प्रियंका कुछ नहीं बोली और आकर मेरे लंड को हिलाने लगी जो संजू की चूत के पानी पूरा भीग गया था. वो मेरे लंड को चूसने लगी.
मैंने अब अपनी सलहज प्रियंका को उठाया और बेड पर लिटा कर अपने लंड को एक ही झटके में उसकी चूत में घुसा दिया.
वो ‘आह … अह … मर गई..’ की एक लंबी सीत्कार करने लगी और फिर मजे लेने लगी.
कोई दस धक्के मारने के बाद अब मैंने उसे बिना लंड निकाले अपनी गोद में उठा लिया और खड़ा होकर उसकी चूत को चोदने लगा.
वो ‘आह … ईस्स … ओह. … मम्मी मर गई..’ कह कर चिल्लाने लगी.
मैंने उसे इसी पोज में लगभग दो-तीन मिनट चोदा. फिर उसे डॉगी पोज में लाकर पीछे से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और ताबड़तोड़ चोदने लगा.
प्रियंका के मुँह से जोर जोर से आवाजें आने लगीं. उसका पूरा बदन आग पीछे होने लगा. वो पसीने से तरबतर हो गई. उसका गला सूखने लगा.
मेरा धक्के अब और तेज हो गए थे.
वो जोर जोर से चीखे जा रही थी- आह … मम्मी … मार डाला … ओह … आह … अरे बाप रे मर गई …
ये सब मेरी बीवी संजू और उसका भैया नीरज देख रहा था. अचानक नीरज बोला कि जीजा जी … थोड़ा धीरे कीजिये ना … लगता है प्रियंका को काफी दर्द हो रहा है.
तभी बीच में प्रियंका यानि कि मेरी सलहज बोल उठी- नहींअअअ. … जीजा जी … आप कीजिए … मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है … आह ऐसा मजा आज तक नहीं आया था.
ये सुनकर संजू नीरज को देखकर मुस्कुरा दी.
मैं प्रियंका को बेतहाशा चोदे जा रहा था. कुछ देर बाद मैंने उसे पीठ के बल लिटा कर उसकी गांड के नीचे दो तकिया रख दिए और अपना लंड एक ही झटके में चूत में घुसा दिया.
हम सबने देखा कि प्रियंका की चूत के बगल से थोड़ा सा खून आ गया था. यानि कि मेरी जबरदस्त चुदाई से ये हुआ था.
मैं फिर से प्रियंका को बेतहाशा चोदने लगा. तभी वो बोली- आह जीजा जी … मेरा फिर से होने वाला है.
मैंने अपनी स्पीड को बरकरार रखा. तभी प्रियंका का बदन अकड़ा और वो मुझसे कसके लिपट कर बेतहाशा झड़ने लगी. वो झड़कर हांफते हुए मुझे जकड़े हुए थी.
मेरा अब तक नहीं हुआ था, तो मैं उसे चोदने में लग गया.
वो कराहते हुए बोली- प्लीज जीजा जी मैं अब नहीं सह पाऊंगी प्लीज.
मैंने संजू की ओर देखा. संजू ने इशारे से कहा- कोई बात नहीं … मैं हूँ ना.
मैंने लंड खींच कर प्रियंका को उसी अवस्था में लेटे रहने दिया.
मैं संजू के पास आ गया और उसके मुँह को किस करने लगा. उसके मुँह से नीरज के वीर्य चाटने की वजह से कुछ अजीब सा टेस्ट आ रहा था, परंतु मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. मैं संजू को चूसते चूसते अपनी एक उंगली को संजू की चूत में डाल दिया. मैंने देखा कि उसकी चूत अभी भी पूरी गीली थी. ये कुछ कुछ नीरज के वीर्य का भी असर था.
मैंने संजू को पीठ के बल लिटा दिया और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी. आह चुत में नीरज के वीर्य का पूरा नमकीन स्वाद भरा हुआ था.
मैं बिना परवाह किए उसकी चूत को बेतहाशा चूसने लगा. फिर मैं 69 के पोज में आ गया. मैं संजू की चूत को चूसने लगा और वो मेरे लंड को.
अब संजू फिर से पूरी गरम हो गई थी और चुदवाने के लिए बेताब हो गई थी. मैंने उसे डॉगी पोज में किया और पेलने लगा.
संजू की गांड छितराए जा रही थी. इस पोज में उसकी चुचियां पूरी आगे पीछे हिल रही थीं. नीरज अपनी बहन संजू की चूचियों को देख रहा था. वो अपने लंड को सहलाने लगा. उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा.
मैं इधर संजू को ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था. उधर नीरज का लंड फिर से फुंफकार मारने लगा और वो संजू के करीब आ गया.
संजू ने मुस्कुराते हुए इशारे से उसे लंड मुँह में डालने को कहा. नीरज ने वैसा ही किया. अब संजू नीरज के लंड को चूसे जा रही थी और इधर मुझसे चुदवाए जा रहा थी.
ये सब प्रियंका बड़ी गौर से देख रही थी. शायद उसे भी अब अच्छा लगने लगा था. नीरज ‘ईस … आह … उह..’ करने लगा था.
तभी वो बोला- आह जीजा जी, मुझे भी अपनी बहन को चोदना है.
चूंकि मेरा अभी नहीं हुआ था, पर मैं भाई बहन को ज्यादा से ज्यादा चुदवाना चाहता था. इसलिए मैंने संजू की चूत से अपना लंड निकाल लिया.
उसी पोज में नीरज ने अपनी बहन संजू की चूत में अपना लंड पेल दिया और पूरे वेग से चोदने लगा.
मेरी बीवी ‘आह … उह … इस्स…’ करने लगी. उसकी चूत से फचफचा कर पानी निकल रहा था.
मैं ये सब देख कर अपना लंड हिला रहा था, तभी प्रियंका बोली- जीजा जी … आइए न हम आपकी कुछ मदद कर देते हैं. मैं आपसे चुदवा तो नहीं पाऊंगी, लेकिन आपका लौड़ा चूस देती हूँ.
मैंने अपना लंड प्रियंका के मुँह में डाल दिया. वो लेटे लेटे ही मेरा लंड चूसने लगी.
तभी मेरे मन में एक ख्याल आया और मैं प्रियंका के ऊपर आ गया. मैं 69 के पोज में आकर अपना लंड उसके मुँह में डालकर उसकी चूत के क्लीटोरियस को अपने पूरे अनुभव के साथ चूसने लगा.
मेरी मेहनत रंग लाई और प्रियंका की चूत फिर से पानी छोड़ने लगी.
वो लंड को मुँह में लेकर ‘उम्म … अम … अअअ … आह …’ करने लगी थी.
प्रियंका चुदासी हो गई थी, सो वो बोली- जीजा जी फिर से डालिए ना!
मैं बोला- भाभी जी, मेरे लंड के ऊपर आ जाइएगा.
वो बोली- मुझमें इतनी शक्ति नहीं बची है. आप ही ऊपर से चोदिए ना.
मैंने उसे मिशनरी पोज में लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. उसकी दोनों टांगों को सटा कर चोदने लगा. वो लंड लेते ही निहाल हो गई और अजीब अजीब सी आवाजें निकालने लगी.
उधर संजू नीरज को नीचे लिटाकर 69 पोज में उसके लंड को चूस रही थी और अपनी चूत को नीरज से चुसवा रही थी.
तभी संजू ने अपना पोज बदला और घप्प से नीरज के लंड पर बैठ गई. लंड लेते ही संजू अपने भाई के लंड पर आगे पीछे करने लगी.
नीरज बोला- प्लीज इस तरह नहीं करो … इसमें मेरा जल्दी निकल जाता है.
संजू ने मुस्कुराकर कहा- क्या भैया, मेरा भाई होकर डरते हो?
वो जोर जोर से गांड उठाते हुए अपने भाई के लंड को चोदने लगी.
इधर मैंने प्रियंका को पेट के बल लिटा दिया और पीछे से लंड को उसकी चूत में डाल कर उसे हचक कर चोदने लगा.
प्रियंका बोली- आह जीजा जी, ऐसे में गजब का मजा आ रहा है … आह और जोर से चुदाई कीजिए.
मैं और जोर से चुत चोदने लगा.
वो फिर से मजे में चीखने लगी.
मैंने उसे अब बगल में लिटा कर कैंची स्टाईल में लिटाया और जोरदार चुदाई करने लगा. उसी पोज में अपनी उंगली में थूक लगा कर चुदाई करते करते उसकी चूत के दाने को उंगली से रगड़ने लगा.
प्रियंका को अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था. वो बोली- आह जीजा जी … मैं फिर से आने वाली हूँ.
मैं जोर जोर से चोदने लगा और जोर जोर से क्लिट को रगड़ने लगा.
वो थर्राते हुए बोली- आह धीरे से कीजिये ना … लग रहा है जैसे पेशाब निकल जाएगी.
मैंने जानबूझकर और तेज चुदाई करना चालू कर दी. बस वही हुआ, वो पागलों की तरह झड़ने लगी और उसकी मूत की नली से पेशाब की लंबी धार छुलक-छुलक कर निकलने लगी.
वो झड़ गई और पूरा बेड उसकी पेशाब से भीग गया. वो हांफने लगी.
मैं उसे चोदता ही जा रहा था. वो मुझे ढकेलने लगी और हंसकर बोली- बाप रे बाप … आप मर्द हो कि घोड़े हो … आपने तो मेरी जवानी को निचोड़ कर रख दिया.
तब मैं उससे अलग हो गया. मैं आज झड़ने का नाम ही ले रहा था.
उधर संजू पूरा तेज नीरज के लंड के ऊपर नीचे कूद रही थी.
नीरज बोला- थोड़ा रुको मेरा निकलने वाला है.
पर संजू को देखने से लग रहा था कि उसका भी बस निकलने वाला है.
मैंने ये देखा तो मैंने नीरज के ऊपर से संजू को हटाया और अपनी संजू को मिशनरी पोज में लिटाकर उसकी चूत में अपना लंड डाल कर बेतहाशा चोदने लगा.
उधर नीरज ने अपना लंड संजू के मुँह में डाल दिया … जिसे संजू आंखें बंद कर चूसने लगी.
तभी नीरज के लंड से वीर्य का फव्वारा छूटा, जिसे संजू पूरा मुँह में लेकर गटक गई तथा नीरज के पूरा लंड को वीर्य रहित कर दिया.
संजू की आंखें पूरी नशीली हो गई थीं. ये सब प्रियंका देख रही थी.
तभी प्रियंका ने संजू से पूछा- कैसा लगता है लंड का वीर्य?
संजू हंसी और बोली- क्यों आपने अब तक नहीं पिया है क्या?
प्रियंका ने ना में सर हिला दिया.
संजू बोली- बहुत ही टेस्टी, थोड़ा सा नमकीन लगता है … और सबसे बढ़कर बात है कि इस वीर्य में बहुत सारे फायदेमंद तत्व होते हैं, जिसे पीने से महिला के चेहरे और शरीर में निखार आ जाता है. इससे महिलाओं को बहुत फायदा होता है.
ये सब सुनकर प्रियंका बोली- वाह ये तो मैं जानती ही नहीं थी.
इधर मैं भी अब झड़ने वाला था, सो जोर से बोला- संजू बेबी … मैं झड़ने वाला हूँ.
वो बोली- आह मैं भी.
मैं तेजी से संजू को चोदने लगा और फिर संजू का शरीर अकड़ा और वो जोर से झड़ने को अकड़ी और झड़ गई.
इधर मैंने भी चार-पांच जोरदार धक्के मारे और संजू की चूत में आह की आवाज के साथ झड़ने लगा.
आज मेरा वीर्य बहुत ही ज्यादा निकल रहा था. संजू ने भी कहा- क्या बात है मेरे शेर … आज आपके लंड से बहुत ही ज्यादा वीर्य निकल रहा है.
उसी समय संजू ने प्रियंका की ओर देख कर मुस्कुराकर कर पूछा- पीना है अपने ननदोई का माल?
उसने भी मुस्कुराकर बिस्तर पर लेटे हुए अपना सर हिला कर हां में इशारा किया.
संजू ने मेरी आंखों में देखा, मैं कुछ देर लंड अन्दर रखने के बाद धीरे-धीरे अपना लंड बाहर निकाला … जिससे वीर्य बाहर नहीं निकले. संजू ने झट से अपना हाथ अपनी चूत पर रख दिया, जिससे उसकी चूत से मेरा वीर्य बाहर नहीं निकल पाए.
फिर संजू वैसे ही अपनी चूत को हाथ से दबाए उठी और अपनी भाभी, मेरी सलहज प्रियंका, जो पीठ के बल लेटी हुई थी, के मुँह के पास अपना चूत ले आई.
प्रियंका ने अपना मुँह पूरा खोल दिया.
संजू ने उसके मुँह के ऊपर चूत सटाकर हाथ हटा दिया, जिससे संजू की चूत में निकला मेरा सारा वीर्य धीरे धीरे प्रियंका के मुँह में जाने लगा.
वीर्य काफी ज्यादा था, जिससे प्रियंका का पूरा मुँह भर गया. प्रियंका पूरा का पूरा वीर्य निगल गई और बोली- वाह, बहुत टेस्टी लगा.
अब संजू वहां से हटने लगी. तो प्रियंका ने उसे हटने नहीं दिया बल्कि उसकी चूत को अपने मुँह से सटाकर अपनी जीभ संजू के चूत में घुसाकर सारा का सारा अन्दर का वीर्य चाट गई.
संजू मुस्कुराकर बोली- ये हुई ना मेरी भाभी वाली बात!
फिर वो दोनों हंसने लगीं.
ये करते करते रात के एक बज गए थे. सब जाकर बाथरूम में फ्रेश होने लगे.
अंत में प्रियंका जाने लगी तो वो लड़खड़ा कर गिर गई. संजू ने उसे सहारा देकर उठाया और पूछा- क्या हुआ भाभी?
वो बोली- सब आपके हस्बैंड के कारण हुआ … ऐसा भला कोई सेक्स करता है. मेरी पूरी जवानी को निचोड़कर रख दिया. मेरा एक एक पोर दर्द कर रहा है. आप न जाने कैसे सहती हैं.
संजू मुस्कुरा दी और बोली- मैं क्या कम हूँ … और ऐसा पति तो किस्मत वालों को मिलता है.
वो दोनों हंसने लगीं.
फिर संजू ही प्रियंका को फ्रेश कराने ले गई.
चुदाई के बाद हम सब उसी रूम में सो गए. संजू और प्रियंका ने नाईटी पहन ली और मैंने और नीरज ने पैन्ट और गंजी डाल ली.
सब गहरी नींद में सोये हुये थे. रात को एकाएक मुझे कुछ आवाज सुनाई दी. मैंने आंखें खोलीं, तो देखा नीरज मेरी बीवी या यूं कहूँ कि अपनी बहन, जो कि गहरी निद्रा में सोई हुई थी, के पास आ गया था. वो संजू को कुछ देर तक ललचाई नजरों से देखता रहा.
उस वक्त कोई पांच सुबह बज रहे थे. संजू की नाईटी घुटने तक उठी हुई थी. उसकी चुचियों का उभार साफ नजर आ रहा था. नीरज चुपके से संजू की नाईटी को ऊपर उठाने लगा.
तभी संजू जग गई, उसने अपने भाई को देखा, तो बोली- क्या हुआ भैया?
नीरज ने संजू के बाल पर हाथ फेरते हुए कहा- संजना, तेरी चुदाई करने का मन कर रहा है.
संजू बोली- भैया, रात को दो बजे तो हम सब सोये हैं, प्लीज अभी सोने दीजिये ना.
उसने हम लोगों को देखा. मैंने सोने का नाटक किया.
संजू बोली- देखिए न … सब लोग सोये हुए हैं.
नीरज बोला- प्लीज बहन, मान जाओ ना … तुम्हारे सेक्सी बदन के साथ खेलने का मन कर रहा है. आज तक तुम्हारी जैसी मदमस्त जवानी नहीं देखी है … इसलिए मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. प्लीज अपना यौवन रस पिला दो.
इस बात पर संजू हंस दी और बोली- ठीक है … मैं फ्रेश होकर आती हूँ.
संजू उठ कर बैठ गई और उसने एक जोरदार अंगड़ाई ली, जिससे उसकी गदराई चुचियों का पूरा उभार सामने आ गया.
नीरज ने ये देखा तो बोला- क्या मार डालने का इरादा है … इतनी कातिलाना जवानी … उफ्फ …
इस बात पर संजू फिर से मुस्कुराई और बोली- अच्छा बाबा अब इतनी भी तारीफ नहीं कीजिये … मैं बस फ्रेश होकर आ रही हूँ.
संजू बाथरूम चली गई. इधर नीरज उठा और उसने हमें और प्रियंका को देखा तो पाया कि हम दोनों सो रहे हैं. वो गेस्टरूम में गया और वहां से कुछ लाया और अपने लंड को निकाल कर उस पर पूरा स्प्रे किया.
मैंने गौर से देखा तो वो सेक्स टाईम बढ़ाने का प्रभावशाली स्प्रे था.
अगले दिन मुझे पता चला कि वो स्प्रे दो एमएल का आता है … जिसकी कीमत पांच सौ रूपए होती है. उस स्प्रे को लंड पर करने के बाद नीरज ने फिर से अपने रूम में रख दिया और आकर सोफा पर बैठ गया.
मैं समझ गया कि आज वो मेरी बीवी को जी भर के चोदना चाहता है.
तभी संजू रूम में आई, वो पूरी फ्रेश लग रही थी.
अभी वो रूम में घुसी ही थी कि नीरज ने उसे दबोच लिया और उसके होंठ को चूसने लगा.
संजू बोली- आराम से भैया.
इस पर नीरज बोला- क्या करूं बहना, तुम्हें देखकर बर्दाश्त ही नहीं होता है.
ये कहकर नीरज अपनी बहन के पीछे आ गया और अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को नाईटी के ऊपर से ही मसलने लगा. वो उसकी गर्दन, कान तथा होंठों को चूसने और चाटने लगा.
अब संजू भी उसका साथ देने लगी. तभी उसी पोज में नीरज संजू को पकड़कर सोफा पर बैठ गया और संजू को गोद में बिठाकर उसके चुचों को मसलने लगा. साथ ही होंठों को किस करने लगा.
अब संजू भी धीरे धीरे गर्म हो गई थी. तभी नीरज ने उसी स्थिति में बैठे अपने एक हाथ से संजू की नाईटी को ऊपर कर दिया और अपने हाथ से संजू की चूत को सहलाने लगा.
संजू ने आंखें मूंद लीं.
नीरज ने देखा कि उसकी बहन की चूत गीली हो गई है … तो उसने उसमें एक उंगली को डाल दिया.
संजू ‘ईस्स्स …’ कर उठी.
फिर नीरज उसी पोज में कोई दो मिनट तक एक हाथ से चुची को मसलते रहे. वो दूसरे हाथ से अपनी बहन की चूत में फिंगरिंग कर रहे थे और होंठों से कभी गर्दन, कभी कान, तो कभी संजू का मुँह घुमाकर उसके होंठ चूस रहे थे.
इन विभिन्न क्रियाओं से संजू पूरी गर्म हो गई थी. उसकी चूत से पानी निकलने लगा था. फिर वो उठी और उसने अपनी नाईटी उतार दी और पूरी नग्न अवस्था में आ गई. उसे नीरज को पेंट गंजी खोलने का इशारा किया.
नीरज ने भी अपने कपड़े उतार दिए. उसका गोरा लंड फुंफकार मार रहा था. लंड की नसें उभर आई थीं. शायद स्प्रे की वजह से ऐसा हुआ था.
संजू ने नीरज को सोफा पर ढकेल दिया और स्वयं उसकी गोदी में बैठ गई. गोद में बैठते ही संजू ने अपने भाई का लंड अपनी चूत में सैट किया और घप्प से बैठ गई.
लंड चुत के मिलन से एकाएक दोनों के मुँह से ‘ईस्स …’ की आवाज निकली.
नीरज सोफा पर बैठा हुआ था और अपनी पीठ को सोफा की पुश्त से टिकाये हुआ था. संजू ने उसी पोज में उसके लंड में अपनी चूत को फंसाये हुए अपनी चुचियों को नीरज के मुँह से सटा दिया. नीरज अपनी बहन की चूचियों को चूसने लगा.
संजना मदहोश हो गई. उसके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- ईस्ससस … उम्म्ह… अहह… हय… याह… चूस ले मेरे भैया … आह अपनी बहन के दूध चूस ले.
उसकी कामुक आवाजें आ रही थीं. उसी पोज में वो अपने भाई के लंड के ऊपर अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी.
नीरज ने उसकी चुचियों को पांच मिनट तक चूसा. इससे संजू की चूत से पानी निकलना शुरू हो गया. उसकी चूत में अपने भाई का लंड कुछ हार्ड सा महसूस हो रहा था.
संजू बोली- भैया, अभी आपका लंड ज्यादा टाईट लग रहा है … ऐसे जैसे कोई रॉड मेरी चुत में घुसी हो.
इस बात पर नीरज को जोश आ गया. वो नीचे से लंड को उठा उठा कर अपनी बहन की चूत में पेलने लगा. संजू की पूरी गांड भी लंड के झटकों के साथ ऊपर नीचे हिलने लगी.
संजू- आह … ओह … ईस्सस … भैया मजा आ रहा है.
उसी समय मैंने जानबूझ कर आंखें खोल दीं और बैठ कर बहन भाई की चुत चुदाई देखने लगा. संजू का मुँह मेरी तरफ था. उसने मुझे देखा, तो मुस्कुरा दी.
वो मेरे पेंट में खड़े हो चुके लंड को देखकर बोली- आ जाइए ना आप भी!
उसकी इस बात से नीरज ने सर आगे करके मुझे देखा और बिना कोई रियेक्शन के संजू को चोदने लगा.
मैंने लंड सहलाते हुए संजू से कहा- तुम लोग चुदाई का मजा लो, मैं यहीं से देख रहा हूँ.
संजू ने भी अपनी आंखें मूंद लीं और नीरज के हर प्रहार पर सीत्कार करने लगी.
उन दोनों की चुदाई होते होते लगभग आधा घंटा हो चुका था. तभी संजू एकदम से उछलने लगी और बोली- आह भैया, मेरा होने वाला है.
इस बात पर नीरज ने और जोर से चोदना शुरू कर दिया. पूरा कमरा ‘फच … फच..’ की आवाज के साथ गूंजने लगा.
तभी संजू का बदन अकड़ा और वो नीरज से लिपट कर झड़ने लगी.
दो मिनट बाद वो उठी और हैरानी से अपने भाई का खड़ा लंड महसूस करते हुए बोली- भैया, आपका नहीं हुआ?
नीरज ने कहा- नहीं.
संजू बोली- वाह भैया आपका स्टेमिना तो बढ़ गया.
इस बात पर नीरज ने शेखी बघारी और बोला- हां मैं भी कम नहीं हूँ.
संजू नीरज के लंड से उठी, अभी भी नीरज का लंड फुंफकार मार रहा था. नीरज भी उठा और उसने संजू को सोफा पर लिटा दिया. नीरज ने संजू की चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसे चूसने लगा.
संजू को चुत चुसवाने में मजा आने लगा. यही गुण मेरी बीवी में है कि वो लगातार एक-दो घंटा तक सेक्स कर सकती है.
पता नहीं, इतनी कामुकता उसमें कहां से आ गई है.
नीरज संजू की चूत को चूसे जा रहा था, जिससे संजू फिर से गर्मा गई थी.
नीरज ने उसकी चूत को चूसते चूसते संजू की गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी और छेद में जीभ चलाने लगा.
संजू बोली- उन्ह … भैया … वहां नहीं कीजिए ना, गुदगुदी लगती है.
पर नीरज उसकी गांड के छेद को जीभ से चाटने लगा और जीभ को अन्दर करने का प्रयास करने लगा. संजू को अब इसमें भी मजा आने लगा था.
संजू बोली- तो भैया अब डाल दो ना, मेरा मन कर रहा है.
नीरज ने गांड की तरफ इशारा करके बोला- इसमें?
इस पर संजू बोली- धत्त भैया … आप भी ना … मैं इसमें नहीं करवा पाऊंगी. इसके लिए आपके बहनोई भी लालायित रहते हैं, पर मैंने आज तक गांड में लंड नहीं पेलने दिया है. मुझमें हिम्मत नहीं होती है.
नीरज बोला- तो बहना आज हिम्मत कर लो ना!
संजू बोली- नहीं भैया … प्लीज … बहुत दर्द करेगा.
नीरज बोला- तेरी भाभी भी यही कहती थी, पर एक दिन हमने ये किया तो उसे बहुत मजा आया.
संजू बोली- क्या भाभी पीछे करवा चुकी हैं.
नीरज ने हां में सर हिलाया.
संजू ने कुछ देर सोचा, फिर बोली- नहीं भैया मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी.
नीरज बोला- अरे पगली तेरी भाभी इतनी दुबली पतली होते हुए गांड मरवा चुकी है … और तुम तो यौवन की देवी के समान हो.
संजू अपनी बढ़ाई सुन कर गदगद हो गई, पर बोली- प्लीज भैया आज नहीं.
नीरज ने उदास होकर कहा- ठीक है अच्छा थोड़ा फिंगरिंग तो करने दोगी.
संजू ने अपने भाई का चेहरा देख कर कातिलाना नजर से देखते हुए कहा- ठीक है.
चूंकि गांड में प्रचुर मात्रा में थूक था, फिर भी नीरज ने बुद्धिमता का परिचय देते हुए उसी कमरे की ड्रेसिंग टेबल पर रखी वैसलीन की डिबिया उठाकर उसमें से ढेर सारी वैसलीन निकाल कर संजू की गांड में भर दी और गांड की मालिश करने लगा.
संजू ने आज तक गांड नहीं मरवाई थी, सो मैं भी ये सीन देख कर गर्म हो गया. मैं भी उठकर संजू के पास आ गया और संजू के मुँह के पास अपना खड़ा लंड दे दिया.
संजू बोली- हम्म … तो आप भी इस मौके पर आ ही गए.
मैं बोला- बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तुम बोलती हो, तो मैं चला जाता हूँ.
इस पर संजू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- अरे मैं तो मजाक कर रही थी.
ये कह कर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
उधर नीरज लगातार गांड में वैसलीन लगा रहा था. एकाएक उसने गांड में अपनी एक बीच वाली उंगली थोड़ी सी घुसा दी. संजू चिहुंक उठी, मुझे लगा मामला बिगड़ सकता है.
मैं भी संजू की गांड मरवाना और मारना चाहता था … इसलिए मैंने संजू के मुँह में लंड डाले ही 69 पोज में आकर संजू की चूत को चाटने लगा और उसकी क्लिट को जीभ से लपलपाने लगा.
ये तो संजू की कमजोरी थी, वो तुरंत गर्मा गई और सिसकारियां निकालने लगी.
मैं समझ गया कि अब संजू जन्नत का मजा ले रही है. मैंने उसी अवस्था में नीरज को गांड में उंगली अन्दर बाहर करने को बोला.
वो गांड में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
संजू मजे ले रही थी, तभी नीरज ने उसकी गांड में दो उंगली घुसा दीं.
संजू को दर्द हुआ, वो कुछ बोलना चाह रही थी … पर मेरा लंड उसके मुँह में था इसलिए वो ‘ओं … ओं..’ करके रह गई.
वैसलीन की चिकनाई और लगातार अन्दर बाहर करने से अब गांड में दोनों उंगलियां जाने लगीं.
उसे दर्द तो कर रहा था पर मेरे द्वारा उसकी क्लिट को चूसने से उसे मजा ज्यादा आ रहा था.
तभी मैंने नीरज को कुछ इशारा किया, नीरज ने संजू की गांड के नीचे दो तकिया लगा दिए. मैं संजू की चुत की क्लिट चूसे जा रहा था. संजू की चूत से भरपूर पानी निकल रहा था.
तभी मेरा इशारा पाकर नीरज ने अपने पूरे टाईट लंड के ऊपर वैसलीन लगा कर उसे संजू की गांड पर टिका दिया. फिर थोड़ा जोर से लंड को ठेल दिया. लंड का सुपारा संजू की गांड में घुस गया.
संजू दर्द से तिलमिला उठी, वो अभी कुछ कोशिश करती कि तभी मैंने नीरज से कहा- जल्दी से पूरा लंड घुसाइए.
उसने जोर से धक्का मार कर पूरा लंड अपनी बहन की गांड में पेल दिया.
संजू कराह उठी और वो मेरा लंड को मुँह से निकाल कर चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैंने कहा- थोड़ा सब्र करो.
पर वो नहीं मान रही थी.
मैंने नीरज से उसी अवस्था में रुकने को कहा और मैंने पुनः संजू की चूत पर होंठ लगा दिए और उसकी क्लिट को चूसने लगा.
संजू को थोड़ी सी राहत मिली और अब वो चूत चूसे जाने की वजह से चूत से पानी निकालने लगी और सीत्कार करने लगी.
उधर नीरज धीरे धीरे अपनी बहन की गांड में लंड थोड़ा-थोड़ा अन्दर बाहर करने लगा. संजू को अब उतना दर्द नहीं कर रहा था.
मैंने फिर से अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और 69 की पोज में उसकी क्लिट को मुँह में भर कर चॉकलेट की तरह चूसने लगा.
संजू की सीत्कारें बढ़ने लगीं. अब मेरे इशारे पर नीरज भी अपने लंड को बहन की गांड में थोड़ा तेजी से अन्दर बाहर करने लगा. उसका लंड संजू की गांड में इतना टाईट जा रहा था, जैसे दीवार में कोई कील अन्दर जाती हो.
कुछ ही देर में मेरी बीवी की गांड का दर्द पूरी तरह से गायब हो गया था और अब वो मजे ले कर अपने भी से गांड मरवा रही थी. वो मेरे लंड छोड़कर मेरे आंड अपने मुँह में भर कर चूस रही थी.
आज पहली बार संजू की गांड चुदाई हो रही थी.
मैं संजू के ऊपर से हट गया और संजू से पूछा- कैसा लग रहा है?
वो आंखें मूंदे ही बोली- आह … एक नया अनुभव और नया अहसास हो रहा है.
नीरज पूरी स्पीड में उसकी गांड को पेले जा रहा था. आज नीरज नये अवतार में दिख रहा था, शायद स्प्रे की वजह से ऐसा था.
मेरी बीवी की पूरी गांड हिल रही थी और फैल रही थी. वो गजब की कामुक लग रही थी.
संजू ने मुझे पास बुलाया और बोली- आप बहुत दिन से इसकी फिराक में थे … अब आ जाइए ना.
उसने नीरज से कहा- भैया प्लीज आप उठिये ना.
नीरज उठना नहीं चाह रहा था, पर मजबूरी में उसे अपना लंड अपनी बहन की गांड से निकालना पड़ा.
मैंने देखा कि लंड लेने से संजू की गांड का छेद बड़ा हो गया था. मैंने अपने लंड पर वैसलीन लगाई और संजू को डॉगी स्टाईल में करके अपना लंड उसकी गांड पर लगा कर धक्का मारा. मेरा आधा लंड घुस गया.
संजू को थोड़ा दर्द हुआ, वो बोली- आह … आपका लंड तो भैया से बड़ा है ना इसलिए थोड़ा दर्द किया … पर कोई बात नहीं, आप पेलो, मैं सहन कर लूंगी. आप पूरा अन्दर कीजिए.
मैंने अब पूरा लंड संजू की गांड में घुसा दिया और चोदने लगा. धीरे धीरे मेरी स्पीड पूरी बढ़ गई. संजू की गांड और फैल गई और बेतरतीब तरीके से हिल रही थी … जैसे अब पूरी पसर ही जाएगी.
संजू के मुँह से ‘ऊंह. … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह … ओ मम्मी..’ की आवाजें निकलने लगी थीं.
वो बोली- मजा आ रहा है.
नीरज अब तक बगल में खड़ा अपना लंड मुठिया रहा था. वो मायूस होकर बोला- मैं भी करूंगा.
पर मैं कहां हटने वाला था. इतना मजा आ रहा था. संजू भी किसी को नाराज नहीं करना चाहती थी.
तभी उसने वो कह दिया, जो मैं सिर्फ कल्पना करता था. वो इतनी ज्यादा कामुक थी कि वो बोली- भैया आप भी आ जाइए … आप आगे से मेरी चूत में अपना लंड घुसा दीजिए.
यह सुनकर मैं और नीरज ने एक साथ बोला- क्या…अ…अ … तुम दोनों के लंड सहन कर लोगी?
वो मुस्कुराई और बोली- कोई शक?
वो उठी और मुझे पीठ के बल बेड पर लेटने को बोली. मैं लेटा तो वो मेरे ऊपर आ गई और अपनी पीठ मेरे मुँह की तरफ करके मेरे लंड पर अपनी गांड को सैट करते हुए धीरे धीरे बैठ गई.
मेरे मुँह से ‘ईस्स …’ निकल गया.
अब वो थोड़ा पीछे मेरी छाती पर झुक गई और नीरज को इशारा किया. नीरज ने अपना लंड मेरे ऊपर आकर पोजीशन सैट की. उसने अपने पैरों को इधर उधर करके अपना लंड अपनी बहन की चूत में पेल दिया.
नीरज के लंड चूत में घुसते ही संजू जोर से सीत्कार उठी- आ… आ..ह … अह … मर गई.
इससे प्रियंका जो अब तक सोई हुई थी, जग गई. उस समय साढ़े छह बज रहे थे.
प्रियंका ने अचानक ये दृश्य देखा कि संजू की गांड में मैं अपना लंड पेले हुए हूँ तथा उसकी चूत में उसके भाई नीरज ने लंड पेला हुआ है. तो वो हैरान हो गई.
वो बोली- क्या संजना … तुम औरत हो कि कोई सेक्स मशीन हो … बाप रे बाप इतनी सेक्स स्टेमिना.
वो वहीं से चुदाई देखने लगी. हम तीनों संजू, नीरज और मैं उसकी बात का जवाब देने की स्थिति में नहीं थे.
धीरे धीरे मैं नीचे से और नीरज ऊपर से संजू की चूत और गांड को चोदने लगे. संजू की चूत से पानी की धार निकल रही थी. उसके मुँह से बड़ी दर्द भरी आवाज निकल रही थी- उन्हह … अअह … बाप रे बाप … ओह मम्मी … आज … तो मर गई.
ये कहते कहते उसका गला सूख गया और वो हांफते हुए मुँह से सिसकारियां निकालने लगी.
मुझे लगा कि शायद संजू को दर्द हो रहा होगा, आखिर मैं उसका पति था. मैंने उससे पूछा- संजू ज्यादा दर्द हो रहा हो, तो क्या मैं निकाल लूं?
वो बोली- नहीं..ईं … मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है … आप दोनों और तेज से कीजिए आह … अअअअ..
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उधर नीरज ने भी पेलना तेज कर दिया था.
एकाएक संजू को बर्दाश्त नहीं हुआ और वो जंगली शेरनी की दहाड़ते हुए और चिल्लाते हुए झड़ने लगी. उसकी चूत से पेशाब भी छूट गई.
इस तरह की उसकी आवाज आज तक नहीं निकली थी. उसी के साथ साथ नीरज भी उसकी चूत में झड़ने लगा. उन दोनों ने एक दूसरे को बांहों में कस कर पकड़ लिया था. संजू ने तो उत्तेजना के मारे उसकी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए थे. संजू और नीरज झड़ने के बाद दोनों हांफने लगे.
उधर ये सब देख देख कर प्रियंका की चूत से भी पानी टपकने लगा था और वो फिगरिंग कर रही थी.
नीरज ने अपनी बहन की चूत से अपना सिकुड़ा हुआ लंड निकाल लिया, जिससे संजू की चूत से उसके भाई का वीर्य रिस कर नीचे गांड के पास आ गया.
नीरज उठा, तो उसने देखा कि उसकी पीठ पर कुछ ज्यादा जख्म हो गया था, जिससे खून निकल रहा था. ये संजू के नाखून गड़ा देने से हुआ था.
मैं अब नीचे से संजू की गांड को चोदने लगा, पर संजू ने कराहते हुए बोली- प्लीज जानू रहम करो … अब मुझमें जरा सा भी शक्ति नहीं है. मुझे छोड़ दीजिए प्लीज.
उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए मैं उससे अलग हो गया. संजू थक कर चूर हो चुकी थी. उसके चेहरे पर पसीने की बूँदें आ गई थीं. उसके बाल पूरे बिखरे हुये थे. वो नंगे बदन ही फ्रेश होने के लिए धीरे धीरे लंगड़ाते हुए बाथरूम में जाने लगी.
बाथरूम जाने के दौरान उसकी गांड ऊपर नीचे मटक रही थी तथा गदराई चुचियों में कंपन मात्र हो रहा था.
पीछे से नीरज भी फ्रेश होने चला गया. मेरा लंड अभी भी पूरा फुंफकार मार रहा था, तभी मेरे नजर प्रियंका पर गई.
मैं वहां गया.
प्रियंका बोली- नहीं जीजा जी … रात वाले कारनामे से मेरा जिस्म अभी भी दर्द कर रहा है.
मैंने कहा- दर्द को कम करना है … तो दर्द को और बढ़ाना पड़ेगा.
मैंने अपनी सलहज प्रियंका को बड़े प्यार से अपनी गोद में उठाया और सोफा पर ले आया. मैं उसके होंठ को चूसने लगा. वो भी चुदाई देख देख कर पहले से गर्म थी, वो मेरा साथ देने लगी.
तब तक संजू फ्रेश होकर आ गई. उसने लिपस्टिक और मेकअप आदि भी कर लिया था तथा एक हाफ पेन्ट और कैमीजोल पहने हुए थी, जिससे उसकी भरी हुई जांघें और गदराई चुचियां स्पष्ट दिख रही थीं.
वो आकर बेड पर लेट गई और हम लोगों को देखने लगी. नीरज भी पैन्ट गंजी पहनकर बेड पर संजू के बगल में बैठ गया.
मैंने प्रियंका की नाईटी को अलग कर दिया. अब वो बिलकुल नंगी थी. मैं उसे और ज्यादा गर्म करना चाहता था ताकि वो चुदाई में मेरा पूरा साथ दे सके.
मैंने उसकी एक चुची को पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगा तथा अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चूतड़ों को मसलने लगा.
मेरी सलहज अपने होंठों से मेरा गर्दन चूसने लगी तथा अपने हाथों से मेरे बाल सहलाने लगी.
मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूत को छूकर देखा, तो पाया कि उसकी चूत रस बहा रही थी. आखिर अब वो चुदाई के लिए तैयार थी.
तभी उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हाथ से आगे पीछे करने लगी और नीचे घुटने के बल बैठकर मेरा लंड चूसने लगी.
‘आह … हह..’ क्या मजा आ रहा था. वो बीच बीच में मेरे आंड भी चूस लेती थी.
मैं उठा और सोफा पर बैठ गया तथा प्रियंका को अपनी गोद में इस तरह बैठाया कि मेरा लंड उसके चूत में घप्प से घुस गया.
प्रियंका ‘इस्सस … .स्स..’ कर उठी तथा उसने मुझे गले से लगा लिया. मैंने इसी पोज में उसके पूरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया तथा चुभलाने लगा. अपने दोनों हाथों से मैं उसकी छोटी छोटी चुचियों का मर्दन करने लगा. उसकी चूत से काम रस निकलने लगा. अब वो उसी पोज में अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे तथा आगे पीछे करने लगी.
उसके मुँह से ‘आह … ओह … ईस्स …’ की आवाजें आने लगीं. वो इस पोज में लगभग पांच मिनट चुदी होगी कि वो बोली- आह जीजा जी, मैं आने वाली हूँ.
मैं बोला- कुछ देर में मेरा भी निकलने वाला है.
एकाएक उसने स्पीड तेज कर दी और बेतहाशा झड़ने लगी. झड़ने के दौरान उसने मुझे कसके पकड़ लिया.
मैंने भी कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
वो बोली- जीजा जी, मैं रस पियूंगी.
मैं उठकर उसके मुँह में अपना लंड डालकर उसका मुखचोदन करने लगा.
लगभग पांच मिनट के मुखचोदन के बाद भी मेरा वीर्य नहीं निकल रहा था. प्रियंका बोली- मैं तो लंड चूसते चूसते थक गई हूँ. अब छोड़ दीजिए ना मेरे मुँह में … मुझमें संजना जैसी शक्ति नहीं है.
तभी मैंने देखा कि संजू हम लोगों को देखते देखते पूरा गर्म हो गई थी और अपने बगल में बैठे अपने भैया नीरज के लंड को मसल रही थी.
गजब की आग थी मेरी बीवी में … उसकी आंखों में काम वासना भरी हुई थी … जबकि थोड़ी देर पहले वो दोनों छेदों में लंड ले चुकी थी.
वो एकदम से उठी और उसने अपना कैमीजोल खोल दिया. जिसमें से उसके दो बड़े बड़े चुचे आजाद हो गए. उसने अपनी चुचियों को नीरज के मुँह में दे दीं और अपने हाथ से नीरज का लंड मसलती रही.
नीरज का लंड थोड़ी देर पहले झड़ा था, सो वो अभी भी लंड मुरझाया हुआ था. संजू को किसी भी तरह लंड चाहिए था, वो नीरज के ऊपर चढ़ कर 69 पोज में आ गई और अपनी चूत को नीरज के मुँह में रख कर रगड़ने लंगी. वो अपने भाई का लंड मुँह में भरकर बेतहाशा चूसने लगी.
आखिर नीरज था तो एक मर्द ही, साले का लंड कब तक नहीं उठता. उसका लंड धीरे धीरे उठने लगा और फिर पूरा फनफनाने लगा.
संजू की आँखों में चमक आ गई. वो उठी और नीरज के लंड को अपनी चूचियों के बीच में लेकर रगड़ने लगी, जिससे नीरज को असीम आनन्द की अनुभूति होने लगी.
दोनों को सेक्स करते करते लगभग पांच मिनट हो चुके थे. तभी मैंने भी संजू के पास जाकर अपना लंड उसके सामने कर दिया.
संजू ने देखा, तो वो मेरा लंड चूसने लगी. अब वो कभी मेरा लंड चूसती, तो कभी अपने भाई नीरज का लंड चूसने लगती.
फिर वो उठी और मुझे बेड पर धकेल कर मेरे ऊपर चढ़ गई. उसने मेरे लंड को अपनी चूत में लील लिया और पीछे से नीरज को इशारा कर दिया.
नीरज ने पीछे से आकर अपना लंड संजू की गांड में पेल दिया. संजू के मुँह से एक लंबी ‘आहहह …’ की आवाज निकल गई. अब वो खुद चूतड़ों को ऊपर नीचे करने लगी, जिससे जब वो चूतड़ों को ऊपर करती, तो नीरज का लंड उसकी गांड में घुस जाता … और जब वो चूतड़ों को नीचे करती, तो मेरे मोटा लंड उसकी चूत में पूरा घुस जाता.
उसकी चूत से पानी निकल रहा था. तभी मुझे और नीरज दोने को जोश आ गया और हम दोनों ऊपर और नीचे से संजू की गांड और चूत को चोदने लगे.
संजू इस दोहरे वार को सह नहीं पा रही थी. वो बोली- आह धीरे धीरे कीजिए ना … मेरी पेशाब निकल जाएगी.
इस बात पर हम लोग और जोर जोर से चुदाई करने लगे. एकाएक संजू से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसकी पेशाब छूट गई. वो बेतहाशा झड़ने लगी. उसके पेशाब से मेरा पूरा पेट भीग गया और बेड भी.
वो झड़ कर हांफने लगी और बोली- अब बस!
तभी मैं बोला- मेरा निकलने वाला है.
तभी नीरज ने भी कहा कि उसका भी निकलने वाला है.
संजू बोली- मेरे ऊपर झाड़ दीजिये दोनों..
हम दोनों ने अपना लंड निकाला और संजू के चुचों पर घिसने लगे.
संजू बोली- मुँह में दीजिए न.
मैंने अपना वीर्य संजू के मुँह में छोड़ दिया जो बहुत सारा था. वो अभी वीर्य को गटकने वाली थी कि प्रियंका को देख कर इशारे में बोली- चाहिए?
प्रियंका ने हां में सर हिलाया. लगता था जैसे प्रियंका को इसका टेस्ट अच्छा लगने लगा था.
संजू ने अपने मुँह से सारा वीर्य जो कि मेरा था, प्रियंका के मुँह में थूक दिया, जिसे प्रियंका मजे से पी गई.
तभी नीरज ने भी अपना वीर्य का फव्वारा संजू के मुँह में डाल दिया, जिसे संजू पूरा पी गई.
अब चारों लोग पूरे नंगे एक दूसरे को देखने लगे और सबकी हंसी छूट गई.
नीरज बोला- संजना क्या आग है यार तुममें … तुम सेक्स की कितनी भूखी हो?
प्रियंका ने भी समर्थन किया और कहा- वाह संजना … मान गए आपको सुंदर जिस्म के साथ साथ सेक्स की आग भी है आपमें.
मैंने संजू को बांहों में लेकर कहा- आखिर बीवी किसकी है.
प्रियंका और नीरज मेरे यहां कुल 15 दिन रहे जिसमें हम चारों लोगों ने अपने अपने साथी बदल बदल कर खूब चुदाई की. इन 15 दिनों में प्रियंका का भी बदन काफी गदरा गया था, खासकर उसके चूतड़ों का आकार बढ़ गया था और चुचे काफी भर गए थे.
संजू की गांड तो और भी ऊंची हो गई थी और काफी मादक लग रही थी.
फिर 15 दिनों के बाद वे लोग चले गए. अब मैं संजू को सैंडविच चुदाई के लिए किसी नीग्रो के साथ चुदवाने की सोच रहा हूँ.


0 Comments