मैं- हमारे पास जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट चाहिए और उनको भी जीतने के लिए एक पॉइंट चाहिए.
नीरज- इस बार कौन जाएगा?
मैं- मैं जा रहा हूँ.
अविनाश- ओके … इस बार हमें किसी भी कीमत पर जीतना है.
आकाश- सुनो कुछ भी हो जाए, पहले रूमाल मत उठाना … फिर चाहे यह खेल भले आधे घंटे तक और चले … क्योंकि लेडीज घबरा कर जरूर रूमाल उठाएंगी.
मैं- ओके.
नीरज- बेस्ट ऑफ लक.
मैं- थैंक्स.
अविनाश- जा मेरे शेर … फतह करके आना.
मैं- इस खेल में हमारी ही जीत होगी.
मैं मैदान में आया, तो मेरे सामने आलिया आई. हमने खेल शुरू किया. दोनों सावधानी से खेल रहे थे. हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे.
आलिया- राज उठा ले रूमाल. इस बार तुम जीत लो.
मैं- हा हा … मैं मूर्ख नहीं हूँ.
वो हंस दी.
मैं- अगर तुम जीतना चाहती हो, तो जीत सकती हो … लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे कुछ देना पड़ेगा.
आलिया- क्या?
मैं- तुम्हारी वो फ्रेंड है न रिया, उसके साथ एक रात के लिए सैटिंग करवा दे.
आलिया- शटअप … खेल पर ध्यान दे.
हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे और सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. पांच मिनट हो गए थे, फिर भी खेल जारी था. हम दोनों एक दूसरे को ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे.
करीब पंद्रह मिनट बाद आलिया ने थककर रूमाल उठा कर भागने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे पकड़ लिया.
हम चारों जीत गए थे और हम जीत का सेलिब्रेशन करने लगे. उन चारों के चेहरे थोड़े गिर गए थे.
मैं- जीजा जी, मैंने बोला था न कि ये जीत हमारी ही होगी.
जीजा जी- यू आर सो ग्रेट … आप चारों को शर्त तो पता है न?
दीदी- हां हमें याद है.
आकाश- कल तुमने हमें तंग किया था … अब हम परेशान करेंगे.
नीरज- सच में यार … मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा है कि इस बार हम जीत गए हैं.
हम सब रेडी हो गए. तट से उठ कर अन्दर आ गए.
अविनाश- चित्रा, मेरे लिए एक कप कॉफ़ी ले आओ. तुम लोगों को कुछ चाहिए.
मैं- मैं तो शर्बत पिऊंगा.
नीरज- मुझे तो चाय चाहिए.
आकाश- नताशा मेरे लिए ठंडी बियर लेकर आना प्लीज़.
नताशा- तुम सबको अलग-अलग चाहिए.
मैं- हां वो तो हमारी मर्जी है.
जीजा जी- अब हमारा टाइम है.
फिर वो चारों चली गईं और हम वहां पर बैठ कर हंसने लगे.
आकाश- कल का पूरा हिसाब चुकाएंगे.
जीजा जी- आज हम ऐसा करेंगे, जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा.
नीरज- मतलब!
जीजा जी- मतलब आज हम ओरल सेक्स का आनन्द उठाएंगे और फिर रात को वाइल्ड सेक्स करेंगे.
मैं- आज तो मैं उन चारों को चुदवाने के लिए मजबूर कर दूंगा.
जीजा जी- सुनो … आज वो चारों हमारी बीवी गर्लफ्रेंड बहन नहीं हैं. माल हैं बस ऐसा समझना.
मैं- मेरी तो ऐसे भी शादी नहीं हुई है.
अविनाश- तो अब कर ले.
मैं- बस जल्द ही करनी है.
आकाश- सुन ले राज … हमें भी हनीमून में बुला लेना … हम भी तेरी बीवी को चोदने में तेरा साथ देंगे.
मैं- उस दिन वो सिर्फ मेरी है, लेकिन आज आपके पास मौका है.
अविनाश- हम तीनों को सील पैक बीवी मिली और तुम्हें तो चार मर्द से चुदी हुई बीवी मिलेगी.
मैं- मुझे चलेगी.
आकाश- वैसे ये चारों लेडीज के लिए एक न एक कोइंसीडेंट जरूर हो गया है.
नीरज- कैसा कोइंसीडेंट?
आकाश- हमने अपनी बीवी की चुत का सील तोड़ी, लेकिन उसकी गांड सबसे पहले उसके भाई ने मारी.
नीरज- जीजा जी, आपकी बहन की गांड सबसे पहले मैंने मारी थी.
आकाश- उसे गांड मारना नहीं … सिर्फ टेस्ट करना कहते हैं.
मैं- वो तो आप दोनों लक्की हो … अगर जिया ने वेलेंटाइन डे से पहले ब्रेकअप नहीं किया होता, तो उसके साथ सबसे पहले मैं सेक्स करता.
अविनाश- तो आज कुछ अलग ही सीन होता. शायद हम ऐसे कभी नहीं मिलते.
आकाश- अविनाश यह बात तो तुमने बिल्कुल सच कही.
हम चारों में बैठकर बातें हो रही थीं, तभी वो चारों आईं और हमारी पसंद चीज हमें दे दीं.
वो खुद भी हमारे साथ बैठ कर शर्बत पीने लगीं.
अविनाश- चित्रा, मेरे पैर की मसाज कर देना.
चित्रा- क्यों?
अविनाश- पैर थोड़े दर्द कर रहे हैं.
चित्रा- चल झूठे.
मैं- दीदी शायद आप भूल गईं … कल हम भी आपके पैर की मसाज कर रहे थे.
ये सुनकर दीदी जीजा जी के पैर दबाने लगीं. तभी आकाश नताशा की जांघ को सहलाने लगे.
आकाश- जानू मेरे पैर भी दबा दो प्लीज़.
नताशा- तुम कहो तो गला भी दबा दूं.
आकाश- इतनी भी सेवा करने की जरूरत नहीं है.
फिर नताशा भी आकाश के पैर दबाने लगी.
आकाश- नीरज, तुम भी मसाज करवा लो.
जिया- भाई, आप चुप रहो.
नीरज- अगर आलिया मसाज कर दे, तो मजा आ जाएगा.
मैं- आलिया तुम्हारा बुलावा आ गया … जा मेरे दोस्त की अच्छे से खिदमत कर दे.
आलिया- नीरज के पैर दबाने के लिए जिया है न.
मैं- प्लीज़ आलिया.
आलिया- ठीक है.
मैं- जिया तुम इधर आ जाओ.
जिया- मैं इधर ही ठीक हूँ.
मैं- नीरज … बोल न यार.
नीरज- जिया अपने ब्वॉयफ्रेंड के पास नहीं जाओगी?
जिया- राज मेरा ब्वॉयफ्रेंड नहीं है.
नीरज- अभी तो तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड है.
आलिया- जिया मान जाओ यार … अब ये सब जरूर कल का बदला लेंगे.
मैं- बदला तो दुश्मन लेते हैं … हम नहीं.
तभी जिया खड़ी होकर मेरे पास बैठ गई. वो तीनों पैर दबा रही थीं. मगर जिया अभी ऐसा नहीं कर रही थी.
जिया- राज तुम्हें पैर की मसाज नहीं करवानी है?
मैं- नो … मेरे पैर एकदम ठीक हैं.
मैंने पूछा- हम चारों में से तुम्हें किसका लंड पसंद आया है?
जिया- क्यों?
मैं- बताओ तो सही.
नीरज- हां जिया मैं भी जानना चाहता हूं.
जिया- नीरज का.
अविनाश- हमारे लंड कांटे वाले लगे?
जिया- ऐसा ही समझो.
अविनाश- अच्छा … तो आज यही कांटे वाले लंड तुम्हारी चुत में घुसेंगे.
चित्रा- अविनाश स्टॉप इट.
तभी मैं जिया के होंठों को घूमने लगा और वो सभी हम दोनों को देखने लगे. जिया भी बिना इन्कार किए मेरा साथ देने लगी. उधर जीजा जी गरमा गए और दीदी को गोद में बैठाकर किस करने लगे. उन दोनों ने भी रोमांस करना शुरू कर दिया.
हम सभी किस करने में मशगूल थे. फिर चुदास बढ़ने लगी, तो हम सभी धीमे धीमे करके अपने कपड़े निकालने लगे. मैंने अपनी शर्ट निकाल दी थी और जिया की टी-शर्ट भी उतार दी थी. ऊपर से हम सभी नग्न अवस्था में आ गए थे, बस लेडीज ने ब्रा पहन रखी थी.
अविनाश- सुनो लेडीज … तुम चारों अब हमारे लंड चूसो.
नीरज- अविनाश, आपको एतराज ना हो तो क्या मैं चित्रा के साथ.
अविनाश- जरूर.
चित्रा- हां कमीने … अब तू ही बाकी था … कर ले मजा.
नताशा- तुम तीनों ने नीरज को भी बिगाड़ दिया है.
आकाश- अविनाश … नताशा के साथ मजा करना चाहोगे.
नताशा- मैं कोई खिलौना नहीं हूँ.
अविनाश- मैं भी यहीं सोच रहा था.
मैं- सुनो तुम चारों भी लोवर और शॉर्ट निकाल दो.
जिया- क्यों?
मैं- क्योंकि अब यहां चुदाई होगी.
जिया- शटअप.
चित्रा- हमें पता ही था कि तुम लोग ऐसी ही हरकत करोगे.
फिर वो तीनों बदल गईं और हम खड़े होकर पूरे नग्न हो गए. फिर उन चारों ने भी अपनी लोवर और शॉर्ट उतार दिए. अब वो चारों सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. फिर वो हमारे सामने घुटने के बल बैठकर लंड को मुँह में लेकर धीमे-धीमे चूसने लगीं. लंड चूसने की वजह से हम चारों मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रहे थे.
कुछ ही पलों में उन चारों को भी लंड चूसने में मजा आने लगा था. तभी मैंने जिया की ब्रा निकाल दी और मेरे पीछे जीजा जी ने भी नताशा की ब्रा निकाल दी. आकाश ब्रा के ऊपर से आलिया के मम्मों को सहला रहा था. मैं एक हाथ से जिया के बाल को पकड़कर लंड चुसवा रहा था और दूसरे हाथ से उसके मम्मों को सहला रहा था.
सबसे ज्यादा हालत हम चारों में से नीरज की पतली थी. नीरज ने कामुकता की वजह से सीत्कार करते हुए अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
हम सभी ओरल सेक्स का आनन्द ले रहे थे. वो चारों अच्छी तरह से ब्लो जॉब कर रही थीं. तभी नीरज झड़ गया और सारा माल दीदी के मुँह के ऊपर लग गया.
चित्रा- ओह फक … कमीने यह क्या किया. साले बता तो देता कि झड़ने वाला है … पूरा मुँह खराब कर दिया.
नीरज- सॉरी यार … वो कन्ट्रोल नहीं हुआ.
चित्रा- सॉरी का क्या मैंने अचार डालूंगी … ओह गॉड … सारा चिपचिपा कर दिया … अब तू मुझसे दोबारा कभी भी ब्लो जॉब के बारे में मत कहना.
नीरज- सॉरी चित्रा.
हम सभी ये सीन देखकर धीमे से मुस्कराने लगे.
दीदी खड़ी होकर अन्दर चली गईं और नीरज अपने मुरझाए लंड को सहलाने लगा.
जिया- तुमसे इतना भी कन्ट्रोल नहीं हुआ. बेचारी को कितना अजीब लग रहा था.
मैं- अगली बारी तुम्हारी है … पूरा माल अन्दर ही डालूंगा.
जिया- नो वे …
राज- नीरज तू एक काम कर … कंडोम लेकर आ … प्लीज़ वरना तेरी बीवी प्रेग्नेंट हो जाएगी.
आकाश- हम दोनों के लिए भी लाना, अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा.
आलिया- ऐसी गलती मत करना.
आकाश- डोन्ट वरी.
तभी नीरज खड़ा होकर कंडोम लेने चला गया. हम तीनों अपने पार्टनर के साथ किस करने लगे.
जीजा जी ने नताशा की पैंटी भी निकाल दी और उसे बैठाकर उसकी चुत चाटने लगे.
तभी नीरज कंडोम लेकर आ गया और हमें दे दिए. जीजा जी तो बिना देर किए कंडोम चढ़ाकर नताशा को चोदने लगे.
तभी आकाश ने भी आलिया की पैंटी निकाल दी और उसे सोफे पर घोड़ी बना दिया. फिर कंडोम लगाकर चोदने में शुरू हो गए.
मैंने जिया को कंडोम का पैकेट दे दिया और वो सेक्सी स्माइल करके कंडोम लंड पर चढ़ाने लगी. फिर उसने खड़े होकर अपनी पैंटी निकाल दी. मैंने जिया को अपनी ऊपर गोद में खींच लिया और उसे किस करने लगा.
मैं जिया की चुत में लंड सैट करके चोदने लगा. जिया भी मेरे लंड पर सवार होकर चुद रही थी. वो तीनों कामुक आवाजें निकाल रहे थे. मैं अभी जिया को धीमे धीमे चोद रहा था और नीरज हमें देखकर लंड को सहला रहा था.
तभी दीदी भी बाथरूम से मुँह साफ़ करके बाहर आ गईं.
चित्रा- लो … यहां तो चुदाई भी शुरू हो गई.
अविनाश- आओ मेरी जान … नीरज तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा था.
चित्रा- तुम अपना काम जारी रखो.
दीदी ने भी पैंटी निकाल दी और नीरज के पास बैठकर उसके होंठों को चूमने लगीं.
कुछ देर में नीरज भी गर्म हो गया और वो लंड पर कंडोम लगाकर तैयार हो गया. उसने मेरी दीदी को सोफे पर लेटा दिया और चोदने लगा.
अब वो चारों जोरों से कामुक आवाजें कर रही थीं. उन सबकी चुत में लंड घचाघच चल रहे थे.
चित्रा- ओह फक उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह अम्मह यस ओह नीरज!
आलिया- ओह आह याह आहह आह उहह!
नताशा- आहह अम्मह आह ओह अविनाश फक मी हार्ड ओह चोदो मेरी चुत फाड़ दो.
जिया- उहह आहह अम्मह ओह राज सो हार्ड आहह चोद दे मेरे यार..
उसी समय मैंने जिया को चोदना बंद कर दिया और जिया को अपने ऊपर से हटा दिया.
जिया- क्या हुआ?
मैं- अभी आया.
जिया- कम ऑन नीरज और जोर से चोदो … कम ऑन फास्ट.
चित्रा- हां चोद दे बहनचोद … आहह वैसे भी अब मेरी चुत चुद चुदकर पूरी खुल गई है.
जिया- तुम्हारी चुत में तो राज का लंड ही सही है.
चित्रा- रुक अभी मेरा भाई तेरी बजाएगा … तब मजा लेना … आहह ओहह यस याह.
मैं अन्दर से वायग्ररा की गोली खाकर वापस आ गया और लंड को सहलाते हुए मैंने जिया को सोफे पर घोड़ी बना दिया. जीजा जी नताशा को अपने ऊपर सवार करके चोद रहे थे, तो आकाश अब आलिया की चुत को पेल रहे थे.
जिया कुछ बोल पाती, उससे पहले मैं लंड को जिया की गांड में एक जोर का झटका लगाकर घुसेड़ दिया, जिससे जिया चिल्ला उठी.
जिया- ओह मां मर गई … आहह राज धीरे चोदो … यार तुम पूरे कसाई बन जाते हो … अम्मह ओह आहह राज धीमे.
चित्रा- हां भाई और जोर से साली को … चोद मां की लौड़ी को … साली कुतिया बहुत उछल रही थी … छोड़ना मत आज इसकी गांड फाड़ देना.
चित्रा की बात सुनकर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उधर नीरज ने अपनी बीवी के लिए गालियां सुनी तो वो भी जोरों से दीदी को गाली देते हुए चोदने लगा- ले साली रांड … तेरी मां को चोदूं.
चारों तरफ कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें सुनाई दे रही थीं. जिया के चूचे हवा में झूल रहे थे और मैं बिना रुके उसकी गांड चुदाई कर रहा था.
तभी वो तीनों थककर झड़ गए … लेकिन मैं अभी भी जिया को चोद रहा था.
जिया अब करहाने लगी थी … उसकी दम फूल गई थी.
ये देख कर नताशा बोली- राज अब बस कर.
मैं- अभी तो पार्टी शुरू हुई है.
जिया- आहहह ओह चोद बहनचोद … आज तू मन की कर ही ले … फाड़ डाल मेरी गांड को … उहह याह ओह यस.
अविनाश- यह वायग्ररा का असर है.
आलिया- क्या आह … फक … साला गोली खा कर जुल्म कर रहा है.
फिर मैंने जिया को पलटकर उसकी चुत में लंड पेल दिया. वो सभी हमें देखकर मजे कर रहे थे और इधर मैं जिया को बड़ी तेजी से पेल रहा था.
जिया- आहहह ओह यस याह राज … अब बस कर, चुत में दर्द हो रहा है.
मैं- बस जान मेरा होने वाला है.
इसके एक मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया. मैं जिया को एक किस करके उसके पास बैठ गया.
जिया- ओह गॉड.. तुम तो एकदम पागल हो गए थे.
अविनाश- चलो आखिर में शेर शांत हो ही गया.
मैं- अभी तो शेर और शिकार करेगा.
मेरी बात पर हम सभी हंसने लगे.
मैं- सुनो मैं बियर लेने जा रहा हूँ.. किसी को चाहिए क्या?
अविनाश ने हंस कर पूछा- बियर लाने जा रहे हो.. या फिर से वायग्ररा की गोली लेने?
मैंने भी हंस कर कहा- नहीं.. इस बार सिर्फ बियर.
आकाश- राज सबके लिए लाना.
मैं- ओके.
चित्रा- जिया.. राज ने तुम्हारी चुत लाल कर दी.
जिया ने दोनों पैरों से चुत छुपाते हुए कहा- यह तुम्हारे भाई की मेहरबानी है.
नताशा- राज वैसे तो एक जैन्टलमेन्ट दिखता है.. लेकिन चुदाई के समय पता नहीं साला.. पूरा जानवर बन जाता है.
आलिया- सभी मर्द ऐसे ही हैं.
अविनाश- आप चारों भी कम नहीं हैं.
चित्रा- तुम लोगों की वजह से.. जब देखो तब सिर्फ चुदाई करने में लगे रहते हैं.
नताशा- हां.. इन्हें तो चुत दिखी नहीं और लंड घुसाया नहीं.
वो सभी हंस रहे थे, तभी मैं सबके लिए बियर की ठंडी बोतलें लेकर आ गया.. मैं सभी को एक बोटल देकर जिया के पास बैठ गया.
मैं- किस बात पर हंस रहे हो.
नताशा- तुम चारों जिस तरह से हमारी चुदाई करते हो, उस बात पर हम हंस रहे थे.
अविनाश- एक बात समझ नहीं आ रही कि औरतें गांड मरवाने पर इतना क्यों चिल्लाती हैं.
चित्रा- तुम अपनी गांड में राज का लंड लो.. तब पता चलेगा.
आलिया- भाभी आईडिया अच्छा है.
नीरज- अरे नहीं यार ये नहीं सकता.
नताशा- क्यों हमें तो पेलने में मजा आता है.
आकाश- आप लोग तो बनी ही हो पिलवाने के लिए.
नताशा- क्या?
आकाश- अरे डार्लिंग मैं तो मजाक कर रहा हूं.
मैं- वैसे आप चाहो तो हमारी गांड मार सकती हो.
अविनाश- राज तू क्या बोल रहा है?
मैं- लेकिन उसके बाद हम आप चारों के साथ फाईव सम करेंगे. एक औरत और चार मर्द का चुदाई का खेल.
आलिया- हमें नहीं मारनी आप लोगों की गांड.
आकाश- राज तुमने आईडिया तो अच्छा निकाला है.. अब यह हमें नहीं डराएंगी.
चित्रा- चलो अब अन्दर चलते हैं.. अविनाश खाना बाहर से आर्डर करवा लेना.
अविनाश- ठीक है.
मैं- दीदी आप जरा इधर ही रुकना, मुझे आपसे बात करनी है.
अविनाश- बात करनी है या फिर चुदाई करनी है.
चित्रा- वो मुझसे बात करे या चुदाई.. इससे तुम्हें कोई प्रॉब्लम है?
अविनाश- नहीं.. मैं तो मजाक कर रहा था.
चित्रा- कहीं जलन तो नहीं हो रही न अविनाश कि तुम्हारी बीवी को कोई और चोद रहा है?
अविनाश- चलो.. हम चलते हैं. इन दोनों भाई-बहन को अकेला छोड़ दो.
फिर वो सभी खड़े होकर अपने कपड़े लेकर चले गए और दीदी खड़ी होकर मेरे पास आ गईं.
दीदी- चल बता.. क्या बात करनी है?
मैं- दीदी मैं आलिया से शादी करना चाहता हूं.
दीदी- हां तो कर ले न.. किसने रोका है.
मैं- थोड़ा प्रॉब्लम है.
दीदी- कैसा प्रॉब्लम?
मैं- आज सुबह मुझे डैड का कॉल आया था कि डैड के दोस्त राजीव अंकल अपनी बेटी का रिश्ता मेरे साथ करना चाहते हैं.
दीदी- तुम डैड को बता दो कि तुम आलिया से प्यार करते हो.
मैं- नहीं बता सकता.
दीदी- क्यों?
मैं- क्योंकि राजीव अंकल की बेटी रिया मेरी अच्छी दोस्त है. जब जिया ने मेरे साथ ब्रेकअप कर लिया था.. तब मेरी उदासी देखकर उसने मुझे प्रपोज किया था. लेकिन मैंने रिया को मना कर दिया था.
दीदी- तो इसमें क्या प्रॉब्लम है.
मैं- मैंने रिया को प्रॉमिस किया था कि अगर एक साल के अन्दर जिया नहीं मिली, तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा और तब तक मेरे जिंदगी में कोई नहीं आएगी.
दीदी- इतना बड़ा राज. यह बात किसी को पता है.
मैं- हम दोनों के सिवाय किसी को नहीं पता है.
दीदी- तुम जिया को इतना प्यार करते थे.
मैं- हां बिल्कुल.
दीदी- अब समझ में आया कि आज सुबह डैडी का कॉल आया और तुम इसी वजह से जिया को इतना बेरहमी से चोद रहे थे. मैंने सच कहा न!
मैं- हां दीदी.. मगर आप किसी को बताना मत.
दीदी- तुम आलिया को प्यार करते हो.
मैं- बहुत ज्यादा.
दीदी- तो रिया को तुम इस बारे में बता दो कि तुम आलिया से प्यार करते हो.
मैं- नहीं बता सकता. अगर मैंने बता दिया, तो वो नाराज हो जाएगी.
दीदी- तुम्हें गर्लफ्रेंड भी चाहिए और दोस्त भी.. कहीं उसके साथ भी..
मैं- दीदी ऐसा कुछ नहीं है.
दीदी- ठीक है.. रिया को मैं जानती हूँ. वो मेरी बात जरूर सुनेगी. लेकिन यहां से जाने के बाद तुंरत आलिया के बारे में मॉम-डैड से बात कर लेना.
मैं- ओके दीदी.
दीदी- मोस्ट वेलकम.
फिर हम दोनों किस करने लगे, जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. मैं दीदी के ऊपर चढ़कर उनको लेटाकर उनके दोनों पैरों को ऊंचा करके मैंने बहन की चुदाई शुरू कर दी. दीदी भी चुदाई का मजा लेने लगीं.
दीदी- आहह ओह याह यस राज फक मी.. उम्मह आहह ओह आहह… चोद भाई और जोर से चोद.. तुम्हारे लंड ने मुझे घायल कर दिया है. तुम बहुत अच्छे बहनचोद हो.
मैं- तारीफ के लिए थैंक्स दीदी.
दीदी की कामुक आवाजें सुनकर मैंने अपनी धक्के मारने की स्पीड को बढ़ा दिया. मैं पूरे जोश में लंबे झटके के साथ दीदी को पेल रहा था.
तभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और मैंने अपना खड़ा लंड दीदी की गांड में घुसा दिया. अब दीदी अपनी गांड उछालकर चुदवा रही थीं और मैं भी पूरे जोश में चोद रहा था. फिर मैंने दीदी को अपने ऊपर गोद में बैठाकर गांड में लंड घुसा दिया. दीदी भी अपनी गांड उछाल कर चुद रही थीं. मेरे दोनों हाथ दीदी की कमर पर थे, जिससे मैं दीदी की कमर उठा उठा कर उनकी गांड चुदाई कर रहा था. दीदी बीच-बीच में चुदते हुए मुझे किस भी कर रही थीं. दीदी के कातिलाना चूचे मेरे सामने उछल रहे थे. मैं उनके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा.
मैं- दीदी मेरा होने वाला है.. क्या मैं अपना माल आपकी चुत में डाल सकता हूं?
दीदी- ठीक है.
उनकी हामी मिलते ही मैं दीदी को लेटाकर उनकी चुत में लंड घुसाकर तेजी से चोदने लगा. तभी दीदी झड़ गईं. वो फिर भी चुद रही थीं. तीस सेकंड के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने सारा माल दीदी की चुत में डाल दिया.
अब दीदी के पैर नीचे करके मैं उनके पास बैठ गया. मैंने दीदी को अपने लंड तरफ झुकाया और दीदी बिना कुछ बोले मेरा लंड चूसने लगीं. इस समय ऐसा लग रहा था कि मैं और तमन्ना भाटिया दोनों नग्न अवस्था में सोफे पर बैठे हों.. और तमन्ना भाटिया बड़े मजे से मेरा लंड चूस रही हो.
तभी वहा पर आलिया नग्न अवस्था में आ गई और मैं उसको देखकर मुस्कराने लगा. दीदी को इस बात का पता चला, तो वो भी रुक गईं.
आलिया- अगर आप दोनों भाई-बहन का खेल खत्म हो गया हो, तो खाना आ गया है.
चित्रा- ओके अभी आए.
आलिया- सुनो कपड़े मत पहनना.
आलिया जब अन्दर जा रही थी, तब मैं उसकी गांड को गौर से देखने लगा. फिर हम दोनों अपने कपड़े लेकर अन्दर आ गए. आलिया को नग्न देखकर मुझे लगा कि जीजा जी आलिया को पेल रहे होंगे इसलिए वो नग्न थी. लेकिन जब हम अन्दर गए, तब वहां सभी नग्न अवस्था में थे.
मैं- आप सभी ने कपड़े नहीं पहने हैं?
जीजा जी- आज हम बिना कपड़े खाना खाएंगे.
चित्रा- यह किसका आईडिया है?
जीजा जी- यह मेरा आईडिया है.
वहां पर सभी नंगे थे. तो हम दोनों भी कपड़े एक तरफ रख कर उन सभी के साथ बैठ गए. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में बैठकर खाना खा रहे थे.
अविनाश- नीरज तुम्हें चित्रा कैसी लगी?
नीरज- बहुत अच्छी और सेक्सी.
चित्रा- शटअप.
अविनाश- अरे यार.. मैं तो बस नीरज से उनका रिव्यू ले रहा था कि तुम्हारे साथ सेक्स करके कैसा लगा.
चित्रा- शटअप.
फिर हम सभी ने मजाक-मस्ती करते हुए खाना खत्म किया. खाने के बाद हम चारों मर्द सोफे पर बैठकर मूवी देखने लगे. कुछ मिनट के लिए वो चारों अपने कमरे में चली गईं.
आकाश- हमारी बीवियां तो अन्दर सोने चली गई हैं.. लेकिन आज हम उनको सोने नहीं देगें.
अविनाश- यह बात तुम सही कह रहे हो. तो कौन किस की बीवी को पेलेगा?
मैं- मैं नताशा के पास जाऊंगा.
नीरज- मैं आलिया के पास.
आकाश- अविनाश तुम जिया के पास चले जाओ.. मैं चित्रा के पास जाता हूँ.
अविनाश- ओके डन.
फिर हम खड़े होकर अपने अपने पार्टनर के कमरे में चले गए. मैं जब नताशा के कमरे में गया, तब वो बाथरूम में नहा रही थी, इसलिए मैं बिना कुछ बोले चुपचाप बेड पर बैठ गया.
करीब पांच मिनट बाद नताशा नहाकर लंबा नाइट ड्रेस पहनकर बाहर आती हैं. वो मुझे देखकर बोली.
नताशा- राज तुम इधर?
मैं- क्यों नहीं आ सकता?
नताशा ने मस्ती करते हुए कहा- इधर आने की परमिशन सिर्फ मेरे हसबैंड को है.
मैं- अभी मैं ही तुम्हारा हसबैंड बन गया हूँ.
नताशा मुझे देखकर कातिलाना स्माइल करने लगी. फिर वो अपने बाल को संभालने लगी. इधर मैं बिस्तर पर नग्न अवस्था में लंड सहलाते हुए उसका इन्तजार कर रहा था.
नताशा- तो आकाश किसके पास गया है? तुम्हारी प्यारी दीदी के पास या तुम्हारी सेक्सी गर्लफ्रेंड के पास.
मैं- दीदी के पास.
नताशा- तुम इधर क्या करने आए हो?
तभी मैंने खड़ा होकर नताशा को पीछे से बांहों में ले लिया और हम दोनों आईने की ओर देखने लगे.
मैं- तुमसे प्यार करने आया हूँ.
नताशा- कैसा प्यार?
मैंने नताशा को अपनी ओर घुमाया और उसके होंठों को चूमने लगा. नताशा भी बिना देर किए मेरा साथ देने लगी. तभी मेरा लंड तन गया. हम दोनों किस करने लगे. चूमाचाटी के बाद मैंने नताशा का नाइट ड्रेस निकाल दिया और उसे घुमाकर पीछे से उसके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा. नताशा मदहोशी की हालत कामुक आवाजें कर रही थी. मेरा तना हुआ लंड उसकी गांड को छू रहा था.
मैं नताशा के मम्मों को दबाते हुए उसकी चुत को सहलाने लगा, लेकिन नताशा ने मुझे रोक दिया. फिर मैंने नताशा को घुमाकर अपना लंड मुँह में लेने का इशारा किया. नताशा मेरा इशारा समझकर घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और फिर लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
नताशा ब्लोजॉब करते समय बहुत सेक्सी लग रही थी.
कुछ देर लंड चुसवा कर मैंने नताशा को खड़ा करके बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़कर उनके होंठों पर किस करने लगा. मैं नताशा की गर्दन को चूमने लगा और ज्यादा उत्साहित होकर उसकी गर्दन पर लव बाइट दे दिया. नताशा भी चुदने के लिए पूरी तरह से मूड में थी, इसलिए उसको इसका कोई असर नहीं हुआ. हम चारों ने हॉल में से वायग्ररा की गोली खा ली थी.. इसलिए उसका असर अब होने लगा था. जिसकी वजह से मैं नताशा के बदन को बेताबी से चूमने लगा.
मैं बदन को चूमते हुए नताशा की गीली चुत चाटने लगा. वो सीत्कार कर रही थी.
‘आहहह उम्मह उहह आह…’
नताशा- राज अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा है.. प्लीज़ फक मी.
मैं- कंडोम किधर है.
नताशा- अभी तुम मेरे पति हो.. इसलिए कंडोम के बिना भी चोद सकते हो. मैं तुम्हारे माल को चुत में महसूस करना चाहती हूं.
ये सुनकर मैंने बिना देर किए लंड को चुत पर सैट किया और जोर का धक्का लगाकर उसे चोदने लगा. वायग्ररा के असर की वजह से मैं तेजी से चुदाई कर रहा था और नताशा दोनों पैर ऊंचे करके मेरी पीठ को दोनों हाथ से जकड़कर कामुक आवाजें कर रही थी.
नताशा- आह ओ यस आहहह ओह राज कम ऑन फक माय पुसी सो गुड.. याह उम्मह ओह यस फक फक…
नताशा के नाखून मेरे पीठ में लगभग रहे थे. वैसे भी उन चारों औरतों के नाखून मेरी पीठ पर लग चुके थे. अब मुझे ऐसे दर्द की आदत पड़ गई थी.
इस समय कमरे में फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. अभी चारों कमरों में चुदाई चल रही थी.
किसी कमरे में किसी की बीवी चुद रही थी, तो किसी की बहन चुद रही थी, तो किसी की भाभी चुद रही थी.
इस समय मेरी बहन, एक्स गर्लफ्रेंड और मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड तीनों चुद रही थीं.
फिर मैं नताशा को घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारने लगा. ऐसी स्थिति में उसके चूचे हवा में झूल रहे थे. मैं लंबे लंबे झटके मारते हुए नताशा को पेल रहा था और वो कामुक आवाजें कर रही थी.
नताशा- आह उह ओह चोद बहनचोद फक माय एस.
मैंने गांड पर चपत मारकर कहा- आह चुद साली आहह.
नताशा की गांड लाल हो चुकी थी. करीब पांच मिनट बाद बिना रुके नताशा की गांड मारने के बाद मैं नताशा को वापस लेटाकर उसकी चुत पेलने लगा.
करीब बीस मिनट बाद मैं हांफते हुए नताशा की चुत में झड़ गया.
मैं- ओह मजा आ गया.
नताशा भी बेदम होकर लम्बी सांसें ले रही थी.
मैं भी नताशा के पास लेट गया. नताशा भी मेरी ओर देखकर स्माइल करने लगी.
मैंने उसे चूमा, तो वो मुझे चूम कर खड़ी होकर बाथरूम में चली गई. करीब पांच मिनट बाद वो बाहर आ गई और ड्रावर से एक गर्भ निरोधक की गोली लेकर मेरे पास लेट गई.

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