जीजा जी- राज तुम तो तीनों औरतों चोद चुके हो. तुमको सबसे ज्यादा किस के साथ मजा आया?
मैं- वैसे तो तीनों के साथ मजा आया लेकिन सबसे ज्यादा मजा दीदी के चुदाई में आया.
जीजा जी- हां, अपनी बहन चोदने में मजा आता ही है, मुझे भी सबसे ज्यादा आलिया के साथ चुदाई करने में मजा आया. अब तो बस नताशा को चोदना बाकी है.
फिर जीजू ने आकाश से पूछा- वैसे आकाश तुम्हें सबसे ज्यादा किस के साथ चुदाई करने में मजा आया. मेरी बीवी के साथ अपनी बीवी के साथ?
आकाश- तुम्हारी बीवी चित्रा के साथ … चुदाई में टेस्ट बदल गया.
जीजा जी- राज, तुम्हारी दीदी कुछ सरप्राइज की बात कर रही थी. तुम्हें कुछ पता है कि वो किस सरप्राइज की बात करना चाह रही थी?
मैं- नहीं, मुझे नहीं मालूम है.
आकाश- कैसा सरप्राइज?
जीजा जी- वो तो उन तीनों पता होगा.
मैं- देखते हैं उन लोगों का सरप्राइज क्या निकलता है.
फिर हम सभी दोपहर का खाना खाने बैठ गए. खाने के बाद वो तीनों एक ही कमरे में सो गईं.
फिर रात को हम सभी मिलकर खाना खा रहे थे.
चित्रा- अविनाश आज रात के सरप्राइज के लिए तैयार हो न?
मैं- कैसी सरप्राइज?
आलिया- वो खाना खाने के बाद पता चल जाएगा.
हम सभी ने खाना खत्म किया और उन तीनों के कहने पर हम बड़े कमरे में आ गए … जिसमें स्वैपिंग के लिए बड़ा से बेड का बंदोबस्त था.
तभी दीदी का फोन जीजा जी के फोन पर आया और वो हमें वहां टेबल पर पड़ीं पट्टियों को आंख पर बांधने को बोलीं.
हम तीनों ने उनकी बात मानकर आंखों पर पट्टी बांध ली और खड़े हो गए.
तभी उन तीनों के अन्दर आने की आहट आई और वो हमें पट्टी हटाने को बोलीं.
जब हम तीनों ने पट्टी हटाई, तो हमारे सामने वो तीनों खड़ी थीं. उन तीनों ने ही चुस्त टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थे. उन तीनों के हाथ पीछे को थे, जो शायद हमारा सरप्राइज था.
दीदी- सब सरप्राइज के लिए तैयार हो?
जीजा जी- कब से.
तभी उन तीनों ने अपने हाथ आगे कर दिए और उन तीनों के हाथ में डिल्डो थे.
मैं- ये क्या हैं?
दीदी- आज तक तुम तीनों ने हमारी गांड मारी थी. आज हम आप तीनों की गांड मारेंगे.
जीजा जी- क्या?
आलिया- यस.
नताशा- आज हम तुम तीनों को मजा कराएंगे.
मैं- हमें ऐसे मजे नहीं करना है.
आलिया- लेकिन हमें करना है.
अविनाश- चित्रा, आर यू सीरियस?
चित्रा- यस … जब तक तुम लोग अपनी गांड नहीं मारने दोगे, तब तक हम भी तुम्हें चोदने नहीं देंगे.
मैं- क्या इसके अलावा भी हम कुछ भी कर सकते हैं. मेरा मतलब कोई दूसरी चॉइस?
आलिया- तुम्हारे पास दूसरी कोई चॉइस नहीं है.
अविनाश- कोई बात नहीं, राज इतनी कुर्बानी तो दे सकते हैं. वैसे भी अपना टाइम आएगा.
चित्रा- चलो, अपने कपड़े उतारो और बेड पर घोड़े बन जाओ.
हम तीनों ने बिना कुछ बोले, अपने कपड़े निकाल दिए और बेड पर तीनों एक साथ घोड़े बन गए. इसके बाद वो तीनों उन नकली लंड यानि डिल्डो फिट करके हमारे करीब आ गईं.
मेरे पीछे नताशा खड़ी थी, जिसका मुझे डर था कि क्योंकि कल रात मैंने उसकी गांड को अच्छे से पेला था. जीजा जी के पीछे आलिया खड़ी थी और दीदी आकाश के पीछे खड़ी थीं. हम तीनों अन्दर से डर रहे थे … क्योंकि हमें परिणाम पता था.
नताशा ने मेरे चूतड़ों पर थपकी देते हुए कहा- राज डार्लिंग, रेडी हो न!
मैं- प्लीज़ धीमे. मगर तुम सब भी याद रखना.
चित्रा- अपनी आंखें बंद कर लो, हम तीनों बस अभी आए.
हम तीनों ने अपनी आंखें बंद कर लीं और वो तीनों कमरे से बाहर चली गईं. करीब पांच मिनट बाद हम तीनों ने अपनी आंखें खोल दीं.
अविनाश- क्या हुआ, ये तीनों कहां पर चली गई हैं.
मैं- पता नहीं.
जब मैंने सीधे होकर दरवाजा खोला, तो वो नहीं खुला … क्योंकि वो बाहर से बंद था.
मैं- जीजा जी दरवाजा बाहर से लॉक है.
जीजा जी- क्या!
आकाश- हमारे कपड़े भी नहीं है.
जीजा जी ने दरवाजा खटखटा कर दीदी को बुलाया, लेकिन दीदी का कोई जवाब नहीं आया. हम तीनों दरवाजा खटखटाने लगे, लेकिन उन तीनों में से कोई ने जवाब नहीं दिया.
तभी नीचे से एक चिठ्ठी अन्दर आई. उसे उठा कर खोला, उसमें लिखा था कि आज रात तुम तीनों को बिना कपड़े के रहना पड़ेगा, यही हमारा सरप्राइज है … और हां तुम सभी के लिए एक बोटल छोड़ दी है. मन करे तो तुम आपस में एक दूसरे की गांड मार लेना.
जीजा जी- लो हो गया पोपट. पूरे दिन का मूड ऑफ कर दिया.
मैं- आज रात तो ऐसे ही बितानी पड़ेगी.
आकाश- ये कैसी भोसड़पन वाली सरप्राइज है.
जीजा जी- हमारे लिए तो यह सरप्राइज एक सजा के बराबर है.
मैं- चलो मां चुदाने दो … अब अपन पैग मारते हैं. जीजा जी, सिगरेट तो है न?
अविनाश- हां सिगरेट तो है.
फिर हम तीनों ने पैग बनाए और चियर्स कहकर लगाने लगे. आज पूरा दिन तो तड़पे ही थे, लेकिन अब रात भी खाली बितानी पड़ रही थी.
जब हम दूसरा पैग लगा रहे थे, तब मुझे थोड़ी अलग सी फीलिंग हो रही थी.
मैं- जीजा जी मुझे अलग सी फीलिंग आ रही है.
आकाश- मुझे तो चुदाई का मन हो रहा है.
जीजा जी- लग गई वाट, यह वायग्ररा की असर है. उन तीनों ने इसमें वायग्ररा की गोलियां मिला दी हैं.
हम तीनों ने पैग मारना बंद कर दिया, तभी उसका असर हम तीनों पर होने लगा. हम तीनों के लंड खड़े होने लगे थे.
आकाश- अब क्या करें. डोर लॉक है और इधर कोई विन्डो भी नहीं है.
मैं- अपना हाथ जिन्दाबाद.
जीजा जी- यह उसने तीनों ने ठीक नहीं किया. इसकी सजा कल मिलेगी.
मैं- हम बड़ी आफत से बच गए हैं … वरना पता नहीं हम तीनों की क्या हालत होती. आप दीदी को कहो न कि दरवाजा खोले. मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
जीजा जी- उन तीनों में से कोई दरवाजा नहीं खोलेगी.
मेरा लंड खड़ा हो गया था और अन्दर की आग बढ़ रही थी, इसलिए मैंने फिर से दरवाज़ा खड़खड़ाया, लेकिन कोई ने भी दरवाजा नहीं खोला. अब मुझे भी गुस्सा आ रहा था.
मैं- जीजा जी अपना टाइम कब आएगा?
जीजा जी- कल सुबह … इस तीनों की मां चोद देंगे.
फिर हम बेड पर बैठकर अपना लंड सहलाने लगे. … क्योंकि इस समय हम तीनों पर वायग्ररा का असर था.
आकाश- राज तुम्हारा लंड तो हम दोनों के लंड से बड़ा है.
मैं- हां बहुत संभाल कर रखा है.
आकाश- आज तक तुम कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके हो.
मैं- सिर्फ इन तीन के साथ.
आकाश- रियली … इससे पहले किसी भी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था.
मैं- पहले एक गर्लफ्रेंड थी, जिसके साथ चूत चुदाई का मौका मिलते-मिलते रह गया था.
जीजा जी- मतलब!
मैं- हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे. मैं वेलेंटाइन-डे का इन्तजार कर रहा था, लेकिन उसने अचानक मुझसे ब्रेकअप कर लिया. उसके बाद मैंने कभी उसको कभी दोबारा नहीं देखा और ना ही उसके बारे में मुझे कोई खबर है.
जीजा जी- राज, तुमने कभी बताया नहीं.
मैं- मुझे खुद ब्रेकअप की वजह नहीं पता है … तो मैं आपको कैसे कहता.
हम तीनों मुठ मारते हुए बातें कर रहे थे.
आकाश- उसका नाम क्या था.
मैं- जिया.
जीजा जी- उम्र?
मैं- अभी उसकी उम्र 24 साल होगी.
जीजा जी- तुम कौन से कॉलेज में पढ़े हो?
मैं- दिल्ली यूनिवर्सिटी.
आकाश- वो भी तुम्हारे साथ कॉलेज कर रही थी?
मैं- हां.
आकाश- क्या? तो वो तुम लड़के हो, जिससे जिया प्यार करती थी?
जीजा जी- तुम उसे जानते हो?
आकाश- हां.
मैं- कैसे?
आकाश- तुम जिस जिया की बात कर रही हो … वो मेरी बहन है.
मैं- क्या!
आकाश- यस … तुम्हारे ब्रेकअप की वजह मेरे पिताजी हैं. एक दिन पिताजी को तुम दोनों के बारे में पता चल गया था और उन्होंने ही जिया को तुम्हारे साथ ब्रेकअप करने को कहा था. पिताजी ने जिया को कसम दी थी कि वो कभी तुमसे ना मिले … वरना पिताजी मर जाएंगे. इस वजह से जिया ये तुमसे ब्रेकअप कर लिया था.
मैं- ऐसा क्यों किया था पिता जी ने?
आकाश- मेरी बड़ी बहन ने भाग कर लव मैरिज कर ली थी, इसी वजह से पिताजी को प्यार करने वाले पर नफरत होने लगी थी. अभी छह महीने पहले जिया की शादी हुई है.
जीजा जी- हां अब याद आया … हम दोनों भी शादी में आए थे.
आकाश- जिया की शादी नताशा के भाई के साथ हुई है.
जीजा जी- अच्छा को-इसिडन्ट है. आकाश, कल रात तुम जिसके साथ सेक्स कर रहे थे … उसका भाई तुम्हारी बहन से प्यार करता रहा था. लेकिन अब वो मेरी बहन से प्यार करता है, वो ही कल रात तुम्हारी बीवी के साथ सेक्स कर रहा था.
मैं- सब किस्मत का खेल है. वैसे इस ही किस्मत की वजह से मुझे आलिया जैसी सुंदर गर्लफ्रेंड मिली है. वैसे आकाश भाई आपने तो मेरी बहन के साथ मजा कर लिया, अब आप कब अपनी बहन से मिलवा रहे हैं.
आकाश- सॉरी राज, ये संभव नहीं है.
अविनाश- कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती है. वैसे राज का आईडिया अच्छा है. इससे हमारे ग्रुप में और दो मेम्बर जुड़ जाएंगे.
आकाश- फिलहाल तो संभव नहीं है, बाद में देखेंगे.
फिर हम तेजी से मुठ मारने लगे और तीनों टिश्यू पेपर में झड़ गए और चैन की श्वास लेने लगे. उसके बाद हम तीनों नग्न अवस्था में ही सो गए.
जब मैं सुबह उठा, तब भी दरवाजा बंद था. इसलिए मैंने उन दोनों को उठाया और हमने फिर से दरवाजा खटखटाया. तभी दीदी की आवाज सुनाई दी.
दीदी- उठ गए तुम तीनों?
जीजा जी- चित्रा, अब दो दरवाजा खोल दो.
आलिया- हमने दरवाजा खोल दिया, तो तुम लोग क्या करोगे … हमें पता है.
मैं- प्लीज़ खोल दो, हम कुछ भी नहीं करेंगे.
चित्रा- पहले वादा करो.
अविनाश- ठीक है. हम वादा करते हैं. अब तो ओपन करो.
तभी दरवाजा खुल गया और उन तीनों के सामने हम बिल्कुल नग्न अवस्था में खड़े थे.
दीदी- कैसी रही रात?
जीजा जी- एकदम बोरिंग.
दीदी- फ्रेश हो लो … तब तक हम नाश्ता बना लेती हैं.
हम सभी अपने अपने कमरे में आ गए. मैं नहाकर कपड़े पहन चुका था और बाल ठीक कर रहा था, तभी जीजा जी मेरे कमरे आए. मैं देखा कि उनके हाथ में डिल्डो थे.
जीजा जी- राज, इन्हें ऐसी जगह छुपा दे ताकि दोबारा कभी उन्हें ना मिले.
मैं- ठीक है.
फिर मैंने तीनों डिल्डो छुपा दिए और हम बाहर आ गए. सभी ने साथ मिलकर ब्रेकफ़ास्ट किया.
दीदी ने मजाक करते हुए कहा- अविनाश, हाथ ज्यादा दुख तो नहीं रहा न!
अविनाश- यह ढाई किलो के हाथ है इतनी आसानी से नहीं दुखने वाला.
आलिया- राज, कैसा लगा हमारा सरप्राइज.
राज- एकदम बढ़िया.
नताशा- आकाश कल रात जिया को फोन था. वो दोनों कल यहां पर आ रहे हैं.
आकाश- क्या?
इस बात वो तीनों हंसने लगीं और हम तीनों उसे आश्चर्य से देखने लगे.
मैं- क्या हुआ?
दीदी- कल रात हम आप तीनों का लाइव शो देख रहे थे, वहां हमने हिडन कैमरा लगाया था.
अविनाश- हंस लो बच्चू … जब हमारी बारी आएगी, तब हम हंसेंगे.
दीदी- सुनो … हम आज घूमने जाएंगे.
उनकी बात पर हम मर्दों ने कुछ नहीं कहा.
कुछ देर में नाश्ता खत्म करके वो तीनों नहाने के लिए चली गईं और हम सोफे पर बैठकर सिगरेट फूंकते हुए उन तीनों का इन्तजार करने लगे.
कुछ देर में वो तीनों तैयार होकर आ गईं. हम तीनों उनको देखते रह गए. उन तीनों ने ऐसा ड्रेस पहना था, जिसे देखकर किसी का भी मन डोलने लगे.
फिर हम सभी दो कार से घूमने के लिए निकल गए. जब हम घूम रहे थे, तब हमारे साथ ऐसी घटना घटी, जिसे लेकर हमने सपने में भी नहीं सोचा था.
करीब शाम के चार बजे जब हम घूम रहे थे, तब अचानक से हमें जिया और उसका पति मिल गया. हम सभी एकदम चौंक गए. फिर आकाश ने सभी से मुलाकात करवाई. जिया मुझे देखकर एकदम से चौंक गई और मुझसे ऐसे हाथ मिलाने लगी, जैसे हम पहली बार मिल रहे हों.
आकाश- तुम दोनों यहां पर?
नीरज- जीजा जी, आप यहां पर?
नताशा- जिया, तुम दोनों तो लंडन जाने वाले थे राइट!
नीरज- यस दीदी … लेकिन लास्ट टाइम मेरी मीटिंग कैंसिल हो गई. फिर हम यहां घूमने आ गए.
जिया- भाई, आप यहां पर कब आ गए … आपने कुछ बताया ही नहीं?
आकाश- ये एकदम अचानक से नक्की हुआ था. इसलिए बताने का मौका ही नहीं मिला.
नताशा- तुम दोनों कहां पर ठहरे हो?
नीरज- होटल प्लाजा में … और आप!
आकाश- हम सभी एक पेन्ट हाउस में रुके हैं.
जीजा जी- एक काम करो, तुम दोनों भी हमारे साथ आ जाओ, वैसे भी वहां एक कमरा खाली है.
आकाश- हां, हम सब यहां पर एक हफ्ते के लिए रुकने वाले हैं.
जिया- लेकिन!
नताशा- लेकिन वेकिन छोड़ो. अच्छा हुआ तुम दोनों यहां पर आ गए. आज सुबह हम तुम दोनों के बारे में बात कर रहे थे.
जिया- कैसी बात!
नताशा- तुम्हारे भूतपूर्व ब्वॉयफ्रेंड के बारे में.
मैं- सॉरी जिया, वो बातों बातों में निकल गया था. मुझे नहीं मालूम था कि तुम्हारा जिक्र परिचितों में से ही निकलेगा.
आकाश- नीरज तुम्हें तो पता है न!
नीरज- हां जिया ने मुझे पहले ही बता दिया था.
नताशा- तो चलो, अब तुम दोनों भी हमारे साथ रुकोगे.
नीरज- हमने होटल पर एक हफ्ते के लिए बुकिंग कर ली है.
आकाश- तो क्या हुआ, वो कैंसिल कर देना. तुम दोनों हमारे साथ रहोगे, यह फाइनल है.
जिया- ठीक है.
फिर हम सब साथ में घूमने लगे. जिया मुझे बार-बार देख रही थी और मैं उसको देख रहा था.
तभी जीजा जी ने आकाश के कान में वो कल वाली बात कह दी. आकाश इसके लिए तैयार हो गए. आकाश ने धीमे से नताशा को बात समझा दी और नताशा भी इसके लिए राजी थी.
फिर हम सब मॉल में शॉपिंग करने के लिए गए, जहां लेडीज का ग्रुप अलग हो गया और हम सभी मर्द अलग ग्रुप में गए. इधर आकाश ने अपना काम करना शुरू कर दिया..
आकाश- नीरज यार, तुमसे एक बात कहनी थी.
नीरज- क्या?
आकाश- पहले वादा करो कि तुम बुरा नहीं मानोगे.
नीरज- ठीक है.
आकाश- दरअसल हम यहां पर तीनों कपल साथ मिलकर स्वैपिंग कर रहे हैं.
नीरज- क्या … कब से!
आकाश- कल से पहली बार. हम सभी की इच्छा है कि तुम दोनों हमारे साथ ज्वाइन करो.
नीरज- जीजा जी, आप क्या बोल रहे हो. आप मजाक तो नहीं कर रहे हो?
आकाश- नहीं.
नीरज- सीरियसली?
आकाश- देख नीरज सभी इसके लिए तैयार हैं. इसमें बहुत मजा आएगा.
नीरज- मगर हम भाई-बहन कैसे!
आकाश- वो चारों भी भाई-बहन हैं.
नीरज- जीजा जी, यह गलत है.
आकाश- कुछ गलत नहीं है. तुम्हारी बहन भी तुम्हें पसंद करती है. आज तक मैंने तुमसे कुछ नहीं मांगा है, लेकिन इस बार मांग रहा हूँ. प्लीज़ हमारे खातिर मान जाओ.
नीरज- लेकिन जीजा जी यह गलत है.
आकाश- इसमें कोई गलत नहीं है.
नीरज- लेकिन जिया!
आकाश- उसकी चिंता तुम मत करो. वो तुम्हारी दीदी जिया को मना लेगी.
नीरज- ठीक है. मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि हम सभी भाई-बहन मिलकर स्वैपिंग करेंगे.
आकाश- थैंक्स.
फिर आकाश हम दोनों को बता दिया और नताशा को मैसेज कर दिया. अब बस जिया को मनाना बाकी था … लेकिन आखिरकार वो भी मुझे देख कर मान गई.
उसके बाद हम उन दोनों का सामान होटल से लेकर आ गए और सभी ने एक अच्छे होटल में डिनर किया. हमारे पास दो कारें थीं, जिसमें एक कार में हम जेन्टस थे और दूसरे कार में सभी लेडीज थीं. हम सभी पूरा दिन घूमने के बाद पेन्ट हाउस वापस आ गए.
मैं सोच रहा था कि हम सब कल ही उन दोनों के बारे में बात कर रहे थे और आज वो हमारे साथ हैं.
कुछ देर हम सभी पेन्ट हाउस पहुंच गए.
जीजा जी- पहले हम सभी फ्रेश हो जाओ … फिर मिलते हैं.
दीदी- ओके.
जीजा जी- आज सभी लेडीज कल की तरह टी-शर्ट और शॉर्ट पहनकर आएंगी और हम सभी जेन्टस टी-शर्ट और लोवर में.
मैं- ओके डन.
दीदी- पहले तुम जेन्टस तैयार हो लो, तब तक हम लोग बात करते हैं.
जीजा जी- ठीक है.
हम सभी जेन्टस, कमरे में गए और फ्रेश होकर बाहर आ गए. उसके बाद वो सभी अन्दर चली गईं. हम सभी बाहर समुद्र किनारे पर आ गए. इधर मौसम बड़ा सुहाना था.
जीजा जी- राज, तुम बहुत किस्मत वाले हो, जिसे तुम पसंद करते हो, वो आज तुम्हारे साथ है.
आकाश- अब आगे का क्या प्लान है?
जीजा जी- आज कोई प्लान नहीं … सिर्फ चुदाई होगी.
मैं- दो दिन से हम तड़प रहे हैं … आज पूरा हिसाब लेंगे.
तभी वो चारों लेडीज आ गईं और उनको इस तरह से देखकर हमारा लंड खड़ा हो गया. उन चारों ने मम्मों तक ढंकने वाली बिना आस्तीन की चुस्त टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थे.
हम सभी साथ मिलकर पैग बनाने लगे और साथ में चियर्स कहकर पैग मारने शुरू कर दिए. मैंने सिगरेट सुलगा ली और प्यार से जिया को देखने लगा. वो भी वासना से मुझे देख रही थी.
हम सभी एक दूसरे को देख रहे थे. हम सभी गोला बनाकर जोड़ी में बैठे थे. बीच में स्कॉच की दो बोटल रखी थीं और सभी के हाथ में गिलास थे.
आलिया ने सिगरेट जलाते हुए कहा- राज, तुमने कभी जिया के बारे में बताया नहीं.
मैं- सॉरी.
आकाश- तुम दोनों हमारे ग्रुप में नए हो इसलिए यहां के रुल बता दूं. सबसे पहले तो यह बात सिर्फ यहीं तक रहनी चाहिए. दूसरा रिकॉर्डिंग करना मना है और कभी किसी के साथ चीटिंग मत करना. तुम दोनों जिसके साथ चाहो, उसके साथ मजा कर सकते हो … और हां अब शर्म छोड़ देना.
जीजा जी- नीरज, चल तू बता … सबसे पहले जिया के अलावा तू किसके साथ मजा करना चाहेगा?
नीरज हिचकिचाने लगा, वो जिया की तरफ देख रहा था.
आकाश- अब शर्म छोड़ … और जल्दी बता.
नीरज- आलिया.
चित्रा- जिया तुम?
जिया- राज.
आकाश- मेरे लिए चित्रा सही है.
जीजा जी- नताशा तैयार हो न … तो अब चलें अन्दर?
दीदी- तुम्हें बहुत जल्दी है.
जीजा जी- क्या करूं … अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा है.
सबसे पहले जीजा जी नताशा को उठाकर अन्दर ले गए. उसके बाद आकाश दीदी को उठाकर ले गए, फिर नीरज और आलिया अन्दर गए. मैं खड़ा होकर जिया के पास बैठ गया.
जिया- सॉरी राज, मैं मजबूर थी.
मैं- इट्स ओके. मुझे मालूम है.
उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने बताया कि आकाश ने मुझे सब बता दिया.
वो मेरी गोद में आ गई और मुझे किस करने लगी.
हम दोनों ने वहीं पर ही किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों धीमे धीमे गरम हो रहे थे और ऊपर से शराब का असर होने लगा था. उसके बाद हम दोनों ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी.
जिया- आई लव यू राज.
मैं- आई लव यू टू जिया.
तभी जिया मेरे ऊपर आ गई और हम दोनों किस करने लगे. मैं जिया को किस करते हुए उसकी गांड को सहला रहा था.
वो बोली- यहीं करोगे?
मैंने कुछ नहीं कहा और जिया को उठाकर हॉल में ले आया.
उधर दीदी आकाश का लंड चूस रही थीं. जीजा जी नताशा के मम्मों को दबा रहे थे और वो दोनों अभी किस कर रहे थे. मैंने जिया की ब्रा को खोल दी और पीछे से उसके रसीले मम्मों को दबाने लगा.
दीदी मेरी ओर सेक्सी नजरों से देख रही थीं. तभी जीजा जी ने नताशा को बेड पर लेटा दिया और पूरे नग्न होकर ड्रावर से कंडोम निकालकर पहन लिया. फिर जीजा जी ने नताशा की पैंटी निकाल कर उसे भी पूरा नंगा कर दिया.
अगले ही पल जीजा ने नताशा के ऊपर चढ़कर चुदाई शुरू कर दी.
उनके पास ही नीरज आलिया की चूत चाट रहा था. उधर आकाश ने भी दीदी को नग्न करके बेड पर लेटा दिया और उन्होंने ड्रावर से दो कंडोम निकाल कर एक नीरज को दे दिया और दूसरा अपने लंड पर लगा लिया.
दीदी और आकाश दोनों चुदाई में शुरू हो गए. साथ में नीरज ने भी आलिया की चुदाई शुरू कर दी. इधर हम दोनों अब भी किस करने में मशगूल थे.
जीजा जी जिसे चोद रहे थे, उसका भाई जीजा जी की बहन को पेल रहा था. पूरे कमरे में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. फिर मैंने भी जिया को दीदी के पास बेड पर लेटा दिया.
मैंने ड्रावर से कंडोम लेकर लंड पर लगा लिया और उसके बाद जिया के ऊपर चढ़कर उसके बदन को चूमने लगा.
आलिया- आहहह याह ओह उम्मह आहहह ओह …
नताशा- आहहह ओह गॉड याहह ओह अविनाश यू आर सो हार्ड … फक मी …
चित्रा- आहहह ओह या याह उम्मह यस आकाश याह आह या आहहह. …
अभी मैं जिया के बदन को चूम रहा था और उसके मम्मों को सहला रहा था.
दीदी ने गांड उठाते हुए आकाश का लंड अन्दर लिया और कहा- राज … अब जिया को और मत तड़पा … जल्दी से उसे चोद डाल.
जिया भी अब पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार थी, इसलिए बिना देरी के मैंने अपना लंड जिया की चूत पर सैट कर दिया और धीमे से धक्का लगा दिया. जिससे मेरा थोड़ा लंड चूत में घुस गया. जिया मेरे मोटे लंड से कराह उठी.
चुदाई की वजह से जिया भी कामुक आवाजें निकालने लगी थी.
मैंने अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया, जिससे जिया चिल्लाने लगी. इस दौरान नीरज झड़ चुका था और जीजा जी भी झड़ गए थे. तभी कुछ सेकंड में आकाश भी झड़ गया. अब वो सभी मिलकर हम दोनों की चुदाई देखने लगे.
जिया- आहह राज ओह याह उम्म्ह… अहह… हय… याह… राज सो हार्ड! प्लीज धीरे चोदो.
नीरज- राज … धीमे यार … जिया को दर्द हो रहा है.
आकाश- साले साहब तुम सिर्फ चुदाई देखो. अपनी बीवी को उसके पुराने यार से चुदने का मजा लेने दो.
अविनाश जीजा ने भी कह दिया- हां आकाश, तेरी बहन अपने यार से चुद रही है … बड़ा मजा आ रहा है.
ये सुन कर नीरज मुस्कुरा दिया.
मैं उन लोगों को देखकर तेजी से चोदने में लग गया. जिया बस दर्द को सहते हुए सीत्कार कर रही थी. वो अब तक दो बार झड़ चुकी थी.
करीब पंद्रह मिनट बाद मैं झड़ गया. फिर कंडोम निकालकर मैंने दीदी को दे दिया और जिया के पास लेट गया. दीदी ने कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया. कुछ पल बाद जिया उठ कर बाथरूम चली गई.
फिर जीजा जी ने स्कॉच की बोतल उठा ली … और हम सभी पैग मारने लगे.
तभी जिया भी बाथरूम से आ गई. फिर वो भी पैग लगाने लगी. मैं सिगरेट पी रहा था वो मेरे बगल में बैठी थी. उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और धुंआ उड़ाने लगी.
नताशा- जिया मजा आया न … अपने भूतपूर्व ब्वॉयफ्रेंड से चुदने में?
जिया- क्या भाभी आप भी ना!
जीजा जी- चलो अब दूसरा राउंड शुरू करते हैं. इस बार हम अपनी बहन की गांड मारेंगे.
जिया- अभी मुझसे नहीं होगा, दर्द हो रहा है.
आकाश- अभी तो पार्टी शुरू हुई है बहना.
मैं- दीदी आप तैयार हो न.
दीदी- हां मेरे प्यारे भाई.
जीजा जी- चलो लेडीज सब घोड़ी बन जाओ.
सबसे पहले दीदी घोड़ी बन कर हिनहिनाने लगीं. उसके बाद आलिया उनके बाजू में बन गई, फिर नताशा और आखिर में जिया घोड़ी बन गई.
हम सभी मर्दों ने ड्रावर से कंडोम निकाल कर लंड पर पहन लिए.
सबसे पहले जीजा जी ने शुरुआत की. उसके बाद आकाश, फिर मैं और आखिर में नीरज भी शुरू हो गया. हम सभी अपनी बहनों की गांड मार रहे थे और वो कामुक आवाजें कर रही थीं.
सबसे ज्यादा जिया की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं, शायद उसने अभी तक अपनी गांड नहीं मरवाई थी.
पूरे कमरे में चुदाई से फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.
दीदी- आहह राज फक मी हार्ड, कब से तुम्हारा लंड लेने के लिए तड़प रही थी.
आलिया- आहह ओह भाई याह अम्मह आह ओह भैया आपने तो मेरी गांड की मां चोद दी.
नताशा- आहह नीरज और जोर से पेल … कम ऑन आहह आह उहह ओह आह.
जिया- आहह अम्मह ओह … भाई प्लीज़ स्टॉप इट … मुझे दर्द हो रहा है.
तभी आकाश ने जिया को पलटकर लेटा दिया और उसकी चूत चोदने लगे.
नीरज- दीदी मुझे आपकी चूत चोदनी है.
नताशा- ठीक है. आजा अब आगे पेल दे.
नीरज भी अपनी बहन नताशा की चूत चोदने लगा. इस समय चारों औरतें अपने अपने भाइयों से चुद रही थीं. मैं लंबे झटके के साथ दीदी की गांड में लंड पेल रहा था.
जीजा जी- देखो साले साहब … मैं कैसे तेरी गर्लफ्रेंड को चोद रहा हूँ.
मैंने दीदी की गांड पर चपत लगाकर कहा- आप अपनी बीवी को देखो कैसे मस्त गांड चुदवा रही है.
कमरे में घमासान चुदाई के बाद करीब दस मिनट बाद वो तीनों झड़ गए और मैं दो मिनट बाद झड़ गया. फिर हम सभी मिलकर आराम करने लगे. बाद में हम सब सोने के लिए अपने अपने पार्टनर के साथ कपड़े लेकर चले गए.
मैं और आलिया कमरे में आकर एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे. फिर दोनों नग्न अवस्था में एक दूसरे से चिपककर बातें करने लगे.
मैं- बेबी मजा तो आया न?
आलिया- मजा इस समय तुम कर रहे हो.
मैंने मजाक करते हुए कहा- क्यों तुम्हारे भाई ने तुमको अच्छे से नहीं चोदा?
आलिया- शटअप … वैसे तो तुम चारों जेन्टलमैन लगते हो … लेकिन रात को एकदम हरामजादे बन जाते हो. जो अपनी बहन को चोदते हैं और दूसरी की बीवी को भी चोदते हो.
मैं- तुम चारों भी तो रांड की तरह चुदवाती हो.
आलिया- अब हम तुम्हें रांड लगे … कल भाभी को बताना पड़ेगा.
मैं- सॉरी बेबी … मैं तो मजाक कर रहा था.
आलिया- कल रात तो याद है न कैसे तड़प रहे थे.
मैं- वैसे कल रात का प्लान किसका था?
आलिया- वैसे तो हम तीनों का था, लेकिन यह प्लान देने वाली तुम्हारी दीदी थीं.
मैं- दीदी को कल देख लूंगा लेकिन तुम्हें अभी इसकी सजा मिलेगी.
आलिया- कैसी सजा!
मैं- चुदाई की.
आलिया ने चूत मसलते हुए कहा- मैं सजा के लिए तैयार हूँ.
उसने अपनी चूत मसली, तो मैं आलिया के ऊपर चढ़ गया और लंड सैट करके जोर का झटका दे मारा. आलिया के कंठ से एक आह निकली और आलिया की चुदाई शुरू हो गई. मैं इस समय पूरे जोश में आलिया को पेल रहा था. आलिया चुदाई का आनन्द लेते हुए सीत्कार कर रही थी.
आलिया- आहह याह या अम्मह ओह राज फक मी हार्ड … और जोर से चोदो राज … जैसे अपनी दीदी को चोदते हो.
मैं- आह चुद साली.
आलिया- आह … हां चोद मादरचोद.
मैं आलिया के मम्मों पर एक हाथ रखकर उसके दोंनो पैर ऊंचे करके चोद रहा था. इस बार मैं जल्द ही थक गया और करीब पांच मिनट चुदाई के बाद हम दोनों शांत हो गए.
आलिया- राज, मुझसे शादी कब करनी है?
मैं- इस बार जाकर मॉम-डैड से बात करता हूं.
उसने मुझे चूम लिया.
हम एक दूसरे के चिपक कर सो गए.
करीब रात के चार बजे जब मेरी नींद खुल गई. मुझे पानी की तलब लगी. इस समय कमरे में पानी मौजूद नहीं था, इसलिए में पानी पीने के लिए किचन में गया. मैं फ्रिज से पानी की बोतल लेकर पानी पीने लगा, तभी दीदी भी नग्न अवस्था में ही किचन में आ गईं.
मैं- दीदी आप!
दीदी- हां यार, पानी की तलब लगी थी.
मैंने दीदी को पानी की बोतल दी और फिर दीदी ने पानी पीकर पानी की बोटल फ्रिज में रखकर मेरी ओर सेक्सी स्माइल करने लगीं. हम दोनों किस करने लगे और मेरा लंड फिर से जाग गया.
मैं- दीदी, मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है.
दीदी- तुम सभी मर्द को बस मौका मिलना चाहिए और चूत पेलने लगते हो. वैसे भी मैं अपने प्यारे भाई को मना भी तो नहीं कर सकती.
मैं दीदी को झुकाकर उसकी गांड मारने लगा. दीदी के दोनों हाथ किचन की स्लैब पर टिक गए थे. वहां सभी कमरे में सो रहे थे और इधर किचन में इतनी रात को मैं अपनी दीदी को पेल रहा था.
करीब दस मिनट चोदने के बाद मैं दीदी की गांड के ऊपर झड़ गया.

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