ये बात तब की है, जब मेरे ससुर जी को किसी काम से एक हफ्ते के लिए बाहर जाना पड़ा. उन्होंने हमें कहा कि हम उस एक हफ़्ता मोहिनी के साथ उनके घर में रुके. हम दोनों मियां बीवी अपना एक हफ्ते का समान बाँध कर उनके यहां रहने चले गए.
दोस्तो, उनका घर दो बेडरूम एक किचन और एक हॉल वाला था. जब हम वहां रहने गए, तो मेरे ससुर को स्टेशन छोड़ने के लिए मुझे जाने को कहा गया.
मोहिनी अपने पति से बोलीं कि आप पहली बार मुझसे दूर एक हफ्ते के लिए जा रहे हो, तो मैं भी आपको स्टेशन छोड़ने चलूंगी.
मैंने अपनी बीवी की तरफ देखा, तो मेरी बीवी ने कहा कि मैं घर पर ही रुकूंगी. और जब तक आप लोग वापस आएंगे, तब तक मैं रात के खाने पीने की इंतजाम करूंगी. पता नहीं कि ट्रेन कितनी लेट आए.
यह सुन कर मैं, मोहिनी और मेरे ससुर हम तीनों स्टेशन के लिए निकल गए. उस दिन ट्रेन एकदम सही टाइम पर ही आई. हमने उन्हें बिठाया, तो मोहिनी का मूड थोड़ा ऑफ हो गया. क्योंकि मेरे सास ससुर दोनों कभी एक दूसरे को छोड़ कर अकेले नहीं जाते. यह पहला मौका था, जब ससुर जी को मोहिनी को छोड़ कर जाना पड़ रहा था.
खैर हम दोनों स्टेशन से निकल कर कार में बैठे, तो मोहिनी मेरे बाजू वाली सीट पर बैठ गईं.
मैंने उनका मूड ठीक करने के लिए कह दिया- क्या बात है मम्मी जी … आप तो लैला मंजनू टाइप मूड ऑफ करके बैठी हो. जबकि अब तो सही टाइम मिला है आपको कि आप अकेले हो, ऐश कर सकती हो, कोई रोकने टोकने वाला नहीं होगा.
इस पर वो बोलीं- अरे बेटा अब मेरे साथ कौन ऐश करना चाहेगा.
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है मम्मी जी … आप तो अभी भी जवान और खूबसूरत दिखती हो. अभी भी जब आप ब्लू साड़ी पहन कर बाहर निकलती हो, तो दुनिया में कोई देखे ना देखे, मगर मेरी नज़र तो आप पर से हटती ही नहीं है.
वो मेरे मुँह से ऐसी बातें सुन कर शर्मा गईं और मेरे कंधे पर एक हल्की सी चपत लगाते हुए बोलीं- क्या बात है दामाद जी … आज सासू माँ को अकेले पा कर बड़े सुर निकल रहे हैं आपके … भूल गए हो क्या कि घर में आपकी बीवी और मेरी बेटी भी है, जो हमारा इंतजार कर रही है.
यह कह कर वो शरमाने लगीं.
मैंने कहा- मम्मी जी, आप हुक्म तो करो, आपकी बेटी और आपका दामाद हमेशा दोनों आपकी खिदमत में पेश रहेंगे. वैसे भी मैंने आपकी बेटी को अपने दिल की बात बता कर रखी है.
तो वो बोलीं- रहने दो दामाद जी, आप तो हमेशा ही मज़ाक करते रहते हो.
मैंने कहा- नहीं … आज मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूँ. अगर आपको कोई ऐतराज नहीं हो, तो मैं इसे घर चल कर प्रूव भी कर सकता हूँ.
वो बोलीं- चलो देखते हैं … अब आप सीधे गाड़ी चलाओ और मुझे घर ले चलो, मुझसे अब बैठे नहीं जा रहा है. मुझे वॉशरूम जाना है … मुझे जोर से टॉयलेट आई है.
मैंने कहा कि अरे अभी तो घर बहुत दूर है … आप बीच रास्ते में ही कहीं हल्की हो लो … अभी तो बीस मिनट का रास्ता सुनसान है. मैं कहीं साइड में गाड़ी लगा देता हूँ.
वो बोलीं- नहीं … मैं बाहर नहीं जाती, आप तो घर ही ले चलो.
मैं उन्हें घर ले आया. जैसे ही मैंने घर में गाड़ी पोर्च में रोकी, वो फाटक से उतर कर गेट की तरफ भागीं. उन्होंने बेल बजाई, तो मेरी बीवी ने गेट खोलने में भी देर कर दी.
उनसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था, तो वो बोलीं- आप थोड़ा साइड हो जाओ … और गाड़ी का गेट खोल कर आड़ लगा दो. मैं पोर्च में ही मूत लेती हूँ.
मैंने कहा- इससे तो अच्छा, मैं वहां गाड़ी रोक कर करवा रहा था, तो आप भाव खा रही थीं.
सासू बोलीं- अभी बकवास सुनने का टाइम नहीं है, जो बोल रही हूँ … वो करो.
तभी मेरी बीवी ने गेट खोल दिया. वो सीधे अन्दर को भागीं और बेडरूम में अन्दर अटैच टॉयलेट में घुस गईं.
मैं जब अन्दर आया, तो मेरी वाइफ बोली- आप भी चेंज कर लो और फ्रेश हो लो.
इसी जल्दबाजी के चक्कर में ना मोहिनी को होश था, ना हमें कि वो कौन से वॉशरूम में गई हैं. मैं अपने बेडरूम, जिसमें मेरी वाइफ ने बताया था, में घुस गया और अन्दर से दरवाजा लगा कर कपड़े चेंज करने लगा. मैं अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडवियर में टॉयलेट जाने लगा. मैंने जैसे ही टॉयलेट का डोर खोला, तो वो पहले से ही खुला हुआ था. मैं देखता हूँ कि मोहिनी अपनी सलवार उतार कर कमोड की सीट पर बैठी हुई थीं. हालांकि उनकी चूत तो क्लियर नहीं दिखी, मगर उनकी गोरी जांघें दिख गईं. मैं वहीं खड़ा हो कर सब देखता रहा.
जब उनका मूतना हो गया, तो वो उठीं और जैसे ही उन्होंने मुझे देखा, तो चिल्ला दीं- अरे आप यहां क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- देख रहा था, आपको कितनी जोरों की टॉयलेट आई थी.
अभी तक कमोड को उन्होंने फ्लश नहीं किया था, तो उनकी टॉयलेट की वो भीनी सी महक आ रही थी. मैं उस महक में खोता जा रहा था.
तभी उन्होंने बात करते करते अपनी सलवार बाँधी, तो मुझे उनका पेट भी दिखा.
आअहह … मैं तो अब धीरे धीरे अपने पूरे होश खोता जा रहा था. इतने में ही वो दरवाजे के पास आकर बाहर निकलने को हुईं, तो मैंने उन्हें रोक लिया और बांहों से पकड़ कर उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. मैंने उन्हें टॉयलेट की दीवार से टिका दिया.
वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं, पर दो पाँच मिनट में उनकी कोशिश बंद हो गईं और वो मेरे स्मूच को एंजाय करने लगीं … मेरा साथ देने लगीं.
तभी मैंने अपना एक हाथ उनके मम्मों के ऊपर उनके कुर्ते के ऊपर से ही रख दिया और मम्मे को सहलाने लगा. पर तभी उन्होंने मुझे एकदम से हटा दिया और रूम का गेट खोल कर बाहर भाग गईं.
ग़लती से उन्होंने अपना दुपट्टा, जो कि मूतते समय उतारा होगा, उसे वही टंगा छोड़ कर ले जाना भूल गईं.
जैसे ही वो बाहर गईं, मेरी बीवी ने उन्हें देखा और कहा- अरे मम्मी आप इस रूम में क्या कर रही थीं. ये भी तो इसी रूम में गए हैं.
वो एकदम से शर्मा कर अपने दूसरे रूम में चली गईं.
तभी मैं रूम से चेंज करके बाहर आया, तो मेरी बीवी मेरे हाव भाव देख कर समझ गई कि अन्दर कुछ गड़बड़ हुई है.
उसने कहा- क्या हुआ?
मैंने उसे पूरा वाकिया बता दिया. बस वो स्मूच वाली बात छोड़ दी.
वो बोली- कोई नहीं … हो जाता है … इस उम्र में उनसे कंट्रोल नहीं होता और तुमसे तो बिल्कुल ही नहीं होता. बस तुम्हें तो चूत चाहिए रहती है. फिर चाहे बीवी की हो या सास की.
यह कह कर वो हंस दी.
मैंने कहा- मगर यार … अभी भी तुम्हारी माँ बहुत सेक्सी है. उनकी वो गोरी गोरी भरी हुई जांघें देख कर तो मेरा मन ही डोल गया.
मेरी बीवी ने कहा- तुम रहने दो, यहां तुम्हारा कुछ नहीं होगा.
तभी मोहिनी भी अन्दर से चेंज करके आ गईं. अब वो थोड़ी नॉर्मल लग रही थीं.
फिर मेरी बीवी ने पूछा- आपका खाना लगा दूँ क्या … या आपका कुछ और मूड है?
मैंने उसे आंख मारते हुए कहा- आज तो मैं दो दो सेक्सी लेडीज के साथ रात बिताऊंगा … और आज भी मेरा कुछ और मूड नहीं हो, तो धिक्कार है ऐसी जवानी पे.
इस पर वो दोनों हंस दीं.
बीवी बोली- मम्मी आप खाना खा लो … ये तो अभी मूड बनाएंगे मतलब कि ड्रिंक करेंगे … फिर उसके बाद खाएंगे. मैं तभी इनके साथ ही खा लूँगी.
मेरी सास बोलीं- कोई बात नहीं बेटा, ये मूड बनाएंगे … तो आज हम भी इनका साथ दे देते हैं.
यह सुन कर मेरी बीवी का मूड खराब हो गया … क्योंकि जब मैं ड्रिंक करता हूँ, तो वो भी एक दो पैग लगा लेती है. फिर उसका गर्म मूड बन जाता, उसके बाद वो बेड पर वो घमासान मचाती है कि पूरी रात नशे में हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों में कैसे बीत जाती है, पता नहीं चलता है.
मैंने उसे आंख मार कर धीरे से कहा- तू टेन्शन ना ले … मैं तेरी जुगाड़ फिट कर दूँगा.
फिर हम तीनों ड्रॉइंग रूम में बैठे. मैं सेंटर टेबल पर पैर फैला कर बैठ गया और टीवी चालू कर दिया. मेरी बीवी ने मेरे लिए एक पैग बनाया. सास अन्दर से स्नॅक्स ले आई.
तब तक मैं और मेरी बीवी जो मेरे बाजू में सोफे पर बैठी थी, वो मुझसे चिपकी हुई थी. मेरा एक हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर उसके मम्मों को सहला रहा था. वो मेरा लंड अपने हाथ से सहला रही थी. ये सीन मोहिनी ने आते हुए देख लिया और वो किचन के दरवाजे पर खड़े खड़े हमें देखने लगीं.
थोड़ी देर बाद उन्होंने खाँसने की आवाज की, तो हम दोनों ठीक होकर बैठ गए.
हम दोनों तो ठीक हो गए थे, मगर मेरा लंड और बीवी के निप्पलों ने हमारी चुगली कर दी, जो बैठ ही नहीं रहे थे.
मोहिनी बोलीं- आप दोनों अपना इंतजाम बेडरूम में ही क्यों नहीं लगा लेते. आप दोनों वहां पर कंफर्टबल भी रहोगे.
इस पर मैंने कहा- अरे नहीं मम्मी जी … आज तो हम आपके साथ मूड बनाने के मूड में हैं.
इस पर मेरी बीवी ने मुझे एक चपत लगा दी और मेरे गाल खींचने लगी. वो बोली- कुछ भी बोलते हो आप तो … भला अपनी सास के साथ बैठ कर मूड थोड़े बनता है.
मैंने कहा- मूड तो खड़े खड़े भी बन जाता है … क्यों है ना सासू माँ..!
वो हंसने लगीं.
मैंने सासू माँ से कहा- यार, ऐसे कैसे चलेगा कि महफ़िल में तीन लोग हैं, मगर पैग एक का ही चल रहा है.
मेरी बीवी समझ गई.
मैंने मेरी बीवी से कहा- दो गिलास और लाओ.
वो उठ कर चली गई.
मैंने अपनी सासू माँ से कहा कि आप इतनी दूर क्यों बैठी हो?
वो बोलीं- नहीं आपका कोई भरोसा नहीं … मैं आपके पास बैठूं और कहीं आपने नशे में मेरी बेटी के सामने कुछ ग़लत हरकत कर दी तो!
मैंने कहा- आप टेंशन मत लो, आपकी बेटी समझदार है. वो भी समझती है कि इस समय आपकी हालत क्या है. क्योंकि ससुर जी तो हमेशा पूजा पाठ में लगे रहते हैं और आप उनसे हर रात मिन्नतें करती रहती हो कि आज की रात तो कम से कम वो आपको सॅटिस्फाइ कर दें. ये सब हम दोनों ने आपके बेडरूम के बाहर से लाइव देखा और सुना है.
ये सुनकर वो एकदम से सन्न रह गईं. इतने में मेरी वाइफ दो गिलास ले आई और बोली- जानू, आज तो मेरा भी एक पैग बना दो … आज मैं अपनी माँ के साथ और पति के साथ मिल कर एंजाय करूँगी.
मेरी सास बोलीं- नहीं … मैंने कभी पी नहीं है यार.
मैंने कहा- अरे सासू माँ, आप टेंशन मत लो … ये बात सिर्फ़ हम तीनों के बीच रहेगी.
मेरी वाइफ ने ही कहा- हां मम्मी, मैं आपके लिए एक लिट्ल पैग बना देती हूँ.
ये कह कर उसने एक लार्ज पैग बना दिया और उसे कोल्ड ड्रिंक से भर दिया.
फिर मैंने अपनी वाइफ से कहा- जानू आज अंजाने में हमसे एक ग़लती हो गई.
यह कह कर मैंने उसे बेडरूम और टॉयलेट वाले किस्से के बारे में सब बता दिया.
मैंने देखा कि मोहिनी आंखों से मुझे मना कर रही थीं कि प्लीज़ मत बताओ मगर मैंने फिर भी सब कुछ उसे बता दिया. साथ ही साथ यह भी कह दिया कि जब मम्मी जी टॉयलेट से निकलीं, तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उन्हें किस कर लिया.
मेरी वाइफ बोली- कोई बात नहीं … मगर जब तक यह बात हम तीनों के ही बीच में है, तब तक मुझे कोई प्राब्लम नहीं है. आख़िरकार ये मेरी माँ हैं और अपनी माँ को हर इंसान खुश देखना चाहता है.
यह कह कर उसने अपनी माँ को गले से लगा लिया.
अब तक हम तीनों के एक एक पैग खत्म हो गए थे. मेरी वाइफ को और मोहिनी को थोड़ा नशा चढ़ने लग गया था.
अब तक मोहिनी चुप थी, मगर जैसे ही उसकी बेटी ने उन्हें गले लगाया, वो फफक कर रो पड़ीं और बोलीं- मेरी बेटी मुझे माफ़ कर दे … मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ. मैं अपने बेटे जैसे दामाद के साथ वो सब कर बैठी, जो मुझे नहीं करना चाहिए था.
मैं उठ कर गया और मोहिनी के एक साइड में बैठ गया. एक साइड मेरी वाइफ थी और हम दोनों ने उन्हें पकड़ लिया. मैं भी मोहिनी को कंधे से पकड़ कर ढांढस बंधाने लगा- कोई बात नहीं मम्मी जी, हम समझते हैं, मैं भी जवान हूँ … आप भी काफी समय से प्यासी हो … अंजाने में ऐसी ग़लतियां हो जाया करती हैं. अब मैं ध्यान रखूंगा कि आगे से मैं भी अपने आप पर कंट्रोल रखूं ताकि आप भी अपने रास्ते से भटकें नहीं.
यह कह कर मैंने उनके आंसू पौंछे और साथ ही साथ उनके उन नर्म नर्म गालों और होंठों पर भी हाथ फिरा दिया.
वो फिर से मुझे घूर कर देखने लगीं. मैंने उन्हें एक आंख मार दी. यह सब हरकतें मेरी बीवी देख रही थी और मुझे पैर मार मार कर इशारे कर रही थी कि बहुत हुई मसखरी … अब बंद करो मेरी माँ को छेड़ना.
मैंने माहौल को ज़्यादा सीरीयस होते देखा, तो कहा- अरे आप दोनों माँ बेटी भी कहां किस लफड़े में फंस गई हो, चलो चलो जल्दी जल्दी एक पैग और बनाओ और मम्मी जी का सब गम ग़लत करो.
यह कहते हुए मैंने खुद अपने हाथों से दोनों के लिए एक एक लार्ज पैग और बना दिया.
मैं मोहिनी को अपने हाथों से पिलाने लगा, तो वो बोलीं- नहीं बेटा, आप दोनों एंजाय करो, मेरा मन नहीं हो रहा है.
मैंने कहा- नहीं मम्मी जी, ऐसे आपको छोड़ कर तो हम दोनों एंजाय भी नहीं कर सकते.
उन्होंने मेरा मन रखने के लिए एक सिप मेरे हाथ से पी लिया. मैं और मेरी बीवी दोनों उठ कर अपनी अपनी जगह सोफे पर आ गए.
मैंने अपनी मम्मी जी से पूछा- आप ठीक हो … अब नॉर्मल हुईं कि नहीं?
वो बोलीं- हां … अब मुझे ठीक लग रहा है, जिसके पास आपके जैसा दामाद हो, वो सास कब तक मूड ऑफ करके रह सकती है … थैंक्यू दामाद जी.
ये कह कर वो शरमाने लगीं और उन्होंने अपनी नज़रें नीचे कर लीं.
कुछ ही देर में मैंने और मेरी बीवी ने दोनों के अपने अपने पैग बॉटमअप किए. अब मेरी बीवी को सुरूर चढ़ने लगा था तो वो मेरे गले में हाथ डाल कर सोफे पर लगभग लेट सी गई.
मेरी बीवी पर वासना की खुमारी चढ़ने लगी थी और वो कहने लगी- जानू तुमने मेरी माँ को तो खुश कर दिया … मगर अभी तक तुमने मुझे खुश नहीं किया है.
यह कह कर वो मुझे गाल पर किस करने लगी और फिर धीरे धीरे वो गालों से नीचे मेरी गर्दन पर आकर मुझे चूसने चाटने लगी. उसने मुझे एक कड़क वाला लव बाइट दे दिया.
यह सब मोहिनी भी देख रही थीं, मगर वो देख कर भी अंजान बन रही थीं. वो टीवी में अपना ध्यान लगाने की एक्टिंग कर रही थीं. बाकी वो छुप छुप कर अपनी नजरें मेरे बॉक्सर में तने हुए लंड पर रखे हुए थीं. मैंने ऐसा देख लिया था.
तभी मैंने अपनी बीवी से कहा- अरे क्या कर रही हो … तुम पागल हो गई हो. क्या अपनी माँ के सामने कोई ऐसी हरकतें करता है क्या … रूको ज़रा सब्र से काम लो.
वो और ज़ोर से मुझे काटने लगी … और उसने मेरी गर्दन पर तीन चार जगह लव बाइट्स दे दिए.
अब वो मुझे किस करते करते मेरे शरीर पर हाथ फिराने लगी और मेरे लंड को बॉक्सर के ऊपर से पकड़ कर सहलाने लगी.
मैंने अपनी आंखें बंद करके खुद को सोफे के सिरहाने पर टिका दिया और एक लंबी सी आह भर दी.
तो एकदम से मेरी सास ने भी हमारी तरफ देखा और बोलीं- अच्छा अब मैं चलती हूँ … आप दोनों तो शुरू ही हो गए हो … अब आप दोनों से कंट्रोल भी नहीं हो पाएगा.
यह कहकर वो उठीं और सेंटर टेबल के और हमारे बीच में से गुज़र कर जाने लगीं. तभी मैंने उनका हाथ पकड़ कर उन्हें भी खींच लिया. वो अपना संतुलन नहीं बना पाईं और सोफे पर ही आकर गिर गईं.
अब मेरी बीवी मोहिनी को देख के हंसने लगी. मैंने मोहिनी को अपनी ओर खींच लिया और उनके बदन पर हाथ फिराने लगा. मैंने अपनी वाइफ को आंख मार के इशारा कर दिया कि आज तुम्हारी माँ को भी उनकी बची हुई जवानी के मज़े दिलवाते हैं.
वो भी इशारा समझ गई और राजी हो गई. वो बोली- हां आज कुछ तूफ़ानी करते हैं.
यह कह कर वो उठी और अपनी माँ के पास आकर बैठ गई. उन्हें अपने पैग में से ही पिलाने लगी. अब मोहिनी का हाथ मेरे बॉक्सर के ऊपर मेरे लंड को सहला रहा था और मेरी वाइफ अपने हाथों से मोहिनी को पिलाए जा रही थी. वो अपने एक हाथ से मोहिनी के चेहरे को सहलाए जा रही थी.
धीरे धीरे मोहिनी और मेरी बीवी को सेक्स और वोड्का का नशा चढ़ने लगा था. मेरी बीवी ने अपनी माँ के चेहरे पर किस करना शुरू कर दिया और उनकी पीठ पर अपने हाथ फिराने लगी.
मैंने अपने दोनों पैर उठा कर सेंटर टेबल पर फैला दिए. मेरी बीवी वापस उठ कर मेरी दूसरी तरफ आ गई और मुझसे चिपक गई. मेरी सास अभी भी मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ कर मेरे बॉक्सर के ऊपर से सहला रही थीं. मेरी वाइफ मेरी टी-शर्ट उठा कर, अन्दर हाथ डाल कर मेरे निप्पलों को सहला रही थी. मैं अपने दोनों हाथों से उन दोनों के मम्मों को उनके कुर्तों के ऊपर से ही सहला रहा था.
तभी मेरी बीवी ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और उठ कर मेरी गोदी में बैठ गई. वो कपड़ों के ऊपर से ही अपनी चुत को मेरे लंड पर रगड़ने लगी. मैंने अपनी सास को अपनी ओर खींच लिया और उनकी गर्दन और कान की लौ पर किस करना शुरू कर दिया. मैंने अपने हाथों से अपनी सास की पीठ, पेट और गांड को सहलाना शुरू कर दिया. उनकी सलवार के ऊपर से ही अपनी उंगलियों से गांड को फैला कर उसमें सलवार घुसेड़ने लगा.
मेरी बीवी मेरे निप्पलों को चूस रही थी और अपनी चुत मेरे लंड पर जोर से रगड़ रही थी.
तभी मैंने कहा- रूको जानू ऐसे मज़ा नहीं आ रहा …ज़रा खुल कर मैदान में आओ.
मेरी बीवी तो जैसे तैयार ही बैठी थी. उसने अपनी कुरती उतार दी और अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया. उसकी सलवार सररर करके नीच ज़मीन पर गिर पड़ी. मेरी बीवी ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी. मेरी सास लगभग मेरे ऊपर लेट ही गई थीं. मैं सोफे के सिरहाने से अपना सिर टिका कर लेट ही गया.
अब मेरी सास ने बॉक्सर के बाजू से अन्दर हाथ डाल कर मेरे लंड को सहला दिया और अपने हाथों की ग्रिप और मजबूत कर ली. उधर मेरी वाइफ मेरे बाजू में आकर बैठ गई. वो अपनी माँ को देखने लगी.
मेरी सास अपना हाथ मेरे बॉक्सर में डाल कर मेरी जांघों को किस कर रही थी. कभी कभी वो किस करते करते मेरे पेट पर, मेरी नाभि पर … और कभी निप्पलों को काट लेती. पर अभी तक उन्होंने अपने कपड़े नहीं उतारे थे.
तभी मेरी बीवी पीछे से आई और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर बैठ गई. उसकी पेंटी, उसके प्रीकम से गीली हो चुकी थी और प्रीकम उसकी पेंटी के साइड से बह कर बाहर उसकी जांघों से निकल रहा था.
तभी उसने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा का हुक भी खोल दिया … और दूर झटक दी. उसकी ब्रा मेरी सास के सर पर आकर गिरी. मेरी आंखों के सामने मेरी बीवी के दूध फुदकने लगे.
मैंने लपक कर उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा. फिर मेरी बीवी ने अपनी पेंटी को एक साइड से सरकाया और अपनी नंगी चुत को खोल कर मेरे मुँह पर रख दिया. वो चूत चटवाने के लिए ज़ोर लगाने लगी. वो मेरे मुँह पर जैसे उछलने लगी थी.
उसके मुँह से आवाजें आना शुरू हो गई थीं- आह ज़ोर से जानू … आअज ऊऊहह हमम्म्म जानू … अया आज हम दोनों माँ बेटी को चोद कर खुश कर दो जानू आज हम दोनों का जीवन सफल कर दो … आ मम्मी मैं आई … आआहह ऊओह उउउम्म्म जानू …
यह कह कर उसने ज़ोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत दबा दी और उसकी चुत का रस मेरे मुँह में छूटने लगा. मैं किसी कुत्ते के जैसे सड़प सड़प करके उसे चाट गया. कुछ ही पल बाद मेरी बीवी मेरे ऊपर ही गिर पड़ी. उसे नशा भी अधिक हो गया था, पर अभी भी उसकी चूत मेरे मुँह पर ही लगी थी. मैंने उसकी गांड की साइड से हाथ डाल कर उसकी पेंटी को निकाल दिया.
अब मैं उसकी गांड में अपनी एक उंगली चलाने लगा. वो पहले तो थोड़ी कसमसाई, फिर सो सी गई.
तभी मेरी सास बोली- दामाद जी, लगता है, इसे चढ़ गई है … अब इसे सोने देना चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है मम्मी जी जैसा आप बोलो.
मैंने अपनी बीवी को उठा कर उसी सोफे पर सुला दिया. अब मैं और मेरी सास एक दूसरे के सामने खड़े हुए एक दूसरे को देख रहे थे. पर वो अभी भी कुछ कुछ शर्मा रही थीं.
मैंने कहा- सासू माँ, आपकी बेटी ने तो पूरा नशा ही उतार दिया.
वो बोलीं- तो आओ आज बेटी के जगह उसकी माँ आपको नशा करवा देती है.
ये कह कर उन्होंने दोनों गिलास में एक एक लार्ज पैग बनाया और मुझसे चियर्स कहा.
मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने पास खींच लिया और एक ही सिप में पूरा गिलास पी लिया.
मैं उनकी गर्दन को चाटने लगा और कहा- वाआह … सासू माँ … ऐसा चखना तो मुझे कभी नसीब नहीं हुआ … कहां छुपा कर रखा था आपने इतने सालों तक इसे?
ये कहते हुए मैं उन्हें लेकर बेडरूम में ले गया. वो बेड पर ऊपर चढ़ कर बैठ गईं और बेड के सिरहाने से टिक गईं. मेरी सास ने अपने दोनों पैर मेरे सामने फैला दिए. मैं उनके बाजू में जाकर उनसे टिक गया. फिर मैं अपने एक हाथ से उनके सीधी तरफ वाले गाल को सहलाने लगा. दूसरे हाथ से मैंने उनकी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसा लीं और उन्हें सहलाने लगा.
वो अपने एक हाथ में पैग पकड़े हुए थीं और एक हाथ से वो मेरी पीठ पर सहलाने लगीं.
मैं अभी भी बॉक्सर में था. धीरे धीरे उन्होंने मेरे बॉक्सर के अन्दर हाथ डाल कर अपना हाथ मेरी गांड पर ले लिया और मेरी गांड सहलाने लगीं.
मैंने भी अब उनके पैरों में बैठ कर उनकी क्लीवेज और गर्दन में किस करने लगा. साथ ही मैं अपने दोनों हाथों से उनके ब्लू कुर्ते के ऊपर से ही उनके दूध मसलने लगा. फिर उन्होंने एक झटके में अपना पैग ख़त्म करके गिलास साइड टेबल पर रख दिया. वो थोड़ा नीचे को खिसक आईं और अपने दोनों पैर घुटने से मोड़ कर फैला दिए.
मैं अपना लंड उनकी चूत पर उनकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था. मैं अपने हाथों से उनके दूध दबाते हुए अपने होंठों को उनके होंठों पर रख दिए और अपनी जीभ अन्दर डाल कर उनकी जीभ चूसने लगा.
वो भी अब मेरे साथ दे रही थीं. आअहमम्म हमम्म्म उऊहह … वो ऐसी ऐसी आवाजें निकाल रही थीं कि मेरा लंड मस्त होने लगा था. मेरी सासू अपनी चूत नीचे से मेरे लंड पर दबाने लगी थीं.
तभी मैं उठा और उनके पीछे जाकर बैठ गया. मैंने उन्हें अपने से टिका लिया और उनकी बगलों से हाथ आगे ले जाकर उनके दूध दबाने लगा. साथ ही अपनी टांगों से मैंने उनके पैर और ज्यादा फैला दिए और उनकी चोटी खोल दी. इससे उनके बाल खुल गए और वो मुझे एक हसीन तरीन पोर्न स्टार लगने लगीं.
मैंने उनके बालों को एक साइड में सरका कर उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया. फिर उनके हाथों ऊपर उठा कर उनकी बगलों को सूंघने लगा, तो मानो वो अपना आपा ही खो बैठीं.
वो मेरे हाथ को अपने दूध से सरका कर अपनी चूत पर रखवा कर चूत रगड़वाने लगीं. मेरा वहां हाथ गया, तो पता चला कि उनकी पेंटी, सलवार पूरी चुत रस से सनी पड़ी थी. वो इतना ज्यादा पानी छोड़ रही थीं कि अब तो बेडशीट भी गीली होने लगी थी.
तभी मैंने अपने हाथ उनकी चूत से हटा दिए और उनके कुर्ते के अन्दर डाल कर पेट को सहलाने लगा. मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही दूध दबाने और सहलाने लगा.
उन्होंने कहा- प्लीज़ दामाद जी एक बार मेरा पानी निकाल दो … अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है … बहुत सालों बाद आज मज़ा आ रहा है.
मैंने उनके कुर्ते को ऊपर उठा कर उनकी गर्दन से निकालते हुए साइड में फेंक दिया. मेरे सामने अब वो ब्रा में बैठी थीं. उनकी पीठ मेरी तरफ थी. सफेद ब्रा में उनकी ब्रा का साइज़ 36D लिखा हुआ दिख रहा था.
मैंने उनकी पीठ पर चूमना शुरू कर दिया. मेरा लंड उनकी पीठ के निचले हिस्से में लग रहा था. मैं ऊपर से उनकी गर्दन, पीठ को छूता हुआ अपने हाथों से उनकी बगलों को सहला रहा था.
फिर मैंने अपनी नाक उनकी बगल में घुसा दी और वहां से जो उनके पसीने की महक आ रही थी, वो मुझे दीवाना करने के लिए काफ़ी थी.
उन्हें मैंने अपनी गोदी में ले लिया था और उनकी ब्रा के साइड से ही हाथ डाल कर उनके बड़े मम्मों को सहलाने लगा था. वो अपनी चुत को ऊपर उठा उठा कर मचल रही थीं.
तभी उन्होंने अपने हाथ पीछे ले जा कर अपनी ब्रा खोल दी. सासू की ब्रा खुलते की उनके दूध पर अपनी पकड़ बन गई. इससे मुझे मम्मे मसलने में और आसानी होने लगी. मैं अब अपनी उंगलियों को उनके निप्पलों के बाजू में फिराता हुआ उनके ऐरोला को सहलाने लगा था. मैं इस तरह से उन्हें और तड़पा रहा था.
उन्होंने अपनी लटकती हुई ब्रा को खींच कर दूर फेंक दी. मेरे सामने मेरी सास मेरी गोदी में अपने नंगे दूध दिखाते हुए लेटी थीं. उनके वो ब्राउन निप्पलों के चारों तरफ चमकता हुआ उनका ऐरोला मुझे अपनी ओर खींच रहा था. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें उठा कर बिठा दिया.
उन्होंने भी झट से मेरे बॉक्सर की साइड से हाथ डाल कर मेरा बॉक्सर निकाल दिया. मैं समझ पाता कि मेरी सास ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया. वो मेरे लंड को अपनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत पर सैट करके मेरे सामने बैठ गईं. मैं अपने हाथों से उनके निप्पलों को दबाते हुए मसल रहा था. वो अपनी गर्दन पीछे डाल कर अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने में लगी थीं.
अब मैं जोश में आ गया और मैंने अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए. साथ ही उनकी सलवार के ऊपर से ही उन्हें चोदने लगा. मेरी सास की ये वही सलवार थी, जिसमें मैंने न जाने कितने ही बार मुठ मारी थी. आज उनके इस सलवार को पहने हुए ही मैं नंगे लंड से उस सलवार को गीला कर रहा था. मेरी उत्तेजना चरम पर पहुंचने लगी थी. उधर मेरी सास भी एकदम हॉट हुई पड़ी थीं.
तभी हम दोनों को एक ज़ोर का एहसास हुआ और हम दोनों झड़ गए.
मैंने अपने वीर्य से उनकी सलवार खराब कर दी. वो ऐसे ही उल्टी होकर बिस्तर के दूसरे किनारे से अपने बालों को नीचे लटका कर लेट गईं. मैं उनकी साइड में उसकी बगलों को सूंघता हुआ, उनके कंधे पर सर रख कर लेट गया.
अभी पांच मिनट ही हुए होंगे कि उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और वो उसे सहलाने लगीं. मेरे लंड में से अभी भी थोड़ा थोड़ा वीर्य निकल रहा था. मेरी सास ने मेरे वीर्य को अपनी उंगली में लिया और उसे चाटने लगीं.
ये देख कर दो मिनट में ही मेरे लंड ने फिर से एक अंगड़ाई भर ली और वापस अपने आकार में आ गया.
अब सासू माँ बैठ कर मेरे लंड को अच्छे से चाटने लगीं. तभी मैंने उन्हें लिटा दिया और उनकी सलवार के नाड़े को खोल दिया. नाड़ा ढीला हुआ तो मैंने उनकी सलवार सरका दी.
अब वो मेरे सामने अपनी काली पेंटी में पड़ी हुई थीं. उनकी पेंटी पूरी तरह से भीगी हुई थी. उनके जांघों पर भी चूतरस लगा हुआ था.
मैं उनके ऊपर 69 की पोज़िशन में लेट गया. अब उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और चप्प चप्प करके उसे चूसने लगीं. मैंने भी उनकी जांघें खोल दीं और पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को रगड़ने लगा.
फिर मैंने उनके पैरों को घुटने से मोड़ कर उनकी जांघें फैला दीं और उनकी पेंटी की साइड से अपनी जीभ उसकी पेंटी के अन्दर डालने लगा. ये देख कर उन्होंने खुद ही पेंटी को अपने हाथों से पकड़ कर साइड में कर लिया.
अब मैंने अपनी दोनों उंगलियों से उनकी चूत की फांकों को खोल दिया. मगर इस तरह से उनकी पूरी चूत नहीं खुल रही थी. फिर मैंने उनकी गांड के नीचे हाथ ले जाकर उनकी पेंटी उतार ही दी.
अब उनकी चूत में से एक तीखी से रस और पसीने की महक आ रही थी. मैंने चुत के ऊपर से ही उनकी रोएंदार चूत को सहलाना शुरू कर दिया और अपनी दोनों उंगलियों से उनकी चूत की फांकों को जितना हो सकता था, खोल दिया.
उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने पानी पानी हो चुकी थी और उनका क्लिटोरिस अन्दर बाहर हो रहा था जैसे कि वो सांस ले रहा हो.
मैंने अपनी जीभ चूत में घुसेड़ कर दाने को चूसना चाटना शुरू कर दिया. कभी मैं अपनी नाक अन्दर तक डाल देता और वो बहक उठतीं. इसी के साथ वो भी नीचे से मेरा लंड अपने मुँह में भर भर कर मेरे टट्टों को सहला रही थीं. वो कभी उन्हें मुँह में भर रही थीं. कभी जीभ से चाट रही थीं.
ऐसे ही करीब करीब बीस मिनट तक की चूमाचाटी में वो एकदम से भरभरा कर निढाल हो गईं. उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया था, जिसे मैंने चाट चाट कर पूरा साफ़ कर लिया.
अब उन्होंने मेरा लंड भी अपने मुँह से निकाल दिया था.
वो उठ कर जाने लगीं.
मैंने कहा- कहां जा रही हो सासू माँ?
वो बोलीं- मुझे ज़ोर से टॉयलेट आई है.
मैंने उन्हें वापस पलंग पर गिरा लिया और कहा- देखूँ तो ज़रा … कितने ज़ोरों की आई है.
ये कह कर मैंने उनकी चूत की फांकों को खोल दिया और अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वो ‘आहह आअहह..’ करने लगीं.
‘ऊओह दामाद जी क्या कर रहे हो … प्लीज़ मत करो … आहह … यहीं हो जाएगी … दामाद जी ऐसा मत करो जाने दो.’
ऐसा कहते कहते उन्होंने मेरे मुँह में ही अपनी मूत कर दिया. मैं उनकी चूत चाट चाट कर सूसू पी गया.
ऐसा स्वाद मुझे आज तक किसी दारू में नहीं आया था … उउउहमम्म्म.
अब वो उठीं और बोलीं- देखो आपने क्या कर दिया … बिस्तर की चादर भी खराब हो गई.
मैंने कहा- कोई टेंशन नहीं लो सासू माँ … अब अपने को एक हफ्ते तक कोई देखने वाला नहीं है.
यह कहते हुए उन्होंने अपना और मेरा गिलास उठा कर एक एक पैग और बना दिया. इस बार और लार्ज बनाया था.
मैंने कहा- क्या कर रही हो … आप तो बोल रही थीं कि पीती नहीं हो … और आज तो हाहाकार मचा रही हो.
वो बोलीं- अभी रात बची है … बॉटल भी बची है. ऐसे ही वेस्ट थोड़े जाने दूँगी … इसके बिना जोश भी कैसे आएगा.
ये कह करके उन्होंने अपना गिलास एक बार में पूरा ख़त्म कर दिया.
अब मैं और वो आमने सामने एक दूसरे की जाँघों को क्रॉस करके एक दूसरे की कमर में अपने पैर लपेट कर बैठे थे. मैंने उन्हें फिर से सहलाना शुरू कर दिया और अपने गिलास से भी उन्हें पिलाने लगा. वो थोड़ा पीतीं, थोड़ा अपनी चूचियों पर गिरा लेतीं.
मैं उनके चुचे चाट चाट कर बोद्का पीने लगा. तभी उन्हें पता नहीं क्या सूझी कि उन्होंने पूरा गिलास अपने ऊपर गिरा लिया.
मैं उन्हें चाटने लगा. उनके पूरे बदन को, उनकी चुचियों को मसल मसल कर मजा लेने लगा. मैं उसकी बगलों को चाटता हुआ नीचे को बढ़ने लगा. उनकी नाभि में अपनी ज़ीभ डाल कर चूसने लगा. फिर उनकी नाभि के नीचे चूत के ऊपर भी वोड्का गिरा गिरा कर चाटने लगा.
अब वो फिर से गर्म होने लगी थीं. मैंने उन्हें उल्टा लिटा दिया और उनकी कमर और चूतड़ों पर भी वोड्का गिरा कर उसे चाटने लगा.
अब उन्होंने भी गर्म होकर अपने घुटने मोड़ दिए. वो कुतिया की तरह उल्टा लेट गईं. इससे उनकी गांड और थोड़ा उभर कर बाहर को आ गई. मैंने उनकी गांड पर भी वोड्का गिरा दी. मैं अपनी एक उंगली उनकी गांड के छेद पर फिराने लगा. दूसरे हाथ से मैं उनके मम्मों को सहलाने और मसलने लगा. उनकी चुचियों की घुंडियों को मसलने लगा.
फिर मैंने अपनी जीभ से उनकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया और अपने हाथ को उनकी गांड से चूत तक फिराना, सहलाना शुरू कर दिया.
वो अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को और फैला कर मुझे अपनी जीभ और अन्दर डालने के लिए जगह बना रही थीं.
फिर मैंने उठ कर उनकी गांड में अपना लंड टिकाया और उसके ऊपर से ही वोड्का गिरा दी … ताकि वो और चिकनी हो जाए. फिर धीरे धीरे मैं उनकी गांड पर अपने लंड का दबाव बढ़ाने लगा.
वो ‘उउउन्न्ं उम्म्ह… अहह… हय… याह… आअहह ऊओह.’ की आवाजें निकालने लगी थीं.
हालाँकि वो अपने पति से पहले भी गांड मरवा चुकी थीं … मगर अभी कुछ सालों से बिल्कुल अनछुई सी थीं, इसीलिए उन्हें थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा होगा.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्के दे दे कर अपना पूरा लंड उनकी गांड की जड़ तक डाल दिया. फिर मैं पीछे से उनके दूध पकड़ कर उनके निप्पलों को मसलते हुए उसकी गांड में अपना लंड पेल रहा था.
वो उचक उचक कर मज़े में चिल्ला रही थीं- आअहह दामाद जी … आआओ और अन्दर आओ अपनी सास के … अया ऐसा दामाद भगवान सबको दे … ऊऊहहूओ हमम्म उम्म्म्म … जमाई बाबू आ जाओ और ज़ोर से चोदो अपनी सास को!
ये कहते हुए वो अपनी चुत को अपने हाथों से मसलने लगीं और एक उंगली अपनी चुत में पूरी अन्दर तक डाल दी.
उनकी गांड में लंड चलने लगा था, जिससे ‘पच पकच..’ की आवाजें आ रही थीं. कमरे में वोड्का, वीर्य, पसीने की खुशबू आ रही थी.
तभी मेरा लंड अकड़ने लगा और मैंने अपना वीर्य अपनी सास की गांड में भर दिया- आआहह मोहिनी … मेरी सासू माँ … ऊओह मज़ा आ गया आपकी गांड मारने में तो … आह!
यह कहते कहते ही उनकी चुत ने भी पानी छोड़ दिया. फिर एक बार हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर पड़े हुए थे.
अबकी बार वो मेरे ऊपर लेटी हुई थी और अपनी जांघें उन्होंने मेरी जांघों पर चढ़ा दी थीं. ऐसे ही लेटे लेटे हम दोनों की आंख लग गई. जब मेरी नींद खुली, तो मैंने देखा के मेरी सास अपनी चुत मेरी नाक में डाल कर 69 की पोज़िशन ले रही थीं. वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर मसल रही थीं.
उनकी चुदास देख कर मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी चूत फैला दी और उसमें अपनी जीभ डाल दी. मैं सासू की चूत को चाटने लगा और जीभ को अन्दर तक घुसेड़ने लगा. वो भी मेरा लंड मुँह में भर भर के चूस रही थीं.
‘आअहह क्या मज़ा आ रहा था … मेरी सास, जिनको मैं शादी के बाद से ही चोदने के सपने देखता था. उनकी सलवार में मुठ मार मार कर संतुष्ट होता था … आज वो मेरे ऊपर 69 में लेटी थीं और मेरा लंड चूस रही थीं. आआह … उम्म्म्म … की आवाजें कमरे में फिर से गूंजने लगी थीं.
तभी वो एकदम से उठीं और मुझे अपने ऊपर खींचते हुई बोलीं- अब आ जाओ दामाद जी … अब नहीं सहन होता … आ जाओ आज आपके लंड को स्वर्ग का रास्ता दिखाती हूँ.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों से सैट करके अपनी चुत के दरवाजे पर लगा लिया.
मैंने एक धक्का लगाया, तो उनके मुँह से लम्बी चीख निकल गई- आआह … अहम्म्म … मर गई.
यह कहते हुए उन्होंने अपनी दोनों टांगें मोड़ कर मेरी कमर में लपेट लीं. अब उन्होंने नीचे से अपनी गांड उठाते हुए धक्के लगाने शुरू कर दिए थे.
‘ऊऊऊहह दामाद जी … चोदो … अपनी सास की चुत मार लो … आअहह उहम्म्म … क्या … मस्त चोदते हो यार … नशा भी करवाते हो और नशा उतरवा भी देते हो … आओह … उऊह.’
ऐसे ही ताबड़तोड़ धक्के मार मार के करीब बीस मिनट में ही मोहिनी को ज़ोर से अकड़ने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने नीचे से अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी थी. पकचा पकच … की आवाज़ से साथ एक बार वो फिर से झड़ गईं.
अब मैंने उन्हें उल्टा लिटा कर कुतिया बनाया और उनकी चुत में पीछे से लंड डाल दिया. फिर अपने हाथों से उनके निप्पलों को मसलते हुए मैं पीछे से धक्के लगाने लगा. उन्हें मैं पीछे से दम से चोदने लगा.
‘अया मोहिनी मेरी जान … आआहह ओह हम्म्म … उम्म्म..’
धकापेल चुदाई के बाद आख़िर मैं भी निकलने वाला हो गया था, मैंने कहा- कहां निकालूँ?
मेरी सास बोलीं- सब तुम्हारा ही है बेटा … जहां मन करे, निकाल दो … अब कोई रिस्क नहीं है.
मैंने दो तीन ताबड़तोड़ धक्के मारे और उनकी चुत को अपने वीर्य से भर दिया. मैं थक कर उनके ऊपर गिर पड़ा. वो मेरा वजन ना झेल सकीं, तो वो भी बेड पर गिर गईं. मैं पीछे से उनकी चुत में लंड फंसा कर ही उनके ऊपर आँख मूंद कर लेट गया.
तभी मैंने देखा कि मेरी बीवी उठ गई थी और बेडरूम के दरवाजे पर खड़ी हुई अपनी चूत को सहला रही थी.
मैंने उसे अन्दर आने का इशारा किया, तो वो बोली- नहीं, मैं तो बस फिल्म देख रही थी कि मम्मी कितना एंजाय कर रही हैं. हम दोनों के होते हुए भी … काश मेरी माँ को हम हमेशा ऐसे ही सुखी रखा करें.
तो मैंने कहा- बिल्कुल जानू … आज से मैं तुम्हें और तुम्हारी माँ … दोनों का पूरा ख्याल रखूँगा … देखो कैसे गांड उठा कर पड़ी हुई हैं.
यह कहते हुए मैंने अपनी बीवी को गले से लगा लिया. वो पूरी नंगी ही घूम रही थी. उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी … तो मेरा लंड फिर से मूड में आने लगा.
फिर वो बोली- अरे मैं तो भूल ही गई कि मैं तो टॉयलेट जाने के लिए उठी थी. अन्दर से तुम दोनों की आवाजें सुनी, तो यहीं रुक गई और फिर जा ही नहीं पाई. यहां इतनी अच्छी पिक्चर जो चल रही थी.
मैंने उसे अपनी बांहों में उठा लिया और वहीं बिस्तर पर मोहिनी के पास लेटा दिया.
वो बोली- यहां नहीं जानू, मुझे मम्मी के सामने चुदवाने में शर्म आएगी. अगर मम्मी उठ गईं, तो क्या बोलेंगी.
मैंने कहा- क्यों भूल गईं … क्या जो सोफे पर उचक उचक कर चूत की छूट करी थी … अपनी माँ के सामने … तब शर्म नहीं आ रही थी.
वो बोली कि तब तो मैं नशे में थी.
इतने में मोहिनी उठ कर बोलीं- डरो शरमाओ मत बेटा … मेरे सामने भी तुम जो करना चाहती हो, अब सब कर सकती हो … अच्छा ही है, मैं भी एंजाय करूँगी.
ये कहते हुए मैंने मोहिनी से कहा- देखो आज की रात भी आपकी बेटी टॉयलेट करने के लिए टॉयलेट जा रही थी.
मोहिनी शरमाने लगीं और बोलने लगीं- अरे बेटा देखो दामाद जी ने तो आज बेड को ही टॉयलेट बना दिया है.
यह कहते हुए मोहिनी ने मेरी बीवी की चूत पर अपने होंठ लगा दिए और बोलीं- आज ये शुभ काम में अपने होंठों से करूँगी.
उन्होंने अपनी जीभ मेरी बीवी की चूत में घुसा दी और मेरी बीवी एक लंबी सीयी ‘आआह उम्म्म..’ करने लगी. वो नीचे से अपनी गांड उछालते हुए हिचकोले मारने लगी.
तभी मैंने लपक कर अपनी बीवी के दूध पकड़ लिए और बारी बारी से उन्हें चूसने लगा. वो और ज़्यादा मचल गई … और चिल्लाने लगी- आहंन्न्न … मम्म्मई … क्ककयाअ कर रही हो … अपनी बेटी की ही चूत चाट रही हो यार. … रूको तो … मैं यहीं मूत दूँगी … आअहमम्म.
बस यही कहते हुए उसने मोहिनी के सर को पकड़ा और उनके बाल खींचते हुए अपनी चूत पर उनका सर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी.
उसने नीचे से अपनी गांड उचकाते हुए बहुत सारा मूत निकाल दिया, जिसे मोहिनी ने अच्छे से चाट लिया. वो काफ़ी सारा मूत पी भी गईं.
मूतने के बाद भी मेरी बीवी झड़ी तो नहीं थी … तो उसने फिर से मोहिनी का सिर पकड़ लिया और अपनी चूत पर रख दिया. वो बोलने लगी- मम्मी कैसे आधा अधूरा काम कर रही हो, अब जो शुरू किया है … उसे पूरा तो करो.
मोहिनी बोलीं- हां बेटा क्यों नहीं.
फिर मोहिनी और मेरी वाइफ दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए … और मैं मोहिनी के पीछे से उनकी गांड चाटने लगा. नीचे से मेरी बीवी मेरा लंड अपने हाथों से पकड़ कर मसल रही थी, सहला रही थी.
थोड़ी ही देर में फिर से कमरे में मादक सिसकारियां फैलने लगीं, जो थोड़ी ही देर में चीखों में बदल गईं.
मेरी बीवी नशे में गालियां दे रही थी. वो अपनी माँ को नाम से ही बुला रही थी- आआअहह मोहिनी … साली चोदो अपनी बेटी को … आआअहह और ज़ोर से … आअहह और अन्दर डाल दो अच्छे से चाट लो माँआ … आआहह उउम्म्मह उउउफ्फ.
ऊपर से मोहिनी भी अपनी चूत को मेरी बीवी के मुँह पर दबा रही थीं और रगड़ रही थीं. वो अपनी गांड को पीछे करके मेरी जीभ को अपनी गांड में और अन्दर तक घुसड़वाने की कोशिश कर रही थीं.
मैं बीच बीच में अपनी सास मोहिनी की गांड पर चांटे भी मारे जा रहा था, जिससे वो और ज़्यादा तड़प उठ रही थीं- आह दामाद जी … अओर मारो अपनी सास को … अपनी बीवी की माँआ चोद दो आज … उफ्फ़.
यह कहते हुए हम तीनों अब जोश से अपनी अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ने लगे और तीनों उटपटांग आवाजें मुँह से बड़बड़ाने लगे.
यूं ही चुदास भरी आवाजों में चिल्लाते चिल्लाते एकदम से हम तीनों के बदन कड़क हो गए और हम तीनों ने अपनी अपनी रस धार छोड़ दी.
मेरे वीर्य को … और वो दोनों माँ बेटी एक दूसरे से साझा करते हुए मलाई के जैसे चाट गईं. मैंने अपना बचा हुआ माल अपनी बीवी के हाथ और मोहिनी की गांड पर गिरा दिया था, जिसको मेरी सास ने अपनी जीभ से चाट लिया.
अब हम तीनों ही एक लंबी चुदाई भरी रात के बाद निढाल होकर ऐसे ही नंगे-पुँगे एक दूसरे के जिस्मों में उलझे हुए वहीं गीले बिस्तर पर ही सो गए.
फिर सुबह 11 बजे हमारी नींद उस वक्त खुली, जब घर की बेल बजी. देखा तो मोहिनी की देवरानी आई थीं, यानि मेरी बीवी की चाची थीं. वो भी उसी मोहल्ले में रहती थीं.
मोहिनी ने हम दोनों को उठाया और जल्दी से ऊपर वाले बेडरूम में भेज दिया. उन्होंने खुद गाउन पहना और दरवाजा खोलने लगीं.
फिर ऊपर हमको उन दोनों की आवाज़ आई. चाची मोहिनी से बोल रही थीं- क्या हुआ भाभी इतनी देर क्यों लगाई दरवाजा खोलने में … और ये घर में अजीब से महक कैसी आ रही है. ऐसा लगता है कि पति गए हैं तो भाभी आपने कल रात भर यहां घमासान युद्ध खेला है. मुझे भी तो बताओ, वो योद्धा कौन है … ज़रा मुझे भी तो मिलवाओ … हमारा भी तो उससे युद्ध करवाओ.
उन चाची सास के साथ युद्ध की कहानी अगली बार भेजूँगा दोस्तो. इस बार के लिए इतना ही. मेरी बीवी तो अभी भी बिस्तर पर अपनी गांड उठा कर पड़ी हुई है … खर्राटे मार रही है, पर मेरे को कहां नींद आने वाली थी. अब तो मुझे एक और युद्ध की तैयारी जो करनी थी.


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