नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 24 साल है. आप सभी ने इस कहानी के पिछले अंक में दो भाई बहनों में चुदाई के लिए अदला बदली की कहानी को पढ़ा था. आपने पढ़ा कि कैसे मैं, मेरी दीदी, मेरे जीजू और जीजू की बहन ने कई दिन एक साथ रह कर ग्रुप सेक्स का मजा लिया था.
अब आपके सामने में इस कहानी का दूसरा अंक लिख कर रहा हूं.
मेरे जीजू की बहन आलिया अमेरिका में अपना पढ़ाई का आखिरी सेम पूरा करने के लिए चली गई थी. मैं अपने डैड को बिजनेस में मदद करने लगा था.
अब सेक्स के विषय पर हम चारों खुलकर बातें करने लगे थे.
उस दिन के बाद मुझे कभी भी अपनी दीदी या उनकी ननद आलिया की चुदाई का मौका नहीं मिला. हम सभी वापस मिलने का इन्तजार कर रहे थे. ये इन्तजार तब खत्म होना था, जब आलिया अपनी पढ़ाई खत्म करके वापस भारत आ जाएगी.
आलिया के आखिरी सेम के एक्जाम चल रहे थे. इधर मैं अपनी गर्लफ्रेंड आलिया के रसीले होंठों को चूमने के लिए तड़प रहा था.
एक रात के करीब दस बजे मुझे दीदी का फोन आया. उस समय मैं अपने कमरे में लैपटॉप पर जरूरी काम कर रहा था. मैं फोन उठाकर दीदी से बात करने लगा.
फोन पर मैंने दीदी का नाम देखा- हां दीदी … कैसे याद किया?
दीदी- बस ऐसे ही सोचा कि अपने भाई को कॉल करूं … क्या कर रहा है?
मैं- लैपटॉप पर जरूरी काम कर रहा हूं.
दीदी- सुन … दो खबरें हैं … एक अच्छी और दूसरी थोड़ी अच्छी, थोड़ी बुरी. पहले कौन सी सुनोगे?
मैं- पहले अच्छी वाली.
दीदी- एक हफ्ते बाद आलिया आ रही है, इसलिए हम सब वापस मिलेंगे. तुम्हारे जीजा जी ने इस बार मालदीव में हमारे सम्मेलन का बंदोबस्त किया है … वो भी एक हफ्ते के लिए.
मैं- अरे वाह … और दूसरी खबर क्या है?
दीदी- तुम नताशा को जानते होगे.
मैं- वो आपकी कॉलेज वाली फ्रेंड.
दीदी- हां … दो दिन पहले वो अकेली मेरे घर पर मुझसे मिलने के लिए आई थी. तुम्हारे जीजा जी ऑफिस गए थे. जब मैं किचन में गई थी, तब गलती से उसके हाथ में वही कैमरा लग गया था. जिसमें हमारी चुदाई वाली वीडियो रिकॉर्ड थी और नताशा ने वो वीडियो देख लिया.
मैं- क्या दीदी … कैमरा संभाल कर रखना चाहिए था.
दीदी- दरअसल हम उसकी अगली रात को वो वीडियो टीवी पर देख रहे थे, इसलिए वो कैमरा वहीं डाइनिंग टेबल पर छूट गया था … और नताशा ने रिकॉर्डिंग देख ली.
मैं- तो अब!
दीदी- फिर मैंने नताशा को सारी बात बता दी. मेरी बात सुनकर वो बजाए मुँह बनाने के खुश हो गई. तुम जीजा-साले के लिए ये अच्छी खबर है … क्योंकि वो भी किसी कपल के साथ अदला-बदली करना चाहती है. बस हमारे लिए थोड़ी बुरी खबर है … क्योंकि हमें अब तीन लंड से चुदना पड़ेगा. मैं और तुम्हारे जीजा जी तैयार हैं … बस तुम दोनों की राय चाहिए.
मैं- मैं तो तैयार हूँ … लेकिन आलिया नहीं मानेगी.
दीदी- वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड है. अगर नताशा को चोदना है, तो आलिया को मनाने पड़ेगा. यह काम तुम्हारा है.
मैं- ठीक है.
कुछ देर और बात करने के बाद दीदी ने फोन कट कर दिया और मैंने तुरंत आलिया को कॉल लगा दिया.
मैं- हाई जानेमन.
आलिया- हाई … स्वीटी.
मैं- क्या कर रही हो?
आलिया- एक्जाम की तैयारी कर रही हूं.
मैं- तुम बिजी ना हो, तो तुमसे एक बात पूछनी थी.
आलिया- क्या?
मैं- दीदी का अभी कॉल आया था, वो कह रही थीं कि जीजा जी ने मालदीव में एक हफ्ते के लिए हमारे वेकेशन का बंदोबस्त किया है.
आलिया- हां. … वो भाभी ने कॉल करके बताया था.
मैं- लेकिन हमारे साथ और दो मेम्बर जुड़ेंगे.
आलिया- मतलब?
मैं- दो दिन पहले नताशा तुम्हारे घर पर दीदी से मिलने के लिए आई थी. तब उसने गलती से वो वीडियो रिकॉर्डिंग देख ली.
आलिया- कौन सी वीडियो?
मैं- जो तुमने रिकॉर्डिंग की थी … वो वाली.
आलिया- हां अब याद आया, जिसमें एक बहन अपने भाई के लंड पर सवार होकर चुद रही थी.
मैं- उस रिकॉर्डिंग में तुम भी थीं.
आलिया- अब आगे बता न.
मैं- नताशा भी अपने पति के साथ हमारे साथ जुड़ना चाहती है.
आलिया- क्या!
मैं- हां लेकिन तुम ना बोलोगी, तो मैं दीदी को मना कर देता हूँ.
आलिया- अब तुम तीनों ने सोच लिया है, तो मैं क्या कर सकती हूं. वैसे भी तुम्हें तो और एक चूत चोदने को मिलेगी … बस झेलना तो हमें ही है.
मैं- तुम कहो तो मैं दीदी को ना बोल देता हूं.
आलिया- मैं ना बोलूंगी, फिर भी तुम तीनों मुझे किसी तरह से मना लोगे और वैसे भी नताशा को मैं भी जानती हूँ … वो मेरी भी सहेली है.
मैं- थैंक्स … चल मैं तुमसे बाद बात करता हूं.
आलिया- ओके.
मैं- आई लव यू.
आलिया- आई लव यू टू जान … गुड बाय.
फोन पर बात खत्म हुई और मैं अपना काम करने लगा. नताशा भी उन दोनों की तरह सुंदर और हॉट लड़की है. वो अपने पति के साथ मुंबई रहती है. करीब चार महीने से मैं चुदाई के लिए तड़प रहा था. वैसे इन चार महीनों में मैंने एक बार आलिया के साथ सेक्स किया था, जब मैं अपने काम से अमेरिका गया था.
इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद आलिया अपने एक्जाम खत्म करके मुंबई आ गई. जुलाई महीने की दस तारीख को हम मालदीव जाने के लिए फ्लाईट में बैठने वाले थे. मैं दस तारीख को दिल्ली से मुंबई आ गया. फिर शाम के पांच बजे हम सभी ने मुंबई एयरपोर्ट से फ्लाईट पकड़ ली.
मैं करीब सात महीने बाद नताशा और उसके पति आकाश को देख रहा था. इस समय तीनों को देखकर मेरा मन डोल रहा था. लेकिन कहते हैं न कि इन्तजार का फल मीठा होता है.
हम करीब 8:30 बजे मालदीव पहुंच गए. वहां जीजा जी ये सारा बन्दोबस्त कर लिया था. हम टैक्सी से जीजा जी के द्वारा बुक किये हुए होटल में पहुंच गए.
ये समुद्र के किनारे एक पेन्ट हाउस किस्म का रिसॉर्ट था. उसमें ही हम सभी के रुकने का बंदोबस्त किया था. इस जगह पर हमको अपनी मर्जी का खाना आदि बनाने का बन्दोबस्त करना था. दरअसल हम नहीं चाहते थे कि कोई बाहरी आदमी मतलब वेटर वगैरह, हम लोगों के बीच आए.
वैसे तो मैं यहां पर कई बार आया था, लेकिन आज पहली बार कुछ अलग सी फीलिंग आ रही थी, जिसकी वजह आप सभी जानते हैं.
हम सब पेन्ट हाउस के पहुंच गए. ये दिखने में एकदम मस्त जगह थी … पास में ही समुद्र का किनारा था.
अब कहानी में आगे बढ़ने से पहले आप एक बार सभी का परिचय जान लीजिएगा.
मैं- उम्र 24 साल, सुंदर, हैंडसम, स्टाइलिश अंदाज.
आलिया- जीजा जी की बहन और मेरी गर्लफ्रेंड, उम्र 25 साल, हॉट फिगर, सुंदर, कातिलाना स्माइल, स्टाइलिश अंदाज.
दीदी- नाम चित्रा, उम्र 30 साल. अविनाश की बीवी और मेरी बहन. दिखने में सुंदर, हॉट फिगर, नशीली आंखें, मॉडर्न माल.
जीजा जी- नाम अविनाश, उम्र 30 साल, दिखने में सुंदर और हैंडसम. जीजा जी का मुंबई में खुद का बिजनेस है.
आकाश- उम्र 31 साल, दिखने में जीजा जी की तरह सुंदर हैं. जिसका मुंबई में एक छोटा सा बिजनेस है और अपनी इधर वो अपनी फैमिली के साथ रहते हैं.
नताशा- उम्र 30 साल, आकाश की बीवी, दिखने में हॉट फिगर, सुंदर, सुनहरे बाल, नशीली आंखें.
दीदी- आप तीनों मर्द फ्रेश हो लो, तब तक हम लेडीज खाना बना लेंगी.
जीजा जी- ओके.
हम तीनों फ्रेश होने के लिए अपने कमरे में चले गए. हम सब फ्रेश होकर नाइट सूट जैसे कपड़े पहनकर बाहर आ गए. तब तक खाना भी बन गया था और हम साथ मिलकर खाना खाने लगे. खाना खाते समय हम इधर-उधर की बातें करने लगे और एक दूसरे तरफ देखकर मुस्करा रहे थे.
खाना खाने के बाद हम तीनों मर्द बाहर समुद के किनारे बैठ गए और तभी वो तीनों साथ में पीने के लिए स्कॉच लेकर आ गईं. उस तीनों में से दीदी के हाथ स्कॉच थी, आलिया के हाथ में गिलास और नताशा के हाथ में बर्फ थी. वो तीनों इस समय कमाल की सेक्सी लग रही थीं.
हम साथ मिलकर बैठ गए थे. दीदी सबके लिए पैग बनाने लगीं. हम सभी ने साथ में चियर्स करके पैग लगाने शुरू कर दिए.
आसामान एकदम खुला सा था, समुद्र एकदम शांत था. यहां पर हमें डिस्टर्ब करने वाला भी कोई नहीं था. हम सभी मजे से ड्रिंक्स कर रहे थे. सिगरेट का मजा भी चल रहा था.
दीदी- नताशा तुम एक्साइटेड हो न?
नताशा- बहुत ज्यादा.
जीजा जी- चलो हमारे ग्रुप में दो मेम्बर और जुड़ गए.
हम इधर-उधर की बातें करते हुए ड्रिंक्स ले रहे थे. हम एक के बाद दूसरा पैग लगाने लगे.
अविनाश- आकाश इससे पहले कभी स्वैपिंग की है.
आकाश- नहीं, यह पहली बार है.
मैं- जीजा जी, एक बात समझ नहीं आ रही कि जब शादी हो गई. उसके बाद लोग अदला-बदली की क्यों सोचते हैं?
जीजा जी- वो क्या है न … शादी के बाद मर्द एक चूत चोदकर बोर हो जाता है और उसे किसी नई चूत की तलाश रहती है … ऐसा ही हाल औरतों का भी होता है.
दीदी- शटअप … सबसे पहले तुम मर्द ही ऐसा सोचते हो.
नताशा- फिर ये मर्द ही हमें उसके लिए मनाते हैं … और हमें उसकी तलब लगाते हैं.
आलिया- सभी मर्द ऐसे ही होते हैं. बस उसको चूत चोदने मिलनी चाहिए.
मैं- औरत हो या मर्द … सेक्स की जरूरत दोनों को होती है.
दीदी- नताशा तुम दोनों नए हो, इसलिए चलो बताओ … तू आज की रात किसके साथ बिताएगी?
नताशा स्माइल करते हुए- राज के साथ.
उसकी बात सुनकर दीदी ने हल्की सी स्माइल पास कर दी.
नताशा- क्या हुआ, चित्रा तुम मुस्करा क्यों रही हो?
आलिया- वो तुम्हें कमरे में पता चल जाएगा.
जीजा जी- आकाश आज तुम्हारी बीवी की अच्छी तरह से बैंड बजेगी. वैसे तुम किस के साथ सोना पंसद करोगे, मेरी बीवी के साथ … या मेरी प्यारी बहना के साथ?
आकाश- चित्रा के साथ.
तभी दीदी आकाश को देखकर मुस्करा दीं और उसके बाद हम सभी अपना पैग खत्म करने लगे. पैग खत्म होते ही जीजा जी ने मुझे इशारा कर दिया.
जीजा जी- सुनो प्रोटेक्शन सभी के कमरे के ड्रावर में रखे हैं.
मैं- वाह जीजा जी … आपने तो बहुत अच्छा बन्दोबस्त किया है.
जीजा जी ने मेरी बात पर हंसते हुए अपनी बहन यानि आलिया को गोद में उठा लिया और उसे चोदने के लिए वे बड़े हॉल वाले कमरे के अन्दर ले गए.
मैंने मस्ती में आकाश से कहा- जीजा जी, मैं आपकी बीवी को ले जा रहा हूँ … आप मेरी बहन का अच्छे से ख्याल रखना.
आकाश ने भी नशे में हंसते हुए कहा- हां साले साब, अपनी बहन की अच्छी तरह से चुदाई करना.
नताशा मेरी दीदी की बेस्ट फ्रेंड हैं इसलिए मैंने मजाक में आकाश को जीजा जी कह दिया. फिर मैं नताशा को उठाकर हॉल वाले कमरे में ही ले गया और आकाश, मेरी चित्रा दीदी को उठाकर हॉल में पड़े सोफे पर ले गया.
आज हम अपने पार्टनर चुनकर पूरी रात चुदाई का मजा लेने वाले थे. इधर मैं आकाश की बीवी को चोदूंगा, तो उधर वो मेरी दीदी को चोदेंगे. मैंने देखा कि पलंग के दूसरी तरफ जीजा जी ने तो अपनी बहन आलिया को नंगी भी करना भी शुरू कर दिया था.
नताशा और मैंने एक दूसरे तरफ को वासना से देखते हुए किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों ऐसे चूस रहे थे मानो एक साल से दूर हों. तभी नताशा ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी मैंने भी उसकी टी-शर्ट निकाल दी.
मेरे सामने उसकी ब्लैक रंग की ब्रा और उसमें छुपे 34B साइज के चूचे फंसे हुए दिखने लगे. मैं नताशा के होंठों पर किस करते हुए उसकी गांड को सहलाने लगा.
उधर जीजा जी ने और आलिया, दोनों ने एक दूसरे की टी-शर्ट निकाल दी थी. फिर जीजा जी ने अपनी बहन आलिया की ब्रा भी उतार दी. वो पीछे से अपनी बहन के मस्त मम्मों को दबाने लगे थे. आलिया अपने भाई की हरकतों से गरम होकर कामुक आवाजें निकालने लगी थी.
उधर आकाश और दीदी दोनों रोमांस में मशगूल थे … आकाश की टी-शर्ट उतर चुकी थी. मैंने भी नताशा को घुमाकर उसकी ब्रा निकाल दी और उसके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा. नताशा मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रही थी. नताशा के दोनों हाथ मेरे हाथ पर थे.
मैंने कुछ देर पहले ही एक कामवर्धक गोली खा ली थी ताकि मैं अपनी बहन की सहेली को जम कर चोद सकूँ.
नताशा मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रही थी. नताशा के दोनों हाथ मेरे हाथ पर थे. करीब दो मिनट बाद नताशा घूम गई और मुझे किस करने लगी.
उधर आलिया, जीजा जी का लंड चूस रही थी और आकाश दीदी के मम्मों को दबा रहे थे.
फिर नताशा ने मेरे बदन को चूमते हुए घुटने के बल बैठकर मेरा लोवर और निक्कर निकाल दिया. मेरा खड़ा लंड उसके मुँह के सामने था.
मेरी बहन की सहेली मेरा लंड देखकर चौंक गई- तुम्हारा लंड तो आकाश के लंड से भी बड़ा है.
मैंने उसे आंख मार दी.
उसने मुस्कुरा कर लंड को देखा और वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाते हुए मुँह में लेकर चूसने लगी. मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने दोनों हाथों से उसके बालों को पकड़ लिया और उसके साथ मुख मैथुन शुरू कर दिया. नताशा बड़ी अच्छी तरह से ब्लो जॉब दे रही थी.
कुछ पल बाद मैंने नताशा से खड़े होकर लोवर निकालने को कहा. और वो एकदम से चुदासी हो गई थी. उसने झट से अपना लोवर निकाल दिया और मैंने उसी पल नताशा को बेड पर पटक दिया.
वो कामातुर होकर अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी थी.
मैंने झट से कंडोम का पैकेट निकाल कर लंड पर कंडोम लगा लिया. उसके बाद मैं नताशा के ऊपर चढ़ गया. उसके बदन को चूमने लगा. नताशा भी मेरा साथ देते हुए किस कर रही थी. मैंने उसके पूरे चिकने मदमस्त बदन को चूमते हुए धीमे से उसकी गीली पैंटी निकाल दी. नताशा की चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैं नताशा की चूत को जीभ से चाटने लगा. नताशा कामुक आवाजें करने लगी.
करीब दो मिनट बाद नताशा से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. नताशा की चूत इतनी टाइट नहीं थी, लेकिन उनकी चूत देखकर यह पता चल गया था कि आकाश का लंड कैसा है.
नताशा- राज कम ऑन फक मी फास्ट … मुझसे सहन नहीं हो रहा है … मेरी चूत में आग लग गई है.
मैंने अपने लंड को नताशा की चूत पर सैट किया और वो कुछ बोल पाए, उससे पहले मैंने एक जोर का धक्का मार दिया. जिससे मेरा लंड आधा उसकी चूत में घुसता चला गया.
वो कुछ बोलने के बदले दर्द से चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
क्योंकि मेरा लंड आकाश के लंड से बड़ा था. मैंने उसकी कराहें सुने बिना, धक्का लगाना शुरू कर दिया.
वो जोरों से कामुक आवाजें करने लगी- आहहह राज धीमे … तुम्हारा लंड बहुत मोटा और बड़ा है … ओह गॉड आहह याह आह … मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरे नसीब में इतना मोटा लंड भी लिखा होगा. आह … जरा धीरे चोदो डार्लिंग.
नताशा की मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं और उधर आकाश मेरी दीदी के बदन से खेलने में लगा था.
दीदी- देख … मेरा भाई तुम्हारी बीवी की बैंड बजा रहा है … और तुम अभी तक मेरे बदन से सिर्फ खेल रहे हो.
तभी आकाश ने दीदी को सोफे से उठा कर बेड पर पटक दिया और लंड में कंडोम लगाकर दीदी के ऊपर चढ़ गया. उधर जीजा जी अपनी बहन आलिया को अच्छे से पेल रहे थे.
नताशा- आहह राज सो हार्ड धीमे आहह आह ओह याह.
मैं दारू के नशे और कामवर्धक दवाई के असर की वजह से बड़ी तेजी से नताशा की चुदाई कर रहा था. पूरे कमरे में चुदाई की वजह से फच फच की आवाजें सुनाई दे रही थीं.
नताशा ने दर्द से बेडशीट को जोरों से पकड़ लिया था. वो कभी मेरे पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लेती थी, कभी चादर को भींचने लगती थी.
हम तीनों का एक ही कमरे में चुदाई का खेल शुरू हो गया था. इधर मैं आकाश की बीवी को चोद रहा था, तो उधर वो मेरी दीदी को चोद रहे थे. तीसरी तरफ जीजा जी अपनी छोटी बहन आलिया को चोद रहे थे.
शायद नताशा को इस समय अहसास हो रहा होगा कि क्यों दीदी उस समय मुस्करा रही थीं. अब तक नताशा ने मेरे लंड को झेल लिया था और वो भी चुदासी मूड में हो गई थी. क्योंकि अब तक उस पर भी दारू का नशा हो गया था.
नताशा- आहह आह राज सो और तेज चोदो … आह मेरी चूत फाड़ दो … ओहह याह या तेरा लंड कितना मजा दे रहा है … इतना बड़ा लंड मैंने आज पहली बार लिया है … आह चोद दे … आहहह. …
आलिया- आहह भाई आहह याहह आह ओह भाई…
दीदी- आहह आह ओह आकाश याह या उहह आहह. …
हम तीनों मर्द अपने नीचे चूत चुदाई में लगे थे और तीनों चूत लंड के कहर से मचल रही थीं.
करीब बीस मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया … जिससे नताशा को बड़ा सुकून मिला … मुझे भी उसकी चूत चुदाई में मजा आ गया था.
मैंने नताशा के ऊपर से हटकर लंड से कंडोम निकाला … तो नताशा अपनी फैली हुई चूत में उंगली घुमाने लगी.
मैं- रस पीना है?
नताशा- शटअप … उधर जा … अपनी दीदी को पिला दे.
मैंने हंसते हुए कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया और नताशा के पास लेट गया.
इस बार दवा की असर जल्द ही खत्म हो गया था जिसकी वजह नताशा की नई चूत थी.
उधर वो दोनों पहले ही झड़ चुके थे.
मैं- लंड कैसा लगा?
नताशा- अब मुझे समझ आया कि उस समय चित्रा क्यों मुस्करा रही थी. आज ऐसे तो आकाश ने भी कभी नहीं चोदा है. तुमने मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दीं.
मैं- मैं लक्की हूँ कि जो तुम जैसी औरत के साथ सेक्स करने का मौका मिला.
अपनी बहन की सहेली के मम्मों को सहलाते हुए मैं किस करने लगा. उधर दीदी के कमरे में आकाश दीदी के बदन से खेलते हुए चुदाई खत्म कर चुका था.
आकाश- चित्रा, मुझे तुम्हारी गांड मारनी है … क्योंकि आज तक मैं कभी भी नताशा की गांड नहीं मार सका. वो हमेशा गांड मारने से मना करती है.
चित्रा- कोई बात नहीं … आज मेरा भाई तुम्हारी बीवी की गांड का उद्घाटन कर डालेगा. तुम मेरी गांड मार लो.
आकाश ने दीदी को घोड़ी बना दिया और दीदी के गांड में लंड घुसा दिया.
उन दोनों की गांड चुदाई शुरू होते ही मेरा मूड भी बन गया.
मैं- नताशा, मैंने तुम्हारी चूत का स्वाद तो ले लिया. अब मेरा लंड तुम्हारी गांड का स्वाद लेना चाहता है.
नताशा- नहीं … गांड नहीं … वहां बहुत दर्द होता है और तुम साले बहुत बेरहमी से चोदते हो.
मैं- आकाश ने भी गांड नहीं मारी?
नताशा- नो … आज तक मैंने उसको भी नहीं मारने दी.
मैं- एक बात समझ नहीं आ रही कि सभी औरतें गांड मारने से डरती क्यों हैं.
यदि आप एक औरत हो, तो कमेन्ट में जरूर बताएं कि क्या आप भविष्य में अपनी गांड मरवाओगी.
नताशा- तुम हमारी जगह पर होते, तब पता चलता.
मैं- प्लीज़ नताशा इस बार पक्का धीमे डालूंगा.
नताशा- तुम … और धीमे!
मैं- देखो न … हम यहां पर एक हफ्ते के लिए हैं. आज नहीं तो कल, तुम्हें अपनी गांड मरवानी ही होगी. जीजा जी तो पक्का तुम्हारी गांड मारेंगे, वो भी जानवर की तरह … और वैसे भी तुम्हें भी बाद में दुगना मजा आएगा. सोच लो किस से पहले अपनी गांड मरवाओगी?
नताशा ने हाथ डालते हुए कहा- ठीक है लेकिन वादा करो … धीमे धीमे ही गांड मारोगे.
मैं- पक्का यार.
फिर मैंने बाथरूम से तेल की शीशी का ढक्कन खोला और कमरे में आकर नताशा को घोड़ी बना दिया. सच में नताशा की गांड देखकर बॉलीवुड की हिरोइन अनुष्का शर्मा की याद आ गई.
मैंने धीमे से नताशा के गांड पर लंड सैट करके तेल टपकाया और धीमे से धक्का लगा दिया, जिससे थोड़ा सा लंड तेल की चिकनाई के साथ उसकी कुंवारी गांड में घुस गया.
नताशा- आहह मां ओहह … राज बहुत बड़ा है … मर गई.
मैंने धीमे धक्के के साथ तेल टपकाता गया और कुछ ही देर में नताशा की गांड में थोड़ा लंड पेल दिया. मैं उतने से ही उसकी गांड मारने लगा. अभी थोड़ा सा लंड अन्दर गया था, फिर भी नताशा जोरों से आवाजें कर रही थी.
मैंने लगातार तेल की शीशी का मुँह उसकी गांड और लंड के साथ टपकाता जा रहा था. मेरा लंड तेल की चिकनाई के साथ थोड़ा थोड़ा करके अन्दर घुसता जा रहा था.
कुछ ही देर बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और नताशा की कमर पकड़ कर जोर जोर के लंबे झटके लगाने लगा. इससे मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड में घुस गया. नताशा दर्द के मारे जोरों से चिल्लाने लगी थी.
उधर आकाश मजे से मेरी दीदी की गांड मार रहे थे और दीदी की कामुक आवाजें कर रही थीं- आहह याह या … सुन नताशा की आवाजें … मेरा भाई, नताशा की गांड मार रहा है.
आकाश- हां मारने दो … मेरे लिए वो मेरी बीवी की गांड खोल रहा है … इधर मैं उसकी बहन की गांड मार रहा हूँ.
दीदी- आहह ओह आकाश याह उहह!
नताशा- राज धीमे आहह ओह गॉड राज धीमे, प्लीज़ धीमे डाल … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- दर्द के आगे जीत है.
नताशा- आहह ओह बहनचोद … तुझे मजाक सूझ रहा है. … अपना लंड निकाल भोसड़ी के … आहह राज उहह याह!
मैंने नताशा की गांड पर चपत लगाते कहा- चुप साली … अभी तो पार्टी शुरू हुई है … आज तुझे पूरी रंडी बना कर छोडूंगा.
अपनी गांड पर चपत लगने से वो और जोर से चिल्ला उठी और उसकी गांड लाल हो गई. नताशा की आंख में दर्द की वजह से आंसू आ गए थे.
मैंने अपनी बहन की सहेली की चूत को सहलाना शुरू कर दिया था. मेरा दूसरा हाथ उसकी एक चूची के निप्पल को मसलने में लगा था.
करीब दस मिनट तक बेरहमी से चोदने के बाद में नताशा की गांड से लंड बाहर निकाल कर उसके चूतड़ों पर झड़ गया. फिर अपना लंड हिला कर बेड पर लेट गया.
नताशा भी कराहते हुए कुछ सेकंड बाद उठी और अपनी गांड को टिश्यू पेपर से साफ करने लगी.
नताशा- आहह कमीने … ऐसे कोई चोदता है. साले गांड सुजा दी.
मैं- सॉरी बहना … यार मुझे कन्ट्रोल ही नहीं हुआ.
नताशा- बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- मालिश कर दूं.
नताशा- तुम रहने दो.
फिर वो बेड पर लेट गई, उधर दूसरी तरफ भी सब खत्म हो गया था.
नताशा- अपनी दीदी को भी ऐसे चोदते हो?
मैं- हॉट फिगर देखकर लंड काबू में नहीं रहता है. वैसे नताशा तुम्हें मजा तो आया न … सच बताना!
नताशा- मजा तो आया … लेकिन दर्द अभी भी हो रहा है.
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए और इस किंग साइज़ बेड पर हम चारों थककर सो गए. आलिया और जीजा जी अपने कमरे में चले गए थे.
कुछ समय बाद सबसे पहले दीदी उठीं और कपड़े लेकर अपने कमरे में चली गईं. वहां दोनों भाई-बहन सो रहे थे इसलिए दीदी बाथरूम में घुस गईं.
इधर नताशा की आंख खुली और वो मुझसे अलग होकर कपड़े लेकर चली गई. दीदी ने नहाकर कपड़े बदले और नंगी पड़ी आलिया को उठाया.
आलिया अपने कपड़े लेकर कमरे में आ गई और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई. हम तीनों मर्द अभी भी नग्न अवस्था में सो रहे थे.
दीदी सुबह का नाश्ता बनाने के लिए किचन में घुस गईं और पानी पीकर नाश्ता बनाने लगीं. तभी थोड़ा लंगड़ाकर चलते हुए नताशा किचन में आई.
चित्रा- गुड मॉर्निंग.
नताशा- गुड मॉर्निंग.
चित्रा- कैसी रही कल की रात?
नताशा- क्या कहूँ तुमसे.
चित्रा- दर्द हो रहा है.
नताशा- हां, लेकिन पहले से थोड़ा अच्छा लग रहा है. तुम्हारे भाई ने कल रात बहुत जोर से गांड मारी थी.
चित्रा- वो ऐसा ही है.
नताशा- तुम्हारी कल रात कैसी रही.
चित्रा- तुमसे अच्छी.
नताशा- कल रात को ऐसा लग रहा था मानो घोड़े का लंड गांड चोद रहा हो. तुम्हारे भाई ने कल रात हालत पतली कर दी थी.
चित्रा- सच बोलूं, तो तीनों मर्द एक जैसे हैं. तुम्हारा पति मेरी गांड भी ऐसे मार रहा था … मानो कभी पहले कभी औरत देखी ना हो. वो तो मैंने पहले गांड मरवा ली थी, इसलिए अच्छा था … वर्ना तुम्हारा पति मेरी गांड का कबाड़ा कर देता.
तभी आलिया भी किचन में आ गई.
आलिया- क्या बात कर रही हो.
चित्रा- कल रात के बारे में, वैसे कैसी रही कल की रात!
आलिया- आप तो भाई को जानती ही हो. वैसे नताशा तुम्हारी आवाजें सुनकर भाई और जोर से जोश में मेरी गांड बजा रहे थे.
नताशा- यह तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड की मेहरबानी है. अब एक बात तो पक्की हो गई है कि मेरी आगे और भी जोर से बजने वाली है.
चित्रा- डोन्ट वरी आगे तुम्हें भी मजा आएगा.
उधर वे तीनों अपनी कथा सुना रही थीं और इधर मैं नहाकर फ्रेश हो रहा था. नहाकर अपने कपड़े पहनकर मैं बाहर आ गया. बाहर हॉल में जीजा जी और आकाश टीवी देख रहे थे. मैं भी उनके साथ बैठ गया.
जीजा जी- आओ साले साहब, गुड मॉर्निंग.
मैं- गुड मॉर्निंग.
आकाश- कल रात को तुम नताशा की अच्छी बजा रहे थे.
अविनाश- नताशा की आवाजें सुनकर मुझे जोश आ रहा था. इधर मैं अपनी प्यारी बहन की बजा रहा था. वैसे तुम्हें मेरी बीवी के साथ सेक्स करने में मजा तो आया न.
आकाश- बहुत ज्यादा … यार पहली बार किसी औरत की गांड मारने का मौका मिला.
अविनाश- अच्छा दोनों गांड मार रहे थे. … इसलिए नताशा इतने जोरों से चिल्ला रही थी.
मैं- हां कल रात मैंने एक कुंवारी गांड मारी थी.
तभी वो तीनों नाश्ता बनाकर ले आईं और हम सभी ने साथ मिलकर नाश्ता करना शुरू कर दिया. नाश्ता करते हुए हम सभी एक दूसरे तरफ देखकर मुस्करा रहे थे.
नाश्ता खत्म करने के बाद हम तीनों मर्द सिर्फ शॉर्ट में समुद्र किनारे आ गए थे. मैं शांत समुद्र में तैर रहा था और वो दोनों शांति से बाहर बैठे थे. कुछ देर बाद वो तीनों आ गईं. उन्हें देखकर मेरी तो आंखें फटी की फटी रह गईं.
वो तीनों सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनकर आ रही थीं. हम तीनों मर्द उन तीनों को देख रहे थे. वो तीनों इस समय हिरोइन जैसी लग रही थीं. मेरा लंड शांत समुद्र में उठने लगा था. तभी वो तीनों भी पानी में घुस कर नहाने लगीं. उन तीनों को देखकर वो दोनों मर्द भी मेरे पास आ गए.
मैं- तुम तीनों बहुत खूबसूरत लग रही हो.
दीदी- तारीफ के लिए धन्यवाद.
आलिया- देखो … वो दोनों भी आ गए.
फिर हम सभी साथ में मजाक करते हुए समुद्र में मजा करने लगे. मैं आलिया के साथ मजाक कर रहा था, तो वो दोनों अपनी बीवियों के साथ.
कुछ देर बाद हम सब थककर बाहर आ गए और जीजा जी हम सभी के लिए ठंडी बियर ले आए. हम साथ में बैठकर ठंडी बियर का आनन्द लेने लगे.
मैं- जीजा जी, आपने लोकेशन जोरदार चुनी है.
जीजा जी- थैंक्स.
अविनाश- चित्रा … मेरे साथ रूम में चलोगी?
चित्रा- शटअप.
मैं- जीजा जी बहुत मन कर रहा है … तो आप अपनी बहन को ले जा सकते हैं.
आलिया चिढ़ कर कहने लगी- तुम ही चले जाओ. गांड मारने का खेल खेल लो!
मैं हंसने लगा.
आकाश- मन तो मेरा भी कर रहा है नताशा.
नताशा- चित्रा … चलो हमें यहां से चला जाना चाहिए.
चित्रा- हां तुम ठीक कह रही हो.
फिर वो तीनों खड़ी होकर अन्दर चली गईं और हम तीनों बियर पीने में मस्त हो गए.

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