Header Ads Widget

Ticker

10/recent/ticker-posts

तलाकशुदा मौसी की चूत कैसे मिली

 




मेरी मौसी 30 साल की तलाकशुदा महिला थीं. वो एक डांस क्लास चलाती थीं. यहां भी वो इसी सिलसिले में आई थीं. उन्होंने दिल्ली में अपना सेंटर खोला था. वो कुछ दिनों हमारे साथ ही रुकने वाली थीं.

शुरू शुरू तो मेरा ध्यान उनकी तरफ नहीं गया, लेकिन एक दिन मैंने उन्हें शॉर्ट्स और स्पोर्ट्स ब्रा में देख लिया. उन्हें ऐसे देख कर मेरा होश उड़ गया था.

मुझे मौसी को लेकर मॉल आने को कहा, जहां वो शॉपिंग कर रही थीं. मैं मन मार के चल पड़ा.

मैंने अपनी बाइक नीचे पार्क की, जहां ऊपर मौसी की क्लास चलती थी. मैं ऊपर आया और रिसेप्सन पर मैंने पूछा तो मुझे बताया गया कि वो अभी क्लास में हैं.

मैं अन्दर चला आया. अन्दर का दृश्य देख कर तो मेरा दिमाग ही घूम गया.

वो एक पोल से उल्टी लटकी हुई थीं, जिसका एक सिरा छत में … तथा एक सिरा जमीन में जाता था. पैर उन्होंने पोल में फंसा रखा था और उनके हाथ जमीन छू रहे थे.

मैंने एक बार उन्हें सिरे से निहारा. मौसी इस समय एक ब्लैक कलर की स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स में थीं. उनकी ब्रा काफी तंग थी … जिसमें से उनके चुचे तने हुए थे. 

शायद 36 इंच के … नंगे सपाट पेट पर उनकी गहरी नाभि बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. मौसी की पतली कमर 28 इंच की होगी.

उनका प्यार सा सेक्सी चेहरा, गोरा छरहरा बदन देख कर, मुझे वो किसी भी एंगल से 24 साल से ज्यादा की नहीं लगती थीं.

मौसी ने खुद को काफी मेंटेन कर रखा था. 

कोई 5 मिनट उनके बदन को निहारने मात्र से ही मेरा लंड तम्बू बन चुका था.

डांस खत्म करके वो मेरी तरफ आईं.
मौसी- अरे विशाल, तू आ गया!
मैं हड़ाबड़ाया- अं..हहह हां मौसी.

मौसी- बस एक मिनट … मैं चेंज करके आती हूँ.
मैं- ओकेएए … मौसी नो प्रॉब्लम.

मौसी के जाने के बाद मैंने देखा बहुत सारी लड़कियां वही डांस प्रेक्टिस कर रही थीं. सबकी सब हॉट माल थीं. मुझे तो लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग लॉक में आ गया हूँ. मुझे हर तरफ़ अप्सराएं ही नजर आ रही थीं. मैं उन मस्त लौंडियों के गदराए जिस्मों को अपनी आंखों से चोद रहा था.

तभी मौसी की आवाज मेरे कानों में गूंजी- सॉरी, तुझे वेट करना पड़ा.
मैंने खुद को सम्भाला- कोई नहीं मौसी. चलो अब मम्मी वेट कर रही होंगी.

मौसी ने हामी भरी और हम दोनों चल पड़े. मेरी बाइक पर वो पैर दोनों साइड करके ही बैठी थीं. मेरी बाइक स्पोर्ट्स बाइक थी, तो इस पर पैर एक साइड करके बैठना सम्भव नहीं था. बीच बीच में उनके चूचियां मेरी पीठ से टच होतीं, तो मेरी शरीर में झुरझुरी सी हो जाती.

दोस्तों … मैं खड़ा लंड छोड़ कर आया था. अभी मौसी का सेक्सी बदन देख कर तो मेरी हालत और खराब हो गई थी.

मैंने मौसी से पूछा- मौसी ये कौन सा डांस था. जो आप आज कर रही थीं?
मौसी- इसे पोल डांस कहते हैं.
मैं- हम्म … काफी हॉट डांस था.

मौसी हम सबके साथ काफी फ्रेंडली रहती हैं, इसलिए मैं खुल कर बोल पाया.

तो मौसी बोली- हां और डिफिकल्ट भी है … काफी मेहनत लगती है इसमें.

कुछ देर यूं ही उनसे बात करते करते मंजिल आ गई और मैंने मौसी को उस मॉल के पास छोड़ दिया, जहां मम्मी ने बोला था. मौसी मुझे बाय करके मॉल की सीढ़ियां चढ़ने लगीं. मैंने जाने के लिए गाड़ी का एक्सीलेरेटर दबाया, फिर रुक गया. मैंने नजर घुमा कर मौसी को देखा.

मौसी ने पीले रंग की कुर्ती और सफ़ेद रंग की लैगी पहन रखी थी … जो उनके चूतड़ों पर तंग थी. उनके 32 इंच के चूतड़ देख कर तो मेरा लंड दोबारा मचल उठा. उनके मुड़ने से पहले मैं वहां से रफूचक्कर हो गया.

घर आते ही मैंने सबसे पहले मुठ मारी. और खुद को ठंडा किया.
 ये सोच कर मैं हैरान था. उनका सेक्सी बदन मेरे दिमाग में घूम रहा था. कमाल सेक्सी थी मौसी.

अब मैं घर में भी उनके सेक्सी बदन को छुप कर ताड़ने लगा. सुबह जब वो पैंट में योगा करती थीं. अलग अलग पॉस्चर में उनके सेक्सी बदन को ताड़ना मुझे बड़ा अच्छा लगता था. मैं छुप छुप कर उनके बदन को निहारता रहता था.

एक रोज मैं हॉल में बैठे अख़बार पढ़ रहा था. मौसी रोज की तरह बालकनी में योगा कर रही थीं. मैं छुप कर उन्हें देख रहा था.

मौसी योगा खत्म करके आने लगीं, तो मैं झट से दोबारा अख़बार पढ़ने लगा.
वो कॉफी लेकर मेरे पास आईं.
मैंने अनजान बनते हुए कॉफी थामी.
मौसी ने मेरे लंड को उठा हुआ देखा और मुस्कुरा कर चली गईं.

मैंने पीछे से हल्की नजर से उनको मुस्कुराते हुए देख लिया था.

उनके मुस्कुराने का कारण जानने के लिए मैंने अपने लंड को तरफ देखा, तो पाया कि वो मेरे बरमूदे के अन्दर तम्बू बन चुके लंड को देख कर स्माइल कर रही थीं. मुझे बड़ी ही शर्म महसूस हुयी. मैंने जल्दी से बरमूदे को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन लौड़ा कहां मानने वाला था. ये सुबह का समय था … लड़के समझ सकते हैं कि मैं किस हालात में था.

मैं झट से कमरे में बाथरूम में घुस गया. वहां मौसी के पहने हुए कपड़े पड़े थे. मैंने मौसी की स्पोर्ट्स ब्रा उठायी और नाक के पास ले जा कर सूंघा, उसमें से मौसी के बदन और परफ्यूम की मिश्रित खुशबू आ रही थी. मैंने उनकी ब्रा और पैंटी ली और अपने कमरे में आ गया.

खुद के कमरे में आकर मैंने कमरा लॉक किया और मौसी के अंडरगारमेंट्स से खेलने लगा. मैं उनकी ब्रा सूंघते हुए अपने लौड़े पर हाथ फेरने लगा. मैंने ब्रा को बेड पर ऐसे बिछा दिया,

फिर अपने लौड़े पर हाथ फेरते हुए मैंने मौसी की पैंटी को हाथ में ले लिया और सूंघने लगा … चेहरे पर मलने लगा. मुझे ये सुगंध कुछ जानी पहचानी सी लगी … तो मैंने पैंटी को अच्छे से देखा. पैंटी पर नीचे की तरफ सफेद दाग था. मैं इस तरह के दाग से परिचित हूँ. मैंने सूंघ कर देखा, तो यह चूत रस था.

मौसी की चूत का रस!

मतलब मौसी कल पैंटी में झड़ी थीं. मेरी मौसी तो बड़ी हॉट माल निकलीं. मैं तो उन्हें सीधा-साधा समझता था.

खैर … उस दिन तो मैंने मौसी की पैंटी सूंघ कर मुठ मारी और सारा माल उनकी स्पोर्ट्स ब्रा पर गिरा दिया.

उस दिन एक बात तो साफ हो गयी थी. मौसी की चूत भी प्यासी थी. मैंने डिसाइड किया कि अब तो मैं मौसी की चूत चोद कर ही रहूंगा.

मुझे पता चल चुका था कि मौसी की चूत भी गर्म है. मैं मौसी को चोदने की योजना बनाने लगा.

एक दिन मैं मौसी के कमरे में गया- मौसी मुझे आपसे कुछ काम था.
मौसी- हां बोल?
मैं- मौसी मैंने कॉलेज में डांस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया है. और मुझे डांस का ड भी नहीं आता, मैं चाहता हूं … आप मुझे डांस सिखा दो.

मौसी- पर!
मैं- पर वर कुछ नहीं … आप बस सिखाओगे तो सिखाओगे.
मौसी- अच्छा ठीक है.
मैंने उन्हें हंस कर देखा, तो उन्होंने मुझसे बोला कि कल दोपहर 12 बजे तैयार रहना.

मैंने ओके कहा और उनके पास से चला आया.

अगले दिन दोपहर 12 बजे मैं मौसी के कमरे में आ गया.

मौसी ने मुझसे पूछा- तेरी डांस पार्टनर कहां है?
मैं- मौसी, अभी तो मैं ही हूँ … आप मुझे सिखा दो … मैं उसे सिखा दूंगा.
उन्होंने कहा- ओके … देख तेरे लिए मैंने कुछ सांग सिलेक्ट किए हैं. इनमें से तू चूज कर ले.

मैं- मौसी ये सब आप ही कर लो … मुझे नहीं आता.
मौसी- हम्म … फिर ये सही रहेगा.

ये कहकर उन्होंने सीडी को म्यूजिक सिस्टम में डाल कर प्ले कर दिया. गाना बजना शुरू हो गया और वापस आते हुए मौसी ने कमर लचकानी शुरू कर दी. उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. स्टेप्स सिखाते हुए जब वो मेरा पास आईं. उनके बदन को छू कर मैं एकदम से सिहर उठा.

मौसी ने आज टी-शर्ट और लोवर पहन रखा था … जिनेमं उनके तंग मम्मे बड़े ही कामुक लग रहे थे. मेरा लंड तम्बू बन फिर से खड़ा हो गया था.

डांस के दौरान एक स्टेप आया, जिसमें मौसी को अपने चूतड़ मेरी जांघों पर रगड़ने थे. मेरे हाथ मौसी के पेट पर थे. मौसी ने स्टेप करना शुरू किया. मेरे खड़े लंड का आभास पा कर उन्होंने सिर उठा कर मेरी तरफ आश्चर्य से देखा … शायद मौसी की अन्तर्वासना जागने लगी थी. लेकिन वो डांस करती रहीं. मैं मौके का फायदा बखूबी उठा रहा था.

मुझे डांस सीखने के बहाने मौसी के मस्त और कामुक बदन से रगड़न पाकर मस्ती चढ़ने लगी थी.

मौसी की चुदाई की कहानी का रस अभी छलकना शुरू हुआ है.

मौसी ने मेरे लंड का तनाव महसूस कर लिया था. उन्होंने कहा- आज के लिए बस.
मैं उनकी तरफ देखते हुए पूछने लगा- मैंने कैसा डांस किया?
मौसी- तूने अच्छा किया, काफी जल्दी सीख जाएगा.

मैं मुस्कुरा दिया.

मौसी- कल से कॉस्ट्यूम में करेंगे.
मैं- कॉस्ट्यूम?
मौसी- हां. और अपनी पार्टनर को भी ले कर आना.
मैं- मौसी मुझसे कपड़ों का जुगाड़ नहीं हो पाएगा. आप ही कुछ करो न!
मौसी- सारे काम मैं ही करूंगी, तो तू क्या करेगा?
मैं- आपका साथ दूंगा न मौसी.
मौसी- उफ्फ ओह … ठीक है, कल देखते हैं.

मैं उन्हें देखने लगा.

मौसी- पहले हम रेंडम कॉस्ट्यूम पर प्रेक्टिस करेंगे … फिर प्रॉपर कॉस्ट्यूम में … ओके!
मैं- ओके मौसी.

फिर वहां से निकल कर मैं अपने बाथरूम में गया. उधर मैंने अपना लोअर निकाल कर देखा, तो लौड़े ने पैंट में उत्पात मचा रखा था. मेरा मौसी का हॉट डांस देख प्रीकम निकल गया था. मैंने लंड की मुठ मारकर खुद को शांत किया.

अगले दिन फिर डांस सीखने मैं मौसी के कमरे में गया. म्यूजिक नहीं बजा … एक गाने का कोरस बजा.

‘फैशन का है ये जलवा..’

सांग प्ले करके आते हुए मौसी ने अपनी लैदर जैकेट निकाल फैंकी और स्टाइल से कमर लचकाते हुए मेरे पास आ गईं.

आगे के स्टेप्स मेरे थे, मुझे उन्हें कमर से पकड़ कर घूमना था. स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स में उनका सेक्सी बदन मेरे बदन से टच होता, तो मैं मन्त्रमुग्ध होने लगता.

डांस में एक स्टेप ऐसा आया. मौसी मेरे बदन से लगभग चिपकी हुई थीं. उनके बालों से आती खुशबू मन्त्र-मुग्ध करने वाली थी. मैंने मौके का फायदा उठाया और अपनी नाक मौसी की गर्दन के पास ले जाकर उनके बदन की खुशबू ली. उनकी परफ्यूम की खुशबू नशीली थी.

मैंने उनके पेट पर दबाव बढ़ाया, मौसी मेरे जिस्म से चिपक गईं. उन्हें सूंघते हुए मैंने उनकी कनपटी को चूम लिया. मैंने दूसरा चुम्बन उनकी गर्दन पर जड़ दिया.

अब मौसी डांस करना बंद कर चुकी थीं. नीचे मेरे हाथ उनके पेट के कोमल त्वचा को महसूस कर रह थे. उनके पेट की स्किन को उमेठता हुआ मैं उनकी गर्दन और कंधे पर चुम्बन कर रहा था.

इस पर मौसी ने कुछ असहज महसूस किया. वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं … लेकिन वो मेरी मजबूत पकड़ से निकल नहीं पा रही थी.

इस पर वो झल्ला कर बोलीं- विशाल क्या कर रहा है, छोड़ मुझे!
मैं- मौसी आप बहुत हॉट हो.
मौसी- चुपकर … क्या बोले जा रहा है, पागल हो गया है क्या?
मैं- हां आपके हॉट लुक ने मुझे पागल कर दिया है मौसी.

मैं लगातार अपने काम में लगा हुआ था. मैं बेतहाशा उनके गर्दन कंधे कनपटी पर चूमे जा रहा था. वो लगातार मुझसे छूटने के लिए विरोध कर रही थीं. और मैं मौसी के साथ सेक्स करने को बेताब था.

लेकिन इस खेल में एक बात बड़े मजेदार हो रही थी. जब भी मैं उन्हें चुम्बन करता … उनके मुख से सिसकारियां निकल जातीं. लेकिन दूसरे ही पल खुद को सम्भालतीं और मुझे छूटने के विरोध करना शुरू कर देतीं.

मैंने मौसी के कानों के लव को मुँह में भर के चाटते हुए कहा- मैं जानता हूँ मौसी आप चुदाई के लिए कितनी तड़प रही हैं … मैंने आपकी गीली पैंटी देखी है. मुझे भी तो वही चाहिए.

ये बात सुन कर उनका विरोध कुछ देर के लिए बंद हुआ. उस समय का मैंने लाभ लिया और अपने हाथ उनके उरोजों पर ले आया. मैंने उनके उरोजों पर हाथ फेरा और उन्हें धीरे धीरे दबाने लगा.

अब मौसी आंखें बंद करके जोर जोर से आहें भर रही थीं.

मैंने मौसी की गर्दन पर चुम्बन जारी रखे. मुझे स्पोर्ट्स ब्रा के नीचे मौसी के कड़क निपल्स ऐसे महसूस हो रहे थे. जैसे किसी वासना से गरम महिला के हों. मौसी के मुख से निकलती आहें कामुक थीं.

अब स्थिति ये थी कि विरोध तो मौसी नहीं कर रही थीं … लेकिन साथ भी नहीं दे रही थीं. हालांकि उनके चेहरे से साफ था कि उन्हें मजा आ रहा था.

मैंने मौसी की स्पोर्ट्स ब्रा ऊपर कर दी और उनके नंगे चुचों पर हाथ फेरा.

इससे मौसी ‘आहहहह उम्मम..’ करके मचल गईं. मैंने उनके निप्पलों पर हाथ फेरा, उनके बड़े बड़े चुचूकों को दोनों हाथों से दबाने लगा. मेरा कड़क लौड़ा उनके गांड में घुसा जा रहा था.

मौसी ने इस स्थिति में मुझे उन्हें छोड़ने को कहा लेकिन वो लगातार कामोन्माद में कामुक आवाजें भी निकाल रही थीं- अहहह ऊमम्म हहह विशाल ह्म्म्म अहह प्लीज छोड़ दे … अहहह हम्म इसस.
मैंने मौसी का एक दूध मसलता हुआ बोला- हां.

ये कह कर मैंने झटके से मौसी की ब्रा निकाल दी. उन्होंने भी निर्विरोध हाथ खड़े कर दिए. मैंने कमर पकड़ कर उन्हें अपनी तरफ खींचा और खुद से चिपका लिया. मैं उनके होंठों को चूमने लगा. लेकिन उनकी तरफ से पूर्ण सहमति नहीं थी.

हुआ कुछ यूं; मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए. मौसी ने मुझसे पहले ही मेरे होंठों को अपने होंठों तले दबा लिए और चूसने लगीं. लेकिन दूसरे ही पल वो मुझसे अलग हो गईं.

मौसी फिर से वही राग अलापने लगीं- आह विशाल ये ठीक नहीं है … मुझे छोड़ दो.

लेकिन उनकी गर्म सांसों से जाहिर था कि मौसी लंड के लिए उत्तेजित थीं. उनकी इस प्रतिक्रिया पर मुझे हंसी आ गयी.

मैं मौसी के होंठों छोड़ कर नीचे की तरफ बढ़ गया. उनके गले के भाग पर चुम्बन करने लगा. इसी बीच मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल फैंकी और उन्हें अपने नंगे बदन से चिपका लिया. उनकी सांसें ऐसे अटक गयीं, जैसे उन्हें करंट लग गया हो. उनका विरोध एकदम से बंद हो गया.

मैं उन्हें चूमने चाटने लगा. उनके होंठों को चूसने लगा. मौसी गर्म हो चुकी थीं, ये बात मैं महसूस कर सकता था. वे अपने नाखूनों को मेरी पीठ में गड़ा रही थीं.

मैं उन्हें कंधों पर चूमते हुए उनकी लैंगिंग्स के ऊपर से ही उनके बड़े चूतड़ों को दबा रहा था. उनके मस्त चूतड़ों को देख कर मुझे मस्ती छाई हुई थी. मैंने हाथों से मौसी की गांड को पकड़ा और उनकी पतली लैंगिंग्स फाड़ डाली. मौसी ने सिर्फ आह भरी और वे मेरे गले से लटक गईं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठाया और पास की टेबल पर लिटा दिया. मैं उनके पैरों के बीच आ गया और उनकी फटी हुई लैगी को निकाल फैंकी.

मौसी बिल्कुल नंगी सिर्फ पिंक कलर की पैंटी में मेरे सामने पड़ी थीं. उनके चेहरे और आंखों में हवस साफ नजर आ रही थी.

मैंने मौसी की चूत का मुआयना किया.
उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी. ये देख कर मैं मुस्कुरा दिया. मौसी के साथ सेक्स के लिए पूरी तरह से आतुर था मैं!

मैंने अपनी नाक को मौसी की चूत पर रखा और उनकी चूत की खुशबू ली. क्या मादक खुशबू थी …

मैंने मौसी की पैंटी निकाल फैंकी और उन्हें चूमते हुए अलग हो गया.

अब मैंने अपना लोअर भी निकाल फैंका. मेरा फुंफकारता लंड मौसी की आंखों के सामने था.
मैंने देखा तो वो बड़े ध्यान से मेरे लंड की तरफ ही देख रही थीं. मुझे अपनी तरफ देख कर मौसी ने नजरें फेर लीं.

मैंने देर न करते हुए मौसी की चूत की फांकों में लंड फंसाया और जब तक मौसी संभलतीं, मैंने एक ही झटके में अपने लंड को उनकी चूत में पेल दिया.

एकदम से लंड घुसा तो वो चिल्ला उठीं.
मैं रुक गया और पास में पड़ी उनकी ब्रा उठा कर उनके मुँह में ठूंस दी. फिर मौसी के गले को दबाए धक्के लगाना शुरू कर दिया.

मौसी की आंखों में आंसू थे … शायद उन्हें पहले झटके में दर्द हुआ था.

मैंने कुछ धक्के लगाने के बाद उनकी कमर पकड़ ली और पूरा लंड उनकी चूत में पेलने लगा. मैं पूरे जोश में धक्के लगा रहा था. मौसी बस गूँ गूँ की आवाज कर रही थीं.

इधर मौसी की हॉट चुदाई चल रही थी, उधर बैकग्राउंड में हॉट सांग रिपीट पर रिपीट चल रहा था.

फिलहाल एक बात सोचने वाली थी. मौसी के दोनों हाथ ऐसे खुले थे, जैसे फुल मस्ती ले रही हों. वे चाहतीं तो अपने मुँह में फंसी स्पोर्ट्स ब्रा निकाल सकती थीं … लेकिन उन्होंने ये करने की कोशिश तक नहीं की.

रोने व्यथित होने का नाटक तो वो कर रही थीं … पर उनकी आंखों में आंसू नहीं थे. बस एक मचलती हुई हवस थी.

फिर वो अपना हाथ चूत की तरफ ले जाने लगीं, तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने मुँह के पास लाया और उनकी उंगलियां चूसने लगा.

ये देख कर वो आश्चर्य में थीं. मैं मौसी की चूत में लंड के लगातार धक्के लगाए जा रहा था. वो भी पूरे जोश में आ गई थीं … लेकिन वो किसी अनुभवी की तरह मेरे लंड से मजे ले रही थीं.

उन्हें आश्चर्य से देखते हुए मैं धक्के लगाना रोका और झुक गया. मैं उनके गले से चूमते हुए चुचियों के ऊपर के आया. फिर चुचियों के नग्न भाग को चूमते हुए मैंने उनके हाथ को उठा कर उनकी कांख चाट ली.

मैंने मौसी की एक चूची को मुँह में भर लिया और दूसरी को दबा के पहली को चूसते हुए धक्के लगाना जारी रखा. मौसी की टांगें भी हवा में उठ गई थीं, जिससे मैं अब अपना पूरा लंड चूत में अन्दर तक पेलने लगा था. उनकी चुचियों को मसलता और चूसता हुआ मैं मौसी की चुदाई में लगा था.

कुछ ही समय में मैं हद से ज्यादा उत्तेजित हो गया था … मैं ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और स्खलित हो गया.

फिर भी मैंने 20 मिनट तक जमकर मौसी की चुदाई की.

झड़ने के बाद मैं उन्हें चूमने चाटने लगा. मैंने उनके कानों में थैंक्यू बोला, लेकिन ‘गलती हो गई..’ ये मैंने मौसी से नहीं बोला.

मैं बोला- थैंक्यू मौसी … यू आर सो हॉट.
लंड को झाड़ने से पहले मैंने उनकी चूत से बाहर निकाल लिया था. मेरा सारा माल मौसी के पेट पर पसर गया था. जो एकत्रित होकर उनकी नाभि पर आ रहा था.

मैं उनसे अलग हुआ और मोबाइल उठा कर ऐसे कामुक पोज में मैंने उनकी एक फोटो ले ली.

‘थैंक्यू वन्स अगेन..’ बोल कर कमरे से बाहर चला गया.

जो कुछ भी हुआ था. इस स्थिति में दो चीजें हो सकती थीं. या तो मौसी जाकर मम्मी को ये सब बता देतीं, जो हमारे बीच हुआ था … या फिर वो दोबारा मुझसे चुदने की इच्छा जाहिर करें.

हालांकि पहले विकल्प के चांसेस 5% ही थे. क्योंकि जो कुछ भी हुआ … उससे लग ही नहीं रहा था कि मैं मौसी के साथ कोई जबरदस्ती की हो. उनके साथ चुदाई में ऐसा लग रहा था कि यह एक प्लान किया हुआ सेक्स हुआ हो. क्योंकि मौसी भी इसका भरपूर मजा ले रही थीं.

मेरा एक्सपेरिएंस भी यही कहता है, जिस लड़की से सेक्स किया जाता है, वो खुद ही दोबारा चुदने की इच्छा जताती है. लेकिन मानव स्वभाव के अनुसार हम नकारात्मक विचार को ज्यादा तूल देते हैं. इसीलिए ये सोच सोच कर मेरी गांड फटी जा रही थी कि कहीं मौसी मम्मी से जाकर सब कुछ न बता दें.

सुबह से शाम होने को आई थी. दिन भर मैं अपने कमरे में ही था. मुझे मौसी को फेस करने की हिम्मत नहीं थी.

शाम के सात बजे होंगे. मैंने मौसी को घर आते हुए देखा … तो मेरी चिंता और भी बढ़ती जा रही थी. मैं खाना खाने भी नहीं गया … इसी तरह सो गया.

करीब रात के 12 बजे होंगे मेरे कमरे के दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई … जैसे मेरे तो टट्टे हाथ में आ गए. मैंने उठ कर दरवाजे खोले. सामने मौसी को देख मैं और डर गया.

मैंने हड़बड़ा कर पूछा- कक.. क्या हुआ मौसी?

उन्होंने सफेद रंग की फुल स्लीव का अनारकली सूट पहन रखा था. घर में अकसर वो सलवार कमीज में ही रहती थीं.

वो आगे बढ़ते हुए कमरे के बीच आकर खड़ी हो गईं. मैं उनके पीछे था. मैंने पीछे से गला साफ करते हुए कहा- मौसी, जो कुछ भी सुबह हुआ … मैं आवेग में कर गया. उसके लिए मैं माफी चाहता हूँ.

मौसी मेरी बातों से एकदम अनजान मेरे कमरे को निहार रही थीं. उनके कुछ ना बोलने पर, मैं और भी डर गया.
मैं- मौसी सॉरी.

मौसी मेरी तरफ घूम गईं. उनकी नजरों में अजीब सी कशिश थी और वो मुझे रंडियों की तरह देख रही थीं.

वो मेरी तरफ देखते हुए बोलीं- ऐसा क्या कर दिया रे तूने?
मैं उन्हें ऐसा बोलता देख थोड़ा कन्फ्यूज था. मैंने सोचा था कि मौसी मुझ पर गुस्सा होंगी.

मौसी ने मेरी बात को किस लिए नकार दिया था … मैं समझ ही नहीं पा रहा था. क्या मौसी को मुझसे चुदना पसंद आया था, इसलिए वो ऐसा कह रही थीं, या वो ये जाहिर कर रही थीं कि कुछ हुआ ही नहीं था. मैं जो कह रहा हूँ, वो शायद मेरा सपना था.

जो भी हो. मैं उनकी तरफ चूतियों सा अपनी आंखों को झपका रहा था.


मैं- सॉरी मौसी … सुबह के लिए आई एम रियली सॉरी … आप मम्मी से मत कहना प्लीज.
वो कुछ न बोलीं, उन्होंने गले में फंसा अपना दुपट्टा निकाल फैंका.

मैं आश्चर्य से उन्हें देख रहा था. उन्होंने हाथ पीछे ले जाकर पहले अपनी कुर्ती की चैन को खोला … फिर पीछे से ही अपनी ब्रा का हुक भी खोल दिया. ब्रा ढीली हुई तो उसे आगे करके उन्होंने अपनी ब्रा निकाल कर मेरी तरफ फेंक दी.

मैंने उसे हाथों में पकड़ लिया.

मौसी- मेरी ब्रा पैंटी चुराता है न … ये ले आज रात के लिए ये तेरी हो गई.

दोस्तो, किंक दुनिया में अंडरगारमेंट्स सौंपने का मतलब खुद को सौंपना होता है … शायद ये बात उन्हें पता नहीं थी.
मैंने मौसी की ब्रा को अपनी नाक के पास ला कर सूंघा.

खुशबू किसकी थी … ये जान कर आप हैरान रह जाओगे. साथ ही साथ उनके जिस्म की खुशबू भी इसमें शामिल थी. मौसी की ब्रा से ऐसा लग रहा था, जैसे ये ब्रा दिन भर से उनके बदन से लगी हुई थी.

मैं- मौसी आप मजाक तो नहीं कर रही हो न!
मेरी बात के जवाब के बदले में उन्होंने कहा- मैंने पैंटी पहनी ही नहीं है.

मैं समझ गया कि मौसी फिर से चुदने आई हैं.

ये सोच बनते ही मैं लपक कर उनके पास आ पहुंचा. मैंने परफ्यूम की खुशबू को फिर से अपने नथुनों में समा ली. आह मेरा दिमाग घूम सा गया. मुझपर नशा सा चढ़ गया था. मैं अपनी नाक को उनकी गर्दन के पास ले आया.

मदमस्त कर देने वाली अपनी बहन की उस खुशबू को फिर से महसूस करने से मैं खुद को रोक ही न पाया- मौसी आप ये क्या बोल रही हो?
मैं काफी धीमे स्वर में बोला था. हमारे चेहरों के बीच बस एक इंच का फासला रहा होगा.

मौसी- सही कह रही हूं; मुझे दिखा और क्या क्या कर सकता है तू!

मेरी मौसी मुझसे हाइट में थोड़ी छोटी हैं. इसलिए वो बिल्कुल मेरी आंखों में देख रही थीं.

मैंने कमर से पकड़ उन्हें खींचा, तो वो मुझसे चिपक गईं. मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए और उनका रसपान करने लगा. उनके होंठों का स्ट्रॉबेरी स्वाद मुझे मेरी जीभ पर मसहूस हो रहा था. मौसी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

उनके होंठ चूसते हुए मैं उनके चूतड़ मसल रहा था. उनके हाथ मेरे बालों में थे. वो बेसब्री से मेरे होंठों को ऐसे चूस रही थीं … जैसे बरसों से प्यासी हों. मैं भी पूरे जोश से उनके होंठ सुजाने में लगा था … अन्दर हमारी जीभें आपस में कुश्ती कर रही थीं.

कुछ देर में मैं मौसी से अलग हुआ. मैंने उन्हें कमर से पकड़ते हुए खुद से चिपकाया. उनके गले के भागों को चूमने लगा. उन्माद से उनका मुँह खुल गया था.

उनके मुख से एक मीठी सिसकारी निकल गयी- अहहह ह्म्म्म.

इसी तरह मैंने उनकी गर्दन व कंधों के अन्य भागों को भी चूमा. बीच बीच में मैं मौसी की चमड़ी को दांतों से काट लेता.

मैंने उनकी अधखुली कमीज में हाथ डाला, तो उनकी नंगी पीठ पर हाथ फेरते हुए उनके होंठों को दुबारा चूमा और कमीज निकाल दी. मौसी ने भी निर्विरोध अपने हाथ खड़े कर दिए थे. उनके नग्न मम्मों, जिन पर दाखी रंग के निप्पल कयामत ढा रहे थे … मेरी आंखों के सामने आ गए थे.

मैंने एक झटके में मौसी को गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया. फिर मैंने झट से अपनी टी-शर्ट निकाल फैंकी और उन पर झपट पड़ा. उनके होंठों को चूसने लगा … चेहरे पर बेताहाशा चूमने लगा.

अरे एक चीज तो मैं बताने ही भूल गया. मेरी मौसी के गाल फूले हुए थे … जिन्हें दांतों तले दबा कर बड़ी ही किंकी फीलिंग आती थी. मैं मुँह में भर भर के उनके गालों को चूस रहा था.

मौसी वासना के उन्माद में सिसकारियां भर रही थीं. मैं उनके गले गर्दन पर चूमता हुआ उनके मम्मों पर आ गया. मौसी के मम्मों को देख कर मेरी आंखें चमक गयी थीं.

मैं उन्हें चूमने चाटने लगा. मौसी ने मम्मों पर भी परफ्यूम लगा रखा था … जिसकी खुशबू मुझे उत्तेजित कर रही थी. मदमस्त होकर मैंने दांत गड़ा दिए.

मौसी के मुँह से धीमी सी चीख निकल गयी- अहहह इस्स.

मैंने अपना काम जारी रखा. उनके कठोर हो चुके निप्पलों में से एक को अपने मुँह में भर लिया और मौसी का दूध पीने लगा. मैं मौसी के मम्मे भींचते हुए उनके दोनों निप्पलों को बारी बारी से चूस रहा था.

मौसी के हाथ भी मेरे बालों में थे. उत्तेजनावश वो मेरे बाल नोंच रही थीं. जब मैं उनके मम्मों पर दांतों से काटता था … तो वो मेरे बालों को अपनी मुट्ठी में भींच लेतीं.

उनके मम्मे चूसता हुआ मैं दोबारा ऊपर की तरफ आ गया. मैंने देखा मौसी का मुँह खुला हुआ था और उनकी आंखें उत्तेजना से बंद थीं.

चुचियों के ऊपर के नग्न भाग को चूमते हुए मैंने उनके हाथ उठा दिए. मौसी की आर्मपिट्स बिल्कुल साफ चिकनी और उनकी स्किन से मिलते हुए रंग की ही थीं … उन पर कोई ब्लैक स्पॉट नहीं था.

मैंने मौसी की एक बगल को सूंघा और चाटने लगा. 

फिर मैं मौसी के चेहरे के तरफ बढ़ा. तो उन्होंने जीभ निकाल कर खुद मेरे होंठों को चूस लिया.

मैंने कुछ देर उनके होंठ चूसे … फिर नीचे आर्मपिट्स की तरफ आ गया. उनके सीने की दाएं भाग में आर्मपिट्स के ठीक नीचे से चूमते हुए मैं और नीचे को आने लगा.

मौसी का बदन बड़ा ही तराशा हुआ था. उनकी सीने की हड्डियां दिख रही थीं … लेकिन चुचों की सुडौलता पर उनका कोई प्रभाव नहीं था. एकदम भरे और फूले हुए कामुक चुचे थे. शायद निरन्तर योग और जिम से उन्होंने ये सेक्सी बॉडी पाई थी.

मैं उन्हें चूमते हुए पेट पर आ गया. मौसी की तेज सांसों के साथ उनके पेट में भी हलचल हो रही थी. मैं उन्हें चूमता चाटता हुआ नीचे बढ़ रहा था. उनका सेक्सी गोरा रंग मुझे उनकी स्किन को दांतों तले दबाने पर मजबूर कर देती थी.

मस्ती में मैंने उनकी नाभि में जीभ डाल कर कुरेद दिया. सुबह इसी नाभि में मैंने अपना रस छोड़ा था. ये सोच कर उत्तेजनावश मैंने मौसी की कमर के ठीक ऊपर … पेट के बाएं भाग में दांतों से काट लिया.

मौसी उत्तेजनावश ‘अहहह अहह अहह..’ कर रही थीं.

मैंने झटके से उनके पजामे का नाड़ा खोला और मौसी का पजामा उनके बदन से एक झटके में अलग कर दिया. आह मौसी की गोरी चिकनी जांघें मेरी आंखों को वासना से सराबोर कर रही थीं. मैं मौसी की जांघों को चूमने लगा.

फिर उनके दाएं पैर को मोड़ते हुए मैंने बेड पर रखवा दिया और बाएं पैर को चौड़ा कर दिया … जिससे कि मुझे मौसी की चूत अच्छे से दिख सके.

अब मौसी की चूत खुल कर मेरे सामने नग्न थी.

मैंने गौर से देखा कि मौसी की चूत बिल्कुल चिकनी थी … जबकि सुबह का मुझे याद था कि मौसी की चूत पर छोटी छोटी ही सही मगर रेशमी झांटें थीं.

मौसी की लाल रंग की चूत उनके गोरे नंगे शरीर पर बड़ी कामुक लग रही थी.

मैंने मौसी की चूत पर जीभ को फेरा … और चूत सूंघते हुए चाटने लगा. मैंने महसूस किया कि अपनी चूत पर जीभ का स्पर्श पाते ही मौसी ने बेडशीट को अपने हाथों की मुट्ठियों में भींच लिया था.
तिरछी नजर से मैंने देखा तो उनकी आंखें बंद थीं. मुँह खुला हुआ था, तेज सांसों से उनके चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे.
वो मादक आवाजें निकाल रही थीं ‘अहह उम्ममम्म इस ह्म्म्म.’

मैंने दो उंगलियां चूत में डाल कर मौसी की चूत का मुआयना किया … जो अब तक गीली हो चुकी थी.

इस अवस्था में मुझे उंगली करने में काफी परेशानी हो रही थी … तो मैं बेड से उतर गया. मैंने मौसी को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ को खींचा. वो सरकते हुए किनारे पर आ गईं. लेकिन इस जबरदस्ती के बीच पूरा बेड अस्त-व्यस्त हो गया.

मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गया. अब मौसी की चूत ठीक मेरे मुँह के लेवल में आ गयी थी. मैं जीभ निकाल कर मस्ती से मौसी की चूत चूसने लगा.

मौसी ‘अहह अहह..’ करते हुए छटपटा रही थीं. मैं मौसी की चूत की फांकों को अपने होंठों के बीच दबा कर चूस रहा था. साथ में मैंने दो उंगलियां मौसी की चूत में डाल रखी थीं और उनके हिडेन स्पॉट (चूत के छेद में अन्दर की तरफ एक स्पॉट, जो कि बहुत ही सेंसटिव होता है) को लगातार छेड़े जा रहा था.

मौसी लगभग छटपटा रही थीं. उनके हाथ में मेरे बालों में थे. वो जोर से मेरे बाल नोंच रही थीं. लेकिन मैं इसे नजरअंदाज करते हुए … पूरी मस्ती में मौसी की चूत चाट रहा था.

दोस्तों जितना मुझे चूत चोदना पसन्द है उतना ही चूत चाटना भी पसंद है.

मस्ती में मौसी को छटपटाते देखने का अलग ही मजा था. वो अपना पैर मेरे कंधे पर रखने लगी थीं. फिर धीरे धीरे करके मौसी ने अपना दूसरा पैर भी मेरे दूसरे कंधे पर रख दिया. अब मौसी मेरा सर अपने पैरों के बीच फंसा कर अपनी चूत पर दबाने लगी थीं.

मैं समझ गया कि लौंडिया झड़ने वाली है. झड़ जाने पर हो सकता था कि वो लंड लेने में नखरे करने लगतीं … इसी लिए मैं उठ गया. मैंने एक झटके में अपना लोअर उतार दिया, साथ में अपनी कच्छी भी हटा दी. मेरा फुंफकारता हुआ लंड मौसी के सामने था.

मैंने मौसी की कमर पकड़ी और एक ही बार में लंड मौसी की चूत में पेल दिया. लंड अन्दर पेलते ही मैं मौसी की कमर पकड़ कर तेज तेज झटके लगाने लगा.

मैं पूरा लंड मौसी की चूत में पेल रहा था. लंड आसानी से मौसी की चूत में आ-जा रहा था. मौसी की चूत पहले से ही गीली थी. उनका छेद भी बड़ा था. मौसी बस सिसकारियों से मेरे लंड का मजा ले रही थीं.

मैं मस्ती में चूत में धक्के लगा रहा था. मौसी चिचियाती हुई 5वें मिनट में ही झड़ गईं.

मैं रुक गया और उन्हें चूमना चाटना शुरू कर दिया. वो मेरा साथ दे रही थीं. मैं लंड चूत में डाले हुए उनके होंठों पर, गले गर्दन पर चुम्बन करने लगा. उनकी चुचियों को दबा दबा कर चूसने लगा.

मौसी फिर से गर्म होने लगीं. मैंने धक्के देना शुरू कर दिए. मुझे इस तरह से मौसी की चूत चुदाई करने में कुछ असुविधा सी महसूस हुई, तो मैंने उनकी कमर के नीचे दो तकिया लगा दिए और हचक कर मौसी की चूत चोदने लगा.

मौसी ‘अहहह ममम एस अहह फक ह्म्म्म … इस्शस अहहह अहहह. हहहह ओह्ह यस … हम्म यस अहहह अहहह अहह.’ की कामुक आवाजें निकाल रही थीं.
जिनसे मैं और उत्तेजित हो रहा था.

मैं 15 मिनट तक उन्हें इसी अवस्था में चोदता रहा. फिर उन्हें घोड़ी बना दिया. मौसी बिना विरोध किए कुतिया बन गई थीं. मैंने पीछे से लंड मौसी की चूत में पेल दिया और धक्के लगाने लगा. मौसी मस्ती में सिसकारियां भरते हुए कुतिया की तरह चुद रही थीं. उनकी नग्न पीठ मेरे सामने थी … जिसे मैं चूमने चाटने में लगा था.

वहां से उनकी आर्मपिट्स से आती उनके परफ्यूम और बदन की मिश्रित खुशबू फिर से मेरे नथुनों में भर गई थी. मैं उत्तेजित हो उठा और पूरे जोश से लंड पेलने लगा … जिसे मौसी झेल न पाई और बिस्तर पर लुढ़क गईं. उनके पेट के नीचे दो तकिया थे, इसलिए उनकी कमर ऊपर उठी हुई थी और उनका सर बिस्तर में दबा था.

मैं उन्हें छोड़ा नहीं, इसी अवस्था में धक्के जारी रखे. साथ में मैं उनकी पीठ को काटते हुए चूमते जा रहा था.

इस कामुक पोज में मैं भी ज्यादा देर तक न टिक पाया और एक जोरदार धक्के के साथ लंड मौसी की चूत में अन्दर तक उतार दिया. उनकी चुचियों को अपने हाथों में भींचे हुए, उनकी गर्दन के भागों को सूंघते चाटते हुए मैं मौसी की चूत में ही स्खलित हो गया.

कुछ देर इसी अवस्था में पड़े, मैं मौसी को चूमता चाटता रहा. फिर उन्हीं के बगल में बेड पर पीठ के बल लेट गया. एक जबरदस्त ऑर्गेज्म के बाद मैं हांफ रहा था. खुद पर काबू करने की कोशिश कर रहा था. मुझे हल्की थकान सी भी लग रही थी. आज शाम को मैंने खाना भी नहीं खाया था.

मौसी मेरे बगल में लेट गईं. वो भी हांफ रही थीं और मेरी एक बांह पर सर रख कर लेटी हुई थीं.


कुछ देर बाद मौसी ने करवट ली और मेरे होंठों को चूमने लगीं. वो हाथ मेरे सीने पर फेर रही थीं. मैं भी उनका साथ दे देता था … पर सांस सम्भालने के लिए मुझे अलग होना पड़ रहा था.

लेकिन मौसी लगातार मेरे होंठों को चूसने में लगी थीं. वे मेरे सीने पर हाथ फेर रही थीं. ऐसी गर्म लड़की मैंने आज तक नहीं देखी थी … जो कुछ ही मिनट में दुबारा गर्म हो गई हो.

दोस्तो, मेरा रिकॉर्ड है कि जिस लड़की को मैं चोदता हूँ, 5 मिनट तक तो उसे उठने में लग जाते हैं. मगर यहां मौसी फिर से गर्म हो गई थीं और शायद मुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थीं. वो मेरे मर्दाना निप्पलों को छेड़ रही थीं.

उनके कोमल हाथों के स्पर्श से मुझे अजीब सी सम्वेदना हो रही थी. मौसी लगातार मेरे होंठों को भी चूसे जा रही थीं. उनका हाथ पेट से सरकते मेरे लंड की तरफ बढ़ा. लंड को छेड़ते हुए वो मुझे किस करने लगीं.

ये सब काफी जल्दी में हुआ. मैं न चाहते हुए भी उत्तेजित हो रहा था. ये मेरे रेगुलर सेक्स हैबिट के बिल्कुल विपरीत था.

फिर मौसी घूम कर मेरे लंड के पास आ गईं और चूत रस से सने मेरे लंड को चाटने लगीं. उनके अन्दर न जाने ये कैसी कला थी, वो काफी अनुभवी की तरह मेरे रस से सने हुए लंड को चूस रही थीं.

उनकी गांड मेरी तरफ थी. उस तरफ से मेरा वीर्य निकल कर बेड पर गिर रहा था. ऐसे में उनकी गांड बड़ी ही कामुक लग रही थी.

मैं अभी भी हांफ रहा था … खुद को संभालने की कोशिश कर रहा था. मौसी ने मुझे सुस्ताने का मौका ही नहीं दिया.

मौसी की मस्त कामुक गांड देख कर मैं फिर से गर्म हो चुका था. मेरा लंड खड़ा होने लगा था. मैं मौसी की गर्म जीभ अपने लंड के टोपे पर महसूस कर सकता था.

मौसी मेरा लंड खड़ा करके उठीं और दोनों पैर चौड़ा के मेरे लंड पर बैठने लगीं. उन्होंने एक ही बार में पूरा लंड चूत ले लिया था. ये देख कर मैं हैरान था.

मौसी लंड अन्दर लेते ही मस्ती में गांड हिलाने लगीं. मैं उन्हें आश्चर्य से देख रहा था.

आंखें खोल कर जब उन्होंने मुझे देखा … तो मुस्कुराते हुए झुक कर मेरे होंठों को चूम लिया. फिर मौसी ने मेरे सीने पर चूमते हुए मुझे कातिल निगाहों से देखा. और मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया.

मेरे अन्दर एक झुरझुरी सी दौड़ गयी. मेरे शरीर में आज से पहले कभी ऐसा अहसास ही नहीं हुआ था. मर्दाना निप्पलों भी सेक्स में सेंसटिव होते हैं … इसका अहसास मुझे आज हुआ था.

मेरे दोनों निप्पलों के साथ बारी बारी से छेड़खानी करते हुए मौसी नीचे धीरे धीरे गांड हिला कर मेरा लंड अन्दर बाहर कर रही थीं. साथ ही अपने मुँह से बनावटी सिसकारियां निकाल रही थीं.

मौसी- फक मी … अहहह विशाल अहहह यस. फक माय पूसी … ह्म्म्म यस … हम्म्म्म कम ऑन फ़क मी … अहह हम्म.

उनके मुँह से इस तरह की कामुक आवाजों को सुनकर मैं उत्तेजित हो गया. अब मैं भी नीचे से धक्के लगाने लगा.

इससे मौसी के मुँह से सीत्कार निकलने लगी- अहहह अहह अहह अहह हम्म..

मेरे सीने की खाल को बालों के साथ मौसी ने अपनी मुट्ठी में भींच रखा था. उनके चुभते नाखून मैं महसूस कर रहा था. वो मीठा दर्द मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था. मैंने मौसी की कमर पकड़ कर करीब 10-15 धक्के जोश में लगा दिए. मौसी कुतिया की तरह चिचिया रही थीं.

इस अवस्था उनका पूरा भार मेरी कमर पर था. मुझे धक्के लगाने में दिक्कत हो रही थी. मैंने उन्हें कमर से पकड़े बेड पर उलट दिया. अब वो पीठ के बल बेड पर लेट गई थीं. मैं तनिक भी ना रुका … उनके बिस्तर पर उलटते ही धक्के देने लगा.

पांच मिनट तक इसी आसन में चोदने के बाद मैं बेड के नीचे उतर गया और मौसी को खींच कर अपने लंड के लेवल में सैट कर लिया.

अगर आपको याद होगा, तो ये पहली बार जैसी अवस्था थी. मैं लंड उनकी चूत में पेलने लगा.

करीब 20 मिनट तक मौसी की चूत को हचक कर चोदने के बाद मुझे मौसी का गर्मागर्म लावा अपने लंड के ऊपर महसूस हुआ. मौसी हांफते हुए झड़ गयी थीं. उनके कुछ देर बाद ही मैं भी झड़ गया और निढाल होकर उनके ऊपर गिर गया.

मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे चक्कर सा आ गया हो. मेरी आंखों के सामने अंधेरा होने लगा था. बिना खाए पिए मैंने चार बार सेक्स कर लिया था. नतीजा कोई सुखकारी तो होने वाला नहीं था. मैं बोझिल होता हुआ अपनी तन्द्रा खो बैठा.

मुझे अंत में मौसी के कहे कुछ शब्द याद रहे, जो मैंने बेहोश होने से पहले सुने थे.

‘अहहह … तू कमाल है विशाल … ऐसा सेक्स मैंने अपनी तीन साल की शादी में नहीं किया … थैंक्यू थैंक्यू … सो मच!’

सुबह जब मैं उठा, तो मौसी कमरे में नहीं थीं. मुझे ये सब एक सपना सा लगा. मैं अनमने ढंग से उठा और बाथरूम में आ गया.

मेरे पूरे शरीर में हल्का दर्द था. ब्रश करते हुए मुझे मेरे सीने पर नाखून से भखोटने (खरोंचने) के निशान दिखे. मैंने ध्यान से देखा, मेरे सीने के दाएं भाग पर दांतों से काटने के निशान थे. कल का पूरा सेक्स सीन मेरे दिमाग में घूम गया.

मैंने पीछे घूम कर देखा, मेरी पीठ पर भी खरोंचने के निशान थे. मैं झट से कमरे में आया. कमरा बिल्कुल साफ था. बिस्तर भी ठीक था. मैंने झट से बाथरूम में जाकर ब्रश किया और वापस कमरे में आ गया.

मैंने कल के सेक्स के कुछ अवशेष ढूँढने की कोशिश की, तो मुझे मेरे सिरहाने मौसी की पिंक ब्रा और पैंटी मिली. जिस पर सफेद निशान थे. ये तो किसी के भी ऑर्गेज्म के हो सकते थे.

मुझे बेड से ही मौसी का झुमका भी मिला, तब जाकर मुझे तसल्ली मिली कि हां कल रात मैंने मौसी को सच में हचक कर चोदा था.

कुछ देर बाद मैं कॉलेज जाने को रेडी हुआ. ब्रेकफास्ट करते समय मैंने उन्हें किचन में देखा. मौसी मां के साथ हाथ बंटा रही थीं.

किचन से आते हुए उन्होंने मेरी तरफ देखा और एक कटीली मुस्कान दे गईं. चुदने के बाद इस तरह की मुस्कान को मैं लड़की की रजामंदी समझता हूँ. शायद कल की चुदाई से मौसी काफी खुश थीं.

उन्होंने सुआपंखी रंग का सलवार सूट पहन रखा था. खुले बालों में बड़ी कातिल लग रही थीं. उन्हें देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. वो इतराते हुए खाना खा रही थीं.

पापा मम्मी थे, तो मैं कोई हरकत करने की सोच भी नहीं सकता था. मैंने चुपचाप नाश्ता खत्म किया और कॉलेज के लिए निकल गया.

वहां पहुंच कर मुझे पता चला कि हमारे डांस कॉम्पिटिशन की डेट आ चुकी थी. हमें कॉम्पिटिशन के लिए शहर से बाहर जाना था. अब मुझे थोड़ी टेंशन होने लगी थी … क्योंकि मैंने अभी तक कोई पार्ट्नर भी सिलेक्ट नहीं किया था. बड़ी मुश्किल आन पड़ी थी.

दोपहर में कॉलेज से घर आया, तो घर पर मेहमान आए हुए थे. मौसी और मम्मी उन्हीं के साथ बैठी थीं.

कुछ देर में मम्मी उन्हें छोड़ने नीचे गईं.

इस मौके का मैंने फायदा लिया और मौसी के पास जा कर बोला- कल रात के लिए शुक्रिया, शायद मैं कल नहीं बोल पाया था.
मौसी ने इतराते हुए बोला- किस बात के लिए शुक्रिया?
मैं- ओहहो … इतनी भी भोली न बनो मौसी.

इस पर मौसी हंस पड़ीं. वो सोफ़े पर बैठी थीं … मैं उनके ठीक पीछे कोहनी टिकाये झुका हुआ था.

मैं उनके बालों को सूंघते हुए बोला- कसम से आप कमाल हो … आप जैसी गर्म जोशीली लड़की मैंने आज तक नहीं देखी.

यह कहते हुए मैंने उनकी कनपटी को चूम लिया. तो वो शर्म से लजाते हुए हंस दीं.

मैं- आपकी एक चीज रह गई थी कल मेरे पास!
उन्होंने आश्चर्य से मेरी तरफ देखा- क्या??

मैंने पॉकेट से उनका झुमका निकाल कर उन्हें दिखाया.

मौसी- अहह … इसे मैं कहां कहां ढूंढ रही थी.

उन्होंने हाथ बढ़ा कर झुमका लेने की कोशिश की, मैंने तुरंत उसे मुट्ठी में दबा लिया.

मैं- उम्म हम्म … ऐसे नहीं. जहां छोड़ा था … वहीं से आकर ले जाना!
मौसी- बदमाश.

वो मुझे मारने के लिए झपटीं, तब तक मम्मी आ गईं. हमारे बीच का खेल रुक गया.

रात को मौसी फिर से कमरे में आईं. फिर से उनकी चुदाई हुई. मौसी मस्त सेक्सी माल थीं. सेक्स करने के बाद हम नंगे बैठे बातें कर रहे थे.

मौसी- तेरे पास सिगरेट है क्या?
मैंने आश्चर्य से उन्हें देखा. वो सीरियस थीं.
मैं- क्या मांगा?

मौसी मुझसे सिगरेट ही मांग रही थीं.
उन्होंने बदले में आश्चर्य से पूछा- क्या तेरे पास सिगरेट नहीं है?
मैं- अंहह … हह … कुछ नहीं … अभी लाता हूँ.

मैंने कबर्ड से सिगरेट का पैकेट लिया और एक सिगरेट खुद, एक मौसी को दे दी.

मैंने लाईटर से उनकी सिगरेट जलाई, फिर अपनी सुलगा ली. हम दोनों कश लेने लगे. मौसी नंगी ही बड़े सुकून से सिगरेट के कश लगा रही थीं.


मुझे देख कर इस बार वो मुस्कुरा दीं.

फिर उन्होंने बोला- पता है शादी के पहले मैं भी काफी कूल थी.
मैं- अच्छा.
मौसी- मैंने लगभग हर टाइप का सेक्स एन्जॉय किया है. ग्रुप सेक्स, लेस्बियन, टू सम, थ्री-सम सब.
मैं- अच्छा..!

मौसी- हां यही नहीं … मैं तो नीग्रो लौड़ों से भी चुदी हूँ. विदेश में पढ़ाई के दौरान मैंने बहुत कुछ मजा किया था.
मैं- अरे वाह!

मौसी- कॉलेज टाइम पर तो मैं स्ट्रिपिंग भी करती थी.
मैं- आपका मतलब उस नंगे नाच से … वो जो लड़कियां पोल से लटक कर करती हैं!

मोदी- हां वही … उस दिन तूने जो क्लास में मुझे करते देखा … ये सब मैं इसी दौरान सीखी थी.
मैं- अच्छा!

मेरे मन की शंका को उन्होंने भांपते हुए बोला- मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं थी … बस मुझे अच्छा लगता था. लोगों का मेरे अंगों को निहारना, मेरे सेक्सी फिगर से उन्हें उत्तेजित करना.
मैं- वॉव मौसी, आप तो काफी … वो निकलीं.
मेरी बात पूरी करते हुए मौसी बोलीं- रंडी न!
मैं- म.. मेरा मतलब वो नहीं था.
मौसी- हां मैं हूँ रंडी … और मुझे सेक्स बहुत पसंद है.

मैं- नहीं मौसी मैं वो..
मौसी- कोई नहीं जान … मुझे अच्छा लगा ये तेरे मुँह से सुन कर.

Post a Comment

0 Comments