मेरा नाम मॉनिक सक्सेना है. मैं उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ. मैं ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी लम्बई 5 फुट 5 इंच हैं. गोरा रंग जिम जाने से बॉडी भी फिट है. मेरे लंड की लंबाई 6.6 इंच है, जो किसी भी लड़की या महिला को खुश कर सकता है.
आज मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ. यह कहानी मेरी और मेरी मौसी की लड़की शोना की है. ये कहानी आज से 3 साल पहले की है, जब मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता था.
एक बार मेले के मौके पे मेरी मौसी की लड़की शोना हमारे घर पे आयी. अपनी बहन की खूबसूरत जवानी को देखते ही मैं पागल सा हो गया. उसका गोरा रंग. तने हुए चुचे. उठी हुई गांड … कसम खुदा की, उसे देखते ही लौड़ा खड़ा हो गया था.
वो यहाँ पे केवल 2-3 दिन के लिए ही आयी थी. मैंने अपनी बहन की चुदाई करने की ठान ली. उसके आने के बाद शाम में उससे थोड़ी बहुत बात हुई … फिर हम लोग सो गए.
अगले दिन सुबह सुबह वो मुझे जगाने आयी क्योंकि सब लोग मेले में जाने वाले थे. जब वो आयी, तो उसकी आवाज़ सुनके मैं सोने का नाटक करने लगा.
सुबह सुबह वैसे ही मेरा लंड खड़ा रहता है … जो कि अंडरवियर के ऊपर से ही साफ साफ दिख रहा था.
उसके बोलने पे भी मैं कुछ नहीं बोला. मेरी बहन लगातार मेरे 6 इंच के लंड को तनी हुई अवस्था में देखे जा रही थी.
वो कुछ टाइम बाद चली गयी. उसके जाने के बाद मैंने सोचा कि शायद आज काम बन जाएगा.
फिर हम लोग भी मेले में चले गए. अब वो मुझे कुछ अलग ही नज़रों से देखे जा रही थी. मैं भी बार बार उसके पास जाके उससे बात करने के बहाने ढूंढ रहा था. जिसको शायद वो समझ गयी थी. मैं उसको बार बार टच भी कर रहा था.
उसके बाद हम लोग मेले से वापस आ गए. आने के बाद उससे मेरी अच्छे से बात हुई. अब वो भी बात करने में काफी इंटरेस्ट दिखा रही थी.
फिर शाम में सबने खाना खाया. शोना अब मौसी और मम्मी के साथ टीवी देखने चली गयी … और मैं पढ़ने बैठ गया. मुझे रात में करीब दो बजे तक पढ़ने की आदत है.
फिर 12 बजे जब सब लोग सोने लगे, तो वो मेरे लिए दूध लेके आयी.
उसने मुझसे दूध पीने के लिए कहा, तो मैंने उससे वहीं पे रखने को कह दिया. मुझे तो अन्दर से उसका दूध पीने का मन था. मेरी खुशी तब बढ़ गयी, जब वो सोने के लिए मौसी और दादी के साथ मेरे रूम में आ गईं. मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अब तो सोच लिया था कि आज रात को तो इसको चोद के ही मानूँगा.
वो मेरी खाट के साइड वाली खाट में दादी के साथ लेट गयी. उससे अगली खाट पे मौसी अकेली सोने लगीं.
कुछ देर मौसी जी ने मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा, फिर सोने को बोलकर सो गयीं. इस बीच शोना मुझे ही देखे जा रही थी. मैं भी उसको काफी देर तक देखता रहा. फिर मैंने एक स्माइल दे दी, जवाब में वो भी मुस्कुरा उठी.
अब करीब एक बज गया था. मौसी और दादी सो रही थीं. शायद शोना की भी आंख लग गयी थी … लेकिन उसके पास में होते हुए मुझे कुछ चुत का बुखार चढ़ने लगा था.
अब मुझे कैसे भी चुत चाहिए थी. मैंने अपनी किताब साइड में रख दी … और शोना की तरफ करवट लेके लेट गया. उसका चेहरा मेरी तरफ था … सुंदर सी शोना आराम से सो रही थी. लेकिन मुझे अब नींद नहीं आनी थी. मैंने अपने एक हाथ से उसके चेहरे को टच किया, तो वो अचानक से जाग गयी.
एक बार तो मेरी फट सी गई थी … पर उसने कुछ नहीं कहा. मैंने उसको देखके एक स्माइल दे दी … वो भी मुस्करा दी.
अब मैंने अपना मोबाइल निकाला और इमरान हाशमी की आशिक़ बनाया वाली वीडियो देखने लगा.
फिर वो फुसफुसा कर बोली- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं बस वीडियो देख रहा हूँ.
फिर उसने मुझसे कहा- मुझे भी देखना है … क्यों मुझे भी नींद नहीं आ रही है.
बस यही तो मैं चाहता था … मैंने देर ना करते हुए कान से लीड निकाल कर उसको फ़ोन दे दिया. अब वो अपने कान में लीड लगाए हुए बहुत गौर से वीडियो को देखे जा रही और बीच बीच में मेरी तरफ भी देख रही थी.
इस वीडियो में जबरदस्त सेक्सी सीन थे. वो गर्म होने लगी थी … उधर मेरा लंड भी अब पूरा तन चुका था.
सर्दी का मौसम था … सबने रजाई ओढ़ रखी थी. उसने वीडियो देखके फ़ोन वापिस कर दिया … लेकिन वो मुझे देखे जा रही थी.
मैंने सोचा लोहा गर्म है हथौड़ा मार देना चाहिए. मैं धीरे धीरे अपने दाएं हाथ को उसकी रजाई में ले गया. मैंने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चुची पे रख दिया. उसने कुछ नहीं कहा और मैं धीरे धीरे उसकी चुची सहलाने लगा. अब वो भी आवाज़ निकालने लगी थी. मैं उसकी दोनों चुचियों को दबाने लगा था. वो ओर तेज तेज सांस लेने लगी थी.
दस मिनट तक चुची दबाने के बाद मैं अपना हाथ उसके पेट पे फिराने लगा और वो मचलने लगी. फिर मेरा हाथ उसकी सलवार तक पहुँच गया. मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चुत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा. उसकी चुत भी गीली हो गयी थी. उसका काम रस बहने लगा था.
फिर मैंने उसकी पैंटी एक साइड कर दी ओर उसकी चुत को सहलाने लगा. वो सिहर उठी और ‘आह आह आह’ करने लगी. उसकी आवाज़ सुनके मैं जोर जोर से उसकी चुत सहलाने लगा. वो बिल्कुल पागल सी हो गयी थी … अपनी गांड उठा कर मुझसे चूत रगड़वा रही थी.
फिर मैंने एक उंगली उसकी चुत में डाल दी और उससे उसको धीरे धीरे अन्दर बाहर करके चोदने लगा. वो भी अब नीचे से कमर हिला रही थी.
करीब 10 मिनट में उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया और वो एकदम से अकड़ गयी थी. फिर संतुष्टि भरी नज़रों से मुझे देखने लगी. मैंने उसको अपनी खाट पे आने को बोला, पर वो मना करने लगी.
मेरे ज्यादा कहने पे वो मान गयी. फिर वो मेरी रजाई में आ गयी. उसके आते ही मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपने होंठ उसके होंठों पे लगा दिए. अब मैं जिन्दगी के पहले किस का मजा लेने लगा. पहले हम धीरे धीरे किस करते रहे. फिर मैं उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. इस चुम्मा चाटी में बहुत मजा आने लगा था.
करीब 20 मिनट तक हम लोग किस करते रहे और साथ साथ मैं उसकी दोनों चुचियों को भी दबा रहा था.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था … मैंने उसको बाथरूम में चलने को बोला. शुरू में तो मना किया, पर बाद में राजी हो गयी.
मैं उसको बाथरूम में ले गया. वहां जाते ही मैंने उसको दीवार के सहारे लगा दिया और उसको चूमना चालू कर दिया. मैं सूट के ऊपर से ही उसकी मोटी मोटी चुचियों को चूसने लगा. वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… करे जा रही थी.
तभी मुझे मम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी, शायद वो जाग गयी थीं, इसलिए मैंने शोना को जल्दी से बता के हम लोग वापिस आ गए और चुदाई पूरी नहीं हो पाई.
वापस आकर हम दोनों ने कुछ मिनट तक खुद को रोके रखा और उसके बाद फिर से एक दूसरे के चूची और लंड से खेलने लगे.
उसका चुदवाने का बड़ा मन था. उसने मुझसे कहा भी कि दुबारा बाथरूम में चलते हैं. लेकिन मुझे अपनी मम्मी की आदत मालूम थी. वो एक बारी रात में उठ जाती थीं, तो उनको पक्की नींद नहीं आती थी. जरा सा भी खुटका लगने से मम्मी के फिर से जाग जाने का खतरा था.
मैं शोना के मम्मों को मसलता रहा और वो मेरे लंड की मुठ मारती रही. हम दोनों भी बहन सेक्स करने को एकदम से बेहाल हो चुके थे, लेकिन मजबूरी थी कि चुदाई नहीं कर पा रहे थे.
मुझे अपनी बहन शोना के साथ चुदाई तो करनी ही थी. पर कैसे करता, ये कल पर छोड़ कर हम दोनों सो गए.
जब हम बाथरूम में चुम्मा चाटी कर रहे थे, अचानक से आवाज़ सुन के हम लोग वापस अपनी खाट पे आके सो गए. कुछ देर की चूमा चाटी और मसला मसली के बाद हम दोनों सो गए.
अगले दिन सुबह सुबह मैं उठ के दौड़ लगाने के लिए चला गया. वापस आकर तैयार होकर मैं स्कूल चला गया. आज पढ़ाई में मेरा बिल्कुल भी ध्यान नहीं लग रहा था, बस दिमाग में शोना की चूत की घूम रही थी. बस आज कैसे भी करके उसको चोदना था … क्योंकि कल वो वापस जाने वाली थी. उसको याद करते करते स्कूल की कब छुट्टी हो गयी, पता ही नहीं चला.
मैं सीधा स्कूल से घर आया. वापस आकर मैंने देखा कि वो मम्मी के साथ कुछ काम कर रही थी. मैं भी उनके पास जाके बातें करने लगा. वो मुझे देख देखकर मुस्करा रही थी और मैं भी स्माइल दिए जा रहा था. मैं अपनी भूखी नज़रों से ही उसकी तनी हुई चुचियों को घूरे जा रहा था. वो भी लगातार मेरी इस हरकत को नोटिस कर रही थी.
उसकी चुचियों को देखके मेरा 6.6 इंच का लौड़ा बिल्कुल खड़ा हो चुका था और लोवर के नीचे उसका उभार साफ नजर आ रहा था. वो भी मेरे लंड को काफी गौर से देख रही थी. हम दोनों नज़रों ही नज़रों में ही सब कुछ किये जा रहे थे. मम्मी को बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि इनके बीच कुछ चल भी रहा है.
फिर रात को मैं फिर से अपने कमरे में पढ़ रहा था और बाकी लोग टीवी देख रहे थे. जब 11 बजे टीवी बन्द हुआ, तो मम्मी आईं और सब की खाट तैयार करने लगीं. मैं तो बस शोना का ही इंतज़ार कर रहा था.
फिर कुछ टाइम में वो आयी, लेकिन आज कमरे में 4 खाट थीं. पहली खाट पे शोना अकेली थी, दूसरी पे मैं खुद था. उसके बाद वाली पे मेरे भैया थे और उसके बाद मौसी थीं. दादी आज दूसरे कमरे में सोने वाली थीं. भैया को देखके मेरे अरमान ही टूट गए थे. मुझे लगा कि आज भी बिना चुत के ही रह जाऊंगा. फिर मैंने सोचा देखते हैं क्या होता है. मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी.
कुछ टाइम में सब लोग सो गए और शोना मेरी तरफ देख रही थी. मैंने उसको थोड़ी देर इंतज़ार करने को कहा क्योंकि भैया बिल्कुल साइड में थे. अगर भैया थोड़ी सी भी आवाज़ सुन लेते हैं, वो बहुत जल्दी जाग जाते हैं. इसलिए मैंने इंतज़ार करना सही समझा.
इंतज़ार करते करते 2 बज गए और मैंने अब कुछ करने की सोची. शोना भी अब आंखें बंद करके लेटी हुई थी, शायद इंतज़ार करते करते उसकी आंखें लग गयी थीं. अब मैंने उठके लाइट ऑफ की और फिर से अपनी खाट में आ गया. मैं धीरे से अपना एक हाथ ले जाकर शोना के चेहरे पे चलाने लगा … उसने भी अपना हाथ बढ़ाकर मेरे चेहरे पे रख दिया और मैं उसकी उंगलियाँ मुँह में लेकर चूसने लगा. मैंने अपनी उंगली उसके मुँह में दे दी और वो भी बड़े प्यार से उनको चूमने लगी.
फिर मैं धीरे धीरे अपनी उंगलियों को मुँह से निकाल के उसकी चुचियों को सहलाने लगा. वो हल्के स्वर में आ आह आह आह करने लगी. फिर उसने भी अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया. लोवर के ऊपर से ही वो मेरे लंड को मसलने लगी.
थोड़ी देर चूची मसलने के बाद मैं अपना हाथ उसके पेट से होते हुए उसके लोवर के अन्दर ले गया और उसकी चुत को सहलाने लगा. उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. अब उसने भी हाथ से मेरे लोवर को नीचे कर दिया और साथ में अंडरवियर को भी सरका दिया. वो भी मेरे लंड को पकड़ के हिलाने लगी. उसके हाथों से लंड पूरी तरह लौड़ा बन गया था और मुझे जीवन का परम सुख मिल रहा था. दोस्तों लड़की से मुठ मरवाने का मजा ही अलग होता है.
इसके बाद मैंने भी उसकी पैंटी हटाके उसकी चुत सहलानी शुरू कर दी. अब वो मेरा लौड़ा हिला रही थी और मैं भी अपनी दो उंगलियों से उसकी चुत को चोदे जा रहा था. उसकी सांसें तेज तेज चल रही थीं.
वो दबी आवाज में ‘आह आ उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह..’ की आवाज़ निकाल रही थी.
फिर जब मुझे लगा कि मेरा छूटने वाला है, तो मैंने भी उसकी चुत को उंगली से चोदने की स्पीड बढ़ा दी. मैं बहुत जोर जोर से उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगा. वो अपने दांत भींचे हुए अपनी आवाज को निकलने से रोके हुए थी. उसने अपना हाथ लंड से हटा दिया और खाट में ही मचलने लगी.
उसकी धीमी ‘ओह ओह..’ मुझे उत्तेजित कर रही थीं. मैंने उसकी तरफ देखा, तो पाया कि उसकी आंखें बंद थीं और वो उंगली चोदन के पूरा मजा ले रही थी.
मैं लगातार 5 मिनट तक उसकी चुत में उंगली करता रहा. उसकी चूत थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ने लगी थी, फिर अचानक से वो कड़क सी हो गयी और ‘आह आह आह आह औह..’ करती हुई झड़ गयी. मैं उसके झड़ जाने के बाद भी उंगली करता रहा. फिर मैंने उसकी चुत से उंगली निकाल के उसके मुँह में दे दी और वो अपने ही चुतरस का मजा चखने लगी.
इसके बाद मैंने उसको अपनी खाट पे बुलाया, पर उसके उठकर आकर बैठने से खाट आवाज़ करने लगी. मुझे लगा कहीं भैया ना जग जाएं, इसलिए मैंने उसको वापस उसकी खाट पे भेज दिया. फिर मैंने उसकी और अपनी खाट को बिल्कुल साथ साथ कर दिया. अपना लंड बाहर निकाल के उसको भी नंगी कर दिया और उसको अपनी तरफ आने को बोला.
अब वो अपनी खाट के एकदम किनारे पे आ गई थी और ऐसे ही मैं भी उसकी तरफ अपनी खाट के किनारे पे आ गया था. हम दोनों ने नीचे कुछ नहीं पहना था.
फिर मैंने उसे अपने ओर पास आने को बोला और एक पैर उठाने को कहा. उसने मेरे पास आकर अपना पैर ऊपर कर लिया. उसके इस तरह से बैठने से चूत खुल गई थी. मैंने अपना लंड उसकी चुत पे रख दिया, तो वो सिहर उठी और मुझसे चिपक गई. हम दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल गए और हम किस करने लगे. हम लगातार किस किये जा रहे थे, तभी मैंने हल्का सा धक्का उसकी चुत पे लगा दिया. मेरे लंड का सुपारा फिसल गया … क्योंकि चुत बहुत गीली हो चुकी थी.
मैंने उससे लंड सही से सैट करने को कहा, क्योंकि रूम में अंधेरा था. फिर उसने एक हाथ से लंड का चिकना टोपा चुत की फांकों पे फंसा दिया और एक जोर का धक्का लगा दिया. वो धक्का लगते ही अचानक से मचल उठी. उसके मुँह पे मेरा मुँह होने की वजह से कोई आवाज़ नहीं हो पाई. दो खाटों की वजह से पूरा लंड उसकी चुत में डालना मुश्किल हो रहा था … इसलिए बस लंड का अगला हिस्सा ही अन्दर जा पाया था. लंड का अगला हिस्सा मेरा बहुत मोटा है, जिससे उसको मजे आने लगे थे.
अब मैं ऊपर से उसको किस कर रहा था एक हाथ से चुची दबा रहा था. दूसरे हाथ को उसकी गांड पे रख कर उसको सहलाते हुए उसको अपनी तरफ खींच रहा था. ये नज़ारा देखकर मेरा जोश बहुत बढ़ गया था.
एक बात और भी समझ आ गई थी कि शोना पहले भी लंड ले चुकी थी, अन्यथा मेरा लंड इस पोजीशन में तो घुसने वाला ही नहीं था.
फिर मैंने उसके मुँह से मुँह हटाया और धक्के तेज तेज देने लगा. वो भी आह आह आह ह ह किये जा थी. कुछ ही देर में उसकी चुत से हल्का हल्का पानी आने लगा.
तभी उसने बताया कि वो छूटने वाली है.
मैंने भी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और वो ‘ओह ओह ओह आह ओ..’ करते हुए झड़ गयी. उसी के साथ ही मैं भी झड़ गया.
फिर हम दोनों अपनी अपनी खाट पे लेट कर आराम करने लगे. कुछ पल बाद मैंने उसके चेहरे पे हाथ रख दिया. उसको अपने पास को करके मैं उसे किस करने लगा. फिर हम लोग किस करके सो गए. चुदाई के कारण थकान थी, सो कब सुबह हुई, पता ही नहीं चला.
सुबह जागने पे पता चला कि आज वो जाने वाली है. सुबह के 9 बज रहे थे और वो तैयार हो चुकी थी. मौसी भी नहाकर तैयार होने वाली थीं. मैंने जाग कर ब्रश आदि किया और अच्छे से चेहरे को साफ किया. मैं मम्मी मौसी के पास बैठकर बात करने लगा, वो कमरे में अपने कपड़े रख रही थी.
मुझे अभी भी उसकी चुत अच्छे से देखके चोदने की कसक थी. मौसी के बाथरूम में जाते ही मैं उसके पास चला गया और पीछे से उसकी चुचियों को पकड़ कर दबा दिया. उसने मुझे धक्का देके अलग किया.
मैंने शोना से कहा- तुम जल्दी से ऊपर वाले कमरे में चलो, वहाँ कोई नहीं है.
शोना बोली- क्यों ऊपर क्यों चलना है?
मैं बोला- यार, ऊपर चलके एक बार अच्छे से चुदाई करते हैं ना!
उसने कहा- कोई आ गया तो?
मैंने कहा- अभी कोई नहीं आएगा, भैया पापा बाहर गए हैं. मम्मी दादी अभी नीचे घर का काम कर रही हैं और मौसी नहा रही हैं. बस तुम जल्दी से ऊपर आ जाओ.
उससे ये बोल कर मैं ऊपर चला गया. ऊपर जाते ही मैंने देखा कि रूम के बाहर भैया खाट बिछाके लेटे हुए हैं. मेरे अरमानों पे पानी सा फिर गया.
तभी वो ऊपर आ गयी और भैया को देखके जाने लगी, तो मैंने पकड़ लिया और रूम के अन्दर ले गया. मेरी गांड तो फट रही थी, पर मुझपे चुत का नशा छाया हुआ था. कैसे भी करके बस एक बार अच्छे से उसकी चुत में अपना लंड डालना था.
मैंने उससे कहा- तुम अपनी सलवार नीचे कर लो.
पहले तो उसने मना किया. पर बाद में मान गई. मैंने गेट थोड़ा सा खोल दिया ताकि भैया की खाट दिखती रहे. मैंने उसको बेड के किनारे खड़ा किया और सलवार नीचे खींच दी … क्योंकि उसको पकड़े जाने का डर था. सब कुछ मुझे ही करना पड़ रहा था.
मैंने उसकी सलवार नीचे करके उसकी पैन्टी को भी नीचे कर दिया और पहली बार उसकी चुत के दर्शन हुए. बिल्कुल गोरी सी सुंदर सी चुत और उस पर हल्के हल्के बाल थे.
मैंने अपना लोवर नीचे को किया और लंड को बाहर निकाल लिया. मैं उसकी चुत को सहलाने लगा. उसकी चुत को चाटने का मन तो बहुत था, पर टाइम की कमी थी … इसलिए बस एक बार उसकी चुत पे मुँह लगाकर चुत की घुंडी को अच्छे से चूस लिया.
वो ‘ओह ओ..ह ओ..’ करने लगी. तभी मैंने अपना लंड तैयार किया और उसकी चुत पे रगड़ने लगा. उसकी सांसें तेज हो गईं. मेरा 6.6 इंच लम्बा मोटा लंड उसकी प्यारी सी चुत के सामने सलामी दे रहा था. मैंने बाहर देखा भैया लेटे हुए थे. मैंने उसको धक्का देके बेड पे लिटा लिया. उसके पैर जमीन पे थे, बाकी का जिस्म बिस्तर पर था.
मैंने उसके पास जाकर उसके ऊपर लेट गया और मुँह पर मुँह रख दिया. फिर मैंने एक हाथ से लंड को उसकी चुत पे रख दिया. ऐसा करते ही उसने अपनी आंखें बंद कर ली थीं. अब किसी भी समय हमारा मिलन होने वाला था.
मैंने एक हल्का सा धक्का दिया और लंड का अगला हिस्सा अन्दर चला गया.
वो चीख पड़ी लेक़िन मुँह पर मुँह होने की वजह से ज्यादा आवाज़ नहीं हुई. फिर मैं धीरे धीरे धक्के देने लगा और अब अपने मुँह से उसकी चुची को ऊपर सही से चूसने लगा.
वो लगातार ‘आह आह आ आ ओह ओह ओह..’ किए जा रही थी. जिससे मेरा भी मनोबल बढ़ गया था. जब उसकी चुत में थोड़ी सी जगह बनी, तो मैंने अब पूरा लंड डालने की सोची.
मैंने अपने दोनों हाथ से उसके चूतड़ अच्छे से पकड़ लिए और मुँह फिर से मुँह पे रख दिया और धक्के की स्पीड बढ़ाते हुए एक जोर का धक्का दे मारा. अबकी बार के धक्के में मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर चला गया था. वो मुझे ऊपर से हटाने लगी … क्योंकि उसको तेज दर्द हो रहा था.
मैंने दोबारा से लंड एक बार फिर से पूरा लंड बाहर निकाल कर निशाना लगाया. अबकी बार के तेज प्रहार में मैंने एक बार में ही पूरा मूसल उसकी चूत में ठांस दिया. उसकी तो जैसे सांस ही रुक गयी थी … आंखों से आँसू आने लगे थे. पर आज मैं दया छोड़ चुका था. मैंने जोर जोर से धक्के देने स्टार्ट कर दिए. उसकी चूत में मेरा लंड अन्दर बाहर होने लगा था. अब मैं उसकी चुत पर बिल्कुल टूट ही पड़ा था. चुत में जगह बन जाने से उसको भी मजा आने लगा था. वो भी कमर हिला हिला साथ दे रही थी. जब मुझे लगा कि इसका दर्द दूर हो गया है, तो मैंने मुँह हटा लिया और अब तेज तेज से धक्के देना चालू कर दिया.
उसके कंठ से ‘आह ओह उई और जोर से मॉनिक …’ निकला जा रहा था. वो अपने नाखूनों को मेरी पीठ पर गड़ा रही थी, जिससे मेरा जोश और तेज हो गया था.
कुछ देर बाद उसने कहा- मैं आने वाली हूँ.
मैंने साथ में आने को बोलकर अपनी स्पीड बढ़ा दी. मेरा लंड चुत को अच्छे से पेल रहा था. लंड चुत के अंत तक जाके टकरा रहा था. रूम में चुत लंड के मिलन की आवाज़ें चल रही थीं. कुछ देर में वो अकड़ गयी और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. साथ मैं मेरे लंड ने भी पिचकारी छोड़ दी. फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करके खड़े हुए. मैंने गौर से देखा तो उसकी चुत से पानी और वीर्य दोनों मिक्स होकर बाहर आ रहे थे.
उसको साफ करके हम दोनों ने कपड़े सही किये और नीचे आ गए.
वो अपनी माँ के साथ चली गई थी.
उसके कुछ महीने बाद उसकी शादी हो गयी. शादी के 5 दिन बाद ही उसका फ़ोन आया- यार जैसा तुम चोदते हो, ऐसा मेरा पति नहीं चोदता है.
फिर बोली- यार, एक बार दोबारा से करना है.
लेकिन उसके साथ चुदाई करने का कभी मौका ही नहीं मिला. आज उसके 2 बच्चे हैं और वो अपने जीवन में काफी खुश है. उसकी मदद से ही मैंने अपनी दूसरी मौसी की लड़की को भी चोदा था. वो मैं आपको जल्दी ही बाद में बताऊंगा.

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