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मेरी मामी की तड़पती जवानी - Meri Mami Ki Tadapti Jawani

 


दोस्तो, मेरा नाम हैरी है, मेरी उम्र 20 साल है. यह कहानी जून 2017 में शुरू हुई जब मैंने अपनी बी.टेक. पढ़ाई पूरी करने के बाद एग्ज़ाम दिए थे. मैं घर में फ्री रहता था. पेपर का रिज़ल्ट आने में 2 महीने का समय बाकी था. मेरी हर रोज़ की दिनचर्या एक जैसी थी. सुबह मैं कॉलेज जाता था और शाम को आने के बाद जिम में चला जाता था. पिछले चार साल से मेरा यही रुटीन चल रहा था.

लड़कियों के बारे में कई बार सोचता था मगर मुझे मेरी उम्र की लड़कियां ही ज्यादा पसंद थीं. मुझे ख़ासकर भाभी या शादीशुदा औरतें ज्यादा पसंद थीं. जो मुझसे चार-पांच साल बड़ी होतीं या जिनका शरीर मेरी पसन्द का होता था. मोटे-मोटे होंठ, रंग सांवला हो या गोरा, मगर बूब्स का साइज़ कम से कम 34 इंच का हो. ऐसी औरतों में मेरी ज्यादा रूचि होती थी.
मेरी प्रेमिकाएं भी कई सारी रही हैं और कई औरतों से बात भी होती थी, मगर सेक्स करने का मन उन्हीं के साथ करता था जिनका जिस्म मेरी पसंद का होता था.

एक दिन मैं ऐसे ही घर पर था और मेरी माँ किसी से फोन पर बात कर रही थी. थोड़ी थोड़ी आवाज़ माँ की मुझे भी सुनाई दे रही थी. जैसे वो किसी के घर आने के बारे में बात कर रही हो.
कुछ देर के बाद माँ मेरे पास आई और बोली- तुम्हें रेलवे स्टेशन तक जाना पड़ेगा. तुम्हारे मामा और मामी इन्दौर से आ रहे हैं. ट्रेन एक घन्टे में स्टेशन पर पहुंच जाएगी.

मैंने माँ से पूछा कि मेरे मामा और मामी तो कोई हैं ही नहीं फिर ये कौन आ रहे हैं.
फिर माँ ने मुझे बताया कि वो हमारे दूर के रिश्तेदार हैं और रिश्ते में तुम्हारे मामा लगते हैं.

जून का महीना था तो गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही थी. मैं तैयार होकर स्टेशन की तरफ चल पड़ा. मैं आधे घन्टे के बाद स्टेशन पर पहुंच गया और वहीं प्लेटफॉर्म पर इंतज़ार करने लगा. माँ ने मुझे उनका फोन नम्बर दे दिया था ताकि मैं उनसे फोन पर बात कर सकूँ.

मैंने उनको पहले कभी नहीं देखा था. मैं वहीं इंतज़ार करने लगा. उसके बाद ट्रेन आई और मैं इंतज़ार करने लगा कि कब वो लोग आएंगे मेरे सामने. इतनी भीड़ में उन दोनों को पहचान पाना भी आसान काम नहीं था क्योंकि मैं उनसे पहले कभी मिला ही नहीं था.

कुछ देर बाद मैंने फोन किया और पूछा कि वो दोनों कहां हैं तो उन्होंने बताया कि वो स्टेशन से बाहर की तरफ निकल रहे हैं. मैं स्टेशन के बाहर जाकर इंतज़ार करने लगा. वहां पर काफी लोग आ और जा रहे थे.
कुछ देर बाद मेरी नज़र सामने से आ रही औरत और एक मर्द पर पड़ी. मैंने फोन किया तो उसने फोन उठाया और मैं समझ गया कि वही मामी है, और मामा उनके पीछे ही आ रहे हैं.

मैं उनके पास जाने लगा और मामी मेरे सामने पहुंच गयी. मैंने उनको नमस्ते किया और कहा कि मैं हैरी हूँ. मां ने मुझे आप लोगों को लेने के लिए भेजा है. मामी मेरी आंखों में देख रही थी. मामी ने पूछते हुए कहा- तुम बलदेव के लड़के हो न?
तो मैंने कह दिया- हाँ.

मैं मामी को देखे ही जा रहा था. मामी का रंग सांवला था. उसने टाइट जीन्स पहनी हुई थी और टॉप डाला हुआ था. मामी के बूब्स तो जैसे उनके टॉप को बाहर ही धकेल रहे थे. मामी का कद 5 फीट 7 इंच है और मेरा लण्ड उनको देखकर मचलने लगा था. मेरी काफी भाभियों के साथ बात-चीत है मगर ऐसी औरत मुझे आज तक नहीं मिली.

मामी का भरा बदन तो किसी हिजड़े को भी वासना की ओर धकेल दे, ऐसी है मेरी मामी. उसके पीछे मामा उनका सामान उठाकर चल रहे थे. मामी के हाथ में एक बड़ा सा बैग था तो मैंने उसे मामी के हाथों से ले लिया और चल पड़ा.
मैं मामी के साथ था और मामा भी हमारे साथ ही चल रहे थे. मेरी नज़र मामी के जिस्म पर ही जा रही थी. मामी के बूब्स बड़े ही मस्त लग रहे थे; एकदम ऊपर की तरफ खड़े हुए थे. जीन्स में तो मामी की गांड जैसे कहर बरपा रही थी. कभी मैं मामी की तरफ देखता और कभी मामी मेरी तरफ देखने लगती. मैं स्माइल कर देता और मामी भी मुस्करा देती.

मामा हमारे पीछे चलने लगे. हम गाड़ी में बैठे और घर पहुंच गए. घर पर माँ उनको देखकर बहुत खुश नज़र आ रही थी. मैं, मामा और मामी साथ में बैठे थे. मेरा ध्यान बार-बार मामी पर ही जा रहा था. मैंने मन ही मन सोच लिया था कि मैं मामी को पटाकर ही रहूँगा. वैसे लड़कियों के मामले में मेरी किस्मत काफी अच्छी रही है शुरू से ही. मैंने सोच लिया था कि मामी के होठों को तो चूसना ही है.

दोपहर हो गयी तो माँ ने खाना लगा दिया और हम सब खाना खाने लगे. मैं अभी भी मामी को ही देख रहा था. मामी भी मेरी तरफ देख लेती थी और दिन बीत गया.

रात हुई, गर्मियों के दिन थे तो मैं नहाने के लिए बाथरूम में गया. मैं रात को कच्छा कभी नहीं पहनता था. क्योंकि गर्मी के कारण लण्ड के आस-पास पसीना आने लगता था और मुझे खुजली होती थी. मैं रात को केवल एक निक्कर और टी-शर्ट पहन कर सोता था.

नहाकर मैंने तौलिया लपेट लिया और बाहर आया तो सामने मामी आ गयी. मुझे देखकर हँसने लगी, कहने लगी- तुम बिना कपड़ों के सिर्फ तौलिया लपेट कर क्यों घूम रहे हो.
मैंने कहा- मामी, बस कपड़े पहनने के लिए ही जा रहा हूँ।
मामी की नज़र जैसे मेरे बदन को ही निहार रही थी.

मैं अपने कमरे में गया और निक्कर तथा टी-शर्ट अलमारी से निकालने लगा. तभी अचानक से लाइट बन्द हो गई और पूरे कमरे में अंधेरा हो गया. मैंने तौलिया उतारा और निक्कर पहनने लगा ही था कि तभी लाइट आ गई. मैंने देखा कि मामी कमरे के दरवाज़े के पास खड़ी होकर मेरी तरफ देख रही थी. मैं पूरा ही नंगा खड़ा था. उनको देखकर ही मेरा 8 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लंड खड़ा होने लगा था. मामी मेरे लण्ड को देखे जा रही थी और मैं मामी को देख रहा था.

15 सेकेण्ड तक मामी मेरी तरफ देखती रही और मुस्करा कर अंदर आई. अपना बैग खोला, उसमें से अपना तौलिया और कपड़े निकाले और मेरी तरफ मुड़कर मुस्कराई, फिर बाथरूम की तरफ चली गई. मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था. मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बाहर ड्राइंगरूम में बैठ कर टीवी देखने लगा. तभी मामी बाहर आई. गुलाबी रंग का नाइट सूट पहने हुए मस्त लग रही थी.

नाइट सूट नीचे से थोड़ा शॉर्ट था जिसके कारण मामी के गोरे-गोरे पैर दिखाई दे रहे थे. मामी मेरे पास ही आकर बैठ गई. मामी ने बातें करना शुरू ही किया था कि तभी मेरे पापा बाहर से आ गये. मैंने मामी से कहा- शायद मेरे पापा आ गए हैं.

उसके बाद मैं, पापा और मामी वहीं ड्राइंग रूम में ही बैठकर बातें करने लगे. मेरा ध्यान बातों पर नहीं बस मामी पर था. मामी भी मुझे ही देख रही थी. कुछ देर बाद हमने खाना खाया और मैं छत पर टहलने के लिए चला गया. मामा भी पापा के साथ ही बातें करने में लगे हुए थे और माँ मेरी मामी के साथ बातें कर रही थी.

मामा और पापा कुछ देर में बाहर चले गए और मैं ऊपर छत पर ही था और तभी मामी ऊपर आ गई. मामी बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं. बस ऐसे ही टहल रहा था.

फिर मामी मेरी पढ़ाई के बारे में बातें करने लगी. मैं मामी के काफी पास खड़ा था और मामी के बड़े-बड़े बूब्स को देखकर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था. मेरा लंड इतना टाइट हो गया था कि उसने मेरी निक्कर को ऊपर उठा दिया था. मैं अपने खड़े लंड को छिपाने के लिए एक तरफ घूम गया तो मामी ने पूछा- क्या बात हो गई मेरे प्यारे हैरी?
मैंने कहा- आप मुझे मेरे प्यारे हैरी क्यों कह रही हो?
मामी ने कहा- तुम मेरे एकलौते भान्जे जो हो. तुम्हारी माँ मुझसे फोन तुम्हारे बारे में बातें करती रहती थी.

मैंने मामी से कहा- मामी, मुझे माफ कर देना.
मामी ने पूछा- माफी किसलिए माँग रहे हो?
मैंने बताया- जब लाइट बन्द थी तो मैंने सोचा कि जल्दी से कपड़े बदल लूँ और मैंने दरवाज़ा बंद नहीं किया और अचानक से लाइट आ गयी. उसके बाद फिर आप आ गयी.

मेरी बात सुनकर मामी हँसने लगी. वह कहने लगी- मामी से क्या शरमाना.
मामी धीरे-धीरे मुझसे खुल रही थी.

फिर मैंने मामी से उन दोनों की शादी के बारे में पूछा तो मामी ने बताया कि उन दोनों की शादी एक साल पहले हुई थी. वो इन्दौर में नौकरी करते हैं और उनका काम ज्यादा अच्छा चल नहीं रहा है इसलिए वो मेरे पापा के पास आए हैं.
मामी ने फिर मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया.

फिर मामी ने मुझसे कहा कि तुम्हारे कंधे पर जो टैटू बना है वो मुझे बहुत पसंद है. मुझे वह टैटू देखना है. मैंने मामी से कहा कि उसके लिए मुझे अपना टी-शर्ट उतारना पड़ेगा.
मामी ने कह दिया- उतार दो फिर तुम इतने शरमा क्यों रहे हो.
मैंने टी-शर्ट उतार दिया. मामी मेरे कन्धे पर बने शेर के टैटू को देख रही थी. मामी उस टैटू पर अपना हाथ फेर रही थी. उनके बूब्स मेरी बाजू के साथ सट गए थे. जिसके कारण मेरा लण्ड निक्कर को फाड़कर बाहर ही निकलने वाला था.

मामी ने कहा- तुम्हारा शरीर तो बहुत चुस्त और दुरूस्त है. तुम जिम जाते हो क्या?
मैंने कहा- हाँ.
मामी बोली- तुम्हारा टैटू बहुत सुन्दर है. तुम पर काफी अच्छा भी लग रहा है.

मामी मेरे करीब ऐसे खड़ी थी जैसे मेरी प्रेमिका हो. उनकी आंखों में मुझे प्यार की प्यास साफ-साफ नज़र आ रही थी. मन कर रहा था कि उनके होंठों को अभी चूस लूँ मगर मैं भी उनको और ज्यादा तड़पाना चाहता था.
मैंने कहा- मामी, अब मैं टी-शर्ट पहन लूं क्या?
मामी बोली- हां, और अगर तुम मुझे अकेले में पूनम बुलाना चाहो तो बुला सकते हो.
मैंने कहा- ठीक है पूनम.

मामी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड भी है क्या?
मैंने मामी को मना कर दिया.
मामी बोली- ऐसा तो हो ही नहीं सकता. कोई तो ज़रूर होगी.
मैंने कहा- कोई नहीं है मामी. आज तक ऐसी कोई मिली ही नहीं जिसको मैं अपनी प्रेमिका बना सकूँ.
तो पूनम बोली- तुम्हें किस तरह की लड़की चाहिए.
मैंने कह दिया- आपके जैसी.
वह बोली- तो बना लो फिर!

यह सुनकर मैं हँसने लग गया. मैंने पूनम से कहा- आपका नाइट सूट बहुत मस्त लग रहा है.
मामी ने कहा- मेरे पास और भी कपड़े हैं. मैं तुम्हें नीचे चलकर दिखाती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर माँ ने नीचे बुलाने के लिए आवाज़ लगा दी. चाय पीने का वक्त हो गया था. हम सब एक साथ बैठकर चाय पीने लगे. मामी मेरे सामने ही बैठी थी. उसके बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे पांव को नीचे से कुछ टच हो रहा है, मैंने थोड़ा नीचे की तरफ झुककर देखा तो मामी मेरे पांव को अपने पांव से सहला रही थी. मैंने भी मामी के पांव को सहलाना शुरू कर दिया. मामी मेरी तरफ देखकर मुस्कराने लगी.

उसके बाद सब अपने कमरे में चले गए और मामी मेरे कमरे में आई क्योंकि उनका कुछ सामान मेरे कमरे में पड़ा हुआ था.

मामी मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गई और लगातार मेरी तरफ ही देख रही थी. मामी मेरे नज़दीक आना चाहती थी लेकिन अभी मैं इतना कुछ कर नहीं सकता था क्योंकि माँ और पापा पास में ही थे. मैं मामी को और ज्यादा तड़पाना चाहता था. मैं मामी से इसलिए ज्यादा कुछ बात भी नहीं कर रहा था. मामी अपने बैग में से सामान निकालने लगी और मुझे अपने कपड़े दिखाने लगी.
उनके शॉर्ट्स, जीन्स, नाइट सूट और मिनी स्कर्ट काफी मस्त थी.

मैंने मामी से पूछा- आप मिनी स्कर्ट भी पहनती हो?
तो वो बोली- बस एक बार पहनी थी उसके बाद नहीं पहनी।

मामी की उम्र कुछ ज्यादा नहीं थी. मेरे से एक साल बड़ी थी, पर लगती मेरे से कम उम्र की थी। मैंने पूनम की ब्रा जो एक तरफ़ पड़ी थी उसको उठाया और देखने लगा, तभी पूनम मेरी ओर देखने लगी और मुस्कराने लगी।
मैंने पूछा- कितने साईज़ की है?
तो पूनम बोली- 34 इन्च की है.
मैंने देखा और कहा- 34 इन्च तो बहुत बड़ा होता है. बहुत मोटे-मोटे होते होंगे न 34 इन्च के तो?
वो बोली- हां, बड़े तो होते हैं।
“मैं देखना चाहता हूँ 34 इन्च के बूब्स को …” मैंने कहा।
फ़िर पूनम मेरी ओर देखने लगी और मुस्कराने लगी और बोली- देख लो जो देखना चाहते हो।

मामी ने नाइट सूट के उपर के तीन बटन खोल दिये और बूब्स के बीच की रेखा मुझे साफ़ साफ़ दिखाई देने लग गयी थी। मामी के बूब्स देखकर मेरे लंड में उछाल आना शुरू हो गया था.


मामी ने नाइट सूट के ऊपर के तीन बटन खोल दिये और बूब्स के बीच की रेखा मुझे साफ़ साफ़ दिखाई देने लग गयी थी। उसके बूब्स देखकर मेरे लंड में उछाल आना शुरू हो गया था.
बूब्स एकदम सीधे खड़े थे। मैंने अपना एक हाथ पूनम के गले से अन्दर डाल दिया और एक बूब्स को पकड़ कर ज़ोर से दबाया तो मामी तड़प उठी।
मैंने अपना हाथ बाहर निकाला तो मामी बोली- बस और नहीं देखने 34 इन्च के बूब्स?
तो मैंने कहा- अभी नहीं।

फिर मामी बोली- तुम उस समय मेरे सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे, तुम्हारा लन्ड बहुत लम्बा है.
तो मैंने कहा- हाँ जी, तुम देखना चाहती हो तो देख लो।
पूनम ने अपना हाथ मेरे निक्कर के अन्दर डाला और लन्ड को अपने हाथों में भर लिया और धीरे से हिलाने लगी।
पूनम बोली- तुम्हारा लन्ड कितना लम्बा है.
मैंने कहा- निकाल कर देख ले।

पूनम मामी ने लंड को बाहर निकाला तो लंड पूरा तना हुआ था और पूनम लंड को ही देखे जा रही थी। फिर मुझे पापा और मामा की आवाज़ आई। हम बाहर आये तो देखा कि मामा ने दारू पी रखी थी।
मुझे देखकर हैरानी हुई कि मामा दारू पीते हैं.
माँ बोलने लगी- काफ़ी टाइम हो गया है.

तो सब सोने चले गये। मामा और मामी दोनों मेरे कमरे में सोने चले गये.

माँ व पापा अपने कमरे में चले गये और मैं ड्राईंग रूम में लेट गया। फिर मैंने पूनम के फोन पर एक मेसेज़ किया और साथ में ही उसने जवाब दे दिया।
मैंने पूनम से कहा- जब मामा सो जायें तो मेरे पास ड्राईंग रूम में आ जाना!
तो वो मान गयी।

फिर मैं पूनम से मेसेज़ पर चैट करता रहा. उसने बताया कि मामा हर रोज़ दारू पीकर आता है, मामी से ढंग से बात नहीं करता, बस अपने नशे में धुत रहता है। एक साल हो गया शादी किए हुए, प्यार का एक पल भी उन्होंने साथ में नहीं बिताया।
पूनम ने मुझे उसके और मामा के रिश्ते के बारे में सब कुछ बताया।

मामी बोली- मैं आप से एक बात बोलूँ?
मैंने कहा- हाँ, जी बोलो.
मामी बोली- मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ.
मैंने कहा- मैं भी तुमसे प्यार करने लगा हूँ.

मामी ने कहा- तुम्हारे मामा ने आज तक मुझे कभी प्यार नहीं किया. वो बस दारू के नशे में चूर रहता है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं तुमसे जी भर कर प्यार करूंगा लेकिन तुम सिर्फ मेरी बनकर रहोगी.
तो मामी ने कहा- हाँ, मैं तु्म्हारी ही बनकर रहना चाहती हूँ।

बात करते-करते रात का 1 बज चुका था. पूनम बोली- मैं तुम्हारे पास आ रही हूं.
तो मैंने कहा- आ जाओ.

उसने बाहर आने के बाद माँ और पापा वाले कमरे को बाहर से बंद कर दिया. मैंने आते ही मामी को अपने गले से लगा लिया और उसको प्यार करने लगा. यहाँ-वहाँ किस करने लगा.

मैं उसके बाद मामी को ऊपर वाले कमरे में ले गया और कमरे को अन्दर से बंद कर दिया. मामी के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और जी भर कर चूसने लगा. मामी भी लिप्स पर किस करने लगी. मैं उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा. साथ ही गांड को दबाने लगा. मैंने मामी का कमीज ऊपर से उतारा और देखा कि दो मोटे-मोटे मम्मे मेरे सामने ब्रा के अन्दर कैद थे. मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया और बूब्स को आज़ाद कर दिया. बूब्स को मैं मुंह में भर कर पीने लगा.

मामी को सेक्स चढ़ने लगा, वह मचलने लगी. फिर मैं रुक गया और कहा कि कोई ऊपर भी आ सकता है. मेरे साथ नीचे ही चलो. अन्धेरे में मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना.
तो वह मान गयी. हम दोनों फिर से नीचे आ गए.

लाइट्स बन्द थीं और नीचे एकदम अन्धेरा था. मैं सोफे पर लेट गया मैंने अपने कपड़े उतार दिए और पूनम ने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैंने पूनम के पूरे कपड़े उतार दिये थे. मैं उसके बूब्स को ज़ोर से खींचने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. पूनम लण्ड को कभी अन्दर ले जाती तो कभी बाहर निकाल देती. कभी मेरी गोलियों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगती. काफी देर तक वह मेरे लण्ड को चूसती रही.

मैंने उसको फिर अपनी गोद में बैठने को कहा और हम दोनों नंगे होकर एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए. मैंने धीरे से उसके कानों में कहा कि उसके बूब्स बहुत ही ज्यादा सेक्सी हैं और उसका जिस्म बहुत ही मखमली है.
पूनम मुझसे लिपटी हुई मेरे शरीर पर किस कर रही थी.

मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और अपनी उंगली जैसे ही मैंने उसकी चूत में डाली तो वह उचक गई. पूनम की चूत काफी टाइट लग रही थी. वह मुझसे ऐसे लिपटी कि उसके नाखून मेरे शरीर में गड़ने लगे थे. पूनम का सारा बदन किसी भट्टी की तरह गर्म हो चुका था. हम दोनों पसीने से नहा चुके थे.

उसके बाद मैंने पूनम को अपने बदन के साथ चिपका लिया. फिर मैंने उससे कपड़े पहनने के लिए कह दिया और उसको अपने कमरे में जाने के लिए कह दिया. मैंने उसे कल के लिए टाल दिया. वह जाना नहीं चाहती थी, मेरे साथ ही सोना चाहती थी मगर मैंने उसे कमरे में भेज दिया.

कुछ देर बाद मैं सो गया और सुबह उठा तो पूनम मेरे लिए चाय लेकर आई और कहने लगी- उठ जाओ जानू.
मैंने पूछा- कल की रात कैसी रही?
वह बोली- बहुत मज़ा आया.
मैंने कहा- आज की रात और ज्यादा मज़ा आने वाला है.

पूनम मेरी माँ के साथ रसोई में काम करवाने चली गई और मैं नहाने के लिए चला गया. नाश्ता करने के बाद पापा और मामा किसी काम से बाहर चले गए और बोल गए कि वो शाम तक ही आएंगे, घर में केवल हम तीनों ही रह गए थे.
पूनम ने माँ से पूछा- मुझे कुछ सामान लेना है तो क्या मैं हैरी को अपने साथ ले जाऊं?
तो माँ ने हाँ कर दी.

हम 10 बजे के करीब घर से निकल गए. पूनम ने एक टाइट जीन्स पहनी थी और डीप नेक कट का टॉप पहना हुआ था.
मैंने पूनम से पूछा- तुम्हें क्या लेना है?
तो उसने कहा- मुझे तुम्हारे साथ बस दिन बिताना था तो सामान का बहाना करना पड़ा.
मैंने कहा- चलो फिर कहीं घूमने चलते हैं.

मैं गाड़ी को घर से काफी दूर ले गया. गाड़ी को कच्चे रास्ते पर ले गया. मैंने गाड़ी रोक दी और पूनम के बूब्स के अन्दर हाथ डाला और दबाना शुरू कर दिया. मैंने अपना लंड भी बाहर निकाल दिया और पूनम को चूसने के लिए कहा तो उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
पूनम मेरे लंड को मज़ा लेकर चूसने लगी और मैं आनंद में खोने लगा. उसके होंठों में जादू था. रात को भी जब वह मेरा लंड चूस रही थी तो मुझे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं 5 मिनट में ही झड़ जाऊंगा. मैं बड़ी मुश्किल से खुद को कंट्रोल कर पा रहा था.

पूनम मेरे लंड को चाटने में लगी हुई थी और मेरे मुंह से कामुक सिसकारियाँ निकलना शुरू हो गई थीं.
मैं उसकी चुसाई का पूरा मज़ा ले रहा था. फिर मैंने सोचा कि ऐसे तो मज़ा जल्दी ही खत्म हो जाएगा. फिर मैंने पूनम के बदन के साथ खेलना शुरू कर दिया.
मैंने पूनम का टॉप ऊपर किया और ब्रा को पीछे से खोलकर उसके चूचों को ब्रा से बाहर निकाल लिया और दबाने लगा. मैंने पूरा लंड पूनम के मुंह में डाल दिया. मेरा लंड पूनम के गले तक पहुंच गया. पूनम मेरे लंड पर जीभ फिरा रही थी. मैंने उसकी जीन्स के अंदर ही उसकी गांड को सहलाना शुरू किया और वह मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी. काफी देर तक वह मेरे लंड को चूसती रही.
मैंने फिर उसको ऊपर उठाया और उसके बूब्स को मुंह में भर लिया. पूनम पागल होने लगी थी. मैंने उससे कहा कि किसी रूम पर चलते हैं वहां पर जाकर सेक्स करेंगे.

फिर मैंने अपने एक दोस्त को फोन किया और वह दोस्त भी मान गया. मैं पूनम को दोस्त के घर पर ले गया. दोस्त को मैंने शाम तक के लिए घर से बाहर भेज दिया. दोस्त चला गया. मैंने कमरे को अन्दर से बंद किया और पूनम को अपनी बांहों में भर लिया. मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए.

हम दोनों नंगे हो चुके थे और मैंने पूनम के बूब्स को अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया. पूनम के बूब्स को चूसते-चूसते मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसकी चूत को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा. मैं पूनम को 69 की पॉजीशन में ले आया. पूनम ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और मैं उसकी चूत को चूसने लगा. मैं तेज़ी के साथ अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर-बाहर कर रहा था. पूनम भी ज़ोरों से मेरे लंड को चूसने में लगी हुई थी. फिर मैं बेड पर लेट गया और पूनम मेरे ऊपर आ गयी. मैंने लंड को पूनम की चूत के अन्दर डाला और एक धक्के से पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.

वह दर्द से तड़प उठी क्योंकि उसकी चूत काफी टाइट थी. फिर वह धीरे-धीरे नीचे और ऊपर होने लगी. फिर मैंने उसको बेड पर लेटाया और सामने से उसकी चूत में लंड डाला और उसको चोदने लगा. फिर मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा और चुपके से लंड को उसकी गांड में डाल दिया. गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी और लंड अंदर जा नहीं रहा था.
फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया तो लंड अंदर जाने लगा. उसके बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मैं काफी देर तक पूनम की गांड को चोदता रहा. फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकाला और अपनी मुट्ठ मारने के लिए कहा.

पूनम मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी. मेरा माल निकलने ही वाला था. मैंने पूनम को बेड पर लेटाया और उसकी दोनों टांगों को पूरा आगे करके लंड को उसकी चूत में डाला और धीरे-धीरे धक्के देने लगा. कुछ देर की चुदाई के बाद पूनम का माल भी निकल गया पर मैं उसकी चूत को अभी भी चोद रहा था.
पूनम उम्म्ह… अहह… हय… याह… कर रही थी पर मैं उसे लगातार चोदता जा रहा था और काफी देर तक उसकी चूत मारने के बाद मेरा माल भी निकल गया और मैं पूनम के नंगे बदन के ऊपर लेट गया।

पूनम मुझे किस किए जा रही थी और मेरे साथ सेक्स करके बहुत खुश थी। हम काफ़ी देर तक ऐसे ही एक-दूसरे के साथ लेटे रहे। पूनम की जवानी के मज़े लूटने के बाद हम बाज़ार गये और फिर शाम को घर वापस आ गये।

घर पर रात को जब पापा और मामा आये तो तब उन्होंने बताया कि मामा को पापा ने अपने साथ अपने आफिस में लगवा लिया है और अब से वो हमारे साथ ही रहने वाले हैं।
बस मेरी तो ऐश थी. ऐसी जवानी को चोदकर मेरे लंड की प्यास बुझने लगी थी. दूसरी तरफ पूनम भी खुश रहने लगी थी. मुझे हर रोज़ चोदने के लिए पूनम मिल गयी थी और पूनम को मैं।

उस रात फिर से मैंने खाना खाने के बाद पूनम को लंड चुसवाया और उसकी गांड मारी और रात को सबके सोने के बाद छत पर पूनम की अच्छे से चुदाई की।

आज 6 महीने गुज़र चुके हैं, पूनम मेरे साथ बहुत खुश है और हमारे साथ घर पर रहती है।

पूनम कहने को मामा की पत्नी है पर वो मुझे अपना पहला और आखिरी प्यार और पति मानती है और लगभग हर रोज़ मैं उसे चोदता हूँ।

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