आज जो मैं कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूं वो मेरी पड़ोसी भाभी की कहानी है. मेरे बारे में तो आप सब लोग जानते ही होंगे. जिन लोगों को मेरे बारे में नहीं पता है उनके लिए मैं बता दूं कि मेरा नाम शुभम है और मैं नोएडा का रहने वाला हूं.
यह कहानी आज से 6 महीने पहले की है. किन्हीं कारणों के चलते मैं अपने घर से अलग रहने लगा था. जहां मैंने रूम ले रखा था वहां पर एक जोड़ा पहले ही रहता था.
उनकी शादी अभी कुछ महीने पहले ही हुई थी. बाद में बात करने पर मुझे पता चला था कि उनकी शादी 8 महीने पहले हुई थी. आते जाते उस जोड़े से मेरी जान पहचान होने लगी. उनको मैं भैया बुलाता था. वो एक कंपनी में काम करते थे. वो मुझे कभी कभी ही दिखायी देते थे.
उनकी पत्नी को मैं भाभी कह कर बुलाता था. उनसे पूछने पर पता चला कि भैया 10-12 दिन तो बाहर ही रहते हैं. उनका काम ही ऐसा था.
मुझे भाभी का व्यवहार बहुत अच्छा लगता था. वो अच्छे से बात करती थी. धीरे धीरे मेरा मन बहकने लगा था. मन करने लगा था कि भाभी की चुदाई का मौका मिल जाये तो मजा आ जाये. मगर ये ख्याल अभी मेरे मन तक ही सीमित थे.
मैं भाभी से ज्यादा खुल कर बात नहीं कर पाता था. जब भी भैया घर पर नहीं होते थे तो भाभी मुझे कभी मार्केट चलने के लिए और कभी सब्जी लाने के लिए कहती थी. मैं भी उनको बिल्कुल भी मना नहीं करता था. उनके साथ जाने के लिए हमेशा तैयार रहता था.
धीरे धीरे मेरा झुकाव भाभी की ओर बढ़ने लगा था. मैं भाभी को चाहने लगा था लेकिन डर भी लगता था इसलिए कुछ कह नहीं पाता था, जबकि भाभी मुझसे काफी खुल कर बातें किया करती थी. वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा करती थी. मैं उनको मना कर देता था कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैंने आपको भाभी के बारे में काफी कुछ बता दिया लेकिन उनका फिगर नहीं बताया. भाभी का नाम शिवानी (बदला हुआ नाम) था. उनका फिगर 34-30-32 का रहा होगा. उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं थी. वो मात्र 24 साल की थी. देखने में बहुत ही मादक लगती थी. अधिक सरल भाषा में कहूं तो एकदम से सेक्सी पटाखा लगती थी.
उनको देख कर हर किसी के मन में यही ख्याल आता था कि एक बार ये मेरे नीचे आ जाये तो पटक पटक कर चोद दूं. इसके लिए तो कुछ भी कर जाने को जी चाहता है.
कुछ ऐसा ही हाल मेरा भी था. शिवानी भाभी का सेक्सी फिगर देख कर मेरा मन भी भाभी की चुदाई के मचलने लगा था. मैं भी उनको चोदने के सपने देखता रहता था.
हम दोनों अब काफी वक्त साथ में बिता रहे थे. जितना ज्यादा मैं भाभी के करीब आ रहा था मेरी और मेरे लंड की प्यास उस सेक्सी भाभी के लिये जोर पकड़ती जा रही थी.
कभी कभी मैं भाभी को मूवी दिखाने के लिए ले जाता था. घूमना तो हर तीसरे दिन का काम हो गया था.
एक दिन मैंने भाभी से कहा- मैं आपसे एक बात बोलना चाहता हूं.
भाभी बोली- हां बोलो, क्या बोलना चाहते हो?
मैंने कहा- अगर आप बुरा न मानो तो कहूंगा.
वो बोली- शुभम, इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है, बताओ क्या बोलना चाहते हो.
मैंने कहा- ठीक है मैं आधे घंटे में वापस आता हूं.
वो बोली- नहीं, पहले बता कर जाओ कि क्या बात करना चाह रहे थे.
मैंने कहा- भाभी थोड़ा वेट तो करो, मैं अभी वापस आ जाऊंगा.
उसने हैरानी से मेरी ओर देखा और फिर कहा- अच्छा ठीक है, लेकिन जल्दी आना.
मैंने कहा- ठीक है. बस अभी आया.
बाहर जाकर मैंने एक गुलाब का फूल और एक सोने की अंगूठी ले ली. किसी औरत या लड़की को पटाने का ये सबसे सही तरीका लगता है मुझे. इनको फूल और जूलरी बहुत पसंद होती है. इसलिए मैंने भाभी के लिए दोनों ही चीजें ले ली.
वापस आकर मैंने भाभी से कहा- आप आँखें बंद कर लो पहले.
भाभी आंखें बंद नहीं कर रही थी. बहुत कहने पर उसने अपनी आँखें बंद कीं.
फिर मैं नीचे बैठ गया.
मैंने भाभी के सामने गुलाब का फूल आगे कर दिया और आंखें खोलने के लिए कहा.
भाभी ने आंखें खोल कर देखा और फूल देख कर मुस्कराने लगी. जैसे ही भाभी ने फूल को पकड़ने के लिए हाथ आगे किया तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया और उनकी उंगली में वो सोने की अंगूठी डाल दी.
अंगूठी डालते हुए मैंने कहा- भाभी आई लव यू. मैं आपको बहुत पसंद करने लगा हूं.
अंगूठी देख कर भाभी थोड़ा गुस्सा हो गयी. फूल देने तक तो ठीक था. वो सोच रही थी कि मैं नादानी में ऐसा कर रहा हूं लेकिन जब मैंने उनको अंगूठी पहनाई तो वो नाराज हो गयी.
वो बोली- ऐसा नहीं हो सकता शुभम. तुम जानते हो कि मैं शादीशुदा हूं. मैं तुमको पसंद करती हूं लेकिन ये रिश्ता सार्वजनिक नहीं हो सकता है.
मैंने कहा- तो मैं कब कह रहा हूं कि हम सारी दुनिया को बतायेंगे.
वो बोली- ठीक है, लेकिन ये बात केवल तुम्हारे और मेरे बीच में ही रहनी चाहिए.
मैं बोला- भाभी आप चिंता मत करो, किसी को भनक भी नहीं लगेगी हमारे प्यार के बारे में.
मेरी बात सुन कर वो थोड़ी शांत हुई. फिर उसने अंगूठी निकाल दी.
मैंने कहा- क्या हुआ भाभी, आपको मेरा तोहफा पसंद नहीं आया क्या?
वो बोली- पसंद तो बहुत आया लेकिन मैं इसको तुम्हारे भैया के सामने नहीं पहन सकती हूं.
भाभी ने अंगूठी मेरे हाथ में वापस थमाते हुए कहा- तुम इसको अपने पास ही रख लो. जब मुझे पहनने के लिए चाहिए होगी तो मैं तुमसे ले लूंगी लेकिन अभी मैं इसको नहीं पहन सकती हूं.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.
अंगूठी को मैंने वापस अपनी जेब के अंदर में रख लिया.
मैं उठ खड़ा हुआ. मैंने भाभी के हाथ को पकड़ लिया. उनका नर्म कोमल हाथ पकड़ कर मेरे लंड में हलचल होने लगी. उनका बदन एकदम से मलाई के जैसा था. मैंने भाभी के हाथ को सहलाया.
वो मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़ाने लगी लेकिन मैंने और जोर से पकड़ लिया.
वो बोली- कोई देख लेगा.
मैंने कहा- अभी तो आपके और मेरे अलावा यहां पर कोई भी नहीं है.
जितना भाभी छुड़ाने की कोशिश कर रही थी मेरी पकड़ और ज्यादा मजबूत हो रही थी. मैंने भाभी को अपनी ओर खींच लिया. उनकी चूचियों मेरी छाती से लग गयीं. मैंने भाभी के होंठों के पास अपने होंठों को कर लिया. उसकी सांसें तेज तेज चलने लगी थीं.
उसके लाल लाल होंठ देख कर उनको चबा जाने का मन कर रहा था. मैंने भाभी की गर्दन पर हल्का सा किस किया तो भाभी सिहर गयी. मैंने उनको अपनी बांहों में भर लिया और दोनों एक दूसरे से लिपट गये. ऐसा लगा कि मैं जन्नत में हूं.
भाभी की चूचियों मेरे बदन से एकदम चिपक गयी थीं. मैंने भाभी को कस कर अपनी बांहों में जकड़ लिया. वो असहज होते हुए बोली- क्या कर रहे हो, जान निकालोगे क्या?
मैंने कहा- इतनी प्यारी जान की जान निकाली नहीं जाती है, इसके लिए तो जान दी जाती है.
मैंने भाभी के होंठों पर होंठ रख दिये और उनके होंठों को कस कर किस करने लगा. भाभी ने पहले से तो मुंह नहीं खोला लेकिन एक दो बार कोशिश करने के बाद उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. मेरा लौड़ा मेरी पैंट में अकड़ गया था. मेरा लंड भाभी की जांघों पर चुभने लगा था. मन कर रहा था कि भाभी को नंगी करके अभी इसकी चूत में लंड देकर दनादन इसको चोद दूं. मगर मैं जल्दबाजी में बने बनाये काम को खराब नहीं करना चाहता था.
कुछ देर तक उसके रसीले होंठों का रस पीने के बाद मुझसे रुका न गया और मैंने अपने हाथों से भाभी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. वो मुझे पीछे हटाने लगी लेकिन मैंने उनको कस कर मसल दिया. उनके सीने से साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया और भाभी की चूचियों की घाटी दिखने लगी.
मैंने भाभी की चूचियों में मुंह रख दिया और उसकी खुशबू लेने लगा. भाभी भी गर्म होने लगी थी. मैंने भाभी की गांड को पीछे से दबा दिया और अपने लंड को उसकी जांघों के बीच में सटा दिया.
फिर मैंने उनके मुलायम से पेट को सहलाया और उनकी साड़ी को खोलने लगा. जैसे ही मेरे हाथ भाभी की साड़ी की ओर बढ़े तो वो पीछे हो गयी. उसकी सांसें तेजी से चल रही थीं और उसकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थीं.
मैंने कहा- क्या हुआ भाभी?
वो बोली- आज के लिए इतना ही ठीक है. इसके आगे हम अभी नहीं करेंगे.
मैंने कहा- लेकिन क्यों?
वो बोली- मेरे पीरियड्स चल रहे हैं. अभी सेक्स नहीं कर सकते.
अपने लंड को सहलाते हुए मैंने भाभी को दिखाया और कहा- मान जाओ न भाभी, बहुत मन कर रहा है.
वो मेरे लंड की ओर देखने लगी. उसने मेरे लंड पर एक हल्का सा थप्पड़ लगाया और बोली- इसको अभी रोक कर रखो. अभी इसकी इजाजत नहीं है.
मेरा मन उदास हो गया.
भाभी ने मेरा चेहरा देख लिया था लेकिन वो आगे नहीं बढ़ना चाहती थी. इसलिए मैंने भी जबरदस्ती नहीं की.
मैंने कहा- भाभी एक बार हाथ से टच तो कर दो.
भाभी ने मेरे लंड को ऊपर से सहला दिया.
मेरे मुंह से आह्ह … करके सिसकारी निकल गयी.
मैंने कहा- एक बार अपनी रानी (चूत) को भी छू लेने दो.
वो बोली- बिल्कुल नहीं. अभी नहीं हो सकता है कुछ. बाद में करेंगे. अभी तुम जाओ, तुम्हारे भैया घर वापस आने वाले होंगे.
उस दिन मैं मन मारकर चला गया. मगर रातों की नींद जैसे उड़ गयी थी. मुझे हर जगह भाभी की नंगी चूची और उसकी चूत दिखाई दे रही थी. उस दिन मैंने तीन बार मुठ मारी. लंड को बुरी तरह से रगड़ा, तब जाकर मैं शांत हुआ और फिर सो गया.
अगले दिन मैं भाभी के पास गया. उस दिन भैया घर नहीं आने वाले थे. ये सुन कर मैं खुश हो गया. मैंने भाभी के साथ सोने के लिए रिक्वेस्ट की. पहले तो वो मना करने लगी लेकिन बहुत कहने पर फिर मान गयी.
उस रात को मुझे लगा कि आज भाभी की चुदाई कर ही दूंगा. रात में साथ में सोते हुए मैंने भाभी की चूचियों को नंगी कर दिया. मैं भाभी के बूब्स को दबाने लगा और मुंह में लेकर चूसने लगा. वो मेरा साथ देने लगी.
भाभी की चूचियां बहुत मस्त थी. एकदम से गोरी और भूरे रंग के निप्पल के साथ बहुत ही कयामत लग रही थी. मैंने भाभी के बूब्स को दबाते हुए उनके दूधों को पीया. जब मैं चूत की ओर बढ़ा तो भाभी ने मुझे रोक दिया.
मुझे लगा भाभी की मान जायेगी लेकिन वो नहीं मानी. उससे आगे भाभी ने कुछ नहीं करने दिया. फिर हम दोनों साथ में ही सो गये. रात भर मैं भाभी के बूब्स पर हाथ रख कर सोया.
तीन-चार दिन तक रोज ऐसे ही शिवानी भाभी के मस्ती होती रही. मगर उससे आगे कुछ नहीं हो रहा था. रोज दिन में मुझे मुठ मारकर काम चलाना पड़ रहा था. बहुत कहने के बाद भी भाभी चुदाई के लिए तैयार नहीं हो रही थी.
मैं उसकी चुदाई के सपने देख रहा था.
उसके पति की गैरमौजूदगी में एक दिन मैंने भाभी को अपने दिल की बात बोल दी. मैंने भाभी को सोने की अंगूठी भी दी लेकिन भाभी ने उसको पहनने के लिए मना कर दिया.
भाभी ने कहा कि वो भी मुझे चाहती है इसलिए मैंने भाभी को पकड़ कर उनके होंठों को चूम लिया. भाभी की चूचियों को नंगी करके मैंने उनके दूध को भी पीया.
जब मैं चूत की ओर बढ़ा तो भाभी ने मना कर दिया. भाभी कहने लगी कि उनके पीरियड्स चल रहे हैं इसलिए चुदाई नहीं हो सकती है. भाभी के साथ मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की.
उनके पति जब तक बाहर रहे, मैं रात को भाभी के साथ ही सोता था. चूमा-चाटी और चूचियां दबाने से आगे भाभी कुछ नहीं करने दे रही थी. अब मैं आगे की कहानी आपको बताता हूं.
अब मैं और शिवानी भाभी काफी मस्ती करते थे. कुछ दिन के बाद फिर भैया भी आ गये. मैंने भाभी को कसम दे दी कि जब तक वो मेरे साथ सेक्स नहीं कर लेगी तब तक वो भैया के साथ भी सेक्स नहीं करेगी.
भैया के आने के बाद उनसे भी मेरी बात हुई. हम दोनों ने साथ में बैठ कर बीयर भी पी. भैया ने दो-तीन दिन तक तो कुछ नहीं किया. चौथे दिन भैया का मन भाभी की चुदाई के लिए करने लगा. भाभी ने उनको टाल दिया ये कह कर कि उनके पीरियड्स चल रहे हैं.
चार दिन भाभी ने किसी तरह से निकाले. उन्होंने भैया के साथ भी सेक्स नहीं किया. भाभी भी मुझको प्यार करती थी. अब हम दोनों ही इंतजार कर रहे थे कि कब भैया दोबारा घर से बाहर जायेंगे.
एक दिन भैया ने बताया कि उनको 6 दिन के लिए गुजरात जाना है. ये बात सुन कर मैं और शिवानी भाभी खुश हो गये. हम दोनों को अब मौका मिलने वाला था सेक्स करने के लिए.
जिस रात को भैया निकले उस रात को मैं भाभी के साथ सोया. मगर हम दोनों ने कुछ नहीं किया.
मैंने भाभी से कहा कि मैं आपके साथ सुहागरात मनाना चाहता हूं.
भाभी भी राजी हो गयी.
फिर अगले दिन वो तैयारी में लग गयी. वो अपना मेकअप करवाने के लिए गयी. जब तक वो लौट कर आयी तब तक मैंने रूम साफ कर दिया था. आज हमारी सुहागरात होने वाली थी.
जब वो आई तो बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसके बाद हम दोनों शॉपिंग के लिए निकल गये. जो भी हम दोनों को देख रहा था वो यही सोच रहा था कि हम दोनों पति पत्नी हैं. भाभी के साथ मेरी जोड़ी खूब जम रही थी.
हम दोनों ने शॉपिंग की और कुछ सजावट के लिए कुछ फूल भी लेकर आये. उसके बाद हमने बाहर ही खाना खा लिया. घर आकर मैं रूम को सजाने की तैयारी करने लगा. भाभी के साथ मेरी सुहागरात होने वाली थी.
मैंने भाभी को तैयार होने के लिये बोल दिया. भाभी चली गयी. उसके बाद मैं बाहर गया और मेडिकल शॉप से कॉन्डम का पैकेट लिया. इसके साथ ही मैंने सेक्स टाइम को बढ़ाने वाली कुछ दवाई भी ले ली. मैंने कुछ चॉकलेट भी ले ली.
घर वापस आकर मैं तैयार हो गया. मैंने भाभी को कॉल किया कि मैं कितनी देर में आऊं?
भाभी बोली- बस दस मिनट में मैं आपको कॉल करूंगी. मेरे कॉल करने के बाद ही आना. तब तक मैं कुछ तैयारी कर रही हूं.
अब मुझसे इंतजार करना मुश्किल हो रहा था.
10 मिनट के बाद भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे रूम में आने के लिये कहा. मेरी खुशी का ठिकाना न था. मैंने वो अंगूठी भी रख ली थी जिससे मैंने भाभी को प्रपोज किया था. मैंने कॉन्डम का पैकेट, दवाई और चॉकलेट ली और भाभी के रूम में गया.
भाभी तैयार होकर बेड पर बैठी हुई थी. उसने घूंघट डाला हुआ था. जब मैं भाभी के करीब गया तो उसने उठ कर मेरे पैर छूना चाहा लेकिन मैंने भाभी को अपने पैर नहीं छूने दिया. मैं उनको दिल से प्यार करता था.
फिर वो बोली- मैं चाहती हूं कि तुम मेरी मांग भी भर दो.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और मंदिर के सामने ले जाकर उनकी मांग में सिंदूर भी लगा दिया. उसके बाद हम लोग रूम में आये. शिवानी भाभी ने मुझे दूध पीने के लिए दिया.
मैंने आधा दूध खुद पीया और आधा भाभी को पीने के लिए दिया. साथ में ही मैंने आधी दवा खुद खा ली और आधी भाभी को खाने के लिए दी. उसके बाद भाभी को मैंने रिंग दी.
भाभी ने मेरी दी हुई रिंग बहुत ही प्यार से पहनी. फिर मैंने भाभी को चॉकलेट दी. हम दोनों ने लिप किस किया और फिर चॉकलेट को आधी आधी खा लिया. उसके बाद मैंने भाभी के गहने धीरे धीरे उतारने शुरू किये.
हम दोनों किस करते जा रहे थे और बीच बीच में मैं भाभी के गहने भी उतार रहा था. सारे गहने उतारने के बाद मैंने कपड़े उतारे और कॉन्डम निकाल कर रख लिया. भाभी ने वो कॉन्डम देख लिया.
उन्होंने साफ मना कर दिया कॉन्डम लगाने से. वो बोली कि ऐसे ही करो.
मैंने कहा- अगर आप पेट से हो गयी तो?
वो बोली- मैं तुम्हारे बच्चे को अपने पेट में और इस दुनिया में लाना चाहती हूं. तुम बिना कॉन्डम के ही करो.
मैंने भाभी के होंठों को चूम लिया. फिर कॉन्डम का पैकेट एक तरफ डाल कर मैंने भाभी के पूरे कपड़े उतार दिये. मैं उनको किस करने लगा. भाभी पूरी नंगी हो गयी थी. मैंने भाभी की चूचियों को दबाते हुए पीना शुरू कर दिया.
काफी देर भाभी के बूब्स को चूसने के बाद मैंने अपने कपड़े भी पूरे निकाल दिये और मैं भी नंगा हो गया. मैंने भाभी की चूत पर लंड लगाया और अंदर धकेल दिया.
जैसे ही मैंने भाभी की चूत में लंड को अंदर किया तो भाभी के मुंह से चीख निकल गयी- आआआ …. आई … फाड़ दी … मेरी चूत।
मैंने भाभी के होंठों को कस कर स्मूच करना शुरू कर दिया उसकी आवाज अंदर ही दब गयी.
कुछ देर तक मैं लंड को आराम आराम से भाभी की चूत में धकेलने की कोशिश करता रहा. भाभी को अब आराम हो गया था. वो अपनी चूत में लंड को पूरा ले गयी थी. धीरे धीरे करके पूरा लंड देने के बाद मैंने भाभी की चूत को चोदना शुरू कर दिया.
अब उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह फक मी, आह्ह … और तेज से चोदो.
मैं भी तेजी के साथ भाभी की चूत को पेल रहा था. भाभी मस्त हो गयी थी और मैं भी चुदाई का मजा ले रहा था.
20 मिनट तक चुदाई हुई, उसके बाद मैंने अपना माल भाभी की चूत के अंदर ही निकाल दिया. उसके बाद हम लोग एक दूसरे के ऊपर नंगे ही लेटे रहे काफी देर तक. कुछ देर के बाद फिर से लंड खड़ा हो गया और मैंने फिर से भाभी की चूत चोदी.
इस तरह से उस सुहागरात में मैंने भाभी की चूत 3 बार चोदी. मैंने अपना माल भी भाभी की चूत में अंदर ही निकाला. उसके बाद हम दोनों सो गये.
दोस्तो, आप सोच रहे होगे कि मैं चुदाई का इतना शौकीन हूं तो मैंने भाभी की चूत को चाटा नहीं और भाभी ने मेरे लंड को भी नहीं चूसा! तो दोस्तो, यह हम दोनों के बीच में पहला सेक्स था. मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है लेकिन पहली रात को मैंने नहीं चाटा.
शिवानी भाभी को भी लंड चूसना पसंद नहीं है इसलिए मैंने उनको फोर्स नहीं किया. मगर उस दिन के बाद जब भी चुदाई हुई मैंने भाभी की चूत को खूब चाटा.
एक दिन की बात है कि मैं भाभी के साथ सेक्स कर रहा था और भाभी की चूत को मस्ती में चाट रहा था. अचानक ही भाभी की चूत से पानी निकल गया और मैं सारा पानी पी गया.
फिर मैंने भी भाभी के मुंह में लंड दे दिया. पहले तो वो मेरे लंड को मरे मन से चूसने लगी लेकिन कुछ देर के बाद उसको लंड चूसने में मजा आने लगा. उसके बाद से भाभी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
अब वो खूब लंड चूसती है. अब तो वो मेरे माल को अपने मुंह में ही गिरवाने लगी है लेकिन शुरूआत में ऐसा नहीं था. सुहागरात के अगले दिन क्या हुआ, ये जानकर आपको पता चल जायेगा.
सुहागरात मनाने के अगले दिन जब हम लोग उठे तो हम काफी खुश थे. हमने देखा कि हमारे कपड़े सारे बिखरे हुए पड़े थे.
भाभी बोली- आपके भैया ने तो इस तरह से मेरी चुदाई कभी नहीं की थी. ये बोल कर वो हँसने लगी. मैं भी मुस्करा दिया.
भाभी ने कहा- अब जाकर फ्रेश हो जाओ.
मैंने कहा- मुझे गुड मॉर्निंग किस नहीं मिलेगी क्या?
भाभी मेरे पास उठ कर आई और मेरे होंठों पर होंठ रख दिये. भाभी के बूब्स मेरे सीने से सट गये. हम दोनों नंगे ही थे इसलिए लंड भी तुरंत खड़ा हो गया.
मैंने एक बार फिर से भाभी को बेड पर पटक लिया और उनकी चूत को चोदने लगा. वो भी मजे से चुदने लगी. रात की चुदाई के कारण शिवानी भाभी की चूत में जल्दी ही दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगी.
मगर अब मैं नहीं रुक सकता था. मैं भाभी की चूत में लगातार लंड को पेल रहा था. भाभी चिल्लाती रही और आवाजें करती रही. मैंने चुदाई चालू रखी.
30 मिनट तक भाभी की चूत को चोदा और फिर मैंने उनकी चूत के अंदर ही पानी निकाल दिया. भाभी मेरी इस हरकत पर नाराज हो गयी कि मैंने उनकी बात नहीं सुनी. मैंने उनको मनाया तो वो फिर जल्दी ही मान भी गयी.
फिर हम दोनों नहाने के लिए गये और दोनों साथ में ही नहाये. वहां पर भी मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं चुदाई करने के लिए तैयार हो रहा था लेकिन भाभी ने मना कर दिया.
उसके बाद हम लोग बाहर आ गये. मैं तैयार हो गया और ऑफिस के लिए रेडी होकर निकल गया. इस तरह से भाभी के साथ रोज मस्ती होने लगी. अब हम दोनों रोज रात में सेक्स करते थे. हमारे पास पांच दिन थे और पांचों दिन हमने खूब सेक्स का मजा लिया. उसके बाद भैया घर लौट आये.
अब हम लोगों को मिलने का मौका नहीं मिलता था. इसलिए चुदाई बंद हो गयी थी. भैया कहीं बाहर नहीं जाते थे. मगर जब भी थोड़ी बहुत देर के लिए जाते तो भाभी मुझे बुला लेती थी. मैं दिन में ही आकर भाभी की चूत चोद देता था.
इस तरह से कई बार हमने दिन में भी चुदाई की. भाभी रोज कहने लगी कि तुम्हारे भैया भी मेरी चूत को चोदते हैं.
मैंने कहा- तो फिर ये तो अच्छी बात है. भैया को लगेगा कि आपका जो बच्चा होगा वो उनका होगा लेकिन असल में वो मेरा होगा.
तीन महीने के बाद भाभी ने मुझे बताया कि उनके पीरियड्स बंद हो गये हैं. मैंने मार्केट से उपकरण लाकर दिया तो पता चला कि भाभी के पेट में बच्चा है. वो बच्चा मेरा ही था क्योंकि भैया घर पर तो रहते नहीं थे. उन दोनों के बीच में कभी कभार चुदाई होती थी.
जब भैया को पता लगा कि उनकी पत्नी पेट से है तो भैया बहुत खुश हो गये. वो भाभी को एक अच्छी महिला डॉक्टर के पास ले गये. वहां पर भैया ने डॉक्टर से पूछा- क्या हम अभी भी सेक्स कर सकते हैं?
डॉक्टर बोली- हां कर सकते हो लेकिन पांचवे महीने तक ही कर सकते हो. सेक्स बहुत ही आराम से करना.
घर आने के बाद भाभी ये सारी बातें मुझे भी बताईं. मैं बहुत खुश था कि भाभी के पेट में मेरा बच्चा है. फिर भैया को 10 दिन के लिए फिर से गुजरात जाना पड़ा.
भैया भी मेरे ऊपर बहुत भरोसा करते थे. वो मुझे बोल कर गये थे कि अपनी भाभी का खयाल रखना. भैया ने कहा कि मैं काम से जा रहा हूं और जल्दी ही वापस लौट आऊंगा. मैंने भी भैया को उनकी बीवी का खयाल रखने का भरोसा दिलाया.
उसके बाद भाभी और मैंने कई बार सेक्स किया. मगर अब हम आराम से धीमे धीमे करते थे. अब भाभी का पेट भी काफी निकल आया था. उनके बच्चे की डिलीवरी का समय भी जल्दी ही पास आता जा रहा था.
फिर भैया लौट आये. आने के बाद भैया ने कहा कि अब जब तक बच्चे की डिलीवरी नहीं हो जाती वो कहीं भी बाहर नहीं जायेंगे. ऑफिस का काम कम ही करेंगे. मगर इस दौरान भैया की ड्यूटी रात में लग गयी थी.
अब भाभी का ध्यान रात को भी मुझे ही रखना पड़ रहा था. मुझे परेशान होता देख कर भाभी बोली- तुमने इतने मजे लिये हैं तो थोड़ी सज़ा भी मिलेगी.
मैंने कहा- मुझे सारी सज़ा मंजूर है.
भाभी मेरी ओर देख कर मुस्कराने लगी और मैंने उनके माथे को चूम लिया.


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