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मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-3

 मैं भी उठ कर अपने कमरे में चला गया और फ्रेश होकर बाहर हॉल में आ गया.

वो तीनों नाश्ता कर रहे थे. दीदी ने मुझे बुलाया, मैं भी आलिया के पास जाकर बैठ गया. मैं नाश्ता करते समय आलिया को तंग करने लगा. मैं उसकी जांघों पर हाथ घुमाने लगा.

आलिया- राज स्टॉप इट.
चित्रा- क्या हुआ?
आलिया- देखो न भाभी … आपका भाई तंग कर रहा है.
दीदी- राज … मेरी ननद को परेशान मत कर.
मैं- दीदी मैं आपकी ननद को नहीं, अपनी होने वाली गर्लफ्रेंड को तंग कर रहा हूं.

तभी आलिया ने मेरी ओर देखा.
मैं- आलिया मेरे साथ डेट पर चलोगी?
आलिया मेरी बात सुनकर मुझे देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी.

जीजा जी- हम दोनों भी तुम लोगों के साथ आएंगे, क्योंकि मैं तुम्हारी दीदी को कितने दिनों से डेट पर नहीं ले गया हूँ.
चित्रा- ठीक है, हम सभी तैयार हो जाते हैं और फिर घूमने चलते हैं.

कुछ ही देर में हम चारों ने नाश्ता खत्म कर लिया और तैयार होने के लिए अपने अपने रूम में चले गए.

जब हम तैयार होकर रूम से बाहर आए, तब मैं उन दोनों को नजर भर कर देखता ही रह गया. उन दोनों ने ऐसा ड्रेस पहना था, जिसे देखकर कोई भी घायल हो जाएगा. उन दोनों को देख कर लग रहा था कि मानो दो अप्सराएं धरती पर आ गई हों.

मैंने उन दोनों की तारीफ़ की, तो दोनों ने ही मुझे थैंक्स कहा.

फिर हम चारों कार में बैठकर घर से निकल गए. दीदी और जीजा जी आगे बैठे थे और हम दोनों पीछे बैठे थे.

हम चारों पूरा दिन मुंबई शहर घूमते रहे. उसी शाम को मैंने सही मौका देखकर आलिया को प्रपोज कर दिया. उसने भी मेरा प्रपोजल स्वीकार कर लिया.

उसके बाद हम रात को एक अच्छे होटल में गए और एक एक पैग ले कर डिनर करके वापस घर आने के लिए निकल आए. जीजा जी कार ड्राइव कर रहे थे.

अविनाश- चित्रा, आज तुम किसके साथ सोना पंसद करोगी, अपने भाई के साथ या अपने पति के साथ?

जीजा जी की बात सुनकर हम चारों मुस्कराने लगे.

तभी जीजा ने कार के वाइन शॉप के सामने रोक दी और मुझसे स्कॉच लाने के लिए कहा. मैंने शॉप से स्कॉच की पांच बोटल ले लीं और घर वापस आ गए.

दीदी ने कहा कि पांच की क्या जरूरत थी, अभी घर पर रखी तो थीं.
मैंने कहा- कोई बात नहीं … ये तो लगती रहती हैं.

जब हम घर पर पहुंचे, तब मैंने अन्दर आते ही आलिया को अपनी गोद में उठा लिया.

मैं- जीजा जी, आज आप दीदी के साथ मजा करना, आज की रात मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बिताऊंगा.
इतना कहकर मैं आलिया को अपने कमरे में ले आया. आलिया भी आज मेरा साथ पाकर खुश नजर आ रही थी.

हम दोनों कमरे में आकर किस करने लगे. मैं सुबह से इसी मौके की तलाश में था. कुछ ही देर में आलिया ने मेरी शर्ट उतार दी और हम दोनों मस्त होकर रोमांस करने लगे. इस समय दोनों तरफ आग लगी हुई थी और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

कुछ ही मिनट में हम दोनों के कपड़े उतर गए थे और मैंने आलिया को बेड पर पटक दिया.

मैं आलिया के ऊपर चढ़कर उसके बदन को चूमने लगा. इस समय मैं इतना गर्म हो गया था कि उसकी गर्दन पर लवबाईट का निशान देने लगा था. आलिया भी मुझे चूमे काटे जा रही थी. अगले दो पल बाद मैंने आलिया की ब्रा को निकाल दिया और उसके मम्मों को चूमने लगा. उसके कातिलाना मम्मों को दबाते हुए मसलने लगा.

आलिया कामुक आवाजें कर रही थी- आहह उह आह!

कुछ देर मम्मों का मजा लेने के बाद मैंने उसकी गीली पैंटी भी निकाल दी और आलिया की चुत को चाटने लगा. आलिया अपनी आंखें बंद करके चुत चुसाई का मजा ले रही थी.

कुछ पल बाद मैंने उसकी चुत चाटना बंद कर दिया, जिससे वो समझ गई कि अब चुत में लंड जाएगा.

आलिया- राज, प्लीज़ कंडोम तो लगा लो.
मैं- लगाना पड़ेगा?
आलिया- यस.
मैं- ओके.

फिर मैं अपने खड़े लंड के साथ दीदी के कमरे में गया, जहां जीजा जी दीदी को पेल रहे थे. मेरे अन्दर आने से वो दोनों डिस्टर्ब हो गए और मेरी ओर देखने लगे.

जीजा जी- क्या हुआ साले साहब अपनी दीदी की याद आ गई?
मैंने मजाक करते हुए कहा- मेरे पास आपकी बहन चुदने को बेकरार है. मैं कंडोम लेने आया था, वो आपकी बहन कंडोम के बिना चोदने नहीं दे रही है. आप चुदाई जारी रखें.

दीदी की टांगें हवा में उठी थीं और जीजा जी का लंड उनकी चुत में घुसा हुआ था. दीदी मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगीं. तभी जीजा जी वापस लंड पेलने लगे और मैं वहां से कंडोम लेकर चला आया.

मैंने रास्ते में ही लंड पर कंडोम चढ़ा लिया और अपने लंड को सहलाते हुए कमरे में आ गया. उधर आलिया अपनी चुत में उंगली कर रही थी.
उसकी चुदास देख कर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और पूरी ताकत के साथ धक्का लगा कर उसे चोदने लगा.

आलिया मेरे हर झटके को सहते हुए सीत्कार कर रही थी और चुदाई का मजा ले रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… राज … या या … फक मी … फक आहह ओह राज … यू आर सो हार्ड. आई एम कमिंग!

वो झड़ गई मगर मैं उसे चोदता रहा. दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए और मैंने कंडोम निकाल कर डस्टबिन में फेंक दिया.

चुदाई के बाद मैं आलिया से चिपककर उसके बदन से खेलने लगा.

वो मुझसे प्यार भरी बातें करने लगी. कुछ ही देर में फिर से आग लग गई और अबकी बार मैंने आलिया को घोड़ी बना दिया.

आलिया डरने लगी- राज … गांड में नहीं, प्लीज दर्द होता है.
मैं- इस बार नहीं होगा.
आलिया- लेकिन राज!?

तब तक मैंने आलिया की गांड को पकड़ कर धक्का लगा दिया था, जिससे थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया और आलिया कराह उठी.

मैं अब धीमे धीमे से धक्का लगाने लगा. आलिया कामुक आवाजें करने लगी थी. उसे गांड मराने में मजा आने लगा था. मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड गांड में ठूंस दिया. वो भी हल्के दर्द के बाद लंड का मजा लेने लगी.

अब मैं आलिया की कमर को पकड़ कर तेजी से उसकी गांड चोदने लगा, जिससे आलिया की आवाजें बढ़ गईं, लेकिन वो बस दर्द को सहते हुए मजा ले रही थी. क्योंकि उसे पता था कि मैं नहीं रुकूँगा.

सच में आलिया गांड बहुत मस्त थी. मैं उसकी पीठ पर चढ़ कर उसके मम्मों को मसलता हुआ उसकी गांड को मस्ती से चोद रहा था.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया और बेड पर लेट गया. इस बार लंड पर कंडोम नहीं लगा था, जिस वजह से मैंने लंड का सारा गरम माल उसकी गांड में खाली कर दिया. वो अपनी गांड को सहलाते हुए कांप रही थी.

आलिया- ओहह गॉड … कितना कड़क है तुम्हारा, अन्दर तक मथ कर रख देते हो.

हम दोनों पूरी तरह से थक चुके थे. मैं बेड पर लेट गया … और वो बाथरूम चली गई. उसके बाद हमने फिर रात को एक बार फिर से चुदाई की और थक कर सो गए.

सुबह जब मैं उठा, तब आलिया कमरे में नहीं थी. इसलिए मैं फ्रेश होकर बाहर आ गया. दीदी और वो दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता कर रही थीं.

मैं- गुड मॉर्निंग लेडीज.
दीदी- गुड मॉर्निंग.

मैं आलिया के गाल पर किस करके उसके पास बैठ गया, लेकिन जीजा जी कहीं दिख नहीं रहे थे.

मैं- दीदी जीजा जी कहीं दिख नहीं रहे?
दीदी- वो जरूरी काम से ऑफिस चले गए हैं.
मैं- दीदी थैंक्यू सो मच.
दीदी- किसलिए?
मैं- आपकी वजह से मुझे इतनी हॉट गर्लफ्रेंड जो मिल गई.

तभी आलिया मुस्कराते मेरे कंधे पर मजाक में हाथ मारने लगी.

दीदी- थैंक्यू तो मुझे आप दोनों को कहना चाहिए. आप दोनों की वजह से हमारी फैंटेसी पूरी हुई है.

फिर इसी तरह बातें करते हुए हम सबने नाश्ता खत्म कर दिया. मैं एक सिगरेट सुलगा कर टीवी देखने लगा. आलिया अपने कमरे में चली गई और दीदी घर का काम करने लगीं. कुछ देर बाद दीदी नहाकर मेरे पास आकर बैठ गईं. इस समय दीदी ने वाइट टी-शर्ट और शॉर्ट पहना हुआ था. हम दोनों फिल्म देखने लगे.

मैं- दीदी इस ड्रेस में आप बड़ी मस्त दिख रही हो.

दीदी ने सेक्सी स्माइल करके कहा- थैंक्स, वैसे तुम भी हमेशा की तरह हैंडसम लग रहे हो.

मैं- दीदी एक बात पूछूं.
दीदी- हां पूछ न.
मैं- यह भाई-बहन की स्वैपिंग का आईडिया किसका था?
दीदी- वो एक्चुली मेरा आईडिया था, मैंने सोचा, थोड़ा प्यार अपने भाई को भी दे दूं.
मैं- थैंक्यू दीदी आप बिस्तर में बड़ी मस्त हो.

दीदी- तू भी बड़ा कड़क है … लेकिन सुन … यह बात हम चारों तक ही सीमित रहनी चाहिए.
मैं- इसके लिए चार्ज लगेगा.
दीदी- कैसा चार्ज?
मैं- अभी तक आपने मेरा लंड नहीं चूसा.
दीदी- तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं.
मैंने लंड सहलाते हुए आंख मारते हुए कहा- तो देर किस बात की है?

दीदी ने मुस्कुराते मेरे सामने घुटने के बल बैठकर मेरा पेन्ट और निक्कर निकाल दिया. जैसे ही दीदी ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया. मेरा लंड तुंरत खड़ा हो गया.

दीदी लंड को सहला कर मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं और मैं कामुक आवाजें करने लगा. दीदी ने मेरी और सेक्सी नजर से देखते हुए अपने मम्मे दबाए. मैं समझ गया और मैंने दीदी की टी-शर्ट को निकाल दिया. उसके बाद मैंने अपनी टी-शर्ट भी निकाल दी.

फिर मैंने दीदी को खड़ा करके उनका शॉर्ट और पैंटी निकाल कर उन्हें सोफे पर 69 में लिटा दिया. मैं दीदी की चुत को चाटने लगा, जिससे दीदी को बहुत मजा आने लगा. वो भी मेरे लंड को चूसने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने दीदी को अपनी गोद में बैठा कर उनके गांड पर लंड सैट कर दिया. और जब तक दीदी कुछ समझ पातीं मैंने लंड गांड में घुसा दिया.

दीदी की आह निकल गई और उन्होंने मेरे लंड को झेल लिया. मैं दीदी की कमर पकड़कर उनकी गांड चोदने लगा.
दीदी कामुक आवाजें करती हुई मेरे कंधे पर हाथ रखकर मस्ती से गांड चुदवाने लगीं.

हम दोनों चुदाई की मादक आवाजें निकाल रहे थे. उन आवाजों को सुनकर आलिया बाहर आ गई. वो देखने लगी कि मैं दीदी को अपने लंड पर सवार करके चोद रहा हूँ.

तभी दीदी आलिया तरफ देखकर स्माइल करने लगीं.

दीदी ने आलिया से कहा- एक सिगरेट जला दे यार … गांड में लंड लेने से आज बड़ा मजा आ रहा है.

वो सिगरेट जला कर कश खींचते हुए हमारे पास आकर दूसरे सोफे पर बैठ गई और उसने अपनी उंगलियों में फंसी सिगरेट दीदी को थमा दी. अब दीदी सिगरेट पीते हुए गांड में लंड का मजा ले रही थी.

तभी मैंने देखा कि आलिया मेरी ओर देखकर मुस्करा रही थी. उसके हाथ में एक कैमरा था, जिससे वो हम भाई-बहन की चुदाई की वीडियो रिकॉर्ड कर रही थी. दीदी ने कैमरे की तरफ देख कर अश्लील आवाजें निकाल कर अपने मम्मे हिला दिए. हम दोनों गांड चुदाई करते हुए अपना वीडियो बनवाने लगे. इस समय लंड अन्दर बाहर होने से फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी.

आलिया- राज, अपनी दीदी को अच्छे से चोदना.
मैं- हां, अगली बारी तुम्हारी है.
आलिया- पहले अपनी दीदी को तो चोद लो.
यह कह कर वो हंसने लगी और उसने दीदी के हाथ से सिगरेट ले ली.

मैं लंबे लंबे झटकों के साथ दीदी को चोद रहा था. दीदी की गांड खुल चुकी थी यानि कल रात जीजा जी ने दीदी की गांड जरूर मारी होगी. आलिया वीडियो रिकॉर्ड करते हुए मुझे उत्साहित कर रही थी.

आलिया- और जोर से चोद राज, कल रात से भाभी तुम्हारा लंड लेने के लिए तरस रही हैं.

मैं और तेजी से दीदी की चुदाई करने लगा. दीदी भी अकड़ने लगी थीं. तभी दो मिनट बाद मैं भी झड़ गया. मैंने आधा माल दीदी की गांड में डाल दिया और बाकी का रस लंड पर ही गिर गया.

दीदी ने नीचे उतर कर घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगीं. कुछ ही देर में लंड साफ़ हो गया और फिर से खड़ा हो गया.

लंड खड़ा करके दीदी उठ कर मेरे पास बैठ गईं- आलिया मैंने तो अपने भाई से चुदवा लिया. अब तू भी चुदवा ले.
मैं- कम ऑन बेबी … मैं तेरी गांड मारने के लिए तैयार हूँ.

आलिया ने सिगरेट बुझाई और दीदी को कैमरा देकर अपने कपड़े निकाल दिए. वो मेरी गोद में सीने से सीने को लगा कर चढ़ गई और मुझे किस करने लगी.

मैं भी उसका साथ देते हुए किस कर रहा था. मेरा लंड फिर से गांड चोदने के लिए कड़क हो गया था. मैंने आलिया की मक्खन जैसी गांड पर लंड सैट करके घुसा दिया और उसे चोदने लगा. इस बार आलिया उछल उछल कर चुदवा रही थी और दीदी चुदाई रिकॉर्ड कर रही थीं.

आलिया- ओह राज आह … ओह या … फक मी … फक मी हार्ड.

आलिया की बात सुनकर मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे बड़ी तेजी से चोदना चालू कर दिया. वो मेरे खड़े लौड़े पर बेहद मस्त उछल रही थी और उसके मम्मे मेरी छाती से जबरदस्त रगड़ खा रहे थे.

कोई पांच मिनट बाद मैं शांत हो गया … लेकिन आलिया अब भी गांड उछाल कर चुद रही थी. मैं उसकी चुत के दाने को मींजने लगा. आखिरकार वो भी शांत हो गई.

वो मेरे लंड से हट कर दीदी के जैसे नीचे बैठ गई और वो भी मेरे लंड को चूसने लगी. उधर दीदी वीडियो रिकॉर्ड कर रही थीं.

फिर आलिया ने खड़े होकर अपने कपड़े उठाए और गांड हिलाते हुए अपने रूम में चली गई. दीदी मेरे पास आकर मेरे लंड को सहलाने लगीं और मैं उनके मम्मों को दबाने लगा.

इतने में मुझे दिल्ली से डैड का कॉल आ गया.


फोन पर :

मैं- हैलो डैडी.
डैड- क्या कर रहे हो?
मैं- बस दीदी के साथ बैठकर टीवी देख रहा हूँ.
डैड- फोन चित्रा को देना.
मैं- जी.

मैंने दीदी को फोन दे दिया और उनके बदन से खेलने लगा. दीदी डैड से बात करने लगीं. वो फोन पर बात करते हुए मुझे रुकने को कह रही थीं.

कुछ देर बाद दीदी ने मुझे फोन दे दिया और मैं डैड से बात करने लगा. इसी बीच दीदी अपने सारे कपड़े लेकर चली गईं.

डैड- सुनो … तुम्हें एक मीटिंग के लिए दुबई जाना है, क्योंकि मुझे अहमदाबाद जाना है और मैं दुबई नहीं जा पाऊंगा.
मैं- ठीक है डैडी.

डैड का कॉल कट गया. मैं डैड की बात सुनकर थोड़ा मायूस हो गया था क्योंकि मुझे यहां पर चुदाई में बहुत मजा आ रहा था.

एक पल सोचने के बाद मैंने अपने कपड़े पहन लिए और रसोई में जाकर फ्रिज से पानी की बोतल निकाल कर पानी पीते हुए अपने रूम में आ गया.

मैं अपने रूम में फोन इस्तेमाल कर रहा था, और कुछ देर आंखें मूंद कर सो सा गया.

कोई एक घंटे बाद मुझे दीदी की आवाजें सुनाई देने लगीं. वो मुझे खाना खाने के लिए बुला रही थीं. मैं फोन का इस्तेमाल करते हुए कमरे से बाहर आया और हॉल की ओर चला गया. मैंने वहां जीजा जी और आलिया को भी बैठा देखा. मैं वो तीनों के साथ बैठ गया.

दीदी खाना परोसने लगीं और हम सभी ने खाना शुरू कर दिया.

मैं- जीजा जी, आप कब आए?
जीजा जी- अभी दस मिनट पहले ही आया हूँ.

मैं- दीदी, कल मैं घर जाकर आ रहा हूं.
दीदी- क्यों अभी तो आए हो.
मैं- वो एक्चुअली मुझे एक मीटिंग की वजह से दुबई जाना है.
आलिया- मीटिंग में अंकल नहीं जा सकते हैं क्या?
मैं- डैड उस दिन किसी काम से अहमदाबाद जा रहे हैं, इसलिए मुझे जाना पड़ेगा.

जीजा जी- मतलब आज तो फुल नाइट मस्ती की होगी.
दीदी- हां … तुम बस यही सोचना.
मैं- मुझे भी जाने का मन तो नहीं कर रहा है, लेकिन जाना पड़ेगा.
आलिया- तुम्हारा जाने का मन भी कैसे करेगा. इधर इतना मजा जो मिल रहा है.
मैं- हां यह तो है.
अविनाश- आज रात को दोनों पूरी तरह से तैयार रहना, क्योंकि रात को दंगल होने वाला है.

(वैसे दंगल से मुझे याद आया आपने मेरी पिछली कहानी
होली में चुदाई का दंगल
पढ़ी होगी. अगर वो किस्सा नहीं पढ़ा है, तो एक बार जरूर पढ़िएगा, जिसमें एक मर्द होली के दिन अपनी बीवी, बहन और साली की भरपूर चुदाई करता है.)

जब जीजा जी ने अभी ही दंगल शुरू करने की बात कही, तो सब हंसने लगे. दंगल की बात पर उन दोनों ने बोल दिया था कि अभी नो सेक्स, सिर्फ रात को ही जो होना होगा सो होगा.

फिर खाना खाने के बाद हम अपने-अपने कमरे में चले गए. शाम को हम जीजा-साले टीवी देख रहे थे और वो दोनों रसोई में खाना बना रही थीं.

मैं- आज की आखिरी रात है, क्यों ना हम कुछ नया करें.
जीजा जी- क्या नया?
मैं- आप ही बताओ.
जीजा जी- आखिरी नाइट है तो क्यों ना आज वाइल्ड सेक्स हो जाए. मेरे पास पॉवर बढ़ाने के लिए सेक्स की गोलियां है … जिससे हम सब लगातार आनन्द ले सकेंगे.
मैं- ठीक है.

जीजा जी- चल आज हम शर्त लगाते हैं कि कौन सबसे ज्यादा चुदाई करता है.
मैं- ओके … और जीतने वाले को क्या मिलेगा?
जीजा जी- जो तू बोले.

मैं- मैं तो कल से यहां से चला जाऊंगा, यानि कल से इस घर में आप एक ही मर्द रहेंगे. अगर मैं जीतता हूं, तो जब तक हम चारों दोबारा नहीं मिलते हैं, तब तक आप सेक्स नहीं करोगे … और आप जीते, तो आप जो बोलेंगे, वो मैं करूंगा.
जीजा जी- आलिया को न चोदने का तो समझ आता है, लेकिन मैं अपनी बीवी को भी नहीं चोद सकता?
मैं- चलो आपके लिए थोड़ा आसान कर देता हूँ, आप महीने में सिर्फ एक बार दीदी के साथ सेक्स कर पाएंगे.
जीजा जी- डन.

उधर वो दोनों रसोई में एक-दूसरे से बात कर रही थीं.

चित्रा- आलिया, आज रात के लिए तैयार हो न?
आलिया- अब तो आदत पड़ गई है, उन दोनों जीजा-साले ने मेरी चुत और गांड को पूरी तरह से खोल दिया है. कुछ भी मार लें, मैं पूरी तरह से तैयार हूँ.
चित्रा- यह बात तो तुम सच कह रही हो, इन तीन-चार दिन में हम दोनों चुदक्कड़ हो गई हैं.
आलिया हंसते हुए- देख लेना भाभी, वो दोनों आज पूरी ताकत लगाकर चुदाई करेंगे.

इसके बाद हम चारों रात को डिनर करने आ गए. उन दोनों ने खाने में मेरी पंसद की चीजें बनाई थीं. मैंने उन दोनों को धन्यवाद किया. फिर खाना खाने के बाद हम दोनों मर्द सोफे पर बैठ गए. वो दोनों चुदक्कड़ चूतें बर्तन साफ करके हमारे पास आ गईं. दीदी फ्रिज से ठंडी व्हिस्की की बोतल लेकर आ गई थीं.

मेरे साथ आलिया बैठ गई और दीदी जीजा जी के पास बैठ गईं. फिर दीदी ने हम चारों के लिए पैग बनाए और हम चारों चियर्स करके पैग मारने लगे. हम चारों टीवी देखते हुए शराब का आनन्द ले रहे थे, क्योंकि हम चारों को पता था कि आगे क्या होने वाला है.

हम चारों ने दूसरा पैग लगाना चालू कर दिया था. जीजा जी ने सिगरेट जला ली थी और एक मैंने जला ली थी.

जीजा जी- साले साहब पहले किसके साथ मजा करोगे. अपनी दीदी के साथ या मेरी बहन के साथ?
मैं- शुरुआत तो अपनी दीदी के साथ करूंगा.
अविनाश- ठीक है, हम तो अपनी बहन को चोदने चले.

इतना कहकर जीजा जी ने आलिया को सिगरेट दे दी और उसे गोद में उठा कर कमरे में ले गए. उनके जाते ही मैं खड़ा हुआ और लंड सहलाते हुए दीदी के पास आ गया. मैंने दीदी को सिगरेट दी और उन्हें गोद में उठाकर उसी कमरे में ले गया … जिधर जीजा जी अपनी बहन आलिया को चोदने के लिए गए थे.

दीदी मुझे देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी थीं. जब हम दोनों उस कमरे के अन्दर आए, तो अन्दर जीजा जी अपनी बहन आलिया को बांहों में लेकर किस कर रहे थे. मैं भी दीदी को किस करने लगा और दीदी भी मेरा साथ देते हुए किस करने लगीं. हम चारों रोमांस की मस्ती में मशगूल हो गए थे.

जीजा जी- राज!
मैं जीजा जी की ओर देखने लगा. तभी जीजा जी ने मुझे सेक्स की दो गोली दे दीं. हम चारों गोली खाकर वापस रोमांस करने लगे.

मैं दीदी की गांड को सहलाते हुए किस कर रहा था. तभी दीदी ने मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया और मैंने दीदी की टी-शर्ट निकाल दी. आज दीदी ने अन्दर ब्लैक रंग की ब्रा पहनी थी.

उधर उन दोनों ने भी अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए थे.

मैंने दीदी की पीठ पर हाथ ले जाकर उनकी ब्रा का हुक खोला और ब्रा उतार दी. ब्रा हटते ही दीदी के मदमस्त चूचे हवा में फुदकने लगे. मैं दोनों हाथों से दीदी के मम्मों को दबाने लगा, जिससे दीदी गर्म होने लगीं.

दीदी आनन्द लेते हुए उन दोनों को देख रही थीं. मैं भी दीदी के मम्मों को दबाते हुए उन दोनों को देखने लगा.

तभी जीजा जी ने आलिया को घुटने के बल बैठा दिया. आलिया ने जीजा जी का लोवर और निक्कर निकाल कर उनके लंड को पकड़ लिया. वो लंड सहलाते हुए चूसने लगी थी.

सच में आलिया इस समय बहुत हॉट लग रही थी, उसने अभी भी प्रिन्टेड ब्रा पहनी हुई थी.

मैं दीदी के निप्पल मींजने लगा था. तभी दीदी मुझे रोककर मेरे होंठों को चूमने लगीं. फिर दीदी मेरे सामने बैठ गईं . दीदी ने मेरे बदन को चूमते हुए मेरा लोवर और निक्कर निकाल दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

अब गोली की असर होने लगा था. इस समय दोनों लंड को बहुत अच्छा ब्लो जॉब मिल रहा था.

मैं एक हाथ से दीदी के मम्मों को मसल रहा था. हम दोनों कामुक आवाजें करते हुए एक दूसरे तरफ देख रहे थे. तभी जीजा जी ने मुझे इशारा कर दिया.

मैं समझ गया. हम दोनों ने उन दोनों को बेड पर ले जाकर लेटा दिया. फिर हम दोनों ने बिना देरी किए उन दोनों की शॉर्ट और पैंटी निकाल दीं और उनकी टांगें फैलाते हुए उनके ऊपर चढ़ गए.

मैंने दीदी की चुत पर लंड सैट करके एक जोर का धक्का लगा दिया, जिससे आधा लंड चुत में घुस गया. फिर मैं बिना रुके बड़ी तेजी के साथ दीदी की चुत में लंड पेलने लगा.

मेरे बाजू में जीजा जी भी बड़ी तेजी के साथ आलिया को पेल रहे थे. वो दोनों लेडीज इस समय बहुत चुदासी हो गई थीं.

मैं दीदी के मम्मों पर हाथ रखकर उन्हें बहुत तेजी से चोद रहा था. दीदी भी अपनी टांगों को हवा में उठाकर चुदवा रही थीं.

पूरे कमरे में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.

आलिया- उम्म्ह… अहह… हय… याह… या ओह आहह भाई … आज दवा से आपका लंड कुछ ज्यादा ही कड़क हो गया है.
दीदी- आहह आह आह राज … मेरे भाई … चोद दो मुझे … आह कम ऑन भैनचोद चोद दे अपनी बहन को … आंह और जोर से पेल.
आलिया- आहह आह चोद बहनचोद.

दीदी की गाली सुनकर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उधर जीजा जी भी नशे की वजह से आलिया को जोरों से चोद रहे थे. हम दोनों पूरा जोर लगा कर अपनी बहनों को चोद रहे थे और वो दोनों कामुक आवाजें कर रही थीं- आहह आह या ओह आहह.

दीदी- आह राज, बहुत मोटा लंड है ये … आज तो तू मेरी चुत फाड़ ही दे भोसड़ी के … अपनी बहन की चुत का भुर्ता बना दे.

मैंने दीदी की चुदास देखी, तो उनको घुमाकर घोड़ी बना दिया और उनकी गांड में लंड पेल कर गांड मारने लगा.

तभी जीजा जी ने भी अपनी बहन को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड चोदने लगे.

जीजा जी- अंह चुद साली चुद … आहह. देख राज … तेरी गर्लफ्रेंड कैसी रांड की तरह चुद रही है.
मैं- आपकी बीवी भी मजे से गांड चुदवा रही है.
आलिया- आहह आह चोद दे कमीने … और जोर से चोद मादरचोद.

जीजा जी ने भी उत्साहित होकर आलिया की गांड पर चपत लगाना शुरू कर दीं. उनकी देखा देखी मैंने भी चपत लगाना शुरू कर दीं. वो दोनों दर्द के मारे छटपटा रही थीं.

दीदी- आहह भाई, क्या कर रहा है … साले … अपनी बहन की चुदाई कर रहा है या ठुकाई कर रहा है … आह लगती है..
आलिया- भाई मत मारो यार … गांड मार लो … चपत मत मारो.
जीजा जी- चुप साली … रांड भैन की लौड़ी … लंड खा और चुप रहा कमीनी कुतिया.
दीदी- आहह आह आह राज ओ भाई.

चपत की वजह से दीदी की गांड लाल हो गई थी और ऐसा ही हाल आलिया का भी हो गया था.

फिर हम दोनों ने अपनी जगह बदल ली और बदली हुई गांड को बिना रुके चोदने लगे. मैं आलिया को चोद रहा था, जीजा जी दीदी को चोद रहे थे. मैं जोरों से आलिया की गांड मारने में लगा था, जिससे वो बहुत ज्यादा कामुक आवाजें करने लगी थी.

आलिया- आहह आह आह राज, यू आर सो हार्ड … फक मी … आह आह या यस आह..
दीदी- आह ओह बेबी कम ऑन फक इट.

फिर मैं आलिया को लेटाकर उसकी चुत को चोदने लगा.

जीजा जी- चित्रा मजा तो आ रहा है न?
चित्रा- हां यार बहुत ज्यादा … अब चुत में डालो न!

कुछ देर बाद जीजा जी भी दीदी को लेटाकर चुत चोदने लगे.

करीब आधे घंटे तक हम उन दोनों की घमासान चुदाई करते रहे, तभी जीजा जी दीदी की चुत के बाहर उनके बदन पर झड़ गए, लेकिन मैं अभी भी आलिया को चोदने में लगा था. जीजा जी ने दीदी के मुँह में लंड घुसा दिया और दीदी लंड को बड़े मजे से चूसने लगी थीं.

इतने में आलिया भी झड़ गई और फिर एक मिनट बाद मैं भी बाहर झड़ गया. मैं आलिया के पास लेट गया.

हम दोनों हांफ रहे थे, उधर दीदी जीजा जी को ब्लोजॉब दे रही थीं. फिर आलिया ने ये देखा तो उसने मेरे लंड को चूसकर साफ किया और बाथरूम में चली गई. कुछ देर बाद जीजा जी भी बेड पर लेट गए. दीदी भी बाथरूम चली गईं.

जीजा जी- राज, तुम बहुत बेहतरीन चोदते हो.
मैं- और आप भी … वैसे मैं शर्त जीत गया न.
जीजा जी- हां बिल्कुल.

दस मिनट बाद दीदी और आलिया बाथरूम से बाहर आ गईं. इधर हम दोनों अपने लंड को सहला रहे थे.

दीदी मेरे पास आईं और आलिया जीजा जी के पास चली गई.
वो दोनों हमारे ऊपर चढ़ गईं और किस करने लगीं.

मैंने दीदी की गांड पर हाथ सहलाते हुए उसके होंठों को घुमा लिया. मेरा लंड फिर से उनकी गांड चोदने के लिए तैयार हो गया था. मैंने दीदी की गांड में लंड घुसाकर उनकी कमर पकड़ ली और चोदने लगा. उधर आलिया जीजा जी के बदन को चूम रही थी.

दीदी चुदासी होकर मेरे लंड पर उछलकर चुद रही थीं. तभी जीजा जी भी अपनी बहन की गांड में लंड घुसाकर चोदने लगे.

यह घमासान चुदाई करीब दस मिनट तक चली और फिर हम चारों थक गए.

जीजा जी- अब मैं थक गया हूँ … अब तुम ही करो. राज इन दोनों को तुम अच्छे से चोदना.
इतना कहकर जीजा जी अपने झड़े लंड को हिलाते हुए कमरे में चले गए.

इसके बाद आलिया, दीदी के ऊपर सवार हो गई और वो दोनों लेस्बियन किस करने लगीं. मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा. फिर मैं भी खड़ा होकर नग्न अवस्था में रसोई में पानी पीने चला गया.

जब मैं पानी पी कर एक बोतल पानी लेकर वापस आया, तो देखा कि वे दोनों अभी भी किस करने में ही लगी हुई थीं. मैंने दीदी के पीछे जाकर उनकी गांड में लंड घुसा दिया. दीदी ने हल्की सी कराह ली और लंड को जज्ब कर लिया. मैं लम्बे झटके मारते हुए दीदी की गांड चोदने लगा.

तब तक आलिया ने एक सिगरेट सुलगाई और हम दोनों की गांड चुदाई देखने लगी.

मैंने दीदी की गांड से लंड निकालकर दीदी को हटाया और आलिया के दोनों पैरों को ऊंचे करके आलिया की गांड में लंड पेल दिया. दीदी ने आलिया के हाथ से सिगरेट ले ली और वो हम दोनों को चुदाई करते हुए देखने लगीं.

मैं आलिया की गांड मारने में लगा था. दीदी बेड पर लेटकर अपनी चुत में उंगली करते हुए सिगरेट का मजा ले रही थीं.

आलिया कुछ ही देर में चुदाई की वजह से कामुक आवाजें करने लगी- आह राज आंहह उह … कितना मजा देते हो यार!

कुछ देर आलिया की गांड मारने के बाद मैंने लंड खींचा और दीदी के पास लेट चित लेट गया. तभी दीदी मेरे लंड को चूसने लगीं. आलिया थकावट की वजह से चुपचाप अपनी चुत को सहलाते हुए हमें देख रही थी.

करीब रात के दो बजे तक हमने चुदाई की. मैंने उन दोनों की बारी-बारी से चुदाई की और तीनों पूरी तरह से थककर एक दूसरे के बदन से चिपककर सो गए.

जब मैं सुबह उठा, तब कमरे में कोई भी नहीं था. इसलिए मैं कपड़े लेकर अपने रूम में चला गया और बाथरूम में जाकर नहाने लगा. मैं फव्वारे के नीचे खड़ा यहां बिताए इन चार दिनों के बारे में सोचने लगा था. सच में इन चारों दिनों को मैं कभी भी भूल नहीं पाऊंगा.

फिर फ्रेश होकर नाश्ता करने के लिए मैं हॉल में आ गया. वहां वो तीनों नाश्ता कर रहे थे.

मैं- गुड मॉर्निंग गाइस.
जीजा जी- गुड मॉर्निंग.
आलिया- गुड मॉर्निंग.
दीदी- सामान पैक कर लिया?
मैं- हां.
जीजा जी- कैसी रही रात?
मैं- सबसे बेहतरीन.
जीजा जी- कब निकलने वाले हो?
मैं- बस नाश्ता करके.
जीजा जी- गुड.

फिर हम नाश्ता करने लगे और उसके बाद मैं अपने रूम में बैग लेने के लिए आ गया.

वहां बाहर वो तीनों मेरा इन्तजार कर रहे थे. आलिया मुझे छोड़ने के लिए एयरपोर्ट जाने वाली थी.

दीदी और जीजा जी भी बाहर तक छोड़ने आए. मैंने कार के पीछे डिक्की में अपने बैग को रख दिया.
मैं- चलो … मैं चलता हूँ. बाय.
दीदी- ठीक है.
जीजा जी- अब वापस कब आओगे?
मैं- देखता हूँ.

मैं दीदी के गले मिलकर उनके साथ एक किस करके कार में बैठ गया. कार आलिया ड्राइव कर रही थी और हम दोनों वहां से निकल गए. रास्ते में हम दोनों ने खूब सारी बातें कीं. जब हम एयरपोर्ट पर पहुंचे, तब कार पार्किंग में कार पार्क करके दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.

मैं- मुझे जाना होगा जान!
आलिया प्यार से- प्लीज रुक जाओ न.
मैं- जाना जरूरी है.

फिर मैंने कार से बाहर निकल कर उसको आखिरी हग किया और वहां से एयरपोर्ट के अन्दर चला गया.

जब मैं फ्लाईट में बैठा तो मैं इन चार दिनों को अपनी यादों में बसाने लगा कि कैसे मैं चार दिन पहले यहां पर आया था.
मैंने अपनी दीदी को चोदा और आलिया की चुत की सील को तोड़ा. कैसे हमने इन चार दिन में चुदाई का आनन्द लिया, कैसे हम जीजा-साले ने दो मदमस्त लड़कियों यानि अपनी-अपनी बहनों को एक चुदक्कड़ औरत बना दिया. कैसे हमने उन दोनों की चुत और गांड को पूरी तरह से खोल दिया, कैसे हमने अपने बहन की चुत में अपना गर्म लावा डाला, कैसे हमने उन दोनों के साथ चुदाई का भरपूर आनन्द लिया.

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