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रण्डी बहन की गांड चुदाई

मेरे घर में हमारे मॉम डैड के साथ हम दो भाई और दो बहनें हैं. मैं दिल्ली में पढ़ता हूँ.

अपनी अविवाहित बहनों को देख कर मैं अकेले में सोचता था कि मुझसे खुद सेक्स के बिना नहीं रहा जाता, तो मेरी दीदी लोग कैसे रहती होंगी. मुझसे छोटी बहन के लिए तो उसके कम उम्र का होने के कारण उसे में नजरअंदाज कर देता था कि चलो अभी तो ये 23 की ही है, पर बड़ी दीदी तो 30 साल की होने जा रही थीं.

मेरे डैड मॉम को भी कोई चिंता नहीं थी कि बेटी की शादी करनी है. इधर मैं अपनी बड़ी दीदी की बात लिख रहा हूँ. मैं आज बस उसकी बात ही करूंगा, छोटी बहन की बात फिर कभी करूंगा. क्योंकि एक सेक्स स्टोरी में उतना मसाला आएगा ही नहीं ना.

दोस्तो, अगर मेरी दीदी की बात की जाए, तो वो एकदम फिल्म हिरोइन तब्बू की तरह लगती थी. वो थोड़ी भरी हुई थी … मतलब उसका यही कोई 65 किलो वजन था.

दीदी को ब्रा-पैंटी में देखना, तो मेरे लिए एक साधारण सी बात थी. जब हम सभी एक ही घर में रहते थे, तो मैंने उसे कई बार छिप कर टू पीस में देखा था.

उसके जिस्म के साइज़ की बात करूं, तो दीदी की ब्रा की साइज़ 95 सेंटीमीटर की और पैंटी शायद 100 सेंटीमीटर की थी. जी हां … उसकी साइज़ इतनी बड़ी ही थी, मैं वो बताया ना कि दीदी काफ़ी भरी हुई थी. इसलिए उसका हर आइटम बड़ा था.

दीदी काफ़ी हंसमुख मिज़ाज़ की थी. उनका नाम ऋतु था. मेरी ऋतु दीदी को सबसे मज़ाक करना, हमेशा हंसते रहना आदत थी. ज़्यादातर वो सलवार सूट में रहती थी. मैंने कई बार दीदी के गहरे गले से दिखती हुई मस्त क्लीवेज को भी देखा, उनको आधा नंगा भी देखा था. नहाते हुए भी देखा, पौंछा लगाते हुए भी देखा. कपड़े चेंज करते हुए भी देखा था.

मुझे लगने लगा था कि कहीं ना कहीं दीदी भी शरीफ़ नहीं थी. उसका हमेशा गाना गाते हुए सेक्सी स्माइल देना इधर उधर दौड़ना. कपड़ों का कोई ख्याल नहीं रखना होता था.

वो मेरे साथ कई बार पकड़म पकड़ी का खेल खेलती थी. मैंने इसी खेल में एक बार उसके मम्मों पर हाथ रख दिए थे. शुरुआत में मैंने बस दीदी के मम्मे छुए थे, जब उसकी तरफ से कुछ नहीं हुआ, तो अगली बार मैंने काफ़ी देर तक वहां हाथ रखा.
पर दीदी को इससे कोई प्राब्लम नहीं थी. मैं ऐसा अक्सर करने लगा था. उसने कभी कुछ नहीं कहा.

मेरे दोस्त लोग मुझ पर कॉमेंट करते थे- यार, तेरी दीदी तो काफ़ी हॉट माल है … बिना शादी के कैसे रह लेती है?
कोई बोलता- यार सारी भूमिहार लड़कियां ऐसी ही होती हैं. पहले सारी जवानी अपने घर में रिलेटिव से, या ब्वॉयफ्रेंड से चुसवा लेती हैं, तब ही शादी करती हैं … देख नहीं रहे हो तेरी बहन 30 की हो गयी है, कोई टेंशन ही नहीं है.

जिस दोस्त ने ये बात कही थी, उसकी ये बात सुनकर मुझे कुछ अज़ीब सा लगा.
मैंने गंभीरता से सोचा तो मुझे उसकी बात में सच नज़र आया. फिर मैं बाहर पढ़ने चला गया.

अब चूंकि मैं ज्यादा घर पर रहता नहीं था. मैं दिल्ली में रह कर पढ़ाई करने लगा था … तो घर में क्या होता था, मुझे कुछ पता ही नहीं था.

एक बार अपने दोस्त की बात याद करके मैंने सोचा कि क्या पता मेरे दोस्त की ये बात सच हो कि ऋतु दीदी का किसी से घर में ही कोई चक्कर हो … या उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड हो. मैं सोचता रहा. मुझे अपने सवाल का जबाव कभी हां में मिला … कभी ना में मिला.

फिर अंत में मैं मानने लगा कि हां ऐसा ही होगा. यार-दोस्तों की बात मेरे कानों में गूंज रही थी.

अब मैं जब भी घर जाता, तो उस पर कुछ नज़र रखने लगा था. जैसे उसके मोबाइल फेसबुक आईडी, ईमेल आईडी, उसके चाल चलन जैसी बातों पर मेरी नजर रहने लगी.

मैंने उसकी जांच पड़ताल उसके ऑनलाइन सोशल मीडिया के जरिये करना सोची. पर मुझे उसकी किसी भी आईडी का पासवर्ड आदि नहीं पता था. तब ये मेरे लिए कुछ मुश्किल हो गया था. फिर मैंने फेसबुक पर अपनी एक फेक आईडी से दीदी का फ्रेंड बन कर उसकी अपलोड की हुई सारी फोटो को चैक करने की सोचा कि कोई क्लू तो मिले. उसकी पोस्ट पर कमेंट पढ़ने से भी कुछ आइडिया आ सकता था.

मैंने वही किया, दीदी की फेसबुक आईडी में लगभग 227 फोटो थे, मैंने सारे चैक करना शुरू किया … और सब फोटोज पर आए हुए कॉमेंट पढ़ने लगा.

बहुत देर ऐसा करने पर मुझे लगा कि एक लड़का है, जो काफ़ी भद्दे किस्म के कमेंट्स कर रहा है. उसने दीदी की लगभग हर फोटो को लाइक किया था और कॉमेंट भी किया था.

तभी मैंने दीदी की एक सहेली का कमेंट्स पढ़ा- हां यार, शिवम तो तेरा ही है. तूने उसको न जाने क्या नशा पिला दिया है कि वो तेरे सिवा किसी को देखता ही नहीं है.

अब मैंने शिवम की प्रोफाइल को खोला. ये वही लड़का था … जो दीदी की हर पोस्ट पर कमेंट्स करता था. मुझे क्लू मिल गया कि वो शायद दीदी का ब्वॉयफ्रेंड है.

मैंने आगे और भी पता लगाया, तो मुझे पता चला कि दीदी करीब 6 साल से उस लड़के से चुद रही है. इतना ही नहीं, अभी तक दीदी के 8 ब्वॉयफ्रेंड रह चुके थे. दीदी अपने कॉलेज में सबसे ज़्यादा सेक्सी लड़की और छिनाल के नाम से फेमस थी. ये बात मुझे उसके एक फ्रेंड से चैट करने पर पता चली. काफ़ी रिसर्च के बाद सारी बात मुझे मालूम हो चुकी थी. वो सब लिखूंगा, तो आप बोर हो जाओगे.

इसी दौरान मुझे एक और बात पता चली कि दीदी अमन भैया से भी चुदती है … और मेरे एक मामा के लड़के से भी उसका शारीरिक रिश्ता है. अमन मेरे बड़े भैया हैं … और अमन भैया ने ही दीदी पर शादी ना करने का दबाव डाल रखा है. वैसे दीदी का भी मन इतनी जल्दी शादी करने का नहीं था. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या है.

फिर एक दिन मेरी दीदी की एक सहेली से चैट हुई. उससे मैंने अपनी असली आईडी से बात की थी.

वो लड़की बोली- तुम यहां नहीं रहते ना … सो तुम्हें कुछ पता नहीं है … तेरी दीदी की चुचियां क्या ऐसे ही इतनी बड़ी हो गईं. उसकी गांड को देखा है. एक औरत की गांड बड़ी क्या ऐसे ही हो गई. वो लगभग दो लोगों से रोज चुदती है. एक तो तेरे भैया तो उसे रोज चोदते ही हैं. रात को तेरी दीदी भैया की बीवी ही बनकर रहती है.

मैंने उसी से पूछा- दीदी ऐसा क्यों कर रही है … एक ब्वॉयफ्रेंड ठीक है यार. … पर भाई से और 8 ब्वॉयफ्रेंड से चुदवाना … ये तो रंडीपना हो गया न!

वो बोली- तेरी बहन में काफ़ी सेक्स भरा है … उसे रोज लंड चाहिए. इसलिए उसने कॉलेज आते ही चुदना शुरू कर दिया. कभी कभी तो तेरी दीदी हम लड़कियों के साथ ही शुरू हो जाती है. वो कई बार तो मेरे मम्मों को ही दबाने लगी थी.

मैंने उसकी बात पर हैरानी जाहिर की कि दीदी अमन भैया के साथ कैसे सैट हो गई.

तो वो मुझे बताने लगी- हुआ यूं कि तेरी दीदी, सोनाली नाम की एक लड़की के साथ पूरी नंगी होकर पता नहीं क्या क्या करने लगी थी. ये बात तुम्हारे भैया को पता चली, उनको कुछ प्रूफ भी मिला. उसके बाद से अमन भैया ने उसे डराना शुरू कर दिया. इसी तरफ से वो अमन भैया से सैट हो गई.
ये तो काफ़ी पुरानी बात हो गयी. लगभग 6 साल हो गए. अब तो ऋतु को अमन भैया से चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं है. वो मज़े से चुदवाती है. ये बात मुझे ऋतु ही ने बतायी थी पहले तो उसने भैया से ना बोली थी. मगर भैया ने उसे अपनी हवस का शिकार बना ही लिया था. फिर तेरी दीदी ने भैया से एक ही शर्त रखी थी कि उसे बाहर जितने ब्वॉयफ्रेंड चाहे बनाने दो … भैया कुछ नहीं बोलेंगे.
बस उसी दिन भैया रोज रात को दीदी को पूरी मस्ती से रौंदते हैं … लंड पेलते हैं. इसलिए ना तेरे भैया शादी करना चाह रहे हैं … ना तेरी दीदी की शादी होने दे रहे हैं.

मैं दीदी की इस सहेली के मुँह से ये सब सुनकर हैरान था.

फिर वो आगे बोली- अगर तुझे भरोसा नहीं हो, तो देख लेना. तेरी दीदी टयूशन देने जाने के नाम पर रोज 4 बजे से 7 बजे तक कहां जाती है, तुम खुद पता करो. उसे रात में 2 बजे भी देखना, वो कहां जाती है. एक नींद लेने के बाद वो अमन भैया के कमरे में चुदने जाती है.

इस तरह की बात जानने के बाद मैं मन में ठान लिया था कि अब मैं खुद ही ये सब चैक करूंगा और सब कुछ पहले मैं अपनी आंख से ही देखूंगा कि इन बातों में कितना सच है.

मैं उस दिन घर आ गया और रात होने का इंतजार करने लगा. उस शाम को खाना खा कर भैया अपने रूम में चले गए और मॉम डैड अपने रूम में घुस गए. दीदी और छोटी बहन अपने रूम में जाकर सो गईं. मुझे 2 बजे का इंतजार था. मैं बाईब्रेशन पर मोबाइल सैट कर दिया और अलार्म लगा कर सो गया.

मैंने रात को 1:30 का अलार्म लगाया हुआ था. जब अलार्म बजा, तो मैं उठा और देखा कि सब सोए हैं. मैं इन्तजार करता रहा.

ठीक 2 बजे मुझे जो नजारा दिखा, तो मैं हैरान रह गया. मैं मन में सोचने लगा माय गॉड … कोई टाइम का इतना पक्का कैसे हो सकता है.

मैंने दीदी को भैया के रूम में जाते देखा. अब मुझे कोई अच्छी सी जगह चाहिए थी. घर के अन्दर से झांकना सेफ नहीं था. कहीं कोई देख लेता, तो गड़बड़ हो सकती थी. मैं घर के पीछे गया. वहां से एक ड्रम रखा था. उससे वेंटीलेटर तक पहुंचा जा सकता था. मैंने वहां तक जा कर देखना चाहा कि अन्दर क्या हो रहा है.

मैंने वहां अपनी आंख लगा दी. भैया अलसाए से मूड में बेड पर लेटे थे. दीदी नाइटी पहने उनके बगल में बैठी थी. वो काफ़ी सट कर बैठी थी. इसी से मुझे इतना तो विश्वास हो गया कि मेरी बहन छिनाल है और उसकी फ्रेंड की सारी बातें सच हैं.

तभी मुझे उन दोनों की आवाज़ सुनाई देने लगी. दीदी बोल रही थी- जान उठो ना … जल्दी करो … मुझे फिर सोना भी है.
भैया बोले- मेरी बीवी. … तू तो मेरी जान है … मेरी वाइफ है … तू जो कहेगी, मैं करूंगा.
दीदी ने मुस्कुराने लगी.

भैया- तो जान आज शिवम से चुदी थी या नहीं?
दीदी- क्या करूं … तुम तो जानते ही हो मेरे अन्दर कितनी आग है, तुम तो रात को आते हो, तब तक मेरी चुत को ठंडा करने को कोई तो चाहिए.
भैया बोले- कोई बात नहीं … तू चुदती रह … जिससे मर्ज़ी लंड लेती रह. बस रात को मेरी रखैल बन जाया कर.

दीदी बोली- तुम मुझे 6 साल से तो अपनी रखैल बना कर रखे ही हो. मैंने कभी मना किया क्या?
भैया- बस 2 साल और रुक जा … तुझसे मन नहीं भरा अभी. फिर तेरी शादी करा दूँगा.
दीदी बोली- प्लीज़ भैया अभी नहीं. अभी मुझे जवानी के और मज़े लेने हैं मुझे 4-5 से और चुदने दो, फिर मैं शादी कर लूँगी.

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि दीदी ऐसी है … और उसका भाई उसकी ये बातें सुन रहा है.

भैया बोले- ठीक है तू दो साल और मजे कर ले … जितना करना है … कर ले. फिर तेरी शादी की भी देखना है. नहीं तो तुझसे बाद में कौन शादी करेगा.
दीदी बोली- आप कर लेना!
भैया- मैं कर तो सकता हूँ. तुझे चोद तो रहा ही हूँ … तो तेरा पति ही हुआ ना. पर क्या है ना कि समाज जीने नहीं देगा. जब चुपके से काम हो रहा है, तो ढोल पीटने की क्या ज़रूरत है.
दीदी बोली- हम्म … ये तो है.

अब दोनों ने किस करना शुरू कर दिया था. दीदी तो मानो भैया पर चढ़ ही गयी थी. भैया दीदी अपने एक हाथ से दीदी के मम्मों को नाइटी के ऊपर से ही दबा रहे थे और दीदी भैया की पीठ सहला रही थी. साथ में वो भैया को जोरदार किस भी कर रही थी. एक हाथ से भैया के बाल सहला रही थी.

इसके बाद दीदी ने भैया को नीचे गिरा दिया … पर मुझे समझ नहीं आया कि दीदी चोद रही हैं या भैया चोदेंगे.

ऋतु दीदी ने भैया की बनियान निकाल दी. वो भैया के पूरे बदन पर किस कर रही थी. ये देख कर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. ऐसी बहन भाई की चुदाई की ब्लू फिल्म मैं पहली बार लाइव देख रहा था. मैंने भी सेक्स किया है, पर चुदाई को लाइव देखने का मजा एक अलग बात है.

दीदी पूरे शवाब में थी. अब भैया ने उसकी नाइटी उतार दी. ऋतु दीदी की उजले रंग की ब्रा और ब्लू कलर की पैंटी मुझे साफ दिख रही थी. ये इतना कामुक सीन था … आह क्या बताऊं.

मुझे लगा कि या तो मैं मर जाऊं … या दीदी के जिस्म का भोग मैं भी लगा लूं.

मेरे सामने दीदी की मोटी जांघें बड़ी मादक दिख रही थीं … ऊपर से दीदी हद से ज्यादा गोरी भी थी … बाप रे बाप मैंने पहले ऐसा नहीं देखा था. पैंटी में उसकी गांड तो मस्त शेप ले रही थी. वही हाल ऊपर मम्मों का था. ब्रा में से झांकते दीदी के आधे नंगे चूचे, भारी भारी, गोल गोल ऐसे दिख रहे थे, जैसे 2 कबूतरों को पिंजरे में क़ैद करके रखा गया हो.

आह इतना दूधिया बदन कि क्या बताऊं यार. मुझे तो दीदी को पूरी नंगी देखने से अच्छी वो ऐसे में ही लग रही थी.

एकदम संगमरमर की तरह तराशा हुआ बदन था ऋतु दीदी का … सच में मैं लिख ही नहीं पा रहा हूँ कि दीदी कितनी हॉट दिख रही थी.

उस वक्त मुझे अपने उसी दोस्त की बात याद आ रही थी कि भूमिहार की लड़की का जैसा बदन और हॉट माल कोई रंडी भी नहीं होती है. आज मुझे उसकी बातें सच लग रही थीं.

पूरे 5 फुट 7 इंच की लड़की … कोई 65 किलो वजन वाली आधी नंगी किसी के सामने आ जाए, तो आदमी की तो जान निकल जाएगी ना. लड़की का लंबी होना और भारी होना ही उसकी सेक्सी इमेज को बढ़ा देती है. उस पर वो भी गोरी हो. बड़े बड़े चूचे हों … तो कहना ही क्या है.

आज वही सब … मेरे सामने था. मेरी दीदी ऋतु मेरी सेक्सी बहन काम की देवी लग रही थी.

भैया ने अब दीदी की गांड को दबाना शुरू कर दिया था. वे दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दीदी की गांड को मसल रहे थे.
दीदी अभी भी किस करने में मस्त थी. तभी भैया ने दीदी की गांड पर एक ज़ोर का थप्पड़ दे मारा.

दीदी ने सर उठा कर ‘सीईईई सीईइ..’ करके ऊपर की तरफ सांस ली … अगले ही पल वो फिर से चूमने में मस्त हो गयी.

भैया ने अब ब्रा के ऊपर से ही दीदी के मम्मों को दबाने चालू कर दिए थे.

कुछ देर ये ही चलता रहा. फिर जाकर दीदी ने अपनी ब्रा को आज़ाद कर दिया … ब्रा के खुलते ही मैंने जो देखा … आह क्या बताऊं यार … ब्रा में तो वैसे ही मम्मों का इलाका बहुत बड़ा लग रहा था. ब्रा खुलते ही जैसे लगा कि मम्मों का आकार डबल हो गया हो.

भगवान कसम यार … एकदम से दुगना साइज़ देख कर मुझे समझ ही नहीं आया कि मम्मे इतने बड़े कैसे हो गए. दीदी ने अपने मम्मों को ब्रा से कितना दबा कर रखा था. उसके मम्मे एकदम दूध से गोरे थे. उन पर सिक्के के आकार का एरोला था. उन पर गहरे कॉफ़ी कलर के कड़क निप्पल थे, जिन्हें भैया ने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया था.

दीदी ‘सीईइ सीईइ..’ की आवाज़ निकाल रही थी. फिर दीदी ने एक जबरदस्त अंगड़ाई ली और उसके दोनों दूध हवा में लहराने लगे.

ये देख कर भैया उसे अपने नीचे करके खुद ऊपर चढ़ गए और उसकी दोनों चुचियों को बारी बारी से पीना चालू कर दिया. भैया एक मम्मे को दबा रहे थे और दूसरी चूची को पी रहे थे.

मेरे भैया कितने लकी थे … यार ऐसी माल तो फ़िल्म की हीरोइन भी नहीं होती है, जैसी मेरी दीदी थी. आपको झूठ लग रहा होगा, पर मैं एकदम सच कह रहा हूँ. दीदी एकदम तब्बू जैसी माल थी या आप साउथ की असिन या अनुष्का शेट्टी समझ लीजिए. दीदी लंबी और भारी बदन की मालकिन थी.

अब भैया ने जीभ से दीदी की एक चुची को चाटना चालू कर दिया.

दीदी बोली- अमन मेरे भाई … मेरे पति … मेरे देवता … जल्दी से कुछ करो यार … मुझे रहा नहीं जाता है.

भैया भी दीदी के बदन को चाटते हुए नीचे आ गए. भैया ने दीदी की पैंटी हटा दी … या यू कहें कि फाड़ दी. वे पूरे जोश में जो थे.

भैया ने दीदी की चड्डी को हटा कर बहन की चूत में अपनी जीभ डाल दी. भैया दीदी की चुत चाटने लगे. मुझे दीदी की चूत तो नहीं दिख रही थी, पर इतना कह सकता हूँ कि दीदी की चुत पर काफ़ी बाल थे. भैया कभी दीदी की चुत में उंगली करने लगते थे, कभी उसमें जीभ डाल कर चाटने लगते थे.

दीदी बिस्तर पर पड़ी बिन पानी के मछली की तरह तड़फ रही थी, हाथ पीछे ले जा कर कसमसा रही थी. वो बेड की चादर को खींच रही थी. उसका सारा शरीर टेड़ा हो गया था. दीदी की गर्दन तरफ का हिस्सा ही बिस्तर पर था बाकी उसकी गांड और टांगें पूरी हवा में उठी हुई थीं … शायद दीदी काफ़ी गर्म हो गयी थी.

दोस्तो, मैं भी अब तक काफ़ी गर्म हो चुका था. दीदी का बहकता हुस्न मुझे बगावत करने पर आमादा कर दे रहा था. अब तो मुझे मेरी दीदी चोदने लायक माल लगने लगी थी. मैं भी उसे चोदने की सोच रहा था.

फिर दीदी ने भैया का अंडरवियर हटा दिया. मैं देखने लगा कि एक मस्त सा लंड मेरी आंखों के सामने लहरा रहा था.

भैया के लंड के आगे की स्किन काफ़ी पीछे जा चुकी थी. उनका लाल सुपारा एकदम हिल रहा था. मैं लंड देखते ही समझ गया कि भैया ने काफ़ी सेक्स किया है. वे चुत चोदने में माहिर खिलाड़ी हैं … वरना उनके लंड की फोरस्किन इतनी पीछे कैसे हो गई थी.

दीदी ने झट से लंड को चूसना चालू कर दिया. भैया बेड पर ऊपर की तरफ मुँह करके खड़े थे. दीदी बैठ कर उनका लंड चूस रही थी. कोई 5 मिनट तक दीदी लंड चूसती रही. भैया अपना पैर फैला कर बेड पर खड़े थे.

फिर भैया बोले- ऋतु अब आ जाओ … पहले एक बार खल्लास हो जाते हैं, फिर आगे का करेंगे.

दीदी बोली- नहीं 2 मिनट और रूको ना प्लीज़.
भैया बोले- मैं झड़ जाऊंगा यार.

थोड़ी देर के बाद दीदी बेड पर लंड छोड़ कर लेट गयी. दीदी की चुचियां एकदम से तन गई थी. वो हॉट जो हो गयी थी. वो कहते है न कि लड़की जब गर्म हो जाती है, तो उसके निप्पल खड़े हो जाते हैं. ये में अपनी दीदी का हाल अपनी आंखों के सामने देख सकता था कि कैसे उनकी चुचियां सख्त हो गई थीं और निप्पल तन गए थे.

भैया उनके ऊपर आ गए और आराम से अपना लंड दीदी की चुत में घुसाने की पोजीशन में थे. दीदी को ज़्यादा दर्द नहीं हुआ … ना भैया को दीदी की चुत में लंड घुसाने में ज़्यादा दिक्कत हुई. दीदी काफ़ी चुदी हुई थी, ये तो साबित हो ही गया था.

मैंने मान लिया था कि सच यार भूमिहार की लड़की, घर में ही चुदती है. वो काफ़ी सेक्सी होती है और … सेक्स भी उनमें काफ़ी होता है.

भैया अब धीमे धीमे धक्के देने लगे थे. भैया का लंड दीदी की चूत में पूरा चला गया था. मुझे बस दोनों की काली काली ही झांटें ही दिख रही थीं, जो आपस में उलझी हुई थीं.

नीचे से दीदी की कामुक सीत्कारें पूरे कमरे में गूंज रही थीं. भैया की तेज सांसों की आवाज़ भी मुझे सुनाई पड़ रही थी.
दीदी की ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… हह … ज़ोर से चोदो ना..’ आवाजें मुझे काफ़ी मज़ा दे रही थीं.

मुझे ऐसा लग रहा था कि दीदी भैया के लंड को काफ़ी एंजाय कर रही थी. करती भी कैसे नहीं … भैया का साढ़े छह इंच का मोटा लंड था. एक जवान मर्द काफ़ी देर से दीदी को मसल रहा था और क्या चाहिए किसी लड़की को.

दस मिनट तक लंड से धक्के देने के बाद अचानक भैया की गति तेज हो गयी. भैया अब ज़ोर ज़ोर से लंड पेलने लगे थे दीदी की बुर में भैया का लंड ताबड़तोड़ अन्दर बाहर होता हुआ दिख रहा था. दीदी गांड उठा उठा कर लंड के हर अटैक का जबाब दे रही थी.

तभी दीदी ने भैया की पीठ को ज़ोर से नाख़ून से जकड़ लिया. भैया बस दनादन शॉट मार रहे थे. मेरे भाई भी चुदाई में काफ़ी तगड़े हैं, ये तो आज दीदी की चुत चुदाई से साबित हो रहा था.

ऐसे ही कुछ देर तक भैया अपना लंड दीदी की बुर मे पेलने के बाद झड़ने लगे. जैसे ही भैया के लंड ने लावा उगला, वो कांपते हुए वीर्य की पिचकारियां छोड़ने लगे.
कोई एक मिनट में भैया शांत हो गए. उनका पूरा माल दीदी की चुत में निकल गया था … और दीदी का भी रस निकल गया था.

दीदी का तो दो बार पहले भी निकल गया था. एक बार जब भैया उसकी चुत चाट रहे थे और दूसरी बार जब उसने भैया की पीठ में नाखून गड़ाए थे.

दोस्तो, अब तक मेरा लंड भी पानी छोड़ चुका था. मैं भी पैन्ट में ही झड़ गया था.

कुछ देर वे दोनों ऐसे ही पड़े रहे, इसके बाद भैया, दीदी की बुर से अपना लंड निकाल कर साइड में लेट गए.
दीदी उठी और उसने तौलिया से अपनी चूत को साफ किया. इसके बाद वो भैया का लंड पौंछने लगी.

भैया बोले- रहने दे ना ऋतु, अभी तेरी गांड मारनी है ना.
दीदी बोली- भैया आज पीछे रहने दो ना. शिवम ने भी शाम को गांड मारी थी. अभी तक दर्द हो रहा है.

भैया बोले- पर एक बार और तो बनता है न यार … ऐसा कर थोड़ा सा ऊपर से करने दे. मैं 5 मिनट में तेरी गांड चाट लेता हूँ. उसे दबा लेता हूँ … थोड़ी देर उसमें लंड घुसाऊंगा … फिर निकाल कर हाथ से ही माल गिरा दूँगा … बोल क्या बोलती है!
दीदी बोली- जो आपकी मर्ज़ी … मैं तो आपकी रखैल हूँ जान … तो मैं क्या बोल सकती हूँ.
भैया बोले- ऐसा ना बोल … तू तो मेरी जान है. चल आ जा ज़रा मुँह में लंड लेकर इसे खड़ा कर ना!

दीदी फिर से भैया का लंड चूसने लगी. जब लंड खड़ा हो गया, तो भैया ने दीदी को पीछे की तरफ मुँह करके लेटा दिया और उसकी गांड चाटने लगे. दीदी गांड ऊपर करके लेट गयी थी. उसकी बड़ी सी फांक वाली गांड थी यार … मैंने आज तक ऐसी गांड नहीं देखी थी.

भैया का लंड अब पूरी तरह से कड़क हो गया था. उसने दीदी को डॉगी स्टाइल में खड़ा करके उसकी गांड में लंड सटा दिया. फिर हाथ से लंड पकड़ कर दीदी की गांड में जैसे जैसे लंड अन्दर जा रहा था, उसकी गांड की दरार से भैया खेल रहे थे.

तभी दीदी बोली- आंह … अमन डाल दो … अब मैं सारे दर्द झेल लूँगी.

भैया के चेहरे पर मुस्कान आ गई. शायद वो दीदी को गरम करने के लिए उसके गांड के छेद में लंड को बार बार सटा रहे थे और हटा रहे थे … इससे दीदी की गांड लंड के लिए मचल उठी थी.

भैया अब अपना लंड दीदी की गांड में घुसाने लगे. यहां लंड को अन्दर जाने में थोड़ी सी दिक्कत हुई. एक दो पल के लिए दीदी की आंह उंह निकली फिर दीदी ने भैया का मोटा लंड पूरा हजम कर लिया.

भैया अब सटासट लंड को दीदी की गांड में पेल रहे थे. दीदी तकिया पर सर रखे जैसे सो गयी थी और उसने अपनी गांड को उठाया हुआ था. वो कभी कभी गांड को ज़ोर से पीछे की तरफ धकेल देती थी जिससे भैया का पूरा लंड अन्दर घुस कर एक पल के लिए रुक जाता था.

उन दोनों की ज़ोर ज़ोर से सांसों की आवाज आ रही थी. भैया दीदी की चुचियों को भी दबा रहे थे. साथ ही लंड को पेले जा रहे थे. दोनों पूरे पसीना पसीना हो गए थे.

कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा. तभी भैया बोले- ऋतु, मेरे लंड से अमृत निकलने वाला है.
दीदी कुछ नहीं बोली.

भैया ने अपना लंड दीदी की गांड से निकाला, तो एक फुक्क़ की जैसी आवाज़ आई.

फिर भैया ने जल्दी से दीदी को सीधा लेटा कर उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया. वो दीदी के मुँह को चोदने लगे.

दीदी जैसे शिथिल पड़ गयी थी. उसे देख कर लग रहा था जैसे काफ़ी बार उसकी चुत का पानी निकल गया था.

भैया उसके मम्मों से थोड़ा नीचे, अपने दोनों पैर दोनों तरफ करके बैठ गए थे और वे दीदी के मुँह में लंड पेल रहे थे.

कोई दस सेकंड में भैया ने पूरा माल दीदी के मुँह में छोड़ दिया. अब तो भैया अपनी गांड उठा कर दीदी का सर पकड़े हुए थे और पूरा लंड जैसे दीदी के मुँह में घुसा देंगे, ऐसी पोजीशन में आ गए थे.

दीदी का मुँह पूरा फूल गया था. लंड का पूरा माल उनके मुँह में भर गया था. झड़ने के बाद भैया ने अपना लंड निकाल लिया. दीदी लंड का सारा माल पी गयी थी क्योंकि उसके मुँह से बाहर कुछ भी नहीं निकला था.

भैया माल झड़ाने के बाद लेट गए, वो ज़ोर से हांफ़ रहे थे. दीदी भी थक गयी थी. उसने उठ कर अपना मुँह साफ किया. भैया का लंड पौंछा और उनके बगल में बैठ गयी.

भैया ने दीदी को अपने सीने पर लिटा लिया और बोले- आई लव यू.
दीदी भी ‘आई लव यू टू..’ बोली.

फिर दोनों बातचीत करने लगे थे. अभी 3:30 बज रहे थे. दीदी बोल रही थी कि अब मैं जाऊं … सुबह होने वाली है.
भैया बोले- रूको ना थोड़ा देर … चली जाना ना.
दीदी रुक गई.

भैया ने पूछा- मज़ा आया?
दीदी ने ‘हां’ में सर हिला दिया.
भैया- कल आई-पिल खा लेना.
दीदी बोली- वो तो साथ में ही रखती हूँ … रोज खाना जो होता है. आप कंडोम लगाते ही नहीं हो. मेरी ही जान लेने पर तुले हो.
भैया बोले- यार कंडोम में चोदने का मज़ा नहीं आता है जान … और तुम तो मेरी बीवी हो.
दीदी बोली- ऑफिशियली नहीं हूँ ना.

भैया बोले- अब तू ऐसा कर कि छोटी से मेरा टांका भिड़ा दे. मेरा तेरा तो रहेगा ही. लेकिन उसकी जवानी पर भी तो मेरा हक़ बनता है न.
दीदी बोली- बड़े बहनचोद हो तुम!
भैया हंसने लगे और बोले- हां वो तो हूँ ही … तू भी तो कम नहीं है साली … स्कूल से ही चुद रही है … इतनों से चुदी, मैंने भी चोद दिया, तो क्या ग़लत किया.

दीदी कुछ नहीं बोली.

भैया- तो कब कराएगी मेरी सैटिंग?
तो दीदी बोली- देखूँगी पर … आपको वही टेक्नीक लगानी होगी, जो आपने मेरे साथ किया था.
भैया बोले- मतलब डरा कर!
दीदी बोली- हां.
भैया- मतलब उसका भी ब्वॉयफ्रेंड है?

दीदी हंसने लगी- है क्या … पिछले 4 साल से है … लगभग 2 साल से चुद भी रही है.
भैया- क्या?
दीदी- हां सरर्प्राइज़!

भैया दीदी से बोले- और तुम मुझे आज बता रही हो.
दीदी- क्या करती … आपका इंटरेस्ट मुझमें कम हो जाता ना!
भैया बोले- साली पक्की खिलाड़न है तू … किसी को हैंडल करना तो कोई तुझसे सीखे.

दीदी हंसने लगी और बोली- अब करा दूँगी सैटिंग मेरे राजा … नाराज़ ना हो. एक बहन को चोद लिया, तो दूसरे को चोद देने में क्या बुराई है. वो मुझे सब बताती है कि कब मिली, कैसे मिली. सेक्स कितनी दफ़ा किया … सारी बातें बता देती है.

भैया बोले- उसकी साइज़ कहां तक गयी है?
दीदी बोली- मुझसे थोड़ा सा कम है … पर बड़ी तेज़ी से डवलप करवा रही है.
भैया बोले- क्या उसको हमारे तुम्हारे बारे में पता है?
दीदी बोली- नहीं … ये नहीं बताया … बाकी सब जानती है. मेरे सारे ब्वॉयफ्रेंड के बारे में उसे सब पता है.

भैया बोले- उसके कितने ब्वॉयफ्रेंड हैं?
दीदी- अभी तो दो हैं, जिसने सील थोड़ी थी, वो आगे पढ़ने को अमेरिका चला गया है. अभी इधर दो हैं.

भैया- तो क्या वो उन दोनों से चुदती है?
दीदी हंसने लगी और बोली- तेरी ही बहन है ना … रंडी तो होगी ही. लेने दो मज़ा लाइफ का … अगले साल तक तुम्हारी भी सैटिंग करवा दूँगी. तब तक उससे कुछ मत कहना … अब मैं चलती हूँ.

भैया बोले- ये तो बता कि उसका पीरियड कब आता है?
दीदी बोली- बोला ना … अभी कुछ नहीं बता सकती … थोड़ा रुक जाओ. वैसे 10 तारीख को आता है.
भैया बोले- ओके जान … अभी जाओ कल तो तुझे फिर आना ही है.

दीदी बोली- हां कल तक तो मुझसे खुद बर्दाश्त नहीं होगा. दिन में होगा तो अमित से मिल लूँगी. वो कोई गिफ्ट भी देना चाह रहा है. गिफ्ट क्या देगा, साले को मेरी गांड मारनी है. सबको गांड ही चाहिए साला … मेरी इतनी बड़ी गांड हो गई है कि मैं जीन्स नहीं पहन पाती हूँ. तुम लोग जो ना करो, सो थोड़ा है. वो तो मॉम डैड में से कोई ध्यान नहीं देता … वरना मेरी गांड की साइज़ देख कर झट से जान जाएंगे कि मैं चुदती हूँ. वैसे मुझे भी अमित से चुदने का मन कर रहा है … काफ़ी दिन से उसका लंड नहीं चाटा है. उसका लंड भी बड़ा ख़तरनाक है और वो भी काफ़ी मस्त चोदता है.

भैया बोले- जो मन करे सो करो, पर रात को दो बजे मेरी रखैल बनने जरूर आ जाना.
दीदी अपने कपड़े समेटने लगी.

उनकी झूलती चुचियां क्या मस्त दिख रही थीं यार. सारे रूम से वो नंगी ही अपने कपड़े बटोर रही थी. वो नंगी ही इधर उधर चल रही थी.

भैया बोले- मेरा भी अंडरवियर पहना दो ज़रा.

दीदी ने भैया का अंडरवियर भी उठा कर उन्हें पहना दिया. भैया बेड पर लेटे थे. दीदी कपड़े पहनते हुए अपने बदन को ढक रही थी.

इस सेक्स कहानी को लाइव देख कर लिख कर भी मैं ज़िंदा हूँ यारो … क्योंकि मुझमें ताक़त थी … वरना ऐसा हुस्न … वो भी नंगा माल देख कर कोई भी मर जाता.

दीदी इस समय एकदम माधुरी की तरह लग रही थी. अभी भी मेरी दीदी के पूरे बाल बिखरे थे … जो उसे और भी सेक्सी बना रहे थे.

मेरे दिमाग़ में उसकी बड़ी सी गांड, गोरा बदन … लंबी नाक, बड़ी बड़ी आंखें … बड़ा सा चेहरा … बड़ी बड़ी गोल गोल चुचियां … मोटे मोटे केले के तने जैसी जांघें … उसकी बुर के झांटों के काले घुंघराले बाल … ये सब मुझे पागल कर रहा था. उसकी मलाई सी कदली सी जांघों का तो पूछो ही मत यार … इतनी मोटी कि साला पता नहीं इतनी मोटी कैसे हुई होंगी. मेरी जांघें तक उतनी मोटी नहीं हैं.

अब तक दीदी ने नाइटी पहन ली थी और अपना न्यूड बदन कवर कर लिया था. नाइटी में भी उसकी चुचियां तनी हुई थीं. भैया ने उसके मम्मों को इतना मसला था कि लगता था कोई पहाड़ का सीन है. दीदी के जाते ही मैं भी वहां से उतर गया. अब सुबह होने वाली थी.

मैं अपने कमरे में ना जाकर बाहर ग्राउंड की तरफ चला गया. जब मैं एक घंटे बाद आया, तो दीदी घर की सफाई में बिज़ी थी. छोटी बहन शायद सो रही थी. भैया का पता नहीं … शायद सो रहे होंगे.

इस वक्त दीदी को देख कर कोई नहीं कह सकता था कि वो इतनी बड़ी रांड है वो … इतनी बड़ी छिनाल है कि अभी अभी अपने भाई से चुद कर आई है. दिख ऐसे रही है … जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.

दीदी मुझसे पूछ रही थी- तू इतनी सुबह कहां गया था?
अब मैं उससे क्या कहता. मैंने कहा- मेरी नींद पूरी हो गयी थी, इसलिए जल्दी उठ कर वॉक पर गया था.
दीदी बोली- मेरी तो नींद पूरी नहीं हुई … रात को ठीक से सो ही नहीं पाई.

मैं तो जानता ही था कि बात क्या है.

मैंने बोला- तो जा कर सो जाओ ना दीदी.
दीदी बोली- काम भी तो करना है ना. फिर मुझे टयूशन देने भी जाना है.
मैं समझ गया कि किस टयूशन की बात कर रही है.

मैंने उसके 4 ब्वॉयफ्रेंड के साथ और भैया के साथ टोटल 5 के साथ सेक्स करते हुए देखा है. बाद में मैंने भी ऋतु के साथ सेक्स किया और छोटी के साथ भी चुत चुदाई का मजा लिया है. वो फिर कभी बताऊंगा.

भैया ने भी छोटी को चोद दिया था.

इसी साल दीदी की शादी हो गयी. पर क्या फ़र्क पड़ता है, वो तो पहले से सुहागिन ही थी … न जाने कितनों की बीवी रह चुकी थी. आज जाकर एक स्थाई पति खोज सकी थी.

पर शादी के बाद भी उसका वो रवैया जारी रहा. वो सब बताऊंगा आपको. वैसे भी जिसे एक बार नए नए, मोटे मोटे, लंबे लंबे, अलग अलग लंड का स्वाद मिल जाए … तो ये आदत जल्दी जाती थोड़े ही है.

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