दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ.
मैं और मेरे परिवार में दो बहनें हैं. मैं सबसे छोटा हूँ, मेरी बड़ी बहन अल्पा 35 साल की हैं और उनकी शादी गुजरात मैं ही हो गयी है. वो हमारे गाँव के पास के गांव में ही रहती हैं. दूसरी बहन सेजल है, जो 32 साल की है. उनकी भी शादी हो गयी थी, लेकिन एक दुर्घटना में मेरे जीजाजी की मौत हो गयी थी. मैं गुजरात के बाहर जॉब की वजह से चला गया था.
मेरे जीजाजी की मौत हो जाने के बाद मैं हमेशा मेरी विधवा बहन, जो मुझसे बड़ी है, उनका ख्याल रखता था. मेरी बहन, उनकी पांच साल की बेटी और उनके ससुर एक साथ रहते हैं.
पिछली बार जब मैं गुजरात गया था, तो मैंने सोचा था कि दो दिन अपनी इसी बहन के घर भी रहकर आऊं तो उनको भी अच्छा लगेगा.
जब मैं उनके घर गया, तो वो रसोई में खाना पका रही थीं. मैंने देखा कि मेरी बहन बड़ी ही गजब लग रही थीं. उन्होंने उस वक्त लेग्गिंस और स्किन टाइट कुर्ता पहना हुआ था, जिसमें से उनके छत्तीस साइज़ के बड़े बड़े मम्मों की गोलाईयां साफ़ नज़र आ रही थी और चूचों के बीच पतली सी गली भी दिख रही थी, जो सीधा नाभि तक जा रही थी. नीचे उनकी लेग्गिंस से उनकी चिकनी टांगें ऐसे नुमायां हो रही थीं जिससे किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
किसी के आने की आहट पाकर वो मुड़ीं … और मुझको देख कर खुश होकर बोलीं- अरे राहुल भैया, आप कब आए … और कैसे हो?
मैंने उनको बताया कि मैं बस अभी आया हूँ … और एकदम ठीक हूँ.
फिर थोड़ी देर हमारी बातें हुईं. उनके ससुर घर के पास ही पड़ोसी के पास बैठे थे. कुछ देर बाद वो भी आ गए थे और फिर रात को डिनर हम लोगों ने साथ में लिया. उनके घर में रसोई, एक बेडरूम और एक सामान रखने के लिए एक छोटा सा कमरा था. एक बड़ा कमरा था, जिसमें वो लोग सोते थे.
उनके घर में डबल बेड नहीं था. चूंकि घर में मेरी बहन, उनकी बेटी और ससुर रहते थे, तो उनको ये अच्छा नहीं लगता था कि वे सब एक ही बिस्तर पर सोएं.
खाना खाने के बाद हम लोगों ने थोड़ी बातें की. अब तक रात के ग्यारह बज गए थे.
मेरी बहन ने कहा- काफी रात हो गई है … हमको सो जाना चाहिए. मैं बिस्तर लगा देती हूँ.
मेरी बहन ने एक साइड में मेरा बिस्तर डाला और बीच में अपने ससुर का और एक साइड में अपना और अपनी बेटी का एक साथ बिस्तर लगा दिया.
रात के करीब एक बजे मैंने कुछ आवाज़ सी सुनी, जिससे मेरी नींद खुल गयी.
मैंने जो पतली सी चादर ओढ़ रखी थी उसमें से मैंने देखा तो मेरी बहन नाइट गाउन में अपने ससुर के बिस्तर पर सोई थीं.
पहले तो ये सब देख कर मैं चौंक गया कि मेरी बहन का ससुर उनको अपने साथ सुलाता है. फिर मैंने सोचा कि हो सकता है कि ये सब शारीरिक भूख मिटाने के लिए बहन की तरफ से ही समझौता हो. तब भी आज वो दोनों मेरी नींद खुलने के डर से चुपचाप ऐसे ही एक साथ लेटे थे.
ये सब विचार बड़ी तेजी से मेरे दिमाग को क्रोध से भर रहे थे … और उन दोनों को एक साथ लेटे देख कर मेरी झांटें सुलग गई थीं. मेरे दिमाग़ में ख्याल आ गया कि मैं दीदी के ससुर को अभी के अभी चांटा मार दूं.
कुछ पल अपनी बहन को देखने के बाद मेरे दिमाग में सेक्स चढ़ने लगा और फिर से ये ख्याल आ गया कि हो सकता है कि मेरी बहन को ही अपने ससुर का साथ पसंद हो … आख़िर उनके पति की मौत के बाद उनको भी मर्द के साथ की ज़रूरत हो.
ये सब सोच कर मैं भी ऐसे ही पड़ा रहा और अपनी बहन के मदमस्त शरीर का जायजा लेता रहा.
फिर कुछ बीस मिनट के बाद मेरी बहन बैठ गई और उन्होंने अपने ससुर की नाइट ड्रेस को उतार दिया. फिर वो अपने ससुर के बिल्कुल मुर्दा पड़े हुए लंड को चूसने लगीं.
हालांकि तभी उनके ससुर ने धीमे से कहा भी- सेजल आज रहने दे, तेरा भाई जाग गया, तो प्राब्लम हो जाएगी.
लेकिन मेरी बहन ने कहा- नहीं, मुझे आज चाहिए ही है.
वो उनके लंड को बड़ी तन्मयता से चूसने लगी थीं. मेरी बहन के ससुर भी गर्म होने लगे और वे उनके मम्मों को दबाने लगे.
थोड़ी देर में ही उनके ससुर का लंड टाइट हो गया. तभी मेरी बहन ने तकिए के नीचे से कंडोम निकाला और अपने ससुर के लंड पर चढ़ा कर लंड पर एक किस करके बगल में पैर खोल कर लेट गईं. फिर उनके ससुर उनके ऊपर चढ़ गए और उन्होंने मेरी बहन को अपने पैर ऊपर उठाने को कहा.
मेरी बहन ने अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा दिया. मेरी बहन के पैर उठने से उनकी चुत का मुँह खुल गया और उनके ससुर से एक ही शॉट में अपना पूरा लंड मेरी बहन की चुत के अन्दर पेल दिया. मेरी बहन के मुँह से एक हल्की सी उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकली और उन्होंने अपने ससुर का लंड खा लिया.
उसके ससुर ने भी लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. वे अपने पूरे लंड को चूत के अन्दर बाहर करने लगे. मेरी बड़ी बहन ‘आआ आहह ओह …’ कर रही थीं.
थोड़ी देर के बाद उनके ससुर ऐसे ही चुत में लंड डाले हुए रुक गए. मुझे लगा कि उनका रस आने वाला है, इसलिए वो रुक गए. लेकिन वे अभी झड़े नहीं थे. एक अनुभवी मर्द के द्वारा चुदाई के बीच में ऐसा इसलिए भी किया जाता है कि जब रस आने को होता है, तो अक्सर मर्द रुक जाता है. इससे उसका जूस भी निकलने से रुक जाता है.
अब ससुर मेरी बहन के जिस्म को एंजाय करने लगे. वो मेरी बहन के मम्मों को दबाने लगे और आम की तरह चूसने लगे.
एक मिनट बाद वो वापस से चुत में धक्के देने लगे. फिर कुछ मिनट में मेरी बहन झड़ने लगीं. वो अपने चरम पर आते ही ज़ोर ज़ोर से पूरा लंड अपनी चुत में गांड उछाल उछाल कर लेने लगीं. वो शायद झड़ने लगी थीं.
तभी ससुर का लंड भी मेरी बहन की चुत में झड़ने लगा. एक मिनट बाद वो दोनों शांत हो गए.
ससुर ने मेरी बहन की चुत से अपना लंड बाहर निकाला और मेरी बहन की चिकनी चुत पर किस करके बोले- ले अब इसकी छतरी को बाहर निकाल कर साफ़ दे.
मेरी बहन ने उनके लंड पर लगे कंडोम को निकाला और फिर लंड को कपड़े से साफ़ कर दिया.
कुछ देर बाद वे दोनों अपनी अपनी जगह पर सो गए.
दूसरे दिन जब दीदी के ससुर सब्जी लेने बाजार गए, तो मैंने ऐसे ही बातों बातों में अपनी बहन से बात करना चाहा.
उनसे कुछ इधर उधर की बात करने के बाद मैंने उनसे पूछा- एक बात पूछूँ?
उन्होंने कहा- हां पूछो ना!
मैंने एकदम से साफ़ कहा- जीजाजी का देहांत हुए चार साल हो चुके हैं, तो इसके बाद आपको सेक्स की ज़रूरत नहीं होती?
मेरे सवाल पर दीदी ने शरमाते हुए कहा- धत्त … ऐसी बात नहीं करते.
मैंने कहा- दीदी, मैं भी एक शादीशुदा आदमी हूँ, तो मैं आपको समझ सकता हूँ.
मेरी बात पर वो कुछ नहीं बोलीं.
मैंने कहा- दीदी तुम मेरी बात को अन्यथा मत लेना, पिछली रात को जो हुआ था, वो सब मैंने अपनी आंखों से देखा है.
मेरी बात सुनकर वो हैरान हो गईं और पूछने लगीं- क्या देखा था?
मैंने कहा- बनिए मत … अब आप मुझको ये बताओ कि वो सब तुम अपनी मर्ज़ी से उनके साथ करती हो या वो फोर्स करते हैं?
वो गहरी सांस लेकर बोलीं कि बस एक त्योहार के दिन उन्होंने मुझे हग कर दिया था, लेकिन काफ़ी सालों बाद एक मर्द की बॉडी टच हुई थी, तो मैंने भी उनको हग किया. फिर हम दोनों गर्म हो गए थे और फिर यह हो गया. मुझे भी यह सब चाहिए था. इसे पाने के लिए या तो मैं बाहर जाती … और कोई देख लेता तो बड़ा खराब लगता. इसलिए मैंने सोचा कि इससे अच्छा है कि घर की बात घर में ही रहे. बस हम दोनों की आपसी सहमति से ही ये सब होता है. तुम प्लीज़ ये बात किसी को नहीं बताना.
मैंने कहा- मैं अभी बात कर रहा हूँ … तो मैं समझ सकता हूँ, लेकिन आप बुरा नहीं मानो, तो मैं यह सब देख कर और सुन कर … इतना गर्म हो गया हूँ कि अब मुझसे रहा नहीं जाता है.
मेरी बहन ने मेरी वासना को समझ लिया और उसने हंस कर कहा- ठीक है तुम मुझसे वादा करो कि मेरे और मेरे ससुर के बारे में किसी को कुछ नहीं बताओगे, तो भैया मैं आपको भी चान्स दूँगी.
मैंने हंसते हुए कहा- क्या नहीं बताऊं किसी को?
वो कहने लगीं कि रात वाली बात!
मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा- कौन सी बात … ज़रा खुल कर बताओ न?
उन्होंने दबे हुए स्वर में बोला- ससुर जी के साथ सेक्स वाली बात!
मैंने कहा- देसी हिन्दी में बोलो ना?
अब उन्होंने रंडियों की तरह सीना फुलाया और बोला- मेरे ससुर से चुत चुदाने वाली बात.
मैंने भी बोल दिया- अगर मुझे भी वो चुत चोदने के लिए मिल जाए, तो मैं किसी को नहीं बोलूँगा.
दीदी ने कहा- ओके … लेकिन जब मेरे ससुर घर पर नहीं हों तब तुम कर सकते हो.
मैंने कहा- नहीं … आज रात को साथ में सेक्स करेंगे और तुम्हारे ससुर के सामने करेंगे.
मेरी बहन ने कहा- ऐसा नहीं हो सकता.
मैंने कहा- आप बस ये बताओ कि आपकी इच्छा है उनके सामने चुदने की?
इस बात पर उन्होंने बिल्कुल रंडियों वाली हंसी के साथ हां में गर्दन हिला दी और कहा- जवान लंड तो हर चुत वाली को पसंद होता है, तुम अगर कोई जुगाड़ कर सको … तो मैं तुम दोनों के लंड से चुदने को भी तैयार हूँ. मुझे बड़ी इच्छा भी है कि मैं एक साथ दो के साथ चुदाई का मजा लूं.
बहन की गर्मगर्म बातें सुनकर मैं बयान नहीं कर सकता कि उस वक़्त मेरे पेंट में मेरे लंड की हालत क्या हो रही थी.
मैंने कहा- आप एक काम करो, पिछली रात की तरह तुम लोग आज भी चुदाई करना. उसी समय मैं अचानक जाग जाउँगा और फिर तुम दोनों को रंगे हाथों पकड़ कर चिलाने लगूंगा कि ये सब क्या हो रहा है? इससे आपके ससुर शर्मिंदा हो जाएंगे और फिर जो मैं बोलूँगा वो आपके ससुर को करना पड़ेगा.
दीदी को सारी कहानी समझ आ गई और वो मेरे सीने से लग कर मुझे चूमने लगीं.
मैंने दीदी के दूध मसलते हुए कहा- बस फिर हम तीनों साथ मिल के मज़े करेंगे.
दीदी ने मुझसे अलग होते हुए हामी भर दी.
मैंने कहा- आज हम सब खुलासा के समय पहले पार्टी करेंगे. इसके बाद चुदाई का मजा लेंगे.
दीदी ने मेरे लंड को पकड़ कर हिला कर ओके कह दिया और मुझे धक्का देकर जाने के लिए कह दिया.
मैं लंड सहलाता हुआ बाहर चला गया और एक सिगरेट सुलगा कर अपनी विधवा बहन की चुदाई चुत के लिए सोचने लगा. फिर मैं थोड़ी देर के लिए मार्केट की तरफ निकल गया और अपने लंड को सहलाते हुए घूमने लगा.
बाजार से वापस आते वक़्त मैंने दो सेक्स पावर की गोलियां और एक व्हिस्की की बोतल ले ली और घर आ गया.
हमारे प्लान के मुताबिक रात के वक़्त खाना खाने के बाद लाइट बंद करके हम सब सो गए. कमरे में सिर्फ़ एक ज़ीरो वॉट का बल्ब जल रहा था, जिससे बहुत ज़्यादा तो नहीं … लेकिन हम एक दूसरे को देख ज़रूर सकते थे.
कुछ देर बाद हम सब सो गए और फिर कोई चालीस मिनट के बाद जैसे ही मेरी रंडी बहन के ससुर को लगा कि अब कोई प्राब्लम नहीं है, तो वो नंगा हो कर अपना लंड हिलाते हुए मेरी बहन को दिखाने लगा.
मेरी बहन भी उठ कर उनके बिस्तर पर जाकर बैठ गयी. वो उनका लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगीं. फिर वो ससुर के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. इस सबसे उनके ससुर का लंड बिल्कुल टनटना गया और आसमान की ओर खड़ा हो कर सलामी देने लगा.
मेरी रंडी बहन मज़े से अपने ससुर के लंड को पूरा मुँह में ले कर चूसने लगीं.
उनके ससुर ने धीरे धीरे दीदी के भी कपड़े निकालने शुरू कर दिए और उन्हें सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में ला दिया.
यह सब देख कर ही मेरा हाल खराब हुआ जा रहा था. तभी दीदी के ससुर ने उनकी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी और बहन के मम्मों को चूमते दबाते हुए चूसने लगे. धीरे धीरे पेट से होते हुए वो मेरी बहन की चुत को अपनी जीभ से चाटने और चूसने लगे.
इस सबसे मेरी बहन की सिसकारियां निकलने लगीं. तभी मैंने नींद में से उठने का नाटक करते हुए ज़ोर से चिल्ला दिया- सेजल दीदी आप यह क्या कर रही हो?
वो दोनों अचानक से अलग हुए … तभी मैंने उठ कर लाइट ऑन करके दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया. मैं उनको हैरान होकर देखने लगा. वो दोनों सहमे हुए से मुझे देखने लगे और कुछ बोल पाने के काबिल भी नहीं रहे.
मैंने गुस्से में आकर एक ज़ोर का थप्पड़ मेरी बहन के ससुर को जड़ दिया और उनसे बोला- अपनी उम्र का तो ख्याल करते … अपनी बेटी जैसे उम्र की बहू के साथ ऐसा करते आपको शर्म नहीं आई?
इससे घबरा कर दीदी के ससुर ने मेरे पैर पकड़ लिए और कहने लगे- मुझे माफ़ कर दो, मैं तुम्हारी बहन की जवानी देख कर बहक गया था और मुझसे ग़लती हो गयी.
मैंने अपनी बहन को भी एक थप्पड़ जड़ते हुए उनसे बोला- साली रंडी तुमको भी शर्म नहीं आई अपने बाप जैसे ससुर के साथ चुदवाते हुए.
वो दोनों कुछ बोलने के काबिल तो थे नहीं … बस दोनों मेरे पैरों में गिर कर माफी माँगने लगे और कहने लगे कि तुम जो सज़ा देना चाहो, हमें दे दो, पर यह बात किसी को मत बताना.
इस बीच मेरी बहन ने मुझे आंख मारते हुए इशारा दे दिया था. मैं थोड़ा नरम होते हुए उनके ससुर से बोला- माफ़ तो मैं तुम्हें कर दूँगा … लेकिन इसकी सज़ा देने के बाद.
मेरी दीदी बोलीं- तुम जो चाहो वो सज़ा दे दो … पर भैया हमारी लाज आपके हाथ में है.
उसके ससुर भी थोड़े नॉर्मल हुए और आशा भरी निगाहों से मुझे देखने लगे.
इस बीच मेरी बहन ने चादर उठा कर अपने शरीर पर डाल ली थी और वो अपने यौवन को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थीं.
मैंने उनके ससुर की तरफ देखा और उनसे पूछा- यह सब कब से चल रहा है?
उन्होंने डरते हुए बताया- दो सालों से.
मैंने एक सिगरेट सुलगाते हुए कहा कि मैं सब विस्तार से सुनना चाहता हूँ.
वो मुझे सिगरेट पीते हुए देख कर कुछ नहीं बोले.
मैंने अपनी बहन को बोला कि आप भी सामने बैठ जाओ. लेकिन पहले तीन गिलास, ठंडा पानी और थोड़ा नमकीन ला कर दो … हम सब बैठ कर पीते हुए आपस में बात करेंगे.
ससुर और मेरी बहन चुपचाप मेरी तरफ देख रहे थे. ससुर को तो कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि वो क्या करे और क्या न करे.
इस बीच मैंने अपनी बहन की चादर खींच ली और उनको ऐसे ही नंगी जाने को कहा. मेरी बहन जैसे ही अन्दर गईं … मैंने उनके ससुर से मुस्कुराते हुए कहा कि आप चिंता मत करो … आज अपनी इस रंडी बहन को मैं भी चोदना चाहता हूँ.
मेरी बात सुनकर वो भी हंसने लगे और बोले- मुझे क्या फ़र्क पड़ता है. तुम भी इसकी बहती जवानी की नदी में डुबकी लगा लो.
अब तक मेरी बहन भी सामान ले कर आ गयी थी. मैंने शराब की बॉटल खोल कर पैग बनाए और हम तीनों ने पैग लगाने शुरू कर दिए.
मेरी रंडी बहन की चुदाई का पूरा इंतजाम कुछ तरह से कर दिया था, जिसमें उसके ससुर को ये लगे कि वो ही कसूरवार था जिस वजह से उसकी बहू यानि मेरी बहन को चुदना पड़ रहा था.
पहला पैग खत्म होते ही बहन के ससुर जी बोले- बेटी तुम्हारा भाई हम दोनों को माफ़ कर देगा … लेकिन उसकी एक शर्त है. वो तुम्हें तुम्हारी मर्ज़ी से एक बार चोदना चाहता है.
मेरी बहन तो पहले से ही तैयार थीं … तो उन्होंने कोई आनाकानी नहीं की और हमारा साथ देने के लिए तैयार हो गईं.
इस बीच दूसरे पैग का दौर शुरू हुआ. दीदी के ससुर ने दो साल पहले मेरी बहन की चुदाई कैसे की, वो किस्सा सुनाना शुरू कर दिया. वो किस्सा मैं आप लोगों को बाद मैं अपनी दूसरी सेक्स कहानी में बताऊंगा.
इसी तरह बातें करते करते रात के एक बज गए और मेरा लंड मेरी नाइट ड्रेस मैं से खड़ा हो कर उन दोनों को दिखने लगा. हम तीनों ने पीना खत्म किया और बाथरूम में जा कर मूतने लगे. पहले मेरी दीदी और ससुर गए थे तो वे दोनों मूत रहे थे. उनके पीछे से मैं बाथरूम में गया था.
वे दोनों मूत कर वापस आने लगे थे. ससुर और बहन तो नंगे ही थे, मैंने बहन को रोका और अपना लंड निकाल कर मूतना शुरू कर दिया. मैंने अपना सारा मूत मेरी बहन की चुत के ऊपर धार मारते हुए गिराने लगा. वो भी मेरे गर्म मूत से मजा लेती रहीं. फिर उन्होंने खुद को साफ़ किया और हम तीनों रूम में आ गए.
फिर मैं जो गोली लाया था, वो निकाल कर मैंने उनके ससुर को दे दी और उनको बोला कि अगर चुदाई का असली मज़ा लेना है … तो इसको ले लो.
फिर मेरी रंडी बहन सेजल ने मेरा और अपने ससुर का बिस्तर एक साथ सैट कर दिया. हम सब बिस्तर पर आ गए.
अब हम दोनों अपनी सेजल रंडी के मम्मों को चूसने लगे. एक दूध मैं चूस रहा था और एक उनका ससुर चूस रहे थे.
मेरी बहन ने भी हम दोनों के लंड हाथ में ले लिए और आगे पीछे करने लगीं. मैं भी अपनी एक उंगली दीदी की चुत में डाल कर आगे पीछे कर रहा था और उन चुत का पानी, जो मेरी उंगली पर लग जाता था, वो उंगली उनके मुँह में दे कर उन्हें ही चुसा रहा था.
इस तरह दीदी के मम्मों को चूसते हुए मैं उनके होंठों को भी चूसने लगा. अपनी जीभ से उनकी जीभ को टटोलने लगा और अपने मुँह का थूक उनके मुँह में देने लगा.
तभी दीदी के ससुर में बहन की चिकनी चुत के पास अपना मुँह लगा दिया. वो उनकी भीगी हुई चुत चाटने लगे.
कुछ देर बाद अब मेरा लंड मेरी रंडी बहन की चुत चोदने के लिए बिल्कुल तैयार था. मेरा मन अपनी बहन की गांड मारने का भी था.
मैंने उनसे बोला कि चल मेरी रांड बहन … अब सीधी लेट जा. … आज तेरा भाई तेरी चुत में अपना लंड डालेगा और वो भी बिना कंडोम के … और तुझे मस्ती से चोदेगा.
वो भी जोश में आ कर बोल पड़ीं- हां भाई … ले चोद ले अपनी बहन की चुत … और भर दे इसमें अपना वीर्य और कर दे मुझे ठंडा.
मैंने नशे में झूमते हुए दीदी के ससुर से बोला- चल बे गांडू … चौड़े कर अपनी रंडी बहू के पैर और रख मेरा लंड उसकी चुत के ऊपर.
ससुर ने बिल्कुल ऐसा ही किया और मेरे लंड को मेरी दीदी की भीगी चुत के मुहाने पर सैट कर दिया. मैंने एक कसके शॉट मारा, तो मेरा लंड फिसल कर साइड में चला गया.
उनके ससुर ने मेरा लंड फिर से सैट करके थोड़ा चुत के अन्दर फंसा कर रख दिया. बस एक करारा धक्का … साथ में शराब का नशा और गोली का असर काम कर गया. मस्त माल के जैसे नंगी पड़ी मेरी की चुत में लंड घुसता चला गया.
दीदी की भी आह निकल गई और वो बोलीं- आह आज पहली बार किसी लम्बे लंड ने ठोकर मारी है … मजा आ गया.
मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था. मेरी बहन भी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी थीं.
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
दीदी के चुत में तो मानो सैलाब आ गया था. मेरी दीदी भी गांड उठाते हुए बोल रही थीं कि वाह भैया … क्या मस्त लंड है … पूरा नाभि तक जा रहा है … और मज़ा भी बहुत आ रहा है.
तभी दीदी के ससुर जी को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने नजदीक आकर अपना लंड मेरी बहन के मुँह में लगा दिया और उसको लंड चूसने के लिए कहने लगे. मेरी बहन भी रंडी की तरह मस्त होकर अपने ससुर कर लंड चूस रही थीं.
मैं भी अपनी स्पीड से लंड को दीदी की चुत में अन्दर बाहर कर रहा था.
तभी मुझे सूझा कि अपनी इस रंडी बहन को आज दो लंड का मज़ा भी करा दूँ.
मैंने दीदी के कान की लौ को चूसते हुए उनके कान में कहा- दो लंड लोगी अपनी चुत में?
उन्होंने भी हां में जवाब दिया.
मैंने उनसे बोला- मेरे ऊपर आ जाओ.
वो मेरे ऊपर आकर लंड को वापिस अपनी चुत में लेकर मेरे ऊपर बैठ गईं. मैंने नीचे से धक्के लगाने चालू रखे. दीदी की चुत इतनी गीली हो रही थी कि उसका पानी बह कर मेरे आंडों को गीला कर रहा था.
मैंने दीदी के ससुर को इशारा किया कि पीछे से आ कर वो भी अपना लंड सैट करके इसकी चुत में डाल दें.
ससुर हैरानी से मेरी ओर देखने लगे और अपनी बहू की और भी ऐसे देखने लगे … जैसे वो उनसे पर्मिशन ले रहे हों कि दूसरा भी डाल दूं?
मैंने शराब के नशे में कहा- अबे भोसड़ी के क्या देखता है … डाल दे बे इसकी चुत में लंड … और हो जा तू भी शुरू.
वो भी पीछे से आ गए और मेरी बहन की चुत में दूसरा लंड डालने की कोशिश करने लगे. मुझे अपने लंड पर उनका लंड महसूस हो रहा था.
मैंने अपनी बहन को मेरे ऊपर लेटा दिया और अपने हाथ उनकी दोनों तरफ से पीछे ले जाकर उनकी चुत को थोड़ा चौड़ा कर दिया. तभी ससुर के लंड को अन्दर डलवाने में दीदी ने भी मदद की.
ससुर ने भी थोड़ा सा रास्ता दिखते ही लंड चुत में पेल दिया, जिससे मेरी दीदी की चीख निकल गयी और वो लंड बाहर निकालने को कहने लगीं.
मैंने उनसे बोला- थोड़ा सब्र रखो … और अपनी चुत को ढीला छोड़ दो. थोड़ी तकलीफ़ होगी, लेकिन बाद में मज़ा भी आएगा.
मैंने पास रखी दारू की बोतल का मुँह दीदी के मुँह में लगा दिया और उनसे दो बड़े घूँट ले लेने के लिए कहा. दीदी ने दो घूंट नीट दारू खींची और इसके बाद तीसरा घूँट ले कर मेरे मुँह से मुँह लगा कर मुझे भी पिला दी.
दीदी को नशे के कारण दर्द कम होने लगा था और उन्होंने अपनी चुत पूरी तरह से ढीली कर दी थी.
फिर ससुर ने थोड़ा थूक लगाया और धीरे धीरे अपना लंड चुत में पूरा डाल दिया. अब मेरी बहन की चुत में एक साथ दो लंड जा रहे थे. शुरू में थोड़ी तकलीफ़ हुई, लेकिन धीरे धीरे उन्होंने दोनों लंड सह लिए और अब वो भी मज़ा ले रही थीं.
मैंने धीरे से दीदी के कान में पूछा- मज़ा आ रहा है ना?
उन्होंने भी बोल दिया- दो से मेरा कुछ नहीं होगा … तीसरा भी होता, तो उसे भी ले लेती.
मैंने कहा- ऐसी सर्विस तो रंडियां भी नहीं दे सकतीं दीदी, आपने कहां से सीखी है.
उन्होंने कहा- कभी आपने मुझे सर्विस का मौका ही कहा दिया है.
हम तीनों हंसते हुए चुदाई का मजा लेने लगे.
ऐसे ही कोई पन्द्रह मिनट तक हम आगे पीछे होते रहे और दीदी की चुत को भोसड़ा बनाते रहे. अब तो दीदी की चुत में से पच पच और सुर सुर की आवाज़ें आ रही थीं और वो भी मज़े से एंजाय कर रही थीं.
थोड़ी देर बाद उनके ससुर जी का माल निकालने को हुआ, तो उन्होंने पूछा- कहां निकालूं?
दीदी ने बोला- सारा पानी चुत में ही छोड़ दो.
ससुर ने भी ऐसा ही किया. उनके लंड का पानी मुझे भी फील हुआ. पानी की वजह से चुत में काफी चिकनाहट हो गयी और मेरा लंड फुल स्पीड से अन्दर बाहर होने लगा.
मैंने एक उंगली सेजल दीदी की गांड के छेद में डाल दी, तो वो चिहुंक उठीं और उसका भी मज़ा लेने लगीं. मैंने उंगली वापस बाहर निकाली और उनकी चुत के पानी से गीली करके वापस गांड में डाल दी. इस बार उंगली आराम से चली गई. इसी तरह से दस मिनट और चुदाई चलती रही. फिर वो फव्वारे की तरह झड़ गईं और दीदी की चुत से ढेर सारा पानी निकल गया.
मैंने भी अपना लंड दीदी की चुत में से निकाला और उसको चूसने के लिए दीदी के मुँह में दे दिया. मैं दीदी से लंड चुसवाने लगा. वो भी मस्त हो कर लंड को ऐसे चूस रही थीं … जैसे कैंडी चूसते हैं.
इसी दौरान मेरी मलाई दीदी के मुँह में गिरने लगी. दीदी ने लंड रस की एक बूँद भी बेकार नहीं जाने दी. उन्होंने सारा माल पी लिया.
मैं बेड पर गिर कर सुस्ताने लगा. वो भी नंगी ही हम दोनों के बीच में गिरकर आराम लेने लगीं.
थोड़ी देर के बाद हम लोग उठ कर बाथरूम में गए और अच्छे से नहा कर एक साथ बाहर आ कर सोने की कोशिश करने लगे.
मुझे नींद नहीं आ रही थी. दीदी के ससुर को भी नहीं आ रही थी. मैंने ससुर को इशारे से दूसरे रूम में बुलाया और हम दोनों ने एक एक ड्रिंक लिया.
मैंने उनसे पूछा- मज़ा आया?
उन्होंने भी हंसते हुए हां में गर्दन हिलाई.
मैंने पूछा- एक राउंड और हो जाए?
उन्होंने कहा- हां क्यों नहीं.
दरअसल मैं सेजल दीदी की गांड मारना चाहता था. उनके ससुर जी पर तो वैसे ही सेक्स पॉवर की गोली और शराब का असर था.
मैंने वापिस रूम में जा कर सेजल दीदी को जगाया और उनके होंठों पर किस करने लगा … गर्दन पर भी किस करने लगा.
इस वजह से वो भी उत्तेजित होने लगीं. तभी दीदी के ससुर जी भी आ गए और उनके मम्मों, कूल्हों और चुत को सहलाने लगे. सेजल दीदी भी आ आ आ आह करने लगीं और हमारा साथ देने लगीं.
हम दोनों यानि मैं और उनके ससुर जोश में आ गए और सेजल दीदी के कपड़े फाड़ कर उनके शरीर के अलग करने लगे. ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को और चूतड़ों को दबाने लगे.
इसी बीच दीदी की ब्रा और पेंटी को मैंने निकाल कर फेंक दिया. अब वो बिल्कुल नंगी हो गई थीं. मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए. मेरा टनटनाता हुआ लंड बाहर आ कर दीदी की चुत को सलामी देने लगा.
मैंने दीदी को उठा लिया और अपने शरीर से चिपका कर नीचे से उनकी चुत में लंड डाल दिया. मैं दीदी की चुदाई खड़े खड़े ही करने लगा.
यह देखकर उनके ससुर भी जोश में आ गए और अपना लंड उनकी चुत में पीछे से डालने की कोशिश करने लगे. उन्होंने जल्द ही लंड चुत में डाल दिया.
अब थोड़ी देर के बाद मैंने सेजल दीदी को नीचे उतारा और उन्हें टेबल के सहारे पीछे घुमा कर खड़ा कर दिया. अब मैंने दीदी के ससुर से तेल लाने को कहा.
मेरी बहन घबराने लगीं और विनती करने लगीं- नहीं पीछे नहीं. जितना करना है, आगे कर लो.
लेकिन मैं कहां सुनने वाला था. तब तक ससुर तेल की बोतल लेकर आ गए और मैंने ढेर सारा तेल अपने मोटे लंड पर लगा लिया. थोड़ा तेल दीदी की गांड के छेद में भी डाल दिया. फिर अपनी दो उंगलियां उनकी गांड में पेल कर आगे पीछे करने लगा.
उधर उनके ससुर ने उनकी चुत में उंगली डाल दी थीं. वे दीदी की चुत में उंगली आगे पीछे करने में लग गए, जिससे दीदी की चुत में से ढेर सारा पानी निकलने लगा और वो वापिस लंड लेने के लिए मचलने लगीं.
उसी समय मैंने एक ही झटके में अपना लंड दीदी की गांड में डाल दिया और जड़ तक उतार दिया.
वो एकदम से हुए हमले से दर्द के मारे चिल्लाने लगीं, तो उनके ससुर ने अपना लंड उनके खुले हुए मुँह में डाल दिया.
मैं दीदी की गांड में लंड के धक्के धीरे धीरे देने लगा. साथ ही अपने एक हाथ से उनकी चुत को सहलाने लगा.
थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद हम तीनों अपने बेड पर आ गए और मैं नीचे लेट गया. सेजल दीदी अपनी गांड का छेद मेरे लंड पर सैट करके मेरे ऊपर आ गईं. उनके ससुर सेजल की चुत में लंड डाल कर सेजल के ऊपर आ कर उन्हें चोदने लगे.
मैं आगे हाथ बढ़ा कर दीदी के मम्मों को भी दबा रहा था और साथ साथ उनके गले पर किस भी करता जा रहा था. उनके ससुर भी अपनी बहू के दूध पी रहे थे और होंठों पर किस भी करते जा रहे थे.
ऐसा लग रहा था मानो एक मशीन के दो छेदों में दो पिस्टन एक साथ अन्दर बाहर हो रहे हों. चुदाई की मादक आवाज़ें भी काफ़ी बढ़िया आ रही थीं ‘फट पाट सट सट फच फक फच … आह आह आहह आहह ऊऊऊऊ आआअहह.
इसी तरह कोई पच्चीस मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद मेरी बहन ने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होने लगीं. तभी उनके ससुर ने भी अपना पानी उनकी लपलपाती चुत में छोड़ दिया. मैंने भी दो चार जबरदस्त धक्के उनकी गांड में लगा कर अपना सारा माल दीदी की गांड में भर दिया. झड़ने के बाद भी मेरा अब लंड खड़ा था.
तभी वो मेरे ऊपर से उतर कर नीचे आ गईं और चुत खोल कर लेट गईं.
तभी मुझे अचानक से पेशाब आई, तो मैंने लंड को दीदी की चुत में पेला और अन्दर डाले डाले ही मूतना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद उनके ससुर ने भी अपना लंड का मूत दीदी की चुत के ऊपर डाल दिया.
फिर हम तीनों ऐसे ही नंगे एक ही बिस्तर पर लेट गए. मैं अपनी बहन की भोसड़ी में उंगली डाल कर सो गया.
सुबह उसकी बेटी ने हम तीनों को जगाया … तब हम सब हड़ाबड़ा कर जागे और अपने कपड़े पहने.
फिर दूसरे दिन पूरे दिन जब भी मेरा लंड खड़ा हुआ, मैंने अपनी बहन की चुत और गांड को जी भर के मारी. उसे दो बार अपना पेशाब भी पिलाया और उसका भी पिया.


0 Comments