मुकुल राय बिहार के छोटे से शहर का रहने वाला है। वह सरकारी नौकरी में हैं। उसकी बीवी मिशाली एक बैंक में काम करती है। जो सुबह 9 बजे चली जाती है और शाम तक बैंक में ही रहती है। मुकुल राय की एक बेटी है जिसका नाम परीशा है।
परीशा एक खिलती हुई कली है। बेहद खूबसूरत परीशा पर जवानी कुछ ज्यादा ही मेहरबान है, उसका हर अंग सांचे में ढला हुआ है। मुकुल राय अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है। मुकुल राय को सेक्सी कहानियां पढ़ने का बहुत शौक है। इन कहानियों में भाई बहन, मां बेटे, और बाप बेटी की कहानियां पढ़ कर धीरे-धीरे उसका नजरिया बदलने लगता है और उसकी बेटी के प्रति उसका नजरिया धीरे-धीरे बदलने लगता है।
वह अपनी बेटी की जवानी को हासिल करने के लिए तड़पने लगता है। वह जब भी अपनी बेटी को कम कपड़ों में देखता है उसका लंड खड़ा हो जाता है। बीवी तो सुबह ही बैंक के लिए चली जाती है। लेकिन मुकुल राय अपनी बेटी की कच्ची जवानी देख देख कर अपने लंड को सहलाता रहता है।
मुकुल राय एक दिन सुबह परीशा के कमरे के बाहर से गुजर रहा था कि उसे फोन पर बात करने की आवाज सुनाई दी।
परीशा- नहीं … नहीं सर प्लीज सर।
फिर उधर से कुछ कहा गया।
परीशा- प्लीज सर … ओके मैं आ रही हूँ।
इतना सुनकर मुकुल राय को शक हो गया की जरूर दाल में कुछ काला है। वह परीशा को ऑफिस जाने को कहकर जल्दी ही घर से निकल गया। बाहर आकर मेन रोड पर एक दुकान में बैठकर चाय पीने लगा।
कुछ ही देर बाद परीशा घर से स्कूल ड्रेस में जाती दिखाई दी। जबकि अभी स्कूल जाने में बहुत देर था। इतना पहले वह क्यों जा रही है। मुकुल राय उसका पीछा करने लगा। स्कूल ज्यादा दूर नहीं था, यही कोई 1 किलोमीटर था।
परीशा स्कूल में घुस गई अभी स्कूल में कोई नहीं आया था।
परीशा सीधे ऊपर चली गई। ऊपर लिखा था ओनली फॉर स्टाफ। मुकुल राय भी छुपकर ऊपर चला गया। वह धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था तभी उसे परीशा की आवाज एक कमरे से सुनाई दी।
मुकुल राय ने जल्दी से अपने मोबाइल को साइलेंट किया और उसकी कैमरे की लाइट बंद करके कैमरा चालू कर दिया।
फिर वह उस रूम की खिड़की तक पहुँचा और खिड़की की झिरी से देखा कि एक 50 साल की उम्र का आदमी खड़ा था। वह परीशा का टीचर था और परीशा उसके आगे बैठकर उसका लंड सहला रही थी।
खिड़की पुरानी थी जो लकड़ी की बनी हुई थी इसलिए उसमें झिरी बन गई थी। मुकुल राय ने खिड़की को थोड़ा सा दबाया तो मालूम पड़ा कि वह खुली हुई थी। उसने मोबाइल का वीडियो कैमरा चालू करके उन लोगों की तरफ करके मोबाईल अंदर रख दिया, फिर दरार से देखने लगा।
अब टीचर ने परीशा को अपने लंड को चूसने को बोला। लेकिन परीशा बार बार मना कर रही थी। लेकिन जब टीचर ने गुस्से में धमकी दी तो परीशा मज़बूरी में उसका लंड चूसने लगी। अब वह टीचर परीशा के बालों को पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड पेलने लगा।
साथ ही साथ उसने परीशा की स्कर्ट के बटन को खोलकर उसकी छोटी छोटी चूचियों को भी मसलने लगा। अब परीशा भी धीरे धीरे गर्म होने लगी थी क्योंकि अब वह भी उसके मोटे लंड को मज़े से चूस रही थी।
टीचर तो इतना गर्म हो गया था कि परीशा के मुँह में ही झड़ गया। जिसे परीशा ने फर्श पर थूक दिया और अपने कपड़े ठीक करके बाहर निकल गई।
मुकुल राय ने भी अपना मोबाइल निकाला और छुपते छुपाते स्कूल से बाहर निकल गया। आज उसका ड्यूटी जाने का मन नहीं था इसलिए वह घर आ गया।
घर पर कोई नहीं था; उसकी बीवी ऑफिस चली गई थी और परीशा के पास से आ ही रहा था।
अपने कमरे में आकर उसने वीडियो देखा तो वीडियो पूरा क्लियर था। लेकिन वह समझ नहीं पाया की यह टीचर उसकी बेटी को कैसे ब्लैकमेल कर रहा है।
वह आराम करने लगा।
तभी लंच टाइम पर दरवाजा खुलने की आवाज़ आई तो जाकर देखा तो परीशा आ गई थी।
मुकुल राय- अरे बेटी तुम इतना जल्दी कैसे आ गई? तबियत तो ठीक है ना?
परीशा- पापा मेरा सर थोड़ा भारी था इसलिए आ गई। लेकिन आप आफिस नहीं गए?
मुकुल राय- सुबह गया था बेटी … आज जल्दी काम खत्म हो गया तो चला आया। तुम फ्रेश हो के आओ, मुझे तुमसे कुछ काम है।
परीशा- ओके पापा, अभी आती हूँ।
परीशा 10 मिनट बाद फ्रेश होकर आई। मुकुल राय पहले पढ़ाई के बारे में बात करता है, फिर धीरे धीरे परीशा से असली बात पर आता है।
मुकुल राय- देखो बेटी, तुमको कोई भी प्रॉब्लम है मुझे बताओ। मैं तुमको कुछ नहीं बोलूंगा।
लेकिन जब बार बार पूछने पर परीशा ने कुछ नहीं बताया तो मुकुल राय ने अपने मोबाइल में उसका वीडियो दिखाया जिसे देखकर परीशा अपना सर नीचे झुका लिया और फूट फूट कर रोने लगी।
मुकुल राय ने परीशा को बांहों में भर लिया और उसे चूमते हुए चुप कराने लगा।
धीरे धीरे परीशा चुप हो गयी।
तब मुकुल राय ने उससे पूछा- किस मज़बूरी में तुम ऐसा कर रही थी।
तब परीशा बताने लगती है।
एक हफ्ते पहले की बात है, एक लड़का बहुत दिनों से मेरे पीछे पड़ा हुआ था। रोज मेरा पीछा करता, मुझसे बात करने की कोशिश करता। हर समय मुझे देखकर मुस्कुरा देता। लेकिन मुझे कोई असर नहीं हुआ। लेकिन 3-4 दिन पहले रात को मेरी नींद खुल गई। मुझे जोरो से पेशाब लगी हुई थी। जब मैं पेशाब करके आ रही थी तो मम्मी की आवाज आप लोगों के कमरे से सुनाई दी तो मैंने कीहोल से देखा कि आप और मम्मी सेक्स कर रहे थे।
वो नजारा देखकर मैं काफी गर्म हो गई थी। इसी का असर था कि मैं भी उस लड़के से दोस्ती करना चाहती थी ताकि मैं अपनी प्यास बुझा सकूँ। मुझे वह अच्छा लगता था इसलिए मैं भी उसे देखकर मुस्कुरा दी।
फिर एक दिन उसने मुझे एक लेटर दिया और मुझे स्कूल शुरू होने के 1 घंटे पहले मुझे स्कूल के पीछे मिलने को बुलाया।
जाने क्या मन में आया कि मैं उससे मिलने चली गई।
स्कूल के पीछे जब मैं उस लड़के से मिली तो उसने मुझे बांहों में भर लिया और मेरे होंठों और गालों को चूमने लगा। फिर उसने मेरी शर्ट उठाकर मेरे मम्मो को भी चूसने लगा। जब मुझे होश आया तो मैंने उसे धक्का दिया और वहाँ से भाग आई।
लेकिन बाद में मुझे मालूम चला कि उस टीचर ने खिड़की से मेरा उस लड़के के साथ पूरी वीडियो शूट कर लिया था। जिसमें बहुत साफ साफ वीडियो था।
बाद में उस टीचर ने मुझे बुलाया और मुझे वो वीडियो दिखाया तो मेरे होश उड़ गए। तब से वह मुझे ब्लैकमेल कर रहा है।
मुकुल राय- अब तक कितनी बार तुमको बुलाया है।
परीशा- आज तीसरा दिन था। लेकिन असली प्रॉब्लम संडे को है। उसने मुझे धमकी दी है की संडे को किसी बहाने उसके घर जाना है। उसकी बीवी एक दिन पहले ही अपने घर जाने वाली है। नहीं जाने पर वो वीडियो नेट पर डाल देगा।
यह बोलकर फिर परीशा रोने लगती है। मुकुल राय परीशा को चुप कराने लगता है- अच्छा बेटी, तुमने बोला नहीं वो वीडियो डिलीट करने के लिए?
परीशा- बोला था पापा … लेकिन वो बोल रहा है कि संडे को मेरे घर आओ। अगर मैंने उसे खुश कर दिया तो वो वीडियो डीलीट कर देगा। वो मेरे साथ सेक्स करना चाहता है पापा।
मुकुल राय- तुम चिंता मत करो बेटी, मैं हूँ ना! मैं आज ही वो वीडियो लाकर तुम्हें दूंगा। तुम अपने हाथों से डिलीट करना। तुम्हें इतनी बड़ी प्रॉब्लम से निकालूँगा तो बदले में मुझे क्या मिलेगा?
परीशा- आप जो बोलोगे मैं वो करुँगी पापा! आज के बाद आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगी।
यह कहकर अपने पापा से लिपट जाती है और उनके गाल पर किस करके चली जाती है।
मुकुल राय सोच में गुम हो जाता है। कुछ देर सोचने के बाद अपनी बेटी और उस टीचर की वीडियो की 2 मिनट का एक पार्ट अलग करता है जिसमें लड़की का चेहरा नहीं खता। सिर्फ टीचर का चेहरा दीखता है और कोई स्कूल ड्रेस पहने लड़की उसका लंड चूस रही है। ये साफ दिख रहा है।
उस वीडियो को वह उस टीचर के व्हाटसअप पे भेज देता है और लिख देता है कि 1 घंटे के अंदर शहर के बाहर एक ख़ाली मकान में आओ। साथ में धमकी भी दे दी कि किसी को खबर की तो ये वीडियो स्कूल के प्रिंसीपल और पुलिस के पास भेज दी जायेगी।
मुकुल उस खाली घर में पहुच गया. चूंकि टीचर भी डर गया था तो वह जाकर उस मकान के बाहर खड़ा हो जाता है।
अंदर से जब मुकुल राय देखता है वह अकेला आया है तो वह नकाब पहन कर खिड़की से कड़क आवाज़ में उस टीचर से उसकी मोबाइल मांगता है। जब टीचर अपना मोबाइल देता है तो मुकुल राय उसका कोड मालूम कर लेता है उसका सिम निकालकर दे देता है।
मुकुल राय मोबाइल चेक करता है तो वो वीडियो मिल जाता है और मोबाइल अपने पास रख लेता है और बोलता है- जल्दी से भाग जा यहाँ से … नहीं तो मेरे आदमी तुझे गोली मार देंगे। आज के बाद किसी लड़की को ब्लैकमेल किया तो वो दिन तेरी ज़िन्दगी का आखिरी दिन होगा। भाग साले जल्दी।
टीचर वहाँ से ऐसे भागता है जैसे उसके पीछे भूत लग गए हों। फिर मुकुल राय पीछे से निकलकर अपने घर आ जाता है।
घर आकर अपने रूम में जब वो वीडियो देखता है तो अपनी कमसिन बेटी की संतरे जैसी चूचियों की चुसाई देखकर उसका लंड खड़ा हो जाता है।
फिर मुकुल राय ने परीशा को बुलाया। जब परीशा आ गई तो मुकुल राय ने वो मोबाईल दिखाया- देखो बेटी, यही मोबाईल है ना?
परीशा ख़ुशी के मारे अपने पापा से लिपट गई और बोली- जल्दी से वो वीडियो डिलीट करो पापा प्लीज!
मुकुल राय- पहले देख तो लो वो वीडियो है या नहीं।
फिर मुकुल राय ने गैलरी खोला और वो वीडियो चला दिया।
वीडियो देखते ही परीशा शरमा गई- प्लीज पापा जल्दी डिलीट करो ना!
मुकुल राय- अरे बेटी पूरा तो देखने दो। मैं भी तो देखूं मेरी बेटी अंदर से कितनी सुन्दर है।
परीशा- प्लीज पापा।
मुकुल राय- ओके बेटी ओके … पहले मेरी बात ध्यान से सुनो। परीशा बेटी, तुम जानती हो कि लोग सेक्स करते हैं लेकिन यह नहीं जानती कि आजकल ज्यादातर लोग अपने घर में ही सेक्स कर लेते हैं। मेरा दोस्त बंसल अपनी दोनों बेटियों के साथ सेक्स करता है क्योंकि अगर वह उनके साथ सेक्स नहीं करेगा तो वह भी किसी ना किसी के पास अपनी जिस्म की आग शांत करने के लिए जायेंगी।
फिर वे दोनों भी तुम्हारी तरह किसी न किसी तरह के चक्कर में फँस सकती हैं। सेक्स करते समय कोई आदमी लड़कियों का वीडियो बना ले तो समझ लो लडकियों की कितनी बदनामी होगी, उनमें से किसी के पास भी आत्महत्या के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचेगा। इसलिए मेरा दोस्त ऐसा कर रहा है। एक दिन मैं उसके घर गया था तो मैंने उसे अपनी बेटी के साथ सेक्स करते देख लिया था तब उसने मुझे बताया था।
आजकल हर जगह यही चल रहा है किसी ना किसी लड़की का रोज नेट पर सेक्स का वीडियो अपलोड हो रहा है. इसीलिए मैं चाहता हूं कि भले ही हम लोग घर में कुछ भी करें लेकिन बाहर हमारी इज्जत खराब नहीं होनी चाहिए। हम लोग घर में ही एक दूसरे की प्यास को शांत कर सकते हैं। इसमें गलत क्या है। तुम अभी छोटी हो, अभी तुम्हारी शादी होने में बहुत टाइम बाकी है. इसीलिए मैं चाहता हूं की तुम अभी इस चक्कर में कम रहो।
अगर तुम्हें कभी अपने जिस्म में गर्मी महसूस हो तो मेरे पास आकर अपनी गर्मी शांत करना मेरे साथ तुम्हारा रिश्ता बहुत दिन तक चलने वाला है क्योंकि तुम्हारी शादी चार पाँच साल बाद में होगी। मैं चाहता हूं कि तुम अपनी पढ़ाई पूरी कर लो। तब तक हम दोनों जिंदगी के मजे लेते रहेंगे फिर जब तुम कहोगी तो तुम्हारी शादी तुम्हारी पसंद के लड़के से कर दूंगा।
परीशा- ठीक है पापा … अगर आप ऐसा सोचते हैं तो यह भी ठीक ही है. मैं भी एक बार फंसकर जान चुकी हूँ कि आप जो बोल रहे हैं वही सही है।
मुकुल राय- देखो बेटी, पहली बार सेक्स करते समय थोड़ा सा दर्द होता है। तुम सिर्फ उस दर्द को बर्दाश्त कर लेना उसके बाद तुम्हें अपनी जिंदगी का सबसे ज्यादा मजा महसूस होगा।
तुमको मुझसे एक वादा करना होगा कि तुम आज जो हुआ वह या तुम अपने सेक्स वाली बात किसी को भी नहीं बताओगी; अपनी किसी खास सहेली को भी नहीं. मैं भी जानता हूं कि यह मुश्किल है लेकिन मैं भी तुम्हारी चुदाई की सभी बातें किसी को नहीं बताऊंगा।
तुम्हारी मम्मी या किसी को भी नहीं … यह सिर्फ हमारे पास राज रहेगा. तुम उनके सामने कभी भी शो मत करना कि मेरे साथ तुम्हारा कोई गलत रिश्ता है। अगर तुम मुझे अपनी मम्मी के साथ देखोगी कुछ भी करते हुए तो तुम उसको इग्नोर कर देना।
सारी बातें समझाकर मुकुल राय वो वीडियो डिलीट कर देता है। फिर दोनों उस मोबाइल को चेक करते है उसके बहुत सारी ब्लू फिल्म थी। जिसमें बाप बेटी भाई बहन जैसी ब्लू फिल्में थी। मुकुल राय एक बाप बेटी की फ़िल्म प्ले कर देता है जिसे देखकर परीशा गर्म होने लगती है।
फ़िल्म बहुत ही गर्म थी जिसे देखकर मुकुल राय का लंड पूरा रॉड बन जाता है। वह अपना लंड निकालकर परीशा के हाथों में पकड़ा देता है। परीशा अपने पापा का लंड अपने हाथों में सहलाने लगती है उसको बहुत शर्म लग रही थी लेकिन ब्लू फिल्म देख कर वह बहुत गर्म हो चुकी थी।
वह धीरे से नीचे बैठ जाती है और अपने पापा के लंड को अपने कोमल हाथों से सहलाने लगती है.
मुकुल राय धीरे धीरे परीशा के कपड़े निकालने लगता है। वह अपनी बेटी परीशा को पूरी नंगी कर देता है. परीशा की चूचियाँ बहुत ही मस्त थी। मुकुल राय उसे मसलने लगता है. फिर मुकुल राय अपने भी सारे कपड़े उतार देता है।
अब परीशा ने मुकुल राय के लंड को थाम दूसरे हाथ से उसके सुपारे को बहुत कोमलता से सहलाया।
“आआह्ह्ह … परीशा बेटी!” मुकुल राय के मुंह से एक हल्की सिसकारी निकल गयी।
परीशा ने एक बार लंड की त्वचा को देखा और फिर मुकुल राय के चेहरे की तरफ देखते हुए नीचे झुककर अपने नर्म मुलायम होंठ उसके खड़े लंड के सुपारे पर रख दिए।
“उंहहह ह्ह्ह” मुकुल राय धीमे से आहें भरने लगा।
परीशा के नाज़ुक गर्म होंठ बहुत ही कोमलता से लंड की नर्म त्वचा को जगह जगह चूम रहे थे, धीमे धीमे लंड की कोमल त्वचा पर पुच पुच करती वो चुम्बन लेने लगी, मुकुल राय को अपनी बेटी के नाज़ुक होंठों का स्पर्श उस संवेंदनशील जगह पर बहुत ही प्यारा महसूस हो रहा था।
हाँ … बेटी … बहुत अच्छा लग रहा है.” मुकुल राय की बात सुन परीशा के होंठों पर भी मुस्कान फ़ैल गयी, मुकुल राय की बात से थोड़ा उत्साहित होकर परीशा और भी तेज़ी से लंड के सुपारे को चूमने लगी.
कुछ ही पलों में मुकुल राय अपनी बेटी के होंठों के स्पर्श के उस सुखद एहसास में डूबने लगा।
“आआहह … बेटी … प्लीज बेटी ऐसे ही करते रहो.” परीशा तो जैसे यही सुनना चाहती थी, उसने लंड को ऊपर उठाया और जड़ से लेकर टोपे तक लंड पर चुम्बनों की बरसात कर दी, फिर उसके होंठ खुले और उसकी जीभ बाहर आई, उसने जीभ की नोंक से लंड की त्वचा को सहलाया, गीली नर्म जीभ का एहसास होते ही मुकुल राय के मुख से खुद ब खुद सिसकारी निकल गयी।
परीशा की जीभ उस सिसकी को सुन और भी गति से लंड की निचली त्वचा पर रेंगने लगी, परन्तु उसे थोड़ा सा अजीब सा भी महसूस हो रहा था, उसे लग रहा था कि मानो मुकुल राय के लंड पर कोई द्रव लगा था जो बाद में सुख गया था और उसका अजीब सा पर अच्छा स्वाद परीशा को अपनी जीभ पर महसूस हो रहा था, पर उसने इसकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और लंड चुसाई में लगी रही।
“अह्ह्ह ह्ह्ह्ह … बेटी बहुत अच्छा लग रहा है … बहुत … बहुत मज़ा आ रहा है.” मुकुल राय के मुख से लम्बी लम्बी सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयी थी, अपने पापा के मुख से आनंदमयी सिसकी सुन परीशा के होंठों की मुस्कान उसके पूरे चेहरे पर फ़ैल गयी. उसकी जीभ अब सिर्फ सुपारे पर ही नहीं बल्कि उसके आस पास तक घूम रही थी. परीशा बेपरवाह अपनी जीभ लंड की जड़ से लेकर सिरे तक घुमा रही थी।
मुकुल राय के लिए तो यह एक जबरदस्त मज़ा था, इस मज़े से उसकी हालत खराब होती जा रही थी. पूरे जिस्म में गर्मी सी महसूस होने लगी थी, उसके लंड का तनाव पल पल बढ़ता ही जा रहा था।
जैसे जैसे लंड का आकार बढ़ता जा रहा था, वैसे वैसे परीशा की जीभ की स्पीड बढ़ती जा रही थी. लंड का कठोर रूप अब उसके सामने था और वो रूप उसके तन बदन में आग लगा रहा था. उसके पूरे बदन में होने वाली झुरझुरी उसकी हवस को बयान कर रही थी, उसका अंग अंग फड़कने लगा था।
धीरे धीरे उसकी चूत में रस बहना चालू हो चूका था, वो अपने आप पर काबू खोती जा रही थी, उसकी सांसें गहरी होती जा रही थी और उसका सीना उसकी साँसों के साथ तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहा था, बदन में कम्कम्पी सी दौड़ रही थी।
इधर मुकुल राय का लंड पूरा कड़क हो चूका था, अब परीशा से और बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था. उसने अगले ही पल झट से मुकुल राय के लंड के सुपारे को अपने रसीले होंठों में भर लिया और अपनी जीभ उस पर रगडते हुए उसे जोर जोर से चूसने लगी।
मुकुल राय के आनन्द में कई गुना बढ़ोतरी हो गई थी, अपने पापा के मुख से निकलती ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ ने परीशा को और भी उत्तेजित कर दिया. धीरे धीरे उसके होंठ लंड के ऊपर की ओर जाने लगे. जैसे जैसे परीशा के होंठ ऊपर को बढ़ रहे थे, दोनों बाप बेटी की साँसें और सिसकियाँ गहरी होती जा रही थीं।
परीशा के होंठ अब सुपारे के नीचे वाले हिस्से की भी सवारी करना शुरू कर चुके थे।
वासना की आग में मुकुल राय और परीशा दोनों का बदन कांप रहा था, बुखार की तरह तप रहा था, परीशा के होंठ अपने पापा के लंड के चारों और बुरी तरह कस गए, और मुकुल राय के लंड का आधे से ज्यादा हिस्सा परीशा की गले की गहराइयों में ओझल हो चुका था।
मुकुल राय को लगा शायद वो गिर जाएगा और उसके बदन ने एक ज़ोरदार झटका खाया।
“आहह्ह्ह … म .. उफ्फ” मुकुल राय सुपारे की अति संवेदनशील त्वचा पर अपनी बेटी की रसीली गर्म जीभ की रगड़ से कराहने लगा, उसके हाथ ऊपर उठे और अपनी बेटी के सर पर कस गए।
परीशा तो जैसे पूरे जोश में आ गई, उसने होंठ कस कर अपनी जीभ तेज़ी से चलानी शुरू कर दी, उसका एक हाथ अपने पापा की कमर पर चला गया और दूसरे से वो उनके आंडों को सहलाने लगी।
अब परीशा का मुंह भी लंड पर आगे पीछे होने लगा था, उसके गीले मुँह में धीरे धीरे अन्दर बाहर होते लंड ने मुकुल राय को जोश दिला दिया। वो अपनी बेटी के सर को थामे अपना लंड उसके मुंह में जोर जोर से पेलने लगा, हर शॉट में अब उसका लंड परीशा के गले की गहराइयों को नाप रहा था, और अब मुकुल राय तेज़ी से अपने लंड को आगे पीछे करते हुए गहराई तक अपनी बेटी के मुँह को चोदने लगा।
जब मुकुल राय का लंड परीशा के गले को टच करता तो उसके मुख से गूं गों गों … की आवाज़ निकलती।
उधर मुकुल राय तो जैसे किसी और ही दुनिया में था, आँखें बंद किए वो अपनी बेटी के मुंह में अपना लंड पेलता जा रहा था। उसको लग रहा था कि वह कोई कुँवारी चूत चोद रहा है।
परीशा को हालाँकि लंड के इतने तेज़ तेज़ धक्कों से थोड़ी दिक्कत हो रही थी मगर वो हर संभव प्रयास कर रही थी अपने पापा के लंड की ज़बरदस्त चुसाई करने का. उसकी जीभ अन्दर बाहर हो रहे लंड के सुपारे को रगड़ती तो उसके होंठ सुपारे से लेकर लंड के मध्य भाग तक लंड को दबाते, लंड अन्दर जाते ही उसके गाल फूल जाते और बाहर आते ही वो पिचकने लगते।
जल्द ही मुकुल राय को अपने अंडकोष में दवाब सा बनता महसूस होने लगा, उसे अहसास हो गया वो झड़ने के करीब है. उसने अब अपनी बेटी के मुँह को और भी तेजी से चोदना शुरू कर दिया.
उधर परीशा के लिए अब इस गति से अन्दर बाहर हो रहे लंड को चुसना संभव नहीं था, वो तो बस अपने होंठों और जीभ के इस्तेमाल से जितना हो सकता लंड को सहलाने की कोशिश कर रही थी। खुद वो अपनी टांगें आपस में रगड़ कर उस सनसनाहट को कम करने की कोशिश कर रही थी जो उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी. चूत से रस निकल निकल कर उसकी जांघें गीली कर चुका था।
तकरीबन 10 मिनट की भीषण चुसाई के बाद अचानक मुकुल राय को लगने लगा जैसे उसकी शक्ति का केंद्र बिंदु उसका लंड बन गया है. वो झड़ने के बिल्कुल करीब पहुंच चुका था पर वो चाहता था कि उसके पानी की हर एक बूंद परीशा की गले की गहराइयों में उतर जाए, इसलिए अब उसके धक्के और भी ज्यादा तेज होते जा रहे थे।
परीशा को भी यह अहसास होने लगा था था कि अब शायद उसके पापा झड़ने वाले हैं इसलिए उसने अपने आपको पूरी तरह उनके हवाले कर दिया।
मुकुल राय परीशा के सिर को पकड़कर जोर जोर से अपना लंड उसके मुंह में पेल रहा था और फिर अगले ही पल मुकुल राय के बदन में एक तेज़ लहर उठी और वो भलभला कर झड़ने लगा।
उसके लंड से वीर्य की बौछार होने लगी जो परीशा के गले में जाकर उसे तृप्त कर रही थी।
परीशा भी एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह मुकुल राय के पानी की आखिरी बून्द भी पी लेना चाहती थी.
जब मुकुल राय पूरी तरह झड़कर शांत हो गया तो परीशा ने जीभ की नोक से सुपारे के छेद से निकल रही वीर्य को भी चाट लिया।
मुकुल राय- उन्ह्ह्ह … ह्म्प्फ़्फ़ … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह यस … ओह्ह बेटी उम्ह्ह.
मुकुल राय लगातार सिसकारता ही जा रहा था।
परीशा की जीभ आखिरी बार पूरे लंड पर घूमने लगी और वो उसे चाट कर साफ़ करने लगी, लंड पूरा साफ़ होने के बाद उसने सुपारे को अपने होंठों में एक बार फिर से भरकर चूसा और फिर अपने होंठ उसपे दबाकर एक ज़ोरदार चुम्बन लिया।
कुछ देर आराम करने के बाद मुकुल राय ने परीशा को बेड पर सुला दिया और उसकी छोटी सी कुंवारी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। कुछ ही देर में परीशा उत्तेजना से तड़पने लगी।
मुकुल राय झुक कर उसकी चूत को धीरे से चूम लिया और दरार को नीचे से ऊपर तक चाटा, कई कई बार चाटा और समूची चूत को मुंह में भर लिया और झिंझोड़ डाला।
आनन्द के मारे परीशा के मुंह से किलकारी निकल गई. फिर ऊपर हाथ ले जाकर उसके दोनों मम्में पकड़ लिए और चूत का दाना, वो छोटा सा भागंकुर अपनी जीभ से टटोलने लगा और इसे अपनी मुंह में लेकर चूसा और चूत की गहराई में जीभ घुसा कर प्यार से, बहुत ही निष्ठा पूर्वक उसकी शर्बती चूत चाटने लगा।
वो बेचारी इतना सब कैसे सहन कर पाती, बदले में वो अपनी चूत उठा उठा कर अपने पापा के मुंह पे मारने लगी।
अब मुकुल राय अपनी नाक चूत की गहराई में रगड़ता हुआ चाटने लगा।
मुश्किल से 5 ही मिनट बीते होंगे कि वो भलभला कर झड़ गई। “हाय पापा…” वो इतना ही बोल पाई और अपनी जांघें ताकत से अपने पापा के सिर पर लपेट दीं और झड़ने लगी।
चूत रस का नमकीन स्वाद मुकुल राय के मुंह में आ गया। करीब दो तीन मिनट तक वो यूं ही अपने पापा के सिर को अपनी चूत पर जांघों से दबोचे रही फिर धीरे से पैर खोल दिए और चित लेट के गहरी गहरी साँसें लेने लगी।
मुकुल राय उसकी जांघ पर सर रखे हुए लेटा रहा।
“प्लीज पापा, मेरे पास आओ!” उसकी आवाज बदली बदली सी थी जैसे किसी कुएं के भीतर से बुला रही हो.
मुकुल राय ऊपर खिसक कर उसके पहलू में लेट गया और उसे अपने सीने से लगा लिया। वो मासूम अबोध किशोरी सी अपने पापा से चिपक गई और अपनी अंगुली से उनकी छाती पर जैसे कुछ लिखती रही।
“क्या लिखा मेरे सीने पर?” मुकुल राय उसका सिर प्यार से सहलाते हुए पूछा।
“ऊं हूँ!”
“बता ना?”
“म्मम्म कुछ नहीं …” वो बोली और मुकुल राय को अपनी बांहों में कस लिया।
“कैसा लगा ये सब?” मुकुल राय उसे चूमते हुए पूछा.
परीशा- बहुत अच्छा … बहुत ही प्यारा प्यारा। जब आप मेरी चूत चाट रहे थे तो जैसे मेरे बॉडी में फूल ही फूल खिल गये थे, सारे बदन में रंगीन फुलझड़ियाँ सी झर रहीं थीं। मैंने सोचा भी नहीं था कि ये सब इतना मस्त मस्त लगेगा!
“और अब कैसा लग रहा है?” मुकुल राय ने पूछा।
“लग रहा है मैं बहुत हल्की फुल्की सी हो गई हूँ। मेरे भीतर से कुछ बह के निकल गया है। जो मुझे हरदम बेचैन किये रहता था.” परीशा ने बताया।
कुछ ही देर बाद मुकुल राय परीशा की छोटी छोटी टाइट चूचियों को पूरा मुँह में भरकर चूसने लगा। उसके छोटे छोटे निप्पल को दाँतों से काटने लगा। 5 मिनट में ही मुकुल राय ने दोनों चूचियों को काट कर चुस कर लाल कर दिया।
अब परीशा भी पूरी गर्म होकर सिसियाने लगी।
दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे, मुकुल राय अपने लंड को परीशा की छोटी सी कुंवारी चूत पर रगड़ने लगा, परीशा अपनी गांड ऊपर उठाकर लंड को जल्द से जल्द अंदर लेना चाहती है लेकिन मुकुल राय परीशा को और गर्म कर देना चाहता है ताकि उसको कम से कम दर्द हो।
तब परीशा ने मुकुल राय के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर दबाया, तो मुकुल राय के लंड का सुपारा उसकी चूत की फांकों को फैलाता हुआ छेद पर जा लगा. परीशा की कुँवारी चूत की फाँकें मुकुल राय के लंड के सुपारे के चारो तरफ फैलते हुए कस गई।
अपनी चूत के छेद पर अपने पापा के लंड का गर्म सुपारा महसूस करते ही परीशा के बदन में मानो हज़ारो वॉट की बिजली कौंध गई हो, परीशा का पूरा बदन थरथरा गया.
परीशा की चूत उसकी चूत से निकल रहे कामरस से एकदम गीली हो चुकी थी. परीशा ने अपनी आँखों को बड़ी मुश्किल से खोल कर मुकुल राय की तरफ देखा और फिर काँपती आवाज़ में बोली- पापा धीरे-धीरे ही अंदर करना, मैं ये सब पहली बार कर रही हूँ, इसलिए मुझे दर्द होगा, पर आप चिंता मत करना, चाहे मुझे कितना भी दर्द हो, आप अपना लंड मेरी कुँवारी चूत में पूरा घुसाना।
अब मुकुल राय ने धीरे धीरे अपने लंड के सुपारे को परीशा की चूत के छेद पर दोबारा दबाना शुरू किया, जैसे ही उसके लंड का सुपारा परीशा की गीली चूत के छेद में थोड़ा सा घुसा, परीशा एकदम सिसक उठी, मुकुल राय के लंड का सुपारा परीशा की चूत की सील पर जाकर अटक गया, मुकुल राय भी इस रुकावट को साफ महसूस कर पा रहा था.
परीशा की चूत की झिल्ली, मुकुल राय के लंड के सुपारे से बुरी तरह अंदर को खिंच गई जिसके कारण परीशा के बदन में दर्द की एक तेज लहर दौड़ गई. उसके चेहरे पर उसके दर्द का साफ पता चल रहा था।
मुकुल राय- क्या हुआ बेटी? ज्यादा दर्द हो रहा है क्या?
परीशा- आहह हां पापा … दर्द हो रहा है.
मुकुल राय- बाहर निकाल लूँ?
परीशा- नहीं पापा बाहर मत निकालना … यह दर्द तो हर लड़की को जिंदगी में एक ना एक बार तो सहन करना ही पड़ता है. पापा आप बस ज़ोर से धक्का मारो और एक ही बार में मेरी चूत फाड़ दो।
मुकुल राय- अगर तुम्हें दर्द हुआ तो?
परीशा- मैं सह लूँगी … आप मारो न धक्का।
मुकुल राय ने अपनी पूरी ताक़त अपनी गान्ड में जमा की और अपने आप को अगला शॉट मारने के लिए तैयार करने लगा. परीशा ने अपने दोनों हाथों से मुकुल राय के बाजुओं को कस के पकड़ लिया, और अपनी टाँगों को पूरा फैला लिया.
परीशा – पापा…पापा फाड़ दो अब.
मुकुल राय ने कुछ पल के लिए परीशा के चेहरे की तरफ देखा, जो अपनी आँखें बंद किए हुए लेटी हुई थी, उसने अपने होंठों को दांतो में दबा रखा था। जैसे वो अपने आप को उस दर्द के लिए तैयार कर रही हो. उसके माथे पर पसीने की बूंदें उभर आई थी. मुकुल राय ने एक गहरी साँस ली और फिर अपनी पूरी ताक़त के साथ एक ज़ोरदार धक्का मारा।
मुकुल राय के लंड का सुपारा परीशा की चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. मुकुल राय का आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार में परीशा की कुँवारी चूत के अंदर जा चुका था.
“हाय मम्मी … मर गई हाई ए अहह पापाआआआ … बहुत दर्द हो रहा है.” परीशा छटपटाती हुई अपने सर को इधर उधर पटक रही थी, उसे अपनी चूत में दर्द की तेज लहर दौड़ती हुई महसूस हो रही थी.
परीशा के इस तरह से दर्द के कारण बिलबिलाने से मुकुल राय भी घबरा गया, उसने परीशा की ओर देखा, उसकी बंद आँखों से आँसू बह कर उसके गालों पर आ रहे थे।
“बेटी मैं बाहर निकाल लेता हूँ.” मुकुल राय ने परीशा की ओर देखते हुए कहा.
परीशा अपनी आँखों को खोलते हुए- नहीं नहीं पापा, बाहर मत निकालना … पूरा अंदर कर दो … मेरी फिकर मत करो.
मुकुल राय- पर बेटी …
परीशा- मैंने कहा ना मेरी परवाह मत करो … आप अपना लंड पूरा मेरी चूत में पूरा डाल दो.
मुकुल राय ने अपने लंड की तरफ देखा, जो परीशा की टाइट चूत के छेद में घुस कर फँसा हुआ था, और फिर उसने एक बार फिर से पूरी ताक़त के साथ झटका मारा, इस बार उसके लंड का सुपारा उसकी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ पूरा का पूरा अंदर जा घुसा।
परीशा- उन्ह्ह्ह … ह्म्प्फ़्फ़ … ओहह हहहह … यस ओहह … हहह … यस! ओहह उम्ह्ह पापाऽऽ … पापाऽऽ … योर डिक पापा … स्स्स्साऽऽ सो बिग … पापा!
परीशा ने दर्द से छटपटाते हुए अपने हाथों से मुकुल राय के बाजुओं को इतनी कस के पकड़ा कि उसके नाख़ून मुकुल राय के बाजुऑन में गड़ने लगे. मुकुल राय को अपने लंड के इर्द गिर्द परीशा की टाइट चूत की दीवारें कसी हुई महसूस हो रही थी, उसके लंड में तेज गुदगुदी सी होने लगी।
दोनों थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहे. मुकुल राय अब धक्के लगाने को उतावला हो रहा था पर परीशा ने उसकी कमर में अपनी टाँगों को लपेट रखा था, जिसकी वजह से मुकुल राय हिल भी नहीं पा रहा था.
कुछ लम्हे दोनों यूँ ही लेटे रहे.
फिर धीरे-धीरे परीशा का दर्द कुछ कम होने लगा और उसे अपनी चूत में अजीब सी सरसराहट होने लगी। अब उसे मज़ा आने लगा था और उसने अपनी टांगों को जो कि उसने अपने पापा की कमर पर कस रखी थी, को ढीला कर दिया.
जैसे ही मुकुल राय की कमर पर परीशा की टाँगों की पकड़ ढीली हुई, मुकुल राय ने अपना आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार में परीशा की चूत से बाहर खींचा और फिर से एक झटके के साथ परीशा की चूत में पेल दिया।
धक्का इतना जबरदस्त था कि परीशा का पूरा बदन हिल गया।
परीशा- आह शीईइ पापा उंह धीरे उन्ह्ह्ह … ह्म्फ … उम्म्ह… अहह… हय… याह… यस ओह यस! ओह्ह उम्ह पापाऽऽ … पापाऽऽ!
उसने फिर से अपने पैरों को मुकुल राय के चूतड़ों के ऊपर रख कर उसे अपनी तरफ दबा लिया।
जब उसे अपनी चूत की दीवार पर मुकुल राय के लंड के सुपारे की रगड़ महसूस हुई तो वो एकदम से मस्त हो गई, फिर थोड़ी देर रुकने के बाद परीशा ने मुकुल राय से धीरे से कहा- पापा अब अपने लंड को धीरे से बाहर निकालो … मुझे कुछ देखना है.
यह कहते हुए उसने फिर से अपने पैरो की पकड़ ढीली की और मुकुल राय ने घुटनों के बल बैठते हुए धीरे-2 अपने लंड को बाहर निकालना शुरू किया.
फिर से वही मज़े की लहर परीशा के रोम-रोम में दौड़ गई. उसे मुकुल राय के लंड का सुपारा अपनी चूत के दीवारों पर रगड़ ख़ाता हुआ साफ महसूस हो रहा था.
“ओह्ह पापा … मेरी चूत में … आह आह बहुत मज़ा आ रहा है … ओह्ह उम्ह्ह.” परीशा बोली।
मुकुल राय ने जैसे ही अपना लंड परीशा की चूत से बाहर निकाला तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, उसका लंड खून और परीशा के चूत से निकल रहे कामरस से सना हुआ था।
परीशा ने अपने पास रखे एक कपड़े को अपनी चूत पर दबा दिया ताकि उसमें से खून निकल कर बेडशीट पर ना गिरे. फिर उसने अपनी चूत को उस कपड़े से रगड़ कर साफ किया और फिर मुकुल राय की तरफ देखा, जो हैरत से उसकी तरफ देख रहा था।
परीशा- क्या हुआ पापा आप ऐसे क्या देख रहे हो?
मुकुल राय- बेटी, तुम तो काफी समझदार हो।
“हाँ जानती हूँ.” परीशा खिलखिलाकर बोली।
फिर परीशा उठ कर बैठी और मुकुल राय के लंड को हाथ में लेकर उसे कपड़े से अच्छे से साफ किया, फिर उस कपड़े को साइड में रखते हुए, बेड पर लेट गई, परीशा ने अपनी बांहों को खोल कर मुकुल राय को आने का इशारा किया।
मुकुल राय परीशा ऊपर झुक गया, परीशा ने उसे अपनी बांहों में कस लिया और उसके आँखों में झाँकते हुए बोली- आई लव यू पापा!
और फिर दोनों के होंठ फिर से आपस में मिल गए और दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे। फिर से वही उम्ह्ह आहह उन्घ्ह की आवाजें उनके मुँह से आने लगी।
मुकुल राय का लंड अब उसकी चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था. मुकुल राय भी मस्ती में उसके होंठों को चूसता हुआ उसके निप्पलों को अपनी उंगलियों से भींचते हुए उसकी चूचियों को दबा रहा था. परीशा की चूत में खलबली सी होने लगी, वो नीचे से अपनी गान्ड को हिलाते हुए अपने पापा के लंड को अपनी चूत के छेद पर सेट करने की कोशिश कर रही थी।
थोड़ी देर के बाद अचानक से मुकुल राय के लंड का सुपारा परीशा की चूत के छेद पर अपने आप जा लगा, परीशा का पूरा बदन एकदम से थरथरा गया, उसने अपने होंठों को मुकुल राय के होंठों से अलग किया और फिर मुकुल राय की आँखों में देखते हुए मुस्कुराने लगी, फिर उसने अपने आँखें शरमा कर बंद कर ली, उसके होंठों पर मुस्कान फ़ैली हुई थी.
मुकुल राय ने भी बिना देर किए, धीरे-2 अपने लंड के सुपारे को परीशा की चूत के छेद में पेलना शुरू कर दिया.
“उंह पापा … सीईईईई अहह … बहुत मजा आ रहा है.” परीशा बोली।
मुकुल के लंड का सुपारा परीशा की चूत के छेद और दीवारो को फ़ैलाकर रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बढ़ने लगा, परीशा के बदन में मस्ती की लहरे उमड़ रही थी, उसका पूरा बदन उतेजना के कारण काँप रहा था, उसकी चूत की दीवारे मुकुल राय के लंड को अपने अंदर कस कर निचोड़ रही थी।
धीरे-2 मुकुल राय का पूरा लंड परीशा की चूत में समा गया, परीशा ने सिसकते हुए मुकुल राय को अपनी बांहों में कस लिया और उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाने लगी।
“आह पापा … और पेलो उंह आ … सीईईई आह पापा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.”
मुकुल राय ने परीशा के मासूम चेहरे को अपनी तरफ घुमाया और फिर अपने होंठों को उसके पतले होंठों पर रख दिया, परीशा ने अपने होंठों को खोल दिया।
मुकुल राय ने थोड़ी देर परीशा के होंठों को चूसा और फिर अपने होंठों को हटाते हुए, उसकी जाँघों के बीच में घुटनों के बल बैठते हुए अपनी पोज़िशन सेट की और अपने लंड को धीरे-2 आगे पीछे करने लगा।
मुकुल राय के लंड के सुपारे को परीशा अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करके एकदम मस्त हो गई. वो अपनी आँखें बंद किए हुए अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी- अह्ह्ह पापा हाईए … मेरी चूत … आह मारो … और ज़ोर से मारो … आह फाड़ दो अह्ह्ह आह!
धीरे-2 मुकुल राय अपने धक्कों की रफ्तार को बढ़ाने लगा, पूरे रूम में परीशा की सिसकारियों और बेड के हिलने से चर-2 की आवाज़ गूंजने लगी. परीशा पूरी तरह मस्त हो चुकी थी, उसकी चूत उसके काम रस से भीग चुकी थी जिससे बाप मुकुल का लंड चिकना होकर बेटी की चूत के अंदर बाहर होने लगा था. परीशा भी अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपर की ओर उछाल कर चुदवा रही थी.
“हाई … ओईए … अहह … मेरी चूत अह्ह्ह्ह … पापा बहुत मज़ा आ रहा है. आह चोदो मुझे … अह्ह्ह्ह और तेज करो … मैं झड़ने वाली हूँ … आह उहह उंघह पापा ममैं गईए अहह.” परीशा धीरे धीरे आहें भर रही थी।
मुकुल राय के जबरदस्त धक्कों ने कुछ ही मिनट में परीशा की चूत को पानी पानी कर दिया था. उसका पूरा बदन रह रह कर झटके खा रहा था। मुकुल राय अभी भी लगातार अपने लंड को बाहर निकाल निकाल कर परीशा की चूत में पेल रहा था.
परीशा झड़ने के बाद एकदम मस्त हो गई थी, उसकी चूत से इतना पानी निकला था कि मुकुल राय का लंड पूरा गीला हो गया था।
अब परीशा अपनी आँखें बंद किए हुए लेटी थी और लंबी लंबी साँसें ले रही थी.
कुछ देर बाद परीशा ने अपनी आँखें खोल कर मुकुल राय की तरफ देखा जो पसीने से तर बतर हो चुका था और अभी भी तेज़ी से धक्के लगा रहा था. अब रूम में सिर्फ़ बेड के चरचराने से चू चू की आवाज़ आ रही थी. जैसे जैसे मुकुल राय झटके मारता, बेड हिलता हुआ हल्की हल्की चू चू की आवाज़ कर रहा था।
परीशा बेड के हिलने की आवाज़ सुन कर शरमा गई और अपने मुँह को साइड में घुमा कर मुस्कराने लगी.
मुकुल राय अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए- क्या हुआ?
परीशा मुस्कुराती हुई- कुछ नहीं.
मुकुल राय- फिर मेरी तरफ देखो ना!
परीशा- नहीं पापा … मुझे शर्म आती है.
मुकुल राय ने अपने दोनों हाथों से परीशा के चेहरे को अपनी तरफ घुमाया. पर परीशा ने पहले ही अपनी आँखें बंद कर ली, उसके चेहरे पर शर्मीली मुस्कान फ़ैली हुई थी. मुकुल राय ने परीशा के होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसते हुए अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और फिर कुछ ही पलों में उसके लंड में तेज सुरसुरी हुई, उसका लंड परीशा की चूत में झटके खाने लगा और फिर वो परीशा के ऊपर निढाल हो कर गिर पड़ा.
परीशा और मुकुल राय दोनों एक साथ झड़ कर शांत हो गए।
कुछ देर बाद परीशा अपनी ब्रा पेंटी पहनकर बाथरूम चली गयी।
कुछ देर बाद पिता मुकुल ने एक बार फिर से बेटी परीशा को गर्म करके पेला जिसमें परीशा को बहुत ज्यादा मज़ा आया क्योंकि अब परीशा को दर्द नहीं हो रहा था।


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