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मौसी की चुदाई का मजा - Mausi Ki Chudai Ka Maja

 


मेरी उम्र 23 साल है. घर में मॉम डैड और एक छोटा भाई है. मेरा रंग सांवला है, हाइट 5 फीट 7 इंच है. पिछले 3 साल से जिम जा रहा हूँ, इसलिए मेरी बॉडी बड़ी ही कसरती और आकर्षक है. मर्द का सबसे जरूरी हिस्सा, मतलब मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है.. और ये औसत से ज्यादा मोटा है.

अब मेरी सगी मौसी के बारे में भी जान लीजिए. मेरी सगी मौसी का नाम शांति है, वो चंडीगढ़ के समीप ही एक शहर डेराबसी में रहती हैं. उनकी उम्र 37 साल है, रंग सांवला ही है, कद तकरीबन 5 फीट 2 इंच है. मौसी की फिगर 36-32-34 की है. उनके पति यानी मेरे मौसा जी का नाम राज है. उनकी उम्र आगे 42 साल है और राज मौसा कोई काम नहीं करते हैं. वो मौसा कहाने लायक ही नहीं है. सारा दिन शराब पीते रहते हैं.

मौसी की दो संतानें हैं, एक पुत्र जसवीर और एक पुत्री स्नेहा है. जसवीर 10वीं फेल है, इसलिए सारा दिन मोबाइल रीचार्ज & गिफ्ट शॉप पर बैठता है. ये उनकी अपनी खुद की शॉप है. स्नेहा पढ़ रही है.
मेरी मौसी के पास बहुत ज़मीन-जायदाद, प्रॉपर्टी और अपनी गिफ्ट शॉप है, इसलिए घर में रुपये-पैसे की कोई कमी नहीं है.

मैं ग्रेजुयेट हूँ और जॉब की तलाश में हूँ. मैं अक्सर अपनी मौसी के घर जाता रहता हूँ, क्योंकि मैं अपनी मौसी को बहुत पसंद करता हूँ.

ये बात पिछले साल अक्टूबर 2016 की है तब मैं अपनी ग्रेजुएशन के दूसरे साल में था. मैं कुछ दिनों के लिए अपनी मौसी के घर गया हुआ था. मैं अपनी मौसी की खूबसूरती का दीवाना हूँ. मैं वहां जाकर उन्हें किसी ना किसी बहाने से अक्सर टच करता रहता था.

रात को हम सब एक ही हॉल में सोते हैं. बेड पे दीवार की तरफ जसवीर, बीच में स्नेहा, फिर मैं सोता हूँ. मौसी मेरी तरफ चारपाई डालकर सोती हैं और मौसा जी शराब के नशे में कहीं भी सो जाते हैं.

मैं अक्सर रात को सबके सो जाने के बाद मौसी को टच करता रहता हूँ. कभी उनके बूब्स दबाता, कभी उनकी मोटी गांड सहलाता और फिर मुठ मारके सो जाता. मैं रोज़ वॉशरूम में जाकर मौसी की ब्रा और पैंटी को सूँघता, मुझे इसमें बहुत मजा आता था.

दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि मैं तब तक वर्जिन था और अपनी मौसी के साथ पहला सेक्स के लिए पगला रहा था.
अब मैं उनको चोदने के प्लान सोचने लगा.

एक दिन जब जसवीर शॉप पे था, स्नेहा स्कूल गई हुई थी और मौसा जी कहीं शराब पीने गए हुए थे, तब घर में सिर्फ़ मैं और मौसी ही थे. मौसी स्टोर रूम की सफाई कर रही थीं, मैं भी स्टोर रूम में जाकर उनकी हेल्प करने लगा और इसी बहाने उन्हें टच भी करता रहा.

अब सेक्स मेरे बस के बाहर होता जा रहा था. मैंने बहुत हिम्मत करके मौसी का हाथ पकड़ किया और बोला कि आपसे एक ज़रूरी बात करनी है. लेकिन मेरी इस हरकत से मौसी डर गईं और बाहर निकल गईं. मुझे लगा कि आज आर या पार हो ही जाने दो. मैंने बाहर आकर मौसी को हग कर लिया और बोला- आई लाइक यू मौसी.
मौसी गुस्से में बोलीं- तुम पागल हो गए हो क्या? मैं तुम्हारी सगी मौसी हूँ.
वो मुझे डांटने लगीं.

उनकी डांट से मेरी डर से गांड फट गई और मैंने उन्हें यूं ही छोड़ दिया. मैं बहुत डर गया था कि कहीं मौसी किसी को बता ना दें या मेरे घर में ना बोल दें. उनके बाद मैं रिलॅक्स होने के लिए बियर पीने चला गया. वापिस आकर देखा तो मौसी किचन में काम कर रही थीं. मैंने किचन में जाकर मौसी को सॉरी बोला, तो वो चुप रहीं.

मैंने फिर से सॉरी बोला, तो वो बोलीं- अगर कोई और होता तो जान से मार देती, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, मैं तुम्हारी सगी मौसी हूँ, तुम्हारी माँ जैसी हूँ.

मैं फिर से सॉरी बोलकर बाहर चला गया और मैंने राहत की साँस ली कि शुक्र है, मौसी ने किसी को कुछ नहीं बताया.

इस घटना के बाद मैं थोड़ा डर गया था लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और मौसी को चोदने का कोई दूसरा प्लान सोचने लगा.

उस रात को सोते समय भी मैंने डर के मारे मौसी को टच नहीं किया, लेकिन तभी मेरा ध्यान स्नेहा की तरफ गया. सबके सो जाने के बाद मैंने धीरे धीरे स्नेहा को टच करना शुरू किया. उसके छोटे छोटे समोसे जैसे बूब्स बहुत मस्त थे.

मैंने उसकी मुलायम गांड को सहलाना शुरू कर दिया. सच्ची दोस्तो … मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था. अब मेरा डर गायब हो चुका था, मैंने मुठ मारना चालू कर दिया. थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा वीर्य स्नेहा के पेट पर निकाल दिया और चुपचाप रिलॅक्स होकर सो गया.

अगले दिन मैंने फिर से वॉशरूम में जाकर मौसी की ब्रा पैंटी स्मेल की और मुठ मारी. अब सारा दिन मैं मौसी के बड़े बड़े मम्मों को और मोटी गांड को ही देखता रहा और उन्हें चोदने के बारे में सोचता रहा.

अगले दिन जसवीर अपनी बुआ के घर किसी प्रोग्राम में चला गया. रात को मौसी बेड पे जसवीर की जगह सो गईं, स्नेहा बीच में, उसके बाद में लेट गया और मौसा शराब में टल्ली होकर मौसी की चारपाई पे सो गए.

मैं सबके सोने का इंतज़ार करने लगा. रात को 12 बजे मैंने देखा कि सब सो चुके थे.. तो मैंने स्नेहा को सहलाना शुरू किया. मैं उसके गाल पे धीरे धीरे किस करने लगा और उसके बूब्स, गांड दबाने लगा. उसके बूब्स और गांड मौसी से छोटे थे, लेकिन बहुत मुलायम थे. अब मेरी सेक्स की कामना बढ़ती ही जा रही थी. मैं स्नेहा को सहलाते हुए मौसी के बारे में सोचने लगा. कुछ ही पल बाद मैंने स्नेहा को थोड़ा अपनी तरफ खिसका लिया और जगह बना कर खुद उसकी जगह आ गया.

इसके बाद मैंने डरते डरते मौसी को टच करना शुरू किया और उनके मम्मों को दबाने लगा. जब मौसी ने कोई हरकत नहीं की, तो हिम्मत करके उनकी सलवार का नाड़ा खोलने लगा. मौसी की सलवार का नाड़ा बहुत टाइट बंधा था. मैंने ज़्यादा जोर लगाया तो मौसी जाग गईं.

मेरी तो गांड फट गई, लेकिन ये क्या मौसी ने मेरा हाथ उठाकर अपने मम्मों पर रख दिया. शायद नींद में वो मुझे अपना पति राज समझ रही थीं, जो कि मुझे बाद में पता चला. मैं धीरे धीरे उनके मम्मों को दबाने लगा और चूसने लगा.

मौसी हल्के स्वर में सीत्कार करने लगीं. थोड़ी देर बाद मैं फिर से उनका नाड़ा खोलने लगा. तो वो बोलीं- राज रहने दो, स्नेहा और समीर उठ जाएँगे.
अब मुझे पता चला कि वो मुझे अपना हज़्बेंड राज समझ रही थीं. पहले तो मैं थोड़ा शॉक्ड हो गया. लेकिन मैंने नाड़ा खोलना जारी रखा.
वो मुझे रोकने लगीं और बोलीं- राज रहने दो.. वे लोग जाग जाएँगे.

गुस्से से मेरे मुँह से निकल गया कि चुप रहो.. मुझे अपना काम करने दो.
लेकिन ये क्या मौसी ने मेरी आवाज़ पहचान ली और हैरान होकर बोलीं- समीर तुम?

मैंने मौसी को पकड़े रखा क्योंकि मेरे ऊपर सेक्स का भूत सवार हो चुका था. अब मैंने अपने एक हाथ से जोर लगाकर उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, उन्होंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी. उनकी चूत पे कुछ बाल थे. चूत को हाथ लगाते ही मैं पागल हो गया. मौसी की चूत बहुत ही गर्म थी. मैंने उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया. मुझे बहुत ज़्यादा मजा आ रहा था और अब मौसी धीमे धीमे सीत्कार करने लगी थीं. लेकिन वो बोल रही थी- मुझे छोड़ दो समीर, मैं तुम्हारी सगी मौसी हूँ!

लेकिन मैंने मौसी की चूत में उंगली करना जारी रखा. थोड़ी देर बाद मौसी ने उनके हाथ पैर ढीले छोड़ दिए मैं चूत में उंगली करता रहा. अब मैं उनके बड़े बड़े मम्मों को भी सूट के बाहर निकाल कर दबाने और चूसने लगा. शायद इस सबसे मौसी को भी मजा आने लगा था और उनके मुँह से धीरे धीरे ‘ओआह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआहह..’ की आवाजें आने लगी थीं.

अगले दस मिनट में मौसी पूरे मजे में थीं और उन्होंने खुद ही मेरे लोवर में हाथ डाल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे आगे पीछे करने लगीं.

दोस्तो, ये मेरी ज़िंदगी के सबसे हसीन लम्हे थे, मेरी सेक्सी मौसी मेरी बांहों में थीं, वो मेरा लंड सहला रही थीं और मैं उनकी गर्म चूत को सहला रहा था. थोड़ी देर बाद मैंने मौसी की चूत में उंगली चलाना तेज़ कर दिया और जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए मौसी की चुत को मजा देने लगा. मौसी ने मुझे जोर से हग कर लिया. बस अगले कुछ ही पलों में मौसी की चूत से गर्म गर्म वीर्य का सैलाब निकल गया और मौसी मेरे ऊपर ढेर होकर लेट गईं.

इसके बाद मैंने अपनी उंगलियों में लगा मौसी के चूतरस को चाटना शुरू कर दिया. मैंने जीवन में पहली बार किसी औरत का वीर्य (रज) चाटा था. इसका टेस्ट थोड़ा नमकीन था, लेकिन मुझे बहुत पसंद आया और मैंने उनका सारा वीर्य चाट लिया.

ये मेरी जिन्दगी का सबसे पहला कामवासना से लिप्त एक सुखद अनुभव और अहसास था.

उसके बाद मौसी बोलीं- समीर, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, मैं तुम्हारी सगी मौसी हूँ.
मैं बोला- मौसी मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ.. इसलिए ये सब किया.
मौसी बोलीं- क्या तुम सच में मुझे पसंद करते हो?
मेरे हां बोलते ही मौसी ने मुझे जोर से गले से लगा लिया और बोलीं कि हमारे बीच जो कुछ भी हुआ, वो किसी को बताना मत.
मैं बोला- मौसी जी आप बेफिक्र रहिए.. मेरी तरफ से किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.

मौसी बोली- अब बस … बहुत हो गया… अब तू अपनी जगह चला जा!
उसके बाद मैं मौसी को किस करके अपनी जगह पे आ गया और स्नेहा को बीच में कर दिया.


थोड़ी देर बाद मौसी अपने पैर से मेरे पैर को सहलाने लगीं और मैंने भी वैसा ही करना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद मौसी ने अपने पैर की दो उंगलियों से मुझे चिकोटी काटी, तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो धीमे से बोलीं- दोबारा से वो सब करो.
मैंने आँख मारते हुए पूछा- वो क्या? अच्छे से बताओ न?
मौसी मादक स्वर में बोलीं- फिर से मेरी चूत में उंगली करो.

मैंने फिर से उनके पास आकर उनकी चूत में उंगली करना शुरू किया और दो बार उनका पानी निकाल कर सो गया.

सुबह हम दोनों आँख नहीं मिला पा रहे थे.

फिर स्नेहा ब्रेकफास्ट करके स्कूल चली गई और जसवीर तो कल से अपने बुआ के घर ही था. करीब दस बजे मौसा जी अपने रोज के जैसे शराब पीने चले गए.

थोड़ी देर बाद में मौसी के पास जाकर बैठ गया. मौसी मुझसे शर्मा रही थीं. मैंने हल्के हल्के उनकी पीठ सहलाना शुरू किया. मौसी मेरा हाथ हटाकर बोलीं- रहने दो समीर … रात को हो कुछ अंधेरे में हुआ, उसे भूल जाओ, ये सब ग़लत है, मैं तुम्हारी सगी मौसी हूँ.
मैं बोला- मौसी जी, मैं सच में आपको बहुत लाइक करता हूँ, मेरा सेक्स करने का बहुत मन कर रहा है.
वो बोलीं- फिर शादी करा लो.
मैंने मना कर दिया- अभी तो मुझे सेटल होना है.
फिर मौसी बोलीं- तो किसी कॉल गर्ल के पास चले जाओ. चंडीगढ़ तो भरा पड़ा है काल गर्ल्स से … एक से एक कॉलेज गर्ल्स, वर्किंग गर्ल्स मिल जाती हैं वहां तो इस काम के लिए!

मुझे बहुत हैरानी हुई कि मौसी को इतना सब कुछ पता है … लेकिन इस बात पे बहुत गुस्सा आया. मैं कॉलगर्ल को चोदना पसंद नहीं करता हूँ, क्योंकि मैं सेक्स को पूजा व प्यार मानता हूँ और पैसे के बदले प्यार करने के सख़्त खिलाफ हूँ. मैंने मौसी को इस बात के लिए अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी. फिर मौसी मुझसे सॉरी बोलने लगीं और मुझे मानने के लिए उन्होंने मेरे गाल पे किस किया.

अब मैं थोड़ा शांत हुआ और बोला- मौसी जी, मुझे आपकी चूत देखनी है.
मौसी ने मुझे मना कर दिया और बोलीं- मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती. तुम राज के सिवा पहले मर्द हो जिसने मुझे टच किया.
यह बात सुनकर मैं खुश हो गया कि मेरी मौसी का चरित्र बहुत अच्छा है.

मैं ज़िद करने लगा- मुझे अपनी चूत दिखा दो प्लीज़.
मौसी बोलीं- रात को क्या देखा था?
मैंने कहा- रात को अंधेरे में मैं चूत नहीं देख पाया था.
मौसी बोलीं- प्लीज़ समीर … समझो न … मुझे शरम आती है.

लेकिन मैंने ज़िद करके उन्हें राज़ी कर लिया. फिर मौसी ने शरमाते हुए अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया. मैंने उनकी ब्लैक पैंटी नीचे उतारी.

वाउ … आज उनकी चूत क्लीन शेव्ड थी जबकि रात को तो मौसी की चूत पे झांटें थी. उनकी चूत का रंग थोड़ा सांवला था. चूत की फांकें थोड़ी सी खुली हुई थीं और उनका छेद भी थोड़ा थोड़ा फैला सा दिख रहा था.

उनकी चूत देखते ही मैं पागल हो गया. क्या मस्त चूत थी … गर्म गर्म मौसी की नरम नरम चूत. मैंने हाथ से चूत को सहलाना शुरू किया और धीरे धीरे उंगली अन्दर बाहर करनी शुरू की. उनकी चूत अन्दर से बहुत गर्म थी.

थोड़ी देर बाद मौसी ने सिसकारना शुरू कर दिया और मैं और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया. मौसी अपनी आँख बंद किए अपने मुँह से ‘ओआह … आआआह …’ की आवाजें निकालने लगीं. मैं और भी ज़्यादा गर्म हो गया और मैंने अपना मुँह मौसी की चूत पे लगा दिया. तभी मौसी एकदम से पीछे हट गईं और बोलीं- ये क्या कर रहे हो? ये सब गंदा है.

मैंने उन्हें समझाया कि प्यार में कुछ भी गंदा नहीं होता. इसमें आपको बहुत मजा आएगा.
लेकिन मौसी मना करने लगीं और बोलीं- नहीं ये सब गंदा है.
मैंने उन्हें बताया- आप ट्राइ तो करो, इसमें आपको सेक्स से भी ज़्यादा मजा आएगा.
फिर किसी तरह मौसी मान गईं.

अब मैंने आराम से अपनी प्यारी सगी मौसी को लिटा कर उनकी गर्म चूत चाटना शुरू किया. मैं चूत की फांकों के ऊपर अपनी जीभ फिराने लगा. चूत से हल्का नमकीन सा टेस्ट मिल रहा था.
फिर मैंने मौसी की चूत के दाने पर अपनी जीभ लगाई, तो मौसी एकदम से कांप गई और उनके मुँह से ‘आआआहह …’ की आवाज़ निकली. मैंने चूत के दाने को अपने होंठों में भरकर चूसना शुरू कर दिया और हल्के हल्के से अपने दाँत से चुभलाते हुए खींचना और काटना चालू कर दिया.

इस खेल में हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था. अब मौसी भी अपनी चूत खोल कर चुसाई का पूरा मजा ले रही थीं और उनके मुँह से लगातार ‘ऊआहह … आआ आअह्ह्ह …’ की आवाजें निकल रही थीं.

मैं अपनी जीभ को नुकीली कर चूत के छेद में घुसाने लगा और जीभ से चूत को चोदने लगा. मौसी मेरे बालों में उंगलियां घुमाने लगी और मेरे सर को दबाते हुए अपनी चूत में घुसाने लगीं.
मौसी पूरे मजे में बोलीं- आज तक तुम्हारे मौसा जी ने ऐसा कभी नहीं किया, वो तो बस मेरी चूत में लंड डालकर 2-3 मिनट में अपना पानी निकाल कर लेट जाते हैं और मैं बस तड़फती रह जाती हूँ.
मैं बोला- मौसी जी, आज से मैं आपको पूरा मजा दूँगा.
मैंने और तेजी से मौसी की चूत को चाटना चालू कर दिया.

थोड़ी देर बाद मौसी लगभग चिल्लाने सी लगीं- आह … और जोर से समीर … और जोर से …
यह बोलती हुए मौसी झड़ गईं. मैंने उनकी चूत का सारा रस चाट लिया ‘आह … मौसी … बड़ा यम्मी रस था …’

मौसी ने मुझे अपने से चिपका लिया और मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी चूत के रस का स्वाद लेने लगीं. मैं भी मौसी के ऊपर लेट सा गया था.
मौसी बोलीं- आह … समीर … ऐसा मजा मुझे कभी नहीं आया.
उन्होंने मुझे किस करते हुए थैंक्स बोला.

अभी तक मैंने उनका कुरता नहीं उतारा था. अब मैं उनके कपड़े उतारने लगा, तो मौसी मुझे रोक कर बोलीं कि समीर इस से आगे नहीं. मैंने आज तक राज के सिवा किसी का लंड नहीं लिया.
मैंने कहा- मौसी, अब तो मैं आपको अपनी पत्नी मानने लगा हूँ.
मौसी बोलीं- अगर किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी.
मैंने उन्हें समझाया कि किसी को कुछ पता नहीं चलेगा … आप बेफिक्र रहिए.
मौसी बोलीं- मैं अपने पति के सिवा किसी से नहीं चुदवा सकती.
मैं बोला- तो आप आँखें बंद कर लो, मैं आपका पति बन जाता हूँ.
मौसी बोलीं- वो कैसे?

मैंने उठ कर सिंदूर की डिब्बी लाकर उनकी माँग में सिंदूर भर दिया. मैंने कहा- लो आज से मैं तुम्हारा पति बन गया हूँ. मैं तुम्हें सच्चा प्यार करता हूँ … और आजीवन करता रहूँगा.

यह देख सुनकर मौसी की आँखों में आँसू आ गए और उन्होंने मुझे टाइटली हग कर लिया. मौसी बोलीं कि समीर मुझे जल्दी से खुश कर दो, तुम्हारे मौसा तो दिन रात शराब के नशे में रहते हैं और महीने दो महीने में एकाध बार ही चोदते हैं. मैं तो प्यासी ही रह जाती हूँ.
मैं बोला- मौसी जी, अब मैं आपकी सारी प्यास मिटा दूँगा.

मैंने मौसी के और अपने सारे कपड़े उतार दिए. मौसी मेरा लंड देखकर बोलीं कि ये तो राज के लंड से बहुत बड़ा है, मेरी तो चूत ही फट जाएगी.
मैं बोला- मैं सब कुछ प्यार से करूँगा.

मैंने मौसी के मम्मों को चूसना शुरू किया. मौसी के बूब्स बहुत बड़े थे, मुझे उनके मम्मे चूसने में बहुत मजा आ रहा था और मौसी को भी बड़ा अच्छा लग रहा था. फिर मैं नीचे को होकर उनकी चूत को चाटने लगा.
थोड़ी देर बाद मौसी सिस्कारियां भरती हुई बोलीं- समीर और मत तड़फाओ, जल्दी से घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में … और मेरी प्यास बुझा दो.

मैंने मौसी की टांगें उठाईं और लंड पे थूक लगा कर चूत पर सुपारा सैट किया. जैसे ही मैंने धक्का मारा तो एक ही झटके में मेरा आधा लंड अन्दर चला गया. मौसी की चीख निकल गई और वो बोलीं- आह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई … समीर … थोड़ा धीरे कर, मैं कहीं भाग नहीं रही, अब तो मैं तुम्हारी ही हूँ.

मैंने मौसी के ऊपर लेटते हुए उनके लिप्स चूसने लगा, मौसी भी मेरा पूरा साथ देने लगीं. अब मैंने लंड को अन्दर पेलना रोक कर उनके मम्मों को चूसने लगा. बस एक मिनट से भी कम समय में मौसी जी धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगीं, तो मैंने भी 2-3 धक्के मार कर अपना पूरा लंड मौसी की चूत में घुसा दिया.

मेरे बड़े लवड़े की हनक से मौसी की फिर से हल्की सी चीख निकली- उई माँ मर गई … आह … तेरा बहुत बड़ा है …
लेकिन इस बार उन्होंने मुझे नहीं रोका … मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी, मौसी भी नीचे से कमर चला कर मेरा साथ देने लगीं. बेडरूम में बस मौसी की मोनिंग की आवाजें आ रही थीं.

वो जोर जोर से ‘ऊआहह आआह … आआहह …’ की आवाजें निकल रही थीं और मौसी बोल रही थीं- और जोर से समीर … और जोर से … तुम्हारे मौसा से कुछ नहीं होता … आज लंड का सुख मिला है. मुझे बहुत परेशान किया है इस चूत ने … मैं तो थक गई थी … इसमें उंगली करते करते … आह … आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो, अपने लंड से चोद चोद कर इसका भुरता बना दो.

मैंने भी जोर जोर से लंड पेलना शुरू कर दिया और कहा कि मौसी मैं भी बहुत तड़फा हूँ … मैं भी आपकी मोटी गांड देख देख कर लंड हिला कर रह जाता था.
मौसी बोलीं- समीर बेटा आज अपनी सारी हसरतें पूरी कर लो और मुझे भी चोद चोद कर निहाल कर दो.

इसी तरह हम दोनों को सेक्स करते हुए 10-12 मिनट हो गए थे. मौसी इस बीच एक बार पानी निकाल चुकी थीं. अब मेरा भी होने वाला था, मैं बोला- मौसी मेरा होने वाला है, पानी कहां निकालूँ?
मौसी बोलीं- समीर बेटा, अपनी मौसी की चूत के अन्दर ही निकाल दो, बहुत दिनों से ये चूत प्यासी है, इसे अपने वीर्य से भर दो.

मैंने अब बेख़ौफ़ होकर मौसी को जोर जोर चोदना चालू किया और कुछ ही मिनट में अपना सारा वीर्य मौसी की चूत में निकाल कर उनके ऊपर लेट गया. मौसी ने मुझे हग कर लिया. कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे.

थोड़ी देर बाद मौसी मेरे माथे पे किस करते हुए मुझे थैंक्स बोलने लगीं और उन्होंने कहा कि आज तक तुम्हारे मौसा ने मुझे ऐसा सुख नहीं दिया समीर … आज से तुम ही मेरे असली पति हो. मैं अपना तन मन धन सब तुम्हें समर्पित करती हूँ.
यह सुनकर मैं खुश हो गया और मौसी के होंठों पे एक लम्बा किस कर दिया.

इसके बाद फिर से हम दोनों ने दो बार और चुदाई का मजा लिया. दूसरी बार में मैंने मौसी को डॉगी स्टाइल में भी चोदा.
इसके बाद मैं एक हफ़्ता वहां रुका और रोज दिन के समय में, जब स्नेहा स्कूल, जसवीर शॉप पे और मौसा जी शराब पीने चले जाते, तो मैं मौसी को चोदा करता था और हर दिन में मैं उनको 2-3 बार जरूर चोदता था.

इसके बाद मैं अपने घर आ गया, लेकिन मैं अब जब भी मौसी के घर जाता हूँ, तो हम दोनों मौका मिलते ही जमकर सेक्स कर लेते हैं.


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