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भाई बहनों की चुदक्कड़ टोली-1

 


दोस्तो, मेरा नाम हिरेन है. आज मैं अपनी चुदक्कड़ बहनों के बारे में आपको बताना चाहता हूं। मैं गुजरात से हूं और एक सरकारी स्कूल में जॉब करता हूं। मेरे परिवार में तीन बहनें हैं और मैं अकेला भाई। मेरी मम्मी ओर पापा उत्तराखंड घूमने गये हुये थे. उत्तराखंड में जब बाढ़ आई थी तो उसी दौरान उनका स्वर्गवास हो गया था. मेरी तीन बहनें हैं हेतल, मानसी और नीता. हेतल और नीता दोनों ही मुझसे बड़ी हैं. हेतल की शादी हो चुकी है और नीता जॉब करती है. छोटी बहन मानसी ने दो महीने पहले ही मीडिया में काम करना शुरू किया है।

मैं और मानसी अहमदाबाद (गुजरात) में रहते हैं. कहानी को और आगे बढ़ाने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में भी बता देना चाहूंगा.
मेरी उम्र 26 साल है और मानसी की 24 साल। मानसी का शरीर बहुत अच्छे से उभरा हुआ है। उसके मम्मे और गांड बहुत ही मस्त हैं. जो बात मैं आपको बताने जा रहा हूं वह बात करीब 7-8 महीने पहले की है।

उस दिन रविवार था तो जॉब से मानसी की छुट्टी थी। सुबह मैं मानसी से पहले उठ गया और तैयार होकर बैठा था। उस दिन मैं कुछ ज्यादा ही जल्दी उठ गया था. मैं बैठा-बैठा बोर हो रहा था और मैंने सोचा कि मानसी को उठा देता हूं. वह उठ जायेगी तो चाय-नाश्ता बना देगी. मैं उसको उठाने के लिए उसके कमरे में गया तो मैंने देखा कि मानसी सो रही थी.
उसका टी-शर्ट उसके सीने से ऊपर पहुंच गया था और उसकी पिंक कलर की ब्रा भी दिखाई दे रही थी. मैं उसके और करीब जाकर देखने लगा तो मुझे उसके उठे हुए गोरे चूचों की दरार भी दिखाई दे गयी. मानसी के मोटे चूचे देख कर मेरा लंड वहीं पर खड़ा होना शुरू हो गया.

मेरा मन कर रहा था कि उसके चूचों को एक बार हाथ लगा कर छू लूं मगर डर भी लग रहा था कहीं यह नींद से जाग न जाये. इसलिए मैंने हाथ बढ़ाकर भी वापस खींच लिया. फिर पता नहीं कैसे उसकी आंख एकदम से खुल गई. वो मुझे अपने पास खड़ा देख कर बोली- अरे हिरेन, तू इतनी सुबह?
मैंने कहा- मैं तुझे ही उठाने के लिए आया था.

फिर उसका ध्यान उसके उठे हुए टी-शर्ट पर गया. उसने एक बार अपने टी-शर्ट को देखा और फिर मेरी तरफ देखने लगी कि कहीं मैं उसकी ब्रा को तो नहीं देख रहा हूं. उसके बाद मैंने नजर दूसरी तरफ कर ली. मैंने ऐसे ऐक्टिंग की जैसे मुझे कुछ पता ही न था. मैं उसके सामने बहुत भोला बनने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो समझ तो गई थी. मगर उसने शर्म के कारण चुपचाप अपना टी-शर्ट नीचे कर लिया.
वो बोली- तू चल, मैं जरा फ्रेश होकर आती हूं.

उसके बाद मैं बाहर आ गया. मेरे दिमाग में मानसी के मोटे चूचे ही घूम रहे थे. मैंने उसके चूचों की घाटी देख ली थी आज. मेरा मन लंड बार-बार खड़ा हो रहा था.
फिर जब वो नहा-धोकर आई तो मैं उसे आज अलग ही नजर से देख रहा था. उसके गीले बालों में वो बहुत सेक्सी लग रही थी. उसके चूचे बिल्कुल जैसे किसी पहाड़ी के जैसे तने हुए थे. मैंने एक बार उसके चूचों को देखा और फिर दोबारा से टीवी देखने लगा.

हम दोनों ने साथ में टीवी देखते हुए नाश्ता किया. फिर दो-तीन घंटे ऐसे ही बीत गये और मानसी ने खाने के लिये पूछा तो मैंने बोल दिया कि आज बाहर से पिज्जा मंगवा लेते हैं. वैसे भी आज क्रिकेट मैच आ रहा है टीवी पर. आज कुछ बाहर का खा लेंगे.

वो बोली- ठीक है, मेरा भी मन नहीं था कुछ बनाने का.
मैंने कहा- ठीक है. तू बैठ कर टीवी देख. मैं अपने दोस्तों के पास से होकर आता हूं. फिर उसके बाद हम साथ में बैठ कर पिज्जा खायेंगे.
कहकर मैं बाहर चला गया.

मैं अपने दोस्तों के पास नहीं बल्कि आज मानसी के चूचों को दबाने की प्लानिंग कर रहा था. मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैंने बाहर जाकर दवाइयों की दुकान से नींद की चार गोलियां ले लीं और चार आइस-क्रीम भी ले ली. ये सब लेकर मैं वापस घर आ गया. अभी मैच शुरू होने में एक घंटा बाकी था.

मानसी टीवी देख रही थी. मैं भी उसके पास आकर टीवी देखने लगा. मैंने चुपके से अपने फोन में पॉर्न वीडियो डाउनलोड कर ली. मानसी की आदत थी कि वो शाम को मेरे फोन में कुछ न कुछ देख कर टाइम पास करती रहती थी. वैसे तो हम भाई-बहनों में काफी अच्छी बनती थी. हम एक-दूसरे से हर बात शेयर करते थे लेकिन अभी मैं उसके साथ सेक्स की बात नहीं कर पाया था.

मैच शुरू हो गया और हम साथ में टीवी देखने लगे. थोड़ी ही देर में वो बोर होने लगी. वो वहीं सोफे पर सो गयी. मैं मैच देखने में बिजी था.

दोपहर को जब वो उठी तो मैंने कहा मैं बाहर कुछ शॉपिंग करने के लिए जा रहा हूं.
वो बोली- मैं भी तेरे साथ चलूंगी. मैं यहां पर बोर हो रही हूं.
उसके कहने पर हम दोनों भाई-बहन शॉपिंग करने के लिए चल दिये.

हम लेडीज शॉप पर गये तो मानसी अपने लिये लैगिंग देखने लगी. वो बोली यहां तो मुझे कुछ भी पसंद नहीं आ रहा है. तुम जरा अपने फोन में ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर कुछ देख कर बताओ तो आजकल कौन सा ट्रेंड चल रहा है.

मैंने फोन में साइट खोली और उसके लिये लैगिंग देखने लगा. फिर मैंने उसका साइज पूछा तो वो बोली- 32 का साइज है मेरा.
मैं सोचने लगा कि कितनी बड़ी गांड होगी इसकी अगर इतना साइज है तो. फिर कुछ कलर सिलेक्ट करने के बाद उसने एक दो लैगिंग ले ली और हम वापस आ गये. उस दिन बहुत गर्मी हो रही थी.

कूलर को मैंने अपने कमरे में लगाने के लिए मानसी से पूछा तो वो बोली- ठीक है. तू अपने कमरे में ही लगा ले कूलर को. मैं भी वहीं आकर टीवी देख लूंगी.
मैंने तुरंत जाकर टीवी को अपने कमरे में लगा दिया.

मैच शुरू हो गया और मानसी भी मेरे कमरे में आकर टीवी देखने लगी. कुछ ही देर में कूलर के सामने लेटने से मुझे नींद आने लगी और मैं सोने के लिए कहने लगा.
तो वो बोली- तूने पिज्जा तो मंगवाया ही नहीं.
मैंने कहा- हां, मैं तो भूल ही गया.

फिर मैंने बाहर से पिज्जा मंगवाया और दोनों ने साथ में बैठ कर खाया. फिर मुझे नींद आने लगी. मैंने सारे पर्दे डालकर कमरे में अंधेरा कर लिया और मैं चादर ओढ़ कर सो गया. लेकिन अभी मैं सिर्फ सोने का नाटक कर रहा था क्योंकि मेरी प्लानिंग तो मानसी के चूचे देखने की थी.

फिर सच में मुझे नींद आ गई और मैं शाम के 6 बजे उठा.
मानसी ने कहा कि मैच तो खत्म भी हो गया.

मेरी प्लानिंग फेल हो गई क्योंकि मुझे नींद आ गयी थी. लेकिन अब मैं रात का इंतजार करने लगा. उसके बाद फिर हम लोग शाम को शॉपिंग मॉल में चले गये.

हमने वहां से कुछ कपड़े लिये और फिर वापस घर आ गये. फिर खाना खाने के बाद हम बे़डरूम में चले गये. मानसी फिल्म देख रही थी. उसने एक हाथ में मेरा फोन लिया हुआ था.
अब मैंने अपने प्लान पर काम करना शुरू किया और उससे कहा- मैं आइसक्रीम लेकर आता हूं.

मैंने आइसक्रीम के कप में पाउडर बनाकर नींद की गोली मिला दी. फिर मैं वापस आ गया और हम साथ में आइसक्रीम खाने लगे. कमरे की लाइट बंद थी और सिर्फ टीवी की रोशनी ही आ रही थी. मैं सोच रहा था कि मानसी पर नींद की गोली असर करेगी तो मैं उसको नंगी कर दूंगा. ये सोच कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था.

उसके कुछ देर के बाद नींद की गोली ने असर किया और मानसी बोली- मुझे नींद आ रही है. मैं सो रही हूं.
वो कम्बल ओढ़ कर लेट गयी.

जब वो गहरी नींद में सो गई तो मैंने चेक करने के लिए उसको आवाज लगाई तो वो कुछ नहीं बोली. अब मेरा रास्ता साफ हो गया था.

मैंने उसके बदन से कम्बल हटा दिया. उसने पिंक कलर की नाइट ड्रेस पहनी हुई थी. जिसमें उसके चूचे बिल्कुल ऊपर उठे हुए दिखाई दे रहे थे.
फिर मैंने धीरे से उठ कर लाइट चालू कर दी.

उसके बाद आहिस्ता से उसकी नाइट पैंट को खींचने लगा लेकिन उसकी गांड बहुत भारी थी. बड़ी मुश्किल से मैंने उसकी मोटी गांड से उसकी नाइट पैंट को निकाला. उसने नीचे एक काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उसकी गोरी गांड को देख कर मेरा दिल मचल गया. मैंने उसके चूतडों को चूम लिया. मैं उसकी गांड के छेद तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी गांड का छेद अंदर की तरफ धंसा हुआ था.

उसके चूतड़ों को चूमते हुए मेरा लंड पूरा का पूरा तन गया था. मैंने उसकी पैंटी को थोड़ा खींचा तो साइड से उसके अंदर मुझे उसकी गांड के इर्द-गिर्द हल्के से बाल दिखाई दिये. मैंने थोड़ा और खींचा तो मेरी उंगली उसके छेद तक पहुंच गई. मैंने उसकी गांड को एक बार चाट लिया. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने उसकी गांड पर लौड़े को लगा दिया और उसकी गांड पर रगड़ने लगा. मैंने पहली बार अपनी बहन की मोटी गांड को इस तरह से बिना कपडों के देखा था.

उसकी गांड पर लंड को रगड़ते हुए जल्दी ही मेरा वीर्य निकल गया क्योंकि मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था. मैंने उसकी गांड पर ही अपना माल गिरा दिया. फिर मैंने वीर्य गिरे हुए ही उसकी गांड के तीन-चार फोटो अपने फोन में निकाले. मैं उनको बाद में देख कर मुट्ठ मारना चाहता था. इसलिए वो सब मेरे काम आने वाले थे.

फिर मैंने मानसी की नाइट पैंट को वापस करके बंद कर दिया. अगले दिन भी मैं रात का इंतजार करने लगा. लेकिन पूरे दिन मेरे दिमाग में उसकी गांड ही घूमती रही. मैं दिन में जाकर दो कप आइसक्रीम और ले आया और साथ में वियाग्रा की गोली भी ले आया.

मानसी ने वो कप देख कर पूछा कि फ्रिज में पहले से ही दो कप रखे हुए हैं तो मैंने कह दिया कि आज मेरा मन ज्यादा खाने का कर रहा था.

बीती रात की तरह अगली रात को इंतजार करने लगा मैं. रात को जब वो गहरी नींद में सो रही थी मैंने पिछली रात की तरह ही उसको नंगी करना शुरू कर दिया. आज मैंने उसके कपड़े पूरी तरह उतार दिये. उसका नंगा और गोरा बदन देख कर मेरे अंदर का जानवर जैसे जाग गया. मैंने उसके चूचे पहली बार देखे. उसके चूचे बहुत मोटे थे और उसके निप्पल बिल्कुल गुलाबी रंग के थे. मैंने पहले तो उसके चूचों को खूब चूसा और फिर मैं धीरे-धीरे किस करते हुए उसके नीचे की तरफ चला जहां पर उसके काले झाटों के बीच में उसकी चूत छिपी हुई थी.

कुछ देर मैंने अपनी बहन की चूत को चाटा और उसके पेशाब की खुशबू ली. उसके पेशाब की खुशबू के बीच उसकी चूत को स्वाद बहुत ही लजीज लग रहा था. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था और मैंने उसकी चूत में अपना लौड़ा डालने की तैयारी कर ली. मेरा लंड बिल्कुल सख्त हो चुका था. मैंने अपनी आइसक्रीम में भी दवाई मिला रखी थी.

अपने तने हुए लौड़े को मैंने उसकी चूत पर रखा और धीरे से उसकी चूत को सहलाने लगा. पहले मैंने धीरे-धीरे अपने लंड से उसकी चूत को सहलाया और फिर आराम से उसकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा. फिर मैंने एकदम जोर का झटका दिया तो मानसी जाग गई. वो एकदम से उठ कर बैठ गई. उसको देख कर मेरी गांड फट गई.

वो अपने आप को नंगी देख कर घबरा गई और गुस्से से बोली- तू ये क्या कर रहा है मेरे साथ … तुझे शर्म नहीं आती क्या?
मैं चुपचाप उसके सामने नंगा खड़ा हुआ था. वो अपने कपड़े पहनने लगी और मेरी चड्डी को फेंकते हुए बोली. मैं कल से तेरे साथ नहीं रहूंगी. मैं सुबह ही चली जाऊंगी.

यह सुनकर मैं घबरा गया. मैंने उसको मनाने की कोशिश करते हुए कहा- देख, पहले मेरी बात तो सुन ले. उसके बाद तुझे जो भी करना है, तू कर लेना. मैं नंगा ही उसके पास बैठ कर उसको समझाने की कोशिश करने लगा.

उसको समझाते हुए मैंने कहा- तुम भी तो सिंगल हो और मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. हम दोनों ही अकेले हैं. वैसे भी भाई-बहन के बीच सेक्स हो सकता है इसमें कोई बुरी बात नहीं है.
मैंने उसको यकीन दिलाने के लिए अपने फोन में पॉर्न वीडियो चला दी.

फिर मैंने उससे कहा- मानसी मैं तुझे बहुत पसंद करता हूं. तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
वो बोली- ये सब रहने दे. मैं तेरी बहन हूं. कल से मैं तेरे साथ नहीं रहूंगी.

वो उठ कर दूसरे कमरे में चली गई. मैंने सोचा कि यह सच में बुरा मान गई है. मैं उसको किसी भी हाल में सेक्स के लिए तैयार करना चाहता था. मैं उठ कर उसी के कमरे में चला गया. मेरे हाथ में आइसक्रीम थी जिसमें मैंने वियाग्रा की गोली मिला दी थी.

मैंने उससे कहा- मुझे पता है तू मुझसे नाराज है, लेकिन मैं सॉरी बोल रहा हूं. अब ये आइसक्रीम तो खा ले.
वो बोली- मुझे कुछ नहीं खाना है. तू जा यहां से.
फिर मैं उसके सामने रोने का नाटक करने लगा.
वो बोली- ठीक है लेकिन इस तरह से रो मत.
उसने पूछा- ये बता तुझे ये सब आइडिया आया कहां से?

मैंने कहा- मेरे ऑफिस में एक लड़का है. वो अंतर्वासना पर इसी तरह की कहानियां पढ़ता रहता था. उसने मुझसे भी कहानी पढ़ने को कहा और मेरा नजरिया तेरे लिए बदल गया. मैं तुझे सेक्स की नजर से देखने लगा था.

फिर मैंने कल रात को तेरी आइसक्रीम में नींद की गोली मिला दी थी और तेरी गांड को नंगी करके चाट भी लिया था.
वो बोली- साले हरामी, मुझे दिखा वो कहानी कहां पर है?
मानसी के कहने पर मैंने अंतर्वासना सेक्स स्टोरीज ओपन की अपने फोन में और उसको कहानी दिखाने लगा. मैंने उसके सामने भाई-बहन की स्टोरी ही खोली थी.

वो बोली- हिरेन ये सब सच होता है क्या?
मैंने कहा- हां, सच होता है. अगर तुझे यकीन नहीं है तो हेतल दीदी की ही बात बताता हूं. वो हमारे मामा के लड़के राज से चुदवाती थी.

मैंने मानसी को पटाने के लिए हेतल के बारे में झूठ ही कह दिया. लेकिन वो बोली- जो भी हो, लेकिन मुझे ये सब पसंद नहीं है.
वो नहीं मान रही थी तो मैंने कहा- ठीक है, ये आइसक्रीम तो खा ले.
वो बोली- नहीं तूने इसमें भी कुछ मिला दिया होगा.
मैंने कहा- इसमें मैंने कुछ नहीं मिलाया है.
वो बोली- ये पूरी पिघल गई है. थोड़ी देर इसको फ्रिजर में रख कर आ जा. जब ये सही हो जायेगी तब मैं खा लूंगी.

वापस आकर मैं मानसी के साथ ही बैठ कर उसको समझाने लगा. फिर मैं उसके लिए आइसक्रीम लेकर आया और उसको खाने के लिए दी.
वो बोली- सच बता, तूने इसमें कुछ मिलाया तो नहीं है ना?
मैंने कहा- सच बोल रहा हूं, मैंने इसमें कुछ नहीं मिलाया है.

फिर हम दोनों आइसक्रीम खाने लगे. मैं उसको अपने फोन में पॉर्न वीडियो दिखाने लगा.
वो बोली- ये फोन भी मुझे दे दे, इस फोन में उल्टी सीधी वीडियो देख कर तू बिगड़ गया है. उसने मेरे हाथ से फोन ले लिया और वहां से जाने के लिए कहा. मैं उठ कर अपने कमरे में आ गया लेकिन मेरा काम हो गया था. अब मैं इंतजार कर रहा था कि वियाग्रा का असर मानसी पर कब होना शुरू होगा.


कुछ देर के बाद मैं चुपके से मानसी के रूम में आकर उसके बेड के नीचे आकर घुस गया. उसके रूम में अंधेरा था इसलिए उसको कुछ भी पता नहीं चल पाया. फिर मुझे सुनाई दिया कि वो मेरे फोन में पॉर्न वीडियो देख रही है. कुछ देर तक पॉर्न वीडियो देखने के बाद वो बेड से उठी और उसने अपने ड्राअर से एक डिल्डो निकाला. वो उसको नंगी होकर चूत में डालने लगी.

मैं उसको देख कर हैरान हो गया था क्योंकि वो मेरे सामने ऐसे नाटक कर रही थी जैसे उसको सेक्स करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है. ये तो साली बहुत ही चुदक्कड़ है. ये तो मेरे से भी ज्यादा सेक्स की प्यासी है. मैं उसके बारे में ऐसा सोचने लगा.

फिर मैं चुपके से उसके कमरे से निकल गया. बाहर जाकर मैं दो मिनट कमरे के बाहर ही खड़ा रहा. मैं उसको रंगे हाथ पकड़ना चाहता था. फिर मैं धीरे से उसके कमरे में आया और एकदम से उसके रूम की लाइट जला दी.
वो पूरी की पूरी नंगी होकर अपनी चूत में वो नकली का लंड डाल रही थी. मुझे देखते ही वो घबरा गई और अपने बदन को ढकने लगी. मैं उसको देख कर हंसने लगा और वो गुस्से से बोली- तू यहां क्या कर रहा है मेरे रूम में?

मैंने कहा- तुझे भी यह सब पसंद है ना … फिर तू मुझसे मना क्यों कर रही थी?
उसके हाथ में मैंने डिल्डो की तरफ देखते हुए कहा- और ये सब क्या हो रहा था?

मेरे सवालों का उसके पास कोई जवाब नहीं था. मैंने कहा- क्या हुआ तेरी बोलती क्यों बंद हो गई?
फिर मैंने मानसी के गाल पर किस किया और उसके माथे पर हाथ फिराने लगा. मैंने प्यार से उससे कहा- देख, अब सच को छिपाने से कोई फायदा नहीं है. मैं जानता हूं कि तेरा मन भी कर रहा है यह सब करने का.
वो समझ गई कि अब उसका झूठ पकड़ा गया है. फिर वो खुद ही कहने लगी कि उसको ये डिल्डो उसकी एक ऑफिस की सहेली ने दिया था. मैंने पूछा तो उसने बताया कि रात को वो कई बार उसको यूज करती है. फिर मैंने पूछा कि तुम किसके बारे में सोचती हो इसको अपनी चूत में लेते हुए?

मानसी बोली- मैंने एक बार रितेश जीजू का लंड देखा था. वो हेतल दीदी की चूत को चोद रहे थे.
उसकी बात सुनकर हम दोनों ही हंसने लगे.
मैंने कहा- तू तो बड़ी चुदक्कड़ है मानू!
फिर मैंने बोला- एक बार मुझसे चुदवा कर देख, मैं तुझे सच में जन्नत का मजा दे दूंगा.

इससे पहले वो कुछ सोच पाती मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. वो जल्दी ही गर्म होकर मेरा साथ देने लगी. मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने उसके मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया. वो उसको जोर से चूसने लगी.

मेरे मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह…
“मानसी जब मैंने पहली बार तेरी चूत को चाटा था तो मुझे उसकी खुशबू ने पागल कर दिया था. मैं तेरी चूत को चोदना चाहता हूं मेरी बहन.”

अपने मुंह से मेरे लंड को निकाल कर बोली- मुझे तेरा लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा है. लेकिन इससे पेशाब की स्मैल आ रही है जो मुझे गंदा लगता है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. जल्दी ही तुझे इसकी आदत हो जायेगी.

फिर वो बिस्तर पर लेट गई. अपने दोनों पैरों को फैलाते हुए उसने कहा- अब शुरू हो जा मेरे हरामी भाई … अपने लंड से अपनी दीदी की प्यास को बुझा दे. ये नकली का लंड लेकर मैं बोर रही थी. लेकिन आज तेरा असली लंड लेकर मैं भी अपनी चूत की प्यास बुझाना चाहती हूं. ठीक वैसे ही जैसे हेतल दीदी अपने रितेश जीजू से अपनी चूत की प्यास बुझवाती है. मुझे आज तक असली का लंड नहीं मिला था. मुझे क्या पता था कि घर में ही इतना मस्त लंड मिल जायेगा मुझे!

मानसी की टांगों को अपने हाथों से फैला कर मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर तक उसकी चूत की चुदाई करने के बाद मैंने उससे कहा- मुझे तेरी गांड बहुत पसंद है मानसी. मैं तेरी गांड को चोदना चाहता हूं.
वो बोली- मैंने गांड में कभी भी डिल्डो नहीं लिया है. मेरी गांड में ज्यादा दर्द तो नहीं होगा न?
मैंने कहा- नहीं, मैं अपने असली लंड से जब तुझे चोदूंगा तो तुझे गांड चुदवाने में भी मजा आयेगा.

इतना कहकर मैंने मानसी को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को चाटने लगा. मुझे उसकी गांड बहुत पसंद थी. मैंने उसकी गांड के छेद को चूसा और फिर अपना लंड अपनी बहन की गांड पर लगाकर धीरे से अंदर धकेलने लगा. वो उचक कर चिल्लाने लगी लेकिन मैंने उसको पकड़ लिया और उसके चूचों को दबाने लगा.

कुछ देर तक मैंने उसके चूचों को दबाने के साथ ही अपने लंड को उसकी गांड में अंदर धकेलना जारी रखा. पूरा लंड जब गांड में घुस गया तो उसका दर्द कुछ कम हुआ. फिर मैंने उसकी गांड को चोदना शुरू किया.

काफी देर तक उसकी गांड को चोदने के बाद मैंने उसकी गांड में अपना माल गिरा दिया और फिर हम दोनों भाई-बहन सो गये. वो मेरे साथ ही चिपक कर सो रही थी.

उस दिन के बाद से हम दोनों के बीच में रोज ही चुदाई होने लगी. सुबह मैंने उससे पूछा- अब बता तुझे डिल़्डो में मजा आता है या मेरे लंड से चुदने में?
मानसी बोली- मुझे लंड से चुदने में मजा आता है.

फिर एक दिन की बात है कि हम भाई-बहन आपस में फोन पर बात कर रहे थे. तीनों ही लाइन पर थे. बड़ी दीदी हेतल भी लाइन पर थी. मानसी ने हेतल को नहीं बताया था कि मैं भी लाइन पर हूं क्योंकि हम उसको सरप्राइज देना चाहते थे. बातों ही बातों में मानसी ने हेतल से पूछ लिया- दीदी, तुम्हारे और राज भैया के बीच में क्या चल रहा है?

अब मेरी गांड फट गई क्योंकि मैंने मानसी उस रात को झूठ ही कहा था हेतल के बारे में. इधर मानसी मेरी पोल खोलने पर तुली हुई थी. अगर हेतल मना कर देती तो मानसी को पता चल जाता कि मैंने हेतल के बारे में झूठा बहाना बनाया था और यह सब मैंने मानसी की चूत चोदने के लिए किया है.
हेतल बोली- हमारे बीच में तो कुछ भी नहीं चल रहा है. लेकिन तू ऐसा क्यूं पूछ रही है?

मानसी बोली- झूठ मत बोल चुदक्कड़, तू राज से ही चुदवाने के बाद तो ससुराल गयी है.
हेतल बोली- क्या बकवास कर रही है. तुझे ये सब किसने बताया.
मानसी ने कहा- मुझे सब पता है.
हेतल ने कहा- तो फिर तेरा क्या जाता है इसमें … अगर मैंने राज से चुदवा भी लिया तो वो हम दोनों के बीच की बात है.

मैं सच में हैरान था कि हेतल ये क्या बोल रही है. मैंने तो झूठ ही कहा था कि उसने राज से चुदवाई है अपनी चूत लेकिन वो सच में ही चुदवा चुकी थी. यानि कि मेरा तुक्का सही जगह पर लगा. हेतल भी काफी चुदक्कड़ है.

फिर हेतल ने मानसी से कहा- मैं तुझे एक राज की बात बताती हूं आज. मेरे ऑफिस में मेरी सहेलियां सब एक साथ एक ग्रुप में मजे लेती हैं. उन्होंने एक दिन मुझे भी अपने ग्रुप में शामिल कर लिया. हम सब लोग पार्टी कर रहे थे और उस दिन उन्होंने एक मेल एस्कोर्ट को भी बुलाया हुआ था. फिर हम सब ने उसको अपने हाथों से नंगा किया और बारी-बारी से उससे अपनी चूत चुदवाई. उसके बाद से मुझे चूत चुदवाने का चस्का लग गया था. रितेश का लंड भी बहुत मोटा है लेकिन मुझे अलग-अलग मर्दों के लंड लेने का मन करता रहता है इसलिए मैंने राज को फंसा लिया.

मानसी ने पूछ लिया- लेकिन दीदी तुमने राज के साथ शुरूआत कैसे की, बताओ तो, मैं तो सुनने के लिए बहुत उत्साहित हो रही हूं. कैसा लंड है राज का। तुमने उसको तुम्हारी चूत चुदाई के लिए उकसाया कैसे?

हेतल ने मानसी को राज की कहानी सुनानी शुरू की:

राज पर मेरी नजर बहुत पहले से थी. ये बात शादी से पहले की है. तुम लोग उस समय पर इतने समझदार नहीं हुए थे. वो हमारे घर पर आया हुआ था. उस टाइम पर उसकी उम्र 20 साल के करीब थी और मैं 21 की हो रही थी. मेरे ऑफिस में मेरी सहेलियों ने मेल एस्कोर्ट को बुला कर मुझे अलग-अलग मर्दों से चूत चुदवाने का चस्का लगा दिया था.

जब राज हमारे घर पर आया हुआ था तो उस दिन माँ और पापा कहीं काम से बाहर गये हुए थे. तुम लोग छोटे थे और घर में हम चारों के अलावा कोई नहीं था. नीता भी मां और पापा के साथ गई हुई थी. चूंकि मैं सबसे बड़ी थी इसलिए घर की देखभाल की जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी. मगर तुम लोग काफी छोटे थे इसलिए मां ने राज को घर पर बुला लिया था.

फिर एक दिन की बात है जब तू और हिरेन कॉलेज गये हुए थे. घर पर मैं और राज ही थे. सुबह का नाश्ता करने के बाद राज नहाने के लिए बाथरूम में गया हुआ था. मैं किचन में कुछ काम कर रही थी. जब वो नहाकर बाहर आया तो मैंने उसे बाथरूम से निकलते हुए देख लिया था. उसने उस वक्त तक तौलिया नहीं लपेटा हुआ था. वह केवल अंडरवियर में ही था. उसकी फ्रेंची में उसके लंड के साइज देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी. उसका उभार बहुत ही बड़ा लग रहा था.

चूंकि मैं अलग-अलग मर्दों के साथ चूत चुदवाने की आदी हो चुकी थी इसलिए मेरी नीयत राज पर फिसल गयी. मैंने सोचा कि इसका लंड अगर मेरी चूत में चला जाये तो मजा आ जाये. मैं उसका लंड लेने का प्लान करने लगी. फिर जब वो दोपहर के वक्त टीवी देख रहा था तो मैं अपने कमरे में थी. मैं चुपचाप कमरे में लेटी हुई थी. मैं जानती थी कि वो ठरकी किस्म का लड़का है इसलिए मैं सही मौके इंतजार कर रही थी.

जब राज को लगा कि मैं शायद सो चुकी हूं तो उसने टीवी पर कुछ गर्म फिल्में खोजना शुरू कर दिया. पहले तो उसको कोई फिल्म नहीं मिली. फिर उसने अंग्रेजी चैनल पर एक फिल्म लगा ली और उसको देखने लगा. मैं भी अपने कमरे से बार-बार उसकी हरकतों पर नजर रख रही थी.

हॉलीवुड फिल्मों में तो कोई न कोई सीन चुदाई का होता ही है. इसलिए वो शायद उसी सीन का इंतजार कर रहा था. फिर फिल्म में एक सीन आया जिसमें हीरो और हिरोइन के बीच में रोमांस चल रहा था. राज ने उस सीन को देख कर तुरंत अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते उसका लंड तन गया और फिर उसने एकदम से अपने लंड को पैंट के बाहर निकाल कर उसकी मुट्ठ मारते हुए हिलाने लगा.

उस वक्त उसके लौड़े का साइज देख कर मेरी हालत बुरी हो रही थी. मेरा मन कर रहा था कि मैं अभी उसके लौड़े पर जाकर बैठ जाऊँ. फिर मैंने सोचा कि दो-तीन मिनट में ही सीन खत्म हो जायेगा. अभी ये गर्म हो चुका है. इसलिए मैं अचानक से हॉल में पहुंच गई और उसका लंड उसके हाथ में देख लिया मैंने.

इससे पहले कि वो कुछ कहता या सफाई देता मैंने उसके लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया. वो उत्तेजित तो पहले से ही था. मेरे हाथों में लंड जाते ही वह समझ गया कि मैं भी उसका लंड लेना चाहती हूं. फिर मैंने उसके लंड को एकदम से अपने मुंह में भर लिया और उसको जोर से चूसना शुरू कर दिया. एक मिनट में ही मैंने राज को मेरी चूत चोदने के लिए पागल कर दिया.

बस फिर क्या था, हम दोनों एक दूसरे चूमने और चूसने लगे. उस दिन पहली बार मैंने राज का लंड अपनी चूत में लिया था. उसका लंड बहुत ही मोटा और दमदार था. पहली बार जब राज के लंड से चुदी थी तो उसने मेरी चूत को जबरदस्त तरीके से चोदा था. फिर तेरे जीजू रितेश के साथ मेरी शादी तय हो गई. मैं रितेश से फोन पर शादी से पहले ही बात किया करती थी. हम दोनों ने शादी से पहले ही चुदाई कर ली थी लेकिन किसी को भी इस बारे में अभी तक पता नहीं है. रितेश के मोटे लंड के साथ भी मैं चुदाई के बहुत मजे लेती हूं.

मैं अपनी दोनों बहनों की बातें मैं चुपचाप सुन रहा था. हेतल को नहीं पता था कि मैं भी लाइन पर हूं. ये सब बातें मानसी और हेतल के बीच में हो रही थी. उस दिन मुझे पता चला कि मेरी दोनों बहनें कितनी चुदक्कड़ हैं.

हेतल ने मानसी को सलाह देते हुए कहा- तू चाहे तो तू भी अपने ऑफिस में चुदवा सकती है. बहुत मजा आता है मर्दों के लंड अपनी चूत में लेने में.
मेरी बड़ी भगिनी हेतल नहीं जानती थी कि मानसी की चूत चुदाई की शुरूआत मेरे लंड से हो चुकी है. मगर फिर मानसी ने खुद ही बता दिया कि वह मेरे लंड से अपनी चूत को चुदवा रही है. हेतल को जब यह पता चला तो उसको जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि वह जानती थी मैं भी बहुत चोदू किस्म का लड़का हूँ.


हेतल नहीं जानती थी कि मानसी की चूत चुदाई की शुरूआत मेरे लंड से हो चुकी है. मगर फिर मानसी ने खुद ही बता दिया कि वह मेरे लंड से अपनी चूत को चुदवा रही है. हेतल को जब यह पता चला तो उसको जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि वह जानती थी मैं भी बहुत चोदू किस्म का लड़का हूँ.

मानसी ने हेतल से पूछा- दीदी आपको कैसे पता कि हमारा भाई इतना चोदू लड़का है?
हेतल ने हंसते हुए बताना शुरू किया:

तेरी दीदी मर्दों का चेहरा देखते ही बता देती ही है उसके लंड में कितना दम है. मैंने तो हिरेन को बड़ा होते हुए देखा है. वह जब जवान हो रहा था तभी से मुझे उसके लक्षण दिखाई देने लगे थे. कई बार मैं उसको तेरी चूचियों को घूरते हुए देख चुकी थी. लेकिन मैंने कभी उसको इसके बारे में कुछ रोका-टोका नहीं क्योंकि मैं जानती थी कि जवानी में अक्सर ही लड़के अपने लंड की प्यास के चलते एक चूत की खुशबू की तरफ ऐसे आकर्षित होने लगते हैं जैसे एक भंवरा फूल की तरफ आकर्षित होता है. जब हिरेन 18 की उम्र को पार कर रहा था तो एक दिन मैंने सुबह के वक्त उसका लंड उसकी पैंट में तना हुआ देखा था. मैं समझ गई थी उसके लंड को अब चूत की जरूरत महसूस होने लगी है. उसके बाद से ही मैंने उसकी हरकतों पर नजर रखना शुरू कर दिया था.

एक दिन की बात है जब हिरेन अपने कमरे में नहीं था तो मैं उसके कमरे की सफाई करने के लिए गई. मैं उसकी किताबों को साफ कर रही थी तो मुझे उसके कमरे में उसकी पढ़ाई की किताबों के नीचे एक नंगी तस्वीरों वाली मैगजीन मिली. मैंने उसको खोल कर देखा तो उसमें इतनी गर्म फोटो थी कि मैं भी वहीं पर चुदासी हो गई. उसमें गोरी विदेशी लड़कियां काले मोटे साउथ अफ्रीकन लौड़ों के साथ चुदाई करते हुए दिखाई गई थी. उन लौड़ों को देख कर मेरे मन में भी यही ख्याल आने लगे कि काश मुझे अपनी चूत में ऐसा ही लंड मिल जाये.

मगर उस वक्त मेरी शादी की बात भी शुरू नहीं हुई थी. मैं लगातार हिरेन पर नजर रख रही थी. तू तो जानती ही है कि शादी से पहले घर का सारा काम मैं ही करती थी इसलिए मैं घर के हर एक कोने से वाकिफ थी. मुझे पता था कि कहां पर किसका क्या सामान रखा हुआ है.

ऐसे ही एक दिन की बात है कि सुबह जब हिरेन सो रहा था तो मैं उसके कमरे में झाड़ू लगाने गई हुई थी. मैंने देखा कि वो गहरी नींद में सो रहा था. गर्मियों के दिन थे और उसने केवल एक निक्कर डाली हुई थी. उसकी गोरी-गोरी जांघों पर जवानी के भूरे-भूरे बाल आने शुरू हो गये थे.

उस दिन पहली बार मैं हिरेन की जांघों को बड़े ध्यान से देख रही थी. मैं उसके बेड के पास से झाड़ू लगा रही थी और मेरी नजर बार-बार उसकी निक्कर की जिप पर ही जा रही थी. उसकी जवानी को देख कर लग रहा था कि मेरा भाई अब किसी की चूत की प्यास बुझाने के लायक हो गया है. फिर मेरे मन में पता नहीं क्या आया कि मैंने उसकी जांघों को हल्के से छू कर देखने की सोची. जब मैंने उसकी जांघों पर अपने कोमल हाथ फिराये तो मेरे अंदर एक चुदास सी जग गई.

फिर मैंने देखा कि हिरेन की जिप के नीचे उसका लंड तनाव में आने के बाद अलग से ही दिखाई देने लगा था. दो मिनट के बाद ही उसका लंड पूरा का पूरा तन गया था और उसने उसकी कैपरी को ऊपर उठा लिया था. लेकिन हिरेन अभी गहरी नींद में था. शायद वह कोई सेक्स भरा सपना देख रहा था. अक्सर जवान लड़कों को इस उम्र में सेक्स के सपने आते रहते हैं इसलिए सुबह के टाइम में उनका लंड भी खड़ा हुआ दिखाई दे जाता है.

हिरेन के लंड को देख कर मैंने उसको छूने की सोची लेकिन साथ ही यह भी सोच रही थी कि अभी यह 18 का ही हुआ है. अगर इसको अभी से मैंने वासना के दलदल में धकेल दिया तो इसकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा. लेकिन मन नहीं माना और मैंने एक बार उसके तने हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया. उसके लंड को हाथ में लेकर मेरी चूत ने सिसकारी सी भरी और मेरा मन करने लगा कि मैं हिरेन के लंड को ऐसे पकड़ कर सहलाती रहूं.

मगर मैं ज्यादा आगे नहीं बढ़ना चाहती थी क्योंकि हिरेन के नींद से जाग जाने का डर था. मैंने अपने जवान भाई के तने हुए लंड को बस एक बार ही छूकर छोड़ दिया. लेकिन उस दिन के बाद से मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगी थी. किंतु मैं तुम सब में बड़ी थी इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहती थी कि जिससे तुम लोगों पर बुरा असर पड़े. मैंने हिरेन के लिए अपनी भावनाओं को दबाकर रख लिया.

जब वो कई बार नहाकर आता था मैं उसके लंड के साइज को आंखों ही आंखों में नापने की कोशिश करती थी. हिरेन को इस बात का अहसास नहीं था कि उसकी बड़ी दीदी उस पर ऐसी नजर रख रही है. लेकिन मुझे जरूर पता था कि वह तेरे (मानसी) के चूचों को घूरता रहता है. मैंने सोचा कि जिस तरह से मैं हिरेन के बारे में सोचकर आकर्षित होती रहती हूं शायद यह भी मानसी की तरफ आकर्षित होता रहता है.
फिर एक दिन मुझे वो पता चला जिसके बारे में सोच कर मेरी चूत में आज भी खुजली हो उठती है.

मानसी बोली- ऐसा क्या पता चला दीदा आपको?

हेतल ने आगे बताया:
उस दिन घर पर कोई नहीं था. तू स्कूल में गई हुई थी और नीता मां के साथ नानी के यहां गई हुई थी. पापा काम पर गये थे और मैं दोपहर में कॉलेज से लौटी थी. मैंने देखा तो घर का मेन गेट खुला हुआ था. मैंने अंदर आकर यहां-वहां देखा तो हिरेन मुझे कहीं भी दिखाई नहीं दिया. मैंने सबके रूम चेक किये. वो कहीं पर नहीं था और वो अपने रूम में भी नहीं था.

फिर मैंने सोचा कि शायद वो बाथरूम में गया होगा. मैं बाथरूम में उसको आवाज लगाने गई तो अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी. मैं सोच रही थी कि शायद वो अंदर नहा रहा होगा. लेकिन पानी के गिरने जैसी कोई आवाज नहीं हो रही थी. बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं था और चौखट के पास हल्के सी दरार रह गई थी. बाहर से पता नहीं लग रहा था कि बाथरूम अंदर से बंद नहीं है. मैं चुपके से बाथरूम के पास आकर आवाज सुनने की कोशिश करने लगी.

अंदर से मुझे कामुक आवाजें आ रही थीं. स्स्स … स्स्स … अम्म … ये हिरेन के मुंह से निकलने वाली कामुक सिसकारियां थीं. मैंने उस दरार से झांक कर देखा तो सामने दीवार के साथ में लग कर हिरेन अपने लंड को हिला रहा था. उसके हाथ में वही नंगी किताब थी जिसको मैंने उसके रूम में देखा था. वो उसके नंगे चित्रों को देख कर जोर-जोर अपने लंड की मुट्ठ मार रहा था.

उसका लंड उसके हाथ में इतनी तेजी के साथ चल रहा था जैसे कि वो उसको मथ कर उसमें से मक्खन निकालने की कोशिश कर रहा हो. उसके तने हुए लंड को देख कर मेरी नजरें वहीं पर जम गईं. मैं छिप कर उसको देखने लगी. काफी देर तक वो अपने लंड को उस किताब के फोटो के देख कर हिलाता रहा. उसके लंड पर चिपचिपा पदार्थ निकल कर झाग से बन गये थे. शायद वो काफी देर से अपने लंड की मुट्ठ मार रहा था.

फिर उसने किताब को फ्लश टैंक के ऊपर रख दिया और अपनी पैंट की जेब से एक कपड़ा निकाला. जब उसने उस फोल्ड किये हुए कपड़े को खोला तो मैंने देखा कि वो एक लड़की की पैंटी थी. पहले तो मैंने सोचा कि वो शायद मेरी ही पैंटी को लेकर गया हुआ है लेकिन बाद में पता चला कि उस रंग की कोई पैंटी मेरे पास थी ही नहीं.
वो लाल रंग की पैंटी तेरी थी. हिरेन ने उस पैंटी को अपनी नाक पर लगाया और तेजी के साथ अपने लंड को हिलाने लगा. उसके मुंह से फिर बार-बार तेरा ही नाम निकल रहा था. स्स्स … आह्ह … मानू … ओह्ह … तेरे चूचे … उम्म्ह… अहह… हय… याह… … तेरी चूत … तेरी गांड … मानसी मैं तुझे चोद दूंगा. इस तरह की आवाजों के साथ वो अपने लंड को तेजी के साथ हिला रहा था.

फिर एकाएक उसने पैंटी को नाक से हटाया और उसे उस किताब के ऊपर साइड में रख दिया. फिर वह आंखें बंद करके तेजी के साथ अपने लंड की मुट्ठ मारने लगा और अगले कुछ ही सेकेण्ड में उसके लंड से सफेद वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी. उसका पूरा बदन झटके देने लगा. वह शांत हो गया और दीवार के साथ सट कर हांफते हुए खुद को शांत करने लगा. उसका तना हुआ लंड आगे से लाल हो गया था. उसने अपने लंड को बुरी तरह से रगड़ डाला था.

मैं ये सीन देख कर चुदासी हो गई लेकिन वहां पर रहना ठीक नहीं था इसलिए मैं चुपके से अपने कमरे में आ गई और आकर बेड पर लेट कर हिरेन के लंड के बारे में सोचते हुए अपने चूचों को दबाने लगी. फिर मैंने सोचा कि अब तक हिरेन बाहर आ गया होगा. जब मैं बाहर आई तो बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था. वहां पर न तो वो किताब थी और न ही तेरी पैंटी थी.

फिर मैंने उसके रूम में जाकर देखा तो वो थक कर लेट गया था. मैं वापस आकर बाथरूम में गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया. मैंने दीवार को ध्यान से देखा तो सामने वाली दीवार पर हिरेन के लंड से छूटी वीर्य की पिचकारी लगी हुई थी. उसका वीर्य दीवार पर बहकर नीचे फर्श तक जा पहुंचा था.

मैंने उस दीवार पर लगे वीर्य को अपनी उंगली से छू कर देखा तो वो मुझे चिपचिपा सा लगा. मेरा मन कर रहा था कि इसके स्वाद को चाट कर देखूं कि भाई के लंड से निकला हुआ माल चखने में कैसा है.
मगर सारा का सारा माल नीचे बह गया था और सिर्फ दीवार पर गीलापन ही रह गया था. फिर भी मैंने दीवार चाट कर अपने भाई का वीर्य चखना चाहा लेकिन मुझे कुछ स्वाद नहीं मिला.

उस दिन से हिरेन के लिए मेरे मन में चुदास भर गई. मैं उसके लंड का वीर्य अपनी चूत में निकलवाना चाहती थी लेकिन मुझे कभी इसका मौका नहीं मिल पाया. परंतु उस दिन के बाद से मैं मर्दों के लंड के माल के लिए प्यासी सी हो गई. मैं उनके लंड का माल अपने मुंह में लेकर उसका स्वाद चखना चाहती थी. इसमें सबसे पहले मेरी मदद राज ने ही की. मैं मामा के लड़के राज के लंड का माल बहुत बार पी चुकी हूं.

मानसी ने कहा- वाह दीदी, आप तो बड़ी खिलाड़ी निकली. आप इतने सारे लंडों के साथ खेल चुकी हो. आपको तो बहुत तजुर्बा है मर्दों के लौड़ों का और उनकी सेक्स इच्छाओं का.
मानसी की बात सुनकर हेतल हंसने लगी.
फिर हेतल ने कहा- तुम लोग वहां पर खूब मजे ले रहे हो. मैं भी तुम लोगों के साथ मिलना चाहती हूं. बता मुझे कब बुलाएगी?
मानसी ने कहा- दीदी, जब आपका दिल करे, आप हमारे साथ चुदाई का मजा ले सकती हैं.

मानसी ने कहा- दीदी मैं हिरेन का लंड तो ले चुकी हूं लेकिन जब से मुझे राज के बारे में पता चला है मुझे उसके लंड के बारे में सोच कर ही चुदास सी जगने लगी है. क्या आप मुझे राज का लंड दिलवा सकती हो?
हेतल बोली- मैं कोशिश करूंगी, क्योंकि अब मैं शादीशुदा हूं और इस काम के लिए मुझे काफी प्लानिंग करनी पड़ेगी.
मानसी बोली- जल्दी करो दीदी, मैं राज के लंड के दर्शन करना चाहती हूं.

वो बोली- मेरी चुदक्कड़ बहन, मैं तेरी हालत समझ सकती हूं. तेरी उम्र में मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही था मगर खुद पर थोड़ा काबू करना भी सीख. जैसे मैंने हिरेन के लंड को देखने के बाद भी खुद को काबू में रखा. हेतल की बातों से लग रहा था कि वो मेरा लंड लेना चाहती थी और मानसी को राज का लंड लेने का मन कर रहा था.
इधर मैं हेतल की बातों को सुनकर हैरान हो रहा था कि वह मेरे बारे में इतना कुछ जानती थी. जिस नंगी किताब के बारे में उसने मानसी को बताया वह सिर्फ मेरे अलावा किसी और को नहीं पता थी. लेकिन मेरी चुदक्कड़ बहन तो मुझसे भी चार कदम आगे निकली. उसको तो यह भी पता था कि मैं मानसी की चूत और गांड चोदने की फिराक में रहता हूं.

सच में बड़ी वाली दीदी तो बड़ी ही होती है. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि उसको मेरे बारे में इतना कुछ पता हो सकता है. मैं तो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता रहता था कि किसी को इस बात की भनक न लगे कि मैं मोबाइल में पॉर्न मूवी देख कर मुट्ठ मारता हूं और नंगी तस्वीरों वाली किताबें अपने पास रखता हूं. साथ ही अंतर्वासना पर सेक्स स्टोरीज पढ़ते हुए अपनी बहन की चुदाई के ख्वाब देखा करता हूं.
मगर मेरी बहन ने मेरे सारी जासूसी कर डाली थी. मुझे हैरानी बहुत हो रही थी हेतल की चालाकी पर लेकिन साथ ही खुशी भी हो रही थी अब मुझे भी उसके बारे में इतना कुछ पता लग गया था.

कुछ दिन के बाद बड़ी दीदी हेतल का फोन आया कि वह चार महीने के बाद हमारे जीजा रीतेश के साथ हमारे साथ कुछ दिन रहने के लिए आयेगी. मानसी यह सुनकर खुश हो गयी क्योंकि हेतल ने राज को बुलाने का भी वादा किया था. मैं जानता था कि अगर हेतल यहां पर हमारे साथ रुकने के लिए आई तो वह मेरे लंड को अपनी चूत में लेने का भी प्लान बनायेगी.

मगर सबसे ज्यादा उत्सुकता तो इस बात लेकर हो रही थी कि हेतल मेरी छोटी बहन मानसी के लिए राज के लंड का जुगाड़ कैसे करेगी. क्या राज यहां पर आने के लिए तैयार होगा? अगर होगा तो वह राज को किस बहाने से बुलायेगी. फिर मैंने सोचा कि मेरी बहन हेतल बहुत ही चालू है. वो कोई न कोई जुगाड़ जरूर कर लेगी राज के लंड को मानसी की चूत तक पहुंचाने के लिए.
इधर मैं हेतल की चूत के सपने देखने लगा था क्योंकि अभी तक तो मैंने सिर्फ मानसी की चूत और गांड का स्वाद ही चखा था. मैंने कभी किसी शादीशुदा चूत की चुदाई नहीं की थी. लेकिन हेतल की बातों से लग रहा था कि वह पहली शादीशुदा चूत मेरी बड़ी बहन हेतल की ही होने वाली है.

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