्यादा हो जाती थी पर अभी चारों के बीच याराना नहीं था। यह तो याराना कहानी की पूरी पृष्ठभूमि बदलने की बातें थी।
अंतर्वासना की वासना वाली बातें तो अब शुरू करते हैं।
जब ऑफिस और घर दोनों जम गए तब श्लोक और हमने 2 दिन की सप्ताहांत पर छुट्टी करने की सोची, अतः दोनों घर पर ही रहे।
जब सुबह हम उठे तो दोनों की बीवियां नाश्ते पर हमारा इंतजार कर रही थी। हम थोड़ा समय लेकर डाइनिंग टेबल पर पहुंचे।
रीना और सीमा ने इन दिनों काफी सारी शॉपिंग की थी। ससुराल में साड़ी पहनने वाली रीना की जगह अब छोटी पैंटी समान जींस के निकर ने ले ली थी जिससे रीना की गोरी और भरी हुई बालों रहित जांघों के दर्शन हो रहे थे जो उत्तेजना का भाव पैदा करने वाले थे।
सीमा ने भी इसी तरह का छोटा निकर पहना हुआ था। आज फ्री होने के कारण मेरा ध्यान अनायास ही उसके रीना से पतली गोरी गोरी जांघ पर गया लेकिन बाकी तीनों के वहां होने से मैं उसकी गोरी टांगों को घूर के मन भर के नहीं देख पाया।
अभी तक सीमा के लिए मन में कोई बुरे विचार नहीं थे लेकिन आज सफेद चमड़ी से सटे निक्कर में सीमा को देख कर मन में अचानक से एक हिलोरा आया।
श्लोक सीमा की शादी के 2 साल बाद मैंने सीमा को यहीं फ्लैट में ही अच्छे से देखा था, काफी मॉडर्न थी। लेकिन हमारी बातचीत कम ही हुई थी जितनी जरूरत हो। यह समय की कमी की वजह से था लेकिन अब हमारे पास वक्त था।
टेबल पर थोड़ी अनौपचारिक बातचीत और नाश्ते के बाद महिलाएं अपने काम में लग गई और श्लोक और हम टाइम पास करने लगे। बिजनेस के इधर उधर की बातों के बाद हम अपने अपने कमरे में तैयार हुए और दिन में आराम करने लगे।
रीना मेरे पास थी लेकिन मेरे दिमाग में सीमा छाई हुई थी।
मैं खुश था कि रीना सीमा इसी तरह के कपड़े घर में पहनने के लिए लाई थी जो कि उसने मुझे बताए थे कि चलो घर में मेरी वासना का समाधान रीना के साथ सीमा का अंग प्रदर्शन भी रहेगा। मैं चाहता था हम चारों रिश्तेदार ना रह कर यार बन जायें।
इसलिए हम चारों एक को एक दूसरे के साथ घुलना जरूरी था।
क्योंकि रीना सीमा ननद भाभी और श्लोक रीना भाई बहन होने से उनकी तो फिर भी बातचीत जान पहचान थी लेकिन श्लोक मेरे बीच गंदी बातें ना करने की मर्यादा थी। हम अभी तक दोस्त नहीं थे।
मैंने चारों को घुलने मिलने के लिए ऑनलाइन फिल्म की टिकट करवा दी।
फिल्म कैमरॉन डाइज की सेक्सटेप सेक्स कॉमेडी थी, चारों इसे देखकर खूब हंसे। घर आते वक्त कार में फिल्म के अश्लील जोक पर हम खूब हंसे। इस तरह हमारे काफी घुले-मिले रिश्तेदार से यार होने की शुरुआत होने लगी।
घर पहुंचने के बाद मैंने अपनी पत्नी की जोरदार ठुकाई की और लगभग 2:00 बजे थे, आंखों में नींद समाने ही वाली थी कि पास के कमरे से सीमा के दर्द और मजे से मिश्रित जैसी सेक्स करते हुए आह आह की आवाज आने लगी.
मैं चकित था क्योंकि हमारे सेक्स करने में कभी इस तरह की तेज आवाजें नहीं निकलती थी। ऐसा सिर्फ मैंने फिल्मों में देखा था कि पोर्न फिल्मों की नायिका जोर से आह आह कर रही है।
रीना को भी नींद नहीं आई थी वह मेरी तरफ देख कर हंसने लगी.
मैंने रीना से कहा- यह सब क्या है?
तो रीना ने मुस्कुराते हुए कहा- आप तो ऑफिस के काम की वजह से जल्दी से थक कर सो जाते थे लेकिन पिछले 15 20 दिनों में मैंने यह आवाज तीन चार बार पहले भी सुनी है।
मैंने रीना से कहा- तो इसका मतलब क्या है? श्लोक वाइल्ड सेक्स करता है या फिर सीमा को शादी के इतने समय बाद भी श्लोक का लिंग लेने की आदत नहीं हुई है।
अपने भाई के बारे में ऐसी बात सुनकर रीना ने मुझे टोका और कहा- आप उनके बेडरूम में इतना ज्यादा इंटरेस्ट क्यों ले रहे हो?
मैंने बात को वापस वहीं पर रख कर कहा- छोड़ो ना फालतू बातें, यह बताओ यह सब है क्या?
तो रीना ने कहा- देखो यह केवल दर्द से चीखने की आवाज नहीं है इसमें मजे की ध्वनि भी सम्मिलित है, इसका मतलब सीमा को आनन्द तो आ ही रहा है, थोड़ा दर्द भी हो रहा है।
मैंने रीना से कहा- इसका मतलब तुम्हारे भाई का लिंग या तो काफी बड़ा है या काफी दम रखता है।
इस पर रीना ने मुझे डांट कर चुप करा दिया और कहा- एक बहन के सामने उसके भाई की ऐसी बातें करते हुए आपको शर्म आनी चाहिए।
मैं- यह देखो अपने पति के मित्र के साथ सोने वाली पतिव्रता नारी! आज कितनी सज्जनता वाली बात कर रही है.
रीना- यार, रणविजय की बात अलग थी। यह सब हमने सम्मिलित रूप से किया था और इसमें हम सब भागीदार थे लेकिन श्लोक मेरा भाई है मुझे ऐसी बातें करना अच्छा नहीं लगता।
मुझसे नाराज होकर तथा डांट कर रीना सो गई.
उसके करीब आधे घंटे बाद तक सीमा की सेक्स में मजे लेने वाली आवाज आती रही जैसे कि कोई पोर्न फिल्म की आवाज आ रही हो। जब उनकी आवाज बंद हुई, उसके आधे घंटे बाद मुझे नींद आ गई। इस आधे घंटे में मेरे मन में सीमा को लेकर काफी सारा मंथन हुआ, सीमा की अहा अहा की आवाज में उसके प्रति मेरे विचार बदल लिए थे। ऐसा लग रहा था जैसे कोई पोर्न फिल्म की नायिका बेहद आनन्दपूर्वक सब कुछ भूलकर चुदाई में खोई हुई है और उसकी ऐसी तस्वीर की कल्पना करते हुए मुझे नींद आ गई।
अगले दिन चाय नाश्ता कर श्लोक और में किसी मॉल में शॉपिंग और जरूरी सामानों की खरीदारी करने के लिए गए। वहां मैंने श्लोक से ऐसी बातें शुरू की जिससे कि वह मुझे दोस्त मानने लगे।
मैं- यार श्लोक, सेक्स टेप पिक्चर बड़ी प्यारी थी। सेक्स प्ले, सेक्स को लेकर एक्सपेरिमेंट और कॉमेडी जोरदार थी। मुझे तो उस फिल्म की हीरोइन कैमरोन डियाज काफी अच्छी लगी। एकदम गोरी प्यारी सी!
श्लोक- हां जीजू, मुझे वह पसंद है, मैंने उसके काफी फिल्में देखी हैं!
मैं- मुझे लगता है कि हमें भी ऐसे सेक्स एक्सपेरिमेंट करना चाहिए!
श्लोक- क्यों जीजू, आपको ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ने लग गई? दीदी आपका ख्याल नहीं रखती क्या?
मैं- तुम्हारी दीदी तो बड़ा ख्याल रखती है लेकिन साला आदमी का मन ही इतना चंचल होता है कि उसे एक ही लड़की का ख्याल काफी नहीं होता!
श्लोक- हां जी, बात तो आपकी सही है!
मैं- यार श्लोक, तुमने तो विदेश में रहकर पढ़ाई की है वहां तो तुमने कैमरोन जैसे गोरी महिलाओं के साथ काफी मजा किया होगा?
श्लोक- क्या जीजू, आप भी सारे राज जान कर रहेंगे!
मैं- अरे यार श्लोक, क्या बताऊं, तुम तो बाहर जाकर पढ़े हुए हो, तुम्हारी दोस्ती तो तुम्हारी पढ़ाई ही रही होगी लेकिन मुझे तो दोस्तों की आदत है। गांव में भी मेरे काफी दोस्त हैं और रोजाना उनके साथ उठना बैठना बातें करना सब बड़ा याद आता है. अभी यहां तो दोस्त भी तुम हो, साले भी तुम, रिश्तेदार भी तुम! इसलिए दोस्ती वाली बातें कर रहा हूं. चिंता मत करो, तुम्हारी दीदी से तुम्हारी तारीफ नहीं करूंगा.
श्लोक- चलो ठीक है जीजू, वहां सारे दोस्त वीकेंड पर कॉल गर्ल के पास जाते थे वहां पर मैंने काफी सारी अंग्रेजी महिलाओं की चुदाई की है। उसके बाद पढ़ाई के अंतिम साल में मेरे एक अंग्रेज महिला सेट हो गई थी। हमने जमकर सेक्स किया। खूब मजे लिए! और आप अपने बारे में बताइए?
मैं- यार, शादी से पहले तो मैंने भी बहुत मजे लिए! लेकिन किसी अंग्रेज महिला के साथ संबंध नहीं बना पाया, इस बात का मलाल है, इतने गोरे रंग की महिला के साथ सेक्स करना काफी मज़ेदार होता होगा!
श्लोक- गोरी महिला से आपका क्या तात्पर्य है हमारे परिवार में तो किसी का भी रंग सांवला नहीं। दीदी उतनी ही गोरी है जितने कि कोई अंग्रेज महिला… मुझे तो उनके रंग और किसी अंग्रेज महिला के रंग में कोई खास फर्क नजर नहीं आता और रही अंग्रेज महिला के साथ सेक्स संबंध बनाने की बात तुम इसका इंतजाम मैं अपने जीजाजी के लिए कर दूंगा। हां, बस दीदी को इसका पता ना चले वरना मैं अपनी बहन का घर बिगाड़ने वाला भाई बन जाऊंगा.
हम दोनों इस बात पर हंसने लगे.
चलो अच्छा हुआ, आज मेरा साला मेरा दोस्त बनने लगा था। मुझे विश्वास था कि समय के साथ हमारी दोस्ती बढ़ती जाएगी।
लेकिन इससे होने वाला था क्या? आपको पता है मेरे दिमाग में क्या चल रहा था?
चलिए बताता हूं:
श्लोक और सीमा एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। रीना भी मुझे प्यार करती थी।
सीमा की सेक्सी लंबी टांगों ने मेरे दिमाग में सेक्स का कीड़ा कर दिया था लेकिन मैं उसके साथ धोखे से जबरदस्ती या उसे पटा कर सेक्स नहीं कर सकता था और इसमें तो मजा भी नहीं आता। मैं श्लोक के साथ या रीना के साथ धोखा नहीं करना चाहता था। मैं तो बराबर का सौदा करना चाहता था और इस प्रकार का सौदा तो मैं कर चुका था। जी हां मैं वाइफ स्वैपिंग की बात कर रहा था। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह थी कि सीमा का पति और मेरी बीवी आपस में भाई बहन हैं। यह अदला-बदली का खेल शुरू करना इतना आसान नहीं था इसमें काफी रिस्क था। श्लोक से सीमा से बदनामी का तथा रीना से उसकी नजरों में गिर जाने का रिस्क था। लेकिन अगर रिस्क ना होती तो याराना रोमांचक कैसे बनता।
समय बीतता गया सीमा से मेरी भी हंसी मजाक होने लगी थी हम एक दूसरे को दोस्त की तरह ट्रीट करने लगे थे कभी-कभी अश्लील मजाक भी कर लिया करते थे जब चारों एक साथ बैठे रहते थे। लेकिन क्योंकि हम सारे व्यस्क थे इसलिए कोई इतना बड़ा इशू नहीं था।
खुलने में बीवियों की भी तारीफ करनी होगी क्योंकि नाश्ता करते हुए और ऑफिस जाते हुए गले लगना किस कर लेना आम बात हो गई थी। लड़कियों का छोटे कपड़े पहनना मुद्दा नहीं था। सीमा और रीना के कपड़े शरीर को छुपाते कम दिखाते ज्यादा थे, उनकी टाइट वाइट शर्ट उनके शरीर के अंगों का अंग प्रदर्शन खुलेआम करते थे। और दोनों देवियों ने अपनी गोरी सेक्सी टांगों को ढकना तो छोड़ ही दिया था। केवल उनके जांघों के ऊपर का हिस्सा ढका हुआ होता था।
रातों में सीमा के श्लोक के साथ मजे के साथ सेक्स में कराहने की आवाज आती रहती थी। कभी-कभी श्लोक की भी जोरदार आवाज आती। उनका इस तरह से सेक्स करना हमारे लिए पहेली था जिसे शायद रीना ने समझना उचित नहीं समझा। लेकिन सीमा की आवाज मुझे बेचैन कर जाती थी।
एक दिन ऑफिस के काम के बाद मैं और श्लोक दोनों खाली बैठे हुए थे तो मैंने मजाक में कह दिया- श्लोक, मेरे लिए अंग्रेज महिला के इंतजाम का क्या हुआ?
तभी श्लोक बोला- कभी किसी बहाने से दोनों की बीवियों को यहां छोड़ कर एक विदेश का दौरा कर ही लेते हैं, वहां जाकर आप का शौक तो पूरा हो जाएगा। लेकिन मेरा शौक नहीं पूरा होगा!
मैं- क्यों ऐसा क्या शौक है मेरे साले साहब को?
श्लोक- जीरो फिगर वाली जैसे शरीर रखने वाली खूब लड़कियों के साथ सेक्स कर लिया है लेकिन आजकल देसी पोर्न साइट पर भाभियों को देख देखकर मेरे मन किसी भाभी को ठोकने की लिए तड़पता है। भरे हुए शरीर की लेकिन मोटी नहीं… ऐसी महिला के साथ सेक्स करने को मिल जाए तो मनोकामना पूर्ण हो जाए। जैसे कि बाहुबली फिल्म की अनुष्का शेट्टी!
इतने में मैं उसकी बात काट कर बोला- या फिर बाहुबली की तमन्ना भाटिया? है ना?
श्लोक हंसने लगा और कहने लगा- हां, वह भी मुझे काफी पसंद है!
श्लोक से बात सुनकर मेरा मन काफी खुश हुआ उसकी यह मनोकामना तो रीना का शरीर पूरा कर सकता था। तमन्ना भाटिया के सेक्सी शरीर को लिए हुए गोरे रंग की अप्सरा थी रीना।
साड़ी पहनने के कारण एक सेक्सी भाभी का रोल प्ले भी कर सकती थी।
मैंने अपना पासा फेंका और श्लोक का ध्यान रीना पर लाने के लिए कहा- यार सेक्सी भाभी तो मेरे पास है लेकिन मुझे तो पतली कमर और जीरो फिगर वाली महिलाएं ज्यादा आकर्षित करती है जैसे कि लियाना डिक्रूज, कृति सेनन!
श्लोक- कृति सेनन तो मेरे पास है!
और हम दोनों इस बात पर हंसने लगे.
मैं खुश था क्योंकि श्लोक को मैंने यह एहसास करा दिया था कि हम दोनों की पसंद एक दूसरे के पास है। आग तो श्लोक के अंदर भी लगी थी, मुझे बस उसमें घी डालना था और उस आग की लपट को रीना की तरफ मोड़ना था।
दोनों जीजा साले अश्लील बातों में इतना डूब गए थे कि दिनभर ऑफिस में भी अश्लील बातें ही करते रहते थे सेक्स के अलावा हमारे पास और कोई टॉपिक नहीं था.
घर आकर हम अपनी अपनी बीवियों की जोरदार ठुकाई करते.
इस बीच श्लोक और मैंने अपने पसंद के सेक्स आसन भी शेयर कर लिए थे। मुझे पता था कि जब मैं उसे अपना पसंद का सेक्स आसन बता रहा हूं तो कहीं ना कहीं मन मैं वह अपनी बहन को उसके सामने रखकर देख रहा होगा।
एक दिन ऑफिस में हम दोनों बैठकर पोर्न फिल्म देख रहे थे, पोर्न फिल्म सामूहिक चुदाई की थी.
इस पर श्लोक बोला- यार जीजू, आजकल यह चलन बहुत चल रहा है ग्रुप सेक्स का।
इस पर मैंने अगला पासा फेंक ही डाला और कहा- हां यार, ज्यादातर फिल्मों में दो जोड़े आपस में अपनी प्रेमिका बीवियां या अपनी बहनों को बदलकर सेक्स करते हैं और फिर आपस में चारों सेक्स करने लग जाते हैं इस तरह एक ग्रुप बन जाता है और फिर चारों ग्रुप सेक्स करके मजा लेते हैं। वास्तव में यह बहुत उत्तेजना पैदा करने वाला विषय है.
श्लोक- हां मैंने सुना है स्वैपिंग के बारे में विदेश में… जहां मैंने पढ़ाई की थी, वहां मेरे सहपाठी अपने प्रेमिकाओं को बदलकर विकेंड मनाते थे।
अब मैं वो काम करने जा रहा था जिसे करने के लिए मुझे काफी हिम्मत चाहिए थी, मैं श्लोक को बताने जा रहा था कि हमने एक बार स्वैपिंग की है। यह मैं उसे इसलिए बताना चाहता था ताकि रीना को उसको देखने का नजरिया बदल जाए। रीना के प्रति उसके मन में वासना जागने लगे वह रीना को किसी और से चुदाई करते हुए कल्पना करने लगे और ऐसा होगा तभी तो मैं अपने लक्ष्य में कामयाब हो सकूंगा क्योंकि रीना जैसे शरीर को तो वह चोदना ही चाहता था.
मैं- हां यार श्लोक, वाइफ स्वैपिंग में मजा तो आता है। मजा मजा मजा मजा।
श्लोक- आप क्यों अपने मन में लड्डू फोड़ रहे हैं?
तब मैं बोला- मन का लड्डू? अरे नहीं यार, मैं लड्डू खा चुका हूं।
श्लोक- क्या क्या क्या… क्या कहा आपने? आप स्वैपिंग का लड्डू खा चुके हो?
मैं- हां जी श्लोक जी, सही सुन रहे हैं आप!
श्लोक- तो कौन सी गर्लफ्रेंड की अदला-बदली की थी आपने और हमें नहीं बताई यह रोमांचक कहानी?
मैं- गर्लफ्रेंड? मैंने कब कहा गर्लफ्रेंड? अरे मैं तो बीवियों की अदला बदली कर बात कर रहा हूं.
श्लोक- नहीं यार जीजू, आप झूठ बोल रहे हो। मैं नहीं मानता कि रीना दीदी…
मैं- अरे भाई श्लोक, तुम्हारी कसम… तुम्हारी रीना दीदी की कसम… हमने यह लड्डू बड़े मजे के साथ खाया है.
श्लोक- कैसे? कहां? अभी बताइए!
मैं- बस इसके आगे नहीं बताऊंगा… पर जो अभी बताया वह सच बताया है। मैं तो कहता हूं श्लोक कि तुम भी वाइफ स्वैपिंग का मजा ले कर देखो। दुनिया के जितने भी सेक्स है उनमें वाइफ स्वैपिंग जैसा मजा कोई सा भी सेक्स नहीं दे सकता। तीन साल होने को आए तुम्हारी शादी को… कभी चूत बदलने का मन नहीं किया?
श्लोक- मन तो किया लेकिन जितनी लड़कियां मुझ पर मरती है जब जीरो फिगर या फिर सीमा से शरीर की। लेकिन आपको तो मेरी चाहत पता ही है कोई भाभी सेट करवा लो या फिर वही करवा दो जिसके साथ आपने सेक्स किया था.
मैं- बेटा स्वैपिंग करने के लिए अपनी बीवी को भी किसी और को देना पड़ता है। क्या यह कर पाओगे?
श्लोक- अरे जीजू! सीमा और मैं एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं लेकिन सीमा बहुत खुले विचारों वाली है आप नहीं जानते किस किस तरह की उसकी सेक्स इच्छाओं को मैंने पूरा किया है। उसे तो मैं एक दिन में समझा सकता हूं। उसके शादी से पहले दो बॉयफ्रेंड थे और मेरी भी गर्लफ्रेंड और कॉल गर्ल की चुदाई के बारे में मैं उसे बता चुका हूं हम दोनों पति पत्नी होकर भी बेहद अच्छे दोस्त है। वह सब में कर लूंगा आप तो बस दूसरे कपल का इंतजाम करवाइए।
यह बात बोलते हुए मुझे बहुत डर लग रहा था कि दूसरा कपल हम हैं ना! इसलिए मैंने बात को यहीं विराम दिया और श्लोक को जल्द ही इसके बारे में बताने का वादा किया।
आज शाम को जब हम घर पहुंचे तो श्लोक गुमसुम गुमसुम था उसका व्यवहार अलग ही नजर आ रहा था। वह अपनी बहन को ऐसे देख रहा था जैसे नजर नजर में ही समझ लेना चाहता हो कि रीना ऐसा भी कर सकती है।
मैंने उसके 2 दिन बाद तक श्लोक की नजरों को पकड़ा कि किस तरह वह रीना के पैरों पेट व शरीर को देखता है। मेरे ख्याल से श्लोक के मन में रीना के प्रति कामवासना जागृत होने लगी थी। लेकिन एक भाई का अपनी बहन के लिए यह उजागर करना आसान नहीं था।
एक कदम तो मैं कदम सफलतापूर्वक आगे चल गया था। मुझे अगला कदम रखना था- श्लोक को रीना के साथ स्वैपिंग के लिए मनाना।
दो दिन बाद ऑफिस में:
मैं- यार श्लोक, काफी दिनों से मन में एक सवाल है, तुम बुरा ना मानकर उस बात का सही जवाब देना अगर मुझे दोस्त मानते हो। सेक्स तो सभी करते हैं लेकिन तुम्हारे कमरे से इतनी जोरदार चीखने चिल्लाने की आवाज में कैसे आती हैं जिस तरह मानो किसी पोर्न फिल्म की शूटिंग अंदर चल रही हो और पोर्न फिल्म की नायिका बड़े मजे से सेक्स का आनन्द ले रही हो लेकिन उस मजे में दर्द का समावेश भी होता है। तो क्या अभी तक सीमा को तुम्हारा लिंग लेने की आदत नहीं हुई है?
श्लोक- अगर आप पूछ रहे हैं जीजू… तो मैं आज आपको सब कुछ सच बताता हूं। एक मर्द का लंबे समय तक सेक्स करना उसका सपना होता है लेकिन मैं मेरे अंदर यह गुण भगवान ने काफी दिया है लेकिन बुरी बात तो यह है के यह गुण भगवान ने मुझे ज्यादा ही दे दिया है। मतलब यह है कि जब मैं सेक्स करने लगता हूं तो कितना भी चाहूं स्खलन होता ही नहीं है वीर्य गिरता ही नहीं है। यह कोई ताकत नहीं, एक अजीब सी बीमारी है। सीमा को चोद चोद कर मेरा पूरा शरीर टूट जाता है लेकिन मैं संतुष्टि पर नहीं पहुंच पाता. करीब 45 या 50 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद में मुझे कहीं संतुष्टि मिलती है। इसके लिए मैंने क्या कुछ नहीं कर के देखा। सीमा काफी अच्छा मुखमैथुन करती हैं उसकी चूत को मैंने चोद चोद कर चित्तौड़गढ़ बना दिया है। मेरे लिंग पर एक छोटा सा छेद रगड़ खाएं इसके लिए मैंने सीमा की गांड को गोदाम बना दिया है। तो भी संतुष्टि बड़ी मुश्किल से मिलती है। यह वरदान नहीं अभिशाप है। सीमा मेरे द्वारा किए हुए सेक्स से काफी परेशान भी हो जाती है कभी-कभी का ठीक है लेकिन रोज इतना गहरा सेक्स नहीं ले सकती. मैंने तो विदेश में बड़ी-बड़ी कॉल गर्ल को भी पटकनी दे दी है। यह तो बेचारी एक देसी लड़की है. पर क्या करूं रोज सेक्स किए बिना भी रहा नहीं जाता।
मैं- समझ नहीं आ रहा है यह समस्या है या खुशी की बात… किंतु यह इतना भी बुरा नहीं है क्योंकि सेक्स में तुम मजे तो ले रहे हो। अच्छा यह बताओ सीमा इस पर क्या कहती है?
श्लोक- सीमा अभी तक समझ नहीं पाई है कि वह खुश हो या दुखी। शुरुआत के आधे घंटे तक वह जमकर मजा लेती है और जमकर मजा देती है. मैं उसे पाकर बहुत खुश हूं किंतु उसके स्खलन के बाद मेरे स्खलन तक का समय उस पर बहुत भारी पड़ता है।
फिर श्लोक बोला- यार जीजू, यह सब छोड़ो जब से आपने मुझे आपके स्वैपिंग के बारे में बताया है तब से मेरे दिलो दिमाग से यह बात निकल नहीं पाई है। रीना दीदी को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि वे…
इतना कहकर श्लोक रुक गया.
मैंने उससे उसकी बात पूरी करने का आग्रह किया.
इस पर श्लोक ने कहा- रीना दीदी को देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि वे सेक्स के लिए अपने पति की अदला बदली कर सकती हैं.
मैं- अच्छा तभी रीना दीदी को आजकल घूर घूर कर देख कर तुम उनके इस क्रियाओं के बारे अंदाजा लगाते हो?
श्लोक- नहीं, मैंने कहां देखा घूर कर?
श्लोक की जुबान लड़खड़ाने लगी.
मैं- प्रिय श्लोक, मैंने तुम्हें देखा है रीना को घूरते हुए… उसकी गोरी टांगों और उसके पिछवाड़े को आते जाते निहारते हुए। माना कि स्वैपिंग की बात बताने से पहले तुम्हारी ऐसी कोई बुरी नजर रीना पर नहीं थी लेकिन उस दिन के बाद से मैंने तुम्हारी नजर का फेर महसूस किया है.
श्लोक- जीजू, मुझे माफ कर दो, आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. मैं क्या करूं, यह बात मेरे दिलो-दिमाग से गुजर नहीं पाई है जब भी रीना दीदी को देखता हूं उनके स्वैपिंग करके दूसरे मर्द से चोदने की कल्पना पर मन अजीब सा हो जाता है और पता नहीं किस प्रकार की जलन मुझे होने लग जाती है.
मैं- यार श्लोक, जलन तो अपनी प्रेमिका या पत्नी को किसी और के साथ कल्पना करके होनी चाहिए. वह तो तुम्हारी बहन है. पता नहीं तुम्हें उससे क्या फर्क पड़ता है कि वह किसी के भी साथ सेक्स करें क्योंकि रीना तो मेरी संपत्ति है। कहीं तुम्हारा मन यह तो नहीं सोच रहा था कि मेरे इतने करीब होते हुए भी रीना अपने जीजू के अलावा किसी और से कैसे चुदाई कर सकती है?
श्लोक गुस्सा हो गया और बोला- जीजू, आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं कि मैं अपनी बहन के बारे में ऐसा सोच लूंगा. आपकी इस गंदी बात की वजह से मैं आप को कभी माफ नहीं करूंगा! अगर आप मेरे जीजाजी नहीं होते तो शायद मैं कुछ ऐसा कर बैठता जिससे कि आप किसी के साथ सेक्स करने लायक नहीं रहते!
मैं- माफ करना श्लोक, यह बात तो मैंने तुम्हारी नजर देखने के बाद कहीं है। तुम तो मेरे दोस्त हो। अगर रीना और मैं किसी और के साथ अदला बदली करके एक दूसरे से चुदाई कर सकते हैं तो क्या बुरा है कि वह दूसरा जोड़ा तुम ही बन जाओ। वैसे भी अदला बदली का खेल कोई सही बात तो नहीं है। तो इस गलत बात को गलत कहने तथा करने में सही गलत सोचने का क्या काम। वैसे भी तुम्हारी मन की इच्छा है क्या तुम किसी ऐसी भारतीय देसी महिला के साथ सेक्स करना चाहते हो जो नई नवेली भाभी हो, जिसका जीरो फिगर ना हो, भरा पूरा शरीर हो अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया और रीना… क्या इन तीनों से बेहतर तुम्हें कोई अपनी मनोकामना पूर्ण करवाने वाली लगती है? अनुष्का और तमन्ना तो तुम्हारी मनोकामना पूर्ण करने नहीं आएगी तो क्या रीना के अलावा तुम्हें कोई और उससे बेहतर उससे सुंदर उससे अधिक सेक्सी शरीर वाली महिला तुम्हारे ध्यान में आती है? नहीं ना? तो अदला-बदली का यह खेल अगर हम दोनों किसी और के साथ खेलें और आने वाले समय में तुम्हारी मॉडर्न पत्नी सीमा और तुम किसी और के साथ खेलो… उससे बेहतर है कि हम आज ही यह खेल खेल कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर लें।
श्लोक- जीजाजी, आप क्या बोल रहे हैं, मेरी समझ से बाहर है, मैं ऐसा सोच भी नहीं सकता। मुझे माफ कर दीजिए और अब इस विषय में या किसी भी विषय में मुझसे ऐसी बात मत कीजिएगा.
श्लोक फनफनाते हुए केबिन छोड़कर चला गया.
सच बताऊं तो एक पल के लिए मैं काफी डर गया था कि वह रीना को यह बातें बता ना दे क्योंकि मैंने रीना को इन बातों के लिए तैयार नहीं किया था इसलिए भाई बहन वाली बात पर पूरी बात बिगड़ सकती थी।
जब मैं घर गया तब पता चला श्लोक ने मुझसे बात करना छोड़ दिया था, दो दिन तक हमारी बिल्कुल बातचीत नहीं हुई। तीसरे दिन रविवार था यानी छुट्टी का दिन सीमा और रीना ने हम लोगों को बिना बताए वाटर पार्क जाने, मस्ती करने का फैसला हमें सुनाया.
बीवियों की खुशी के लिए हम वाटर पार्क चले गए। वहां पर हम चारों ने बहुत मस्ती की लेकिन श्लोक और मेरी बातचीत बंद थी। इस बात का पता अभी हमारी दोनों बीवियों को नहीं पता चला था।
वाटर पार्क के पानी में भीग कर रीना, सीमा के कपड़े उनके शरीरों से चिपक गए थे। रीना और सीमा दोनों के स्तनों तथा कूल्हों के उभारों को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता था। सीमा को देख कर मेरा लिंग तन तन आए हुए था और बैठने का नाम तक नहीं ले रहा था। लेकिन सीमा से ज्यादा रीना का शरीर उन भीगे हुए कपड़ों में प्रदर्शित हो रहा था। क्योंकि सीमा तो जीरो फिगर पतली कमर वाली महिला थी लेकिन रीना बड़े स्तनों के उभार उत्तेजना पैदा करने वाले चौड़े पेट और आकर्षक शरीर चौड़े कूल्हे वाली महिला थी।
रीना बेशक मेरे पास रोज सोती थी तब भी उसका शरीर मुझे इतना आकर्षित कर रहा था। तो मुझे पूरा विश्वास था कि रीना के शरीर ने श्लोक के लिंग में भी खलबली मचा दी होगी।
थोड़ी देर बाद मैं पूल के बाहर जाकर बैठ गया और उन तीनों को मस्ती करते हुए देख रहा था।
कुछ देर बाद श्लोक मेरे पास आकर बैठ गया और बोला- जीजू, उस दिन के गुस्से के लिए सॉरी। मैंने कभी पहले दीदी को इस नजर से नहीं देखा था इसलिए मुझे उस दिन गुस्सा आ गया था। लेकिन आपकी बातों ने मेरा नजरिया बदल दिया। जब दीदी खुद अपने मजे के लिए अपने पति के अलावा किसी और के साथ सो सकती है, जब वह गलत काम खुद कर सकती है तो मैं क्यों नहीं कर सकता।
श्लोक की यह बात सुनकर मुझे अपने प्लान पर घमंड हुआ आखिर मैंने यह कर ही दिखाया.
मैं- प्रिय श्लोक, हम चारों नई उम्र के वैवाहिक जोड़े घर में अकेले रहते हैं, चारों को एक दूसरे से प्रेम है, एक दूसरे से दोस्ती है और एक दूसरे को पसंद करते हैं. तो क्यों ना इस संबंध का पूरा फायदा उठाया जाए। संबंधों को सेक्स संबंध तथा यारी को याराना बनाया जाए। ऐसा मौका सबको नहीं मिलता। वैसे तुम्हारा मन एकदम से बदल कैसे गया?
श्लोक- क्या बताऊं जीजू, मैं अपने मन को दीदी से हटा नहीं पाया. अदला बदली की बात पता चलने के बाद मैंने दीदी को आपके साथ किसी और के साथ और अपने साथ सेक्स करते हुए कल्पना की। इन 3 दिनों में हालांकि हमने बात नहीं की लेकिन मेरा लिंग एक मिनट भी बैठा नहीं। वाटर पार्क में दीदी के शरीर पर चिपके हुए कपड़ों मैं उनके इस शानदार शरीर को देखा तो ऐसा लगा कि आज अति उत्तेजना की वजह से मेरा लिंग दर्द से मेरा शरीर छोड़ देगा। आज से पहले मैंने इतनी उत्तेजना कभी किसी के लिए महसूस नहीं की। अच्छा एक बात बताइए जीजू यह सब आप केवल मेरे लिए ही तो नहीं कर सकते, सीमा पर आपकी नजर कब से है?
मैं- जब तुम्हारी शादी हुई थी, तब मेरा मन इतना गंदा नहीं था. फिर जब हम इस घर में इकट्ठा हुए उससे पहले मैं और रीना किसी के साथ अदला बदली कर चुके थे। चार एक ही उम्र के लोगों को देखकर मुझे पहला वाला याराना याद आ गया, मैं तुम तीनों से किसी प्रकार का धोखा नहीं करना चाहता था इसलिए बीवी की अदला बदली ही मैंने इसका समाधान सोचा और बीवी की अदला बदली में जो मजा है वह किसी प्रकार के सेक्स में नहीं है श्लोक। उसके बाद घर में सीमा के लंबी सेक्सी टांगों पतली कमर सेक्सी चेहरा लंबे सुनहरे बाल देखकर मेरा लिंग हमेशा फड़फड़ाए रहता जो सीमा के शरीर में नहीं देख पाया वह कृति सेनन के वीडियो डाउनलोड करके देखने की कोशिश करता हूँ, उस वक्त उत्तेजना में मैं अपना आपा खो बैठता हूँ और मन ही मन बोलता हूँ कि कब सीमा कहेगी ‘आओ कभी हवेली पर!’
इस तरह मैं और श्लोक दोनों हंसने लगे. जब रीना और सीमा पूल से बाहर आकर हमारे शरीर पर लिपट गई तब हमारी इस बातचीत का अंत हुआ रात में मैंने रीना की गहरी चुदाई की अपने प्लान के सफल हो जाने तथा आने वाली शानदार चुदाई के याद के साथ मैंने रीना को जमकर ठोका।
उधर श्लोक के कमरे से भी वैसी ही आवाजें आती रही जिसका जिक्र मैं इस कहानी में पहले ही कर चुका हूं।
हालांकि आज की आवाज में काफी ज्यादा मज़ा और दर्द था और श्लोक की भी आवाज मजे के साथ आ रही थी.
अगले दिन हमारे ऑफिस में:
मैं- श्लोक, केवल ख्याली पुलाव पकाओगे और अपनी बहन को सपने में ही चोदोगे या फिर हमें रीना और सीमा से इस बारे में बात करनी चाहिए?
श्लोक- यार जीजू, मुझे तो दीदी से डर लगता है और सीमा का भी डर है कि मैं उसकी नजरों में गिर ना जाऊं… क्योंकि स्वैपिंग के लिए तो वह मान सकती है लेकिन मेरे और रीना दीदी के बारे में उसका क्या विचार होगा मुझे पता नहीं है।
मैं- कुछ तो करना पड़ेगा, वरना हम अपने बीवियों को बदल-बदल कर लिंग का स्वाद कैसे चखाएंगे?
श्लोक- मेरे पास एक आईडिया है जीजू… जिससे कि हमें हमारी बीवियों को यह भी बताना नहीं पड़ेगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि हमने उनके साथ चुदाई कर ली है और हमारा भी शौक पूरा हो जाएगा।
मैं- वह कैसे?
श्लोक- मेरा एक दोस्त बैंकॉक में बैंकर है। और बैंकॉक में एक ऐसी दवा मिलती है जोकि बेहोशी तथा उत्तेजना का मिश्रण है वह एक ऐसी नशीली है दवा है जिससे कि व्यक्ति को नींद आ जाती है किंतु वहां नींद में उस व्यक्ति के साथ सेक्स करता है जिसके साथ में सेक्स करना पसंद करता है लेकिन यह तभी होता है जब उस व्यक्ति के साथ सच में सेक्स किया जा रहा हो इस तरह हम अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर लेंगे और हमारे बीवियों को लगेगा कि उन्होंने अपने पतियों के साथ ही सेक्स किया है
मैं- ऐसी भी कोई ड्रग होती है?
श्लोक- हां जीजू होती है, और मैंने इसका इस्तेमाल भी किया है विदेश में अपने मकान मालकिन के साथ। लेकिन यह कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा आप कहे तो मैं दवा अपने दोस्त से मंगाऊँ क्योंकि भारत में यह दवा नहीं मिलती!
मैं- अरे वाह मेरे होशियार साले साहब, तुमने तो मुझे भी पीछा छोड़ दिया। शुभ काम में देरी कैसी जल्दी मंगवाओ और कर दो शुभारंभ! लेकिन सुनो श्लोक… जो मजा रजामंदी के साथ सेक्स करने में है वह किसी को बेहोश करके करने में नहीं। बीवी की अदला बदली अगर अपनी चारों की मर्जी से हो तो उस का आनंद ही कुछ और है अतः हम दवा मंगा कर उससे दोनों को बेहोश करके उनके नंगे जिस्म का दीदार कर लेंगे और उन्हें मन भर कर देख लेंगे किंतु चुदाई उनकी रजामंदी से ही करेंगे।
श्लोक- ठीक है जीजू आप जो कहते हैं सही। इस बहाने एक मनोकामना तो पूरी होगी रीना दीदी को नंगी देखने की!
15 दिन लगे दवा हमारे घर पर आने में! ये दिन कैसे निकले थे, केवल श्लोक और में ही जानते थे। चुदाई तो हम अपनी बीवियों के करते हैं लेकिन मन में हम एक दूसरे की बीवी को ठोकते रहते थे। इन 15 दिनों में श्लोक और हमने अपनी बीवियों के सारी गंदी बातें सारे पसंदीदा सेक्स पोज स्तनों का आकार गांड का आकार चूत का आकार जैसी बातें करके एक दूसरे की आग को बढ़ाए रखा।
बीवी को दवा खिलाने के लिए शनिवार की रात को चुना। शनिवार से 3 दिन पहले आई हुई दवा को छुपाने के लिए श्लोक में अपना ही कमरा चुना था.
शनिवार आ ही गया। खाने के बाद की आइसक्रीम में हमने दवा दोनों को खिला दी। एक घंटे तक वे दोनों नॉर्मल रही और घर के बाकी काम निबटाकर बेड रूम पर पहुंच गई हम अभी अपने अपने कमरे में ही अपनी बीवियों के साथ सोए।
5 से 10 मिनट के बाद ही दवाई असर करना शुरू कर दिया और रीना और सीमा को गहरी नींद आ गई.
योजना के मुताबिक मैंने और श्लोक ने अपनी अपनी बीवियों को बेहोशी की हालत में नंगी कर दिया, उनके जिस्म पर हमने एक भी कपड़ा नहीं छोड़ा ताकि अगर उन पर दवा का असर नहीं हुआ हो तो वे जाग जायें और हमें पता चल जाए कि उन पर अभी दवा का पूरा असर नहीं हुआ। लेकिन दवा बेहद कारगर थी, उन पर उनके कपड़े उतारने का कोई भी असर नहीं हुआ।
आज हमारी मनोकामनाएं पूर्ण होने वाली थी, सीमा को नग्न देख पाने की लालसा में लंड खड़ा होकर सलामी दे रहा था। रीना को जब मैंने नंगी किया तब मेरे मन से निकला ‘डार्लिंग, आज अपने भाई को अपना नग्न जिस्म दिखने के लिए तैयार हो जाओ।’
रीना के सेक्सी शरीर को देखकर मेरा मन बिगड़ने लगा था और मन किया कि अपने जिस्म को इसके ऊपर एक बार रगड़ ही लूं लेकिन आज मुझे इसे श्लोक के हवाले करना था। बाल खुले हुए, पूर्ण रूप से नंगी रीना के 34″ के गोरे बड़े स्तन और उन पर गुलाबी रंग के निप्पल गजब का नजारा बना रहे थे।
नीचे तमन्ना भाटिया जैसा गोरा और शानदार पेट तथा 27 की कमर चूसने चाटने लायक था। शीघ्रपतन वाले आदमी का तो रीना को ऐसे लेटे हुए देख कर ही अपना स्खलन हो जाए। उसके गोरे गोरे 36″ के कूल्हे गोरी गोरी जांघें और गुलाबी रंग की चूत कयामत ढा रही थी।
मेरे और रणविजय के बाद इस शरीर को देख पाने वाला श्लोक तीसरा खुशनसीब व्यक्ति था जो कि रीना को ऐसे देख पायेगा।
मैं यह सोच ही रहा था कि गेट पर खट खट खट की आवाज आई, दरवाजे पर श्लोक था, उसने कहा- जीजू, आपकी सलहज सीमा गहरी नींद में सो चुकी है और उसे मैंने पूरी नंगी कर दिया है!
तब मैंने कहा- तुम्हारी बहन रीना भी गहरी नींद में सो चुकी है, तुम्हारे दीदार के लिए मैंने भी उसे जन्मजात नंगी कर दिया है.
“तो क्या हम अपने सपना पूरा करने वाले हैं जीजू? रहा ही नहीं जा रहा है। अब तो मेरा लंड जोर से दर्द करने लगा है इतना कड़क हो गया है।”
मैं- श्लोक, वह सब तो ठीक है लेकिन मेरे मन में एक समस्या है, उत्तेजना में आकर ऐसा कोई भी कार्य मत कर देना कि रीना की नींद खुल जाए और लेने के देने पड़ जायें।
इस पर श्लोक विचार करने लगा, उसने कहा- हां यार जीजू, गहरी नींद में मैं रीना दीदी से चुदाई नहीं करूँगा। लेकिन कोई बात नहीं, कम से कम मैं उनके सेक्सी शरीर पर अपनी नजरें डालकर अपनी थोड़ी बहुत मनोकामना तो पूरी कर सकता हूं। यह मेरे लिए बहुत है। चलिए समय निकलता जा रहा है आप भी ज्यादा उत्तेजना में ध्यान रखिएगा कहीं छूने से सीमा की नींद खुल गई तो भी लेने के देने पड़ जाएंगे। हमें अपने पर काबू रखना है और अपने आप को उनका नंगा बदन देख कर ही संतुष्ट करना है.
अतः हमने खुशी वाला एक दूसरे से हाथ मिलाया और दोनों एक दूसरे के कमरे में चले गए.
मैंने कमरे में घुस कर गेट को अंदर से लॉक किया और बेड पर नजर डाली। श्लोक ने सीमा को पूर्ण रूप से नंगी तो किया हुआ था लेकिन उसे चादर से ढका हुआ था। मुझे सीमा का केवल चेहरा ही नजर आ रहा था। मेरी धड़कनें बढ़ने लगी थी, जैसे-जैसे मैं सीमा की तरफ बढ़ रहा था ऐसा लग रहा था मेरी धड़कन आज बाहर निकल जाएगी। इतनी तेज धड़कनें तो मेरी प्रिया की चुदाई के वक्त भी नहीं हुई थी।
मैं बेड के निचले हिस्से पर सीमा के पांव की तरफ खड़ा हो गया और पांव की तरफ से ही धीरे-धीरे मैंने सीमा की नंगी काया पर पड़ी हुई चादर नीचे की तरफ खिसकाई। मैंने चादर को सीमा की गर्दन से नीचे होते हुए उसके गोरे कंधों और स्तनों के ऊपर करके रोक दिया।
क्या दृश्य था… मुझे अभी उसके स्तन नजर नहीं आए थे लेकिन उसके स्तनों का उभार शुरू हो चुका था। कृति सेनन की हमरूप वह हम शरीर वाली एक अप्सरा मेरे सामने बेड पर नंगी लेटी हुई थी.
मुझसे इंतजार नहीं हुआ और मैंने उस चादर को उसके स्तनों से नीचे उसके पेट तक खींच लिया!
ओह माय गॉड… क्या दृश्य था! सीमा के गोरे स्तन मुझे साफ साफ नजर आने लगे थे सीमा के स्तनों का आकार बिल्कुल गोल था जैसे कि दो बड़ी बड़ी कचौरियां उसके शरीर पर सीने पर रखी हुई हो. हालांकि उसके स्तनों का आकार रीना से छोटा था लगभग 33″ लेकिन उसकी पतली कमर पर यह गोल स्तन कयामत ढा रहे थे।
क्या कमर थी दोस्तो, अगर आप यह कमर देखना चाहते हैं तो आप बेशक कृति सेनन की कमर देख सकते हैं. बस वही आकार था.
आज ऐसा लग रहा था कि मैंने अपनी मनोकामना पूर्ण कर ली है. अतः चादर को पूरा उसके नंगे शरीर से हटा दिया. फलस्वरूप उसकी नंगी लंबी गोरी टांगें मेरे सामने नग्न हो गई। सीमा की गांड की चौड़ाई उसके शरीर पर कमर के हिसाब से कुछ ज्यादा ही चौड़ी थी। उसके ऊपर का शरीर पतला तथा गांड की चौड़ाई काफी ज्यादा थी और उसके नीचे वह अपनी लम्बी पतली गोरी टांगों से एक अलग ही आकर्षण पैदा कर रही थी। उसकी टांगें काफी लंबी थी जैसे कि कोई कार्टून कैरेक्टर हीरोइन की होती हैं.
मैंने उसके पेट को चूमते हुए नीचे जाकर अपने साले की बीवी की दोनों टांगों को चौड़ा किया और उसकी चूत के दर्शन किए. चूत की जगह के बाल साफ थे किंतु चूत के ऊपर थोड़ा सा बालों की एक आकृति बनी हुई थी. शायद यह एक स्टाइल था जो कि श्लोक को खुश करने के लिए बनाया हुआ था।
मैंने मंत्रमुग्ध सा अपनी नंगी पड़ी सलहज को देखता रहा. दस मिनट बाद मेरी तंद्रा टूटी और मैं अपने आपको संभाल कर बाहर आ गया क्योंकि करीब 2 से ढाई घंटे बाद दवा का असर कम होने वाला था। ऐसा मुझे श्लोक ने कह दिया था अतः मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।
मेरे आने के 15 मिनट बाद श्लोक बाहर आया, श्लोक बहुत खुश था, आते ही वह मेरे गले लग गया और बोला- जीजाजी, मजा आ गया! क्या शरीर पाया है मेरी बहन ने… आपकी पत्नी का इतना गदराया हुआ शरीर। मैं तो उनके स्तनों को देखकर ही अपना मन नहीं भर पाया शरीर की कोमलता का एहसास अभी मुझे हो रहा है। संगमरमर जैसे सफेद शरीर वाली गुलाबी गुलाब के पंख जैसे स्तन व चूत वाली शरीर की मालकिन है रीना दीदी! मैंने अपने लिंग को अपने हाथ से संतुष्ट किया, दीदी की चूत चोदने में एक अलग ही मजा आयेगा!
तत्पश्चात हम दोनों अपने अपने कमरे में चले गए।
जिस शरीर कि मैं कल्पना कर रहा था वह मुझे इतना आसानी से देखने को मिल गया था वह भी बिना किसी सिरदर्द बिना किसी को बहकाने तथा बिना किसी बातें बनाने से। इस पर मुझे खुशी थी। श्लोक ने तो मेरा काम बहुत ही आसान कर दिया था। रीना मेरे बगल में सोई हुई थी नग्न अवस्था में। श्लोक अपनी बहन की टांगें चौड़ी करके छोड़ गया था. मेरी बीवी की चूत नींद में भी इतनी गीली थी, मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत को झट से मुंह में ले लिया और पागलों की तरह मैं उसे चूसने लगा।
लेकिन गहरी नींद में बीवी को चोदने में मेरी कोई रुची नहीं थी तो मैं अपनी नंगी बीवी के जिस्म से लिपट कर सो गया।
अगले दिन रीना और सीमा जाग उठी तो उनका व्यवहार सामान्य था। सीमा का तो पता नहीं लेकिन रीना एकदम से नींद आने पर आश्चर्यचकित थी और बोल रही थी कि मुझे कल तो कुछ पता ही नहीं चला कब नींद आ गई।
लेकिन श्लोक और मैं दोनों बेहद खुश थे. लेकिन यह महंगी ड्रग श्लोक एक बार की ही मंगा पाया था। श्लोक ने मुझे शाम को कहा- यार जीजू, मजा आ गया, मैं दोबारा अपने दोस्त को यह ड्रग भेजने की बोल रहा हूं। अगले से अगले वीकेंड पर हम दोबारा यही करने का रखते हैं। रीना दीदी को देख देखकर अब रहा नहीं जा रहा। जी तो करता है कि मैं उन्हें कहीं भी पकड़ कर चोद दिया करूं और अपनी संतुष्टि कर लूँ जो मैं उस दिन मन भर कर नहीं कर पाया था।
मैं- हाँ श्लोक, मजा तो आया लेकिन पूरा मजा नहीं आया असली मजा तो तब होता है जब अपना पार्टनर भी अपने साथ सेक्स करने के लिए उत्सुक हो। तुम अपने दोस्त से वह दवाई मत मत मंगाओ, हम एक दूसरे की बीवियों को कोई ना कोई तरकीब लड़ाकर चोदेंगे.
श्लोक- ऐसा नहीं हो सकता, मुझे यह संभव नहीं लगता।
मैं- तुम चिंता मत करो श्लोक, मैं यह सब व्यवस्थित कर लूंगा क्योंकि इस तरह के याराना का मैं सबसे पहला यार हूं।
श्लोक के बिजनेस सफल हो जाने पर श्लोक के माता-पिता का फोन पर आदेश आया कि वह हिमाचल जाकर अनंत बाबा से आशीर्वाद ले ले जिसके कहने पर श्लोक ने अपना बिजनेस शुरू किया था। अनंत बाबा का श्लोक और रीना के परिवार पर बड़ा आशीर्वाद था।
अनंत बाबा ने मेरे ससुराल अर्थात श्लोक के परिवार को लेकर जो भी भविष्यवाणी की थी वह हमेशा से ही सच साबित हुई थी। जैसे रीना की शादी एक समृद्ध परिवार में होना उसका हमेशा से खुश रहना।
श्लोक किसी की नौकरी ना कर कर खुद एक बड़ी कंपनी का मालिक बन जाने की भविष्यवाणी अनंत बाबा ने पहले ही कर दी थी। श्लोक ने उसी विश्वास से अपनी इतनी बड़ी नौकरी छोड़कर मेरे बिजनेस में हाथ डाला था और इसी विश्वास के कारण हमारा बिज़नेस इतना ऊपर पहुंचा।
श्लोक अपने बिजनेस के सफल हो जाने पर अनंत बाबा के आश्रम को कुछ धन गुप्तदान करना चाहता था, यह बात केवल उसने मुझे ही बताई थी, अतः घरवालों की आज्ञा के कारण हमने चारों ने हिमाचल जाने की योजना बनाई और हम चारों 15 दिन बाद अनंत बाबा से मिलने हिमाचल प्रदेश चले गए।
हम बाबा के आश्रम पहुंचे, जहां लंबे इंतजार के बाद बाबा हम से मिलने के लिए अपने मठ से बाहर आए। वास्तव में आनंद बाबा एक अलग ही हस्ती थी, वह आजकल के बाबाओं की तरह ढोंगी, पाखंडी नहीं थे, जितना बोलते थे वह सच बन जाता था, अन्यथा वे कुछ बोलते ही नहीं थे, अगर कोई आशीर्वाद मांगता था तो केवल अपना हाथ उठा देते थे.
समृद्ध परिवार से पहले भी गुप्त दान देने की वजह से श्लोक को वे जानते थे अतः उन्होंने अपनी मुस्कान के साथ हम चारों का स्वागत किया।
हाथ उठाने के बाद सीमा ने आखिर बाबा से पूछ लिया- बाबा, अब तो हमारे जीवन में सब कुछ सही चलेगा ना?
इस पर बाबा थोड़ी देर चुप रह कर बोले- बेटी, आगे का जीवन बेहद सुखद मय है तुम सबका… किंतु एक संकट तो आना है, आप दोनों चली जाओ, हम श्लोक को यह बात बताएंगे।
रीना और सीमा दोनों को बाबा ने जाने को कहा.
श्लोक- बाबा, कैसे संकट के बात कर रहे हो आप?
बाबा- बेटा, मैंने सीमा के मस्तक की रेखाओं को पढ़ा है और मुझे ज्ञात हुआ है कि 2 साल बाद उसके पिता पर बहुत बड़ा आर्थिक संकट आने वाला है. किंतु यह बात तुम उसे मत बताना, वरना वह परेशान हो जाएगी. हां, जितना हो सकता है उसे अपने पिता के साथ समय बिताने का समय दे देना. मैं ऐसी बातें कभी किसी को नहीं बोलता, केवल सुखद बातें बोलता हूं लेकिन तुम्हारा परिवार मेरे लिए बहुत खास है इसलिए मैंने तुम्हें इसके लिए सचेत किया है. और आगे कोई संकट नहीं।
बाबा यह बात बोल कर उठ कर चले गए.
मैंने और श्लोक ने आश्रम से गुप्त दान की औपचारिकताओं को पूर्ण किया और दोनों अपने अपने होटल में लौट आए. सीमा और रीना ने बहुत पूछने की कोशिश की कि बाबा किस संकट के बारे में बात कर रहे थे किंतु हमने उनको कुछ नहीं बताया।
यहां सब हमने अपनी अपनी बीवियों के साथ हनीमून की तरह समय बिताया किंतु एक दूसरे की बीवी पर कोई बुरी नजर नहीं डाली अर्थात यह एक साधारण टूर था।
अपनी अपनी बीवियों के साथ जिसमें चुदाई और उत्तेजना का समावेश था।
हां श्लोक और मैं, हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को देख कर आंखें तो सेक ही लेते थे.
हम अगले दिन वापस जयपुर के लिए रवाना हो गए और जयपुर पहुंच गए.
अगले दिन ऑफिस में
श्लोक- यार पापा पर कैसा संकट आने वाला है?
मैं- अरे साले साहब, अगर पापा पर संकट आने वाला है तो उनका दामाद किस काम आएगा. है तो आपके ससुर ही, आप उनकी मदद कर देना और उन्हें इसके बारे में थोड़ा सचेत कर देना ताकि वे अपने कदम फूंक-फूंक कर रखें!
उनकी बातें करने के बाद हम थोड़ी देर बाद नार्मल बातों पर आने लगे.
श्लोक- लेकिन सीमा मुझसे बार-बार पूछती रहती है कि बाबा ने कौन से संकट के बारे में कहा. मैं उसे क्या जवाब दूं समझ नहीं आता।
तब मेरे दिमाग में एक विचार आया, मैंने कहा- उन्हें क्या जवाब देना है, मैं समझ गया हूं, आज रात को इकट्ठे होकर बात करेंगे और बाबा की कही हुई बातें उन्हें बताएंगे. बस तुम हां में हां मिलाते रहना, बाकी सब मुझ पर छोड़ दो।
शाम को खाने के बाद हम चारों बात करने के लिए छत पर इकट्ठे हुए। खुशगवार मौसम था, ठंडी हवा चल रही थी।
सीमा -अब बता भी दीजिए कि बाबा ने क्या कहा था हम दोनों सोच सोच कर बहुत परेशान हो रही हैं.
श्लोक- यह बात आपको जीजा जी बताएंगे! बताइए जीजाजी!
मैं- देखो यार, मैं इन बाबाओं को नहीं मानता था लेकिन उनकी सारी भविष्यवाणी आज तक तो सही साबित हुई है. यह अपने परिवार को लेकर ही नहीं, और भी कई लोगों के लिए बाबा ने सच्ची बातें बताई हैं। सोचने समझने की बात तो है अगर उन्होंने कोई संकट बताया है तो हम उसका इलाज करें क्योंकि उन्होंने कहा था कि अगर तुम सूझबूझ से काम लोगे तो उस संकट से बचा जा सकता है.
रीना- लेकिन संकट क्या है?
मैं बताने लगा:
सुनि, बाबा ने कहा कि श्लोक और राजवीर जिस बिजनेस को कर रहे हैं वह आगे जाकर बहुत ही बड़ा रूप लेने वाला है। आने वाले समय पर सीमा, श्लोक और रीना, राजवीर को पुत्र धन प्राप्त होगा। यहां तक सब खुशी से चलेगा किंतु उसके बाद पुत्रों की वजह से पारिवारिक कलह का जन्म होगा। पहले बच्चों की वजह से लड़ाइयां होगी और उसके बाद बिजनेस में उनके अधिकार के लिए। और यह लड़ाई इतना बड़ा रूप लेगी के कारोबार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
तब श्लोक ने पूछा- तो बाबा इसका क्या उपाय है?
बाबा बोले- किसी पूजा-पाठ से यह समस्या समाप्त नहीं होने वाली है, इसका उपाय तो तुम चारों को खुद ही करना पड़ेगा। परिस्थितियों या अपने परिवार को ऐसा बनाना होगा कि कोई पराया ना लगे!
इतना कहकर बाबा ने हाथ उठाया और चले गए.
रीना- नहीं नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मैं और सीमा तो कभी पैसों के लिए लड़ नहीं सकते। हमारे बीच में ऐसी कोई लड़ाई नहीं होगी। सीमा का बेटा मेरा बेटा… मेरा बेटा सीमा का बेटा… दोनों को अगर किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी अपने बिजनेस में मिले तो हमें इसका कोई दुख नहीं होगा। आप लोग भी समझदार हैं मुझे नहीं लगता साले और जीजा में इस प्रकार की लड़ाई होगी!
मैं- जी हां, हम बहुत ही समझदार हैं किंतु बाबा की भविष्यवाणियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज की दुनिया में तो भाई भाई का सगा नहीं होता हम तो फिर भी जीजा साले हैं। और ननद भाभियों की तो कहां पटती है। यह तो बहुत कम देखने को मिलता है। क्या पता भविष्य में अभी के जैसा व्यवहार आप दोनों का हमेशा हमेशा रहे। क्योंकि किसी मां के लिए अपने बच्चे से बड़ा नहीं होता!
सीमा- जी हां जीजू, आनंद बाबा का कहा अभी तक तो झूठ नहीं निकला है.
मैं- लेकिन बाबा ने कहा था कि हम परिस्थितियां बदल सकते हैं और वो कैसे करेंगे यह आपके ऊपर निर्भर करता है। मैं 2 दिन से ऐसी परिस्थितियों को बदलने के बारे में सोच रहा था और मेरे मन में एक विचार आया है। यह बड़ा अजीब है। शायद आप तीनों को मुझ पर गुस्सा आए किंतु हमारे बिजनेस व पारिवारिक मेलजोल के लिए यह फैसला तो लेना ही होगा। करना ना करना अपने ऊपर निर्भर है। पर कृपया दोनों मुझे गलत ना समझना!
सीमा- आपने अगर कोई उपाय ही सोचा है तो हम आपको गलत क्यों समझेंगे आखिर कर तो आप हम सब के लिए ही रहे हैं!
मैं- तो सुनो… बाबा के अनुसार घर में कलेश सीमा और श्लोक के बच्चे और मेरे और रीना के बच्चे की वजह से होगा। क्योंकि बाबा ने कहा था की परिस्थितियां बदल कर हम इस संकट को टाल सकते हैं तो अगर हम ऐसा करें कि सीमा को मुझसे बच्चा हो और रीना को श्लोक से तो परिस्थितियां अपने आप ही बदल जायेंगी!
रीना- यह क्या बकवास कर रहे हैं आप? श्लोक मेरा भाई है.
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं जीजा जी? यह गलत है।
श्लोक- गलत है लेकिन एक बार जीजाजी की बात तो सुन लीजिए। वे हमें करने को नहीं कह रहे हैं, वे एक समाधान बता रहे हैं.
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? रीना दीदी आपकी बहन है!
रीना- यह कभी नहीं हो सकता! आप अपनी बात भी पूरी मत कीजिए. जो होगा देखा जाएगा लेकिन ऐसा गलत काम में आप हमें सम्मिलित नहीं कर सकती.
मैं- देखो सीमा! अपनी पत्नी को उसके भाई के साथ सुलाने का दुख मुझे भी है और शायद श्लोक को भी दुख होगा। लेकिन यह हमारे भविष्य की बात है। अगर सीमा मेरे साथ बच्चा पैदा करती है तो उस बच्चे से मुझे भी अपनापन होगा, मैं कभी उसका अहित नहीं चाहूंगा. इसी प्रकार श्लोक को भी उसके बच्चे से अपनापन होगा, हम चारों के बच्चे हमारे बच्चे होंगे और कोई भेद नहीं होगा। अगर ऐसा होता है तो तेरा बच्चा मेरा बच्चा की भावना भविष्य में हमारे सामने नहीं आएगी. यह केवल शुरुआती एक बच्चे की बात है, उसके बाद संकट टल जाएगा। फिर हम अपने अपने पतियों से अपनी अपनी पत्नियों से बच्चे पैदा कर लेंगे।
श्लोक तुम कुछ कहते क्यों नहीं? तुम्हें क्या लगता है कि मैं गलत हूं?
श्लोक- समाधान तो आपने सही बताया है किंतु रीना दीदी मेरी बहन है, आपका और सीमा का तो फिर भी हो जाएगा क्योंकि साली आधी घरवाली होती है. तो है तो यह आपके साले की ही बीवी…
लेकिन मैं रीना दीदी के साथ…
मैं- देखो श्लोक, मैं मानता हूं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति इसके विपरीत है किंतु तुम विदेश में जाकर पढ़ाई करके आए हो। भारत में भी अब ऐसा कल्चर है जहां पर लोग अपने मनोरंजन के लिए अपनी बीवियां बदल कर चुदाई करते हैं। हम ऐसा मजबूरी में कर रहे हैं। अदला बदली का खेल कौन सा सही है लेकिन लोग यह कर रहे हैं. तो तुम लोग भूल क्यों नहीं जाते कि तुम लोग भाई बहन हो। अगर आने वाले भविष्य में अपने सेक्स लाइफ को अच्छा बनाने के लिए हम दोनों कपल किसी और के साथ बदला बदली कर लेते हैं तो हम चारों के स्वैपिंग करने में क्या समस्या है? हम साथ रहते हैं एक ही फ्लैट में… यहां कोई डर नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है, इज्जत बिगड़ने व किसी को पता चलने का कोई डर नहीं है। क्या समस्या है? यह बात हम चारों तक है यह हम चारों तक ही रहेगी। बच्चों के पेट में पड़ने के साथ हम अपनी अपनी बीवी अपने अपने पतियों के साथ रह सकते हैं। बच्चों को भी है सच पता नहीं होगा कि वह सीमा और श्लोक का बच्चा नहीं सीमा और मेरा तथा रीना और श्लोक का बच्चा है।
रीना और सीमा ने कहा- हमें सोचने के लिए कुछ वक्त चाहिए!
हम दोनों छत से नीचे चले आए, दोनों को सोचने के लिए समय दे दिया.
मैं- देखो श्लोक, मैं मानता हूं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति इसके विपरीत है किंतु तुम विदेश में जाकर पढ़ाई करके आए हो। भारत में भी अब ऐसा कल्चर है जहां पर लोग अपने मनोरंजन के लिए अपनी बीवियां बदल कर चुदाई करते हैं। हम ऐसा मजबूरी में कर रहे हैं। अदला बदली का खेल कौन सा सही है लेकिन लोग यह कर रहे हैं। तो तुम लोग भूल क्यों नहीं जाते कि तुम लोग भाई बहन हो। अगर आने वाले भविष्य में अपने सेक्स लाइफ को अच्छा बनाने के लिए हम दोनों कपल किसी और के साथ बदला बदली कर लेते हैं तो हम चारों के स्वैपिंग करने में क्या समस्या है? हम साथ रहते हैं एक ही फ्लैट में… यहां कोई डर नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है, इज्जत बिगड़ने व किसी को पता चलने का कोई डर नहीं है। क्या समस्या है? यह बात हम चारों तक है यह हम चारों तक ही रहेगी। बच्चों के पेट में पड़ने के साथ हम अपनी अपनी बीवी अपने अपने पतियों के साथ रह सकते हैं। बच्चों को भी है सच पता नहीं होगा कि वह सीमा और श्लोक का बच्चा नहीं सीमा और मेरा तथा रीना और श्लोक का बच्चा है।
रीना और सीमा ने कहा- हमें सोचने के लिए कुछ वक्त चाहिए!
हम दोनों छत से नीचे चले आए, दोनों को सोचने के लिए समय दे दिया।
श्लोक- यार जीजू, कहां से लाते हो इतना दिमाग? कहां से बना लेते हो ऐसी बातें? मैं तो आश्चर्यचकित हूं।
मैं- देखते जाओ श्लोक, अभी तो हमें बहुत सारे याराना बनाने हैं, देखना तो यह है कि दोनों ननद-भाभी इसमें ही मान जाती हैं या फिर उन्हें और बातों का डोज देना होगा!
थोड़ी देर बाद रीना और सीमा नीचे आई और बोली- हमारे भविष्य के लिए हम तैयार हैं, आप सच कह रहे हैं। अपने सुखद भविष्य के लिए हमें यह कार्य करना ही पडेगा।
बस फिर क्या था, सारे प्लान सही काम कर रहे थे।
मैं- तो प्रिय सीमा रीना और श्लोक, हम सब रजामंदी से यह स्वैपिंग कर रहे हैं। किसी तरह की मजबूरी से नहीं और जब अदला-बदली में चुदाई होनी ही है तो क्यों ना मजे के साथ की जाए, किसी तरह का भार मन पर न रखा जाए! सीमा और मुझे तो किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी लेकिन रीना और श्लोक को अपना भाई बहन का रिश्ता इग्नोर करना होगा और वैसे भी ऊपर वाले ने हमें इतना आकर्षक शरीर तो दिया ही है। उस शरीर के आनन्द को पाने के लिए हम सब कुछ बातें भूल सकते हैं।
तीनों ने गर्दन हिला कर हामी भरी तो मैं बोला- क्यों न अब हम चारों खुले में आ जायें! मेरे पास एक खेल है ‘सच का सामना’ जिसमें मैं केवल एक प्रश्न पूछूंगा और उसका सही जवाब सामने वाले को देना है।
रीना मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी क्योंकि हम यह खेल पहले भी खेल चुके थे। शायद रीना को आभास हो गया कि ये बाबा की कही बातें ना हों, मेरी ही मेरा ही किया धरा हो। लेकिन उसकी तरफ से अभी तक ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
“हां तो पहला सवाल सीमा के लिए… सीमा, क्या तुमने कभी मेरे प्रति किसी भी प्रकार की सेक्स भावना के बारे में सोचा है?”
क्योंकि सीमा खुले दिमाग वाली लड़की थी और उसे यह पता था कि यह खेल एक दूसरे को खोलने के लिए ही खेला जा रहा है इसलिए इतने नखरे ना करते हुए जवाब दिया- जीजू, मैंने रीना दीदी को एक बार बिना कपड़ों के नहाते हुए देखा था, उनके स्तनों पर आपके नाखूनों के निशान थे उनका गदराया हुआ शरीर देखकर मेरे मन में ऐसे ही विचार आ गया कि इस शरीर के साथ आप कैसे खेलते होंगे। उसके बाद आपकी और रीना दीदी के सेक्स के बारे में मन में मैंने कल्पना करके मैंने अपने दिमाग में कई तरह के चित्र बनाये। आपका शरीर आपके चेहरे की तरह आकर्षक है और एक नॉर्मल लड़की को आप जैसे स्मार्ट मर्द से कभी भी इस तरह का अट्रैक्शन हो ही जाता है। अतः मैंने एक या दो बार आपके बारे में इस तरह से सोचा है!
मैं- रीना जी, श्लोक के बारे में आपके कोई सेक्सी विचार?
रीना- मैंने कभी श्लोक के साथ ऐसी कल्पना नहीं की। हां, सीमा के जीरो फिगर को देखकर मैंने उसके लिए चिंता की थी कि क्या पता सीमा के साथ वह अपने शौक पूरे कर पाता होगा या नहीं। सीमा सेक्स में उसके शौक पूरे कर पाती होगी या नहीं… लेकिन रात को सीमा की जोरदार आवाज ने मेरे मन के इन विचारों को बंद कर दिया था। सीमा की जोरदार सिस्कारियों से तो मैं डर ही गई थी कि इस प्रकार का सेक्स भी कोई करता है। अगर मेरा पति ऐसा होता तो मैं कैसे उसे झेलती। फिर कभी कभी हवस मुझ पर हावी हुई और मन में विचार आया कि अगर इतनी देर तक कोई सेक्स करने में सक्षम है तो वह कितना आनंददायक होता होगा जो कि शरीर की नस नस को खोल दे एक एक जोड़ तोड़ दे। इस तरह का विचार मेरे मन में आया था।
यानि सब एक दूसरे के शरीर को पसंद करने वाले थे।
श्लोक के रीना के लिए विचार तो मैं जानता ही था फिर भी रीना और श्लोक कंफर्ट फील करें इसलिए मैंने श्लोक से यह सवाल पूछ ही लिया।
श्लोक- मैं जीजाजी को बहुत ही खुशनसीब इंसान समझता था, दीदी का शरीर बहुत आकर्षक है जो जीजा जी को मिला। माना कि आप मेरी बहन हैं इसलिए मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए लेकिन कभी कभी मुझे जीजू से जलन हुई। पता नहीं क्यों गलत विचार आया कि आप मेरे इतने करीब होते हुए भी किसी और के साथ। यह विचार गलत था लेकिन आपके जैसा शरीर ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया।
मैं- होता है। चलो कोई बात नहीं, हम चारों जवान हैं तो इस प्रकार के विचार आना लाजमी है क्योंकि हमारे शरीर हैं इस प्रकार के कि कोई भी अपनी वासना की सोच में डूब जाए।
मैंने अब सीमा और रीना से उनके मासिक धर्म की तारीखें पूछी। संयोग से दोनों की तारीखें एक जैसी थी और अभी चार पांच दिन पूर्व ही उनके पीरियड खत्म हुए थे। मैंने सबको बताया कि पीरियड्स खत्म होने के बारह दिन बाद से गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। तो एक सप्ताह बाद का समय संतान उत्पत्ति के लिए उपयुक्त समय रहेगा तो हम यह अदला-बदली का खेल के लिए अगले सप्ताह तक छोड़ते हैं।
हमने आठ दिन बाद 31 मार्च की रात तय की। अतः इस दिन के लिए हमें पूरे 8 दिन का इंतजार करना था, इन 8 दिनों में हमने एक दूसरे से बेहद करीबी वाली दोस्ती कर ली। रिश्तेदार से हम यार बन गए यार से हमें याराना बनाना था। एक दूसरे से अश्लील मज़ाक एक दूसरे को छेड़ना अंगों को छू लेना, किस कर लेना यानी कोई बाहर का आदमी देखे तो समझ ना पाए कि कौन पति पत्नी है। हम एक दूसरे से इतना खुल गए थे कि अगर एक एक बात बताने बैठूं तो कहानी की लंबाई और ज्यादा बढ़ जाएगी।
आखिर 31 तारीख की आ ही गई थी जिस दिन हमें अदला बदली कर चुदाई करनी थी। क्योंकि यह अदला-बदली में हमारा पहला सेक्स था इसलिए हमने एक दूसरे को कंफर्ट फील कराने के लिए और किसी प्रकार की लाज शर्म के लिए और इस सेक्स को मजेदार बनाने के लिए अलग-अलग कमरों में चुदाई करना उपयुक्त समझा।
रात के 10:00 बज रहे थे, खाना-वाना खाकर हम नहा धोकर फ्रेश होकर एक दूसरे के कमरे में प्रविष्ट हुए जहां हमारी बीवियां आकर्षक खुशबू उत्तेजक कपड़े पहन कर हमारा इंतजार कर रही थी।
मैं सीमा के कमरे में गया और अंदर से दरवाजे को लॉक किया।
सीमा ने नाइटी पहनी हुई थी। हमारी दोस्ती हो चुकी थी इसलिए सीमा ने मुझे पीछे से ही कसकर पकड़ लिया और उसके स्तनों को मेरी पीठ पर दबाने लगी जिससे मुझे अहसास हुआ कि इसके अंदर उसने कुछ नहीं पहना हुआ है।
मेरे मन में एक शंका थी कि सीमा को तो श्लोक के साथ लंबे समय तक सेक्स करने की आदत हो चुकी है, क्या उसको मैं संतुष्ट कर पाऊंगा, खुश कर पाऊँगा।
सीमा बोली- आइए जीजू… मुझे केवल आनंद और पूर्ण आनंद देने वाला सेक्स प्रदान कीजिए!
मैं बोला- मैं कुछ समझा नहीं सीमा?
सीमा- जीजू, श्लोक सेक्स तो बहुत अच्छा करता है लेकिन मेरी संतुष्टि के बाद भी वह काफी समय तक मेरे साथ सेक्स करता रहता है जिससे कि मेरी चूत में जलन होने लग जाती है अतः मेरे लिए सेक्स मजे के साथ दर्द का भी समावेश है। मैं अपने पति के साथ साथ में स्खलित होना चाहती थी। स्खलन के समय पर हम एक दूसरे को कसकर पकड़ना चाहते थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है, मेरे स्खलित होने के बावजूद भी श्लोक मेरी चूत में जोरदार धक्के देता है। आज हम दोनों साथ स्खलित होंगे और मेरी मनोकामना पूर्ण होगी। दर्द का नामोनिशान नहीं होगा और सेक्स में केवल मजा होगा। आपके बारे में बहुत ख्याली पुलाव पकाया है मैंने। आपके सच का सामना गेम में शर्म के मारे बता नहीं पाई लेकिन आपके बारे में मेरी वासना हमेशा मुझ पर हावी रही। जितना प्यारा आपका व्यवहार है उतना ही पाया प्यारा आपका सेक्स होता होगा यह सोच-सोचकर मैंने आपके बारे में कहीं कल्पना कि और रीना दीदी से मुझे जलन थी।
इतना कहकर सीमा ने मेरी तरफ पीठ कर दी और अपनी नाइटी उतार दी। मैं उसके पीछे खड़ा हुआ था, उसके गोरे लंबे शरीर को पूर्ण रूप से पीछे से देख सकता था, उसके पीछे से सेक्सी कंधे, पीठ और कूल्हों के उभार देखकर मैं हिल गया। 26″ की कमर के नीचे 34 के कूल्हे… कितना मनमोहक दृश्य बना रहे थे! मेरा लिंग पजामा फाड़ कर बाहर आने को बेचैन होने लगा।
मेरे साले की बीवी सीमा कपड़े खोलने की पहल कर चुकी थी इसलिए मैंने भी अपनी टीशर्ट और लोअर उतारकर पूर्ण रूप से नग्न होकर अपने पूर्ण नग्न शरीर को सीमा के पीछे टिका दिया। सीमा की लंबाई ज्यादा होने की वजह से मेरा लिंग उसकी गांड के छेद पर टिक गया।
सीमा ने पीछे हाथ करके मेरा लिंग हाथ में लिया और आश्चर्यचकित होकर एकदम से पीछे मुड़ गई है और बोली- वाह यार जीजू, आज तो मुझे सिर्फ आनंद वाला सेक्स नहीं बल्कि श्लोक से थोड़े लंबे और मोटे लंड का स्वाद भी चखने को मिलेगा!
मैंने कहा- कैसे?
सीमा- आपका लिंग श्लोक से करीब आधा इंच लंबा और मोटा है यानि आज तो पूर्ण रूप से नया एहसास होगा। मुझसे इस का रोमांच नहीं सहा जा रहा है, इन 8 दिनों में बहुत बेचैनी से इस दिन का इंतजार किया है जीजू!
जब मेरा सीमा की बात से ध्यान हटा, तब मैंने उसके कचोरी जैसे गोल स्तनों को देखा, यह नजारा मैं पहले भी देख चुका था लेकिन यह मुझे सीमा से छुपाना था, आज तो मैं सीमा के होशोहवास में था, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने सीमा को कसकर पकड़ लिया और उसे ज़ोर से गले लगा लिया उसके गोल स्तनों को अपने सीने पर दबाए कारण मैंने उसके शरीर को महसूस किया।
मैंने उसे बेड पर धक्का दे दिया और उसके बाद स्तनों को चूसने लगा। पिछले वाली स्वैपिंग में प्रिया के साथ वाइल्ड सेक्स ना करने का गम जो था उसे आज मैं खत्म करने वाला था हालांकि किसी दूसरी पार्टनर के साथ ही।
और हम एक दूसरे को चूसते चाटते रहे। मैंने उसकी पीठ पेट कमर उसका चेहरा, होंठ, टांगें कुछ नहीं छोड़ा। उसकी लंबी टांगें एक अलग ही दृश्य बनाती थी, एक अलग ही प्रकार की उत्तेजना पैदा करती थी। रीना की टांग इतनी लंबी नहीं थी लेकिन भरी-पूरी थी, उनका मजा अलग था लेकिन इन गोरी टांगों का मजा अलग मैंने उसकी टांगों का एक भी हिस्सा नहीं छोड़ा और पूरी टांगों को चाट चाट कर उसकी वासना को चरम पर पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
और हम एक दूसरे को चूसते चाटते रहे। मैंने उसकी पीठ पेट कमर उसका चेहरा, होंठ, टांगें कुछ नहीं छोड़ा. उसकी लंबी टांगें एक अलग ही दृश्य बनाती थी, एक अलग ही प्रकार की उत्तेजना पैदा करती थी। रीना की टांग इतनी लंबी नहीं थी लेकिन भरी-पूरी थी, उनका मजा अलग था लेकिन इन गोरी टांगों का मजा अलग मैंने उसकी टांगों का एक भी हिस्सा नहीं छोड़ा और पूरी टांगों को चाट चाट कर उसकी वासना को चरम पर पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
सीमा की गुलाबी चूत चिपचिपा पानी छोड़ने लगी थी. वाह क्या खुशबू थी उसकी चूत की और उसकी चूत में से निकलने वाले पानी की। मैंने उसकी चूत वाले हिस्से पर अपनी जीभ फिराकर उसके उस बाहर आई चिकनाई को साफ किया और और उसकी चूत को चाटने लगा।
सीमा ने अपनी टांगें चौड़ी करके तथा मेरे सिर को उसकी चूत के अंदर दबाकर मेरे इस क्रियाकलाप को बढ़ावा दिया। उसने मेरा सिर उसकी चूत में इस तरह से दबा रखा था कि मुझे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी लेकिन यह तकलीफ आनंद के पीछे कुछ नहीं थी।
सीमा ने मुझे 69 का प्रस्ताव रखा और हम सहर्ष 69 की पोजीशन में आ गए। मैं सीधा पीठ के बल नीचे लेट गया, सीमा ने अपनी चूत को मेरे मुंह पर रख दिया तथा मेरा लिंग मुंह में लेकर चूसने चाटने लगी, मेरे मोटे लिंग को अपने मुंह में आइसक्रीम की तरह चाट रही थी।
हालांकि रीना भी मेरा लिंग इसी तरह चाटती थी लेकिन सीमा का मुंह आज मेरे लिंग में अलग ही प्रकार का आवेश उत्पन्न कर रहा था। करीब आधे घंटे के फोरप्ले के बाद मैंने सीमा को घोड़ी बनाया और उसकी मोटी गांड को पकड़कर उसकी चूत में अपना खड़ा लंड पेल दिया जोरदार झटकों से साले की बीवी की चूत चुदाई शुरू कर दी। इस प्रक्रिया के दौरान उसकी मोटी गांड पर मेरे हाथ चलते रहे, उन्हें मसलते रहे और मैंने उसकी मोटी गांड को मसलते मसलते लाल कर दिया।
मेरे धक्के इतने तेज थे कि सीमा के मुंह से आह की आवाज आने लगी थी। बेड के सामने रखी हुई ड्रेसिंग के दर्पण में मैं पोर्न नायिका को चोदने वाला पोर्न फिल्म का नायक लग रहा था। दर्पण में वह सीधी घोड़ी बनी हुई थी जिसके कारण उसके लटके हुए स्तन मुझे आगे से भी दिखाई दे रहे थे।
उत्तेजना इतनी हो गई थी कि लग रहा था कि मैं अभी छूट जाऊंगा। मैंने सेक्स की पोजीशन बदल ली। मैंने सीमा को बेड के एक किनारे पर सीधा लिटा कर उसकी लंबी टांगों को अपने कंधे पर रखा और खड़े-खड़े उसकी चूत में अपना लंड फिर ठेल दिया। अब मेरे झटकों के साथ सीमा के हिलते हुए गोल स्तन मुझे नजर आ रहे थे, उन पर केवल मेरा एक ही हाथ पहुंच पा रहा था। मैंने दरिंदों की तरह उसका एक एक स्तन नोच-नोच कर लाल कर दिया।
सीमा ने इशारा किया और कहा कि वह मुझे आगोश में लेना चाहती है अतः मैं उसके ऊपर लेट गया और हम दोनों सीधे लेट कर एक दूसरे के साथ चोदन क्रिया पूरे करने लगे। मेरी चुदाई इतनी जंगली थी कि सीमा की चूत से जोरदार फच फच की आवाज आने लगी थी।
सीमा ने एकदम से बहुत ही विकराल रूप धारण कर लिया और वह अपनी गांड उठा-उठा कर मेरे लंड के ऊपर धक्के मारने लगी और खुद ही अपनी चूत से मेरे लंड को उसकी चूत की जड़ तक पहुंचाने की कोशिश करने लगी. उसकी भावनाओं को समझ कर मैंने भी ने धक्के जोरदार कर दिए और 2 मिनट के इस द्वंद्व के बाद हम दोनों सलहज ननदोई एक साथ झड़ गए।
सीमा की अपने पार्टनर के साथ झड़ने के मनोकामना पूर्ण हुई।
लंबे और आकर्षक शरीर वाली सीमा ने मुझे अपने आलिंगन में बांध लिया और हम एक दूसरे से चिपक कर थोड़ी देर आराम करने लगे.
सीमा- मेरे प्यारे जीजू, आप कितने प्यारे हो लेकिन आज आपने प्यार से तो प्यार किया ही नहीं, इतना ज्यादा वाइल्ड सेक्स क्यों कर रहे थे, मैं कहीं भागे थोड़ी ना जा रही हूं!
मैं- मैं क्या करूं प्यारी सीमा, तुम हो ही इतनी आकर्षक कि मेरा खुद पर काबू नहीं रहा!
अब मैं सीमा को क्या बताता कि यह तो वह कसर थी जो मैं प्रिया के साथ नहीं निकाल पाया था और रणविजय ने रीना को ठोक ठोक कर बुरा हाल किया था। शायद यह उसी की उत्तेजना और गुस्सा था जो सीमा पर निकला और सीमा भी उत्तेजना पैदा करने वाली थी.
सलहज की पहली घमासान चुदाई के बाद मेरा लिंग आराम कर रहा था तो ध्यान रीना और श्लोक के कमरे की तरफ चला गया, मैं सोचने लगा कि दोनों भी बहन रीना और श्लोक किस तरह की चुदाई कर रहे होंगे? आज श्लोक रीना की चूत का चित्तौड़गढ़ बना ही देगा। आज वह असली बहनचोद बन ही जाएगा.
उनकी किसी सेक्स पोजीशन को कल्पना कर कर मेरा लंड फिर से तनतनाने लगा. सीमा का हाथ मेरे लिंग पर ही था, वह आश्चर्यचकित हुई और बोली- वाह जीजू, इतनी जल्दी? आज क्या मेरी चूत अपने मोटे लिंग से फाड़ ही डालोगे?
इस पर मैंने उससे कहा- मुझे तुम्हारी गांड का छेद और चौड़ा करना है. अब आओ और अपनी लंबी टांगों का कमाल दिखाओ मेरी जानेमन।
मैं लेटने वाले सोफे पर लेट गया, सीमा भी बेड से उठ कर आई और अपनी चौड़ी सेक्सी गांड मेरे लंड की तरफ करके आगे की तरफ मुंह करके मेरी गोद में बैठ गई और उसकी चूत में मेरा लिंग अपने आप प्रविष्ट हो गया. अब वो अपने पांव जमीन पर रखकर खुद ही उन पांव के बल पर ऊपर नीचे होने लगी।
थोड़ी देर में उसकी चूत फिर से गीली हो गई और मेरे लिंग पर चिकनाई आ गई। सीमा ने खुद मेरा लिंग अपनी चूत से निकालकर मेरे लिंग को उसकी गांड के छेद पर टिका दिया। मैं इतना बेसब्र हो गया था कि मैंने अपने हाथ में थोड़ा सा थूक लेकर ही सीमा की गांड के छेद के ऊपर लगा लिया और सीमा की चूत की चिकनाई से अपनी दो उंगलियां भरकर उसकी गांड के अंदर डाल दी।
जब पर्याप्त मात्रा में उसकी गांड चिकनी हो गई, तब मैंने फिर उसकी गांड को उसी पोजीशन पर ला दिया, अर्थात उसकी गांड के छेद पर मेरा लिंग टिका हुआ था। मैंने सीमा के कंधों को ऊपर से पकड़ कर उन्हें नीचे दबाया जिससे कि मेरा चिकना लिंग मुंड सीमा के गांड में जा धंसा, सीमा के मुंह से जोरदार सिसकारी निकल पड़ी किंतु आने वाले क्षण के मजे की उम्मीद में वह अपने पैरों पर जोर लगा कर मेरे लिंग पर बैठ गई जिससे कि मेरा लिंग उसकी गांड के छेद के अंदर तक बैठ गया।
सीमा का चेहरा पूरा लाल हो गया. कुछ क्षण रुक कर सीमा अपने पांव के बल पर ऊपर नीचे होने लगी तथा उसकी गांड में मेरे लिंग को अंदर बाहर करने लगी। थोड़ी देर बाद वह मेरा लंड अपनी गांड में ले ले कर इतना मजा लेने लगी कि उसके धक्के बढ़ गए. मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसे बैड पर फिर से घोड़ी बनाया और उसकी गांड में अपना लंड पेल दिया, उसकी गांड और मेरी कमर की टकराहट से जोरदार आवाजें आने लगी।
थोड़ी देर बाद मैं बेसब्र हो गया और अपना लिंग निकाल कर उसकी चूत में पेल कर जोरदार चुदाई करने लगा. जब सीमा की सांस फूली और वह स्खलित होने की तरफ बढ़ी, तब मैं भी एक बार फिर उसकी चूत में ही स्खलित हो गया।
सीमा ने बेहद प्यार से मुझे गले लगाया और अपने ऊपर लेटा लिया दो बार की घमासान चुदाई के बाद हम बेहद थक चुके थे।
यह दृश्य थोड़ी देर बाद यहीं से शुरू होगा किंतु बीच में मैं आपको रीना और श्लोक के बहनचोद बनने का किस्सा सुनाता हूं जैसा कि मुझे श्लोक ने कुछ दिनों बाद में बताया था.
आगे की कहानी श्लोक के शब्दों में:
जब मैं दीदी और जीजू के कमरे में प्रविष्ट हुआ तो मैंने देखा कि रीना दीदी अपने गोरी चिकनी जांघों पर अपनी नाइटी को ऊंची करते हुए गुलाब जल का पानी लगा रही थी। शायद यह दृश्य मेरे लिए ही उत्पन्न किया गया था।
मैं दीदी की तरफ मुस्कुराया, वह भी मेरी तरफ मुस्कुराई और हंसती हुई बोली- सच का सामना में जो तुमने कहा था क्या वह सही था? तुम कब से बहनचोद बनने के सपने देख रहे हो मेरे प्यारे भाई?
श्लोक- माफ करना दीदी, मुझे आपको यह बताना नहीं चाहिए किंतु जीजाजी ने मुझे जब आपके और किसी अन्य कपल के स्वैपिंग के बारे में बताया तबसे मेरा आपके ऊपर नजरिया बदल गया था, मैं सोचता था कि आप सीधी सादी केवल जीजाजी के लंड पर ही नाचती होंगी लेकिन आपने तो जिंदगी के मजे लेने के लिए किसी और का लंड भी ले लिया। जीजाजी ने मुझे यह तो नहीं बताया कि वह स्वैपिंग किसके साथ हुई थी किंतु मैं उस व्यक्ति को खुशनसीब मानने लगा जो आपके ऊपर चढ़ा था. बस तब से मैं उस व्यक्ति की जगह खुद को रख कर अपनी दीदी को चोदने के बारे में सोचने लगा। छोटे कपड़ों में आपके अंग प्रदर्शन में मेरा हाल बेहाल कर दिया। सीमा की जीरो फिगर वाली गांड और स्तनों से मैं बोरियत महसूस करने लगा था और आपकी मोटी गांड और बड़े स्तनों के लिए मैं आकर्षित होने लगा था। मुझे आपके ही शरीर जैसी औरत से अपनी प्यास बुझानी थी। कभी-कभी तो मुझे जीजा जी से बहुत जलन होने लगती कि आपके इतने करीब होने के बावजूद भी मैं आपको उस तरह से छू भी नहीं सकता किंतु जीजाजी आपकी रोज चुदाई करते हैं। जीजाजी कितने खुशनसीब हैं। किंतु आज तो मैं अपने अरमान पूरे कर ही लूंगा। आप बताइए आप कब से मेरे बारे में इस प्रकार का सोचने लगी?
रीना- तो राजवीर ने तुम्हें हमारे स्वैपिंग के बारे में बता दिया! मैं उन्हें देख लूंगी. अच्छा चलो ठीक है, तुम्हारी बात का जवाब देती हूं।
प्रिय भाई, मैंने तुम्हारे लिए कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन जब हम इस फ्लैट में शिफ्ट हुए और रात में सीमा और तुम्हारी चुदाई की इतनी भयंकर आवाज मैंने सुनी तब मेरे गले से पानी तक नहीं उतरता था, सीमा की इतनी भयंकर आवाजों के कारण मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे, मैं सोचती थी कि मेरा भाई श्लोक मेरी भाभी की यह किस प्रकार की चुदाई करता है। जब लगातार इस प्रकार की आवाजें आती रही तो तुम्हारे ऑफिस में जाने के बाद एक बार मैंने सीमा से इसके बारे में पूछ ही लिया.
सीमा ने मुझे तुम्हारी इस समस्या के बारे में बताया लेकिन सच बताऊं तो मुझे यह समस्या नहीं लगी, मैं तो इस समस्या से रोमांचित हो उठी। अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को 45 मिनट तक बिना रुके चुदाई करे तो वह चुदाई कितनी घमासान होती होगी। सीमा कितनी खुशनसीब थी कि उसे इस प्रकार की चुदाई मिल रही थी जैसा कि हम अंग्रेजी ब्लू फिल्मों में देखा करते हैं।
ऐसा नहीं कि राजवीर मुझे खुश नहीं कर पाते हैं,
तभी एक दिन मेरे मन में ख्याल आया कि काश मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेकर करीब आधे घंटे से ज्यादा उस पर कूद सकूं। अनंत बाबा ने और राजवीर ने तो मेरी मनोकामनाएं पूर्ण कर दी। आओ श्लोक भाई, मुझे उसी तरह चोदो जिस तरह तुम मेरी भाभी सीमा को चोदते हो। हमारी चुदाई इतनी जबरदस्त होनी चाहिए कि मेरी आवाज राजवीर और सीमा के कानों में पड़े। मैं आज तुम्हारे लिंग पर बैठकर नाचना चाहती हूं। उचकना चाहती हूं, कूदना चाहती हूं। आओ मेरी चूत का भोसड़ा बना दो और मेरी गांड को गोदाम।
हम दोनों भाई बहन की इतनी उत्तेजना भरी बातों से हमें किसी फोरप्ले की आवश्यकता नहीं थी. हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और फिर धीरे-धीरे एक दूसरे के वस्त्रों को हरण कर एक दूसरे को नंगा किया।
मैं रीना दीदी के सीने को देख पाता, उससे पहले ही उन्होंने झुक कर मेरे लिंग को अपने मुंह में ले लिया और पागलों की तरह उसे जड़ तक चूसने लगी। मैं सीधा बैठे केवल उनकी गोरी पीठ को देख सकता था तथा उनकी गांड के बीच की वह लाइन जो मुझे शुरुआती की ही दिख रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने दीदी को डॉगी पोजीशन में खड़ा कर उनकी मोटी गोरी गांड को अपने हाथों से चौड़ा कर अपने मुंह को उनके गांड के छेद में घुसा दिया और जीभ से उनके गांड का चोदन करने लगा।
दीदी के इतने आकर्षक भरे हुए शरीर को देखकर समझ नहीं आ रहा था कि मैं उनके स्तनों का मजा लूं या उनकी मोटी गांड का। उनकी गोरी जांघ पर अपनी जीभ फिर आऊं उनके प्यारे चेहरे पर चुंबनों की बरसात कर दूं।
रीना दीदी एक बार सीधी हुई तथा फिर से मेरे लिंग को चूसने लगी और मुझे आश्चर्यचकित करते हुए उन्होंने अपने दोनों स्तनों को साइड में से दबाकर बीच में एक जगह बना कर मेरे लिंग को उनके दोनों स्तनों के बीच में प्रविष्ट करा दिया.
वाह क्या एहसास था… दीदी के गोरे भरे पूरे गद्देदार स्तनों के बीच मेरा लिंग गति कर रहा था, मैं उत्तेजना के चरम पर था, रीना दीदी के पास करने के लिए इतना था कि वह मुझे उनके स्तनों को चूसने का समय भी नहीं दे रही थी जो कि मैं कब से चाह रहा था।
अतः मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उन्हें बेड पर जोरदार धक्का दिया तथा उनके ऊपर जानवरों की तरह टूट गया, उनके स्तनों को अपने दोनों हाथों के बीच में दबाकर जानवरों की तरह मसलने लगा और एक-एक करके मुंह से चूसने लगा.
मैंने महसूस किया कि दीदी का हाथ उनकी चूत पर था और उनकी चूत के दाने को स्वयं अपने हाथों से रगड़ने लगी थी. मैंने उनकी उत्तेजना को समझते हुए अपना लिंग उनकी चूत पर टिकाया और सीधा उनकी चूत में प्रविष्ट कर दिया. हमारे गुप्तांग इतने चिकने थे कि अंदर जाने दे उसे थोड़ी भी औपचारिकता नहीं निभानी पड़ी।
रीना दीदी ने मेरे कमर को पकड़ कर उस पर अपने जोरदार नाखून गाड़ दिए और मेरी कमर को अंदर की तरफ इस तरह खींचने लगी जैसे कि वह चाहती हो कि मैं अपने लिंग के साथ पूरा उनके अंदर प्रविष्ट कर जाऊं और खुद ही मेरी कमर को पकड़ पकड़ कर जोरदार तरीके से अंदर और बाहर झटके देने लगी कितनी वासना भरी हुई थी उनके अंदर।
सीमा ने सेक्स में कभी भी इस प्रकार का वहशीपन धारण नहीं किया था असल मायने में अगर यह मेरी जीवनसंगिनी होती तो कितना मज़ा आता! दीदी की चुदासी भावनाओं को समझते हुए मैंने उनकी चूत में जोरदार धक्के देना शुरु कर दिया, उनकी चूत से इतना पानी बह रहा था कि फच फच की आवाज सारे कमरे में गूंजने लगी और एक धार लगातार उनके चूत से बाहर आ गई और उनकी गांड पर बहने लगी।
चूत से बहता हुआ पानी इतनी मात्रा में मैंने कभी नहीं देखा था. रीना दीदी जोर-जोर से चिल्लाने लगी- फक मी फक मी हार्ड… उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहनचोद सिस्टर फकर!
मैंने कभी नहीं सोचा था कि रीना दीदी का एक ऐसा भी रूप होगा, इतने जोरदार धक्कों के बावजूद भी वे इतनी बेचैनी से चिल्ला रही थी, उन्हें पूर्णतया वाइल्ड सेक्स चाहिए था और मैंने उनके मंसूबों को पूरा किया. मैं चरम तक आधा भी नहीं पहुंचा था कि उनकी चूत ने अपना रस एक जोरदार सिसकारी के साथ छोड़ दिया और कांपने लगी. दीदी ने कसकर मुझे पकड़ लिया, उन्होंने मुझे अपने तीखे नाखूनों से इस प्रकार पकड़ा कि नाखून के निशान वे आज भी मेरी कमर से नहीं हटे हैं।
रीना दीदी तो एक बार चरम पर पहुंच गई थी लेकिन मुझे अभी चरम पर पहुंचना बाकी था और वैसे भी मुझे उससे क्या मतलब था कि दीदी चरम पर पहुंच गई हैं, वे तो चाहती ही थी कि मैं जंगली बन जाऊं और उनके साथ जंगली सेक्स करूं।
मैंने दीदी को उठाया और स्टडी टेबल पर लिटा दिया, फिर उनकी टांगों को खींचकर मैंने नीचे की तरफ लटका दिया. दीदी अपने स्तनों को टेबल पर रखकर लेटी हुई थी और उनकी टांगें टेबल पर नीचे आई हुई थी.
मैंने अपने लिंग और उनकी गांड के छेद पर उनकी सौंदर्य चिकनी क्रीम लगाई और उनकी गांड में अपना लिंग घुसा दिया। दीदी शायद उनके स्खलन के बाद थोड़े समय का अंतराल चाहती थी लेकिन मैं पागलों की तरह उनके शरीर पर टूटना चाहता था।
जैसे ही मैंने अपनी सगी दीदी की गांड में अपना लिंग प्रवेश किया, उनकी जोरदार आवाज आह निकल गई. मैंने उनके लंबे बालों को अपने हाथ में समेट कर उनकी गर्दन को खींचा और उनके बाल पीछे की तरफ खींचते हुए उनकी गांड की कुटाई शुरू कर दी।
उनके गोरे चूतड़ों को लाल करते हुए अनायास ही मेरे मुंह से निकल गया- ले बहन की लोड़ी… बना अपने गांड को गोदाम।
लगातार 50 झटके मैंने अपनी बहन की गांड में दिए, उनकी गर्दन को बालों से ऊपर की तरफ खींचने के कारण उनके तीखे तीखे स्तन टेबल और हवा के बीच में झूल रहे थे. यह दृश्य मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था तथा आज मुझे लंबी देर तक स्खलित ना होने वाली वह चरम सुख पर ना पहुंचने वाली बीमारी ऊपर वाले का आशीर्वाद लगने लगी।
रीना दीदी के हाथों ने मेरी कमर पर लाकर मुझे रोकने की कोशिश की. इतने में मुझे उन पर दया आ गई, मैंने उन्हें बेड पर लेटाया किंतु मेरी हवस मुझ पर इतनी हावी थी कि मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लिंग उनके मुंह में डाल दिया लेकिन रीना दीदी ने इसका विरोध नहीं करते हुए उसे चूसना शुरू कर दिया.
मैं समझ गया था कि गांड चुदाई के बाद रीना दीदी की चूत शायद फिर से तैयार हो गई है, अतः मैंने उन्हें सीधा लेटा कर उनकी टांगों को उठाकर उनके कंधों पर ही लगाया और उनकी एक पोटली बनाकर उनके कूल्हे और चूत को एक शानदार पोजीशन में सेट करके उनके कंधों से सटी हुई टांगों पर अपने हाथ दबाकर उनके ऊंचे हुए कूल्हों पर अपनी कमर रखकर अपना लिंग उनकी चूत में ठेल दिया।
और जोरदार धक्कों वाला घमासान फिर से शुरू हो गया। रीना दीदी जोर-जोर से यस यस की आवाज निकालने लगी.
एक बार फिर 10 मिनट के बाद रीना दीदी ने मुझे कस के पकड़ लिया लेकिन इस प्रकार के पोजीशन में उनकी चूत ने मेरे लिंग को इस प्रकार जकड़े हुआ था कि मैं भी उनकी चूत में स्खलित हो गया.
हम दोनों भाई बहन वातानुकूलित कमरे में पसीने से लथपथ एक दूसरे की बाहों में समा गए।
मैं एक ही बार में इतना सेक्स कर लेता था। चाहते हुए भी दूसरी बार किसी औरत को चोदकर उसका बुरा हाल नहीं कर सकता था। रीना दीदी चीज ही ऐसी थी कि उन्हें रात भर चोदो तो भी कम पड़े किंतु एक बार में ही उनका बुरा हाल नहीं कर सकता था।
और मुझे आज बहुत संतुष्टि का एहसास हुआ था इसलिए दूसरी बार सेक्स का ध्यान मैंने छोड़ दिया.
रात के करीब 3:00 बजे थे और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में टूट कर बिखर गए।
आगे की कहानी मेरे अर्थात राजवीर के शब्दों में:
लगभग इतना ही समय था जब मैं यानि राजवीर अपने साली की पत्नी सीमा की नंगी बांहों में लिपटा हुआ था, आज मुझे अपने करामाती दिमाग पर नाज हो रहा था। सीमा की आंख लग गई थी शायद दो बार स्खलित होने के बाद वह चरम सुख पाकर सुख में नींद लेना चाहती थी.
लेकिन रीना और श्लोक की चुदाई की कल्पना ने मुझे जगाया रखा और जब उनके बारे में सोचने से मेरा ध्यान हटा तो मेरे मन में इस याराना को आगे बढ़ाने के बारे में विचार आया कि आने वाले समय में कैसे इस अलग-अलग कमरे वाली चुदाई को सामूहिक चुदाई बनाया जाए। उसके लिए मुझे क्या करना होगा याराना को कितना मजबूत बनाना होगा।
कितना अच्छा होगा जब हम चारों एक ही बेड पर यह यारी निभाएंगे। रीना या सीमा के दोनों छेदों में श्लोक और मेरा लिंग एक ही समय पर होगा। कितना अच्छा होगा जब हम चारों कभी भी किसी की भी चुदाई कर पाएंगे। श्लोक अपनी मनोकामना कभी भी पूर्ण कर पाएगा। रीना अपनी तेज खुजली को कभी भी मिटा पाएगी। तब सीमा को संतुष्टि वाला और साथ स्खलित होने वाला वाला प्यार मिल पाएगा।
जब ऐसा होगा तो कभी रणविजय और प्रिया को भी घूमने के लिए जयपुर बुला लेंगे, उस समय का दृश्य कितना सुखद होगा जब 6 लोग आपस में ग्रुप सेक्स करेंगे। इन सभी सुंदर भविष्य की तस्वीरों के बारे में सोचता हुआ मेरी आंख लग गई।
किंतु कभी-कभी समय हमारे लिए ऐसे आश्चर्य लिए हुए इंतजार करता रहता है कि जब हमारा उनके साथ सामना होता है तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है। मेरे प्यारे दोस्तो, अभी याराना में काफी मोड़ बाकी हैं। अभी तक इस कहानी का सूत्रधार में था किंतु मुझे नहीं पता था कि आगे का सूत्र संचालन मेरे हाथ में नहीं था।
क्या था वह मोड़ जिसने हमारे जीवन को बदल दिया?
क्या सामूहिक चुदाई के मेरे सपने पूरे हुए या फिर अनंत बाबा कि झूठ के सहारे पर हमने यह गंदा काम करने से हमारे रिश्ते तार तार हो गए?
कहानी का असली रोमांच अभी बाकी है… कितने बड़े रहस्य से भरे इस कहानी का अगला पड़ाव बाकी है।
इंतजार कीजिए आगे की कहानी का!
मेरे प्यारे अंतर्वासना के पाठको, यह घटना आपके सामने इतनी जल्दी नहीं आने वाली थी, इसमें काफी समय लगने वाला था किंतु आपके प्यार भरे मेलों ने मुझे इस घटना को लिखने के लिए इतना प्रेरित किया कि मैंने इसे जल्द से जल्द पूरा किया।
आपके ये प्यार भरे तथा अधिक से अधिक किए हुए मेल ही मुझे आगे की आप बीती लिखने के लिए प्रेरित करेंगे। कृपया मेल कीजिए तथा मेल में यह बताइएगा कि आपको पूरे याराना का कौन सा चरित्र सबसे अच्छा लगा और क्यों क्योंकि उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है!
आगे राजवीर के शब्दों में:
एक दूसरे की बीवियों को चोदने के बाद
सुबह 9 बजे जब मेरी नींद खुली तो देखा कि सीमा पास में नहीं थी। मैंने अपने कपड़ों को सम्भाला और कमरे से बाहर आया। हाल में भी सीमा नजर नहीं आई तो सोचा कि ऊपर छत का बाथरूम इस्तेमाल करने ऊपर गयी होगी। अतः मेरे कदम रीना और श्लोक के कमरे की तरफ बढ़ने लगे। दिल जोर जोर से धड़क रहा था कि शायद दोनों नंगे बेड पर सो रहे होंगे।
मैंने दरवाजे पर हाथ दिया तो दरवाजा खुला हुआ था। तेज धड़कन के साथ मैंने पलंग पर नजर दौड़ाई तो देखा कि श्लोक अकेला बिस्तर पर नग्न चादर में लिपटे हुए गहरी नींद में सोया हुआ था.
मैं श्लोक के पास गया और उसे जगाया। होश आते ही उसने एक मुस्कान के साथ मुझे देखा और कहा- अरे जीजू, आप यहाँ? दीदी कहाँ है?
मैं- कैसी रही रात?
श्लोक- जीजू, जीवन का सुख पा लिया बस शब्दों में बयान नहीं हो पाएगा। आप बताओ?
मै- अभी शब्दों में बयान नहीं कर पाऊंगा। किंतु जब मैं उठा तो सीमा मेरे साथ बिस्तर पर नहीं थी; उसे ढूंढते हुए मैं यहां आया तो देखा कि रीना भी तुम्हारे साथ बिस्तर पर नहीं है। दोनों कहां जा सकती हैं?
श्लोक- क्या सीमा भी बिस्तर पर नहीं है?
श्लोक ने अपने कपड़े संभाले और दोनों को ढूंढते हुए हम हॉल में आ गए। दोनों वहां भी नहीं थी। फ्लैट के ऊपरी हिस्से में एक शानदार शो पीस रूम बना हुआ था। नीचे उन्हें ना पाकर हम दोनों ऊपर की तरफ बढ़े। मन में एक अजीब सा डर बैठ गया था कि दोनों एक साथ कहां जा सकती हैं? वह भी एक असाधारण रात बीतने के बाद कहीं उन्हें अब अपने किए पर पछतावा तो नहीं हो रहा है जिसका शोक मनाने साथ में कहीं चली गई हैं।
ऊपरी कमरे का दरवाजा मैंने खोला, श्लोक भी मेरे साथ था। तो जो देखा उसे देख कर मैं हैरान रह गया और शायद श्लोक भी।
कमरे के बीचोंबीच टेबल पर एक बड़ा केक रखा हुआ था। कमरे को कुछ मोमबत्तियों से सजाया हुआ था और दोनों अप्सराएं नहा धोकर सज संवर कर हमारा इंतजार कर रही थी।
जैसे ही हम जीजू साले कमरे में प्रविष्ट हुए, रीना और सीमा दोनों ने एक साथ गाना शुरू कर दिया- अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया … अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया।
और दोनों जोर-जोर से हंसने लगी।
उनकी इस हंसी ठिठोली का कारण हम समझ नहीं पा रहे थे क्योंकि जहां तक हमें पता था फूल तो हमने उन्हें बनाया था।
इस तरह हैरान हुए श्लोक और मैं एक दूसरे को देखते रह गए और एक दूसरे से समझने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर हो क्या रहा है?
सीमा- क्या हुआ श्लोक बाबू? कुछ समझ में नहीं आ रहा है? समझने की कोशिश भी मत कीजिए। यह आपके बस का नहीं है।
और हंसने लगी.
मैं- यह सब क्या है रीना?
रीना- मेरे प्यारे राजवीर! बड़ी मेहनत से केक बनाया है पहले केक खा लीजिए अपने मूर्ख बनने की खुशी में।
मैं- मूर्ख बनने की खुशी? मैं कुछ समझा नहीं?
सीमा- अरे प्यारे जीजू, कहा ना … आपको कुछ समझ नहीं आएगा। पहले केक तो खाइए।
दोनों ने केक काटा, एक एक टुकड़ा लेकर हमारी तरफ बढ़ी। रीना ने मुझे तथा सीमा ने श्लोक को खिलाया तथा थोड़ा थोड़ा खुद खाया और दोनों सामने वाले सोफे पर बैठ गई।
हम दोनों हैरान चकित होकर अब भी उनकी तरफ देख रहे थे।
मैं सोच रहा था शायद रीना और सीमा ने कुछ गलत समझ लिया है।
तब रीना बोली- मेरे प्यारे भाई श्लोक तथा मेरे प्यारे पति राजवीर … अब यह बताइए कि हमें गर्भनिरोधक गोली कौन लाकर देगा? आप हमें खिलाएंगे या हमें खुद ही खरीदनी पड़ेगी?
और दोनों हंसने लगी.
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था।
इस पर श्लोक ने पूछा- क्यों? आप ऐसा क्यों कह रही हो दीदी?
रीना- अरे मेरे प्यारे भाई श्लोक, तुम तुम्हारे जीजा जी के साथ अभी रहने लगे हो। उनके साथ कुछ ही समय बिताया है। लेकिन मैं उनकी पत्नी हूं; उनके साथ मैंने बहुत समय बिताया है। मुझे लगता है मैं उनकी रग रग से वाकिफ हूं।
इस बात पर मैं समझ गया था कि रीना को शायद मेरे किए हुए का अंदाजा हो गया था।
रीना- डियर राजवीर! एक बार अदला बदली क्या कर ली, आपको तो इसका चस्का ही लग गया। इस चक्कर में आपने एक भाई और बहन की चुदाई करवा दी। वाह राजवीर वाह!
इतना सुनते ही श्लोक के चेहरे का रंग उड़ गया, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया शायद वह डर गया था।
मैं- इसका मतलब तुम्हें पता है। लेकिन अगर तुम्हें पता है तो तुम इस अदलाबदली में शामिल क्यों हुई?
रीना- क्यों? यह चस्का क्या तुम्हें ही लग सकता है? पतियों की अदला बदली का चस्का हमें नहीं लग सकता?
इस बार फिर सीमा और रीना दोनों हंसने लगी।
सीमा- हां, लेकिन इस अदला-बदली में एक बुराई थी। भाई और बहन का साथ में सोना। लेकिन भाई अगर अपनी बहन को नंगी देख कर अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर सकता है तो उस लिंग को अपनी बहन की चूत में डाल कर संतुष्ट करने में क्या बुराई है।
सीमा की इस बात पर मैं हैरान हो गया कि सीमा और रीना को इस बारे में भी पता है कि हमने उन्हें नशीली दवा देकर उनके नग्न शरीर के दीदार किए थे।
अब मैं समझ गया था बाजी मेरे हाथ में बिल्कुल नहीं है; अपना एटीट्यूड मुझे साइड में रखकर उन्हीं से पूछना होगा।
तब मैं बोला- ओ! तो तुम लोगों को सब पता है। मतलब खेल में रहा था लेकिन खिला तुम दोनों रही थी? लेकिन यह सब तुम्हें कैसे पता चला और कब पता चला और मालूम होते हुए भी इस खेल में तुम दोनों शामिल हुई तो कैसे हुई? कृपया मुझे शुरु से समझाइए।
सीमा- जीजू! आपने क्या वह कहावत सुनी है शेर को कभी ना कभी सवा शेर मिल ही जाता है। आपको सवा शेरनियां मिल गई हैं। आपको क्या लगता है याराना आप दोनों का ही हो सकता है? क्या ननद और भाभियां कभी यार नहीं बन सकती? यहां आने के बाद जैसे आपकी दोस्ती रंग ला रही थी वैसे हमारी दोस्ती भी मजबूत होती जा रही थी। जब आप दोनों ऑफिस में चले जाएंगे तो हम दोनों क्या करेंगी? केवल बातें ही तो करेंगी!
रीना- यहां शिफ्ट होने के बाद मैंने जब सीमा और श्लोक के सेक्स में तेज चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसके अगले दिन आपके ऑफिस जाने के बाद मैंने सीमा से इसके बारे में बात की। यह बोलकर कि मैं तुम्हारी ननद हूं। अगर कोई समस्या हो तो मुझे इसके बारे में बताओ। सीमा ने मुझे श्लोक के सेक्स के बारे में बताया।
अतः इस बात से हम एक दूसरे से इस प्रकार की बातें करने लगे थे। राजवीर! जब तुमने मुझे श्लोक और सीमा के सेक्स के बारे में पहली बार पूछा था तब मुझे श्लोक के बारे में पता था। लेकिन मैं तुम्हें बता नहीं पाई क्योंकि तुम्हें नहीं बताना चाहती थी कि हम ननद-भाभी इस तरह के बातें भी करती हैं।
फिर धीरे धीरे हम अपने बेडरूम की बातें एक दूसरे से शेयर करने लगी। राजवीर के बारे में … श्लोक के बारे में … और अपने बारे में … हमने एक दूसरी से सब बांटा।
हां श्लोक का इस तरह से स्खलित होना मेरे लिए एक पहेली था।
लेकिन मैंने उसके बारे में कभी गलत विचार अपने मन में नहीं आने दिया। हालांकि सीमा ने मुझसे कह दिया था कि काश मेरे साथ भी जीजू जैसा प्यार से प्यार करने वाला हमसफर होता। लेकिन हमने इस बात को हमेशा मजाक में ही लिया। हम दोनों ननद भाभी अब यार थी।
सीमा- फिर एक दिन में ऐसा हुआ जिसकी हमें आशा नहीं थी। मैंने अपने कमरे में एक बॉक्स देखा छुपा हुआ। जब उसे खोला तो पाया कि उसमें एक तरह की ड्रग्स है जिस पर लिखा हुआ था कि वह विदेश से आयात की गई है। मैं तो चिंतित हो गई ये क्या है। क्या जरूरत है कि श्लोक को ऐसी दवा जो कि विदेश से मंगाई जा रही है। कहीं उसकी तबीयत तो खराब नहीं। जिसके बारे में उसने मुझे नहीं बताया। तब मैंने रीना दीदी से उसकी किसी बिमारी के बारे में पूछा।
लेकिन रीना दीदी ने मुझसे कहा श्लोक बचपन से एकदम स्वस्थ है। ऐसा कुछ नहीं है. फिर हमने नेट पर उस दवा के बारे में सर्च किया कि वह दवा किस किस चीज की है तब हमें पता चला कि यह दवा नींद में उत्तेजना का समावेश है। लोग इसे खिलाकर धोखे से किसी के साथ सेक्स करते हैं। हम दोनों इस बात पर हक्के-बक्के रह गई क्योंकि हम तो अपनी मर्जी से उनके साथ प्यार कर रही थी; फिर उन्हें इस दवा की क्या जरूरत है।
रीना- तब मुझे शक हुआ आपके करामाती दिमाग पर राजवीर … माना कि दवा श्लोक के कमरे में मिली थी किंतु कुछ समय से मैंने नोटिस किया था कि आप दोनों पहले से कुछ ज्यादा ही घुलमिल रहे थे। हमें आप दोनों पर शक हुआ। तब मैंने सीमा को बताया कि हो सकता है यह दवा हम दोनों को खिलाकर अदला बदली करके सेक्स करने के लिए मंगाई गई हो।
सीमा- रीना दीदी की इस बात पर मैं आश्चर्यचकित हो गई क्योंकि रीना और श्लोक तो भाई बहन है। श्लोक ऐसा अपनी बहन के लिए कैसे सोच सकता है।
तब रीना दीदी ने मुझे समझाया श्लोक ने अपनी पढ़ाई शुरुआत से बाहर विदेश में ही की है। मुझे लगता है उसका मन ऐसा कर सकता है और तुम्हें पता नहीं उसके साथ उसके जीजू है उनका दिमाग भी ऐसी बातों में बहुत चलता है।
तब सीमा को विश्वास नहीं हुआ कि राजवीर अपनी बीवी को उसी के भाई से चुदवा देंगे क्योंकि राजवीर जीजू तो उसके लिए आदर्श थे।
इस पर मैंने सीमा को हमारी रणविजय प्रिया के साथ अदला बदली वाली बात बताई।
सीमा- और प्यारे जीजू आपका वह याराना तो था ही इतना उत्तेजना पैदा करने वाला किस्सा कि मुझे समझ में नहीं आया कि मैं आश्चर्यचकित हो जाऊं या उत्तेजित हो जाऊं। आपसे मैं इतना आकर्षित थी कि रीना दीदी और श्लोक के बारे में न सोचकर मैंने प्रिया को अपने स्थान पर रखा और आपके साथ चुदाई के मीठे सपने देखने लग गई; रिश्ते नाते सब भूल गई थी क्योंकि यहां तो सभी बिगड़े हुए हैं तो क्यों मैं सुधर कर अपने मन को मारूं।
वैसे भी मैं कर तो कुछ गलत थी ही नहीं, केवल सोच ही तो रही थी।
अतः मेरा आपको देखने का नजरिया बदल गया। दिल में अब हवस ने जगह ले ली। हां, रीना दीदी का श्लोक के बारे में सोचना गलत हो सकता था क्योंकि ये दोनों भाई बहन थे। मैं इतनी उत्तेजित थी कि आपके पहले वाले याराना का किस्सा मैंने रीना दीदी से बार बार सुना। इस पर रीना दीदी समझ गई थी कि मेरा लगाव शायद राजवीर से हो गया है अतः एक बार उन्होंने मजाक में कही दिया कि एक बार राजवीर के साथ प्रिया बनकर देख लो पता चल जाएगा। लेकिन इसमें एक समस्या थी श्लोक और रीना दीदी तो भाई बहन है तो हम नहीं कर सकते थे। लेकिन श्लोक और राजवीर ऐसा सोच रहे हो वह हमें पता नहीं था। घर में इस ड्रग्स का होना हमारे मन में संदेह पैदा कर रहा था।
रीना-अतः हमने जानबूझ कर भी अनजान बनने का फैसला लिया; ड्रग्स को हमने देख कर अनदेखा कर दिया। सीमा ने ड्रग्स पर नजर रखना शुरू किया और एक दिन वह दिन आया जब दवा अपनी जगह पर नहीं थी। खाना बनाते वक्त सीमा ने मुझे इस बारे में बताया तब हमें लगा कि आज आप लोग हमें वह दवा खिलाएंगे। अतः हमने चुपचाप उस दवा को खाने का फैसला किया। हमारे दिमाग ने संकेत दे दिए थे कि शायद इस आइसक्रीम में ही वह दवा है। दवा खाते ही जैसे हम अपने अपने कमरे में गई, हमने अपने मोबाइल को फ्लाइट मोड पर डाला और कैमरा चालू करके कमरे के एक कोने में इस तरह छुपा दिया कि उससे कमरे का पलंग साफ नजर आए।
रीना- मैंने तो अपना फोन कोने में रख दिया किंतु सीमा का फोन उस वक्त डिस्चार्ज था। अतः वह अपना फोन रख नहीं पाई। बाकी के काम करते वक्त हमारा यह निष्कर्ष निकला कि कोई बात नहीं एक कमरे के मोबाइल से ही पता चल जाएगा यह सब माजरा क्या है। बाकी उस रात क्या हुआ ये तो आपको पता ही है।
सुबह में एकदम से नींद आने का आभास था। आप लोगों के ऑफिस जाने के बाद मैंने अपना मोबाइल निकाला और रात में आप का किया धरा देखा। किस तरह राजवीर ने मेरे कपड़े उतारे और थोड़ी देर बाद श्लोक मेरे कमरे में था। श्लोक ने मुझे देख देख कर अपने आप को अपने हाथ से संतुष्ट किया. उस वक्त मुझ पर हवस हावी नहीं हुई; ना सीमा को देखकर यह सब अच्छा लगा। हमारे पति हमारे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। सीमा और मैं काफी रोई भी; लेकिन जैसे समय निकला। एक बात पर हमें बाद में गर्व महसूस हुआ उन्होंने हमारे शरीर को देखा तो सही पर धोखे से हमारे साथ चुदाई नहीं की।
यह काम तो वे लोग हमें चोरी छिपे भी देख सकते थे अतः हमें यह अच्छा लगा।
हम दोनों समझ चुकी थी कि चाहे हम भाई-बहन ही सही लेकिन अदला-बदली की योजना कहीं ना कहीं आपके दिमाग में चल रही है। और श्लोक भी इसमें शामिल हो चुका है।
शुरुआत में सीमा और मुझ में इसके लिए थोड़ा गुस्सा था लेकिन गुस्से की जगह धीरे-धीरे हवस ने ले ली कि किस तरह श्लोक ने मुझे देखकर कमरे में मुठ मारी। यह देख कर कभी-कभी मुझे उत्तेजना होने लगती।
उस वीडियो को मैंने कई बार देखा और उसके बहुत देर तक स्खलित न होने वाले लिंग को देख देखकर अपने मन में गुदगुदी पैदा की। किस तरह एक भाई अपनी बहन को नग्न देखकर मुट्ठ मार रहा है।
अब हम दोनों सहेलियां बन गई थी, एक दूसरी से गंदी गंदी बातें करने लगी थी। एक दूसरे के पति से चोदम चोद की बातें करने लगी थी। जब सीमा को मेरी किसी बात पर गुस्सा आता तो वह कहती आपको तो देखना एक दिन अपने पति से इतना बुरा चुदवाऊंगी कि आपकी हड्डियां टूट जाएगी।
उसकी इस धमकी से में उत्तेजना में पागल हो जाती थी।
फिर एक दिन सीमा ने मुझसे कहा कि हमें क्या करना चाहिए कि हमारे पतियों का काम आसान हो जाए और अदला बदली करके वह हमें और हम भी उन्हें भोग लें।
इस पर मैंने सीमा से कहा- मेरी प्यारी भाभी सीमा, हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। हमारी तरफ से करने वाला, सबकी तरफ से करने वाला, हमारा प्यारा राजवीर यह सब करने के बारे में सोच ही रहा होगा।
उसके कुछ दिनों बाद राजवीर ने हमें अनंत बाबा की कही हुई समस्या बताई। जब हमने सोचने का वक्त मांगा और आप दोनों छत से नीचे चले गए तब हम राजवीर की बातों पर बहुत हंसी। राजवीर ने आनंद बाबा का सहारा लेकर क्या बहाना बनाया है। हम दोनों खुशी से झूम उठी और एक दूसरी के गले लगी। आखिर लिंग बदलकर स्वाद चखने का समय आ गया था। अब जब भाई ही बुरा है तो बहन सुधर कर क्या करेगी. शायद मैं श्लोक को करने भी ना दूं लेकिन श्लोक तो मुझे देख कर मुठ मारता ही रहेगा।
इतना कहकर रीना हंसने लगी।
सीमा ने आगे बताया- नीचे आकर हमने असहाय औरतों के तरह नाटक किया कि हां हमें आपका किया हुआ फैसला मंजूर है हम बदलकर बच्चे पैदा करेंगी।
उसके बाद हमने सच का सामना तो किया लेकिन हमारा पूरा सच आप को नहीं बताया। हमने इसके लिए आज का दिन चुना था क्योंकि आज 1 अप्रैल है … मूर्ख दिवस ! मूर्खों का दिवस! ताकि मूर्ख बनने पर आपको बुरा भी ना लगे और जब भी अप्रैल फूल आए तो हम सबके चेहरे पर एक मुस्कान हो और इस दिन की याद हो!
श्लोक को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था वह तो हक्का-बक्का होकर अपनी बहन और बीवी दोनों की तरफ देखे जा रहा था।
सच बताऊं तो मेरे पास भी उस वक्त शब्द नहीं थे कि मैं क्या बोलूं! शेर को वास्तव में सवा शेरनियां मिल गई थी।
तब मैं केक के पास गया और उसमें से एक टुकड़ा काटकर खुद खाया और बोला- अगर तुम दोनों को सब पता था इसका मतलब तो ये हुआ कि तुम दोनों इस स्वैपिंग में खुद की खुशी से शामिल थी।
सीमा- हम कब तक आपकी वासना भरी नजरों से बच पाती, वैसे भी हमारे पतियों को खुश रखना हमारी जिम्मेदारी है तो हम आपको निराश कैसे कर सकती हैं. और वैसे भी इस जिम्मेदारी को निभाने में तो हमारी वासना का भी समाधान है।
मैं- तो अब क्या?
सीमा- अब जब हमने एक दूसरे को भोग ही लिया है और हम अब सब भ्रष्ट हो ही चुके हैं तो क्यों ना इस भ्रष्टाचार को भ्रष्ट होने की हद तक निभाया जाए।
रीना- प्यारे राज! बिगाड़ा तो आपने ही है हमें। तो फिर बिगड़ेपन का एक बार खुलकर फायदा उठाना है।
सीमा- ऐसा फायदा उठाने की आप भी सोच रहे होंगे प्यारे जीजू और श्लोक।
श्लोक- कैसा फायदा?
रीना- भाई अदला-बदली तो कर ली। लिंग बदलकर स्वाद भी चख लिया अब तो मन में एक ही इच्छा है सामूहिक सेक्स की इच्छा। बड़ी फिल्में देखी है ग्रुप सेक्स की। जब चार लोगों को साथ में सेक्स करते हुए देखती हूं तो मन में अजीब सी गुदगुदी होने लगती है। दो मखमली लिंग जब एक शरीर पर रेंगते होंगे तो कितना रोमांच आता होगा।
मैं- समझ नहीं आ रहा है कि कल जो बीता वो सपना था या अभी जो मैं देख और सुन रहा हूँ वो सपना है।
श्लोक- जिस चीज़ के लिए हम कबसे पापड़ बेल रहे हैं आज वो हमें सामने से परोसी जा रही है। यह अविश्वसनीय है।
मैं- तो कब रखा जाए सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम?
सीमा- सेक्स कार्य में देरी कैसी? अगर रीना दीदी की चूत कल की चढ़ाई से सूजी नहीं है तो मैं तो आज ही तैयार हूँ।
रीना- अरे आने दो, दो दो लन्ड का वार … एक है भाई और एक है यार!
रीना और सीमा बेशर्मों की तरह हंसने लगी. आज उनकी बातें कुछ ज्यादा ही वासना भरी हुई थी और कल की चुदाई से वो दोनों कुछ ज्यादा ही खुल गयी थीं।
यह खुलापन, ये बिगड़ी बातें … यही तो याराना था और यही तो हमें चाहिए था।
सायंकाल को सामूहिक चुदाई का आयोजन होना था।
तो दिन भर की छोटी मोटी घटनाओं का बखान करने से बेहतर में आपको उसी समय ले चलता हूं जहाँ सामूहिक घमासान शुरू होने वाला था।
रात के खाने के बाद करीब 10 बजे:
हमें कमरे से बाहर रखा गया था क्योंकि हमें हमारी बीवियाँ सरप्राइज देना चाहती थी। शायद वे सामूहिक चुदाई के मंच को सजाना संवारना चाहती थी। वे दोनों मेरे कमरे में थी.
करीब 10:30 बजे दोनों की बीवियों ने हमें अंदर कमरे से आवाज दी और आने की अनुमति दी।
जब हम कमरे में प्रविष्ट हुए तो देखा
मेरे कमरे को दोनों बीवियों ने गुलाबों और मोमबत्तियों से सजा दिया था। पूरा कमरा मन्द मन्द सुगंध से महक रहा था। होम थिएटर के स्पीकरों में बहुत ही मधुर आवाज में रोमांटिक संगीत चल रहा था। फ्लैट की छत की लाइटिंग के रंग बिरंगे प्रकाश में बिछा हुआ पलंग ऐसा लग रहा था कि मानो किसी भव्य प्रोग्राम के लिए सजाया गया मंच। ये महिलाएं ही हैं जो किसी भी कार्य को अच्छी तरह पूर्ण करने की व्यवस्था में इस प्रकार के कार्य कर लेती है। जहां तक हम मर्दों की बात है, हमें तो ऐसे कार्यक्रम आयोजन से पहले केवल चूत ही चूत दिखाई देती है। हमारा मन बस यह सोचता रहता है कि आज किसकी चुदाई कैसे करनी है। अर्थात् जहाँ दिखा चीरा, वहीं डाल देंगे खीरा।
दिन भर में की गई बातों से सब एक दूसरे से बेहद खुल चुके थे। अतः शर्माने मनाने की औपचारिकता में कोई भी अपना मजा खराब नहीं करना चाहता था.
यह एक भव्य रात थी जो दोबारा आयोजित करने पर भी ऐसा मजा नहीं देने वाली थी क्योंकि यह पहली बार था। दोनों बीवियों ने इसकी तैयारी इतनी ही भव्यता के साथ की थी।
कमरे के माहौल से जब नजर हटी और दीवार के पास सटे हुए सोफे पर पड़ी तो देखा कि रीना और सीमा केवल अंतर्वस्त्रों ब्रा और पैंटी में अपनी एक एक टांग सोफे पर तथा एक टांग नीचे रखकर अपने स्तनों को आगे कर कर बहुत ही कामुक तरीके से खड़े होकर हमें रोमांचित करने के लिए खड़ी हुई हैं। यहां कोई स्विमिंग पूल नहीं था किंतु दोनों ने अपनी महंगी महंगी बिकिनियाँ पहनी हुई थी।
बीती रात में श्लोक और मैंने सीमा और रीना की चुदाई की थी, उन्हें नग्न भी देखा था किंतु आज जिस प्रकार अपने रूप से यह काम की देवियां कयामत ढा रही थी, ऐसा लग रहा था कि हम दोनों को पहली बार ही देख रहे हैं।
काले रंग के अंतवस्त्र पहने हुए रीना के स्तन और कूल्हे इतने उत्तेजित कर रहे थे जैसे मानो साक्षात् अदा खान अपना अंग प्रदर्शन कर रही हो। उसकी सफेद रंग की गोरी टांगें कमरे के छत की गुलाबी लाइट की रोशनी में गुलाबी नजर आ रही थी।
यह नजारा देखकर श्लोक का हाथ अकस्मात उसके लिंग पर चला गया और वह पजामे के ऊपर से ही अपना लिंग सहलाने लगा।
सोफे के दूसरी बगल में सीमा अपने उत्तेजित करने वाले स्तनों तथा पिछवाड़े को बाहर निकाले हुए खड़ी थी। सीमा भी बालों से लेकर टांगों तक गुलाबी प्रकाश में पूरे गुलाबी नजर आ रही थी।
सीमा- कैसा लगा कमरे का नजारा?
श्लोक- बेहद शानदार … कोई जवाब नहीं … ना तो सजाए हुए कमरे के रोमांटिक माहौल का … और ना ही दोनों रूप की परियों का!
मैं- समझ नहीं आ रहा कि यह सुगंधित अविस्मरणीय मंच आज हमारी युद्धभूमि बनने वाला है। जहाँ दो चूत और दो लंड एक दूसरे की प्यास बुझाने के लिए मिलकर प्रतिस्पर्धा करेंगे।
श्लोक- मुझसे अब बातें नहीं हो रही है जीजा जी। समय आ गया है कि मैं अब बाहुबली बन जाऊं।
इतना कहकर श्लोक रीना के पास गया और उसकी गोरी कमर को पकड़ कर उसको अपनी बांहों में भींच लिया और दोनों एक दूसरे को चूसने लगे चाटने लगे और एक दूसरे में मग्न होकर एक दूसरे के लबों को आंखें बंद करके चूसने लगे।
यह देखकर सीमा अपनी गोरी जांघ सोफे से हटाकर मेरे पास आई और उसके लबों को मेरे लबों से लगा दिया। सीमा के होठों के नशे में हम दोनों की आंखें कब बंद हो गई और एक दूसरे में हम कब खो गए, पता ही नहीं चला।
जब सीमा ने अपने लबों को अलग किया तो दिखा कि श्लोक ने अपनी सगी बहन रीना को सोफे पर गिरा दिया है और खुद पूर्ण रूप से नग्न होकर रीना की पीठ पर हाथ फिरा रहा है और उसके काले रंग की ब्रा को खोलने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन इसी समय रीना ने उसके होंठों को अपने होठों के अंदर दबा रखा है जिसके कारण वह रीना की ब्रा खोलने में कामयाब नहीं हो पाया.
तब रीना ने श्लोक के मनोभाव को समझकर अपने दोनों हाथ पीछे करके अपनी ब्रा का हुक खोला। दोनों हाथ पीछे करने के कारण रीना के स्तनों का आकार आगे की तरफ हुआ और बड़ा बड़ा नजर आया जिसे देखकर श्लोक अपने आप को रोक नहीं पाया और रीना की ब्रा का हुक खोलने से पहले ही उसने ब्रा को ऊपर किया और उसके बड़े-बड़े गोरे स्तनों में अपने मुंह को दबा दिया और उनके बीच में अपनी जीभ फिर आने लगा।
इधर मैंने भी सीमा को बेड पर धक्का दिया और उसे पेट के बल उल्टा लेटा कर उसकी ब्रा का हुक खोला तथा उसकी गोरी सेक्सी पीठ पर अपनी जीभ घुमाने लगा। सीमा की पूरी पीठ चाट कर जब मैंने उसकी वासना भड़का दी. उसके बाद मैं उसकी कमर के नीचे के उभारों पर अपनी जीभ फिर आने लगा। सीमा अपने कूल्हों को उठाकर उन्हें मेरे मुंह के तरफ दबाने लगी. मैंने उसकी भावनाओं को समझते हुए उसकी पैंटी उतार कर फेंक दी.
इस तरह सीमा पूर्ण रूप से नंगी अपने पेट के बल अपनी गोरी सेक्सी पीठ तथा कूल्हों का प्रदर्शन करते हुए लेटी हुई थी. मैंने सीमा के कूल्हों पर पर अपनी जीभ फिराई। सीमा के शरीर के गुदगुदी जब चरम पर पहुंच गई तब उसने अपने आप को सीधा किया और मेरे मुंह को पकड़ कर अपने स्तनों पर लगा दिया. मैंने सीमा के स्तनों को चूसना चाटना शुरू किया, जीरो फिगर वाले सांचे में ढले हुए छोटे आकार के स्तन एक अलग ही उत्तेजना का भाव पैदा कर रहे थे।
जब मेरी नजर रीना और श्लोक पर पड़ी तो देखा कि मेरी बीवी रीना सोफे पर उल्टी लेटी हुई है और मेरे साले श्लोक ने अपना मुंह अपनी बहन के कूल्हों के बीच में डाल रखा है, उसके दोनों हाथ रीना के गोरे कूल्हों को लाल करते हुए उसके कूल्हों को चौड़ा कर रहे थे जिससे कि श्लोक रीना के कूल्हे के बीच में छेद पर अपनी जीभ से मुखचोदन आराम से कर सके. रीना भी अपने कूल्हों को श्लोक के मुंह के ऊपर दबा रही थी और सिसकारियां भर रही थी।
वास्तव में बड़ा उत्तेजक दृश्य था! इससे ज्यादा उत्तेजक दृश्य मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था; किसी पोर्न फिल्म को देखकर मुझे इतनी उत्तेजना नहीं हुई थी जितना इन बहन भाई को इस अवस्था में देख कर आई।
इधर मैंने सीमा की टांगों को चौड़ा करके उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से गुदगुदाने लगा।
शायद श्लोक और रीना सोफे पर सहज महसूस नहीं कर रहे थे इसलिए श्लोक ने रीना को सोफे से उठाकर हमारे बेड पर ही पटक दिया, उसने रीना को सीधी लेटा कर उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी चूत में अपना मुंह डाल दिया.
अब एक ही बिस्तर पर हम चारों बदले हुए साथियों के साथ मुख चोदन कर और करवा रहे थे।
कमरे में ननद रीना और भाभी सीमा की सिसकारियां धीमी गति के संगीत को दबाने लगी थी जो कि होम थिएटर में बज रहा था।
फिर हम चारों 69 की पोजीशन में आ गए। अब एक ही समय पर हम एक दूसरे की चूत और लिंग को चाट कर एक दूसरे को आनंद प्रदान कर रहे थे। मैं सीमा की तथा सीमा मेरा गुप्तांग जीभ से गुदगुदा रही थी ऐसा ही रीना और श्लोक दोनों बहन भाई कर रहे थे।
जब पर्याप्त मात्रा में मुख चोदन और फोर प्ले हो गया तब हम चारों एक साथ एक दूसरे के लिपट गये।
तब मैंने कहा- चलो बताओ पहले एक एक साथी से चुदाई पसंद करोगी या एक ही साथ दोनों के साथ?
इस पर सीमा ने कहा- आज तो सामूहिक चुदाई का दिन है, अकेले चुदाई करके ही अगर थक गए तो सामूहिक चुदाई का मजा नहीं ले पाएंगे. मेरे तो मन की कामना यही है कि जितना जल्दी हो सके एक साथ दो दो लिंग मुझे चोदें।
रीना ने कहा- जी, सीमा सही कह रही है!
श्लोक- जीजाजी, आज का दिन तो सामूहिक चुदाई का दिन ही रखा जाएगा। सब इसी के लिए लालायित हैं।
तब मैंने कहा- तुम में से एक औरत को थोड़ी देर के लिए हमारे लिंग से वंचित रहना पड़ेगा. अब बताओ श्लोक और हम दोनों पहले किस की पटरी पर पर अपनी रेल दौड़ायें?
इस पर सीमा ने कहा- आप अपना खेल उसी पिच पर खेलो जो पिच मजबूत है। मेरा मतलब है कि रीना दीदी! क्योंकि आप दोनों की हवस भरे हाथों को संतुष्ट करने के लिए उनके बड़े स्तन, लिंग को संतुष्ट करने के लिए उनकी सुंदर और आकर्षक गुलाबी चूत, तथा अपने लिंगों को निचोड़ने के लिए उनके गोरे कूल्हे हैं।
तब श्लोक ने कहा- तुम भी कम हसीन नहीं प्रिय सीमा!
इस पर सीमा ने कहा- हां, माना मैं हसीन हूं … लेकिन रीना दीदी जितने सेक्सी नहीं! मैं आप लोगों को नहीं झेल पाऊंगी।
रीना- यह तो गलत बात है सीमा … कि मेरी ही रेल बनाई जाए। यह सही नहीं है! मजा तो हम चारों को लेना है, मैं तुम्हें बिना चुदवाये नहीं मानूंगी।
इस पर सीमा ने कहा- दीदी, आप सही बोल रही हो लेकिन आपकी घनघोर चुदाई के बाद शायद इन दोनों की उत्तेजना कम हो और मैं थोड़ा सहन करने योग्य सेक्स कर पाऊं और फिर मज़ा उठाएं।
श्लोक और मैंने सीमा की इस बात पर सहमति दी और रीना को बेड के बीचोंबीच खींच लिया।
उत्तेजना और रोमांच से रीना के रोंगटे खड़े हो रहे थे, उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी यह देखने की कि एक साथ दो लिंग से चोदने पर कैसा महसूस होता है।
सीमा पलंग के एक किनारे पर आ गई। इस पर मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या वह दर्शक बनने वाली है या फिर पोर्न फिल्मों की दूसरी नायिका की तरह पोर्न नायकों के गुप्तांगों को हाथ से उत्तेजित करके अपनी सहभागिता देना चाहती है।
किंतु अब मेरा और श्लोक का पूरा ध्यान रीना पर आ गया था।
श्लोक ने कहा- मेरे जीवन की सबसे सेक्सी महिला, अपने जीवन का सबसे धमाकेदार सेक्स करने के लिए तैयार हो जाओ!
मैं- आज बहन चोद भाई तथा पति से साथ में चोदने के लिए तैयार हो जाओ।
रीना ने अपनी मादक मुस्कुराहट के साथ दोनों को अनुमति दी।
मैं अपनी पीठ के बल अपने खड़े लिंग को ऊपर करके बेड पर लेट गया. मेरे मुंह की तरफ रीना ने अपनी गांड की तथा अपने गोरे कूल्हों को मेरी कमर पर टिकाए तथा अपने गीली चूत में मेरा लिंग डाल लिया।
श्लोक मेरी टांगों की तरफ रीना की तरफ मुंह करके बैठा हुआ था तथा अपने लिंग को हाथ से सहला रहा था।
मैंने श्लोक को रुकने के लिए कहा क्योंकि रीना के हल्के झटकों से मैं अपने लिंग को उसकी चूत के पानी में भिगोना चाहता था ताकि पर्याप्त चिकनाई के बाद मेरा लिंग उसके गांड के छेद में प्रवेश कर सके।
रीना ने अपनी गांड उठाकर मेरे लंड पर झटके देना शुरू किया उसके ग्रुप सेक्स की उत्तेजना में निकले हुए चूत के पानी से मेरा लिंग पर्याप्त मात्रा में चिकना हो चुका था। रीना ने अपने चूतड़ उठाकर मेरा लिंग उसकी चूत में से निकाला और मेरे लिंग को उसने अपनी गांड के छेद पर समायोजित कर लिया. थोड़े उसके तथा मेरे प्रयास से मेरा लिंग मुंड धीरे धीरे उसके गांड में प्रवेश कर गया तथा मैंने उसकी गांड में धीरे-धीरे धक्का देना शुरू कर दिया।
अब श्लोक के आने का समय हो गया था। श्लोक ने रीना के सामने आकर रीना की टांगें थोड़ी सी और चौड़ी करके उसकी गुलाबी चिकनी चूत में अपना लिंग ठेल दिया।
शुरुआत में हम तीनों को सहज महसूस नहीं हुआ तथा दोनों को झटके मारने में परेशानी हुई. किंतु धीरे धीरे हाथ और पांव लिंग और चूत और गांड का छेद इस प्रकार व्यवस्थित हुए कि धीरे धीरे धक्के लगाने में हमें सहजता महसूस होने लग गई और अब एक ही समय पर श्लोक और मैं रीना की गांड और चूत में धक्के मारने लगे।
रीना की सिसकारियां जोरदार तेज आवाज आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह यस यस यस में बदल गई। उसने अपने होठों को उत्तेजना में अपने दांतों के नीचे दबा दिया और जोरदार सिसकारियों की आवाज से पूरा कमरा गुंजा दिया।
धीरे-धीरे श्लोक के धक्कों की गति इतनी बढ़ गई कि रीना का पूरा शरीर जोर जोर से ऊपर नीचे हिलने लगा जिसके कारण मुझे अब धक्के लगाने की जरूरत नहीं थी, मेरा लिंग अपने आप ही रीना की गांड से अंदर बाहर होने लगा था। हमारे द्वारा दिए गए झटकों से उसके स्तन ऊपर नीचे हिल हिल कर किसी पोर्न फिल्म से नजारा बना रहे थे।
सच बताऊं तो दोस्तो, समझ नहीं आ रहा है कि जो मजा में उस वक्त महसूस कर रहा था, उसे कैसे बयान करूँ!
चूत और गांड के छेद के बीच की एक पतली सी झिल्ली के दोनों तरफ जब दो लिंग अंदर बाहर घुस कर उन दो छिद्रों के अंदर एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे तो कैसा अनुभव हो रहा था यह तो जब आप अपनी किसी महिला साथी के साथ करेंगे तभी पता चलेगा।
करीब 10 मिनट के जोरदार लगातार धक्कों के साथ रीना की चूत के पानी में हमारे लिंग कमर सब भीग गए। चूत से इतना पानी शायद ही रीना ने अब तक की किसी चुदाई में छोड़ा होगा। हमारे गुप्तांगों पर इतनी चिकनाई हो गई थी कि लिंग अगर गलती से झटकों में बाहर भी निकल जाए तो अपने आप अपने अपने क्षेत्र में प्रविष्ट कर रहा था।
रीना अपना होश खो बैठी थी और उत्तेजना में दहाड़ रही थी।
श्लोक अति उत्तेजित हो चुका था, उसने कहा- जीजू मुझे स्खलित होना है, अतः मुझे छोटा छेद चाहिए।
हमने रीना को उठाकर अपनी जगह बदली ली. अब श्लोक नीचे लेट गया और अपनी बहन रीना की गांड में अपना लिंग घुसा दिया तथा मैंने रीना की चूत में अपना लिंग।
रीना ने अपने हाथ बेड पर टिका दिए तथा दोनों छिद्रों में लिंग का स्वागत करने के लिए छिद्रों के द्वार खोल कर बैठ गई अब हम दोनों ने बेतहाशा झटके दिए जिससे कि रीना के मुंह से पोर्न फिल्मों के नायिका की तरह उम्फ़ … उन्हफ़ … की आवाज़ें निकलने लगी। रीना की चूत से अब जोरदार फच फच की आवाज आने लगी, उसने अपना सारा पानी छोड़ दिया तथा जोरदार झटकों के साथ में तथा श्लोक भी रीना की चूत और गांड में एक साथ स्खलित हो गए।
हम तीनों के गुप्तांग और कमर एक दूसरे के पानी से बेहद गीले हो गए थे। मेरी साले की बीवी सीमा ने हम तीनों को नैपकिन उपलब्ध करवाए तो मेरा ध्यान सीमा पर गया जो कि इस ग्रुप थ्रीसम पॉर्न फिल्म का सीधा प्रसारण का लुत्फ उठा चुकी थी। हम तीनों अपने आप में बिजी थे कि हमें नहीं पता कि इस दौरान सीमा कितनी उत्तेजित हुई या उसने इस उत्तेजना में अपनी चूत में उंगली की या नहीं।
रीना साइड में पलंग पर पड़ी हुई थी और ‘ओ माय गॉड … ओ माय गॉड …’ कर रही थी। उसकी चुदाई की हुई चूत और गांड चौड़ी हो चुकी थी। श्लोक और मेरी भी सांसें तेज थी.
हम भी बेड पर थोड़ी देर के लिए चित होकर लेट गए।
वास्तव में रीना वासना की मूर्ति थी। उसकी इतनी घनघोर चुदाई करने के बाद भी श्लोक और मेरा मन था कि उसे और उधेड़ा जाए। लेकिन यह तो वाइल्ड फकिंग हो जाती और वैसे भी हमें अभी अपनी कृति सेनन यानि सीमा को ठंडा करना था जो सीधा प्रसारण वाली थ्रीसम चुदाई देखकर बहुत गर्म हो गई थी।
15-20 मिनट आराम करके श्लोक और हम दोनों बाथरूम गए और स्वयं को साफ किया।
सीमा और रीना कमरे में ही थी।
श्लोक मुझसे बाथरूम में बोला- जीजू, मेरी सीमा को थोड़ा प्यार से चोदना।
इस पर मैंने श्लोक से कहा- बेटा, पूरा बदला लूंगा, जितने तेज धक्के मेरी रीना को दिए है, उतने ही तेज धक्के तेरी सीमा को खाने पड़ेंगे।
इस पर हम दोनों हंसने लगे।
श्लोक- यार जीजू, सीमा पर थ्रीसम चुदाई का कोई दूसरा पोजिशन ट्राई करते हैं।
मैं- हाँ यार, मन तो मेरा भी यही है लेकिन तीन लोगों की चुदाई को देख कर सहज होने में वही पोजीशन बेस्ट था। फिर भी चलो कुछ मजेदार ट्रॉय करते हैं। जाओ और सीमा को पकड़ के यहीं बाथरूम में ले आओ।
इस पर श्लोक ने मजे से ओके कहा और लंबी सेक्सी सीमा को पूर्ण रूप से नग्न अपनी गोद में उठाए हुए बाथरूम में ले आया।
जैसा कि मैंने आपको कहानी के शुरू में बताया था। फ्लैट के बाथरूम काफी अत्याधुनिक थे इसमें कहीं प्रकार के शावर तथा एक बड़ा बाथटब भी था।
सीमा थ्रीसम चुदाई में रीना का हाल देख चुकी थी, उसकी उत्तेजना तथा थोड़ा डर वाला मनोभाव प्रकट करने वाला चेहरा शर्म से लाल था तथा उसके शरीर के रोंगटे खड़े थे।
लंबी टांगों, चौड़ी गांड, जीरो फिगर वाली पतली कमर तथा स्तन वाली सीमा बाथटब के किनारे पर बैठी थी।
श्लोक बाथटब के अंदर चला गया तथा पीछे से उसकी पीठ पर अपनी जीभ चलाने लगा। मैंने नीचे बैठकर सीमा के टांगें चौड़ी करके उसकी चूत पर अपना मुंह रख दिया तथा जीभ से उसकी चूत का चोदन करने लगा।
उत्तेजित सीमा ने अपने दोनों हाथों से बाथटब के किनारों को पकड़ लिया और अपने हाथों की पकड़ को बेहद मजबूत कर लिया। श्लोक ने सीमा के साइड में आकर उसके स्तनों पर अपना मुंह चलाना शुरू कर दिया और उन्हें चूसने लगा। मैंने सीमा की जांघें और पांव को जीभ से गुदगुदा कर उसे उत्तेजित किया।
अब चूंकि सीमा की चूत बेहद गीली हो चुकी थी, मैं खड़ा हो गया, सीमा को खड़ा किया तथा उसके कूल्हों के नीचे हाथ रख कर उसे अपनी गोद में बिठा लिया. सीमा ने अपनी दोनों टांगों को मेरी कमर की ओर घुमा कर अपने आपको मेरे ऊपर लाद दिया. अब मेरे ऊपर चिपकी हुई सीमा की गीली चूत में मैंने अपना खड़ा लिंग डाल दिया और गोद में ही ऊपर नीचे करके सीमा को धीरे धीरे चोदने लगा।
जब मेरा लिंग सीमा की चूत के पानी से पूरा गीला हो गया तब मैंने श्लोक की तरफ इशारा किया। सीमा को मैंने नीचे उतारा, तब श्लोक ने इसी अवस्था में सीमा को उठाया और उसे गोदी में लेकर उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा। सीमा श्लोक का लंड खाते हुए उसे चिपकी हुई थी। तब मैंने पीछे से आकर खड़े खड़े सीमा के गांड में अपना लिंग टिका दिया किंतु लंड सीमा के गांड में घुस नहीं पाया.
तो मैंने बाथरूम में रखी हुई क्रीम अपने लिंग और उसकी गांड के छेद पर मल कर एक बार फिर प्रयास किया. तब मेरा लिंग मुंड उसके उसकी गांड में प्रवेश किया। श्लोक ने उसकी चूत चोदते चोदते सीमा की गांड को मेरे लिंग पर दबाया जिसके कारण मेरा लिंग पूर्ण रूप से सीमा के गांड में प्रवेश कर गया।
अब हम तीनों की खड़े-खड़े थ्रीसम चुदाई शुरू हो चुकी थी, कभी श्लोक के हाथ दुखते तो मैं रीना की गांड के नीचे हाथ लगा कर उसे ऊपर नीचे करता। कभी मेरे हाथ दर्द करने लगते तो श्लोक सीमा को उठा उठा कर हमारे लिंग पर दबाता।
सीमा ने उत्तेजना में श्लोक के कंधे पर जोरदार काट लिया उसका मुंह उसके कंधे को काटे हुए ही था।
रीना इस चुदाई से अनजान अपने बेड पर पड़ी हुई थी।
श्लोक और मैं एक बार फिर एक ही औरत के दोनों छिद्रों में अपना लिंग घुसा कर एक दूसरे के लिंग पर अपने अपने लिंग की रगड़ महसूस कर रहे थे।
अब सीमा भी जोरदार सिसकारियां भरने लगी। सीमा की चूत की चिकनाई हमारे लिंग पर रेंगने लगी थी। तीनों ने इस अवस्था में जोरदार मजा लिया किंतु सहज महसूस नहीं होने के कारण हमने सीमा को अपनी गोद में से थोड़ी देर बाद उतार दिया।
अब मैं बाथटब के किनारे पर बैठ गया, सीमा घोड़ी बनकर मेरे लिंग को मुंह में लेने लगी. पीछे से श्लोक ने आकर उसकी चूत में उसका लिंग डाल दिया और जोरदार झटके देने लगा। अब सीमा अपनी चूत में लिंग खाते हुए मेरे लिंग को चूस रही थी, श्लोक के जोरदार झटके मुझे सीमा के मुंह के जरिए अपने लिंग पर महसूस हो रहे थे।
थोड़ी देर बाद श्लोक बाथटब पर बैठ गया, सीमा ने उसका लिंग अपने मुंह में ले लिया तथा घोड़ी बनी हुई सीमा की गांड में मैंने अपना लंड पेल कर उसकी गांड की चुदाई की.
इस तरह बारी-बारी से हमने सीमा को चोदा और उससे अपना लिंग चुसवाया। सीमा भी मस्त होकर हमारा लिंग चूस रही थी तथा अपने पिछवाड़े से जोरदार झटके हमारे लिंग पर देकर हमारे लिंग का स्वागत कर रही थी।
फिर हम बाथरुम से बेड पर चले गए जहां रीना अपने आप को साफ कर रही थी। हमें बाहर आता देख रीना बाथरूम में घुस गई। शायद उसे मूत्र त्याग करना था।
बेड पर सीमा श्लोक और मेरा द्वंद्व शुरू हुआ, हमने उसी अवस्था में सीमा को चोदा जिस अवस्था में रीना को चोदा था। श्लोक ने नीचे लेट कर सीमा की गांड में अपना लिंग डाला तथा मैंने सामने से आ कर सीमा की चूत में अपना लंड डाला तथा जोरदार चुदाई शुरू की। सीमा ने अति उत्तेजना के साथ उचक उचक कर हमारे लिंगों का स्वागत किया तथा अपनी चूत से नदिया बहा कर यह प्रदर्शित किया कि वह भी उत्तेजना और मजे लेने में रीना से बिल्कुल कम नहीं है।
जहां रीना इस तरह की चुदाई में उम्फ़ … उन्फ़ … की आवाज निकाल रही थी, वहीं सीमा फक मी हार्ड … फक मी हार्ड … की आवाज निकाल रही थी। उसकी इस उत्तेजना भरी बातों से मैंने उत्तेजित होकर उसी की चूत के पानी में सना हुआ मेरा लिंग बीच बीच में उसके मुंह में भी डाल दिया लेकिन उसने बिना किसी ना नुकुर के साथ मजे से चूसा।
श्लोक और मेरे जोरदार झटकों से जब सीमा स्खलित होकर निढाल गिरने लगी। तब पहले मैं स्खलित हुआ था और बाद में श्लोक ने अपने आप को स्खलित करके ठंडा किया।
हम तीनों बेड पर बेहद थके हुए निढाल होकर गिर गए।
इतने में रीना बाथरूम से निकल कर आई और बोली- जल्दी तैयार हो जाओ बहनचोदो … आई एम फीलिंग हॉर्नी।
लेकिन हम रीना के इस निमंत्रण के लिए तैयार नहीं थे, उसे तो काफी समय मिला था आराम करने का लेकिन हमने तो लगातार मेहनत की थी।
इस पर श्लोक ने रीना से कहा- आ जाओ दीदी, हमारे साथ बेड पर लेट जाओ, अगर मेरे लिंग ने साथ दिया तो आपकी मनोकामना पूरा कर देंगे.
सीमा ने अपना हाथ लंबा करके कमरे की लाइट को बिल्कुल धीमा कर दिया। हम चारों बेड पर पूर्ण रूप से नग्न एक दूसरे पर अपने हाथ पांव रखकर चिपके हुए लेटे थे। इस खतरनाक चुदाई ने मेरी नींद को तो बहुत गहरा कर दिया था कि अब तो आंखें खोलने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी अतः मैं तो सो गया। जहां तक मुझे पता था बाकी तीनों भी सो गए थे।
बेहद गहरी नींद आने के बाद बेड के हिलने से मेरी नींद हल्की सी टूटी तो देखा कि हमें सोये हुए करीब 2 घंटे हो गए थे। करवट बदल कर देखा कि बेड क्यों हिल रहा है तो पाया कि श्लोक रीना की चुदाई कर रहा है और रीना अपनी टांगें उठा कर श्लोक के धक्के खा रही है। गजब की वासना भरी थी रीना में … जिसे उसका सगा भाई श्लोक जोरदार तेज झटकों वाली चुदाई से शांत कर रहा था।
मेरी सलहज सीमा गहरी नींद में सोई हुई थी, मैंने उसे उठाना उचित नहीं समझा। क्योंकि हमारे सोते वक्त रीना की सेक्स करने की इच्छा हो गई थी इसलिए श्लोक ने भी अपनी नींद टूटने पर रीना की मनोकामना पूर्ण की।
इस तरह सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हो गई थी।
अलग-अलग अदला-बदली करने के बाद आज यह हमारी पहली सामूहिक चुदाई थी जिसका हमने भरपूर मजा लिया और अब तो यह करते रहना था सब कुछ कितना आसानी से हो गया था। आने वाले कल व समय में हम इसी तरह के बेहद आनंद प्रदान करने वाले समय को जीने वाले थे यह सोचते सोचते मेरी आंख लग गई।
तो यह थी हमारे सामूहिक याराना की पहली रात।
इस रात के करीब 8 महीने तक हमने कई बार एक दूसरे की बीवियों को बदलकर भोग किया तथा सप्ताहांत पर सामूहिक चुदाई कार्यक्रम आयोजित किया। आठ महीने के इस जीवन काल में ऐसा लगा कि हमारे सेक्स जीवन को एक नई दिशा तथा मजदार से किनारा मिल गया है।
तब श्लोक ने हमारे बिजनेस को गुजरात में शुरू करने की इच्छा प्रकट की। मेरा राजस्थान के साथ गुजरात में होना थोड़ा मुश्किल था। अतः हमारे बिजनेस के गुजरात में स्थापित होने के मालिकाना हक मैंने श्लोक को प्रदान किए। इसके करीब 2 महीने बाद सीमा और श्लोक गुजरात शिफ्ट हो गए।
हम चारों को बिछड़ने का बेहद दुख था और क्यों ना हो हमारा बंध इस प्रकार का जो बना हुआ था।
यह तो पक्का था कि जब भी मिलेंगे अदला बदली करके चुदाई होनी ही थी और हम चारों को इसका हमेशा से इंतजार रहा।
जहां तक अदला-बदली का सवाल था तो मुझे लगा कि प्रिया और रणवीर तथा श्लोक और सीमा ही हमारे अदला-बदली के साथी रहेंगे। लेकिन समय मेरे लिए एक बड़ा आश्चर्य लिए हुए मेरा इंतज़ार कर रहा था। मुझे नहीं पता था कि सबके साथ अदला-बदली की पृष्ठभूमि रचने वाले राजवीर यानि मेरे साथ ही कहीं ना कहीं कोई और यह पृष्ठभूमि तैयार कर रहा है। कोई था जो कि रीना को चोदने के सपने देख रहा था और एक नए खेल की शुरुआत करने वाला था जिससे मैं अनजान था।
सबको मोहरा बनाने वाला खुद मोहरा बनने वाला था।
प्यारे दोस्तो ! याराना का सबसे रोमांचक पड़ाव अभी आपको सुनाना बाकी है। सबसे ज्यादा उत्तेजना पैदा करने वाली एक घटना घटित होना बाकी है।
कौन होगा आखिरी अदला बदली का साथी?
इस रहस्य से आपको वाकिफ करना बाकी है।

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