मेरा नाम अमित है. मैं हरियाणा के एक गांव का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 24 साल है और एम एस सी का स्टूडेंट हूं. गांव से थोड़ी ही दूर शहर में पढ़ता हूँ.
मुझे शुरू से ही सेक्स का बहुत शौक रहा है. अक्सर मैं गांव की देसी लड़की की चुदाई करता था. वो लड़की पैसे लेकर चुदवाती थी.
देसी चूत की चुदाई करने में मजा ही अलग आता है मुझे. महीने में 5-6 बार तो मैं उसकी चूत जरूर मारता था.
मगर बार बार वही चूत मारकर मेरा मन फिर धीरे धीरे भरने लगा था. वैसे भी वो कइयों से चुदती थी तो उसकी ढीली हो चुकी थी.
फिर मेरा मन किसी नई टाइट चूत को चोदने का करने लगा.
पता नहीं क्यों मेरे मन में मेरी मौसी की लड़की का ख्याल आया.
मैं उसको पसंद करता था. मगर चोदने की नहीं सोची थी.
अब जब मुझे चूत की सख्त जरूरत थी तो सोचा कि क्यों न मौसी की लड़की की चूत चुदाई करने की कोशिश करूं.
उसका नाम मीना था. वो लोग शहर में रहते थे. घर में केवल तीन ही लोग थे उनके. मीना और उसके मां-पापा.
वो बी.ए कर रही थी. उसका कोई भाई या बहन नहीं थी. हम खुलकर बातें किया करते थे. बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड की बातें भी शेयर कर लिया करते थे.
मैंने तो बहुत बार चूत चोदी थी लेकिन उसने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.
कई बार वो मुझसे कहा करती थी कि उसको भी एक अच्छे हैंडसम लड़के को बॉयफ्रेंड बनाना है.
इसी वजह से उसकी चूत मेरे दिमाग में घूम रही थी. मैं उसके साथ सेक्स के सपने देख रहा था.
जहां तक मुझे लगता था कि वो सेक्स के लिए तड़प रही होगी. वो अपनी जवानी के पूरे उबाल पर थी और उस उम्र में चूत को भी लंड की उतनी ही जरूरत होती है जितनी कि लंड को चूत की।
जब मेरा सेमेस्टर खत्म हुआ तो 15 दिन की छुट्टियां हो गयीं. मैं अपनी मौसी के घर जाने की तैयारी करने लगा. मैंने सोच लिया था कि मीना की चूत मारकर ही लौटूंगा.
मां से पूछकर मैंने ट्रेन भी बुक करवा ली.
मैंने मीना को भी बता दिया कि मैं पहुंच रहा हूं. वो सुनकर खुश हो गयी. वो मुझे स्टेशन लेने आने वाली थी.
शाम को मैं उसके वहां के स्टेशन पहुंच गया. मीना स्कूटी पर मुझे लने आ गयी. उसने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहन रखी थी. उसकी चूचियां भी पहले से बहुत बड़ी हो गयी थी. उसको देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
मीना की नज़र भी मेरी लोअर पर पड़ गयी थी. वो थोड़ी शर्मा गयी.
वो मेरे से खुशी खुशी गले लगी और मैंने उसको थोड़ा कसकर अपनी छाती से सटा लिया और उसकी चूचियां मेरी छाती पर दब गयीं.
मेरा लंड उसकी चूत के एरिया पर जा सटा.
मैंने थोड़ा और कसकर भींचा तो वो कसमसा गयी और फिर मैंने उसको छोड़ दिया.
वो बोली- जान लोगे क्या भैया?
मैंने मन ही मन कहा- नहीं, तेरी गांड लूंगा साली! तुझे चोदने आया हूं.
वो बोली- चलो जल्दी अब. घर पर सब इंतजार कर रहे हैं.
मैं स्कूटी पर उसके पीछे बैठ गया.
रास्ते में मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा और बिल्कुल उससे चिपक कर बैठ गया.
धीरे से अपना हाथ मैं उसके पेट की ओर ले गया. जैसे ही मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रखा वो कसमसा गई.
लग रहा था कि आज तक किसी लड़के ने उसको छुआ नहीं था.
उसके बदन की नर्मी पाकर मेरे लंड में करारे झटके लगने लगे. मन किया कि अभी लिटाकर चोद दूं.
फिर जैसे तैसे हम चलते रहे.
घर से कुछ दूर पहले ही एक मार्केट में मीना ने स्कूटी रोकी और दुकान से कुछ सामान ले आई.
फिर सामान लेकर वो पीछे बैठी और स्कूटी मैंने चलाई.
थोड़ी ही देर में हम मौसी के घर पहुंच गये.
वो लोग मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे.
मैं मौसी और मौसा जी से मिल कर खुश हुआ और वो लोग भी बहुत खुश थे.
मैंने थोड़ी देर उनके साथ बात की. उसके बाद मैं फ्रेश होने के लिए चला गया.
फिर खाने का टाइम हो गया और रात के खाने के दौरान खूब गप शप हुई.
उसके बाद मौसी ने मुझे मीना के कमरे में ही सोने को बोल दिया. उसका रूम ऊपर वाली मंजिल पर था. वो वहीं पर पढ़ाई करती रहती थी और फिर वहीं सो जाती थी.
मीना को घर का काम निपटाना था इसलिए वो नीचे ही रह गयी. मैं पहले ही उसके रूम में चला गया.
ऊपर जाकर देखा तो उसके बेड पर उसका लैपटॉप रखा हुआ था. मैंने उसको ऑन किया.
पासवर्ड लगा हुआ था. मैं नीचे आया और उससे पूछा कि पासवर्ड बता दे, मुझे मूवी देखनी हैं.
ये सुनकर उसके चेहरे पर परेशानी के भाव आ गये. वो सोच सी में पड़ गयी और कुछ पल बाद सोचकर बोली- तुम चलो न … मैं आ तो रही हूं थोड़ी देर में!
मैं बोला- अरे यार … पासवर्ड तो बता दे. तब तक मैं मूवी ढूंढ तो लूं कोई देखने लायक?
फिर उसने मरे से मन से अपना पासवर्ड बताया.
मैं समझ तो गया था कि लैपटॉप में जरूर कुछ प्राइवेट चीजें हैं. अब मैं तो मैं और उतावला था उसका लैपटॉप चेक करने के लिए.
ऊपर जाते ही मैंने दरवाजा ढाला और लैपटॉप का पासर्वड डाल दिया. फिर ढूंढने पर एक प्राइवेट फोल्डर दिखा.
मुझे पूरा शक था कि इसमें जरूर कुछ पोर्न या इसकी नंगी फोटो होंगी.
मैंने खोला तो उसमें पोर्न मूवी मिली. देखते ही मेरे लंड खड़ा हो गया.
मीना सेक्स की प्यासी होगी जरूर.
अब मैंने इस मौके का फायदा उठाने का सोचा.
लैपटॉप बंद करके मैं सोने का नाटक करने लगा. मैंने काफी देर तक लेटे हुए उसका इंतजार किया.
मैं थका हुआ था और उसकी राह देखते देखते पता नहीं कब आंख लग गयी.
अगली सुबह मेरी आंख खुली. वो मेरे से सटकर सोई हुई थी. मेरा तो दिमाग खराब हो गया ये सोचकर कि नींद कैसे आ गयी.
एक रात ऐसे ही खराब हो गयी.
अभी 6 बजे थे और मीना 8 बजे उठती थी. ये उसकी शुरू से ही आदत रही है.
मैंने सोचा कि अभी तो दो घंटे हैं. कुछ तो किया जा सकता है. मैंने अपनी टांग उसकी जांघ पर चढ़ा ली और आराम से लेटकर सोने का नाटक करने लगा.
उसका हाथ मेरी कमर पर ही रखा हुआ था. मेरा लंड खड़ा हो गया और वो मीना की मोटी मांसल जांघ से टकरा रहा था.
मगर वो नींद में सोती ही रही. मैं उसकी जांघ पर लंड को लगाता रहा.
वो नहीं उठी और इतने में ही मौसी ने नीचे से आवाज लगा दी.
उनकी आवाज सुनकर मैंने भी अपनी टांग हटा ली और पीछे हो गया.
अपने खड़े लंड पर मैंने चादर डाल दी.
वो एकदम से उठी और उठकर जाने लगी.
मेरा दिमाग फिर से खराब हो गया.
मैं भी उठकर फ्रेश हुआ और नीचे नाश्ते के लिये गया. मीना की जांघों को लंड से छूने के बाद मुठ मारने का मन कर रहा था.
मैंने सोचा कि ऐसे तो बात नहीं बनेगी. मैंने नाश्ता किया और फिर उसका लैपटॉप नीचे ले आया.
उसमें मैंने इंग्लिश मूवी डाउनलोड कर दी जिसमें बहुत सारे किसिंग सीन थे और सेक्स सीन भी थे.
नीचे बैठकर मैंने एक नॉर्मल मूवी देख ली. दोपहर हो गयी और फिर मीना और मौसी रसोई में लंच बनाने लगीं.
लंच के बाद मैं लैपटॉप लेकर ऊपर गया.
उसके रूम में एलईडी टीवी था. पेन ड्राइव में मूवी लेकर मैंने वो चला दी. मुझे पता था कि वो काम खत्म करके ऊपर ही आयेगी.
कुछ देर बाद वो आई तब तक मैंने मूवी को एक किसिंग सीन से कुछ मिनट पहले पॉज कर दिया था.
जैसे ही वो आई मैंने मूवी फिर से चला दी.
दस मिनट के बाद वो हॉट सीन आ गया.
मीना बहुत ही बेफिक्री से उसको देख रही थी.
मेरा लंड खड़ा होने लगा था. मैं उसके साथ ही दोनों टांगें खोल कर बेड के सिरहाने से पीठ लगाकर बैठा था.
मेरा लंड खड़ा होने लगा था. उसने आकार ले लिया और मीना की नजर भी मेरे लंड पर पड़ गयी.
फिर वो उठकर अचानक चली गयी.
मुझे लगा कि मैंने ही गलती कर दी. इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी उसको पटाने की.
मगर कुछ देर बाद वो फिर से आई और मैं उसको देखता ही रह गया.
उसने कपड़े बदल कर एक शॉर्ट्स और टीशर्ट पहन लिया था.
मैं तब तक मूवी बंद करके फोन में अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा था.
लंड मेरा अभी भी तना हुआ था और झटके लग रहे थे. मगर अब मैं असहज हो रहा था.
फिर वो बोली- मूवी क्यों बंद कर दी? अच्छी फिल्म थी.
मैं बोला- मुझे किसी के आने की आवाज हुई और मैंने सोचा कि शायद मौसी आ जाये और उनको मूवी के वो किस सीन दिख गये तो क्या सोचेगी. इसलिए बंद कर दी.
मीना- अरे पागल … अब वो नहीं आने वाली. वो खाना खाकर आराम कर रही है और दोपहर में 2-3 घंटे सोती है. तुम बेफिक्र होकर मूवी देखो.
फिर मैंने दोबारा से मूवी चला दी.
मैंने उसको बोला- मीना, बहुत हॉट लग रही हो आज.
वो मुस्कराकर मेरे पास आ लेटी और मूवी देखने लगी.
थोड़ी ही देर में एक सेक्सी सीन आया तो मीना मेरी तरफ देखने लगी.
मेरी नजर तो पहले ही उसकी चूचियों को घूर रही थी. मीना ने ब्रा नहीं डाल रखी थी।
मीना- भाई क्या देख रहे हो? मूवी उधर चल रही है.
मैं बोला- मूवी तो चल रही है लेकिन मुझे मूवी से ज्यादा कुछ और देखने में मजा आ रहा है.
उसने मेरी ओर देखा तो मेरी नजर उसकी चूचियों पर ही थी.
फिर उसने अपनी चूचियों की ओर देखा और बोली- क्या भैया, आप अब ऐसे करोगे? बहन हूं आपकी.
मैं बोला- मैं प्यार भी तो बहुत करता हूं तेरे से.
वो बोली- मैं नहीं करती क्या?
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने तने हुए लंड पर रखते हुए कहा- अगर करती तो मुझे ऐसे तड़पता देखकर आराम से बैठी नहीं रहती.
उसने एकदम से हाथ खींच लिया.
मैं बोला- आ ना यार … तू जानती है कि हम दोनों की जरूरत क्या है. मैं पसंद करता हूं तुझे.
उसने कुछ नहीं बोला और मैं उसके कंधे को सहलाने लगा.
वो बस आराम से टीवी की ओर देख रही थी.
फिर धीरे धीरे मैं अपना हाथ उसकी चूचियों पर ले गया और छेड़ने लगा.
वो तब भी बैठी रही.
फिर मैंने उनको दबाना शुरू कर दिया.
वो थोड़ी कसमसाने लगी. फिर उसका हाथ मैंने दोबारा से अपने तड़पते लंड पर रखवा दिया.
अबकी बार उसने हाथ नहीं हटाया और मेरे लंड को सहलाने लगी. मेरे मुंह से अब सिसकारियां निकलने लगीं.
वो भी गहरी सांसें ले रही थी.
मैंने हाथ उसके टीशर्ट में डाल दिया.
अंदर हाथ जाते ही मेरे लंड में जैसे तूफान मच गया.
उसकी नर्म चूची हाथ से छूते ही लंड बैखला गया और नसें फटने को हो गयीं.
मेरा मन मीना को चोदने के लिए कर गया लेकिन मुझे डर लग रहा कि कहीं सारा खेल बिगड़ न जाये.
फिर मैंने अपनी लोअर भी निकाल दी. उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और मैं उसकी चूची जोर से दबाने लगा.
कुछ पल तक हमारे हाथ एक दूसरे के अंगों पर चलते रहे और फिर होंठ मिले तो ऐसे मिले कि एक दूसरे को निचोड़ने लगे.
मैं जोश में आ गया और बोला- बस अब आगे क्या करना है?
वो बोली- मेरी तो नीचे वाली भट्टी में आग लग गयी है यार … कर ले जो करना है.
मैं बोला- तो दरवाजा लॉक कर आ.
वो बोली- अगर मां आ गयी तो?
मैं- तू ही तो कह रही थी कि नहीं आएगी?
मीना- अरे फिर भी आ गयी तो, और दरवाजा बंद मिला तो शक नहीं हो जायेगा?
मैं- ठीक है तो स्टूल लगा दे. अगर आने भी लगी तो मैं एकदम से चादर ओढ़कर लेट जाऊंगा और तू टीशर्ट नीचे कर लियो. हम पूरे नंगे नहीं होंगे.
वो बोली- हां ये तो हो सकता है.
फिर वो उठकर गयी और दरवाजे के पीछे स्टूल लगाकर आ गयी. उसके आते ही मैंने उसे बेड पर गिरा लिया और उसकी टीशर्ट उठाकर उसकी चूचियों को जोर जोर से पीने लगा.
वो कसमसाते हुए अंदर ही अंदर ही अंदर सिसकारी लेने लगी. हम ज्यादा आवाज नहीं कर सकते थे.
फिर मैंने उसकी लोअर को नीचे कर दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.
मेरी बहन की चूत पानी छोड़ चुकी थी और उसमें से अजीब सी गंध आ रही थी.
उसकी चूत की खुशबू थोड़ी अलग थी. मगर जब मैं चाटने लगा तो मजा आ गया.
मैंने कई मिनट तक उसकी चूत चाटी और फिर उसके ऊपर आकर अपने शॉर्ट्स नीचे कर लिये.
मेरा लंड उसके मुंह के सामने था.
वो इशारा समझ गयी और लंड को मुंह में भर लिया.
कुछ देर चुसवाकर मैं अलग हो गया.
मुझे अब उसकी चूत का पानी पीना था और अपना पानी उसको पिलाना था.
हम 69 की पोजीशन में हो गए।
उसकी चूत की फांकों को अलग करके मैं अपनी जीभ उसकी चूत में डालने लगा और वो मेरे लंड को प्यार से चूसने लगी.
हम दोनों एक दूसरे को जन्नत की सैर करा रहे थे.
फिर मैं और तेजी से उसकी चूत में जीभ चलाने लगा और एकदम से उसकी चीख निकल गयी. उसकी टांगें कांप सी गयी और उसकी चूत ने काफी सारा गर्म पानी मेरे मुंह में निकाल दिया.
मैंने उसका पानी पी लिया और फिर वो भी मेरे लंड को जोर से चूसने लगी.
कुछ पल बाद मेरा भी वीर्य उसके मुंह में निकला.
हम दोनों शांत हो गये.
तभी उसकी मां ने आवाज लगा दी और वो जल्दी से खुद को संभालकर नीचे चली गयी.
फिर उसका इंतजार करते करते मैं सो गया.
फिर एकदम से टीवी की आवाज ने मेरी नींद खोली.
उठा तो देखा कि एक लड़का मेरे साथ मेरे बगल में लेटा हुआ टीवी देख रहा था.
मैंने उसको देखा मगर पहचाना नहीं. मैं वापस से मुंह फेरकर सो गया.
कुछ देर बाद मीना उसके लिए दूध लेकर आई.
मैं भी उठ गया और मीना ने बताया कि ये भावुक है. चाचा का लड़का.
फिर हमने कुछ बातें कीं और वो नीचे चली गयी.
दरअसल मीना के चाचा गांव में रहते थे और आज अपने भाई से मिलने आये हुए थे.
एक दिन उनको यहीं रुकना था इसलिए भावुक यहीं पर बैठा रहा.
रात को खाना खाकर उसे मेरे ही रूम में भेज दिया गया.
मीना नीचे मौसी के साथ सो गयी.
फिर अगली सुबह मैं उठा और भावुक अपने घर चला गया. मैं भी फ्रेश होकर नीचे चला गया. नीचे जाते ही मौसी नाश्ता ले आयी.
मेरे साथ बैठ कर चाय पीने लगीं.
मौसी- मैं और तेरे मौसा जी 3-4 दिन के लिए गाँव जा रहे हैं. गाँव में एक शादी है. तेरे छोटे मौसा उसी का न्यौता देने आये थे. साथ ही गाँव में जमीन है उसको भी देखकर आना है. तू मीना का ध्यान रखना.
ये बात मेरे कानों में गयी तो लंड खुशी से झूम उठा.
मीना मेरे पास में ही बैठी थी.
उसके बाद मौसी पैकिंग करने के लिए कहकर उठने लगी. उन्होंने मीना को बर्तन साफ करने का बोला और कमरे में चली गयी.
जैसे ही मौसी ने कमरे का दरवाजा बंद किया तो मैं मीना पर टूट पड़ा.
मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा.
उसने मुझे पीछे धकेला और बर्तन लेकर चली गयी.
मैं भी उसके पीछे चला गया और उसको पीछे से पकड़ लिया. अपना लंड उसकी गांड पर दबाता हुआ बोला- जान … ये लंड मान नहीं रहा है. जल्दी से इसको मुंह में लेकर शांत कर दो.
मीना- नहीं, मम्मी आ गई तो पंगा हो जाएगा. बाद में रूम में जाकर करुँगी. अभी तुम बाहर जाओ।
मैंने भी उसको सीधा किया और बोला- देख जल्दी चूस दे. मुझसे रुका नहीं जा रहा.
वो मना करती रही.
फिर मैंने उसकी शॉर्ट्स उतार कर उसकी चूत में उंगली डाल दी.
वो चिहुंक गयी और बोली- निकाल इसे बाहर.
मैं- बोल … अभी मेरा लन्ड मुँह में लेगी या एक और उंगली दे दूं चूत में?
मीना- पहले तो तू उंगली निकाल … फिर तू जो बोलेगा मैं वो करुँगी।
मैं- तुम बर्तन साफ करो, मैं मौसी को देख कर आता हूं. वो नहाने लगी है या नहीं।
मौसी के रूम में गया तो वो बैग में कपड़े डाल रही थी।
मुझे देखा तो बोली- अमित थोड़ी मदद कर मेरी. अभी बाजार भी जाना है।
जैसे ही पैकिंग का काम खत्म हुआ मौसी बोली- मैं नहाने जा रही हूं. मीना को बोलना कि आज दोपहर का खाना न बनाये. मैं आते समय होटल से ले आऊँगी तुम दोनों के लिए।
यह बोलकर वो बाथरूम में चली गई और मैं मीना के पास गया और बोला- अब हम दोनों 2-3 घण्टे के लिए अकेले हैं। मौसी बाजार जा रही है और बोला है कि खाना भी नहीं बनाना। अब जल्दी से मेरा लन्ड मुंह में लो और पानी निकालो इसका!
वो नीचे बैठ गयी और मेरा लंड चूसने लगी.
मैंने उसका सिर पकड़ लिया और उसके मुंह में धक्के मारने लगा.
कुछ मिनट बाद ही मेरा माल उसके मुंह में निकल गया.
मीना ने मेरा सारा पानी निगल लिया और अपनी जीभ से मेरा लन्ड साफ कर दिया।
फिर मीना को गर्म करने के लिए मैंने उसकी चूत पर उंगली चलानी शुरू कर दी।
मीना की आँखें बंद हो गईं.
जब मुझे लगा कि उसकी चूत में आग भड़क चुकी है तो मैंने अपनी उंगली चूत से हटा ली और उसकी गर्दन को चूमने लगा.
उसकी हालत बुरी हो गई थी।
मैं सिर्फ उसको गर्म करके छोड़ देना था ताकि वो अपनी चूत शांत करने के लिए मेरी हर बात माने।
तो मैं मीना से अलग हो गया.
मीना बोली- चलो ऊपर चलते हैं, तुम्हारा तो काम हो गया. अब मुझे भी शांत करो।
मैं- रुको थोड़ी देर. मौसी को जाने दो. फिर आज कुछ नया करते हैं. तब तक चूत की आग को जलने दो। तभी तुम्हें मज़ा आएगा।
हमने अपने आप को व्यवस्थित किया कि इतने में मौसी बाहर आ गई. वो बाजार जाने के लिए तैयार थी.
फिर वो अपना पर्स लेकर निकल गयीं और दरवाजा अंदर से बंद करने को बोल गयीं.
मीना दरवाज़ा बन्द करने गई तो मैं भी उसके पीछे चल दिया और जैसे ही उसने दरवाज़ा बन्द किया तो मैंने उसको पकड़ लिया; उसके कपड़े वहीं उतरवा दिये.
मैं उसको बेतहाशा चूमने लगा. हवस की आग बहुत तेज थी. उसके पूरे बदन को मैंने चाट डाला और वो वहीं नंगी खड़ी जोर जोर से सिसकारने लगी.
हम दोनों एक दूसरे में पूरे खो चुके थे।
20 मिनट तक एक दूसरे को चूमने के बाद हम अलग हुए और मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.
फिर मीना को अपनी बांहों में उठा कर मैंने सोफे पर लेटा दिया.
फिर खुद भी उसके ऊपर आ गया और फिर से उसको चूमने लगा; फिर उसकी चूचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा; कभी कभी उसकी निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने भी लगा.
उसकी निप्पल पूरी तरह से तन चुकी थी। मीना तो मज़े में पागल हो चुकी थी। मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबा रही थी।
मैं भी मीना को पूरी तरह गर्म करना चाहता था ताकि मैं उसकी चूत में उंगली डाल कर उसकी चूत को लन्ड डालने के क़ाबिल बना दूं।
मीना गर्म होने लगी थी और सिसकारियां लिये जा रही थी- आह्ह … ओ … ओ … ओह्ह … अमित … बहुत मजा आ रहा है … बस ऐसे ही करते रहो. मेरी चूची चूसते रहो.
साथ ही अब वो अपने चूतड़ों को हवा में उठाने भी लगी थी.
थोड़ी ही देर में वो बोली- जान … मेरी चूत का कुछ करो. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. मेरी चूत का पानी निकाल कर इसको शांत करो.
मैं उठा और मौसी के रूम में जाकर लोशन की बोतल ले आया.
वो पूछने लगी- लोशन किसलिए?
तो मैंने कह दिया- चूत की आग को आज में उंगलियों से शांत करूंगा. कल मैं तुम्हारी चूत का उद्घाटन लंड से करूंगा. तुम तैयार हो ना?
वो बोली- जो करना है जल्दी करो और ज्यादा दर्द मत करना. थोड़ा आराम से करना. कल से हम दोनों घर पर अकेले ही रहेंगे. फिर तुम जैसे चाहो कर लेना.
मैं उसको चूमने लगा और फिर उसको उठा कर मौसी के कमरे में ले गया. मैं उसको बेड पर लिटा कर उसकी चूत चाटने लगा.
मीना फिर से गर्म हो गई और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी.
अपनी एक उंगली पर मैंने लोशन लगाया और थोड़ा उसकी चूत पर लगा दिया और एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.
उसको ज्यादा दर्द नहीं हुआ.
फिर मैंने एक उंगली और डाली तो उसको थोड़ा दर्द हुआ.
उसकी आह निकल गयी.
फिर मैं धीरे धीरे उसकी चूत में दो उंगली से ही चोदने लगा.
कुछ देर के बाद उसे मजा आने लगा. वो कहने लगी- आह्ह … अमित … थोड़ी तेज करो ना … बहुत मजा आ रहा है.
मैं भी अपनी उंगली को तेजी से अंदर बाहर करने लगा।
मीना मज़े में अपनी चूची दबा रही थी और उसकी आंखें बंद थीं.
तो मैंने लोशन अपनी उँगलियों पर लगा कर तीसरी उंगली भी उसकी चूत में डाल दी.
वो अब दर्द में चिल्ला उठी.
मैंने उसकी हालत पर ध्यान ही नहीं दिया और उंगली को डाले रहा.
मैं उसे चूमने लगा. फिर वो थोड़ी शांत हुई और मैं फिर से उंगली चलाने लगा.
कुछ ही देर हुई थी कि उसकी टांगें कांपने लगीं. मैं फिर अपने हाथ को तेजी से चलाने लगा.
इतने में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैंने उसकी चूत का पानी चाट कर साफ कर दिया.
फिर मैं मीना को चूमने लगा और उसको अपनी बांहों में उठाकर बाथरूम में ले गया और शॉवर चला कर उसके नीचे खड़े हो कर मीना को लन्ड अपने मुँह में लेने को कहा.
उसने तुरन्त ही मेरा लन्ड चूसना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर में मैं उसके मुँह में ही झड़ गया। फ़िर हम दोनों ही एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे। उसके बाद नहा कर अपने कपड़े उठाये और नंगे ही ऊपर कमरे में चले गए।
हम नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर बातें करने लगे और प्लान करने लगे कि कल जब मौसी चली जायेगी तो उनके जाने के बाद क्या करना है.
मैंने मीना को पूछा- तुम्हारी कोई इच्छा है सेक्स के बारे में बताओ।
मीना बोली- मेरी एक कॉलेज की दोस्त है तो उसने मुझे बताया कि बियर या दारू पीकर सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है. मैं भी यही चाहती हूँ कि चुदाई का खूब मजा लूं इन तीन चार दिनों में.
वो आगे बोली- जैसे ब्लू फिल्म में 20-30 मिनट तक चुदाई होती है उतनी ही देर करना तुम भी. वैसे तुम्हारी भी तो कोई इच्छा होगी सेक्स में? तुम बताओ अपनी?
मैं- मैं तो बस तुम्हें दिन रात चोदना चाहता हूँ. कल से हम कोई कपड़ा नहीं पहनेंगे. जब तक अकेले हैं घर में, हम नंगे ही रहेंगे ताकि जब मन हो, चुदाई कर लें.
मैंने आगे बताया- मेरी एक खास तमन्ना है कि मैं तुम्हारी गांड भी मारूं क्योंकि मुझे तुम्हारी गांड बहुत पसंद है. जब तुम चलती हो तो मेरा लन्ड खड़ा होने लगता है।
फिर थोड़ी बातें करते करते समय बीत गया और मौसी भी आने वाली थी.
हमने कपड़े पहन लिये.
नीचे आकर मैं टीवी देखने लगा और मीना ऊपर ही रह गयी.
थोड़ी देर के बाद मौसी आ गयी.
उसके बाद हमें मौका नहीं मिला.
फिर अगले दिन वो लोग जाने लगे. जाते समय मौसा जी ने 3000 रुपये हमें दे दिये ताकि हमें किसी चीज की जरूरत हो तो लाई जा सके.
सुबह 11 बजे उनकी ट्रेन थी तो हम सभी स्टेशन गए।
उनको ट्रेन में बैठा कर हम सामान लाने बाजार की तरफ चल दिये और सबसे पहले दारू के ठेके पर जाकर हमने 12 बियर के कैन लिए.
फिर मेडिकल स्टोर से मैंने सेक्स पावर वाली गोली और कॉन्डम तथा गर्भ निरोधक गोली भी ले ली.
थोड़ा बहुत खाने के लिए भी लिया और घर आ गए।
घर आते ही पहले तो अपने कपड़े उतार दिए.
फिर खाना खाया और एक दूसरे की बांहों में सो गए क्योंकि आज पूरी रात जागना था.
हम दिन भर नंगे सोते रहे क्योंकि रात का पूरा फायदा उठाना था.
जब तक उठे तो शाम के 7 बजे हुए थे।
उठ कर हम फ्रेश होकर एक साथ नहाए और फिर नीचे जाकर रात की तैयारी की.
हमने नीचे वाले रूम में ही रहने का सोचा था.
बेड पर लाल चादर बिछा दी ताकि बीच में कोई पड़ोसी या पड़ोसन आ टपके तो किसी को कुछ भी पता न चले कि बेड पर चुदाई होती है.
मीना फ्रीज से 2 बियर ले आई और हम बियर पीने लगे.
वो बहुत कम पीती थी तो उसको चढ़ने लगी.
हमने अभी एक एक ही बोतल पी थी.
तो मैं गया और 2 बियर और ले आया.
मैंने बाहर ही दोनों बियर में सेक्स पावर वाली गोली डाल दी थी।
जैसे ही मीना ने दूसरी बियर पीना शुरू किया मैंने उसको गर्म करना शुरू कर दिया.
गोली हम दोनों पर असर कर रही थी।
जैसे ही बियर खत्म हुई हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े और बुरी तरह एक दूसरे को चूमने लगे।
मैं चाहता था कि मीना खुद ही मेरा लन्ड अपनी चूत में डाले, यही सोच कर मैंने उसको गर्म करना शुरू कर दिया.
बियर और गोली ने यह काम आसान कर दिया था.
मैं उसकी चूत सहला रहा था.
वो बोली- अब भी हाथ से ही करेगा क्या? मैं कितने दिन से इस पल के इंतजार में थी. अब मुझे चूत में लंड का मजा लेना है. मेरी चूत में लंड डालकर इसकी सील तोड़ दो.
मैंने भी लोशन लिया और अपने लन्ड और उंगली से उसकी चूत के अंदर लगा दिया.
फिर उसके ऊपर लेटते हुए अपने होंठों को उसके होंठों पर रख कर उसका मुंह बंद कर दिया.
मैंने लन्ड को बहन की चूत पर रख कर धक्का मारा तो लन्ड फिसल गया.
दो बार फिर वही हुआ.
तो मैंने उसकी टांगों के बीच आकर हाथ से लन्ड पकड़ा और उसकी चूत पर सेट किया.
फिर धीरे धीरे जोर लगा कर थोड़ा अंदर डाला तो उसकी थोड़ी चीख निकल गई।
फिर मैंने उसके ऊपर लेटकर उसके हाथ पकड़ लिए ताकि वो हिले नहीं. उसके बाद मैंने एक और जोर का झटका मारा तो लन्ड थोड़ा और अंदर गया.
वो चिल्ला उठी- ओ … ओ … ईईई … उऊऊ … ऊईई … अमित … प्लीज बाहर निकाल … बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसकी बात अनसुनी करके एक और झटका मारा.
वो रोने लग गयी.
थोड़ा रुक कर मैं उसके बदन को सहलाने लगा और उसकी चूची को अपने मुँह में लेकर उसका दर्द कम करने लगा.
दूसरे ही झटके से उसकी सील टूट गई थी, तो अब मुझे कोई फिक्र नहीं थी।
जैसे ही वो शांत हुई तो मैंने उसे बोला- अब सिर्फ एक बार और दर्द होगा. वैसे भी तुम अब कुँवारी नहीं हो. सील टूट चुकी है।
फिर अब मैं धीरे धीरे से लन्ड अंदर बाहर करने लगा.
5 मिनट बाद मीना को भी मज़ा आने लगा.
अब समय था पूरा लंड अंदर तक डालने का; तो मैंने धीरे धीरे रफ्तार तेज कर दी और एकदम से जोर लगा कर अपना पूरा लन्ड उसकी चूत में डाल दिया.
वो फिर तड़प उठी और मुझे गाली देने लगी.
मैंने भी उसको अनसुना कर दिया और तेज़ी से अपना लन्ड उसकी चूत में पेलने लगा.
गोली का असर अब पूरा था दोनों पर.
फिर चुदते हुए मीना मजा लेने लगी और वो भी अपनी गांड हवा में उठा कर मेरा साथ देने लगी।
चुदाई के दर्द के कारण मीना पर बीयर का असर कम होने लगा था और मेरा नशा भी ढीला पड़ चुका था.
बीच में चुदाई रोक कर हम बीयर पीने लगे.
हमने एक ही बोतल से पी.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोर का झटका दिया. पूरा लंड एक ही बार में अंदर घुस गया.
मीना- बहन चोद … आराम से कर … मैं कहीं भागी नहीं जा रहीं हूँ. देख मेरी चूत की क्या हालत की है तेरे लंड ने … पूरे बेड पर खून ही खून कर दिया।
मैं- मेरी जान … आज का दिन ही तो खास है, यही पल तो तू याद करेगी कि कैसे मैंने तेरी कुंवारी चूत को फाड़ा था।
हमको चुदाई करते हुए काफी देर हो गयी थी.
अब तो मीना भी मेरे हर शॉट का जवाब अपनी गांड को उठा कर दे रही थी।
अब वो समय आ गया था जब हम दोनों झड़ने वाले थे.
अपनी रफ्तार मैंने तेज कर दी. वो भी मदहोश होती चली गयी.
चुदाई का चरम आ गया और मैंने पूरी ताकत से उसकी चूत को फाड़ना शुरू कर दिया.
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मीना ने मेरी पीठ को नाखूनों से नोंच डाला.
इतने में ही मेरे लंड ने पूरे वेग के साथ वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया.
उसी वक्त उसकी चूत ने भी बौछार कर दी.
दोनों ओर से वीर्य की बरसात हो गयी और हांफते हुए दोनों एक दूसरे से लिपट गये.
मीना- अमित मेरी जान … तुम्हारे लन्ड के पानी ने तो चूत शांत कर दी मेरी। बहुत मज़ा आया तुमसे चुदवा कर। मगर अभी भी दर्द हो रहा है और जलन भी।
मैं- कोई बात नहीं जान. आज आज का दर्द है. उसके बाद कभी नहीं होगा.
चुदाई करते हुए काफी समय हो गया था। हम थक चुके थे और एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे का ज़िस्म सहलाने लगे.
थोड़ी देर में मीना बोली- मुझे पेशाब आ रहा है.
वो जाने लगी पर जब वो खड़ी हुई तो उससे चला नहीं जा रहा था.
मैंने उसे अपनी बांहों में उठाया और बाथरूम में ले गया।
जब वो पेशाब कर रही थी तो उसकी चूत में जलन होने लगी।
पेशाब करवाने के बाद मैं उसे वापस ले आया और उसकी चूत पर और क्रीम लगा दी ताकि जलन न हो.
यह सब करते करते 9 बज गये. मैंने रात का खाना बाहर से मंगवाया.
खाना खत्म हुआ तो फिर से मैं चुदाई के मूड में आ चुका था.
मीना- मुझे पहले नहाना है, उसके बाद चुदाई करना. अभी नहीं।
मैं- तो फिर दोनों साथ में नहाते हैं. मज़ा भी आएगा।
बियर का पूरा नशा खत्म हो गया था. सिर्फ सेक्स वाली गोली का असर था तो मेरा लन्ड खड़ा होने लगा।
नहाते समय मेरा लन्ड पूरी तरह टाइट हो चुका था और फिर मैंने मीना की चूचियां अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
ऊपर से मीना के जिस्म पर ठंडा पानी गिर रहा था और इधर से मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था.
मीना पूरी गर्म हो गई थी और मेरे लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी- अब बर्दाश्त नहीं होता. जल्दी से अपने इस मूसल लन्ड को मेरी चूत में डालो। फाड़ दो आज मेरी चूत को चोद चोदकर।
मैं भी उसकी बात सुन कर जोश में आ गया औरर उसको दीवार के पास घोड़ी बना दिया.
फिर एक झटके में ही पूरा लन्ड उसकी चुत में डाल दिया।
लन्ड डालते ही वो दर्द चिल्ला उठी. मैंने फिर एक बार पूरा लन्ड निकला और एक झटके में ही पूरा अंदर डाल दिया।
मीना- आह … मर गई … आह… धीरे कर … जान निकाल दी हरामी.
फिर मैं ज़ोर ज़ोर से अपना लन्ड उसकी चूत में पेलने लगा. वो आह्ह … आह्ह … की आवाज निकालने लगी. थोड़ी ही देर में उसकी चूत पानी छोड़ने वाली थी.
मीना के कहने पर मैंने अपनी स्पीड ट्रेन की तरह तेज कर दी।
8-9 घस्से मारने के बाद उसके पैरों में कंपन शुरू हो गई और इसके साथ ही वो झड़ने लगी।
5 मिनट और चुदाई करने के बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया और फिर हम आराम करने लगे. उसके बाद मैंने मीना को चार दिन तक न जाने कहां कहां और किस किस पोज में चोदा.
उसको मेरे लंड का ऐसा शौक लगा कि अब वो मुझे बुलाती रहती है. जब भी मौका मिलता है मैं उसके घर जाकर उसकी चूत मार लेता हूं. कई बार वो भी हमारे घर आ जाती है मौसी के साथ. हम दोनों खूब मजा करते हैं.

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