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मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-8

 मैंने नताशा से पूछा- मजा आया न!

नताशा- हां यार.. उस समय तो ऐसा लग रहा था कि कोई गरम लिक्विड चुत में जा रहा हो.
मैंने उसे चूमा और कहा- तो हो जाए दूसरा राउंड?
नताशा- अभी नहीं यार.. बाद में चोद लेना.. अभी मुझे नींद आ रही है.
मैं- मगर इसके लिए तुम्हें मेरा टास्क पूरा करना होगा.
नताशा- कैसा टास्क?
मैं- तुम्हें तीनों कमरे में जाना है और उन तीनों से एक एक मिनट के लिए अपनी गांड मरवानी है और मुझे इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी चाहिए.
नताशा- इससे अच्छा है कि तुम्हीं मेरे साथ सेक्स कर लो.
मैं- तुमसे मैं खुश हो गया जान.. इसलिए नो टास्क.. तुम अब सो सकती हो.

नताशा खुश हो गई और मुझे कर सोने लगी. हम दोनों चिपककर सो गए.

करीब छह बजे आलिया ने मुझे उठाया. वो तैयार हो चुकी थी. फिर मैं खड़ा होकर नहाने के लिए बाथरूम चला गया. करीब पंद्रह मिनट बाद मैं नहाकर बाहर आया और तैयार होकर कमरे से बाहर आ गया. वहां वो तीनों टीवी देख रहे थे. मैं भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा. अभी चारों औरतें किचन में खाना बना रही थीं.

अविनाश- राज तुम बहुत सोये.. क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं बस थोड़ा सा थक गया था.
आकाश- तुम.. और थक गए थे!
मैं- हां यार मैं भी इन्सान हूँ.
आकाश- अब आगे क्या प्लान है.
अविनाश- क्यों ना हम आज रात फाइव सम का खेल खेलें.
नीरज- मतलब?
अविनाश- एक औरत और हम चार. इससे हम हमारा कल का बदला भी ले लेंगे.
मैं- अभी मुझे आलिया के साथ शादी भी करनी है.. उसे पोर्न हीरोइन नहीं बनानी है.
नीरज- हां इसके लिए जिया भी कभी नहीं मानेगी.
अविनाश- आज वो हमारी हर बात मानेगी.
आकाश- अविनाश यह आईडिया ठीक नहीं है.
अविनाश- ठीक है प्लान केंन्सल.
मैं- क्यों ना आज रात हम चारों उन चारों को तड़पाएं, जैसे उस दिन उन्होंने हमें तड़पाया था.
आकाश- हां यह आईडिया ठीक है.
अविनाश- लेकिन आज रात को इसके लिए हमें चुदाई के बिना रहना पड़ेगा.
मैं- जीजा जी आप एक रात भी नहीं बिता सकते?
अविनाश- ठीक है.

फिर हम चारों अपना प्लान बनाते हुए टीवी देख रहे थे, तभी वो चारों डाइनिंग टेबल पर खाना लगाने लगीं और हम सभी साथ मिलकर खाना खाने आ गए. खाना खाने के बाद हमारे कहने के मुताबिक वो चारों टी-शर्ट और शॉर्ट पहनने के लिए कमरे में चली गईं. इधर हम हॉल में आकर पैग बनाने लगे और हमने उन चारों के पैग में वायग्ररा मिला दी. तभी वो चारों भी हॉल में आ गईं और हम सभी पैग मारने लगे. मैंने वायग्ररा वाले गिलास उनको दे दिए.

अविनाश- अब तुम चारों अपने कपड़े निकाल दो.

उन चारों ने कुछ बोले बिना, अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो चारों बिल्कुल नग्न हो गईं. हम चारों भी सिर्फ निक्कर में थे, इसलिए उन चारों को ऐसा लगा कि हम उनकी चुदाई करेंगे. लेकिन हमारा कुछ और ही प्लान था.

उसके बाद हम चारों ने अपनी अपनी पार्टनर को बेड पर लेटने के लिए कहा. सबसे पहले दीदी थीं, उसके बाद आलिया, नताशा और जिया लेटी थीं. हम चारों ने हथकड़ियों से उनके हाथ बांध दिए.

चित्रा- ये क्या क्या रहे हो?
अविनाश- तसल्ली रखो और देखो.
जिया- आप लोगों का इरादा क्या है?
आकाश- घमासान चुदाई.
नताशा- क्या?
मैं- हम चारों अभी आए.

फिर हम वहां से चले गए और बाहर बैठ गए. हमें बस वायग्ररा के असर का इन्तजार था.

आलिया- ये चारों हम इस हालत में छोड़कर कहां चले गए हैं?
नताशा- पता नहीं.
जिया- मुझे अन्दर से कुछ अलग सी फीलिंग हो रही है.
आलिया- मुझे भी अन्दर से ऐसा लग रहा है.
नताशा- शायद उन लोगों ये हमारे ड्रिंक्स में कुछ मिलाया है.
चित्रा- यह असर वायग्ररा का है.
आलिया- शायद वो उस दिन का बदला ले रहे हैं.
चित्रा- लेकिन वो चुदाई के बिना नहीं रह पाएंगे.
नताशा- मतलब आज हमारी चुत का कबाड़ा पक्का होगा.

तभी हम चारों नग्न अवस्था में अन्दर आ गए और वे चारों हमें देखने लगीं.

चित्रा- आप लोगों ये ड्रिंक्स में क्या मिलाया है?
आकाश- वायग्ररा.
चित्रा- क्या?
अविनाश- जैसी करनी वैसी भरनी.
आलिया- हमारे हाथ छोड़ो.
मैं- वो कल सुबह ही खुलेंगे.

इसके बाद हम चारों अपने अपने पार्टनर के पास गए और उनके ऊपर चढ़कर उनके होंठों को चूमने लगे. वो चारों भी हमारा साथ दे रही थीं. आलिया किस करने पर गरम हो रही थी. फिर हम चारों उनके गर्दन पर किस करने लगे और उन चारों पर अब वायग्ररा का असर होने लगा था. आलिया अपनी आंखें बंद करते हुए हाथ को छटपटा रही थी.

मैं आलिया के मम्मों को अपने हाथ से सहलाने लगा, जिससे आलिया और मदहोश हो रही थी. मुझे देखकर जीजा जी दीदी के मम्मों को सहलाने लगे. दीदी मदहोशी की हालत मुझे और आलिया को देख रही थी. आकाश और नीरज भी अपनी बीवी के मम्मों को सहलाने लगे. हमारा काम था अपनी बीवी को गरम करना और फिर चुदाई के लिए तड़पाना.

मैं अभी आलिया के बदन को चूम रहा था. तभी जीजा जी दीदी की चुत चाटने लगे और मुझे इशारा किया. मैं आलिया की गीली चुत चाटने लगा. मेरे साथ आकाश भी नताशा की गीली चुत चाटने लगा और आखिर में नीरज भी चुत में लग गया. वो चारों जोरों से सीत्कार कर रही थीं. आकाश तो नताशा की चुत चाटने के साथ चुत में उंगली भी कर रहा था. वो चारों अब पूरी तरह से चुदने के लिए तड़प रही थीं.

चित्रा- अविनाश अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा.. प्लीज़ फक मी.

दीदी की बात को इग्नोर करके जीजा जी ने चुत चाटना जारी रखा. दीदी छटपटाने लगीं और ऐसी हालत उन तीनों की थी.

जब वो चारों गरम हो गईं, तो हम चारों खड़े हो गए और पैग बनाने लगे.

नताशा- आकाश क्या कर रहे हो?
आकाश- कुछ भी तो नहीं.
जिया- नीरज कन्ट्रोल नहीं हो रहा हमारे हाथ छोड़ो.
मैं- खुद छोड़ लो.
आलिया- तुम चारों क्यों ऐसा मजाक कर रहे हो. प्लीज़ हमें ऐसे ना तड़पाओ.
मैं- उस दिन तुम तीनों ये हमें तड़पाया था.. अब हमारी बारी है.
जिया- उस दिन तो हम यहां पर मौजूद भी नहीं थे.
नीरज- फिर भी पनिशमेन्ट तो मिलेगी.
चित्रा- अविनाश तुम्हें जितना चोदना हो, चोद लो, लेकिन ऐसे हमें मत तड़पाओ.
आलिया- भाभी सही बोल रही हैं.. हम अब नहीं रह सकते.
मैं- किसके बिना.
आलिया- चुदाई के बिना.

तभी जीजा जी ने ड्रावर से डिल्डो निकाला और हम चारों ने उनके बदन पर डिल्डो रख दिए.

अविनाश- अब इनसे चुद लो.
चित्रा- प्लीज अविनाश ऐसा मत करो.
आलिया- भाई प्लीज़ हमारे हाथ छोड़ दो.

वो चारों हम से रिक्वेस्ट कर रही थीं, हमसे माफी मांग रही थीं.. मगर हम पर कोई असर नहीं था. हम चारों अपना पैग खत्म करने में लगे रहे.

अविनाश- ठीक है.. तुमको पहले हमारी कुछ शर्तों माननी पड़ेंगी.
जिया- कैसी शर्तें?
मैं- पहले हां या न..!
आलिया- पहले हमें बताएं.
चित्रा- हां.. ठीक है.
आलिया- भाभी!
चित्रा- अभी चुत में आग लगी हुई है.. और हमारे पास और कोई चॉइस नहीं है.
आलिया- कौन सी शर्त है?
अविनाश- सबसे पहली आप चारों को एक साथ बोलना पड़ेगा. प्लीज हमें चोदो.. हम तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हैं.
आकाश- बोलो कि इस समय हमें तुम्हारे लंड की जरूरत है.

वो चारों एक दूसरे तरफ फिर वो एक साथ मिलकर बोलने लगीं, जिसे सुनकर हमें मजा आने लगा.

मैं- सबसे आखिरी शर्त.. अब से तुम चारों हमारी हर बात सुनोगी.
आलिया- नेवर.
मैं- सोच लो.
जिया- यह आप ठीक नहीं कर रहे.
नीरज- ठीक है आपके लिए थोड़ा डिस्काउंट देते हैं. कल तुम चारों बिना कपड़े के घूमोगी और हम कल जब चाहें, तब तुम्हारी चुदाई कर सकते हैं.
चित्रा ने एक दूसरे तरफ देखकर कहा- हमें मजूंर है.
अविनाश- गुड.
आलिया- अब तो हाथ छोड़ दो.
अविनाश- राज तो हो जाएं शुरू?

हम चारों ने ड्रावर से वायग्ररा की गोली लेकर अपने पार्टनर के हाथ खोल दिए और उनके ऊपर चढ़कर ठुकाई शुरू कर दी. वो चारों इस समय चुत में किसी का भी लंड लेने के लिए तैयार थीं. पूरे हॉल में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.

वो चारों अपनी गांड उछालकर चुद रही थीं, तभी मैं और जीजा जी ने अपनी जगह बदल ली और उन दोनों ने भी अपनी जगह बदल ली. हम चारों इस समय अपनी बहन की ठुकाई कर रहे थे और वो चारों बड़े मजे से अपनी चुत में अपने भाई के लंड ले रही थीं.

जीजा जी आलिया के दोनों पैर ऊंचे करके गांड पेल रहे थे. इधर मैं दीदी के एक चूचे पर हाथ रखकर चुदाई कर रहा था.

दीदी- आहहह उम्मह ओ यस चोद बहनचोद और जोर से चोद कब से चुत में खुजली हो रही है.
मैं- हां साली आज तेरी सारी खुजली मिटा देता हूं. आज तो तुझे रांड बनाकर रहूँगा.
अविनाश- राज अच्छे से अपनी बहन की सर्विस करना.
आलिया- आहहह भाई.. पहले आप तो अपनी बहन की अच्छी सर्विस कीजिए.
अविनाश- हां साली तेरी चुत की आग अभी मिटाता हूँ.

जीजा जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और लंबे लंबे झटके मारने लगे. उधर आकाश जिया को तेजी से पेल रहे थे.

जिया- भाई धीमे.. मैं आपकी बीवी नहीं हूँ, जो रांड की तरह चोद रहे हो.
आकाश- अभी तू ही मेरी रांड है.. क्योंकि मेरी बीवी तेरे पति के साथ मजे से चुदवा रही है.
नताशा- नीरज.. तुम इसकी बात मत सुनो बस चुदाई करो.
नीरज- अविनाश भाई क्यों ना हम बदल जाएं.
अविनाश- आ जा मैं तुम्हारी दीदी की ठुकाई करता हूं. तू मेरी बहन को चोद ले.

फिर वो दोनों बदल गए और चुदाई का खेल जारी रखा.

आकाश- राज अगर तुमने अपनी दीदी की ठुकाई कर ली हो, तो क्या मैं तुम्हारी बहन चोदने आ सकता हूं.
मैं- आ जाएं.. आप मेरी दीदी को खुश करें.. मैं आपकी बहन को चोद कर खुश करता हूं.

फिर हम दोनों बदल गए, मैंने जिया को घोड़ी बना दिया और बिना देरी किए जिया की गांड में लंड घुसा दिया.

जिया- आहहह कमीने धीमे डाल.. जलन हो रही है.
मैं- चुप साली.. पहले तो चुदने के लिए तड़प रही थी.

हम सभी एक दूसरे को गाली देकर चुदाई का मजा ले रहे थे. इस समय हम सभी हवस में पागल हो चुके थे और घमासान चुदाई चल रही थी. करीब बीस मिनट के बाद सबसे पहले नीरज आलिया की गांड के ऊपर झड़ गया.

आलिया- कमीने तुम्हीं साफ करना.

नीरज हंसने लगा और टिश्यू पेपर से अपना लंड और आलिया की गांड साफ करने लगा. तभी आकाश दीदी की चुत में झड़ गए और उसके बाद जीजा जी नताशा के बदन पर झड़ गए.

एक मिनट बाद मैं भी जिया की चुत में झड़ गया. फिर वो चारों खड़ी होकर बाथरूम चली गईं और हम बेड पर लेट गए.

आकाश- सच में आज बहुत मजा आया.
नीरज- मैंने पहली बार इतनी देर तक चुदाई का मजा लिया.
मैं- तो हो जाए फिर से दूसरा राउंड!
नीरज- मुझसे नहीं होगा.
आकाश- हां मैं भी थक गया हूँ.
अविनाश- अभी तो मैं भी आराम करना चाहता हूं.
मैं- मेरा लंड तो तैयार है.
अविनाश- राज अभी रहने दे क्योंकि कल हमें घूमने जाना है.
मैं- अरे.. ये तो मैं भूल ही गया था.

तभी वो चारों बाथरूम से बाहर आ गईं. हम उनका ही इन्तजार कर रहे थे.

अविनाश- अब तो किसी को चुदने का मन नहीं हो रहा न!
चित्रा- हम कोई रांड नहीं हैं.
आकाश- तो चलो हम अपने कमरे में जाकर सो लेते हैं.. कल सुबह मिलते हैं.

हम सभी अपने कमरे में चले गए. आलिया तो सो गई, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में थे. अब मुझे चुदाई का मन कर रहा था लेकिन आलिया सो रही थी, इसलिए मैंने आलिया को उठाया. आलिया आधी नींद में थी.

आलिया- क्या हुआ?
मैं- बेब चुदाई का मन कर रहा है क्यों ना एक राउंड हो जाए.
आलिया- राज मुझसे अभी नहीं होगा.. मेरा सर दर्द कर रहा है.
मैं- ठीक है तुम सो जाओ.

आलिया सो गई, लेकिन अब मैं क्या करूं. अब मेरे पास एक ही चॉइस थी और वो थी दीदी.. क्योंकि मुझे मालूम था कि दीदी मुझे चोदने से कभी मना नहीं करेंगी. वैसे भी यहां पर एक रूल था कि कोई भी अपने कमरे का दरवाजा अन्दर से लॉक नहीं कर सकता था.

मैं खड़ा होकर नग्न अवस्था में दीदी के कमरे की ओर गया. सबसे पहले मैंने धीमे से दरवाजा खोला. अन्दर दीदी और जीजा जी सो रहे थे. इसलिए मैं चुपचाप दीदी के पास लेट गया. वैसे मुझे जीजा जी के उठने की चिंता नहीं थी क्योंकि अगर उन्हें पता चला भी, तो वो कुछ नहीं कहने वाले थे. वो दोनों भी नग्न अवस्था में सो रहे थे.


मैंने दीदी को धीमे से उनके मम्मों को सहलाकर उठाया. दीदी की आंख खुल गई.
दीदी- राज तुम इतनी रात को इधर.. क्या हुआ?
मैं- वो दीदी अभी चुदाई का मन कर रहा है.
दीदी- हां तो.
मैं- वो आलिया की थोड़ी तबियत ठीक नहीं है इसलिए सोचा आप मेरे साथ दोगी.
चित्रा- अभी तुम्हारे जीजा जी भी सो रहे हैं और मैं भी थोड़ी थकी हुई हूँ.. इसलिए एक काम करो, तुम जिया के पास चले जाओ.
मैं- दीदी आप ही हो, जो मेरी आग शान्त कर सकती हो.
दीदी- मतलब तुम्हें मेरी ही चुत मारनी है.
मैं- हां प्लीज़ दीदी सिर्फ एक बार.
दीदी- ठीक है चल बाहर.. वरना तुम्हारे जीजा जी जाग जाएंगे.
मैं- जीजा जी उठ गए, तो भी कुछ नहीं बोलेंगे.
दीदी- लेकिन राज!

दीदी आगे कुछ बोलें, उससे पहले मैं उनके होंठों को चूमने लगा, जिससे वो कुछ नहीं बोल पाईं. फिर दीदी भी मेरा साथ देने लगीं. दो मिनट बाद मेरा लंड तन गया और दीदी बेड पर पैर लंबे करके हो गईं. मैंने दीदी के बाल पकड़कर अपने लंड की ओर इशारा किया. दीदी ने पहले मेरे लंड को सहलाया, बाद में लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. दीदी मेरा लंड चूस रही थीं और जीजा जी बाजू में सो रहे थे. मैं दीदी के बाल पकड़कर धीमे स्वर में सीत्कार कर रहा था.

कोई पांच मिनट तक मेरी बहन ने मेरा लंड चूसा. अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था, इसलिए दीदी को लेटा दिया.

दीदी- राज धीमे करना, तुम्हारे जीजा जी सो रहे हैं.. वे जाग जाएंगे.
मैं- ओके.

मैंने दीदी के ऊपर चढ़कर उनकी चुत पर अपना लंड सैट किया और धीमे से धक्का लगा दिया. लंड चुत के अन्दर दाखिल हो गया. मैं धीमे धीमे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दीदी भी अपनी कामुक आवाजें को कन्ट्रोल कर रही थीं. हम दोनों चुदाई में मशगूल थे. चुदाई करते समय मैं दीदी को किस भी कर रहा था.. ताकि दीदी की कामुक आवाजें से जीजा जी जाग न जाएं.

जब हम दोनों चुदाई में मशगूल थे, तभी हमें अहसास हुआ कि जीजा जी हम दोनों को देख रहे थे. जीजा जी को जागा हुआ देखकर मैं रुक गया.

अविनाश- तुम दोनों जारी रखो.
चित्रा- यह सब राज का काम है.
अविनाश- डोन्ट वरी चित्रा जितना हक मेरा है.. उतना हक राज का भी है.

फिर मैंने जीजा जी की बात सुनकर ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी और दीदी जीजा जी की ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगीं.

जीजा जी- राज तुम्हारे कमरे में भी एक चुत है.. फिर भी तुम्हें यहां आना पड़ा?
मैं- आलिया की तबियत थोड़ी ठीक नहीं है.
अविनाश- ओह ऐसा है वैसे आप दोनों को कोई तकलीफ हो, तो मैं बाहर चला जाता हूँ.
मैं- नो जीजा जी.. आप सो सकते हैं. यह आपका ही कमरा है.. मैं अपना काम करके चला जाऊंगा.
अविनाश- ओके चुदाई जारी रखो.. गुड नाइट.
चित्रा- गुड नाइट हनी.

फिर जीजा जी दूसरी ओर घूमकर सो गए और मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया. दीदी धीमे से कामुक आवाजें कर रही थीं.

चित्रा- आहह उहह उम्मह ओह.. ओह यस

करीब दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था. उधर दीदी भी झड़ गई थीं.

मैं- दीदी में झड़ने वाला हूँ.
दीदी- अन्दर मत झड़ना.

ये सुनकर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और दीदी की चुत ऊपर बदन में झड़ गया. झड़ने के बाद दीदी को बैठाकर अपने लंड को दीदी के मुँह में डाल दिया, वो बिना कुछ बोले ब्लो जॉब करने लगीं.

मैं- थैंक्स दीदी.
चित्रा- मोस्ट वेलकम.

अब मैं दीदी के कमरे से बाहर आ गया. उधर दीदी ने खड़े होकर टिश्यू पेपर से चुत से बहते रस को साफ किया और वापस सो गईं.

हम सभी सुबह को नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर मिले. हम सभी नाश्ता कर रहे थे.

अविनाश- आप सभी आज घूमने के लिए तैयार हो न!
मैं- जरूर.
आकाश- इस बार हम अपने न्यू पार्टनर बनाकर घूमेंगे.
अविनाश- गुड आईडिया.
मैं- क्यों ना हम अपनी-अपनी बहन को अपना पार्टनर बना लें!
अविनाश- आजकल तुझे अपनी दीदी पर बहुत प्यार आ रहा है.

इस बात पर हम जीजा-साले मुस्कराने लगे, जिससे दीदी को भी रात हुई चुदाई की वजह से हमारी बात समझ आ गई.

मैं- दीदी क्या ख्याल है.. क्या आप आज मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहोगी?
दीदी- जरूर.
नताशा- ओके तो हम तैयार हो कर आते हैं.

हम सभी अपना नाश्ता खत्म करके खड़े हुए और तैयार होने लगे. सबसे पहले हम जैन्टस तैयार हो गए और बाद में वो चारों रेडी हो गईं.

करीब आधे घंटे बाद जब वो चारों तैयार होकर बाहर आईं, तब हमारी आंखें खुली की खुली रह गईं. उन चारों ने अलग-अलग डिजाइन के ड्रेस पहने थे, जिसमें वो बहुत ज्यादा हॉट लग रही थीं. जैसे बॉलीवुड की हीरोइन अक्सर लगती हैं. हमारे सामने चार अप्सराएं मॉडर्न अंदाज में खड़ी थीं. इस हॉट ड्रेस में चारों की क्लीवेज साफ़ दिख रही थीं.

अविनाश- सच में तुम चारों बहुत सेक्सी लग रही हो.
मैं- मुझे तो अभी मन कर रहा है कि..
आलिया- आगे बोलने की जरूरत नहीं है.
आकाश- तो चलो चलें.

हम सभी बाहर आ गए, जहां दो कार खड़ी थीं, इसलिए हमें कोई प्रॉब्लम नहीं थी.

अविनाश- आकाश तुम जीजा-साले इस कार में आ जाओ, हम उस कार में आ जाते हैं.
आकाश- ओके डन.

जीजा जी कार ड्राइव करने लगे. उनके पास आलिया बैठ गई और हम भाई-बहन पीछे बैठ गए.

चित्रा- आलिया कल रात को तुम्हें क्या हुआ था?
आलिया- कुछ भी तो नहीं.
मैं- वो तुम्हें सर में दर्द नहीं हो रहा था.
आलिया- ओ हां.. वो कल थोड़ा सर दर्द कर रहा था.. वैसे क्या हुआ?
अविनाश- वो आलिया कल रात राज चित्रा को चोदने के लिए आया था.
आलिया- ओहह वैसे भी अब राज को लत लग गई है. उसका बिना सेक्स के एक दिन का भी नहीं बीत सकता है.
मैं- मन तो अभी कर रहा है कि तुम्हें चोद दूं.
अविनाश- ओ मिस्टर वो आज मेरी गर्लफ्रेंड है.. इसलिए आज सिर्फ उस पर मेरा हक है.
आलिया- क्या भाई आप भी हमेशा मजाक ही करते हो.
चित्रा मजाक में- राज आज मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, जब चाहो, जहां चाहो.. तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो.
मैं- थैंक्यू.
आलिया- भाई आपको भी आज पूरी छूट है.
अविनाश- आलिया आज मैं तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड हूँ इसलिए तुम मुझे अविनाश कहकर बुला सकती हो.
आलिया- ओके अवि.

तभी मैं दीदी का मुँह पकड़कर उनके होंठों को चूमने लगा. दीदी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं और मैं दीदी को किस करते हुए उनके एक चूचे को सहला रहा था. दीदी मेरे लंड को सहला रही थीं. जिससे मैं और उत्साहित हो रहा था.

अविनाश- इससे अच्छा तो तुम दोनों उधर ही रहते.
मैं- जीजा जी आप आगे देखकर कार चलाओ.. वरना एक्सीडेंट हो जाएगा.

अविनाश हंस दिए.

हम दोनों वापस अपने रोमांस में लग गए और आलिया फोन का इस्तेमाल कर रही थी. जीजा जी कार ड्राइव करते हुए बीच में आलिया की जांघ को सहला रहे थे. मैं दीदी के मम्मों को सहलाते हुए उनकी गर्दन को चूम रहा था. तभी इस दौरान आलिया ने हमारी तस्वीरे ले ली थीं.

चित्रा- बस राज अभी के लिए इतना काफी है.

करीब आधे घंटे बाद हम अपनी जगह पर पहुंच गए, जहां से हमें फेरी पर जाना था. वहां पर हमने पार्किंग में कार पार्क कर दी और हम अपने सामान के साथ आगे बढ़ गए. मैं दीदी की कमर पर हाथ रखे हुए था और वो भी मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड के जैसे पकड़े हुए थीं. हम दोनों मस्ती से ऐसे चल रहे थे, जिससे लोगों को यही लगा कि हम दोनों पति-पत्नी हैं. लेकिन लोगों को क्या पता था कि हम दोनों भाई-बहन हैं. जीजा जी ने आलिया का हाथ पकड़ रखा था.

हम करीब दो दिन तक माले सिटी से बाहर रहने वाले थे.

हम जिस फेरी पर सफर करने वाले थे, वो एकदम हाइफाई थी. हमारे साथ फेरी पर आने वाले और कई कपल थे, लेकिन लेकिन हम चार ही कपल इंडियन थे. हम सभी अपना लगेज रखकर अपनी जगह पर बैठ गए.

उधर एक कपल था, जिसमें एक लेडीज को देखकर मेरा मन डोलने लगा था. वो दिखने में एकदम तमन्ना भाटिया जैसी थी. मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे पकड़कर चोद डालूं, लेकिन वो किसी और की वाइफ थी.

फेरी में बैठने के लिए चार लोगों का अलग अपार्टमेंट था, इसलिए हम जीजा-साले एक अपार्टमेंट में बैठ गए और वो चारों हमारे पास वाले अपार्टमेंट में बैठ गए थे. हम दोनों के सामने जीजा जी और आलिया बैठे थे. आलिया बाहर का नजारा देख रही थी और जीजा जी फोन में म्यूजिक सुन रहे थे. दीदी फोन इस्तेमाल कर रही थीं. तभी मुझे मस्ती करने की सूझी. इसलिए मैंने दीदी को एक मैसेज किया.. ताकि उन दोनों को पता न चले.

मैसेज-

मैं- दीदी क्यों ना हम दोनों उन दोनों से मस्ती करें?
दीदी मेरी ओर देखकर लिखने लगीं- कैसी मस्ती?
मैं- हम उन दोनों के सामने रोमांस करते हैं.. ताकि वो दोनों भी हमसे जलकर ऐसा करेंगे.
दीदी- इससे क्या होगा?
मैं- वो दोनों भी हमारी कॉपी करेंगे.
दीदी- ठीक है लेकिन संभाल कर, ज्यादा आवाज न हो.. आसपास और भी लोग हैं.

मैंने अपना फोन जेब में रख लिया और दीदी मुझे सेक्सी स्माइल देने लगीं. दीदी का इशारा समझकर मैं दीदी की जांघ को सहलाने लगा. फेरी का अपार्टमेंट इस तरह बना था, जिससे हमें बाहर से कोई भी नहीं देख सकता था.

मैं- दीदी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो.

तभी उन दोनों की नजर हम पर पड़ गई. चूंकि दीदी भी मस्ती करने के फुल मूड में थीं.. इसलिए उन्होंने भी मजा लेने के अलावा कुछ नहीं देखा.

दीदी- राज आज मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ इसलिए तुम मुझे सिर्फ चित्रा कहकर बुलाना.
मैं- ओके जानू.
दीदी- राज तुम भी आज बहुत हैंडसम लग रहे हो.
आलिया- आप दोनों थोड़ा तो कन्ट्रोल कर लो.. कोई देख सुन लेगा.
मैं- देखते सुनते हैं.. तो देखने सुनने दो, इसमें क्या है?
अविनाश- आलिया रहने दो, यह अभी तुम्हारी बात नहीं मानेंगे.
चित्रा- कहीं से जलने की बू आ रही है. मैं- सच में!

हमारी बातों से वो दोनों समझ गए कि हम उन दोनों से मस्ती कर रहे हैं. इसलिए वो दोनों भी शुरू हो गए.

अविनाश- आलिया आज मैं बहुत खुश हूं.
आलिया- किस लिए जान?
अविनाश- मुझे तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड बनने का मौका जो मिला.
आलिया- लक्की तो मैं हूँ.. जो आपकी गर्लफ्रेंड बनने का मौका मिला वरना कुछ लोग तो किसी और से चुदवाने का मजा लेने में लगे हैं.

आलिया दीदी की बात कर रही थीं और ये सुनकर मैं दीदी के मम्मों को सहलाने लगा.

मैं- चित्रा तुम्हारे बूब्स तो जोरदार हैं.. मन करता है कि पूरे दिन बस इनसे ही खेलता रहूँ.

तभी जीजा जी भी आलिया के मम्मों को सहलाते हुए मजाक करने लगे.

अविनाश- आलिया तुम्हारे बूब्स तो दूध की फैक्ट्री लग रहे हैं.
मैं- जिसे चार लोगों ने इस्तेमाल कर लिया है.
चित्रा ने हंसते हुए कहा- इसलिए दूध की फैक्ट्री बन गई है.
अविनाश- आलिया तुम्हें कहानी सुननी है?
आलिया- हां क्यों नहीं.
अविनाश- कल रात एक कमरे में कपल सो रहे थे. जब पति की आंख खुलती है, तब वो देखता है कि उनकी बीवी अपने पति के पास एक ही बेड पर किसी और से चुदवा रही है और उसको चोदने वाला उसका भाई था.
आलिया- हम्म.. आजकल ऐसा बहुत होता है.

तभी चित्रा ने मेरे लंड पर हाथ रखा और मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी.

चित्रा- राज अभी ऐसा मन कर रहा है कि तुम्हारे हथियार को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूस लूं.. लेकिन अभी यहां इस लोकेशन पर ऐसा करना ठीक नहीं रहेगा. कुछ लोगों की सुलगने लगेंगी.
मैं- तुम चाहो तो मेरे होंठों को चूस सकती हो.

दीदी बिना देर किए मेरे होंठों पर किस करने लगीं और मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखकर दीदी को अपने ऊपर गोद में बैठा लिया. उन दोनों को दिखे, इसलिए दीदी की गांड को सहलाने लगा.

अविनाश- आलिया ब्लो जॉब करना चाहोगी.

आलिया बिना कुछ बोले जीजा जी के सामने घुटने के बल बैठकर जीजा जी के पेन्ट की चैन खोलकर लंड हाथ में लेकर चूसने लगी. जब हम दोनों की नजर पड़ी, तब आलिया घुटने के बल बैठकर जीजा जी का लंड चूस रही थी और जीजा जी आलिया के बाल पकड़कर अपनी आंखें बंद करके सीत्कार कर रहे थे.

यह सब सीन हम दोनों को जलन कराने के लिए हो रहा था.

तभी दीदी भी नीचे उतर गईं और मैं अपना फोन निकालकर वीडियो रिकॉर्ड करने लगा. वो दोनों अपने काम में मशगूल थे. दीदी मेरे कान में हल्के से बात करने लगीं.

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