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मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-6

 मैं- आई लव यू दीदी.

दीदी- आई लव यू टू भाई.
मैं- दीदी आपको चुदते हुए देखकर मुझे बहुत मजा आता है.
दीदी- हां कमीने, तुझे तो अपनी बहन चुदते देख कर मजा ही आएगा न?
मैं कहा- हां और मुझे अपनी बहन चोदने में भी मजा आता है.
दीदी हंस पड़ीं और बोलीं- मुझे भी तेरे लंड से चुदने में बहुत मजा आता है.

फिर मैं अपने लंड को टिश्यू पेपर से साफ करने लगा और दीदी ने भी टिश्यू पेपर से अपनी गांड साफ कर ली. बाद में हम दोनों अपने कमरे आकर सो गए.

जब सुबह के नौ बजे मेरी आंख खुली, तब आलिया कमरे में मौजूद नहीं थी. मैं खड़ा हुआ और बाथरूम में चला गया.

करीब आधे घटे बाद नहाकर मैं बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहनकर तैयार हो गया. मैं रूम से बाहर आ गया. वो सभी नाश्ता कर रहे थे, इसलिए मैं भी उन सभी के साथ ज्वाइन करके नाश्ता करने लगा.

जीजा जी- राज, आज इतनी देर से क्यों उठे हो. कहीं आलिया को पूरी रात तो नहीं पेला.
आलिया- क्या भाई आप भी ना!
राज- वो जीजा जी कल रात को चुदाई करके मैं ज्यादा थक गया था इसलिए सो रहा था.

नताशा- जिया तुम दोनों तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न!
नीरज- नो दीदी.
जिया- मैंने तो कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि राज से दोबारा मुलाकात होगी.
आलिया- मुलाकात के साथ चुदाई भी हो गई.

आलिया की बात पर हम सभी हंसने लगे.

मैं- आज का क्या प्लान है?
जीजा जी- चलो घूमने चलें.
चित्रा- नो यार … मेरा मूड नहीं है.
नताशा- मेरा भी.
आलिया- मैं भी आज घूमने जाना नहीं चाहती हूँ.
जिया- और ना मैं.

आकाश- तो पूरा दिन क्या करेंगे?
नीरज- क्यों न हम इधर कोई गेम खेलते हैं.
जीजा जी- गुड आईडिया.
नताशा- कैसा गेम?
मैं- मेरे पास एक आईडिया है.
चित्रा- कैसा आईडिया?

मैं- हम सभी दो टीम में बंट जाएंगे. एक जेन्टस का और एक लेडीज.
जीजा जी- ठीक है फिर क्या?
मैं- हम दोनों टीम एक-एक कमरे में कुल दस क्लू ढूंढने होंगे. जो सबसे पहले ढूंढ लेंगे, वो टीम विजेता रहेगी.
नीरज- गुड आईडिया.
मैं- कल सुबह तक हारने वाली टीम को जीतने वाली टीम की बात मानने पड़ेगी.

आलिया- वो तो ठीक है लेकिन क्लू में छुपाएंगे क्या?
मैं- कोई भी दस चीज और उस चीज को ढूंढने के लिए कोई पहेली.
आलिया- लेकिन हमें कैसे पता चलेगा कि वो पहेली का जवाब यही चीज होगी?

जीजा जी- एक ऐसा एप है, जिसमें एक फोल्डर के अन्दर हम कई फोल्डर बना सकते हैं … और हर फोल्डर के लिए हम अलग पासवर्ड सैट कर सकते हैं … और हर फोल्डर हम कुछ भी नोट कर सकते हैं. यानि हम उस एप के जरिये दस फोल्डर बताएंगे और हर फोल्डर में उस पहेली का जवाब होगा. अगली पहेली तभी मिलेगी, जब हम आगे की पहेली का जवाब दे देंगे.
जिया- और टाइमलाइन!

मैं- आधे घंटे में जो ज्यादा क्लू ढूंढेगा, वो जीत जाएगा.
आलिया- आधा घंटा बहुत कम समय है.
मैं- तो एक घंटे का टाइम कर लेते हैं.

अविनाश- पहले आप लेडीज डिसाइड करके बताएं कि आप क्लू किस कमरे में छुपाओगी, फिर हम बताएंगे.
चित्रा- ओके डन.

हम सभी ने नाश्ता करने के अपनी अपनी टीम में मीटिंग की. उन सभी लेडीज ने डिसाइड कर दिया.

दीदी- वो क्लू मेरे कमरे में होंगे.
मैं- ओके … हमारी टीम मेरे कमरे में क्लू छिपाएगी.

इसके बाद हम सभी अपने अपने तय किये हुए कमरे में जाकर उधर की चीजों को देखा और दस क्लू के लिए पहेली बना ली.

उस पहेली को एक फोल्डर में नोट कर ली और पासवर्ड सैट कर लिया. फिर हम सभी बाहर आ गए और दोनों टीमों ने मोबाइल चेंज कर लिए.

जीजा जी- जीतेंगे तो हम ही.
दीदी- वो तो वक्त ही बताएगा.
मैं- टाइम स्टार्ट नाओ.

हम दोनों उन कमरों में चले गए. हम सभी जेन्टस दीदी के कमरे में आ गए थे और वो लेडीज मेरे कमरे में घुस गई थीं.

जीजा जी- हम सभी एक पहेली को पढ़कर ढूंढना शुरू करते हैं.
नीरज- उसमें टाइम लगेगा.
मैं- हम एक के बाद एक क्लू ढूंढने का काम शुरू करते हैं.
आकाश- तो पहली पहेली कौन सी है.

मैं- दिखने में मुलायम है, लेकिन वो औरतों के लिए ढाल है. हमेशा छुपी रहती है … लेकिन हर मर्द की नजर वहां पर पड़ती जरूर है.
आकाश- ऐसी कैसी पहेली?
जीजा जी- इसे ही तो पहेली कहते हैं.

आकाश- दिखने में मुलायम है … लेकिन वो औरतों के लिए ढाल है. हमेशा छुपी रहती है … लेकिन हर मर्द की नजर वहां पर पड़ती जरूर है.
नीरज- पैड.

मैंने उस एप पर पहले फोल्डर पर पैड लिख कर देखा, लेकिन उत्तर गलत हो गया.

जीजा जी- लड़की के लिए सबसे बड़ी ढाल कपड़े हैं … जो मुलायम होते हैं.
मैं- वो छुपे कहां रहते हैं?
जीजा जी- पैंटी वो औरत के लिए ढाल है और हम मर्द की नजर जरूर पड़ती है.

लिख कर देखा तो ये जवाब भी गलत निकला और अब एक ही उत्तर बाकी था, जो सही होना चाहिए.

मैं- ब्रा!

इस बार सही जवाब हुआ और दूसरी पहेली को मैंने पढ़ना शुरू किया.

मैं- ऐसी कौन सी चीज है, जिसके लिए हम सभी यहां पर मौजूद हैं और जिसका अस्तित्व इस कमरे में मौजूद है.
नीरज- यह पहेली तो पहले से भी खतरनाक है.
जीजा जी- रुको उस रात को उन तीनों ये हमारा वीडियो रिकॉर्ड किया था, जो एक पेनड्राइव में है और वो यहां पर मौजूद होगा.

लेकिन ये जवाब गलत था यानि हमें उसको सोचते हुए ढूंढना पड़ेगा. हमने बहुत ढूंढा और करीब पंद्रह मिनट बाद हमारा जवाब सही आ गया. जब हम दोबारा ढूंढ रहे थे, तब मुझे वीडियो की सीडी मिल गई, जो हमारी दूसरी पहेली का जवाब था.

करीब एक घंटे में हम चार पहेली का जवाब ढूंढ पाए थे. हम उस कमरे में गए, जहां वो सभी अभी भी आंसर ढूंढ रही थीं.

हम सब बाहर आ गए.

दीदी- कितने क्लू ढूंढ पाए हो?
मैं- पूरे चार क्लू.

तभी सभी लेडीज हंसने लगीं यानि उन लोगों हमसे ज्यादा क्लू ढूंढ लिए थे.
जीजा जी- आप लोगों ने कितनी पहेली का जवाब ढूंढ लिया है?

आलिया- सात क्लू.
नीरज- क्या!
अविनाश- तुम लोगों ये सात क्लू ढूंढ लिए.
चित्रा- तुम लोग सिर्फ चुदाई ही कर सकते हो.
अविनाश- हां चुदाई में तो हम माहिर हैं.

आलिया- आप लोगों को याद है न … हारने पर क्या करना पड़ेगा.
मैं- हां याद है.
अविनाश- तो बताएं महारानी हमारे लिए क्या हुक्म है?
चित्रा- तो लड़कियों बताओ … पहले कौन सा टास्क देना है.
आलिया- मुझे पानी की तलब लगी है.
नताशा- मुझे भी.

चित्रा- पानी पीने से क्या होगा. हम तो शरबत पीना चाहेंगे … तो हमारा पहला टास्क यह है कि तुम चारों हमें शरबत बनाकर दो.
मैं- रुको मैं लेकर आया.
जिया- नहीं तुम चारों अपने हाथों से लेकर आओगे.
अविनाश- चलो ब्वॉय्स.

हम चारों किचन में गए और मैंने उन चारों के लिए शरबत बनाया. हम सभी अपने हाथ में गिलास लेकर गए. वो चारों लेडीज टीवी देख रही थीं. हमने उन्हें शरबत दिया, तो उन्होंने दूसरा काम पकड़ा दिया.

चित्रा- मेरे कंधे दर्द कर रहे हैं … तुम में से कोई मसाज कर देता, तो अच्छा रहता.
आलिया- हम सभी को भी मसाज चाहिए.
नताशा- मैं तो अपने भाई के हाथ से मसाज चाहती हूँ.
चित्रा- मैं भी ऐसा सोच रही थी. वैसे भी राज चुदाई तो बहुत अच्छी करता है … तो मसाज भी अच्छी करेगा.
आलिया- भाई आप रेडी हो न!

फिर हम सभी सोफे के पीछे खड़े होकर अपनी बहन के कंधों को दोनों हाथ मसाज करने लगे. वो चारों आराम से बैठकर टीवी देख रही थीं और हम चारों खड़े रहकर मसाज कर रहे थे.

दीदी- राज सो गुड.
नताशा- सच में हमारे भाई हमारी कितनी अच्छी मसाज करते हैं.
आकाश- हम तो चुदाई भी अच्छी करते हैं.
नताशा- शटअप.
जिया- भाई हाथ में भी मसाज कर देना.

हम सभी मसाज करते हुए एक दूसरे को देख रहे थे. तभी मुझे मस्ती सूझी और मैंने दीदी के कंधों को मसाज करते हुए उनके मम्मों को दबाने लगा.

तभी दीदी ने मुझे रोक दिया- आलिया तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड तो बहुत शरारती हो गया है.
आलिया- क्या हुआ भाभी?
दीदी- देखो ना वो कंधे की मसाज करते हुए मेरे बूब्स सहलाने लगा.
आलिया- राज, भाभी को तंग मत कर.
जीजा जी- उसे तंग करना नहीं, मसाज करना कहते हैं.

आलिया- भाई थोड़ी हाथ की मसाज भी कर दो.
जीजा जी- जो हुक्म मेरी प्यारी बहना.
दीदी- राज, मेरे पैर की भी मसाज कर देना.
नताशा- गुड आईडिया. भाई तुम भी पैर की मसाज कर दो.

फिर हम दोनों नीचे बैठकर पैर दबाने लगे. वो चारों हमारी मजबूरी का पूरा लुफ्त उठा रही थीं. आलिया और जिया के कहने पर वो दोनों भी पैर दबाने लगे.

करीब आधे घंटे से हम मसाज कर रहे थे, जिसकी वजह से हमारे हाथ दर्द करने लगे थे.

दीदी- बस भाई आज के लिए इतना बहुत है.
नताशा- वैसे भी तुम लोग अब थक चुके हो.
आलिया- आज हम तुम लोगों के हाथ की रसोई खाएंगे.
चित्रा- आलिया सही बोल रही है.
अविनाश- खाने में क्या पसंद करोगे.
चित्रा- कुछ भी अच्छा चलेगा.
मैं- हम चलते हैं.

आलिया- सुनो ड्रिंक्स खत्म हो गई है. तो दो लोग ड्रिंक्स लेने चले जाओ.
चित्रा- हां और भी कई चीजें लानी हैं.
अविनाश- नीरज, तुम्हें खाना बनाना आता है?
नीरज- जिया से भी अच्छा.
जिया- शटअप.
अविनाश- राज तुम दोनों खाना बना लो … हम दोनों बाहर से आते हैं.
मैं- ठीक है.

हम दोनों किचन में आ गए और वो दोनों बाहर चले गए. हम दोनों खाना बनाना शुरू कर दिया.

नीरज- राज सॉरी.
मैं- किस लिए.
नीरज- वो मैंने तुम्हारी गर्लफ्रेंड को अपनी बीवी बना ली … उस लिए.
मैं- वो मेरी गर्लफ्रेंड थी, लेकिन अब आलिया मेरी गर्लफ्रेंड है.
नीरज- कल तुम जिया को ऐसे चोद रहे थे … मानो बदला ले रहे हो.
मैं- वो हॉट माल को देखकर मैंने अपना काबू खो दिया था.

नीरज- वैसे मैं लक्की हूँ कि मुझे आलिया के साथ सेक्स करने का मौका मिला.
मैं- लक्की तो मैं भी हूँ, जो मुझे जिया के साथ सेक्स करने का मौका मिला. जिया बिल्कुल मुझे आलिया भट्ट जैसी लगी.
नीरज- और आलिया एकदम दिशा पटनी जैसी लगी. वैसे तुम दोनों ने अभी तक शादी क्यों नहीं की?
मैं- वो ऐक्चुली मैंने अभी तक घर पर बात नहीं की है … लेकिन इस साल हम जरूर शादी करेंगे.

नीरज- गुड … आज का दिन हमारे लिए बहुत मुश्किल से कटेगा.
मैं- तुम्हारे लिए यह पहली बार है … लेकिन हमारे लिए यह दूसरी बार है.
नीरज- मतलब!
मैं- जब हमने पहली बार यह अदला-बदली का खेल शुरू किया था, तब से हम इस परिस्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं … लेकिन इस बार थोड़ा ज्यादा मुश्किल होने वाला है.
नीरज- मैंने सोचा आज तुम्हारी बहन के साथ मजा करूंगा … लेकिन मजा तो वो चारों कर रही हैं.
मैं- डोन्ट वरी … अभी हमारे पास बहुत दिन हैं. जल्द ही मेरी दीदी तुम्हारे नीचे होगी.

नीरज- यह कितना अजीब है कि हम भाई-बहन में स्वैपिंग कर रहे हैं.
मैं- मैं जब भी अपनी दीदी को चोदता हूँ, तो ऐसा लगता है कि मानो में साउथ की हीरोइन काजल अग्रवाल को चोद रहा हूँ.
नीरज- और मुझे अपनी दीदी को चोदते समय जेकलीन फर्नांडीज की याद आ गई. काश यह सच होता.
मैं- हमारे लिए यह चारों ही हमारी हीरोइन हैं.
नीरज- यू आर राइट.

फिर हम इधर-उधर की बातें करते हुए खाना बनाने में लगे रहे. तभी वो दोनों भी आ गए. जीजा जी के हाथ में ड्रिंक्स थी, वो फ्रिज में रखने लगे.

आकाश- खाने की सुंगध तो अच्छी आ रही है.
मैं- हमने जो बनाया है.

फिर हम चारों खाना डाइनिंग टेबल पर ले गए. वो चारों भी आ गईं और हम साथ में बैठ गए.

आलिया- खाना तुम दोनों ने काफी अच्छा बनाया है.
जिया- अब से तुम दोनों ही खाना बनाना.
नीरज- नो वे.

हम सभी हंसते हुए खाना शुरू कर दिया और साथ में बातें भी करते रहे.

चित्रा- तुम चारों के लिए एक सरप्राइज है.
अविनाश- कैसी सरप्राइज?
नताशा- वो रात को पता चलेगा.
आकाश- अभी बता दो.

जिया- भाई रात तक इन्तजार कर लो.
आकाश- ठीक है.
अविनाश- आप चारों की सरप्राइज कामयाब नहीं होगी.
आलिया- क्यों?
अविनाश- वो हमें पता है आपकी सरप्राइज क्या होगी. हम एक बार गलती कर सकते हैं … दोबारा नहीं.
मैं- जीजा जी आप किस सरप्राइज की बात कर रहे हैं.


जीजा जी- वो ही यार … जो मैंने तुझे छुपाने के लिए दिया था.
मैं- ओह वो डिल्डो … वो इन्हें कभी नहीं मिलेंगे.
चित्रा- तभी मैं सोचूं कि वो किसने गायब किए हैं … लेकिन अब पता चला कि वो डरपोक कौन था.

आलिया- आप लोगों ने अब हमारा काम और भी आसान कर दिया.
नीरज- मतलब?
जिया- जब हम गेम खेल रहे थे, तब हमें वो हथियार मिल गए थे.

मैं- क्या..!! लेकिन मैंने तो वो!
आलिया- जहां तुमने छुपाए थे, वो हमें क्लू ढूंढते समय मिल गए थे … और अब रात को हम उसका इस्तेमाल करेंगे.
मैंने जीजा जी तरफ देखकर- सॉरी जीजा जी.
जीजा जी- कोई बात नहीं साले साहब … आपके कारण गांड मराने की सजा भी झेल ही लेंगे.

हम सब हंसने लगे.

हम चारों के अन्दर थोड़ा डर था जो गया नहीं था. फिर हम खाना खाकर बर्तन साफ करने लगे और वो चारों सोफे पर बैठकर टीवी देखती रहीं.

जिया- क्या हम सच में उन लोगों की गांड मारेंगे.
चित्रा- नो वे यार.
आलिया- लेकिन भाभी, क्यों नहीं?
चित्रा- शायद तुम उस दिन को भूल गई हो … उस दिन उस जीजा-साले ने कैसे हमारी बैंड बजाई थी. इसलिए हम हमारे प्लान के मुताबिक ही चलेंगे.

उधर हम चारों भी आज रात को लेकर बात कर रहे थे.

नीरज- आज रात को क्या होगा?
आकाश- जो होना है वो ही होगा.
मैं- मुझे लगता है कि वो ऐसा कभी नहीं करेंगी. क्योंकि उन लोगों को पता है कि बाद में हम भी उसका बदला लेंगे.
अविनाश- राज तुम सही कह रहे हो. हमें डरने की जरूरत नहीं है … हां लेकिन आज रात को कुछ तो हमारे साथ जरूर होगा.

फिर हम भी उन लोगों के साथ बैठ गए. तभी वो चारों खड़ी होकर उस बड़े कमरे में चली गईं.

मैं- आज रात के लिए हमें कुछ तो प्लानिंग करनी पड़ेगी.
जीजा जी- सबसे पहले तो हमें उस हॉल में कोई कैमरा नहीं छुपाया, वो देखना पड़ेगा.
आकाश- आज रात को खाना हम ही बनाएंगे, तो क्यों न हम खाने में वायग्ररा मिला दें, ताकि उसके असर से उनको भी चुदने का मन जरूर होने लगेगा.
मैं- हम ऐसा नहीं कर सकते, कहीं हमारा प्लान हम पर ही भारी ना पड़ जाए.

नीरज- तो फिर हम क्या करें?
अविनाश- अभी हमारी बीवियां कमरे में सोने चली गई हैं, इसलिए हमको प्यार से उनसे आज रात के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. उन चारों में कोई तो बता देगा, फिर हम हमारा प्लान बनाएंगे.
मैं- यह आईडिया ठीक रहेगा.
आकाश- फिर देर किस बात की है … चलो चलते हैं.
अविनाश- हां चलो.

फिर हम सभी अपने कमरे में आ गए. जब में अन्दर गया, तब आलिया बेड पर लेटकर फोन इस्तेमाल कर रही थी. मैं आलिया के पास लेट गया.

मैंने अपना हाथ आलिया के बदन पर घुमाना शुरू कर दिया.

आलिया- राज क्या कर रहे हो?
मैं- कुछ भी तो नहीं.
आलिया- राज स्टॉप इट … गुदगुदी हो रही है.

फिर मैं बेड पर बैठकर आलिया के पैर दबाने लगा. तभी आलिया मेरी ओर देखने लगी.

आलिया- इतना प्यार करने की वजह क्या है?
मैं- क्यों मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सेवा भी नहीं कर सकता?
आलिया- ज्यादा भोले मत बनो … अगर तुम सेक्स करने के बारे में सोच रहे हो, तो भूल जाओ.
मैं- क्यों?
आलिया- क्योंकि आज हमने डिसाइड किया है कि आज हम सेक्स नहीं करेंगी.
मैं- मतलब आज सेक्स के बिना बिताना पड़ेगा.
आलिया- हां फिलहाल ऐसा समझो.
मैं- वो मेरे हथियार को बहुत मन हो रहा है.

आलिया- एक काम करो अपने हथियार को बाथरूम ले जाओ और फिर कल रात तुम और भाभी किचन में जो कर रहे थे उसे याद करके मुठ मार लो. तुम्हारे हथियार को आराम मिलेगा और साथ में तुम्हें भी आराम पड़ जाएगा.
मैं- तुम्हें किचन की चुदाई कैसे पता चली?
आलिया- भाभी ने बताया.

मैं- आलिया आज रात का क्या सरप्राइज प्लान है?
आलिया- ओह … अब समझ आया कि इतनी सेवा इसके लिए है. लेकिन यह बेकार है … क्योंकि वो तुम्हें आज रात को ही पता चलेगा. मुझे नींद आ रही है इसलिए तुम अच्छे से पैर दबाना … बस ज्यादा ऊपर मत आ जाना.

आलिया सो गई और पांच मिनट बाद मैं भी सो गया.

चलो मैं तो कामयाब नहीं हो सका, लेकिन उन तीनों में से कोई तो जरूर कामयाब हुआ होगा.

जब हम चार बजे मिले, तब हम चारों का प्लान फेल हो गया. अब बस रात का इन्तजार करना था.

हम सब मर्द समुद्र किनारे गए और वहां पर ठंडी बियर पीते हुए मजा करने लगे. करीब पांच बजे वो चारों एकदम हॉट अंदाज में आ गईं. जिसे देखकर हम सभी का लंड खड़ा हो गया. वो चारों सिर्फ इस समय ब्रा और पैंटी में थीं. मुझे तो इस समय चुदाई का मन हो रहा था. वो चारों शांत समुद्र में आनन्द ले रही थीं और हम बस उन्हें देख रहे थे.

जीजा जी- सच में वो चारों इस समय अप्सराओं जैसी लग रही हैं.
मैं- मेरा तो हथियार भी फनफना रहा है.
आकाश- मन तो मेरा भी हो रहा है.

नीरज- आज तो बिना सेक्स के बिताना पड़ेगा. जीजा जी, आपकी वजह से आज मेरी बैंड बजेगी.
आकाश- मतलब?
नीरज- जिया बोल रही थी कि जब आपने उसकी गांड मारते समय जितना दर्द दिया था, उतना दर्द वो रात को मुझे देगी.

मैं- तुम इसमें अकेले नहीं हो … सबसे ज्यादा तो मेरी हालत बुरी होगी क्योंकि उन चारों को सबसे ज्यादा मैंने ही दर्द दिया था.
अविनाश- राज वो रात याद है, जब हम दोनों उन दोनों को बेरहमी से चोद रहे थे. कैसे वो चिल्ला रही थीं.
मैं- हां … जब मैं दीदी की गांड मार रहा था, तब वो ऐसे चिल्ला रही थीं, मानो अपनी जिंदगी में पहली बार सेक्स कर रही हों.

आकाश- मजा तो मुझे जिया की गांड मारने में आया था.
नीरज- वो इसलिए जीजा जी क्योंकि जब मैंने आपकी बहन की गांड मारने की कोशिश की, तो उसने दर्द के मारे मना कर दिया. उस दिन के बाद उसने कभी अपनी गांड नहीं मारने दी.
आकाश- थैंक्स.

तभी दीदी आवाजें देने लगी थीं और वो हमें अन्दर जाकर खाना बनाने को बोलीं. हम सभी अन्दर चले गए और खाना बनाने लगे.

खाना बन गया, तो हम सबने साथ मिलकर खाना खाया. फिर सभी मर्द हॉल में आ गए, जहां हमारे लिए चार कुर्सी पड़ी थीं.

जीजा जी- सुनो इस बार कोई ड्रिंक्स मत करना.
मैं- ओके.

तभी वो चारों अन्दर आ गईं, उनके हाथों में डिल्डो और शराब थी. हाथ में डिल्डो देखकर हमारी फट गई. उन चारों ने टी-शर्ट और शॉर्ट पहने थे. वो बड़ी हॉट लग रही थीं.

चित्रा- सुनो तुम चारों अपने पूरे कपड़े निकालकर नग्न अवस्था में होकर उस कुर्सी पर बैठ जाओ.

हम चारों कुर्सी पर बैठ गए. तभी चारों औरतों ने हमारे हाथ हथकड़ी से बांध दिए.

जीजा जी- तुम चारों का इरादा क्या है?
चित्रा- बस देखते जाओ.
जिया- आज पूरी रात तुम लोग ऐसे रहोगे.
नीरज- यह गलत है.
मैं- हम पूरी रात ऐसे नहीं रह सकते हैं.
आलिया- अभी सुबह होने में देर है … इसलिए बस चुपचाप फिल्म का मजा लो.
अविनाश- कौन सी फिल्म?
चित्रा- कुछ इन्तजार कर लो … सब सामने आ जाएगा.

फिर उन चारों ने पैग बनाए, तो हमें लगा वो हमारे लिए पैग बना रही हैं.

मैं- हमें ड्रिंक्स नहीं करनी.
आलिया- डोन्ट वरी, यह हमारे लिए है.

फिर वो बेड पर बैठकर चियर्स कहकर पैग मारने लगीं. दूसरा पैग भी चलने लगा.

अविनाश- चित्रा हमारे लिए भी पैग बना दो.
चित्रा- तुम लोगों को ड्रिंक्स नहीं करनी है.
मैं- वो तब मन नहीं था … लेकिन तुम लोगों को देखकर हमें भी ड्रिंक्स करने का मन हो गया.
जिया- सॉरी … यह सुविधा आपके लिए उपलब्ध नहीं है.
आकाश- प्लीज़.

तभी वो चारों एक दूसरे तरफ देखने लगीं और मुस्करा कर हमारे पास आ गईं.

चित्रा- तुम लोगों के पास छूटने के लिए एक रास्ता है.
मैं- कौन सा?
आलिया- इसके लिए तुम लोगों को अपनी गांड मरवानी होगी.
अविनाश- हम ऐसे ठीक हैं.

तभी वो चारों हमारे सामने स्माइल करके एक दूसरे से किस करने लगीं. आलिया और जिया किस कर रही थीं और दीदी और नताशा किस कर रही थीं. उन चारों को देखकर हमारे लंड खड़े हो गए.

उन चारों ने धीमे धीमे किस करते हुए अपनी टी-शर्ट निकाल दी. इस समय हम चारों मर्दों को चुदाई का मन हो रहा था. फिर उन चारों ने अपने शॉर्ट भी उतार दिए. उन लोगों की यह सरप्राइज हमारे लिए एक सजा बराबर थी. हम कुछ बोल भी नहीं सकते थे क्योंकि अब उन चारों ये हमारे मुँह पर पट्टी बांध दी थी.

फिर वो चारों बेड पर चली गईं और लेस्बियन रोमांस करने लगीं. डिल्डो भी कोने में पड़े थे. करीब दो घंटे तक वो लेस्बियन सेक्स करती रहीं. वो चारों किस कर रहीं थीं, एक दूसरे के मम्मों को दबा रही थीं … एक दूसरी की चुत में उंगली घुमा रही थीं.

इधर हम उन चारों को देखकर तड़प रहे थे.

दो घंटे बाद वो सब सो गईं और हम ऐसे कुर्सी पर बैठे बैठे सो गए.

मुझे एक तो अच्छे से नींद भी नहीं आ रही थी और इस समय थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था.

करीब रात के एक बजे दीदी ने हम चारों के हाथ खोल दिए और हमें अपने कमरे में सोने के लिए कह दिया. हम चारों कपड़े पहनकर अपने कमरे में जाकर सो गए.

दूसरे दिन मैं सुबह के छह बजे उठ गया. इस समय सभी सो रहे थे, इसलिए मैं फ्रेश होकर समुद्र किनारे चला गया. करीब आठ बजे वहां पर आलिया आई. वो मेरे पास आकर बैठ गई.

आलिया- क्या कर रहे हो?
मैं- नथिंग.
आलिया- चलो ब्रेकफ़ास्ट तैयार है.
मैं- चलो.

हम दोनों खड़े होकर अन्दर गए, वहां सभी नाश्ता कर रहे थे. हम दोनों भी उन लोगों के साथ ज्वाइन हो गए.

अविनाश- चलो आज भी कोई गेम खेलते हैं.
जिया- आज कोई गेम नहीं.
मैं- क्यों हारने से डर लगता है?
जिया- हम डरती नहीं हैं.
चित्रा- मगर इस बार गेम हमारे अनुसार होगा.

अविनाश- सभी तैयार हो न?
मैं- हां बिल्कुल.
आलिया- तो देखते हैं … आज कौन विजेता होता है.

नीरज- गेम कौन सा है?
चित्रा- दोनों साइड दो टीम होंगी, बीच में रूमाल होगा. हम टीम में से कोई बारी-बारी एक मेम्बर वो रूमाल लेने आएगा. उनको रूमाल लेकर अपनी टीम के पास पहुंचना है … अगर उस दौरान दूसरे मेम्बर ने उसे छू लिया, तो वो पॉइंट उसमें एड होगा. टीम को जीतने के लिए करीब बीस पॉइंट चाहिए होंगे. जो टीम जीतेगी, वो कल की तरह कल सुबह तक इस घर में राज करेगी.

अविनाश- यह तो बच्चों का खेल है.
नताशा- क्यों हारने से डरते हो?
मैं- हमें मंजूर है.
आकाश- मुझे भी.
जिया- हम गेम कहां पर खेलेंगे?
मैं- समुद्र किनारे.
अविनाश- तो आज हो जाए और एक गेम.

फिर हम सभी नाश्ता करके वहां पर आ गए. दोनों टीम अपनी जगह पर खड़ी थीं और बीच गोले में रूमाल था.

मैं- सबसे पहले कौन जाएगा?
अविनाश- राज सबसे पहले तुम जाओ … इस बार हमें किसी भी हालत में जीतना ही है.
मैं- ठीक है.

मैं आगे गया और मेरे सामने जिया आ गई. हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे, तभी जिया ने मुझे फ्लाइंग किस किया. मैंने भी फ्लाइंग किस कर दिया. तभी वो रूमाल लेकर चली गई. वो चारों खुश हो गईं.

मैं- यह चीटिंग है.
आलिया- इसे चीटिंग नहीं … दिमाग चलाना कहते हैं.
जिया- डोन्ट वरी राज … दूसरी बार भी तुम ही हारोगे.
मैं- वो देखेंगे.
अविनाश- इस बार मैं जाऊंगा.

जीजा जी के सामने आलिया आई. वो दोनों रूमाल के चारों और चक्कर लगा रहे थे. तभी जीजा जी रूमाल लेकर भागने को हुए … लेकिन आलिया ने जीजा जी को पकड़ लिया, जिससे उन लोगों के दो पॉइंट हो गए और हमारा अभी भी जीरो पॉइंट ही था.

इस बार आकाश गए और उसके सामने दीदी थी. लेकिन इस बार भी लड़कियों को ही पॉइंट मिला. अब नीरज की बारी थी, लेकिन इस बार हमें पॉइंट मिल गया.

फिर हम बारी-बारी खेल में पॉइंट बनाते चले गए. इस खेल के दौरान एक बार नीरज गिर गया था, तो एक बार आलिया अपनी टीम के बदले समुद्र की तरफ भागने लगी थी.

करीब पांच मिनट बाद उनके नौ पॉइंट थे और हमारे पास छह पॉइंट थे. दोनों टीम जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रही थीं.

करीब बीस मिनट बाद उनके सोलह पॉइंट थे और हमारे पास बारह पॉइंट थे. एक बार मैं और आलिया करीब पांच मिनट तक गोले के चक्कर लगाते रहे. आलिया मुझे अपने मम्मे दिखाते हुए बहका रही थी. लेकिन वो पॉइंट मैंने ही जीता था.

पच्चीस मिनट बाद हमारी टीम उससे आगे थी, फिर उनकी टीम लीड पर थी. करीब आधे घंटे बाद हम दोनों टीम को जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट की जरूरत थी. यह खेल अब पूरी तरह से रोमांचक हो चुका था.

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