Header Ads Widget

Ticker

10/recent/ticker-posts

सलहज जीजा भाई बहन का ग्रुप सेक्स - 1

 


संजू ने करीब एक घंटे बाद मेरे मोबाईल पर कॉल किया और बोली- आज आपने आने में बड़ी देर कर दी … कहां रह गए?
मैंने कहा- हां यार, जरा लेट हो गया था, लेकिन मैं अभी रास्ते में हूँ … बस घर ही आ रहा हूँ.

संजू बोली- सुनिये ना … आज बाहर से ही कुछ खाना लेते आइयेगा. मैं बहुत थक गई हूँ. मेरा खाना बनाने का मन नहीं कर रहा है.
मैंने कहा- थक कैसे गई यार … कहां गई थी तुम?
संजू बोली- कहीं नहीं, आप आईये ना … सब बताती हूँ, पर खाना जरूर से लेते आईयेगा.
मैंने बोला- ठीक है.

करीब साढ़े दस बजे रात को मैं चिकन तंदूरी और बटर नॉन लेकर घर आ गया. संजू रात में हाफ पेन्ट और केमिसोल पहने हुई थी. केमिसोल पहनने से उसकी उन्नत चूचियां गजब की सेक्सी लग रही थीं. मैं उसके पास गया और उसे एक किस किया. उसके मुँह से अब भी रोहित के वीर्य की हल्की हल्की महक आ रही थी.

संजू अलग होते हुए बोली- बहुत भूख लगी है, चलो पहले खाना खा लेते हैं. मुझे भी भूख लग रही थी, सो हम दोनों ने भरपेट खाना खाया.

अब हम लोग सब काम निपटा कर बेड पर आ गए.
मैं संजू को किस करने लगा और बोला- मेन्सिस खत्म हो गया.
संजू बोली- हां आज ही रात को क्लियर हुआ है.

मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए बोला- तो आज चुदाई हो जाए.
वो मुझे अलग करते हुए बोली- नहीं आज मैं नहीं सह पाऊंगी, मेरा बदन बहुत दर्द कर रहा है.

मैं उसकी तरफ देखने लगा.

फिर वही बोली कि मुझे माफ कर दो जान … मैं आपको एक बात बताना चाह रही हूँ.
मैंने बोला- हां बोलो न!

मेरी आंखों में झांक कर संजू बोली- आज रोहित आया था. वो कमरे के अन्दर आ गया था और बहुत मिन्नतें करना लगा कि आज उसका आखिरी दिन है. वो ये काम छोड़ रहा है, सो वो मेरे साथ सेक्स करना चाह रहा है.

इतन कह कर संजू मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने अंजान बनकर पूछा- तो … तुमने क्या किया?
वो बोली- वो बहुत मिन्नतें कर रहा था तो मैं मान गई.
मैं उसकी तरफ देखने लगा.

संजू बहुत वफादारी से बोली- मुझे माफ कर दीजिएगा, मैंने आपसे बिना पूछे ऐसा कह दिया, पर हालात ही वैसे थे.
मैंने कहा- देखो यार, मैंने कभी तुमको मना नहीं किया है, पर एक बार मुझे बता देती, तो अच्छा रहता. खैर छोड़ो … ये बताओ कि तुम उससे संतुष्ट हुई कि नहीं?

इस बात पर संजू नार्मल हो गई और खुश होकर बोली- हां बहुत ज्यादा मजा आया. पता है. … मैं आज चार बार झड़ी हूँ.
मैंने कहा- क्या उस लौंडे ने तुमको चार बार झाड़ दिया?
वो चहकते हुए बोली- हां, पता है वो आज कोई सेक्स की गोली खा कर आया था इसलिए उसका झड़ ही नहीं रहा था.

मैं उसकी ख़ुशी देखने लगा.

संजू फिर बोली- इसलिए मैं आपको मना कर रही हूँ. मेरे शरीर का एक एक पोर दर्द कर रहा है.
मैं बोला- कोई बात नहीं, कल कर लेंगे … चलो सो जाओ.

वो मेरी तरफ देखकर बहुत प्यार से मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोली- आई लव यू … आप बहुत-बहुत अच्छे हैं. आपने ही मुझे इतनी छूट दी है, मुझे बहुत अच्छा लगा. पर मैं भी आपसे एक बात पूछना चाहती हूँ.
मैं बोला- हां हां पूछो.
वो बोली- क्या आपको किसी दूसरी औरत को चोदने का मन नहीं करता है?

मैंने उसके मुँह से जैसे ही ये सुना, मेरे शरीर में झुरझुरी सी महसूस हुई.
मैं बोला- मैं तुमसे प्यार तो बहुत करता हूँ … लेकिन अपनी फैन्टेसी के लिए मैं भी दूसरे औरत के साथ सेक्स करना चाहता हूँ, परंतु मेरे नसीब में ये फैन्टेसी कहां है.

वो मेरी तरफ घूमी और बोली- मैं कुछ ट्राई करूं?
मैंने एकाएक संजू की आंखों में देखा. उसकी आंखों में मेरे प्रति प्यार और समर्पण साफ़ झलक रहा था.

वो फिर बोली- हां जानू, मैं ही कह रही हूँ.
मैंने उसकी तरफ कृतज्ञता भाव से देखा और बोला- मुझे तुम्हारी भाभी के साथ सेक्स करने का बड़ा मन होता है.

उसने मेरी तरफ देखी और बनावटी गुस्सा करते हुए बोली- अच्छा तो मेरे गबरू को मेरी भाभी की चूत चाहिए. उस पर कब से नजर है मेरी जान?
मैंने कहा- प्लीज, एक बार सैट करा दो ना!

वो हंसकर बोली- अरे वो आपको सह भी पाएगी … कहां आप 78 किलो के और कहां वो बेचारी मुश्किल से 40 किलो की. बेचारी का छेद तो फट ही जाएगा.
मैंने कहा- फट जाने दो … बस मुझे एक बार उसकी चूत दिला दो.

मेरी पत्नी को मैं सहमति से चुदवा चुका था, इसलिए वो भी मेरी एहसानमन्द थी.
उसने बोला- ठीक है मैं देखती हूँ.
फिर हम दोनों सो गए.

मैं यहां थोड़ा अपनी पत्नी की भाभी और उसके भाई के विषय में बता दूँ … अर्थात मेरी सलहज और मेरा बड़ा साला. मेरा बड़ा साला मेरी वाईफ से तीन साल बड़ा है … परंतु मुझसे उम्र में लगभग पांच साल छोटा है. उसका नाम नीरज है. उसका गोरा बदन, लंबाई साढ़े पांच फीट की है. उसका वजन लगभग 62 किलो है.

उसकी पत्नी यानि कि मेरी सलहज का नाम प्रियंका है. प्रियंका भाभी की उम्र काफी कम है … अभी वो सिर्फ 19 वर्ष की है. एकदम दुबली पतली, हाईट स्टैण्डर्ड सवा पांच फिट की है. प्रियंका देखने में अति सुंदर, लंबा चेहरा, घने बाल वाली कंटीली छमिया है. उसका फिगर यही 30 इंच की चूचियां, 24 इंच की पतली सी कमर और 32 इंच की थोड़ी उठी हुई गांड है.

मेरी सलहज की जो सबसे खास चीज है, वो है उसकी बड़ी-बड़ी आंखें. उसकी आंखें इतनी मादक और आकर्षक हैं, जिससे कोई भी मर्द उसकी तरफ आकर्षित हो जाए. मैं भी उसकी आंखों से ही उसके तरफ आकर्षित हुआ था.

रोहित वाली घटना के बाद हम लोग काफी खुल गए थे. अब हम लोग अक्सर रोल प्ले करके तथा इमेजिन करके चुदाई कर लिया करते थे. इससे संजू और मुझे काफी मजा आता था.

ऐसे करते करते लगभग छह माह बीत गए थे. अब मुझे फिर से सेक्स लाईफ में कुछ नया चाहिए था … अर्थात अब मैं फिर से अपनी पतिव्रता बीवी की चुदाई किसी गैर मर्द से और मैं किसी गैर औरत के संग वास्तव में चुदाई का सपना देखने लगा.

मेरी वाईफ तो कुछ खुल कर नहीं बोलती थी, पर मैं महसूस कर रहा था कि उसे भी अब किसी दूसरे मर्द का लंड का स्वाद चाहिए था. परंतु मेरे नजर में उस ढंग का कोई भरोसे का आदमी नहीं मिल पा रहा था.

फिर एकाएक वो मौका हमें मिल ही गया. मैं जिस शहर में जॉब करता हूँ … वहां हम लोगों के आग्रह पर मेरी वाईफ संजू के बड़े भाई नीरज और भाभी प्रियंका का आने के प्रोग्राम तय हो गया.

उनके आने की जान कर मैं तो मन ही मन अपनी सलहज का दीदार करने को बेताब हो गया था.

वे लोग एक दिन के बाद यानि सोमवार को आने वाले थे. मैं बहुत बेताब था तथा रविवार के दिन पूरी तैयारी कर रहा था. मेरी वाईफ ये सब गौर कर रही थी.

वो मुझसे बोली- क्या बात है जान … बड़ी बेकरारी हो रही है?
मैं भी हंसकर बोला- हां याद है ना तुमको अपना वादा?
वो बोली- हां बाबा, मैं पूरा प्रयास करूंगी.

इस बात पर मेरा लंड हरकत में आ गया और मैंने संजू को रसोई में ही अपने आगोश में भर लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए.

वो थोड़ी छिटकी और खिलखिला कर हंसते हुए बोली- ओ…हो … थोड़ा सब्र कीजिए … मैं आपकी सलहज नहीं हूँ.
उसकी इस बात पर तो मेरा लंड पूरा हरकत में आ गया और मैं संजू को खड़े खड़े ही बेतहाशा चूमने लगा और नाईटी के ऊपर से ही उसके गदराई चुचियों को मसलने लगा.

संजू थोड़े विरोध के बाद मेरा साथ देने लगी, आखिर वो तो हमेशा इसके लिए तैयार रहती है. वो बहुत ही ज्यादा कामुक है.

मैं लगातार किस करते करते और उसकी चुचियों को दबाते हुए अपने एक हाथ से नाईटी को ऊपर उठाने लगा. मैं अन्दर हाथ डाल कर संजू की चूत को बीच वाली उंगली से सहलाने लगा. मैंने देखा कि उसकी चूत से हल्का हल्का पानी आना शुरू हो गया था.

हम लोग अभी भी रसोई में ही थे. मैं नीचे बैठ गया और संजू की नाईटी को उसकी कमर तक करके बीवी की गीली चूत में अपने होंठ सटा दिए.

संजू एकदम से गनगना गई और उसके मुँह से एक ‘ई..स् … सस..’ की आवाज निकल पड़ी.

मैंने देखा कि संजू ने अपनी चूत के बालों को पूरी तरह से क्लीन शेव कर लिया था. जबकि एक दिन पहले उस पर काफी बाल थे.

मैंने चूत टटोलते हुए कहा- वाह क्या बात है जानेमन … आज तो चिकनी चमेली हूँन्ह … हन्ह..

मैं अपनी बीवी की चूत को बैठे बैठे ही चूसने लगा. वो रसोई में खड़े-खड़े ही एक टांग फर्श पर तथा एक टांग मेरे कंधे पर रखकर हो गई.

वो मेरे सर को पकड़ कर जोर जोर से ‘आह … ओह. ईस्ससस … स्ससस..’ किये जा रही थी.

उसकी चूत से भलभला कर पानी निकलने लगा था.

मुझे संजू की चूत चूसते हुए करीब दस मिनट हो गए थे, अब संजू पूरी बेकाबू हो गई थी. उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

तभी मैंने उसकी चूत को चूसना छोड़ दिया, तो वो बोली- क्या हुआ?
मैं बोला- मैं इमेजिन करूंगा.
वो बोली- तो कीजिए ना … किसने रोका है.
वो हंसकर बोली- मेरी भाभी को ही याद कर लीजिए.

मैं तो बस इसी की फिराक में था. उसके मुँह से ये सुनते ही मैंने कहा- हां भाभी, मैं आपकी चूत को आज खा जाऊंगा.
मैंने आव देखा ना ताव, उसकी चूत में अपना पूरी जीभ को ठेल दिया.

वो चिहुंक उठी और मजे के सागर में गोता लगाने लगी.

फिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत से निकाल लिया, उसे इसकी उम्मीद नहीं थी.
वो गिड़गिड़ाई- जल्दी से डालिए ना.
मैं बोला- अब तुम भी इमेजिन करो ना.

वो आंखें मूंदे ही बोली- आप ही बता दीजिये … मैं किसको इमेजिन करूं?
एकाएक मेरे मुँह से निकला- अपने भैया को.


उसने झटके से अपनी आंखें खोलीं और मेरी तरफ देखकर थोड़ा गम्भीर स्वर में बोली- आप ये क्या बोल रहे हैं, वो मेरा सगा भैया है. मैंने आज तक कभी भी ऐसा सपने में भी नहीं सोचा है. दूसरे को सोचना, बात अलग है. परंतु इसमें रिश्तेदारी को नहीं लाइए प्लीज़. वो भी मेरे अपने भैया के लिए मैं ऐसा कभी नहीं कर सकती.

मैंने काम बिगड़ते देख कर उसे समझाया कि देखो एक तो हम लोग सिर्फ इमेजिन कर रहे हैं … और फिर तुम भी तो अंर्तवासना में इस तरह की कई कहानी पढ़ चुकी हो. दुनिया में सेक्स से बढ़कर कोई दूसरा मजा नहीं है. ये जिंदगी बहुत छोटी है, जो मन में आए, उसे हासिल कर लेना चाहिए.

संजू मेरी बात को ध्यान से सुन रही थी. फिर वो मासूमियत से बोली- पर मैं ये नहीं कर पाऊंगी, मुझसे होगा ही नहीं भैया के बारे में ये सब सोचने को.
मैं बोला- मैं मदद करूंगा … तुम सिर्फ आंख बंद कर लो.
वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसकी नाईटी को उसके बदन से अलग कर दिया. अब वो पूरी तरह से नंगी थी.

मैंने अपनी बीवी को बेडरूम में ले आकर बेड पर लिटा दिया और उसकी आंख पर एक पट्टी बांध दी.

अब मैं उसके पूरे बदन पर बेतहाशा चूमने लगा. फिर मैंने उसकी चूत पर हमला बोल दिया और बेतहाशा चूत चूसने लगा. उसकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था.

मैं बीवी की चूत को बेतहाशा चूसने लगा. उसकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था.

वे फिर से काफी कामुक हो गई थी. वो बोली- अब प्लीज अपना सामान डाल दीजिए ना.

मैंने भी उसे और तड़पाना उचित ना समझते हुए अपना लंड, जो कि पूर्णतः नब्बे डिग्री की अवस्था में खड़ा था, को अपनी बीवी की चूत में डाल दिया.

मेरी बीवी की चूत काफी गीली होने की वजह से पूरा लंड एक बार में ही प्रवेश कर गया. उसकी एक हल्की सी आह निकली और वो लंड खा गई.

अब मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. वो मस्ती में ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी.
अब संजू पूरी तरह मेरे काबू में थी और वो जन्नत की सैर कर रही थी.

तभी मैं उसे चोदते हुए बोला- कैसा लगा रहा है मेरी प्यारी बहना … अपने भाई का लंड लेकर?
वो कुछ नहीं बोली. उसने अपने होंठ को दांतों से दबा लिया.

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर से पूछा- बोलो ना बहन … भाई का लंड कैसा लग रहा है.
संजू काफी गर्म हो गई थी. वो बोली- अच्छा लग रहा है.
उसकी चूत से पूरा पानी बह रहा था. अब वो भी नीचे से कमर उचका रही थी.

मैंने फिर पूछा- बोलो मेरी छोटी बहन … अपने भैया का लंड चूत में डलवा कर बहुत मजा आ रहा है ना?
संजू की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी. वो बोल पड़ी- हां आह … ईस्स … खूब मजा आ रहा है.

ये सुनते ही मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, जिससे उसकी चूत से ‘फच … फच..’ की मधुर आवाजें आने लगीं.

फिर वो गांड उठाते हुए अपने मन से ही बोली- हां भैया, आपके लंड से बहुत मजा आ रहा है … और जोर से चोदिए मुझे.
मैं समझ गया कि वो अपने भाई को इमेजिन करने लगी है. मैंने अपनी स्पीड को पूरा बढ़ा दिया.

वो लगभग कांपती आवाज में बोली- आंह … हां भैया … और जोर से … आह … आपकी बहन आ…..ने … वाली है … अअअह … और तेज चोअअ.. दिएए.

बस वो ये कहते कहते संजू बेतहाशा झड़ने लगी. उसकी इस इमेजिनेशन को देखते हुए आज मैं भी संजू के साथ साथ उसकी चूत में झड़ने लगा.

हम दोनों झड़ कर पांच मिनट उसी अवस्था में रहे. तब जाकर मैंने उसकी आंखों से पट्टी हटाई.

वो मेरी तरफ देखकर संतुष्टि के भाव में बोली- ये आपने क्या करवा दिया, अपने ही भाई से..
मैंने बोला- अरे ये तो सिर्फ इमेजीनेशन था, मैं तो तुम्हें तुम्हारे भाई से सचमुच में चुदवाऊंगा.
वो ये सुनकर गुस्सा दिखाते हुए मुझे बच्चे की तरह मारने लगी.
संजू के चेहरे पर संतुष्टि का भाव था.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
वो बोली- धत्त!

मैंने फिर से उसके बालों में उंगली फिराते हुए पूछा- सही बोलो ना?
वो शर्माकर बोली- बहुत अच्छा.
मैंने कहा- अर्थात मेरी प्यारी बीवी अपने भैया का लंड लेने को तैयार है?
संजू बिना कुछ बोले मेरे गले से लिपट गई. अर्थात उसने अपनी सहमति दे दी.

अगले दिन सोमवार को उसके बड़े भाई और भाभी मेरे यहां आ गए. मैं उन्हें लेने स्टेशन गया था.

मैंने जैसे ही अपनी कार स्टेशन के गेट पर लगाई, तो देखा कि वो दोनों मेरा ही इंतजार कर रहे थे. भाभी जींस और शॉर्ट कुर्ती में थी. क्या मस्त छमिया लग रही थी. उसकी दोनों छोटी-छोटी चूचियां और हल्की उठी हुई गांड काफी सेक्सी लग रही थी.

उसने मुझे देखा, तो आंख से इशारा किया. उसकी नशीली आंखों को देखते ही मेरे पैन्ट में हरकत होने लगी. खैर मैं दोनों से मिला और संजू के भैया से हाथ मिलाया. चूंकि वो मुझसे उम्र में छोटा है … इसलिए उसने मुझे बड़े सम्मान से नमस्ते भी की.

मैं उन दोनों को कार में बिठा कर अपने फ्लैट पर ले आया. संजू ने दरवाजा खोला और अपने भाई को प्रणाम किया.

संजू काफी खुश थी, मैंने उस दिन छुट्टी ले ली थी. दिन भर हम लोगों ने काफी बातें कीं और काफी मस्ती की.

मस्ती से मेरा मतलब है कि संजू की भाभी यानि अपनी सलहज से तो मैं हल्का-फुल्का मजाक कर लिया करता था.
मैं अपनी सलहज को जब भी देखता, तो मेरी वाईफ आंखों से इशारा करती कि सब देख रही हूँ.

खैर रात हुई और सब सोने की तैयारी करने लगे. उन दोनों को अलग से एक रूम में सोने के लिए दे दिया और हम दोनों अपने रूम में आ गए.

बेड पर आने के बाद हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे और लगभग एक घंटे बाद मैं बोला- तुम्हारी भाभी तो और ज्यादा मस्त हो गई है.
संजू बोली- क्या मैं मस्त नहीं हूँ.
मैं बोला- अरे तुम्हारी तो कोई तुलना ही नहीं है … तुम्हारा तराशा सा जिस्म का कोई मुकाबला नहीं है.

संजू ये सुनकर तन गई और उसने मुझे एक किस कर दी.
वो बोली- क्यों, भाभी को चोदने का बहुत मन कर रहा है?

मैंने सर हिला कर हां बोल दिया. संजू इस वक्त कैपरी और स्लीवलैस शर्ट पहने थी, जिससे उसकी जवानी कयामत ढा रही थी.

कुछ देर बाद संजू उठी और लाईट बंद करके उसने ब्लू कलर का जीरो वाट का बल्ब जला दिया. इसके बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे लिप किस करने लगी.

मैं भी उसका साथ देने लगा और साथ ही साथ अपने दोनों हाथों से उसकी मस्त बड़ी-बड़ी गांड को मसलने लगा. संजू अब मेरे साथ बिल्कुल फ्रेंक हो गई थी, क्योंकि मैंने उसे दूसरे से चुदा-चुदा कर और रोल प्ले करवा कर काफी खोल दिया था.

संजू गर्म हो गई थी और उसने अपना जीभ मेरे मुँह में दे दी, जिसे मैं चुभलाने लगा.

फिर मैंने उसकी शर्ट का बटन खोल कर अन्दर से उसकी ब्रा को निकाल दिया. अब उसकी ऊपरी जिस्म पर सिर्फ खुले बटन के साथ स्लीवलैस शर्ट ही थी.

मैं उसकी एक चुची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उससे बोला- क्यों मेरी छोटी बहना … आज अपना भाई का लंड बहुत लेने का मन कर रहा है क्या?
संजू ने जो कहा, उससे मुझे इतनी जल्दी ये उम्मीद नहीं थी.

उसने मुझसे कहा- हां भैया कल बहुत मजा आया था, प्लीज आज भी मुझे खुश कर दो.
ये कह संजू सिसकारी भरने लगी.

अर्थात अब संजू भी अपने भाई से सेक्स की इच्छा रखने लगी थी.

मेरे मन में एक आईडिया आया, मैंने उसी अवस्था में संजू से कहा- चलो बालकनी से देखते हैं कि तुम्हारे भाभी और भैया क्या कर रहे हैं.
वो बोली- छोड़िये ना … सो गए होंगे दोनों.
मैंने कहा- चलो तो … एक बार मजा आएगा.

वैसी भी संजू काफी गर्म थी, आखिर कहीं ना कहीं वो भी अपने भाई को नग्न देखना चाहती थी.

यहां मैं बता दूँ कि हमारे बेडरूम से ही सटे गेस्टरूम में वो दोनों सोये थे. उस कमरे की बालकनी हमारी बालकनी से लगी हुई थी या ये कहिए कि दोनों कमरों के लिए एक ही बालकनी थी. उधर एक-एक खिड़की और एक-एक दरवाजा था.

संजू ने बिना ब्रा पहने ही अपनी खुली शर्ट का एक बटन लगाया और हम लोग दबे पांव अपने साले और सलहज के रूम की खिड़की के पास आ गए. अन्दर देखा कि रूम की लाईट जली हुई है.

मैंने खिड़की का परदा थोड़ा सा खिसका कर देखा, तो हम दोनों की सांसें तेज हो गईं.

मेरी सलहज ब्रा और पेन्टी में थी और मेरा साला बिल्कुल नंगा था. मेरी सलहज मेरे साले का लंड चूस रही थी और मेरा बड़ा साला आंखें बंद करके आह-आह कर रहा था.

संजू के बड़े भाई का लंड गोरा था, जबकि मेरा लंड काला हो चुका था. मैं बता दूं कि मेरे बड़े साले का शादी हुए अभी पांच ही महीने हुए थे. उसके लंड का साईज मुझसे थोड़ा छोटा … अर्थात मेरा सवा छह इंच का है और उसका लंड पौने छह इंच का था. हम दोनों के लंड की मोटाई लगभग बराबर थी.

फिर तभी हम दोनों ने वो सुना, जिसे सुनकर हम दोनों को विश्वास ही नहीं हुआ और सर चकराने लगा.

मेरा बड़ा साला धीरे से अपनी बीवी से बोला- बोलो मेरी संजना बहन, कैसा लग रहा है मेरा लंड चूसने में.
इस पर मेरी सलहज यानि प्रियंका बोली- आज बहुत मजा आ रहा है भैया.

ये सुनते ही संजू की धड़कनें धौंकनी की तरह चलने लगीं. उसने मुझे आश्चर्य से देखा. मैंने कुटिल मुस्कान के साथ इशारा किया कि उधर देखो.

ये सब देखने से अब ये स्पष्ट हो गया था कि हम लोगों की ही तरह वो दोनों भी सेक्स फैन्टेसी, रोल प्ले आदि में पारंगत हैं. और तो और … नीरज अपनी ही बहन को चोदने की इच्छा भी रखता है.

संजू ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी और उसका हाथ अपने आप अपनी कैपरी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा.

मैं उसकी मनोदशा समझ सकता था. मेरी सलहज भी कयामत लग रही थी, उसके छोटे छोटे चुचे हिल रहे थे और वो आंखें बंद किए लगातार लंड को चूसे जा रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि अभी जाकर उसको चोद दूँ.

फिर मैंने देखा कि बालकनी वाला दरवाजा अन्दर से बंद नहीं था, सिर्फ सटा हुआ था. शायद वो लोग दरवाजा लगाना भूल गए थे.

मेरे मन में एक बेहद उत्तेजक और खतरनाक आईडिया आया. मैंने संजू को हाथ पकड़ा, जो कि काफी गर्म हो गई थी. वो एक हाथ से अपनी चूत तथा एक हाथ से अपनी चुची को ऊपर से ही मसल रही थी.

उसने मुझे सवालिया निगाहों से देखा. मैंने उसका हाथ पकड़कर गेस्टरूम का दरवाजा खोल दिया.

दरवाजा खुलते ही दोनों अर्थात संजू के भैया और भाभी का ध्यान भंग हुआ. वो दोनों शॉक्ड हो गए और हड़बड़ाने लगे.

संजू के भैया झट से तौलिया खोजने लगे और प्रियंका बगल में पड़े चादर से बदन ढकने का प्रयास करने लगी.

संजू के भाई नीरज ने तौलिया पहनते हुए हकला कर बोला- अरे आप … लो..ग इस समय..!

मैं हंसा और अपनी सलहज की तरफ देख कर बोला कि हम लोगों ने सब देख लिया कि आप लोग क्या-क्या इमेजिन कर रहे थे.

इस बात पर नीरज ने हकलाते हुए बोला वोअ…वो … तो … मुझे माफ कीजिएगा … गल…लती हो गई.
वो दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे.

अभी संजू के भैया और कुछ बोलने वाले थे, तभी मेरी बीवी संजू जो काफी देर से चुप थी. उसने आव देखा ना ताव … और अपने बड़े भाई के तौलिया को खींच दिया. उसका लंड जो अभी भी हल्का खड़ा ही था … उसको तुरंत मुँह में भर लिया और चूसने लगी.

उसकी इस क्रिया से हम तीनों यानि कि मैं, संजू के भैया और संजू के भाभी हैरान हो गए.

तभी मैंने भी अपनी सलहज की चादर को अलग किया और उसे अपनी बांहों में भर लिया. इससे पहले कि नीरज कुछ बोलता, मैंने स्पष्ट किया कि देखिए हम लोग भी आपकी तरह रोल प्ले करते हैं और संजू आपके बारे में फैन्टेसी सेक्स भी कर चुकी है. मैं आपकी बीवी यानि अपनी सलहज के साथ सेक्स की कल्पना कर चुका हूँ … तो फिर क्यों ना इसे वास्तविक रूप दे दिया जाए.

इस बात पर मेरे साले और सलहज ने आंखें मिलाईं और आंखें ही आंखों में अपनी सहमति लेते हुए मुस्कुरा दिए. इधर मेरी बीवी पागलों की भांति अपने भैया का लंड चूसे जा रही थी.

मैंने कहा- क्यों ना हम सब लोग मेरे बेडरूम में चलें … क्योंकि वहां सोफा भी है और बेड का साइज़ भी लंबा चौड़ा है.

इस पर सब सहमत हो गए.

नीरज ने अपनी बहन को अर्थात मेरी बीवी संजू को उठाया, संजू की आंखों में वासना भरी हुई थी. उसने उसे प्यार से होंठों पर किस किया और उसके बांह में बांह डालकर दूसरे रूम में जाने लगा.

इधर मैंने अपनी सलहज को अपनी गोदी में उठा लिया. वो हंसने लगी.

हम सब मेरे वाले मास्टर बेडरूम में आ गए थे.

नीरज ने अपनी बहन संजू से कहा- मैं तो न जाने कबसे तुझे चोदना चाह रहा था.
इस बात पर संजू की थोड़ी आंखें झुक गईं … पर अगले ही पल नीरज ने संजू का चेहरा उठाया और उसके होंठों को बेतहाशा चूसने लगा. संजू भी पूरा साथ देने लगी.

इधर मैं अब तक अपनी सलहज प्रियंका की ब्रा और पेन्टी को अलग कर चुका था.

आज पहली बार मैंने सलहज को नंगी देखा था. हल्का सांवला चेहरा, काफी पतली कमर, थोड़ी सी उठी हुई गांड और छोटी-छोटी चूचियां कयामत ढा रही थीं.

उसकी आंखों में मैंने देखा, तो वो मुझे मादकता से देख कर मुस्कुराते हुए बोली- क्यों मेहमान का माल कैसा लगा?

मैंने कोई जवाब नहीं दिया और उसके होंठों को अपने मुँह से खाने लगा. अपने दोनों हाथों से कभी उसकी गांड, तो कभी उसकी चूचियां मसलने लगा.

कुछ ही पलों में वो पूरी गरम हो गई थी और मेरा साथ देने लगी.

उधर नीरज ने बड़े प्यार से अपनी बहन की कभी गर्दन, तो कभी कान, तो कभी होंठ, तो कभी उसकी कांख को चूसे जा रहा था.

संजू काफी गर्म हो गई थी और मुँह से सिसकारी भर रही थी. फिर नीरज ने संजू की शर्ट का इकलौता बटन खोल दिए.

संजू की ब्रा मैंने पहले ही खोल दिया था, सो बटन खुलते ही संजू की गदराई हुई चुचियां आजाद हो गईं. नीरज उसके चूचे देखते ही रह गए. संजू की चुचियां 34सी साइज़ की हैं, जो काफी गोरी तथा जरा सी भी लटकी हुई नहीं थीं. अर्थात पूरी कड़क चूचियां थीं.

नीरज ने संजू की एक चुची को किस किया, जिससे संजू गनगना गई. फिर नीरज ने उसकी शर्ट को उसके जिस्म से अलग कर दिया और संजू की कैपरी को भी खोल दिया. संजू ने आज पेंटी भी नहीं पहनी थी. उसकी चूत एकदम सफाचट थी.

उसके भैया ने ये देखा, तो उसके मुँह से अनायास ही वॉव निकल गया. आखिर मेरी बीवी थी ही इतनी आकर्षक और सुंदर. उसकी गांड 36 की साईज की अलग ही छटा बिखेर रही थी … तथा उसका पूरा गोरा बदन जगमगा रहा था.

नीरज ने कहा- वाह संजना, इतना खूबसूरत और गदराया जिस्म मैंने आज तक नहीं देखा है.

मेरी बीवी संजू ये सुनकर हल्की सी मुस्कुराई, इस बात पर मेरी बांहों में लिपटी मेरी सलहज ने भी कहा- वाह संजना … वाकयी में आपका जिस्म का कोई जोड़ नहीं.

इधर मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल दिए थे और मेरा लंड फुंफकार मार रहा था.
प्रियंका ने मेरा लंड देखा, तो उसके मुँह से भी वॉव निकल गया. वो बोली- वाह जीजाजी … आपका लंड तो मेरे नीरज से ज्यादा बड़ा है.

उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया. वो बड़े अच्छे से लंड को चूसने और चाटने लगी. मैं अपने हाथों से उसकी चुचियों को मसल रहा था. कभी उसके छोटे छोटे से कड़क निप्पलों को छेड़ रहा था. वो भी पूरी गरम हो गई थी.

अब मैंने उसे उठाया और उसकी दोनों चुचियों को अपने मुँह में भर लिया. उसकी पूरी चूचियां समाए जा रही थीं मैं उसकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.

वो ‘आह … आह…’ करने लगी. अब मैंने उसे बेड पर एक साईड में लिटा दिया और उसके जिस्म के एक एक अंग को जंगलियों की तरह चूसने लगा.
वो सीत्कार करने लगी.

मैं फिर से उसकी चुचियों पर टूट पड़ा और उसे जैसे खाने लगा. वो कसमसाई और बोली- आह थोड़ा धीरे … दर्द करता है न!

पर मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे चूसता रहा. उसकी चुचियां पूरी लाल हो गई थीं.

फिर मैं नीचे आ गया. उसकी चूत पूरी सफाचट थी. चूत से पानी रिस रहा था.

मैंने चूत पर चूमा लिया, तो वो उछल पड़ी. मैंने अब उसकी चूत को पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगा. मेरी सलहज का जिस्म इधर उधर होने लगा. वो बेड की चादर को मुठ्ठी में भरकर अपने सर को इधर उधर फेंकने लगी.

मैं पागलों की तरह उसकी चूत को चूसे जा रहा था.

उधर नीरज भी संजू के पूरे जिस्म को चूम रहा था. उसने संजू के पीछे जाकर उसकी गदराई हुई चुचियों को बड़े प्यार से पकड़ा और मसलने लगा. संजू की भारी चूचियां उसके भाई के हाथों में नहीं आ रही थीं वो संजू की चूचियों की घुंडियों को घुमाने लगा.

संजू दर्द से मचल गई और बोली- आह भैया प्लीज … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
नीरज बोला कि तो डाल दूँ?
संजू बोली- नहीं … पहले चूत चूसो ना.

नीरज ने संजू को प्यार से बेड पर एक तरफ लिटा दिया. अब प्रियंका और संजू का सर लगभग सटा हुआ था. फिर नीरज अपनी बहन की चूत में अपनी जीभ घुसाने लगा, तो उसने देखा कि संजू की चूत से पानी की धार निकल रही थी.

उसकी चूत से इतना पानी निकला था कि संजू की चूत के आसपास, उसकी गांड तक पूरा पानी पानी हो गया था.

ये देख कर नीरज ने आव देखा ना ताव, अपनी बहन की चूत को चूसने और चाटने लगा. नीरज ने अपनी बहन की चूत का सारा पानी चाट कर साफ कर दिया.
संजू के मुँह से बस ‘आह … ओह..’ निकल रहा था.

इधर मैं प्रियंका की चूत को चूसते चूसते लाल कर दिया था.
एकाएक प्रियंका बोली- जीजा जी, मेरा निकलने वाला है.

मैं उसकी क्लिट को मुँह में लेकर चुभलाने लगा, वो सह नहीं पाई और बेतहाशा मेरे मुँह में ही झड़ने लगी. उसने चूत झाड़ते हुए अपने पूरे बदन को अकड़ा दी.
मेरी सलहज झड़कर हांफने लगी थी.

उधर संजू अब तक चूत चुसवा ही रही थी.

जैसा कि मैंने पहले भी बताया था कि संजू को मेरे साथ सेक्स करते करते थोड़ा देर से झड़ने की आदत हो चुकी थी.

नीरज संजू की चूत चूसते चूसते लगभग थक गया था. उसने चूत चूसना छोड़ दिया.
संजू बोली- आह भाई … क्यों छोड़ दिया?
वो बोला- यार, कितना चुसवाती हो तुम? मैं तो थक गया.
संजू बोली- कोई बात नहीं आप पीठ के बल लेट जाइए.

नीरज उसकी बात समझते हुए लेट गया, संजू उठी और नीरज का गोरा लंड, जो कि पूरा टाईट था. उसको देखा और उसके आंड को अपने मुँह में भर कर चुभलाने लगी.

इससे नीरज की सीत्कार निकल गई. उसका लंड और भी ज्यादा फूल गया और झटका देने लगा. संजू से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वो नीरज के ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत को उसके लंड पर सैट करके घप्प से एक ही झटके में लंड लील गई.

लंड लेते ही संजू के मुँह से ‘ईस्स … स्स उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की लंबी सीत्कार निकल गई और वही सीत्कार नीरज के भी मुँह से भी निकल गई.

अब संजू पूरा जंगली शेरनी की तरह नीरज के लंड पर उठक बैठक करने लगी थी. पूरे कमरे में ‘चप … चप … घप … घप..’ की आवाजें आने लगी थीं.

संजू की चूत से पानी बहुत ही ज्यादा निकल रहा था, जो कि रिस कर नीरज के आंड के आसपास फैल रहा था.

संजू जैसे जैसे नीरज के लंड पर उछलती, उसकी चुचियां ऊपर नीचे हिल रही थी और उसकी गांड भी ऊपर नीचे हिलते हुए मस्त लग रही थी. बड़ा ही मादक सीन था.

मैंने इधर अब अपने लंड को अपनी सलहज की चूत में सैट किया और घुसाने लगा.
इस पर प्रियंका बोली कि जीजा जी मेरा तो हो गया … अब छोड़ दीजिए ना.

मैं हंसने लगा और बोला- मैं तो अभी आपको एक दो बार और झाडूंगा.
वो बोली- ऐसा भी होता है क्या?
मैंने बोला- मैं आपकी ननद संजू को अक्सर दो बार झाड़ता हूँ.
वो बोली- मैं तो अब तक हमेशा एक ही बार झड़ी हूँ.

मैंने हंसते हुए अपना मोटा लंड उसकी चूत में घुसाने लगा पर उसकी चूत सूख गई थी. मैंने उसकी चूत में थूका और उससे चूत को गीला किया. फिर अपने लंड पर भी थोड़ा थूक लगाया.

अब मैं प्रियंका की चूत में अपना लंड डालने लगा, परंतु लंड इतनी आसानी से नहीं जा रहा था.
वो बोली- आह दर्द कर रहा है.
मैं बोला- बस कुछ मिनट में मजा आने लगेगा.

मैंने थोड़ा जोर लगाया, तो मेरा सुपारा प्रियंका की चूत में चला गया. वो थोड़ा चिहुंकी. मैंने देर ना करते हुए एक जोर को झटका दिया, जिससे मेरा लंड पूरा उसकी चूत में समा गया.

वो कराहने लगी और उसकी चीख निकल गई. वो तड़फ कर बोली- आह मर गई … निकालिए … आपका बहुत बड़ा लंड है … दर्द कर रहा है.

पर मैं उसकी बात को अनसुना करते हुए लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दो-तीन मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा और वो जोर जोर से सीत्कार भरने लगी.
उसकी चूत में मेरा लंड पूरा टाईट जा रहा था. उसकी चूत से फिर से पूरा पानी निकलने लगा. अब वो जन्नत में गोता खाने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने उससे बोला- भाभी आप ऊपर आ जाओ, आपको जैसे चुदना हो … खुद चुद कर मजा लो.

वो बहुत खुश नजर आ रही थी. मैं नीचे लेट गया, वो मेरे ऊपर आ गई और धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठने लगी. मैंने नीचे से एक जोरदार धक्का दिया, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.

वो चीख उठी और फिर शांत होकर मुस्कुराकर बोली- आह … धत्त आप कितने बेदर्दी हैं.

फिर वो आंखें मूंद कर मेरे लंड, जो कि उसकी चूत में पूरा टाईट घुसा हुआ था … के ऊपर आगे-पीछे होने लगी और अपने होंठ को दांतों से दबाते हुए जन्नत की सैर करने लगी.

उधर संजू नीरज के लंड पर पूरा जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी. नीरज उसकी आक्रामकता को देखे जा रहा था. एकाएक संजू उसी अवस्था में नीरज के ऊपर झुकी और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल कर अपनी गांड को किसी पोर्न स्टार की तरह ऊपर नीचे करते हुए पूरा स्पीड में फकिंग करने लगी. इससे उसकी बड़ी गांड पूरी हिलने लगी.

कमरे में ‘फच. … फच … फचाक … फच…’ की आवाजें आने लगीं.

संजू को देखने से ऐसा लग रहा था कि उसका अब होने वाला है.

तभी नीरज बोला- बहन, मेरा निकलने वाला है.
संजू चुदते चुदते बोली- थोड़ी देर और रुक जाइए … मेरा भी होने वाला है.

परंतु नीरज अपने को संभाल नहीं पाया और बेतहाशा संजू की चूत में झड़ने लगा.
संजू एकदम से चिल्लाते हुए बोली- नहीं … अभी नहीं थोड़ा सा रुक जाइए.

परंतु वीर्य कहीं रुकने वाला होता है. नीरज ने संजू की चूत में झड़ते झड़ते उसको कसके अपने सीने से चिपका लिया, जिससे संजू की चुचियां नीरज की छाती पर छितरा गईं.

नीरज अपने लंड का पूरा वीर्य संजू की चूत में उतारने के बाद वो निढाल हो गया.

संजू बोली- ओह … नो … ये आपने क्या कर दिया … मैं भी झड़ने वाली थी.
इस पर नीरज बोला- बाप रे … बाप कितना चुदवाती हो … मेरा तो पूरा पसीना निकाल दिया.

संजू थोड़ी मायूस हुई, वो किसी भी कीमत पर झड़ना चाह रही थी, परंतु नीरज का लंड मुरझा चुका था.

एकाएक संजू नीरज के ऊपर से उठी, उसके उठते ही संजू की चूत से नीरज का गाढ़ा वीर्य नीरज के मुरझाये लंड एवं आंड पर गिरने लगा.

संजू के उठते ही नीरज भी उठने लगा, पर ये क्या … संजू ने नीरज को उठने नहीं दिया. उसने नीरज के मुरझाये लंड को अपने मुँह में ले लिया … और लंड चूसने लगी.

नीरज को यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी बहन इतनी कांमांध हो सकती है. संजू नीरज के लंड चूसने के क्रम में वहां पर जितना भी वीर्य गिरा था, उस सबको चाट गई. अब भी वो लंड को चूसते ही जा रही थी, वो किसी भी तरह लंड को खड़ा करना चाह रही थी.

संजू ने अपने भाई नीरज के लंड तथा उसके आसपास गिरे वीर्य का एक एक कतरा चाट लिया, फिर भी नीरज का लंड नहीं खड़ा हुआ.

संजू अपने स्खलन के बिल्कुल नजदीक थी, परंतु बिना लंड के वो स्खलित नहीं हो पा रही थी.

तभी उसकी नजर हम दोनों पर गई, जहां मेरी सलहज यानि कि उसकी बड़ी भाभी मेरे लंड पर बैठकर आगे पीछे करते हुए जन्नत का मजा उठा रही थी और मुँह से ‘ईस्स … ओह … ओह…’ कर रही थी.

एकाएक संजू उठी और उसने अपनी भाभी को दबंगों की तरह मेरे लंड से जबरदस्ती उठा कर अलग कर दिया.

ये प्रियंका को जरा सा भी अच्छा नहीं लगा. वो बोली- ये क्या कर रही है संजना?

आखिर वो भी तो जन्नत का मजे ले रही थी. परंतु संजना ने बात अनसुनी करते हुए मेरे लंड पर अपना चूत सैट करके एक ही झटके में घप्प से बैठ गई.

मेरे मुँह से ‘आह..’ और संजू के मुँह ‘ओ … हो … अअह..’ निकल गया.

अब संजू मेरे लंड पर ऊपर नीचे करने लगी. मैं संजू की मनोदशा को समझ रहा था कि वो अपने स्खलन के अंतिम पड़ाव में है.

मैंने भी आव देखा ना ताव नीचे से जोर-जोर से शॉट मारने लगा. संजू निहाल हो गई. उसे ऐसा ही आक्रमण चाहिए था.

दो मिनट में ही वो बोली- हां … हां … मेरे राजा … मैं आने वाली हूँ.

मैंने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया. मेरी संजू बेतहाशा झड़ने लगी और मेरे सीने से कसकर लिपट गई और हांफने लगी.

थोड़ी देर बाद वो उठी और प्रियंका … जो कि ये सब देख कर अपनी चूत में एक उंगली घुसाकर अन्दर बाहर कर रही थी, को बोली- सॉरी यार मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी, इसलिए ऐसा किया. आओ अब तुम मेरे पति के लंड का मजा ले लो.

Post a Comment

0 Comments