Header Ads Widget

Ticker

10/recent/ticker-posts

बहन की चुदाई करवायी बॉस से



गर्मियों का मौसम चालू हो गया था और मेरे मामा की बेटी सोनम, जो रिश्ते में मेरी बहन लगती है, हमारे यहाँ छुट्टियों में आ गई. हर बार मैं ही वहाँ जाती थी मगर अब मेरा जॉब लगने के कारण वो यहाँ आई थी.
उसका घर हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में था, बहुत ही ठंडा इलाका है।
मेरी बहन से मेरी बहुत जमती है. वो यहाँ पूरे 2 महीने के लिए आई थी. हम लोग बहुत खुश थे.

मैं उसको ज्यादा टाइम नहीं दे पा रही थी क्योंकि मेरी जॉब भी थी
तो मैंने सोचा कि क्यों न कुछ दिनों की छुट्टी ले लूं.

मैंने दूसरे दिन ही अपने बॉस से छुट्टी की बात की तो बॉस बोले- ठीक है, ले लो. मुझे भी घर में कुछ काम है तो मैं भी कुछ दिन नहीं आऊँगा.
और अगले दिन से ही मुझे एक हफ्ते की छुट्टी मिल गई.

अब हम दोनों बहनें घर में बहुत मस्ती करती. वो मुझसे 3 साल की छोटी है मतलब 20 साल की है तो हम दोनों में हर तरह की बात होती है.

एक रात में हम दोनों साथ में ही सो रही थी अलग रूम में. तब हम दोनों में सेक्स की बात होने लगी.
वो मुझसे पूछ रही थी- क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड है?

पहले तो मैं मना करती रही पर उसके बार बार पूछने पर मैंने सब उसको बता दिया कि क्या क्या मेरी जिंदगी में हुआ।
वो भी सुन के दंग रह गई।

उसने भी अपने बॉयफ्रेंड के बारे में सब बताया. मगर अब वो सिंगल थी मतलब अब कोई बॉयफ्रेंड नहीं था।

फिर हम दोनों ने बात करते करते फ़ोन में ब्लू फिल्म देखना शुरु कर दिया. काफी रात तक हम दोनों ने फिल्म देखी. हम दोनों ही गर्म हो चुकी थी. मगर क्या करती … कुछ देर बाद दोनों सो गयी.

अगले दिन दोपहर में घर पर कोई नहीं था, हम दोनों ने फिर से वही फिल्म देखना शुरु कर दी.
अब वो फिर से गर्म हो गई तो मैंने उससे पूछ लिया- सेक्स करने का मन है क्या?
तो वो बोली- हाँ यार … मगर मिलेगा कहाँ?
मैंने मजाक में ही बोल दिया- अगर मन है तो बता … मैं किसी का इन्तजाम कर देती हूँ, जो तेरी प्यास बुझा दे.

उसका मन तो था मगर मुझसे वो टाल मटोल करने लगी. फिर वो बात वहीं ख़त्म हो गई.

अगले दिन हम दोनों ने प्लान बनाया कि बाहर चलेंगे घूमने … फिल्म देखेंगे, शॉपिंग करेंगे.

और अगले दिन हम दोनों तैयार होकर करीब 11 बजे घर से निकल गयी और बस स्टॉप पर पहुँच गयी.

हम दोनों बस का इंतजार कर ही रही थी कि अचानक से मेरे बॉस की कार हम दोनों के पास आकर रुकी.
उन्होंने पूछा- कहाँ जा रही हो?
मैं बोली- सर मॉल जाना है!
तो सर बोले- चलो मैं भी वहीं जा रहा हूँ. कुछ सामान लेना है!
हम दोनों कार में बैठ गए.

रास्ते में सर ने पूछा- ये कौन है?
मैं बोली- सर, मेरी बहन है मामा की बेटी … मंडी हिमाचल से आई है कुछ दिनों के लिए!
वो कार में लगे शीशे से सोनम को देखे जा रहे थे.

सोनम ने टीशर्ट और बिल्कुल टाईट जीन्स पहनी हुई थी. वो दिखने में बहुत सुन्दर है और मुझसे भी ज्यादा गोरी है. उसके दूध का साइज 34 का है. उस टीशर्ट में उसके दूध बिल्कुल टाईट उभार मार रहे थे.
मेरे बॉस उसी को देखे जा रहे थे.
सोनम तो इस बात को नहीं समझ पा रही थी मगर मैं यही चीज़ देख रही थी.

मॉल पहुंच के हम दोनों अंदर चले गए और कपड़े खरीदने लगे.
हम दोनों तरह तरह की ब्रा और चड्डी देख रही थी. मैं सोनम को यह कह रही थी- ये ब्रा तेरे दूध के लिए मस्त है, इसको ले ले.

मगर मैंने यह नहीं देखा कि बॉस भी हमारे ही पीछे सामान ले रहे हैं. उन्होंने हम दोनों की सब बात सुन ली थी.

जब सोनम की नजर एकदम से उन पर पड़ी और वो शर्मा के मुझे लेकर आगे निकल गई.
बॉस भी हम दोनों को देख कर मुस्कुरा रहे थे.

कुछ देर बाद हम दोनों पिज़्ज़ा खा रही थी, तभी वहाँ बॉस भी आ गए.
मैंने उनको बैठने को कहा और वो हमारे साथ ही आकर बैठ गए. हम तीनों वहीं पे बैठ के बातें करने लगे.

कुछ देर बाद मैं उठ कर बाथरूम चली गई और इधर ये दोनों बात कर रहे थे.

जब मैं वापस आ रही थी तो देखा कि बॉस ने सोनम का हाथ अपने हाथ में लिया हुआ है. मैं समझ गई कि बॉस इसको लाइन मार रहे हैं.
मैं वहीं कुछ दूर से सब देखने लगी.

कुछ देर बाद बॉस उठे और सोनम के हाथ पर चुम्बन किया और चले गए.
मैंने आकर सोनम से पूछा- क्या बात हो रही थी?
तो सोनम ने बताया कि तेरा बॉस तो लाइन मार रहा था.

हम दोनों ने हंसते हुए पिज़्ज़ा खत्म किया और फिर बात आई गई हो गई.

जब हम घर आ गयी तो बॉस का फ़ोन आया और मैं बाहर आकर बात करने लगी.
उन्होंने मुझसे पूछा- क्या सोनम अब यहीं रहेगी?
मैं बोली- नहीं सर, बस कुछ दिन के लिए आई है.

तो बोले- चलो किसी दिन पार्टी हो जाये फार्म हाउस में!
मैं बोली- मतलब?
“अरे तुम दोनों को पार्टी दूँगा मैं और रात में तुम्हारी चुदाई भी!”
मैं बोली- और सोनम?
“सोनम को भी कर लूंगा अगर वो तैयार हुई तो!”
“ओके सर … मैं सोनम से पूछ कर बताऊँगी.”
बॉस खुश हो गए और बोले- यार कोमल, तुम अगर सोनम को चुदाई के लिए मना लो तो तुम्हारा गुलाम बन जाऊँगा मैं! वो बहुत हॉट है यार!
मैं मुस्कुराती हुई बोली- ओके सर, मैं बात करुँगी.

रात में हम दोनों रोज की तरह ही साथ में सो रहे थे और फ़ोन में फिल्म देख रहे थे.
तभी मैं सोनम को बोली- मेरे बॉस से सेक्स करेगी क्या?
वो बोली- नहीं यार, वो इतने बड़े हैं.
“तो क्या हुआ … मैं भी तो चुदाई करती ही हूँ उनसे! अगर तुझको मजा लेना है तो बता?”

वो कुछ सोचने लगी, फिर बोली- अगर घर में पता लग गया तो?
“नहीं पता लगेगा. चिंता मत कर … मैं हूँ न … बस तू हां कर, बाकी मेरे ऊपर है न! वो तुझे पसंद भी करते हैं. मुझसे फ़ोन में यही बात कर रहे थे!”

वो बोली- ओके यार … चल मजा ले ही लूंगी मैं भी! वैसे भी मुझे कब से सेक्स नहीं मिला.
फिर वो बोली- तो बनाओ प्लान!

मैंने तुरंत सर को फ़ोन लगाया और उनको बताया कि सोनम राजी है.
वो बोले- कल ही आ जाओ.
मैंने हां कह दी.

वो बोले- क्या मेरा एक और दोस्त आ सकता है पार्टी में?
मैं बोली- तो क्या वो भी सेक्स करेंगे?
वो बोले- अगर तुम लोग उसको पसंद करोगे तो ठीक है. नहीं तो वो खा पी के चला जायेगा.
मैं बोली- ठीक है!
और दूसरे दिन शाम को मिलना तय हुआ.

हम दोनों ने घर में बताया कि फ्रेंड के यहाँ जाना है हो सकता है कि रात में वही रुक जायें.
माँ ने उतना ध्यान नहीं दिया और हां कह दी.

हम दोनों तैयार होने लगी. हम दोनों ने साड़ी पहनी. मैं गुलाबी साड़ी में थी और सोनम लाल साड़ी में! उसका ब्लाऊज काफी गहरे गले का था, उसकी दूध की लाइन साफ़ साफ़ दिख रही थी.
मैं बोली- अरे आज तो बॉस तुझे खा जायेगा ऐसे देखा तो!

उसके बाद मैंने ठीक 4 बजे बॉस को फ़ोन किया और उन्होंने मुझे बस स्टॉप में मिलने को बोला.
हम दोनों ने बस स्टॉप पहुंच कर देखा तो उनकी कार वहीं थी. हम दोनों बहनें बॉस की कार में बैठ गयी.

हम तीनों कुछ देर में फार्म हाउस पहुंच गए. उनके नौकर किशोर ने दरवाजा खोला और हम अंदर चले गए.
किशोर मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था. मैंने उसको आँख मार के शान्त रहने को कहा.

हम तीनों पहले वाले रूम में बैठ गए.

फिर कुछ देर बाद दरवाजे में आवाज हुई. सर उठे और दरवाजा खोला. एक मोटा सा लंम्बा सा आदमी अंदर आया.
बॉस बोले- दोस्तो, ये है मेरे बहुत खास दोस्त अमित! एक बहुत बड़ी कंपनी के मालिक हैं.

कुछ देर में किशोर ने खाने पीने का इंतजाम किया और फिर वो अपने रूम में चला गया. वो तो जानता ही था कि यहाँ क्या होने वाला है.

मेरे बॉस ने वाइन बनानी शुरु की और सबको दी. हम तीनों ने वाइन पी मगर सोनम कुछ हिचकिचा रही थी.
फिर मैंने आगे बढ़ के उसको पूरा ग्लास पिला दिया.
उसके बाद एक और ग्लास हम सबने पिया.

अब तो हम सबको कुछ कुछ नशा होने लगा.

हम दोनों अलग सोफे पे बैठे थे मगर वो दोनों बस सोनम को ही देखे जा रहे थे क्योंकि वो दिख भी रही थी बहुत सेक्सी!
और उसके ब्लाउज के अंदर से झाँकते हुए उसके गोरे गोरे दूध उन दोनों पे कहर ढा रहे थे.

आप लोगों को सच बताऊँ तो उसके सामने मैं कुछ भी नहीं हूँ. उसका जिस्म मस्त भरा हुआ है और वो पहाड़ी इलाके की मतलब बर्फीले इलाके की है तो वो इतनी गोरी थी कि लाल दिखती है. उसको देख कर वो दोनों तो बस अपनी लार टपका रहे थे.

3 गिलास वाइन पीने के बाद हम चारों लोग मस्त हो गए थे.
तभी बॉस के दोस्त ने कहा- क्या यार, पार्टी में बुलाया और कुछ गाना नहीं है.
तो बॉस उठे और होम थिएटर में मस्त तेज़ संगीत लगा दिया और हम सबको डांस करने के लिए कहा.

हम चारों लोग वहीं हाल में डांस करने लगे.
पहले बॉस मेरे साथ डांस कर रहे थे, उन्होंने मुझे कस के अपनी बांहों में लपेट कर मेरे कान में कहा- यार, तेरी बहन तो कसम से पटाका है. क्या ये चुदाई के लिए तैयार होगी?
मैं बोली- क्यों नहीं … हम दोनों आज मस्ती करने ही तो आई हैं. उसको मैंने सब बता दिया है.

वो बोले- एक बात बोलूँ अगर तुम बुरा न मानो तो?
मैं बोली- क्यों नहीं, आप बोलिये.
वो बोले- क्या तुम आज रात मेरे दोस्त से चुदवा लोगी क्योंकि आज मैं तुम्हारी बहन को चोदना चाहता हूँ.
मैं बोली- क्यों नहीं, अगर आपको अच्छा लगता है तो मुझे कोई प्रोब्लम नहीं!

बॉस खुश हो गए और मेरे होंठों पे एक चुम्मा किया और कहा- तुम कितनी अच्छी हो यार!
सब लोगों को बॉस ने वहीं रोका और सबके लिए एक एक गिलास वाइन और बनाई और अब इस बार बॉस सोनम के पास चले गए, अपने हाथ से उसको वाइन पिलाने लगे और उनका दोस्त मेरे पास आ गया और मुझे वाइन पिलाने लगा.

हम दोनों बहनें अब कण्ट्रोल में नहीं थी लेकिन मेरी निगाह बस सोनम और बॉस पर थी.

बॉस सोनम की गोरी गोरी कमर को हाथ से सहला रहे थे और दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे और मस्ती में झूम रहे थे.

इधर उनके दोस्त भी मुझे अपनी बांहों में पा कर कण्ट्रोल नहीं कर पा रहे थे, उनका मुसल जैसा लंड पैंट को फाड़कर बाहर आने को हो रहा था. मेरा पूरा ध्यान उन दोनों लोगों की तरफ था और मुझे पता भी नहीं लगा कि उसने मेरी साड़ी उठा ली है और मेरी चड्डी में हाथ डाल दिया है. और मेरी गांड दबा रहे हैं.

अचानक वो बोले- उधर क्या देख रही हो जानेमन? आज तो तेरा राजा मैं हूँ. बोल चुदाई करेगी ना मेरे साथ?
मैं भी मस्ती में बोली- क्यों नहीं … आज जितना मन है, चोद लो.

मेरी नजर फिर से सोनम पे गई और उधर बॉस सोनम को किस करने लगे थे और उसके होंठों को मलाई जैसे चूम रहे थे.

डांस करते करते हम सब ही थक चुके थे और हम सब अब सोफे में बैठ गए. बॉस ने सोनम को तुरंत अपने से चिपका लिया और उसे किस करने लगे. उनके दोस्त ने मेरा पल्लू गिरा कर ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्रा के ऊपर से दूध को चूमने लगा.

उधर बॉस ने सोनम को किस करते हुए उसकी साड़ी को जांघ तक उठा दी थी और उसकी मांसल गोरी गोरी जांघों को सहला रहे थे.

इधर मेरा ब्लाउज और ब्रा भी उतर चुकी थी और वो मेरे दोनों स्तनों पे टूट चुका था. मेरी तो जोर जोर से सिसकारी निकल रही थी पर मेरा पूरा ध्यान उन दोनों पे था.

अब सोनम की साड़ी भी निकल चुकी थी और वो अब ब्लाउज और पेटीकोट में थी. उसके बड़े बड़े दूध एकदम टाईट होकर बाहर निकलने को हो रहे थे. इधर मेरे जिस्म पर अब बस चड्डी ही रह गई थी.

बॉस के दोस्त मेरे दूध को बिल्कुल निचोड़ रहे थे. मेरी तो हालत ख़राब हो गई थी, पूरी चड्डी गीली हो चुकी थी.

हम दोनों बहनों पर वो दोनों किसी गिद्ध की तरह टूट चुके थे.

अब सोनम भी ब्रा और चड्डी में ही रह गई थी, उसका गोरा मांसल गदराया बदन देख के बॉस तो उस पर टूट गए थे. सोनम मछली की तरह छटपटा रही थी.

बॉस ने एक बार में सोनम की ब्रा निकाल फेंकी और उसके दोनों गोरे गोरे दूध तन के उनके सामने आ गए. उसके दूध के निप्पल एकदम गुलाबी थे, लग रहा था किसी ने आज तक छुआ तक नहीं!

अब बॉस से रहा नहीं जा रहा था, वो तुरंत उठे और सोनम को अपनी गोद में उठाकर अपने रूम की तरफ चल दिए!

ऐसा देख उनके दोस्त बोले- क्या हुआ? कहाँ चल दिए?
बॉस बोले- ये बेचारी अभी कली है, इसको आराम से रूम में फूल बनाऊंगा!

ऐसा सुनकर उनके दोस्त ने भी मुझे गोद में उठा लिया और बॉस से बोले- तुम उसको कली बनाओ और मैं इसकी चूत का भोंसड़ा बनाता हूँ.
और मुझे दूसरे रूम में ले गए.



दीदी के बॉस मुझे अपनी गोद में उठा कर एक रूम में ले गए. वो नशे में थे तो मैं डर रही थी कि कहीं वे मुझे गिरा न दें. पर किसी तरह मुझे रूम में ले गए. मैं केवल चड्डी में ही उनकी गोद में थी.

उन्होंने रूम में ले जाकर मुझे पलंग के पास खड़ा कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे. कुछ ही पल में वो केवल चड्डी में मेरे सामने थे. उनके पूरे शरीर पर बाल ही बाल थे. उनकी चड्डी से उनका लंड एकदम बाहर आने को हो रहा था.

वो अपने सीने को हाथ से मसलते हुए बोले- जान क्या देख रही हो? मेरा शरीर अच्छा नहीं लगा क्या? तुम्हारी बहन को तो बहुत पसंद है. चलो आज तुमको भी इस शरीर का नशा लगा देता हूँ.
ऐसा कहते हुए अपना एक हाथ मेरी कमर में डालते हुए मुझे अपनी तरफ खींच लिया.

फिर मुझे अपने सीने से लगा लिया और कहा- कसम से कहता हूँ, तुम्हारी जवानी देख कर ही तुमको चोदने का मन बना लिया था. तेरे ये गदराये बदन को मेरे जैसे ही आदमी की जरूरत है; कोई कमजोर आदमी तुझे खुश नहीं कर सकता!

इतना कह कर मेरी चड्डी के ऊपर से मेरे गांड को सहलाते हुए बोले- आज तक कितनों से चुदी हो?
मैं बोली- बस एक से ही!
वो बोले- लगता है किसी गलत के हाथ में लग गई थी, तुमको जो मजा चाहिए वो दे ही नहीं पाया. चुदाई क्या होती है आज तुमको पता लगेगा. बोलो मेरा साथ दोगी ना?
मैं बोली- हाँ क्यों नहीं!

“क्या क्या करोगी?”
“जो आप बोलेंगे.”
“सच?”
“हां सच!”

“कभी लंड चूसा हो?”
“नहीं!”
“क्यों?”
“गन्दा लगता है.”
“अरे गन्दा क्या … चुदाई मजा लेने और देने की चीज़ है.” ऐसा कहते हुए उन्होंने अपनी चड्डी उतार दी.
अपना विशालकाय लंड पकड़ के बोले- देखो!

उनका लंड देख मेरे तो होश उड़ गए. ऐसा काला मोटा लंड कैसे मेरी फुद्दी में जायेगा, बस यही सोचने लगी.
वो बोले- कैसा है?
“उई माँ … ये इतना मोटा कैसे जायेगा मेरी फुद्दी में?”

“सब चला जायेगा; और एक बार के बाद तुमको यही पसंद भी आएगा; तेरी इस जवानी के लिए ऐसा लंड ही चाहिए! इतना मस्त गदराया हुआ बदन है तेरा … छोटे लंड से तो तेरी प्यास नहीं बुझेगी. चिंता मत कर मेरी जान, तुझे एक भी तकलीफ नहीं होने दूँगा. तेरी बहन कोमल तो इस लंड की दीवानी है, गप गप अंदर लेती है.”

“सोनम सही बताऊँ तो तेरा पूरा जिस्म किसी को भी पागल बना सकता है. तेरे जैसा जिस्म किस्मत वालों को ही मिलता है. तेरी बहन को चोदता हूँ तो उसकी आअह्ह्ह निकल जाती है. पर तू मस्त चुदेगी.”
इतना कहते हुए उन्होंने मेरे निप्पल को मुँह में भर लिया और चूसने लगे.

मेरे मुँह से आआ आअह्ह ह्ह ओओओह्ह्ह ह्ह बसस्स आआअह्ह ऊऊउई ईईईई माआआ! निकल रहा था और वो बस दूध को चूसते जा रहे थे.
कुछ देर बाद वो जाकर बिस्तर पे लेट गए और मुझे अपने ऊपर लेटने को कहा.

मैं उनके ऊपर लेट गई, मेरी पीठ उनके मुँह की तरफ थी. उनका गर्म गर्म लंड मेरी चड्डी के ऊपर से ही गांड के दरार को सहला रहा था.
वो अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों दूध को मसलने लगे और बोले- आज पहले तेरी जवानी के मजे लूटना है, बाद में चुदाई करनी है.
और दूध को मसलते हुए बोले- गजब के दूध पाये हैं तुमने! मुझे तो दीवाना बना दिया. इतनी कम उम्र में इतने बड़े दूध कम लड़की के ही होते हैं.

बहुत देर तक वो तरह तरह से मेरे दूधों को दबाते रहे.

उसके बाद उन्होंने अपना एक हाथ मेरी चड्डी के अंदर डाल दिया और मेरी गर्म फुद्दी को सहलाने लगे.
मुझे तो जैसे बिजली का करंट लग रहा था, मेरे मुँह से नशीली सिसकारी निकलने लगी- आआअह आओअह्ह अह्ह्ह ऊईईई!

“क्या मस्त फुद्दी है तेरी जान!” और वो मेरी फुद्दी को उंगली से फैला के उसके दाने को हल्के हल्के सहलाने लगे.
मेरी तो गांड अपने आप ऊपर नीचे होने लगी.

फिर मुझे उन्होंने लेटा दिया और मेरी चड्डी को उतार दी. अब मेरी नंगी गुलाबी चूत उनके बिल्कुल सामने थी.
उनके मुँह से निकला- ओह माय गॉड! सोनम तुम तो लगता है अभी तक चुदी नहीं जान! इतनी मस्त फुद्दी है!

उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और अपनी जीभ से फुद्दी को चाटने लगे. मुझे तो इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत! मुझे लग रहा था कि दीदी के बॉस बस ऐसे ही मेरी फुदी को चाटते रहें.
काफी देर तक वो ऐसे ही चाटते रहे.

मुझे बहुत तेज़ पेशाब लग रही थी, मैं उनको बोली- पेशाब लगी है!
तो उन्होंने मुझे बिस्तर से नीचे किया और पास रखे टेबल पर बैठा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैला कर मेरी नाजुक फुद्दी चाटने लगे और कहा- अब यहीं करो पेशाब … मैं देखना चाहता हूँ.

मैं बोली- नहीं नहीं … मुझे शर्म आ रही है, ऐसा मत बोलो … मैं ऐसा नहीं कर सकती.
“शर्म कैसी जान … बस तुम शुरु हो जाओ.”

मुझे सहन नहीं हो पा रहा था तो मेरे पेशाब की एक मोटी धार मेरी फुद्दी से निकल गई.
शर्र शरर शर्र … रुक रुक कर मेरा पेशाब निकलता रहा और वो बहुत गौर से देखते रहे.

जब मुझे आराम मिला तो मैंने पूछा- आपने ऐसा क्यों किया मेरे साथ?
तो बोले- इतनी सुन्दर लड़की की फुद्दी से पेशाब निकलता हुआ देखना था … इसलिए!

उन्होंने मुझे फिर से बिस्तर में लेटा दिया और मेरे ऊपर आ कर अपने लंड को मेरे दोनों दूध के बीच में रख दिया और अपने दोनों हाथ से दूध को दबा के लंड आगे पीछे करने लगे.

उनका लंड बार बार मेरे होंठ तक आता था, उनका इतना मोटा सुपारा देख कर सच में मेरी फट रही थी. उनके लंड से अज़ीब गंध आ रही थी मगर बहुत मदहोश कर रही थी मुझे!
मैं बहुत बुरी तरह गर्म हो गई थी, मेरी फुद्दी से पानी निकलने लगा, मैं बहुत तेज़ी से मचलने लगी.

मेरी हालत देख दीदी के बॉस समझ गए और फिर उन्होंने अपने लंड को हटा लिया, वे मेरे ऊपर लेट गए और होंठों को किस करते हुए बोले- बोल जान, चोद दू तुझे?
“हां!”
“पक्का?”
“ह्हा हाँ पक्का।”
“अगर तुम चिल्लाई तो?”
“नहीं चिल्लाऊँगी।”
“पेल दूँ तो फिर?”
“हां पेल दो!”

और उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और अपना गर्म मोटा लंड मेरी फुद्दी में टिका के लंड के सुपारे को मेरी चूत के छेद में मसलने लगे.
मैं उनके सीने से चिपक गई और उनको कस के अपनी बांहों में जकड़ लिया.

ऐसे करते करते वो रुके और बोले- तैयार हो?
“हां।”
“तो लो।”
ऐसा कह के एक जोरदार धक्का लगाया.
“आआआ आअई ईईई ईईई माम्आ अम्आ अम्अम् … निकालो निकालो … बस बस … नहीं नहीं … निकालो!”
उनका आधा लंड मेरी फुद्दी को चीरता हुआ अंदर घुस गया था. इतने में ही मेरी हालत ख़राब हो गई.

उन्होंने मुझसे कहा- क्या हुआ?
“प्लीज निकाल लो … मैं नहीं झेल पाऊँगी.”
पर उन्होंने मुझे कसते हुए दूसरा धक्का भी दे दिया.

मैं कराह उठी. ऐसा लग रहा था कि मेरी सांस बंद हो गई. मेरे मुँह से तो आवाज तक नहीं निकल रही थी.

उन्होंने मेरे दूध को अपने सीने से दबाया और लंड आधा बाहर निकाल के तुरंत एक और धक्का लगा दिया. उनका लंड पूरा मेरी फुद्दी में सेट हो चुका था. मुझे तो पहली चुदाई में भी इतना दर्द नहीं हुआ था. इतना मोटा लंड लेने लायक मेरी फुद्दी नहीं थी.

उन्होंने अपने हाथ से मेरे दोनों पैरों को फंसा के उठा दिया और एक के बाद एक जोरदार धक्के मारने लगे. मैं तो बस चिल्लाये जा रही थी- ऊऊईई ईई आआअह्ह आआअह्ह्ह बस आअह्ह हो गया … निकालो! नहीं करो … मर जाऊँगी.
पर उनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मेरी हर चीख के साथ उनकी रफ़्तार तेज़ हो रही थी. वे मेरे पूरे बदन को अपने बदन से दबा के मसल रहे थे.

मेरा गोरा बदन लाल हो गया, मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे. मैं जोर जोर से चिल्लाये जा रही थी, पूरा पलंग जोरदार तरीके से हिल रहा था.
पूरा कमरा फट फट फट फट की आवाज से गूंज उठा.

फिर उन्होंने एक बार पूरा लंड बाहर निकाला और एक बार में पेल दिया.
“ऊऊईई ईईई ममममा मामामामा बस करो!”
पर वो नहीं रुके.

मैंने अपने नाख़ून उनकी पीठ पर गड़ा दिए थे. उन्होंने भी मुझे अपने से चिपका लिया था और पूरी ताकत से मेरी चुदाई किये जा रहे थे.

करीब 20 मिनट बाद उनका गर्म गर्म पानी मेरी फुद्दी में भर गया और उनकी रफ्तार कम होते होते रुक गई मगर लंड अभी भी अन्दर ही था. उनके लंड से फुद्दी कसी हुई थी; आज वो बुरी तरह फट चुकी थी.

हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे. कुछ देर में मेरा दर्द भी कम हुआ और उनका लंड ढीला होकर अपने आप बाहर निकल गया.
वो अपने जीभ से मेरे होंठों को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगे और मेरी आँखों में देखते हुए बोले- सोनम कैसा लगा?
मैं कुछ भी नहीं बोल रही थी, एकदम शान्त लेटी हुई थी.

वो बोले- देखा … इसको कहते हैं चुदाई.
बात करते करते वो मेरे निप्पल को दबाते जा रहे थे.

कुछ देर में ही उनका लंड दुबारा खड़ा हो गया तो वो मुझे बोले- देखो, ये फिर तैयार हो गया. तुम तैयार हो न?
मैं बोली- अब हो गया न … अब कितना करोगे?
“अभी तुमको मजा कहाँ मिला मेरी जान … अभी तो तुमको मजा देना बाकी है. और अभी तो पूरी रात है. मैं जानता हूँ कि तुम आज के बाद शायद ही मुझे मिलो और तुम्हारी जैसी माल मुझे दुबारा कहाँ मिलेगी. आज तो मैं अपनी हर इच्छा पूरी करूँगा.

ऐसा कहते हुए उसने मेरा निप्पल अपने मुँह में ले लिया.



कुछ देर में ही उनका लंड दुबारा खड़ा हो गया तो वो मुझे बोले- देखो, ये फिर तैयार हो गया. तुम तैयार हो न?
मैं बोली- अब हो गया न … अब कितना करोगे?
“अभी तुमको मजा कहाँ मिला मेरी जान … अभी तो तुमको मजा देना बाकी है. और अभी तो पूरी रात है. मैं जानता हूँ कि तुम आज के बाद शायद ही मुझे मिलो और तुम्हारी जैसी माल मुझे दुबारा कहाँ मिलेगी. आज तो मैं अपनी हर इच्छा पूरी करूँगा.

ऐसा कहते हुए उसने मेरा निप्पल अपने मुँह में ले लिया.

अब मैं भी फिर से गर्म होना शुरू हो गई, मेरी चूत फिर से गीली होने लगी; मेरी सिसकारी फिर से शुरु हो गई. दीदी के बॉस का कठोर हाथ मेरे गोरे बदन को सहलाने लगा. मेरे निप्पल अपने आप टाईट होकर तन गए. मेरे बदन का रोम रोम खड़ा हो गया. अजब सी गुद्द्गुदी होने लगी मेरी फुद्दी में.

मेरी दोनों टांगें अपने आप फैल गई और उनको अपनी अगोश में ले लिया.
इस बार का अनुभव ही अलग लग रहा था

उन्होंने अपना मुसल जैसा लंड मेरी फुद्दी में उतार दिया. मुझे इस बार अच्छा लग रहा था.
वो बोले- देखा, अब दर्द भी गायब हो गया.
और अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगे. उनका लंड अब आराम से मेरी मस्त चूत में अंदर बाहर होने लगा. मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई; मुझे इतना ज्यादा आंनद मिल रहा था.

वे मेरे गुलाबी गाल को चूमते हुए बोले- सोनम जान, मजा आ रहा है न अब तुम्हें?
“हां … बहुत अच्छा लग रहा है.”
“तो क्या मैं तुमको और जोर से चोदूँ?”
“जी हां सर … चोदिए ना!”

“बहुत टाईट है तेरी फुद्दी!”
“तुम्हारा लंड भी तो बहुत मोटा है.”
“फट जाएगी तेरी फुद्दी!”
“फट जाने दो … बस तुम चोदते रहो!”

अब उनकी चुदाई की स्पीड तेज़ हो गई. मैं भी ‘आआआ अह्ह्ह आअह … और तेज़ … और तेज़ पेलो … मजा आ रहा है … और जोर से … आअह्ह्ह आआअह्ह्ह …’ बोल कर अपनी चूत चुदाई का मजा ले रही थी.

वो भी मेरी चिकनी जवानी का पूरा मजा ले रहे थे. अब तो वो पूरी ताकत लगा कर मुझे चोद रहे थे. आज पहली बार मुझे ऐसी जोरदार चुदाई का मजा मिल रहा था. मेरी तो आत्मा तक प्रसन्न होने लगी थी.

अब बॉस ने मेरे मुँह पे अपना मुँह लगा लिया. हम दोनों की गर्म साँसें आपस में मिल रही थी. मैंने अपनी जीभ निकाल कर उनके मुँह में डाल दी और वो किसी आइसक्रीम की तरह उसको चाटने, चूसने लगे.
मुझे तो ज़न्नत का सा मजा मिलने लगा.

जब उन्होंने मेरी जीभ को अपने दांतों के बीच में दबा कर हल्के हल्के दबाना शुरु किया तो मेरी तो सिसकारी निकल गई. मैंने अपने चूतड़ ऊपर हवा में उठा दिये और उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे लगा कर मेरे चूतड़ों की गोलाई को थाम लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगे. अब तो उनका लंड और भी अच्छे से मेरी गर्म फुद्दी में घुस रहा था.

कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर से उतर कर मेरी बगल में लेट गए और मुझे उनके ऊपर आने का इशारा किया.
मैं तुरन्त उनके ऊपर हो गई और उनके लंड को अपनी फुद्दी में लगा कर बैठ गई. पूरा लंड मेरी फुदी में घुस गया और मेरी बच्चेदानी को टक्कर मारने लगा.

“ऊऊऊ ऊईईई ईई माँ … उफ्फ्फ … आआअह्ह …” करते हुए मैं दीदी के बॉस के लंड पे कूदने लगी. वो मेरी गांड को पकड़ के जोर लगा रहे थे, गप गप लंड मेरी चुत के अंदर घुस रहा था.

वे मुझे अपनी ओर झुका कर मेरे चूचों को मसलते हुए बोले- और तेज़ सोनम … और तेज़!
मैं भी तेज़ी से उछाल मारने लगी.

करीब 5 मिनट बाद वो मुझे पलंग से नीचे ले गए और मेरे पीछे आ गए और मेरी कमर पकड़ के पूरा लंड उतार दिया मेरी प्यासी फुद्दी में! और मेरी गोरी गोरी पीठ को चूमते हुए मेरी चुदाई करने लगे.

कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उन्होंने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और मेरे सामने आ गए; मुझे पैर को फैलाने को कहा. मैं फैलाकर खड़ी हो गई. उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाला और लंड फुद्दी में लगा कर एक हाथ मेरी गांड में लगा के लंड पेल दिया मेरी चूत में!

अब हम दोनों की ही कमर चलने लगी; मेरे दूध उनके सीने से रगड़ने लगे.
मुझे असीम आनन्द मिल रहा था. मैं ये सब सह नहीं सकी और मेरा पानी छूट गया. गर्म गर्म पानी मेरी जांघो से होता हुआ फर्श पे गिरने लगा.

कुछ देर में ही वो भी झड़ गए. मैं थक चुकी थी और तुरंत ही बिस्तर पे लेट गई.
और वो अपना लोवर पहन कर बोले- मैं आता हूँ जान एक ड्रिंक लगा के!

मैं वैसे ही नंगी लेटी रही और मेरी आँख लग गई.

मैं अपनी चुदाई के बाद यू ही नंगी बिस्तर पर लेटी थी और कब मेरी नींद लग गई पता नहीं चला.

अचानक मुझे अहसास हुआ कि मेरे जिस्म में कुछ गुदगुदी सी हो रही है. मैंने अपनी आँखें खोली तो देखा कि कोमल के बॉस और उनका दोस्त दोनों ही मेरे नंगे बदन से चिपके हुए हैं.
मैं उठकर बैठ गई और कहा- आप दोनो यहाँ क्या कर रहे हो?
बॉस बोले- डरो नहीं, बस प्यार ही तो कर रहे हैं जान तुम्हें!
मैं बोली- नहीं नहीं … आप दोनों एक साथ मेरे साथ क्या करना चाहते हैं?
“कुछ नहीं … बस एक साथ प्यार करेंगे तुमको! डरो नहीं … बस मजा लेती रहो तुम आज!”

मैं कुछ बोल पाती कि उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और सोफे में बैठा दिया और दोनों लोग मेरे बगल में बैठ गए.
वहाँ पे पहले से ही वाइन के 3 ग्लास तैयार थे. बॉस ने अपने हाथों से मुझे एक ग्लास वाइन पिला दी और फिर उन लोगों ने भी पी.

दोनों मेरे नंगे जिस्म को सहलाते जा रहे थे. इसके बाद कुछ टाइम में दूसरा और फिर तीसरा ग्लास भी ख़त्म कर लिए हम लोग.
अब तो वाइन का नशा जम से सर चढ़ के बोल रहा था!

बॉस बोले- आज तेरी जवानी की बून्द बून्द चूस लेना है हमको!

उनका दोस्त मेरी चूत को सहलाते हुए बोला- यार, असली माल तो ये है. इसको चोदने में जो मजा है वो किसी और में कहाँ!
और मेरे होंठों को चूमने लगा.

मैं भी अब उनका साथ देने लगी और वे दोनों मेरे ऊपर टूट पड़े. दोनों का ही लंड 9 इंच का रहा होगा. दोनों बारी बारी से कभी मेरी चूत, कभी दूध को मसल रहे थे. मैं उन दोनों के लंड को अपने हाथ से सहला रही थी.
ऐसे सीन तो मैंने केवल ब्लू फिल्मों में ही देखे थे. आज मैं भी एक रंडी की तरह ही हो गई थी.

कुछ ही पल में उन दोनों ने मुझे गर्म कर डाला. उनके दोस्त मेरी चूत चाट रहे थे और बॉस ने अपना मोटा लंड मेरे मुँह में डाल दिया! मैं भी मजे से उनके लंड को चूस रही थी.

उनके दोस्त ने मेरी दोनों टांगें उठा दी तो मेरी गांड का छेद उनके बिल्कुल सामने आ गया. वो अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में फिराने लगे. वासना से मेरा छेद अपने आप आगे पीछे और खुलने बंद होने होने लगा.
बहुत देर तक दोनों मेरे जिस्म का मजा लूटते रहे.

अब वो दोनों भी बिल्कुल तैयार थे, उनके दोस्त ने मुझे गोद में उठा कर बिस्तर पर पटक दिया!

बॉस बिस्तर पर लेट गए और मुझे कहा- चल साली आजा मेरे लंड पे बैठ!
मैंने उनके लंड को फुद्दी में लगा के अंदर कर लिया और लंड पर कूदने लगी.

उनके दोस्त ने मेरे मुँह के पास आकर अपना लंड मेरे मुँह में ठूस दिया. अब तो मेरी फुद्दी और मुँह दोनों ही चुद रहे थे.
फिर कुछ देर बाद उनके दोस्त ने मुझे कहा- चल साली, अब तू झुक जा … अब तेरी गांड मारनी है मुझे!

मैं तुरंत बोली- नहीं … वहाँ नहीं! फुद्दी में कर लो … वहाँ नहीं!
मगर वो नशे में था … उसने मुझे बॉस नंगे जिस्म के ऊपर लेटा दिया और मेरे पीछे आ गया.

बॉस ने भी मुझे अपनी बांहों में कस लिया और कहा- रानी जब तक गांड नहीं मरवाओगी, तब तक चूदाई पूरी कहाँ होगी तेरी!
दीदी के बॉस का लंड अभी भी मेरी चूत के अन्दर ही था.

उनके दोस्त ने अपना लंड मेरी गांड के छेद से लगाया और मेरी मोटी गांड को दोनों हाथ से थाम लिया और जोर से धक्का लगाया.
उनका लंड छिटक कर मेरी पीठ की तरफ चला गया. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ, मैं जोर से चिल्लाई- उईईई ईईई!
तो वो बोले- रुक साली … अभी तो गया ही नहीं, चिल्ला क्यों रही है?

तभी बॉस उनको बोले- अरे ऐसे नहीं … गांड के छेद में कुछ क्रीम लगा ले नहीं … तो ये साली मर जाएगी.

तो वो पास में रखी एक जैतून के तेल की शीशी ले आये और मेरी गांड छेद में टपका कर उंगली से उसे मेरी गांड में भरने लगे. वो अपनी पूरी उंगली मेरी गांड में डाल रहे थे और मुझे भी कुछ कुछ अच्छा लगने लगा था.

अब उन्होंने थोड़ा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर से अपने लंड को मेरी गांड के छेद में लगा के जोर लगाया. इस बार लंड एकदम निशाने पर लगा और मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.

मेरी जोरदार चीख निकली- आआआह आआऔऊऊ ऊऊऊहह ऊऊऊईई … मर गईईईई ईईईईई मैं … बाहर निकालोओ ओओ ओओओ!
मगर वे दोनों जालिम कहाँ मानने वाले थे … दोनों दनादन मुझे चोदने लगे … एक मेरी चूत में धक्के लगा रहा था नीचे से अपने चूतड़ उछाल कर तो दूसरा ऊपर से मेरी गांड में अपना लंबा लंड ठोक रहा था.

पूरा कमरा मेरी चीखों से गूंज रहा था. दोनों दोस्त किसी जंगली जानवर की तरह मेरी दोहरी चुदाई कर रहे थे. मेरी गांड पर थप थप धक्के पड़ रहे थे. मेरी गांड का छेद इतना टाईट था कि उनका लंड एकदम चिपक के अंदर घुस रहा था.

उसके बाद तो वे दोनों बारी बारी से बदल बदल कर कभी गांड कभी फुद्दी को चोदते रहे. कभी मुझे किसी आसन में कर के चोदते कभी किसी आसन में!

करीब 30 मिनट तक मैं दोनों से ऐसे ही चुदती रही. जब उं दोनों का पानी निकल गया तो उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया.
मेरी चूत और गांड से दोनों का वीर्य बह रहा था.

मैंने बुरी तरह से थक चुकी थी. मेरी गांड पहली बार चुदी थी, मेरी गांड फट चुकी थी, उसने बहुत दर्द हो रहा था. मेरी आँखों से आंसू रुक नहीं रहे थे. मैं नंगी ही लेटी रही. बहुत दर्द हो रहा था.

मैं सोचने लगी कि इसमें दीदी के बॉस और उसके दोस्त का कोई कसूर नहीं … मैं खुद अपनी मर्जी से यहाँ चुदाई के लिए ही तो आयी थी. फिर मैंने सोचा कि चूत चुदाई में तो मुझे बहुत मजा आया लेकिन गांड मरवाने में बहुत तकलीफ हुई. मैं खुश भी थी कि अब मुझे आगे से गांड मरवाने में इतना दर्द नहीं होगा क्योंकि मेरी गांड को लंड खाने की आदत पड़ गयी है.
मैं सोने की कोशिश करने लगी.

करीब एक घंटे बाद उनका दोस्त फिर रूम में आया और मुझसे लिपट गया. उसने एक बार फिर मेरी चुदाई की. किसी रंडी की तरह मैं बस चुदी जा रही थी.

उस रात मुझे उन दोनों ने मुझे 6-7 बार चोदा.

सुबह हुई और मैं कपड़े पहन कर बाहर रूम में आई कोमल और वो दोनों वहीं थे.

फिर हम सबने नाश्ता किया और वो दोनों चले गए.

तब कोलम को मैंने कोमल को बताया कि मेरी उं दोनों ने मुझे पूरी रात रौंदा, मेरी गांड भी मारी.
कोमल ने बताया कि वो भी 3 बार चुदी थी पूरी रात में. एक बार अपने बॉस से और दो बार बॉस के दोस्त से!

अब मेरी फुद्दी तो ठीक थी पर गांड में बहुत दर्द था.
हम दोनों घर वापस आ गई.

रात में कोमल ने मुझे एक एक स्टेप पूछा कि मेरी चुदाई कैसे हुई थी. उसने बताया कि वो हमारी चुदाई की पूरी कहानी लिख कर नेट पर भेजेगी.
तो मैंने अपनी बहन कोमल को दोबारा अपनी चुत और गांड की चुदाई की पूरी कहानी बताई कि पूरी रात क्या क्या हुआ मेरे साथ! एक एक स्टेप उसे बताया.

Post a Comment

0 Comments